बुधवार, 20 अप्रैल 2011

फर्जी वसीयतनामा से हड़प ली करोड़ों की जमीन


फर्जी वसीयतनामा से हड़प ली करोड़ों की जमीन
बाड़मेर 

जिंदा बहनो को मृत बता भूमि हड़पने के बाद फर्जी वसीयतनामा के जरिए करोड़ों रुपए की जमीन का नामांतरण अपने नाम करवाने के एक मामला प्रकाश में आया है। कपूरड़ी लिग्नाइट परियोजना के लिए भूमि अवाप्ति के दौरान हल्का पटवारी से सांठ गांठ कर गैर खातेदारों ने कपूरड़ी निवासी हफीजो की खातेदारी भूमि अपने नाम करवा ली। यह मामला भूमि अवाप्ति की मुआवजा राशि भुगतान के एन वक्त पर पकड़ में आया। कलेक्टर ने मुआवजा रोक मामले की जांच एसडीएम बाड़मेर को सौंपी है।

कपूरड़ी में खसरा न. 337 में 55.17 बीघा भूमि हफीजो पत्नी स्व. मिया तेली की खातेदारी भूमि दर्ज थी। हफीजो की मृत्यु हो जाने के बाद रोशन खां पुत्र नैना खां, सिकंदर पुत्र गफूर खां जाति तेली निवासी बाड़मेर ने वसीयतनामा पेश कर उक्त खातेदारी भूमि का नामांतरण हल्का पटवारी के समक्ष पेश किया। इस पर हल्का पटवारी वीरचंद जैन ने 12 अप्रैल 09 वसीयतनामा प्रमाणित होने का हवाला देते हुए नामातंरण रोशन व सिकंदर के नाम भरकर उक्त 55 बीघा भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज कर दी। इधर, ग्राम पंचायत कपूरड़ी के सरपंच ने बैठक कार्यवाही में हफीजो की मृत्यु होने के बाद उसके परिवार से किसी सदस्य की आपत्ति दर्ज नहीं होने का हवाला देते हुए उक्त भूमि का नामांतरण वसीयतनामा पेश करने वाले रोशन व सिकंदर के नाम दर्ज करने पर सहमति जताई। इसके बाद भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होने पर आरएसएमएम ने खातेदारों को 1 करोड़ 65 लाख रुपए का मुआवजा राशि भुगतान की तैयारी कर दी। इस बीच हफीजो के नजदीकी रिश्तेदारों की ओर से आपत्ति जताने के बाद पता लगाया तो फर्जी वसीयतनामा पेश कर भूमि का नामांतरण दर्ज करने का खुलासा हो गया।
 

एसडीएम को सौंपी जांच : कलेक्टर गौरव गोयल ने फर्जी वसीयतनामा के जरिए भूमि हड़पने का मामला प्रकाश में आने के बाद इसकी जांच एसडीएम बाड़मेर सी.आर. देवासी को सौंपी है। उन्होंने तीन दिन में जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए ,साथ ही आरएसएमएम को उक्त खातेदार के नाम से स्वीकृत मुआवजा राशि के चैक का भुगतान रोकने को कहा है।
पटवारी का दूसरा कारनामा
कपूरड़ी के तत्कालीन पटवारी वीरचंद जैन ने भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू होने से पहले सरकारी भूमि का नामांतरण फर्जी तरीके से गैर खातेदारों के नाम दर्ज कर दिया था। यह मामला प्रकाश में आने के बाद पटवारी को निलंबित कर दिया था। यह उसका दूसरा कारनामा है, जिसमें उसने खातेदारी भूमि को दूसरे काश्तकारों के नाम दर्ज कर दी।

भू अभिलेख निरीक्षक ने जताई थी आपत्ति 
हफीजो की मृत्यु के बाद वसीयतनामा पेश करने पर तत्कालीन भू अभिलेख निरीक्षक ने आपत्ति जताते हुए वसीयतनामा रजिस्टर्ड नहीं होना बताया। बिना रजिस्टर्ड वसीयतनामा में तहसीलदार से प्रकरण दर्ज कर जांच करने के बाद ही नामांतरण दर्ज करने के पटवारी को निर्देश दिए। साथ ही सक्षम न्यायालय से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त होने पर निर्णय के लिए तहसीलदार बाड़मेर के समक्ष पेश करने को कहा था।
ञ्चपूरड़ी में भूमि अवाप्ति का मुआवजा उठाने के लिए फर्जी वसीयतनामा के जरिए खातेदारी भूमि अपने नाम करने का मामला सामने आया है। स्वीकृत मुआवजा रोकने के साथ मामले की जांच एसडीएम बाड़मेर को सौंपी है। दोषी कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

गौरव गोयल, जिला कलेक्टर, बाड़मेर

विवाहिता व किशोरी के साथ दुष्कर्म 

बाड़मेर & सदर थानातंर्गत एक विवाहिता व किशोरी के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि कपूरड़ी निवासी पीडि़ता ने मामला दर्ज करवाया कि मालाराम पुत्र नरिंगाराम जाट निवासी जालीपा ने रात को घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसी तरह गंगासरा निवासी एक किशोरी ने मामला दर्ज करवाया कि रात को वह अपने घर में सो रही थी। इस दौरान हनुमानराम पुत्र जेठाराम जाट (बीएसएफ जवान) ने उसके साथ दुष्कर्म किया। विवाहिता व किशोरी का मेडिकल मुआयना करवाने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। इसकी जांच एसआई गोविंदराम कर रहे हैं।

खुली रात्रि गश्त की पोल,
मीडियाकर्मी की कार को आग के हवाले करने की घटनाओं
बाड़मेर 

रात की खामोशी को चिरती सिलसिलेवार हो रही वारदातों ने आम शहरी के मन में दहशत फैला दी है। कुछ ही माह पहले नए साल के जश्न में डूबी रात सुबह होने तक खूनी खेल को अंजाम दे गई। खाकी पर सरेआम दहशतगर्दों ने गोलियां दाग दी। यातायात पुलिस के सिपाही को मारने के लिए सरेआम तलवार लेकर हमला करने की कोशिश, कवास क्षेत्र में खनन माफियाओं की ओर से भास्कर संवाददाता पर हमला व कैमरा छीनने की घटना और अब बीती रात को एक इलेक्ट्रॉनिक मीडियाकर्मी की कार को आग के हवाले करने की घटनाओं ने पुलिस की रात्रि गश्त पर सवालिया निशान लगा दिया है।

सोमवार आधी रात के बाद शहर के सबसे अहम अफसर कॉलोनी में एक मीडिया कार्यालय के बाहर खड़ी कार को किसी ने आग के हवाले कर दिया। आरोपी वारदात को अंजाम देकर आसानी से निकल गया लेकिन किसी को खबर तक नहीं लगी।
जलती आग पर काबू पाने का प्रयास किया लेकिन आग बुझाने के प्रयासों तक कार राख हो चुकी थी।

प्रशासनिक अधिकारियों के आवास करीब : मौका स्थल के ठीक सामने एडीएम और कुछ ही दूरी पर जिला कलेक्टर का आवास है। ऐसे में उम्मीद की जाती है कि इस इलाके में आपराधिक घटना को अंजाम देना इतना आसान नहीं है।

इतना ही नहीं सोमवार की रात पौने दो बजे तक जिला कलेक्टर के निवास पर मीडियाकर्मी, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौजूद थे। गौरतलब है कि अस्पताल में एक घायल को समय पर इलाज नहीं मिलने और बाद में उसकी मौत से आक्रोशित लोग देर रात तक कलेक्टर निवास के सामने डेरा डाले बैठे थे। कार जलाने की घटना इसके कुछ ही देर बाद हुई।

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