आत्महत्या लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
आत्महत्या लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 28 जून 2019

बाड़मेर फिर प्रेमी युगल ने की आत्महत्या ,चोहटन का मामला

बाड़मेर फिर प्रेमी युगल ने की आत्महत्या ,चोहटन का मामला 



प्रेम प्रसंग के चलते एक ओर युगल ने की आत्महत्या*,मेघवाल जाती के दोनों मृतक*लड़की नाबालिग व लड़का बालिग है,पेड़ पर फंदा लगाकर दी अपनी जान,सवेरे ग्रामीणों द्वारा देखे जाने पर पुलिस को दी सूचना,सुचना मिलने पर पुलिस उप अधीक्षक अजीतसिंह मोके के लिए रवाना,बीजराड़ थाना क्षेत्र के गोहड़ का तला सरहद की घटना।पुलिस ने शव उतरे,मामला किया दर्ज,मामले की जाँच शुरू 

बुधवार, 26 जून 2019

बाडमेर पांच बेटियों के साथ विवाहिता ने टांके में कूद आत्महत्या की।पुलिस मौके पे

बाडमेर पांच बेटियों के  साथ विवाहिता ने टांके में कूद आत्महत्या की।पुलिस मौके पे


बाडमेर जिले के सरहदी इलाके चोहटन में दोपहर बाद एक विवाहिता अपने पांच मासूम बच्चों को साथ लेकर टांके में कूद गई।।माँ सहित सभी बच्चों की डूबने से मौत हो गई।।घटना बावड़ी गांव की है।।महिला के पांच बेटियां थी।सभी बेटियों को साथ लेकर आत्महत्या कर ली।।पुलिस को सूचना मिलने पर चोहटन पुलिस मौके पर पहुंची।आत्महत्या के कारणों का खुलासा नही हुआ।सभी शव बाहर निकाल लिए।।गांव में एक साथ छह मौतों से कोहराम मच गया।।पूरा विवरण आना शेष।मृतक बज्जूदेवी पत्नी राणाराम के रूप में शिनाख्त हुई।बच्चियों की उम्र छह से तरह वर्ष थी ।

गुरुवार, 13 जून 2019

बाडमेर प्रेमी युगल ने एक दूसरे को गोली मार मौत को गले लगाया*

बाडमेर प्रेमी युगल ने एक दूसरे को गोली मार मौत को गले लगाया*


बाडमेर सरहदी जिले बाडमेर के चोहटन थाना क्षेत्र के लीलसर गांव में आज सुबह एक प्रेमी युगल ने एक दूसरे पर देशी कट्टे से गोली चला मौत को गले लगा दिया।इस सनसनी वारदात से हड़कंप मच गया।घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची।।

पुलिस सूत्रों के अनुसार *प्रेमी युगल ने देशी कटटे से चलाई स्वयं पर गोली
दोनों ने प्रेम प्रसंग के चलते कर दी आत्महत्या
एक दूसरे के सामने खुद पर चलाई गोली
लीलसर सरहद में प्रेमी युगल ने की आत्महत्या
आमने सामने गोली मारकर आत्महत्या करने का पहला मामला
दोनों के पास थे देशी कटटे चला दी गोली
सुचना मिलने पर चौहटन पुलिस पहुंची मोके पर
बड़ी संख्या में ग्रामीणों की जुटी भीड़
चौहटन थाना क्षेत्र के लीलसर सरहद गांव की घटना

शुक्रवार, 10 जून 2016

बाड़मेर ज़िले में 70 घंटे बाद एक आत्महत्या .... .....

बाड़मेर ज़िले में 70 घंटे बाद एक आत्महत्या .... ......................



बाड़मेर बाड़मेर ज़िले को लेकर पुलिस रिपोर्ट में एक सनसनी खेज़ ख़ुलासा हुआ है कि पिछले कुछ महीनों से हर 70 घंटे बाद एक आत्महत्या बाड़मेर ज़िले में हो रही है जो कि हम सब लोगों के लिए चिंता की बात है रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण इलाक़े में घर में आपसी मामूली कहा सुनी को लेकर महिलाएँ पानी के टेंक में कूद जाती है ओर ख़ुद के साथ ही मासूम बच्चों को लेकर आत्महत्या कर देती है 2015 के आँकड़ो के मुताबिक़ 76 पुरुषों ओर 63 महिलाओं ने आत्महत्या की है पिछले तीन सालों से महिलाओं के आँकड़ों में 20 फ़ीसदी बढ़ोतरी हो रही है अगर आपने ओर हमने इन सब बातों पर विचार नहीं किया तो आने वाले दिनो में परिणाम ओर गम्भीर हो सकते है

शनिवार, 19 जुलाई 2014

बाड़मेर-बीएसएफ के जवान ने अपनी बंदूक से गोलीमार की आत्महत्या

बाड़मेर-बीएसएफ के जवान ने अपनी बंदूक से गोलीमार की आत्महत्या 



बाड़मेर-बीएसएफ के जवान ने अपनी बंदूक से गोलीमार की आत्महत्या जवान मीठड़ाऊ के एन आर के डी चौकी पर था तैनात आत्महत्या के कारणो का नही हुआ खुलासा मृतक खड़ी जलगांव महाराष्ट्र का था निवासी
दो दिन पूर्व की बताई जा रही घटना जिले के बिजराड़ थाना क्षेत्र का है मामला बीएसएफ ने दो दिन तक मामले को नहीं होने दिया उजागार.

मंगलवार, 24 जून 2014

जैसलमेर सैनिक की पत्नी ने फंदा लगा की आत्महत्या

जैसलमेर सैनिक  की पत्नी ने फंदा लगा की आत्महत्या 

जैसलमेर शहर में सम रोड पर बी.एस.एफ की 103 बटालियन के परिसर में 1011 आर.टी बी.एस.एफ के कांस्टेबल की पत्नी ने मंगलवार दिन में आवासीय घर में फांसी का फंदा लगा कर आत्म हत्या कर दी। प्रथम दृष्टया में आत्महत्या के कारणों के बारे में पति-पत्नी के बीच काफी दिनो से मनमुटाव चल रहा था। मृतका की दो बच्चिया जिसमें एक 6 माह की व दूसरी 4 साल ही हैं। बी.एस.एफ का कांस्टेबल व मृतका आंध्रप्रदेष के रहने वाले हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी हैं, तथा शव को मोर्चरी में रखवाया हैं। आंधप्रदेष से परिजनो के आने के बाद शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।

मंगलवार, 25 फ़रवरी 2014

जैसलमेर पशुपालन विभाग के अफसर ने की सुसाइड

जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर में पशुपालन विभाग में पदस्थ संयुक्त निदेशक डॉ. श्याम सुंदर मीणा ने मंगलवार को अपने आवास पर फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली।
पुलिस उपाधीक्षक सोहन राम विश्नोई ने बताया कि घटना के वक्त सातवीं कक्षा में पढ़ रही उनकी बेटी तथा 18 साल की साली मौजूद थीं। उन्होंने बताया कि मीणा अवसाद में थे और गत एक माह से उनका इलाज चल रहा था।

उन्होंने बताया कि सुबह करीब दस बजे मीणा ने अपने आपको एक कमरे में बंद कर लिया तथा काफी देर तक दरवाजा नहीं खुलने पर दोनों बालिकाओं ने पड़ोसियों को इत्तिला दी। दरवाजा तोड़ने पर वह फंदे से लटके मिले। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में रखवा दिया है, उनकी पत्नी के जयपुर से पहुंचने के बाद पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

गुरुवार, 23 जनवरी 2014

जिन्दगी से बेवफाई, अपनों की रूसवाई?

बाड़मेर।मौत किसी भी समस्या का समाधान नहीं है, हर समस्या का समाधान जीवन है। यही सच है। इसके बावजूद कुछ लोग जीवन से मुंह मोड़कर मौत को गले लगाते हैं और अपनों को रूसवा कर जाते हैं। बाड़मेर जिले में बीते वर्ष 116 जने अपनों को रूसवा कर गए। पुलिस की भाषा में कहें तो वर्ष 2013 में 116 जनों ने आत्महत्या कर ली। अजीब संयोग है कि वर्ष 2012 में भी इतने ही लोगों ने आत्महत्या की थी।



कई दशकों से अकाल व अभाव का दंश भोगते रहे बाड़मेर जिले में पिछले एक दशक में बदलाव व समृद्धि की बयार चली है, लेकिन इस मोटी परत के तलछट में नजर न आने वाली तनाव की महीन रेखा मोटी होती गई है।


यही वजह हैकि जिले में हर तीन दिन में एक जने ने जिंदगी से हार मान ली। आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2012 में पुरूषों की तुलना में महिलाओं की आत्महत्या की संख्या ज्यादा थी, लेकिन वर्ष 2013 में यह आंकड़ा उल्टा हो गया। वर्ष 2012 में 6 4 महिलाओं व 52 पुरूषों तथा वर्ष 2013 में 41 महिलाओं तथा 75 पुरूषों ने आत्महत्या की।


जिंदगी से रूठने की वजह क्या?

कोई आत्महत्या क्यों करता है? मनोवैज्ञानिकों के अनुसार इस सवाल का सीधा जवाब यह है कि अत्यधिक तनाव इंसान को बेरूखा कर देता है। निरंतर तनाव, अकेलापन व उससे उपजने वाला क्षणिक आक्रोश व्यक्ति को मौत के मुंह में धकेल देता है।


भावात्मक आक्रोश पर शाब्दिक प्रहार भी कई बार मौत की वजह बन जाता है। एकल परिवार व एकाकी जीवनवृत्ति की कठिनाइयां भी कभी कभार मौत का कारण बन जाती हैं। रिश्तों की अनबन, अविश्वास की भावना, गहराई तक जुड़ाव न होने से जिंदगी से लगाव खत्म हो जाता है, जो आत्महत्या के रूप में परिणित हो जाता है।

पानी के टांके, रस्सी से फंदा


आत्महत्या का दुस्साहस करने वाले पानी के टांकों में कूदते हैं अथवा पेड़ व पंखे से फंदा लगा देते हैं। आत्महत्या के अधिकांश मामलों की यही कहानी है। आत्महत्या करने वाली अधिकांश महिलाओं ने पानी के टांके में कूदकर इहलीला समाप्त की। वहीं अधिकांश पुरूषों ने रस्सी से पेड़ व अथवा पंखे से फंदा लगा जिंदगी से मुंह मोड़ लिया। कुछ पुरूषों ने ट्रेन के आगे आकर आत्महत्या की।

प्रतिवर्ष 50 टांके नाकारा


जिस टांके में कूदकर आत्महत्या होती है, वह टांका हमेशा के लिए बंद कर दिया जाता है। बाड़मेर जिले में प्रतिवर्ष औसतन पचास टांके इस वजह से नाकारा हो जाते हैं। उन टांकों का कोईउपयोग नहीं होता। कुछ लोगो का सुझाव है कि टांकों में सीढियां होनी चाहिए। क्षणिक आवेश के साथ जो टांके में कूद जाता है, उसे यदि सीढियों का सहारा मिल जाए तो जिंदगी बच सकती है। इससे प्रतिवर्ष नाकारा होने वाले टांकों की संख्या भी कम हो जाएगी।

निराशा...कुण्ठा...मौत


परिवार व कार्यस्थल पर असंतोष उत्पन्न होने के कारण निराशा होती है, जो धीरे-धीरे कुण्ठा बन जाती है। दीर्घकाल तक कुण्ठा रहने पर सकारात्मक विचार रूक जाते हैं और आत्महत्या जैसी स्थिति बन जाती है। जहां तक असंतोष का प्रश्न है तो उसकी कई वजहें होती हैं। पति-पत्नी के बीच ईगो, अविश्वास, आर्थिक तंगी जैसे कईकारण हैं। इस स्थिति से बचने का तरीका यही है कि हमेशा सकारात्मक रहें, भरोसा करें, भरोसा दें। इससे सहनशक्ति पैदा होगी, जिससे जिन्दगी व परिवार से लगाव रहेगा। फिर आत्महत्या की नौबत नहीं आएगी। -नीता जैन, मनोवैज्ञानिक, जेएनवीयू जोधपुर

शुक्रवार, 20 मई 2011

संस्था के सचिव पर लगाए गंभीर आरोप ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या की, 24 घंटे बाद परिजनों को शव सौंपा, जीआरपी पुलिस ने किया मामला दर्ज


संस्था के सचिव पर लगाए गंभीर आरोप
ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या की, 24 घंटे बाद परिजनों को शव सौंपा, जीआरपी पुलिस ने किया मामला दर्ज
बाड़मेर बायतुमुख्यालय पर बाड़मेर से जोधपुर जाने वाली सवारी गाड़ी के आउटर सिग्नल के पास बुधवार दोपहर ट्रेन के आगे कूद आत्महत्या करने वाली महिला के परिजनों ने एक संस्था के सचिव पर परेशान करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला के परिजनों ने घटना के चौबीस घंटे बाद भी लाश नहीं उठाई। जीआरपी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। 

बुधवार दोपहर ट्रेन के आगे कूद आत्महत्या करने वाली महिला की पहचान हीरो देवी पत्नी हीरा राम हुड्डा निवासी कमठाई के रूप में हुई। परिजनों के अनुसार मृतका रेडी संस्था में कार्यरत थी। रेडी संस्था के सचिव देवाराम गोदारा के अनुसार हीरो बाड़मेर सामान लाने के लिए जाने की बात कहकर गई थी। दूसरी ओर मृतका के परिजन ने संस्था के सचिव देवाराम गोदारा पर मृतका को परेशान करने व आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

आत्महत्या के लिए उकसाया: मृतक के पति हीरा राम ने रेडी संस्था के सचिव देवाराम पुत्र हेमाराम गोदारा पर पिछले पांच वर्षों से हीरो को परेशान करने का आरोप लगाया है। इसको लेकर परिजन शेराराम हुड्डा ने गुरुवार को उपखंड अधिकारी को पत्र भी सौंपा। पत्र में उन्होंने देवाराम पर महिला को परेशान करने, चल-अचल संपत्ति हड़पने तथा आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए।

मृतका संस्था में करती थी काम: मृतका हीरो पांच वर्षों से रेडी संस्था बालोतरा में कार्यरत थी। साथ ही वह वर्तमान में थार वूमेन रिसर्च सोसायटी में सचिव थी।

एएनएम की ट्रेनिंग कर रही थी मृतका: मृतका हीरादेवी धर्मकोट (पंजाब) से एएनएम की ट्रेनिंग भी कर रही थी। उसके चार वर्ष की एक पुत्री है।

24 घंटे बाद हुआ पोस्टमार्टम: बुधवार रात ससुराल व पीहर पक्ष में शव उठाने को लेकर हल्की तनातनी हुई। दोनों पक्षों में आपसी समझाइश नहीं होने के कारण शव रात में मोर्चरी में ही रखवा दिया। गुरुवार को ससुराल पक्ष के देरी से पहुंचने के कारण पोस्टमार्टम दोपहर में किया जा सका। करीब साढ़े तीन बजे शव परिजनों को सौंपा गया।