सोमवार, 30 दिसंबर 2019

राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने जैसलमेर के प्राचीन गड़ीसर सरोवर को देखकर हुए अभिभूत

राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने जैसलमेर के

प्राचीन गड़ीसर सरोवर को देखकर हुए अभिभूत


जैसलमेर, 30 दिसम्बर/राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने सोमवार को जैसलमेर शहर स्थित प्राचीन गड़ीसर सरोवर का अवलोकन किया एवं उसे देखकर अभिभूत हुए। राज्यपाल ने गड़ीसर तालाब के इर्द-गिर्द प्राचीन इमारतों, मन्दिरों, प्रवेश द्वार तथा तालाब में जल राशि को निहारते हुए इसमें नौकायन को देखा तथा प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने मरु भूमि के इस जल तीर्थ को पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया।

पर्यटन विभाग के अधिकृत गाईड अरविन्द कुमार व्यास ने प्राचीन गड़ीसर सरोवर के इतिहास की जानकारी दी एवं बताया कि प्राचीन काल में जैसलमेर शहर के लिए एकमात्रा जलस्त्रोत यही था।

राज्यपाल को यहां पर उप वन संरक्षक वन्यजीव कपिल चन्द्रवाल ने गोडावन तस्वीर स्मृति चिह्न के रूप में प्रदान की।

इस दौरान सहायक निदेशक लोक सेवाएं भारत भूषण गोयल, पुलिस उप अधीक्षक मुकेश चावड़ा,  सहायक वन संरक्षक वन्य जीव विजय बोराणा, जैसलमेर नगर परिषद के आयुक्त बृजेश राय, पंचायत समिति जैसलमेर के विकास अधिकारी हीरा राम कलबी भी उपस्थित थे।

राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने जैसलमेर जिले के आकल वुड फोसिल पार्क का अवलोकन किया प्रकृति की यह अमूल्य धरोहर है- राज्यपाल

राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने जैसलमेर जिले

 के आकल वुड फोसिल पार्क का अवलोकन किया

प्रकृति की यह अमूल्य धरोहर है- राज्यपाल

जैसलमेर, 30 दिसम्बर/राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने जैसलमेर यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को जैसलमेर से 17 किलोमीटर दूर डेजर्ट नेशनल पार्क अन्तर्गत आकल वुड फोसिल पार्क का भ्रमण कर वहां करोड़ो साल पहले के फोसिल्स को बारीकी से देखा। राज्यपाल श्री मिश्र ने विभिन्न आकार-प्रकारों के संरक्षित फोसिल को देखा एवं उनके बारे में जानकारी हासिल की।

राज्यपाल ने कहा कि यह प्रकृति की अमूल्य धरोहर है। उन्होंने वन विभाग द्वारा जीवाश्मों के संरक्षण के लिए किए गए कार्य की भी सराहना की। राज्यपाल की धर्मपत्नी एवं उनके परिजनों ने भी वुड फोसिल को बारीकी से देखा।

राज्यपाल को उप वन संरक्षक वन्यजीव कपिल चन्द्रवाल ने प्राचीन फोसिल के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। ये फोसिल पहले पेड़ के रूप में थे जो अब फोसिल बन गए है। उन्होंने बताया कि आकल जीवश्म उद्यान में 18 करोड़ वर्ष पुराने पेड़-पौधों के जीवश्म है। ये पेड़-पौधे जलवायु एवं वातावरण के प्रभाव से जीवाश्म में परिवर्तित हुए है। उन्होंने बताया कि ये जीवाश्म शोधकर्ताओं के लिए बहुत ही उपयोगी है वहीं यह जीवाश्म उद्यान पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र है।

इस दौरान सहायक निदेशक लोक सेवाएं भारत भूषण गोयल, पुलिस उप अधीक्षक मुकेश चावड़ा,  सहायक वन संरक्षक वन्य जीव विजय बोराणा, जैसलमेर नगर परिषद के आयुक्त बृजेश राय, पंचायत समिति जैसलमेर के विकास अधिकारी हीरा राम कलबी भी उपस्थित थे।

जैसलमेर मोंटेसरी स्कूल में साइंस मिडिया रिसर्च पर ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन खोये हुए स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त करने की तकनीक पर व्याख्यान दिया वैज्ञानिक परिहार ने

जैसलमेर मोंटेसरी स्कूल में साइंस मिडिया रिसर्च पर ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन

खोये हुए स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त करने की तकनीक पर व्याख्यान दिया वैज्ञानिक परिहार ने 













जैसलमेर। विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार की ओर से मोंटेसरी बाल निकेतन, जैसलमेर में  ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया । वैज्ञानिक दृष्टिकोण सोसाइटी और ग्रुप फ़ॉर पीपुल जैसलमेर के संयुक्त तत्वावधान में पूर्व सभापति अशोक तंवर के मुख्य आतिथ्य और बाल कल्याण समिति के पूर्व सदस्य मांगीलाल सोलंकी ,ग्रुप अध्यक्ष मुकेश गज्जा ,नाथू सिंह तंवर और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के संस्थापक तरुण कुमार जैन के आतिथ्य में आयोजित इस कार्यक्रम में जैसलमेर जिले के स्कूलों के लगभग 100 से अधिक विद्यार्थीयों ने  भाग लिया।इस अवसर पर आइनाथ  सैनिक अकेडमी के प्रयाग सिंह ,जीतेन्द्र कुमार खत्री ,सुरेश कुमार कल्ला ,अनुराग ओझा ,पवन सिंह पंवार सहित कई मोजिज लोग उपस्थित रहे , सेमिनार में परमाणु ऊर्जा विभाग के वैज्ञानिक डॉ एम एल परिहार ने खोये हुए स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त करने का विज्ञान के बारे में विस्तार से प्रतिभागियों को समझाया । उन्होंने बताया कि किस प्रकार वैज्ञानिक सोच के माध्यम से हम लोग अपने कार्यप्रणाली को और बेहतर बना सकते हैं। चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य प्रबंधन विषय पर आधारभूत जानाकारी वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर स्वास्थ्य के विविध आयामों यथा भौतिक अथवा शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक अथवा बौद्धिक स्वास्थ्य, सामाजिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य के साथ साथ स्थूल व सूक्ष्म शरीर आधारित स्वास्थ्य प्रबंधन तथा उन्हें जानने व पहचानने की विविध विधाओं की जानकारी प्रदान की । उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा के पंच तत्व और आयुर्वेदिक चिकित्सा के त्री-दौष की जानकारी। मानव स्वास्थ्य  के समग्र आयामों हतु महत्त्वपूर्ण घटकों की सारगर्भित जानकारी।मानव जीवन के संदर्भ में "जल ही जीवन है" तथा "जल बिन सून" के सिद्धांतों पर वैज्ञानिक विवेचन तथा दृश्य तथा अदृश्य शरीर पर पानी का क्या, कैसे तथा कितना प्रभाव पड़ता है। शरीर के अंग - अवयवों पर पानी की कमी अथवा अधिकता से होने वाले विविध प्रभावों का वैज्ञानिक विश्लेषण। शरीर व मस्तिष्क पर पानी के प्रभावों की संक्षिप्त जानकारी। स्वस्थ व सुखी रहने हेतु क्या, कैसे तथा कब क्या क्या किया जावे व क्यों किया जावे की तथ्यात्मक जानकारियां।अपरिहार्य कारणवश कभी किसी रोग अथवा बीमारी का सामना करना पड़े तो अन्य पद्धतियों से स्वास्थ्य चिकित्सा प्रबंधन के साथ कंपलिमेंटरी मेडिकल प्रैक्टिसेज का इस्तेमाल करते हुए अपने खोए हुए स्वास्थ्य को शीघ्र प्राप्त करने के विविध आयामों पर सारगर्भित जानकारियां प्रदान की ,।एक्यूप्रेशर, सूजोक, रिफ्लेक्सोलॉजी, आहार विहार, आचार विचार व खुशी प्रबंधन की विधियों पर तथ्यात्मक चर्चा की ।न्यूरोलॉजी आधारित मुद्रा विज्ञान की अति महत्त्वपूर्ण मुद्राओं की प्रायोगिक जानकारी देने के साथ युक्त तथ्यों की जानकारी देने के साथ साथ आधुनिक युग के विविध रोगों, रोगों के कारणों, रोगों से बचाव तथा बगैर दवाओं  के रोगोपचार हेतु वैज्ञानिक तथ्यात्मक जानकारियां प्रस्तुत करने के साथ साथ घातक रोगों  से प्रभावित नागरिकों का ऑन द स्पॉट एनालिसिस करते हुए उनके रोगोपचार की स्वैच्छिक सलाह मशविरा भी किया जा सकता है।पूर्व सभापति अशोक तंवर ने कहा की जैसलमेर के छात्र छात्रों के लिए यह कार्यकर्म महत्वपूर्ण हे,वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जिस तरह से एल ी डी के माध्यम से बताया वह बहुपयोगी जानकारी हैं,ऐसे एडमिक कार्यक्रमों की जैसलमेर के छात्र छात्रों के लिए होते रहने चाहिए,ग्रुप फॉर पीपल के संयोजक चंदन सिंह भाटी ने कहा की ग्रुप स्थानीय छात्र छात्रों के विकास के लिए ऐसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम समय समय पर आयोजित करता रहेगा जिससे यहाँ के छत्र छात्रों को आगे बढ़ने का अवसर मिले। कार्यक्रम के संयोजक तरुण कुमार जैन ने बताया कि भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय के मार्गदर्शन में देश भर में साइंस मिडिया रिसर्च पर सघन अभियान चलाया जा रहा है,सेमिनार में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को भारत सरकार की और से प्रमाण पत्र प्रदान किये गए ,कार्यक्रम का संचालन नटवर जोशी द्वारा किया गया,
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रविवार, 29 दिसंबर 2019

जैसलमेर लाखो रुपये खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर खर्च करने के बाद भी स्टेट खेल में हैंडबॉल शामिल नहीं*

 जैसलमेर लाखो रुपये खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर खर्च करने के बाद भी स्टेट खेल में हैंडबॉल शामिल नहीं*

जैसलमेर दो दिसम्बर को शाम 4 बजे जयपुर में पहली बार स्टेट खेल का शुभारंभ होगा।।इस खेल महाकुंभ में बिभिन खेलो कर आठ हजार खिलाड़ी भाग ले रहे है।।आश्चर्यजनक बात है कि इस स्टेट खेल में आज के सर्वाधिक लोकप्रिय खेल हैंडबॉल को शामिल नही किया गया है।।हैंडबॉल की राज्य स्तरीय संघ बना हुआ है जिसके प्रदेश अध्यक्ष जेसलमेर विधायक रूपाराम धनदे है तो सचिव तेजराज सिंह है।।हैंडबॉल खिलाड़ी तैयार करने के लिए विभिन जिलो में प्रशोक्षक भी लगा रखे है।।जिनके प्रशिक्षण पर राज्य सरकार लाखो रुपये खर्च करती है।।दक्ष प्रशिक्षक लगाकर  लगभग हर जिले में हैंडबॉल खिलाड़ी तैयार करने के लिए कोच लगाए गए है जो खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देकर तैयार करते।।मगर राज्य सरकार द्वारा आयोजित होने जा रहे स्टेट खेल के म्हाकुम्भ में सभी खेलो को शामिल किया सिवाय हैंडबॉल के।।हैंडबॉल के हर जिले में बेहतर खिलाड़ी मौजूद है।इसके बावजूद हैंडबॉल को इसमे शामिल नही किया गया ।जबकि इस खेल महाकुंभ में 18 खेलो को मान्य किया।।अठारह खेलो के आठ हजार खिलाड़ी इसमे खेलेंगे मगर हैंडबॉल के खिलाड़ी इसमे शामिल नही हो सकेंगे।।राज्य खेल में हैंडबॉल को शामिल नही करने से हैंडबॉल के खिलाड़ी काफी निराश है।।हैंडबॉल के उभरते खिलाड़ी सवाई सिंह ने बताया कि हम लम्बे समय से कड़ी मेहनत कर रहे है।।मगर हैंडबॉल जैसे महत्वपूर्ण खेल की अनदेखी कर इसे स्टेट खेल में शामिल नही किया जिससे खिलाड़ियों को निराशा हुई है।।जब खिलाड़ियों को खिलाना नही था तो जिलोके हैंडबॉल के कोच लगाने की जरूरत ही क्या थी।।अलबत्ता हैंडबॉल काफी लोकप्रिय खेल को स्टेट खेल में शामिल नहीं करने से खिलाड़ियों में निराशा जरूर है।।

राज्य खेलो में 18 खेलो को ही शामिल किया है।।जिसमे हैंडबॉल शामिल नही है।।बाकी खेलो से  खिलाड़ी स्टेट खेल में भाग लेने जा रहे है। राकेश विश्नोई ,जिला खेल अधिकारी ,जैसलमेर

जैसलमेर, राज्यपाल श्री कलराज मिश्र कुलधरा के पुरातन वैभव की झलक पाकर हुए अभिभूत

जैसलमेर, राज्यपाल श्री कलराज मिश्र कुलधरा के
पुरातन वैभव की झलक पाकर हुए अभिभूत



जैसलमेर, 29 दिसम्बर/ राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने सरहदी जिले जैसलमेर के प्राचीन पालीवालों की सभ्यता के प्रतीक कुलधरा गांव का दौरा किया और पुरातन लोक जीवन व संस्कृति से जुड़े अवशेषों तथा इनकी झलक दिखाने वाले भवनों को देखा तथा बेहद अभिभूत हो उठे।

राज्यपाल ने कुलधरा में पालीवाल संस्कृति और प्राचीन सभ्यता के अवशेषों को निहारते हुए इनके सभी पक्षों के बारे में जानकारी ली। राज्यपाल ने पालीवालों के प्राचीन गांव कुलधरा के मकानों के अवशेषों, पालीवाल सभ्यता की झलक, विकसित भवनों तथा अवशेषों आदि के साथ ही क्षेत्रा की भोगोलिक स्थितियों, रहन-सहन, भवन निर्माण कला ,लोकसंस्कृति तथा परिवेशीय विलक्षणताओं के बारे में जानकारी ली। कुलधरा की लोकसंस्कृति और परम्पराओं तथा पालीवालों की प्राचीन सभ्यता को देख कर राज्यपाल प्रभावित हुए

कुलधरा विकास से जुड़े जैसलमेर विकास समिति के सचिव चन्द्र प्रकाश व्यास और ़ऋषिदत्त  पालीवाल ने कुलधरा के प्राचीन इतिहास और पालीवालों से संबंधित पुरातन परम्पराओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया।

इस दौरान जिला कलक्टर नमित मेहता, जिला पुलिस अधीक्षक डाॅ. किरण कंग, मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश बैरवा, उपखण्ड अधिकारी दिनेश विश्नोई के साथ ही पर्यटन विभाग के अघिकारी मौजूद थे। जिला कलक्टर ने कुलधरा में किये गये विकास कार्यो के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
इससे पूर्व कुलधरा पहुंचने पर राज्यपाल का भव्य स्वागत किया गया। कुलधरा में बड़ी संख्या में जमा पर्यटकों ने भी राज्यपाल का अभिवादन कर स्वागत किया। इसके प्रत्युत्तर में राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी हाथ हिला कर अभिवादन स्वीकारा।