राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने जैसलमेर जिले
के आकल वुड फोसिल पार्क का अवलोकन किया
प्रकृति की यह अमूल्य धरोहर है- राज्यपाल
जैसलमेर, 30 दिसम्बर/राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने जैसलमेर यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को जैसलमेर से 17 किलोमीटर दूर डेजर्ट नेशनल पार्क अन्तर्गत आकल वुड फोसिल पार्क का भ्रमण कर वहां करोड़ो साल पहले के फोसिल्स को बारीकी से देखा। राज्यपाल श्री मिश्र ने विभिन्न आकार-प्रकारों के संरक्षित फोसिल को देखा एवं उनके बारे में जानकारी हासिल की।
राज्यपाल ने कहा कि यह प्रकृति की अमूल्य धरोहर है। उन्होंने वन विभाग द्वारा जीवाश्मों के संरक्षण के लिए किए गए कार्य की भी सराहना की। राज्यपाल की धर्मपत्नी एवं उनके परिजनों ने भी वुड फोसिल को बारीकी से देखा।
राज्यपाल को उप वन संरक्षक वन्यजीव कपिल चन्द्रवाल ने प्राचीन फोसिल के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। ये फोसिल पहले पेड़ के रूप में थे जो अब फोसिल बन गए है। उन्होंने बताया कि आकल जीवश्म उद्यान में 18 करोड़ वर्ष पुराने पेड़-पौधों के जीवश्म है। ये पेड़-पौधे जलवायु एवं वातावरण के प्रभाव से जीवाश्म में परिवर्तित हुए है। उन्होंने बताया कि ये जीवाश्म शोधकर्ताओं के लिए बहुत ही उपयोगी है वहीं यह जीवाश्म उद्यान पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र है।
इस दौरान सहायक निदेशक लोक सेवाएं भारत भूषण गोयल, पुलिस उप अधीक्षक मुकेश चावड़ा, सहायक वन संरक्षक वन्य जीव विजय बोराणा, जैसलमेर नगर परिषद के आयुक्त बृजेश राय, पंचायत समिति जैसलमेर के विकास अधिकारी हीरा राम कलबी भी उपस्थित थे।
के आकल वुड फोसिल पार्क का अवलोकन किया
प्रकृति की यह अमूल्य धरोहर है- राज्यपाल
जैसलमेर, 30 दिसम्बर/राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने जैसलमेर यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को जैसलमेर से 17 किलोमीटर दूर डेजर्ट नेशनल पार्क अन्तर्गत आकल वुड फोसिल पार्क का भ्रमण कर वहां करोड़ो साल पहले के फोसिल्स को बारीकी से देखा। राज्यपाल श्री मिश्र ने विभिन्न आकार-प्रकारों के संरक्षित फोसिल को देखा एवं उनके बारे में जानकारी हासिल की।
राज्यपाल ने कहा कि यह प्रकृति की अमूल्य धरोहर है। उन्होंने वन विभाग द्वारा जीवाश्मों के संरक्षण के लिए किए गए कार्य की भी सराहना की। राज्यपाल की धर्मपत्नी एवं उनके परिजनों ने भी वुड फोसिल को बारीकी से देखा।
राज्यपाल को उप वन संरक्षक वन्यजीव कपिल चन्द्रवाल ने प्राचीन फोसिल के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। ये फोसिल पहले पेड़ के रूप में थे जो अब फोसिल बन गए है। उन्होंने बताया कि आकल जीवश्म उद्यान में 18 करोड़ वर्ष पुराने पेड़-पौधों के जीवश्म है। ये पेड़-पौधे जलवायु एवं वातावरण के प्रभाव से जीवाश्म में परिवर्तित हुए है। उन्होंने बताया कि ये जीवाश्म शोधकर्ताओं के लिए बहुत ही उपयोगी है वहीं यह जीवाश्म उद्यान पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र है।
इस दौरान सहायक निदेशक लोक सेवाएं भारत भूषण गोयल, पुलिस उप अधीक्षक मुकेश चावड़ा, सहायक वन संरक्षक वन्य जीव विजय बोराणा, जैसलमेर नगर परिषद के आयुक्त बृजेश राय, पंचायत समिति जैसलमेर के विकास अधिकारी हीरा राम कलबी भी उपस्थित थे।
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