शुक्रवार, 30 नवंबर 2018

*झालापट्टी के 84 गांवों ने लिया संकल्प, हमारे राजा चंद्रजीतसिंह जी, फर्जी राजा दुष्यंत को भेजेंगे धौलपुर!* _- यहां के लोग स्वाभिमानी, दो बोटी व एक रोटी में नही बिकने वाले_

*झालापट्टी के 84 गांवों ने लिया संकल्प, हमारे राजा चंद्रजीतसिंह जी, फर्जी राजा दुष्यंत को भेजेंगे धौलपुर!*
_- यहां के लोग स्वाभिमानी, दो बोटी व एक रोटी में नही बिकने वाले_


@सबलसिंह भाटी

रायपुर। झालरापाटन विधानसभा के रायपुर क्षेत्र के झाला राजपूतों के 84 गांवों के लोगों ने संकल्प लिया कि इन विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे को बुरी तरह से हरा कर झालरापाटन को इनके चंगुल से आजाद करेंगे। साथ ही कहा कि यहां के राजा चंद्रजीतसिंह जी है व रहेंगे। खुद को यहां का राजा समझने वाले दुष्यंत को धौलपुर भेज देंगे।

रायपुर केवड़ा स्वामी मंदिर में आयोजित सामाजिक कार्यक्रम में 84 गांवों के लगभग 2500 लोगों ने शिरकत की, जिसमे मातृशक्ति की संख्या अधिक रही।

इस कार्यक्रम में सभी ने संकल्प लिया कि वसुन्धरा राजे ने 30 साल ने इस विधानसभा पर कब्जा कर रखा है। लेकिन कभी भी राजपूतों को तव्वजों नही दी, लेकिन अब इनको राजपूतों की अब याद आ रही है।

कुछ दिन पहले छोटी कोठी में वसुन्धरा राजे ने झालरापाटन विधानसभा के मौजिज राजपूतों को बुलाया, साथ ही संदेश दिया कि महारानी ने वहां पर शराब व कबाब की पूरी व्यवस्था कर रखी है।

इस तरह खाने के मेनू के साथ राजपूतों को बुलावा भेज कर राजपूतों के साथ यहां की जनता अपमान किया है। यहां की जनता स्वाभिमानी है, वो दो बोटी व एक बोटी के पीछे नही बिकने वाली है। इस बार इस अपमान का बदला वसुन्धरा राजे को बुरी तरह से हरा कर लिया जाएगा।

*18 ऐसे उम्मीदवार जिनको टिकट तो मिली,कार्यकर्ताओ ने बनाई दूरी,पार्टीयां टेंशन में*

*18 ऐसे उम्मीदवार जिनको टिकट तो मिली,कार्यकर्ताओ ने बनाई दूरी,पार्टीयां टेंशन में*


जयपुर . चुनाव के रण में सर्द मौसम में भी सियासी गर्माहट बराबर बनी हुई है. खास तौर पर उन सीटों पर ये गर्माहट ज्यादा ही दिखाई दे रही है, जहां मैदान में उतरे नेता अपने लिए टिकट तो लेकर आ गए. लेकिन, सियासी जमीन पर उन्हें अपनों का साथ नहीं मिल पा रहा है. ये हालात कांग्रेस और भाजपा दोनों में ही बने हुए हैं. अपनों की दूरी ने इन नेताओं की माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. जीत को पक्की करने के लिए जरूरी पार्टी कार्यकर्ता और नेताओं का साथ लेने के लिए हर कोशिश जारी है. लेकिन, राजस्थान में करीब 12 से अधिक सीटें ऐसी भी हैं जहां पर मैदान में उतरे नेताओं को अभी भी अपनों का पूरा साथ नहीं मिल पाया है.

खास बात यह है कि जिन सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों को संबंधित विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का साथ नहीं मिल रहा है. उनमें दोनों दलों के बड़े नेताओं की सीट भी शामिल है. कई सीटों पर जहां भाजपा-कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ रहे नेताओं का साइड इफेक्ट साफतौर पर दिखाई दे रहा है. वहीं, कई सीटों पर टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं के समर्थकों का रोष अभी तक शांत होता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में इन सीटों पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ी हुई है. हालांकि, जीत के लिए सियासी गोटियों को बिठाने हुए ये प्रत्याशी हर दांव भी चल रहे हैं. लेकिन, कार्यकर्ताओं और संगठन के नेताओं की अंदरखाने बनी दूरी ने सांसे भी फुला रखी है. हम आपको आज उन सीटों और वहां के गणित के बारे में बताते हैं जहां कार्यकर्ताओं और नाराज नेताओं राजनीतिक पारे को चढ़ा रखा है.

राजस्थान की इन 12 सीटों का यह है गणित
सिवाणा बाडमेर जिले की सियान सीट से कांग्रेस ने अनचाहे उम्मीदवार पंकज प्रताप सिंह को टिकट देकर मुसीबत मोल ले ली।।यहां से स्थानीय दावेदारों को टिकट न देकर नाराज कर दिया कार्यकर्ताओ को।।कार्यकर्ताओ ने कांग्रेस नेता बालाराम को बागी खड़ा कर दिया।पंकज प्रताप स्व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दूरी  बना रखी हैं।।।

टोंक राजस्थान की हॉट सीट में से एक टोंक विधानसभा क्षेत्र पर हर किसी की नजर गड़ी हुई है. इस सीट पर कांग्रेस के पीसीसी चीफ सचिन पायलट के सामने भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री यूनुस खान चुनाव लड़ रहे हैं. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खास मंत्री यूनुस को यहां सियासी रूप से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, इस सीट से पहले विधायक अजीत सिंह मेहता का टिकट काटकर भाजपा ने यूनुस खान को उतारा है. जिसके बाद अजीत नाराज हो गए. वसुंधरा राजे की ओर से मनाने पर अजीत तो मान गए, लेकिन, उनके समर्थकों की दूरी अभी भी बरकार बनी हुई है. यूनुस के साथ प्रचार-प्रसार में अजीत के समर्थक पूरी तरह से नहीं जुड़ पाए हैं.

बामनवास सवाईमाधोपुर जिले की बामनवास विधानसभा सीट से कांग्रेस ने इंद्रा मीणा को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है. जबकि, भाजपा ने राजेंद्र मीणा को टिकट देकर सियासी मैदान में उतारा है. कांग्रेस से पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा के भाई नवलकिशोर मीणा टिकट मांग रहे थे. लेकिन, टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय ही चुनावी ताल ठोक दी है. सूत्रों ने बताया कि नवल किशोर मीणा के चुनाव लड़ने के कारण कांग्रेस के कई कार्यकर्ता अंदरखाने नवल के समर्थन में दिखाई दे रहे हैं.

पीपल्दा टिकट बंटवारे के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई ममता शर्मा को भाजपा ने पिपल्दा से टिकट देकर मैदान में उतारा है. ममता शर्मा को टिकट देने के लिए पार्टी ने विद्याशंकर नंदवाना का टिकट काटा था. जिसके चलते उनके समर्थकों में रोष बना हुआ है. सूत्रों का कहना है कि ममता शर्मा के साथ पार्टी के कई मूल कार्यकर्ता अभी भी नहीं जुड़ पाए हैं. वहीं, कांग्रेस ने यहां पर रामनारायण शर्मा को मैदान में उतारा है.

खंडेला सीकर जिले के खंडेला विधानसभा सीट से कांग्रेस ने इस बार सुभाष मील को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है. जबकि, पार्टी ने पांच बार के विधायक महादेव सिंह खंडेला को टिकट नहीं दिया. इससे नाराज होकर महादेव सिंह निर्दलीय ही मैदान में उतर गए. महादेव सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण कांग्रेस कई पुराने कार्यकर्ताओं का साथ सुभाष मील को नहीं मिल पा रहा है. कई कार्यकर्ता खंडेला के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. वहीं, इस सीट पर भाजपा ने बंशीधर खंडेला को चुनाव मैदान में उतार रखा है.

थानागाजी अलवर जिले के थानागाजी विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा ने रोहिताश्व शर्मा को टिकट देकर मैदान में उतारा है. इस सीट से पहले मंत्री हेमसिंह भड़ाना पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ते रहे हैं. लेकिन, इस बार पार्टी ने भड़ाना का टिकट काटकर रोहिताश्व को चुनाव मैदान में उतार दिया. खुद का टिकट कटने से नाराज भड़ाना ने निर्दलीय ही चुनावी ताल ठोक दी है. भड़ाना के निर्दलीय उतरने के चलते यहां कई कार्यकर्ता उन्हीं के साथ दिखाई दे रहे हैं. जबकि, इस सीट पर कांग्रेस ने सुनील कुमार को टिकट देकर मैदान में उतारा है.

लाडपुरा कोटा की लाडपुरा विधानसभा सीट से इस बार पूर्व सांसद इज्यराज सिंह की पत्नी कल्पना सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. लाडपुरा से तीन बार से विधायक भवानी सिंह राजावत का टिकट भाजपा ने काट दिया था. जिससे नाराज होकर भवानी सिंह ने पहले निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया था. लेकिन, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के मनाने के बाद भवानी सिंह मान गए और नामांकन पत्र वापस ले लिया. इसके बाद वे सीने में दर्द के कारण राजस्थान से बाहर इलाज कराने चले गए. सूत्रों ने बताया कि टिकट वितरण से असंतोष के कारण पार्टी के कई कार्यकर्ता दूरी बनाए हुए हैं.

नागौर नागौर विधानसभा सीट पर इस बार बदले समीकरण के बाद यहां कार्यकर्ताओं की नाराजगी देखने को मिल रही है. भाजपा में टिकट नहीं मिलने पर नाराज हबीबुर्रहमान इस बार कांग्रेस में शामिल हो गए. जिसके बाद कांग्रेस ने हबीबुर्रहमान को नागौर से टिकट देकर मैदान में उतार दिया. जबकि, इस सीट से कांग्रेस की तरफ से विजयपाल मिर्धा टिकट मांग रहे थे. सूत्रों ने बताया कि टिकट नहीं मिलन उनके समर्थकों में नाराजगी बनी हुई है. जिसके बाद ये कार्यकर्ता चुनाव से दूरी बना रखी है.

विद्याधर नगर जयपुर की विद्याधर नगर सीट पर इस बार कांग्रेस विक्रम सिंह शेखावत का टिकट काटकर सीताराम अग्रवाल को मैदान में उतारा है. जिसके बाद नाराज विक्रम सिंह शेखावत ने निर्दलीय ही चुनाव मैदान में ताल ठोक दी है. सूत्रों ने बताया कि विक्रम सिंह के निर्दलीय खड़ा होने के कारण उनके समर्थकों के साथ ही पार्टी के कई निचले स्तर के पदाधिकारियों ने सीताराम अग्रवाल से अंदरखाने दूरी बना रखी है. उनका झुकाव पार्टी के सामने बागी होकर चुनाव लड़ रहे विक्रम सिंह की तरफ बना हुआ दिखाई दे रहा है. इस सीट पर भाजपा की तरफ से नरपत सिंह राजवी मैदान में हैं.

केशवरायपाटन केशवरायपाटन विधानसभा सीट से कांग्रेस ने राकेश बोयत को चुनाव मैदान में उतारा है. इनका टिकट सीएल प्रेमी के बदले दिया गया है. बताया जाता है कि कांग्रेस की ओर से पहले सीएल प्रेमी का टिकट पक्का माना जा रहा था. लेकिन, अंतिम समय में राकेश बोयत को टिकट देकर मैदान में उतार दिया गया. इससे नाराज होकर सीएल प्रेमी में निर्दलीय ही चुनावी ताल ठोक दी है. जिसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी बोयत के लिए सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेना चुनौती बन गया है. इस सीट पर भाजपा की तरफ से चंद्रकांता मेघवाल को चुनावी मैदान में उतारा है.

बारां-अटरू मंत्री बाबूलाल वर्मा को भाजपा ने इस बार बारां-अटरू सीट से मैदान में उतारा है. उनकी अपनी सीट केशवरायपाटन से उन्हें टिकट नहीं दिया गया था. पार्टी की ओर से टिकट मिलने पर बाबूलाल वर्मा बारां-अटरू में प्रचार में जुटे हैं. लेकिन, उन्हें कार्यकर्ताओं का पूरा साथ अभी पूरा नहीं मिल पाया है. इस सीट पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सभा भी कर चुकी हैं. लेकिन, कार्यकर्ताओं पूरे मन से एकजुट नहीं हो पाए हैं. वहीं, कांग्रेस ने इस सीट पर पानाचंद मेघवाल को चुनाव मैदान में उतारा है.

फुलेरा फुलेरा विधानसभा सीट से भाजपा ने इस बार निर्मल कुमावत को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है. इससे नाराज होकर यहां से टिकट की दावेदारी कर रहे डीडी कुमावत ने निर्दलीय ही चुनावी ताल ठोक रखी है. टिकट की घोषणा से नाराज कई मंडल अध्यक्ष इस्तीफा देकर चले गए. सूत्रों का कहना है कि कई कार्यकर्ताओं ने दूरी बना रखी है. इस सीट पर कांग्रेस ने विद्याधर चुनाव मैदान में उतारा है.

टोडाभीम टोडाभीम विधानसभा सीट से कांग्रेस ने पीआर मीणा को चुनाव मैदान में उतारा है. वे पिछली बार राजपा प्रत्याशी थे. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस की ओर से टिकट मिलने के बाद भी पार्टी के स्थानीय संगठन के जुड़े कार्यकर्ता पूरे मन के साथ चुनाव प्रचार में नहीं जुड़ रहे हैं. इस सीट पर भाजपा ने रमेशचंद को चुनाव मैदान में उतारा है.

इनके साथ ही मुंडावर और कुशलगढ़ की दो सीटें शरद यादव की लोकतांत्रिक जनता दल, भरतपुर और मालपुरा सीटें राष्ट्रीय लोकदल, पाली की बाली सीट एनसीपी को दी गई थी. लेकिन गठबंधन के प्रत्याशियों को प्रचार में अकेले ही जूझना पड़ रहा है. सूत्रों की माने तो कांग्रेस स्थानीय कार्यकर्ता और पार्टी का स्थानीय संगठन टिकट की घोषणा के बाद से ही खुलकर गठबंधन के प्रत्याशियों के प्रचार में नहीं आया है. हालांकि गठबंधन के प्रत्याशियों ने कांग्रेस के स्थानीय संगठन और अन्य नेताओं को मनाने के प्रयास भी किए. बताया जाता है कि कि कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता जरूर दिखावे के लिए साथ लगे हैं लेकिन वे भी अंदरखाने गठबंधन प्रत्याशियों के पक्ष में नहीं हैं. कुल मिलाकर गठबंधन के प्रत्याशियों को अपने-अपने दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के भरोसे ही प्रचार करना पड़ रहा है.

*दिल्ली पहुंची शिकायत*

वहीं गठबंधन की सीटों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से गठबंधन के प्रत्याशियों को सहयोग नहीं मिलने की शिकायतें गठबंधन के नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से की है. जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रदेश प्रभारी और प्रदेश नेतृत्व को निर्देश भी दिए हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के कई बड़े नेता अब गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार भी करते नजर आएंगे. बता दें कि अगले साल होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से समान विचारधारा वाले दलों का महागठबंधन बनाने के चलते प्रदेश में पांच सीटें गठबंधन को दी गई थी.

पूर्व मंत्री पर युवती ने लगाया Me Too का आरोप...


राजस्थान के इस कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री पर युवती ने लगाया Me Too का आरोप...


झुंझुनूं. जहां नेता अपने-अपने प्रचार में लगे हुए है. ऐसे में शेखावाटी में एक वीडियो ने तहलका मचा दिया है. वायरल वीडियो में एक युवती राजस्थान सरकार में मंत्री रहे नेता पर मी टू का आरोप लगाते हुए खुद की जिंदगी खराब करने की बात कह रही है.

पूर्व मंत्री पर युवती ने लगाया Me Too का आरोप... देखें वीडियो


वीडियो जारी करने वाली युवती ने एक प्रत्याशी पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. युवती ने प्रत्याशी को ना केवल कटघरे में खड़ा किया, बल्कि यूट्यूब पर भी वीडियो अपलोड कर दिया है. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर यह वीडियो धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है. युवती ने अपने आप को गोल्ड मेडलिस्ट और लेखन कला में कई अवार्ड जीतना भी बताया है.

युवती ने अपने वीडियो में यह मांग की है कि जनता और कुछ करें या ना करें लेकिन 7 दिसंबर को होने वाले चुनाव में प्रत्याशी का बहिष्कार करें. वहीं युवती के जल्द ही धरने पर बैठने के ऐलान के बाद क्षेत्र में बड़ी चर्चा ने जोर पकड़ लिया है.
चुनावी मैदान में प्रत्याशी हैं पूर्व मंत्री
वीडियो जारी करने वाली लड़की ने अपनी वीडियो में सभी से प्रत्याशी को वोट ना देने की अपील की है. साथ ही लड़की रोते हुए बता रही है कि मेरे पास आपके पास आने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था. अब आपको मेरा साथ देकर इसको चुनाव हराना है. साथ ही उसने यह भी कहा है कि किसी को भी वोट करें, लेकिन इसको ना करें.लड़की जिस नेता के बारे में बता रही है वह पहले मंत्री भी रह चुके हैं.

इसलिए विवादित बताया जा रहा है मामला मिली जानकारी के मुताबिक वीडियो जारी करने वाली युवती किसी नेता की बेटी बताई जा रही है. युवती के अपलोड किए गए वीडियो को अब तक 5 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं. अब क्षेत्र के लोग युवती के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं. क्योंकि उसने ना केवल धरना देने की बात कही है बल्कि इसके अलावा बीच-बीच में उसके ब्रह्मचर्य धारण कर मंदिर में रहने की बात भी सामने आई है.

बाड़मेर। हमने बालिकाओं की सुरक्षा के लिए कड़ा कानून बनाया- राजे

बाड़मेर। हमने बालिकाओं की सुरक्षा के लिए कड़ा कानून बनाया - राजे


राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में विभिन्न राजनीतिक दलों ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं कर रहे हैं। शुक्रवार को मुख्ममंत्री वसुंधरा राजे ने बाड़मेर के शिव के भियाड़ गाँव में चुनावी सभा को संबोधित किया।



वसुंधरा ने कहा कांग्रेस के लोग हवा में चलते हैं, भाजपा के नेता छोटे से छोटे कार्यकर्ता को साथ लेकर चलते हैं। भाजपा में निचले स्तर का कार्यकर्ता भी शीर्ष नेता बन सकता है। कांग्रेस में यह संभव नहीं।

मतदान में सात दिन का समय बचा है। भाजपा की सरकार आपके सामने झुक के खड़ी है। यह सरकार राज करने के लिए नहीं बल्कि आपसी सेवा के लिए खड़ी है।

वसुंधरा ने कहा जब आपने यह सरकार हमें सौंपी थी तो प्रदेश बीमारू राज्य कहलात था। आज मैं कह सकती हूं कि राजस्थान बीमारू नहीं है। प्रदेश बहुत आगे बढ़ चुका है जिसके लिए हमें बहुत मेहनत करनी पड़ी।

बिजली विभाग पर 80 हजार करोड़ का कर्जा था। लेकिन सरकार ने गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने का काम किया। सौभाग्य योजना के तहत हमने 2017 सितंबर से लेकर दिसंबर 2018 तक गरीब घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसानों के लिए पहली बार 5प्रदेश में किसानों के लिए पहली बार 50 हजार रुपये तक के कर्ज माफ किए गए।  वसुंधरा ने कहा कि हमने बालिकाओं की सुरक्षा के लिए कड़ा कानून बनाया।

गुरुवार, 29 नवंबर 2018

बाड़मेर। महज एक हादसा जिसे हमले का रूप देने का प्रयास :- कर्नल सोनाराम

बाड़मेर। महज एक हादसा जिसे हमले का रूप देने का प्रयास  :- कर्नल सोनाराम

बाड़मेर। बुधवार को बाड़मेर विधायक और प्रत्याशी मेवाराम जैन ने आरोप लगाया कि उनके काफिले पर कर्नल सोनाराम चौधरी ने अपने समर्थकों द्वारा हमला करवाया.



हालांकि मेवाराम जैन ने इस संबंध में सदर थाना में एक रिपोर्ट भी पेश की है. इस पूरे घटनाक्रम के बाद बाड़मेर जैसलमेर भाजपा के सांसद और बाड़मेर विधानसभा से कांग्रेस बीजेपी के प्रत्याशी कर्नल सोनाराम चौधरी ने आज अपनी पहली प्रतिक्रिया दी.

उन्होंने कहा कि जो घटना कल विधायक मेवाराम जैन की तरफ से बताई जा रही है वो महज एक हादसा था और उसको हमले का रूप दिया गया है जो कि इस बात को दर्शाता है कि मेवाराम जैन बुरी तरीके से हार रहा है. हार की बौखलाहट के चलते इस तरीके से बातें कर रहा है.

इस वक्त विधानसभा चुनाव में मेरी अच्छी स्थिति है और मैं विधानसभा चुनाव जीत रहा हूं. मैंने अभी तक अपनी राजनीति में आठ चुनाव लड़े हैं कभी भी इस तरीके की कायराना हरकत नहीं की तो अब क्यों करूंगा. मैं यहां पर मुद्दों के साथ चुनाव लड़ रहा हूं.

बता दें मेवाराम जैन मगने की ढाणी में सभा करने के लिए जा रहे थे. इस दौरान उनके काफिले में चल रही गाड़ी में कुछ लोगों ने तोड़फोड़ कर दी. इससे एक गाड़ी को काफी नुकसान पहुंचा है.

हालंकि घटना के बाद सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. पुलिस ने हमले की घटना से इंकार करते हुए कहा काफिले में चल रही गाड़ियां ही आपस मे भिड़ी हैं जिससे स्कोर्पियो गाड़ी को नुकसान हुआ है. हमले जैसी कोई बात नही है.