बुधवार, 22 फ़रवरी 2017

जैसलमेर ।लालगढ व लीलण एक्सप्रेस में डिब्बों की अस्थायी बढ़ोतरी



जैसलमेर ।लालगढ व लीलण एक्सप्रेस में डिब्बों की अस्थायी बढ़ोतरीSpecial trains for Ajmer Urs | अजमेर शरीफ के उर्स के लिए चलेगी खास ट्रेन
जैसलमेर । गाडी संख्या 14704/14703, लालगढ-जैसलमेर-लालगढ एक्सप्रेस में लालगढ से दिनांक 1.3.17 से 30.3.17 तक एवं जैसलमेर से दिनांक 3.3.17 से 1.4.17 तक 1 थर्ड एसी एवं 1 द्वितीय शयनयान श्रेणी डिब्बो की अस्थाई बढोतरी की गई है। इस बढोतरी से इस गाडी के मार्ग के मुख्यतः कोलायत, फलौदी, रामदेवरा एवं अन्य स्टेशनो के यात्रियों को प्रत्येक फेरे में थर्ड एसी की 64 एवं द्वितीय शयनयान की 72 बर्थ अधिक उपलब्ध हो पायेगी।

गाडी संख्या 12467/12468 , जैसलमेर-जयपुर-जैसलमेर लीलण एक्सप्रेस में जैसलमेर से दिनांक 1.3.17 से 30.3.17 तक एवं जयपुर से दिनांक 2.3.17 से 31.3.17 तक 1 द्वितीय शयनयान एवं 1 थर्ड एसी श्रेणी डिब्बों की अस्थाई बढोतरी की जा रही है। इस बढोतरी से इस गाडी के मुख्यतः लालगढ, बीकानेर, नागौर, मेडता रोड जं., मकराना, फुलेरा एवं अन्य स्टेशनों के यात्रियों को प्रत्येक फेरे में थर्ड एसी की 64 एवं द्वितीय शयनयान की 72 बर्थ अधिक उपलब्ध हो पायेगी।

जोधपुर इस डर से पिता ने उठाया भयावह कदम और 11 दिन की अपनी ही बेटी को किया दुर्भाग्य के हवाले



जोधपुर इस डर से पिता ने उठाया भयावह कदम और 11 दिन की अपनी ही बेटी को किया दुर्भाग्य के हवाले
इस डर से पिता ने उठाया भयावह कदम और 11 दिन की अपनी ही बेटी को किया दुर्भाग्य के हवाले

पुत्री का जन्म होने के दस दिन बाद ही बैंक के एक कर्मचारी ने झालामण्ड की नवदुर्गा कॉलोनी स्थित मकान में फंदा लगाकर जान दे दी। परिजन को आशंका है कि राज्य के बाहर स्थानान्तरित होने के डर से वह कई दिनों से मानसिक तनाव में था। हालांकि उसके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।




केबीएचबी थाने के एएसआई भंवर सिंह के अनुसार नवदुर्गा कॉलोनी निवासी वीरेन्द्र कुमार (33) पुत्र मंगल सिंह सोलंकी भीलवाड़ा में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर में कार्यरत था। गत ग्यारह फरवरी को वह अवकाश पर जोधपुर आया था। सुबह वह भाई के बच्चों को स्कूल छोडऩे के बाद घर लौटा।






दोपहर में उसका भाई निजी स्कूल में अध्यापन करने के बाद घर आया तो कमरे की खिड़की पर पर्दा लगा नजर आया। उसने पर्दा हटाकर अंदर देखा तो वीरेन्द्र पंखे के हुक पर साड़ी के फंदे से लटका हुआ था। चिकित्सकों ने वीरेन्द्र को मृत घोषित किया। वीरेन्द्र की दिसम्बर 2015 में शादी हुई थी और दस दिन पहले ही पुत्री का जन्म हुआ था। प्रसव के चलते पत्नी मेड़ता रोड स्थित पीहर में है।



परिजन ने पुलिस को बताया कि वीरेन्द्र भीलवाड़ा स्थित एसबीबीजे बैंक में था। वह कई दिनों से तनाव में था। उसे अंदेशा था कि उसका तबादला राज्य से बाहर होने वाला है। पिता की शिकायत पर पुलिस ने मर्ग दर्ज किया और पोस्टमार्टम करवा शव परिजन को सौंपा।

जोधपुर पटवारी ने म्युटेशन भरने की एवज में लिए पन्द्रह हजार, ब्यूरो को देख सड़क पर फेंके रुपए



जोधपुर  पटवारी ने म्युटेशन भरने की एवज में लिए पन्द्रह हजार, ब्यूरो को देख सड़क पर फेंके रुपए
पटवारी ने म्युटेशन भरने की एवज में लिए पन्द्रह हजार, ब्यूरो को देख सड़क पर फेंके रुपए

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जमीन का म्युटेशन भरने की एवज में पन्द्रह हजार रुपए की रिश्वत लेने वाले बिलाड़ा तहसील के चांदेलाव पटवार मण्डल के पटवारी को मंगलवार देर शाम मसूरिया में बड़ले की टूटी के पास गिरफ्तार किया, लेकिन पकड़ में आने से पहले उसने राशि फेंक दी। ब्यूरो ने काफी देर तक सड़क पर तलाशी ली, लेकिन राशि नहीं मिल पाई।

पुलिस अधीक्षक (एसीबी) अजयपाल लाम्बा के अनुसार बिलाड़ा निवासी रामप्रकाश बिश्नोई ने गत वर्ष जनवरी में पन्द्रह बीघा जमीन खरीदी थी। गत वर्ष 19 जनवरी को उसने जमीन की रजिस्ट्री करवाई थी। गत 11 जनवरी को म्युटेशन भराने के लिए उसने चांदेलाव पटवार मण्डल में पटवारी किशनलाल गौड़ से सम्पर्क किया। उन्होंने रामप्रकाश से बीस हजार रुपए की मांग की। परिवादी ने दो हजार रुपए उसी समय पटवारी को दे दिए। इसके बाद वह निजी कार्य के कारण बाहर चला गया था। वह सोमवार को जोधपुर लौटा और पटवारी से सम्पर्क करके म्युटेशन के बारे में बात की।






पटवारी ने भी शेष 18 हजार रुपए की मांग की और मंगलवार सुबह चौहाबो बुलाया, जिसकी शिकायत उसने एसीबी से की। इस बीच मंगलवार को परिवादी ने चौहाबो में आरोपी से मुलाकात की और 18 हजार रुपए न होने की बात कही। तब आरोपी ने पन्द्रह हजार रुपए लेना तय किया। इस पर परिवादी ने उससे कहा कि वह बैंक से राशि लेकर आएगा और शाम को उसे दे देगा।

आरोपी पटवारी ने शाम को परिवादी को फोन किया और रिश्वत राशि के लिए दल्ले खां की चक्की चौराहे के पास बुलाया। वहां से आरोपी ने उसे बड़ले की टूटी के पास आने के निर्देश दिए। यहां बाइक पर आए पटवारी को उसने पन्द्रह हजार रुपए दे दिए।




रिश्वत राशि लेकर आरोपी गुटखा लेने के लिए पास स्थित एक डिपार्टमेंटल स्टोर में गया। उपाधीक्षक जगदीश सोनी के नेतृत्व में ब्यूरो की टीम वहां पहुंच गई और पटवारी किशनलाल गौड़ को पकड़ लिया। मगर उसके पास रिश्वत राशि नहीं मिली। उसे एसीबी चौकी लाया गया, जहां हाथ व शर्ट की जेब धुलवाई गई तो उन पर रंग पाया गया। जिसके आधार पर मसूरिया निवासी पटवारी किशनलाल गौड़ को गिरफ्तार कर लिया गया। उपाधीक्षक जगदीश सोनी ने बताया कि राशि बरामदगी के लिए आरोपी पटवारी का रिमाण्ड लिया जाएगा।

कोटा.कभी नहीं देखा ऐसा मंजर, मुझे भेज दो घर...



कोटा.कभी नहीं देखा ऐसा मंजर, मुझे भेज दो घर...

कभी नहीं देखा ऐसा मंजर, मुझे भेज दो घर...
शहर के हर थाने में तैनाती रही...बड़े-बड़े आंदोलन देखे... 89 में दंगे भी हुए, लेकिन पूरी नौकरी में कभी ऐसा मंजर नहीं देखा कि थाने में घुसी भीड़ ने सीआई और पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की हो। जनप्रतिनिधियों ने अपनी गलती छिपाने के लिए झूठे मुकदमे दर्ज कराए और सरकार ने जांच किए बिना ही पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। पूरी वारदात ने इतना धक्का पहुंचाया है कि नौकरी करने की चाहत खत्म हो गई। आला अफसरों से गुजारिश है कि मुझे वीआरएस देकर अब घर भेज दो।




यह मजमून महावीर नगर थाने में तैनात एएसआई अशोक कुमार की उस चिट्ठी का है, जिसे समय से पहले सेवानिवृत्ति मांगने के लिए उन्होंने पुलिस के आला अफसरों को लिखा है।




' अशोक कुमार ने कहा कि विधायक चंद्रकांता मेघवाल और उनके पति नरेंद्र मेघवाल ही नहीं, उनके साथ आई भीड़ ने सोमवार को सीआई से लेकर थाने में मौजूद हर पुलिस कर्मी के साथ अभद्रता-मारपीट की। पुलिस ने शांति-व्यवस्था कायम करने के लिए कार्रवाई की तो उन्हें अपराधी बताकर उन्हीं के थाने में मुकदमे दर्ज करा दिए।




सरकार ने भी भाजपाइयों को बचाकर और पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करके एकतरफा कार्रवाई की। पूरे दिन चले घटनाक्रम ने इस कदर आहत किया कि नौकरी करने की चाहत ही खत्म हो गई। इसलिए अब स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने का फैसला कर रहा हूं।

सम्मानों की लाट हैं 'अशोक'

11 दिसंबर 1980 के दिन पुलिस की वर्दी पहनने वाले एएसआई अशोक कुमार का ट्रेक रिकॉर्ड शानदार है। 36 साल की नौकरी में उन्हें पुलिस सेवा के उत्तम, अति उत्तम और सर्वोत्तम पुरस्कारों से लेकर दो दर्जन से ज्यादा रिवार्ड मिल चुके हैं। शानदार ट्रेक रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें कोटा के तकरीबन हर थाने से लेकर आईजी दफ्तर तक में सेवाएं देने का अवसर मिला, लेकिन उन्होंने कभी सोचा न था कि पुलिस की नौकरी को भारी मन के साथ छोडऩे का फैसला लेना पड़ेगा।

चिट्ठी मिलेगी तभी कुछ कहेंगे

एएसआई अशोक कुमार के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के फैसले से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। हर पुलिस कर्मी इसी चर्चा में मशगूल है कि पुलिस का मनोबल टूटेगा तो लोग समय से पहले सेवानिवृत्ति तो लेंगे ही। पूरे घटनाक्रम पर पुलिस के आला अफसर भी नजर गड़ाए हुए हैं। एसपी सिटी सवाई सिंह गोदारा ने बताया कि क्षुब्ध एएसआई के वीआरएस लेने की बात सामने जरूर आई थी, लेकिन अभी तक उन्होंने इस बाबत कोई आधिकारिक पत्र नहीं सौंपा है। जब तक चिट्ठी नहीं आती, कुछ भी नहीं कह सकते।

बालोतरा.पत्नी की हत्या के आरोपित पति को आजीवन कारावास



बालोतरा.पत्नी की हत्या के आरोपित पति को आजीवन कारावास
पत्नी की हत्या के आरोपित पति को आजीवन कारावास

पत्नी पर अवैध संबंधों के शक के चलते हत्या करने वाले आरोपित पति को जिला एवं सत्र न्यायाधीश मदन गोपाल व्यास ने मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया। लोक अभियोजक महेन्द्र पिथाणी ने बताया कि समदड़ी निवासी लीलादेवी को पीहर में मासूम बच्चों के सामने उसके पति दीपाराम पुत्र शंकरलाल निवासी अडियारी भाखरी ने 15 अगस्त 2013 रात्रि में चाकू से वार कर घायल दिया था।

मासूम बच्चों के साथ भी आरोपित ने मारपीट की। 16 अगस्त को अस्पताल में उपचार के दौरान विवाहिता की मौत हो गई। दर्ज मामले में पुलिस ने जांच कर आरोपित के विरुद्ध चालान पेश किया था। मामले की बहस में राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक महेन्द्र पिथाणी ने पैरवी करते हुए तर्क दिए कि आरोपित ने स्वयं की संतानों के सामने पत्नी पर क्रुरतापूर्वक चाकू से वार कर निर्मम हत्या कर दी, जिससे उसका परिवार बर्बाद हो गया।

परिवादी की ओर से अधिवक्ता विजयसिंह राठौड़ एवं आरोपित की ओर से नारायणसिंह भाटी ने पैरवी कर तर्क दिए। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपित दीपाराम को भादसं 302 में आजीवन कारावास, भादसं 324 में 2 वर्ष, भादसं 323 में 3 माह एवं 4/25 आम्र्स एक्ट में 2 वर्ष का कारावास तथा जुर्माने से दण्डित किया।

कुपोषण ने ली 6 मासूमों की जान, 5 साल में सर्वाधिक 242 बच्चों को किया भर्ती

कुपोषण ने ली 6 मासूमों की जान, 5 साल में सर्वाधिक 242 बच्चों को किया भर्ती
कुपोषण ने ली 6 मासूमों की जान, 5 साल में सर्वाधिक 242 बच्चों को किया भर्ती

जालोर. करीब 19 लाख की आबादी वाले जालोर जिले की सेहत कुपोषण ने बिगाड़ रखी है। हालत यह है कि बीते दो साल में कुपोषण के कारण जिले के 6 बच्चों की जान तक चली गई। इनमें जालोर ब्लॉक में 2, आहोर में 3 और व सायला ब्लॉक में एक की मौत हुई है। जबकि महज इन्हीं तीन ब्लॉक में हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषित मिले हैं। जुलाई 2015 में शुरू हुए सीमेम (समुदाय आधारित कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम) के तहत जिले के तीन ब्लॉक जालोर, सायला व आहोर का सर्वे किया गया। इस दौरान 18 हजार दो सौ दस बच्चों की स्क्रीनिंग की गई और इनमें से 1 हजार एक सौ उनयासी बच्चे कुपोषित पाए गए। इन कुपोषित बच्चों की सेहत को सुधारने के लिए चिकित्सा विभाग ने घर-घर जाकर पौष्टिक आहार भी खिलाया और गंभीर बच्चों को एमटीसी वार्ड (कुपोषण निवारण केंद्र) पर भी भर्ती कराया, लेकिन अभी जिले में कुपोषण जड़ से खत्म नहीं हो पाया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शुरुआत में तीन ब्लॉक में स्क्रीनिंग की गई थी और अब इस साल अन्य ब्लॉक में इसके लिए सर्वे किया जाएगा।

क्या है कुपोषण

बच्चों को जन्म से ही या जन्म के लम्बे समय तक संतुलित आहार नहीं मिल पाना ही कुपोषण है। इसके कारण बच्चों और महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जिससे अन्य बीमारियां भी उन्हें आसानी से जकड़ लेती हैं। स्त्रियों में इसका मुख्य कारण रक्त की कमी होना है। इससे गर्भावस्था में बच्चे पर भी इसका विपरीत असर पड़ता है।

कुपोषण के लक्षण

कुपोषण के मुख्य लक्षण शरीर की वृद्धि रुकना, मांसपेशियां ढीली होना या सिकुड़ जाना, झुर्रियां युक्त पीले रंग की त्वचा, थकान, वजन घटना, कमजोरी, पाचन क्रिया गड़बड़ाना, हाथ-पैर पतले, पेट बढ़ा होना या शरीर में सूजन आना है।

यह है जांच और उपचार की प्रक्रिया

6 माह से पांच साल तक के बच्चों में कुपोषण की जांच के लिए एक विशेष प्रकार की टेप (एमयूएससी टेप) का प्रयोग किया जाता है। इस टेप से बच्चे की अप्पर-मिडल आर्म को मापा जाता है और निर्धारित मापदण्ड से कम होने पर बच्चे को कुपोषित माना जाता है। इसके अलावा इसमें बच्चे की ऊंचाई और वजन को भी देखा जाता है। अत्यधिक कमजोर होने की स्थिति में डॉक्टर के निर्देशन में बच्चे को एमटीसी वार्ड में भर्ती कर उपचार शुरू किया जाता है। इस दौरान बच्चे के साथ आने वाले परिजन को सौ रुपए दैनिक भत्ता भी दिया जाता है।

जिले में पांच एमटीसी वार्ड

जिले के पांच सरकारी अस्पतालों में कुपोषण निवारण केंद्र है। इनमें से जिला मुख्यालय स्थित केंद्र में 10 बेडेड, जबकि जसवंतपुरा, भीनमाल, सांचौर और आहोर में 6 बेडेड वार्ड है।

सायला में सबसे ज्यादा मिले कुपोषित

चिकित्सा विभाग की ओर से 2015-16 में सीमेम कार्यक्रम के तहत जालोर, आहोर व सायला ब्लॉक में सर्वे किया गया। इस दौरान जालोर में 159, आहोर में 402 व सायला में सर्वाधिक 618 कुपोषित बच्चे मिले। इनमें से 761 बच्चों को घर पर पोषण दिया गया।

5 साल में सर्वाधिक 242 बच्चे हुए भर्ती

सीमेम कार्यक्रम चलाए जाने से अप्रेल 2015 से मार्च 16 तक पांच साल में सर्वाधिक 242 कुपोषित बच्चों को एमटीसी वार्ड में भर्ती किया गया। इनमें जालोर एमटीसी में 108, आहोर में 31, भीनमाल में 54, सांचौर में 34 व जसवंतपुरा स्थित एमटीसी वार्ड में 15 बच्चे भर्ती किए गए।

के दौरान सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे

करा सकते हैं बच्चों की जांच

जिले के प्राथमिक-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रत्येक गुरुवार टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। जहां माता-पिता बच्चे में कुपोषण की जांच करवा सकते हैं। ताकि बच्चे को समय पर उपचार मिल सके। वैसे इस बारे में एएनएम व आशा सहयोगिनियों को निर्देश दे रखे हैं। वैसे सीमेम कार्यक्रम के दौरान जालोर, सायला व आहोर में 1179 बच्चे कुपोषित मिले थे। इनमें से छह की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। अन्य को घर पर पोषण देने के साथ एमटीसी वार्डों में भर्ती किया गया था।

- अजयसिंह कड़वासरा, डीपीएम

विधायक चंद्रकांता के पति की गिरफ्तारी के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एरोड्रम सर्किल पर किया चक्काजाम

विधायक चंद्रकांता के पति की गिरफ्तारी के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एरोड्रम सर्किल पर किया चक्काजाम

विधायक चंद्रकांता के पति की गिरफ्तारी के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एरोड्रम सर्किल पर किया चक्काजाम

महावीर नगर थाने के सीआई और अन्य पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर करने का विरोध और विधायक चंद्रकांता के पति नरेन्द्र कुमार की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने एरोड्रम सर्किल चक्काजाम कर दिया। जिससे चौराहे पर वाहनों की कतारें लग गई।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनाकर उनसे गलत कार्य करवाया जा रहा था, उनके साथ मारपीट की गई तथा भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने के बाहर उपद्रव किया। इसके बाद भी पुलिस अधिकारियों पर ही कार्रवाई की गई। इसे कांग्रेस कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेंगे। राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस कर्मियों पर की गई कार्रवाई से पुलिस का मनोबल गिरा है।

गौरतलब है कि सोमवार शाम को महावीर नगर थाने में सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट पीने के मामले में भाजपा कार्यकर्ता का चालान बनाने पर विधायक पति नरेन्द्र कुमार मेघवाल ने पुलिस थानाधिकारी को चांटा मार दिया था। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर कार्यकर्ताओं को खदेड़ कर स्थिति पर काबू पाने का प्रयास किया। बाद में कार्यकर्ताओं ने थाने में पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया।

बाड़मेर पुलिस पर हमला, थाना प्रभारी सहित आठ पुलिसकर्मी चोटिल

बाड़मेर पुलिस पर हमला, थाना प्रभारी सहित आठ पुलिसकर्मी चोटिल

पुलिस पर हमला, थाना प्रभारी सहित आठ पुलिसकर्मी चोटिल
जालोर. सरवाना थाना क्षेत्र के लालजी की डूंगरी गांव में मंगलवार-बुधवार मध्यरात्रि एक वांटेड आरोपित को पकडऩे की कार्रवाई में धोरीमन्ना (बाड़मेर) थाना पुलिस पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। इस हमले में थाना प्रभारी सहित आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं कुछ महिलाओं के भी चोटें आई हैं। पुलिस ने दो राउंड हवाई फायर कर खुद को हमलावरों की चंगुल से छुड़ाया और हाड़ेचा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। जहां पर चिकित्सकों ने घायल पुलिसकर्मियों का प्राथमिक उपचार किया। इसके बाद यहां अन्यत्र रेफर किया गया। सूचना के बाद सरवाना थाना पुलिस ने हाड़ेचा सीएचसी पहुंचकर बयान दर्ज किए व धोरीमन्ना थाना प्रभारी की रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज किया। सरवाना कार्यवाहक थाना प्रभारी मोहनलाल बिश्नोई ने बताया कि धोरीमन्ना थाना प्रभारी सुरेश सारण के नेतृत्व में पुलिस टीम एनडीपीएस एक्ट व फायरिंग सहित अन्य प्रकरण में वांछित आरोपित लालजी की डूंगरी निवासी मांगीलाल पुत्र लाखाराम बिश्नोई को गिरफ्तार करने को लेकर एक ढाणी में दबिश ली। इस दौरान पुलिस टीम ने आरोपित को हिरासत में ले लिया, लेकिन भनक लगने पर आस-पास से करीब ५० लोगों ने पुलिस दल पर हमला कर दिया। वहीं वांछित आरोपित को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया। जिससे थाना प्रभारी (उप निरीक्षक) सुरेश सारण, सहायक उप निरीक्षक रावताराम पोटलिया, आईदानराम, जयवीरसिंह, खानू खान, धर्मेन्द्र, राहुल गुर्जर व लाभूराम घायल हो गए। इनमें आईदानराम के सिर में गंभीर चोट आई है।

पष्चिमी सरहद से लेकर देष भर में फैला जासूसों का जाल



पष्चिमी सरहद से लेकर देष भर में फैला जासूसों का जाल
-पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई जासूसों के माध्यम से हमारे देष की सामरिक जानकारी, गोपनीय दस्तावेज जुटा रही है। देष में बाकायदा इसका नेटवर्क फैला हुआ है। इसमें राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं की संलिप्तता भी सामने आई है। पष्चिमी राजस्थान के थार मरुस्थल से लगी भारत-पाक सीमा क्षेत्र से पिछले पांच महीनों में पांच जासूस पकड़े जा चुके हैं वहीं मध्यप्रदेश एटीएस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सतना, ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर से गिरफ्तारियां की है। इससे एक बात साफ हो गई है कि पाकिस्तान अभी अपनी फितरत से बाज नहीं आ रहा है और उसकी आंख अभी भी भारत पर है और वह यदा-कदा मौकों की तलाष में रहता है। हाल ही में पकड़े गए जासूसों के बाद भारत को कड़े कदम उठाने होंगे।
-आनन्द एम. वासु-
जैसलमेर । 38 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला जैसलमेर। 470 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा। यहां दो सेक्टर बीएसएफ के हैं। आठ पुलिस थाने सीमावर्ती क्षेत्र में अवस्थित है। सीमा के अधिकतर हिस्से में तारबंदी हो चुकी है। ऐसे में आतंकवादी घुसपैठ, हेरोइन व हथियारों व गोला-बारुद की तस्करी पर कुछ लगाम लग चुकी है, लेकिन इसके बाद भी सीमा पर तनाव व दबाव कम नहीं हुआ है। अब पाकिस्तान की आईएसआई एजेंसी जासूसों के माध्यम से भारत की सामरिक तैयारियों पर नजर रखे हुए हैं। पिछले पांच महीनों में आधा दर्जन जासूस पकड़े जा चुके हैं। यह तो अकेले जैसलमेर जिले की स्थिति है। मध्यप्रदेश एटीएस ने बड़ी कार्रवाईकरते हुए सतना, ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर से गिरफ्तारियां की है। मप्रएटीएस ने आईएसआई के जासूसों के एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। प्रदेश के चार प्रमुख जिलों से 11 जासूसों की गिरफ्तारी की गई है। इनमें एक भाजपा पार्षद का रिश्तेदार भी शामिल है। इनके पास भारी संख्या में अत्याधुनिक उपकरण, सिमकार्ड, लैपटॉप, मोबाइल फोन आदि सामान बरामद हुआ है। इनपर सेना की गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान भेजने का आरोप है। एमपी एटीएस चीफ संजीव शमी ने बताया कि पिछले साल नवंबर में जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा से सतविंदर सिंह और दादू नामक दो आतंकियों की गिरफ्तारी हुई थी। इन्होंने कबूल किया था कि मप्र से इन्हें सेना से जुड़ी तमाम जानकारियां और मदद मिला करती थी। इसपर एजेंसियों ने तफ्तीश शुरू की और कई जिलों में जाल बिछा दिया।




गिरफ्तार जासूसों ने पाक और देश के अन्य हिस्सों में बैठे अपने साथियों से संपर्क करने के लिए अवैध टेलीफोन एक्सचेंज बना रखा था। इसके लिए वह अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते थे। उनके पास कई कंपनियों के सिमकार्ड, चाइनीज बॉक्स, लैपटॉप, मोबाइल फोन समेत अन्य सामान बरामद हुआ है। एटीएस की मानें तो पाकिस्तान और अन्य देशों से आने वाली कॉल को भारतीय नंबरों पर रूट कर लिया जाता था ताकि यह सर्विलांस की पकड़ में सकें। एटीएस की जांच के दायरे में कुछ निजी मोबाइल कंपनियों के अधिकारी भी हैं।

भाजपा पार्षद का रिश्तेदार भी आरोपी

गिरफ्तार जासूसों में सतना से गिरफ्तार बलराम का नाम बताया गया है। शेष 10 के नाम बताने से उन्होंने इनकार कर दिया। शमी के मुताबिक, बलराम समेत अन्य जासूसों को आईएसआई हवाला के जरिए रुपए भेजती थी। साथ ही इनके बैंक खातों में विदेशों से काफी रुपए आए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में बलराम के अलावा ग्वालियर से 5, भोपाल से 3 और जबलपुर से दो पकड़े गए हैं। ग्वालियर से पकड़ा गया एक आरोपी भाजपा पार्षद का रिश्तेदार बताया गया है। शमी ने बताया कि इस ऑपरेशन पर कई एजेंसियां काम कर रही हैं। जल्द ही देश के विभिन्न हिस्सों से कुछ और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। एटीएसकी प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला कि जासूस सैन्य अफसर बनकर सेना से जुड़ी जानकारियां जुटाते थे। इसके लिए वह नौकरी देने वाले काउंसिलिंग और कॉल सेंटरों की भी मदद लेते थे।

थार से 5 माह में पकड़े जा चुके 5 जासूस

इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम ने गत 28 जनवरी को भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर पाक जाने के लिए टिकट बनवाने आए पाक जासूस चंगानियों की ढाणी सम जैसलमेर निवासी सद्दीक खान उसके एक साथी को पकड़ा था। इनके पास सेना के दस्तावेज और फोटोग्राफ मिले हैं। ये लोग काफी समय से जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर के आर्मी एयरफोर्स एरिया के आसपास घूमकर सैन्य सूचनाएं एकत्रित कर रहे थे। इससे पहले गत वर्ष अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में क्राइम ब्रांच दिल्ली की टीम ने बाड़मेर में जासूसी के आरोप में नागौर निवासी मौलाना रमजान उसके साथी सुभाष जांगिड़ के अलावा जोधपुर निवासी शोएब को पकड़ा था। इधर, 11 फरवरी की रात सीआईडी की विषेष टीम ने किषनगढ़ क्षेत्र से एक और जासूस को पकड़ने में सफलता हासिल की है। सीआईडी बीआई की स्थानीय शाखा के साथ मिलकर की गई इस कार्रवाई में हाजी खान पुत्र रोजे खान निवासी किषनगढ़ के पास से पाकिस्तानी मोबाइल, सिम तथा कुछ अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। वहीं इस टीम ने जिले के धनाना क्षेत्र से एक और संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ा है।

हाजी का ससुर है आईएसआई एजेंट:

जानकारी के अनुसार सीआईडी के हत्थे चढ़े हाजी खान का ससुराल पाकिस्तान में है और उसका ससुर पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट बताया गया है। यह जानकारी भी मिली है कि हाजी खान का पाकिस्तान आना जाना लगा रहता है। उसके घर की तलाषी लेने पर सीआईडी को पाकिस्तानी मोबाइल व सिम के अलावा कुछ अहम दस्तावेज भी मिले हैं। इधर पिछले साल पाकिस्तान निवासी नंदलाल गर्ग के जैसलमेर में रहते हुए आईएसआई के लिए जासूसी करते हुए धरे जाने के बाद से सीआईडी और अन्य एजेंसियों को एक के बाद एक जासूसी में लिप्त तत्वों अथवा आईएसआई के स्लीपर सेल के तौर पर कार्यरत लोगों के खिलाफ सफलता मिल रही है। खुफिया तंत्र से जुड़े जानकार बताते हैं कि नंदलाल की गिरफ्तारी बड़ी सफलता थी। उससे पूछताछ के आधार पर जिले के कई लोगों पर एजेंसियों ने करीबी निगाह रखना शुरू कर दिया। इसके फलस्वरूप सम क्षेत्र के चंगानियों की बस्ती के बाषिंदे सद्दीक खान को पाकिस्तान के लिए ट्रेन पकड़ने से पहले जोधपुर रेलवे स्टेषन पर पकड़ा गया था। सद्दीक की निषानदेही पर पिछले दिनों कुरिया क्षेत्र से बरियम खान और अब किषनगढ़ इलाके से हाजी खान को दबोचा गया है।

पष्चिमी सीमा के पार संदिग्ध गतिविधियां शुरू

खुफिया सूत्रों के अनुसार जैसलमेर से लगती भारत-पाक सीमा पार पड़ोसी देष संदिग्ध गतिविधियों को प्रश्रय दे रहा है। बताया जा रहा है कि युवाओं की मानसिकता बदलने के लिए कैंप चलाए जा रहे हैं और उन्हें भारत के खिलाफ अघोषित युद्ध छेड़ने के लिए विषेष ट्रेनिंग दी जा रही है। भारत पाक की पष्चिमी सीमा पर दबाव बढ़ गया है। पिछले दिनों होम मिनिस्टर ने जैसलमेर दौरे के दौरान यहां जवानों को सतर्क रहने की हिदायत दी थी और सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों से अवांछित तत्वों पर नजर रखने का आग्रह किया था। इधर पाकिस्तान की तरफ से पक्षियों का उपयोग भी जासूसी के लिए किया जा रहा है। बाज को विषेष रूप से खुफिया कैमरे लगाकर सीमा पार भेजा जाता है। पिछले कुछ समय में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। यही नहीं सीमा पार से घुसपैठ भी यदाकदा होती रहती है। पूर्व में जैसलमेर के एसपी रहे अनिल पालीवाल ने अपने दौर में आतंकवादियों और तस्करों के खिलाफ जमकर कार्रवाई की थी। पालीवाल अभी बीएसएफ में अधिकारी है। पालीवाल के बाद जैसलमेर में भगवानलाल सोनी ने अपने पुलिस अधीक्षक के रूप में लंबे कार्यकाल में तस्करों को अपना निषाना बनाया। कई को रासूका में बंद करवाया। उनके कार्यकाल में तस्करों ने अपराध की राह छोड़कर होटल व्यवसाय और पर्यटन व्यवसाय में ध्यान लगाया। बताया जा रहा है कि पुराने तस्कर एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियां इन पर निरंतर नजर रख रही है।