सोमवार, 28 नवंबर 2016

जैसलमेर मंदिर चोरियों का मास्टर माईण्ड गिरफतार



जैसलमेर मंदिर चोरियों का मास्टर माईण्ड गिरफतार

पुलिस थाना कोतवाली, सांगड एवं सदर के मंदिरों में की थी चोरियाॅ

जिले के महत्वपूर्ण मंदिरों में की थी चोरियाॅ

विगत समय में हो रही मंदिर चोरीयों को पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने गम्भीरता से लेते हुए सदर थानाधिकारी महेष श्रीमाली के नेतृत्व में केवलदास सउनि मय कानि0 हजारसिंह, भूपेन्द्रसिंह, मुकेष बीरा की टीम गठित की जाकर कर जैन मंदिर बरमसर व चून्धी गणेष मंदिर चोरी के वांछित मास्टर माईण्ड को गिरफतार करने हेतु जिला जैसलमेर एवं बाडमेर में अलग-अलग जगह पर तलाशी की गई। दौरानी तलाशी टीम द्वारा मंदिर चोरी के मास्टर माईण्ड करीब दो-ढाई महीने से फरार मुल्जिम पनाराम पुत्र गोरधनराम मेघवाल नि0 असाड़े की बेरी जिला बाड़मेर को गिरफतार किया गया हैं।

सदर थानाधिकारी महेष श्रीमाली ने बताया कि दिनंाक 07.09.16 की रात्री में अज्ञात चोरों ने चून्धी गणेष मंदिर व जैन मंदिर बरमसर में रात्री के समय चोरी कर मंदिरों से चुराई तिजौरियां सरहद अमरसागर में झाड़ियों में छिपाई थी जिस पर पुलिस ने गहन अनुसंधान कर तत्परता दिखाते हुए जबलखां, ईमामखां, मुस्ताक खां व मंदिर चोरी में चांदी के आर्टिकल खरीदने वाला दिलीप सोनी नि0 बाड़मेर को पूर्व में गिरफतार कर चोरी में प्रयुक्त टवेरा गाड़ी को जब्त किया गया था। जिससे और भी मंदिर चोरी के राज उगलने की सम्भावना हैं। इसके विरूद्ध पुलिस थाना कोतवाली व सांगड़ में भी मंदिर चोरी के प्रकरण दर्ज हैं।

बाडमेर कृषि मण्डी चुनाव हेतु अस्थायी मतदाता सूची पर सुझाव /आपत्तियां 2 दिसम्बर तक प्रस्तुत की जा सकेगी।-

बाडमेर कृषि मण्डी चुनाव हेतु अस्थायी मतदाता सूची पर सुझाव /आपत्तियां 2 दिसम्बर तक प्रस्तुत की जा सकेगी।-


कृषि उपज मण्डी समिति बाडमेर के निर्वाचन हेतु अस्थायी मतदाता सूची राजस्थान कृषि उपज मण्डी नियम 1963 के उपबन्धो के अनुसार तैयार की जाकर दिनांक 17.11.2016 को प्रकाशित की जा चुकी है।

प्राधिकृत अधिकारी एंव एसडीएम बाडमेर अजय ने बताया कि उक्त अस्थायी मतदाता सूची कार्यालय समय के दौरान निर्वाचन प्राधिकारी तथा कृषि उपज मण्डी समिति बाडमेर के कार्यालय के साथ ही पंचायत समिति कार्यालय बाडमेर, शिव, रामसर, गडरारोड़, बायतु, गिड़ा, सिणधरी, गुड़ामालानी, धौरीमना, धनाऊ, सेडवा, चैहटन, एवं गौणमण्डी कार्यालय धोरीमना, चैहटन, गुड़ामालानी, सिणधरी एंव बायतु के कार्यालय में निरीक्षण के लिए उपलब्ध है। व्यापारी/दलालों एवं तुलाई/मापको/सर्वेक्षको/भण्डारपालों/अन्य व्यक्तियो की मतदाता सूची का अस्थायी प्रकाशन गौण मण्डी कार्यालय एवं व्यापार संघ तथा हम्माल संघ सहित मण्डी समिति कार्यालय में निरीक्षण के लिए उपलब्ध है।




प्राधिकृत अधिकारी एंव एसडीएम बाडमेर अजय ने बताया कि कृषि उपज मण्डी समिति बाडमेर के निर्वाचन हेतु कृषक वर्ग के कुल 08 निर्वाचन क्षैत्र है जिसमें 12 पंचायत समितियों के पंच, सरंपच, पंचायत समिति सदस्य एंव जिला परिषद् के सदस्य मतदाता है।




व्यापारी/दलाल के दो निर्वाचन क्षैत्र है जिसमें वार्ड संख्या 01 में मुख्यमण्डी प्रांगण के भीतर के व्यापारी एंव दलाल तथा वार्ड संख्या 02 में मुख्यमण्डी प्रांगण के बाहर के व्यापारी एंव दलाल, मतदाता है तथा हम्माल/तुलाईकार का 01 निर्वाचन क्षैत्र है। अतः इन तीनो निर्वाचन क्षैत्रों में कृषि उपज मण्डी समिति बाडमेर के व्यापारी/दलाल एवं हम्माल आदि अनुज्ञापत्रधारी ही मतदाता है।




प्राधिकृत अधिकारी एंव एसडीएम बाडमेर अजय ने बताया कि यदि सूचियों में नाम का समावेश करने के लिए कोई दावा करना चाहता हो या नाम समावेश किए जाने की आपत्ति हो या किसी प्रविष्ठि की विवरणियों पर कोई आपत्ति हो तो इसे दिनांक 02.12.2016 को 5ः00 पीएम बजे तक या इसके पूर्व दाखिल कर देना चाहिए, ऐसा दावा या आपत्ति लिखित में इस कार्यालय में की जा सकेगी तथा उसमें प्रसंगत निर्वाचन क्षैत्र के आधार जिनसे सूचियों में प्रविष्टि किये जाने वाले किसी व्यक्ति के अधिकार का प्राख्यान या अधिकार का प्रत्याख्यान होता है वह साक्ष्य जिसे दावेदार या आपत्तिकर्ता का पता या उसका सूची में क्रमांक (यदि कोई हो) प्रस्तुत करने का आशय रखता हो।









नासिक के अन्तराष्ट्रीय कृषि सेमिनार में छाये जैसलमेर के युवा कृषक हरीश धनदे।।स्थायी सदस्यता का न्योता दिया।।




नासिक के अन्तराष्ट्रीय कृषि सेमिनार में छाये जैसलमेर के युवा कृषक हरीश धनदे।।स्थायी सदस्यता का न्योता दिया।।



नासिक जैसलमेर के युवा कृषक हरीश धनदे ने नासिक में अन्तराष्ट्रीय कृषि सेमिनार में भाग लेते हुए अपने विचारों से सभी को प्रभावित किया।इंडो अमेरिका चेम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स ने उन्हें स्थायी सदस्यता का निमंत्रण दे दिया तो कोटक महिंद्रा के चेयरमेन सुरेंद्र कोटक ने उन्हें व्यक्तिगत मुम्बई आने का न्यौता दिया।।नासिक में आयोजित सेमिनार को संबोधहित करते हुए हरीश धनदे ने कहा कि अपनी कहानी बताई पूरी। जिसमे इंजीनियरिंग के बाद एम बी ए के लिए दिल्ली गया। सरकारी नोकरी के लिए बीच में ही एम बी ए छोड़ दिया। फिर किस तरीके से एलोविरा की खेती शुरू की । जैसलमेर के किसानों को आने वाली समस्या से अवगत कराया । भारतीय किसान किस तरह से विदेशी तकनीक का इस्तेमाल करके अपनी गुणवत्ता और कमाई बड़ा सकते हे , इसपे विचार व्यक्त किये। अमेरिका जैसे देशों में अपने प्रोडक्ट पहुचाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए । सबको यही सलाह दी के मेरी तरह अगर आप ठान लो , तो जिंदगी में किसी भी मुकाम पे पहुच सकते हे । बस मेहनत करते रहे और सब्र रखे। एक रात में सफलता नही मिलती । पूरे पैनल ने विचारो को सराहा । कोटक महिंद्रा के चेयरमैन श्रो सुरेद्र कोटक बहुत ही प्रभावित हुए की इतनी कम उम्र में इतनी ऊंचाई छु ली। और मुम्बई आने का व्यक्तिगत निमंत्रण दिया । डॉ बासु , जो की जाने माने बोटानिस्ट हे , उन्होंने जैसलमेर के किसानों को हर तरीके की मदद देने का आश्वाशन दिया और निकट भविष्य में जैसलमेर आने के इच्छा जाहिर की । प्रोग्राम के अंत में महाराष्ट्र के विभिन जगहो से आये किसानों ने हरीश से एलोविरा की खेती से जुड़े विभिन पहलुओं पे चर्चा की। हरीश धनदेव से प्रभावित होते हुए इंडो अमेरिकन चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स ने उन्हें स्थायी सदस्यता का निमंत्रण भी दिया। हरीश ने पैनल के सभी मेंबर्स को जैसलमेर आने का न्योता दिया।

रविवार, 27 नवंबर 2016

जोधपुर.मां का भाई बना हैवान, 3 साल की मासूम से दुराचार की कोशिश, जख्म देकर भाग छूटा



जोधपुर.मां का भाई बना हैवान, 3 साल की मासूम से दुराचार की कोशिश, जख्म देकर भाग छूटा
मां का भाई बना हैवान, 3 साल की मासूम से दुराचार की कोशिश, जख्म देकर भाग छूटा

मासूमों को गंदी हरकतों के जरिए निशाना बनाने की घटनाएं नहीं थम रहीं। कहीं पड़ोसी अंकल, तो कोई अनजान शख्स वारदातें कर फरार हो जाते हैं। अब पीपाड़ थाना इलाके में मां के भाई ने ही मासूम को जख्म दिए और हालत बिगडऩे पर छोड़कर भाग गया...


निगरानी के छोड़ गए थे, लेकिन वह निकला हैवान

मामा-भांजी के रिश्तों को शर्मसार करने वाली यह घटना जोधपुर में पीपाड़ थाना इलाके की है। तीन साल की मासूम भांजी पर पंद्रह साल के मामा की नीयत खराब हो गई। उसने बच्ची को हवश का शिकार बनाने की कोशिश की। वह चीखती-चिल्लाती रही और हालत बिगडऩे पर उसे छोड़कर भाग छूटा। बच्ची की हालत और मामा लापता होने पर परिजनों ने थाने में मामला दर्ज कराया। बच्ची को मेडिकल के उपरांत अस्पताल में भर्ती कराया।








पुलिस ने बताया कस्बे में ही रहने वाली तीन साल की बच्ची अपने मामा के साथ घर पर थी। बच्ची के माता-पिता किसी काम से घर के बाहर गए थे और निगरानी के लिए मामा को छोड़कर गए थे, लेकिन मामा ने अपनी भांजी को टॉफी दिलाने के बहाने साइकिल पर बैठाकर घुमाया। कुछ ही दूर सुनसान जगह देखी और बिगड़ी नीयत से वहां उठा ले गया। बच्ची के दर्द से चीखने और खून बहने पर वहां से फरार हो गया।








पुलिस ने बताया कि आरोपी नाबालिग है और उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। उसकी तलाश की जा रही है। गिरफ्त में लिए जाने पर उसे जयपुर बालसुधार गृह भी लाया जा सकता है।

जोधपुर।राजस्थान के इस गांव में अगर लड़की कर दे कुंवारे लड़के की पिटाई, तो हो जाती है उसकी शादी!



जोधपुर।राजस्थान के इस गांव में अगर लड़की कर दे कुंवारे लड़के की पिटाई, तो हो जाती है उसकी शादी!
राजस्थान के इस गांव में अगर लड़की कर दे कुंवारे लड़के की पिटाई, तो हो जाती है उसकी शादी!

हमारे देश में कई तरह की मान्यताएं मानी जाती हैं। यूं कहे कि दुनिया में सबसे ज्यादा मान्यताएं हमारे देश में ही हैं तो ये गलत नहीं होगा। आज हम आपको राजस्थान के मारवाड़ प्रांत खासकर जोधपुर में मनाएं जाने वाले एक खास उत्सव के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसकी मान्यताओं के अनुसार लड़किया कुंवारे लड़कों को पीटती है। अगर लड़की का डंडा किसी लड़के को लग जाता है तो उसकी शादी होना पक्का समझा जाता है। इस उत्सव का नाम "धींगा गवर" है।




ऐसे में धींगा गवर की पूजा करने वाली सुहागिनें अपने हाथ में बेंत या डंडा ले कर आधी रात के बाद गवर के साथ निकलती हैं। वे पूरे रास्ते गीत गाती हुई और बेंत लेकर उसे फटकारती हुई चलती रहती हैं। बताया जाता है कि महिलाएं डंडा फटकारती हैं ताकि पुरुष सावधान हो जाए और गवर के दर्शन करने की बजाय किसी गली, घर या चबूतरी की ओट लेकर छुप जाए। कालांतर में यह मान्यता स्थापित हुई कि जिस युवा पर बेंत (डंडा) की मार पड़ती उसका जल्दी ही विवाह हो जाता। इसी परंपरा के चलते युवा वर्ग इस मेले का अभिन्न हिस्सा बन गया है।




धींगा गवर की पूजा विशेष रूप से मारवाड़ क्षेत्र में ही की जाती है। जोधपुर, नागौर और बीकानेर में धींगा गवर का उत्सव मनाया जाता है। ऐेतिहासिक तथ्यों के अनुसार ईसर एवं गवर शिव और पार्वती के प्रतीक हैं, जबकि धींगा गवर को ईसर की दूसरी पत्नी के रूप में मान्यता मिली हुई है।







किवदंती के अनुसार धींगा गवर मौलिक रूप से एक भीलणी थी, जिसके पति का निधन उसकी यौवनावस्था में ही हो गया था और वो ईसर के नाते आ गई थी। इसलिए धींगा गवर चूंकि विधवा हो गई और उसे ईश्वर की कृपा से पुनः ईसर जैसे पति मिल गए, इसी तथ्य के मद्देनजर विधवाओं को भी इस त्योहार पर पूजन करने की छूट मिल गई थी।