बुधवार, 29 जून 2016

बीजेपी की राजनीती ने चमकता चेहरा ठाकुर शिखा सिंह ,मोदी जी की माता जी से मिले

बीजेपी की राजनीती ने चमकता चेहरा ठाकुर शिखा सिंह ,मोदी जी की माता  जी से मिले


दिल्ली बीजेपी की राजनीती में उत्तर प्रदेश से चमकता चेहरा ठाकुर शिखा सिंह बंधू ,पिछले कुछ सालो में समाज सेवा के माध्यम से अपनी ख़ास पहचान बनाई हैं ,उन्होंने आज गांधी नगर गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता जी हीरा बेन से मुलाकात की ,शिखा सिंह से मिल के हीरा बेन काफी खुस हुई उन्होंने शिखा सिंह को मिठाई खिलाकर सफलता और उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद दिया ,शिखा सिंह उत्तर प्रदेश के गढ़मुक्तेश्वर विधानसभा क्षेत्र को को अपनी कर्मभूमि बना रही हैं ,इसी विधानसभा क्षेत्र के हापुड़ जनपद के अलीपुर की रहने वाली शिखा सिंह ने अपने तेज तर्रार व्यक्तित्व से खास पहचान बनाई व्ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर राजनीती में आई ,उनका कहना हे उत्तर प्रदेश में अगली सरकार बीजेपी की बनेगी ,बीजेपी के प्रति लोगो में विश्वास बढ़ा हैं ,हम अपने लोगो की सेवा के लिए राजनीती में आये हैं ,राजनीती को मिशन बना के काम करेंगे ,एक साल से शिखा सिंह अपने लोगो के बीच सेवा कर रही हैं ,लोगो को उनका साथ खूब भा रहा हैं ,दिनोदिन उनकी लोकप्रियता बढाती जा रही हैं,ऐसे में बीजेपी को एक नया चेहरा विधानसभा तक जाने के लिए आसानी से मिल जायेगा ,गढ़मुक्तेश्वर से ,आज उन्हें मोदी जी की मत जी का भी आशीर्वाद मिल गया 



बाड़मेर। चुतरसिंह हत्याकांड की सीबीआई जाँच नही होने तक आर-पार लड़ाई का एलान

बाड़मेर। चुतरसिंह हत्याकांड की सीबीआई जाँच नही होने तक आर-पार लड़ाई का एलान




बाड़मेर। जैसलमेर पुलिस द्वारा कानून के शासन को प्रजातंत्र की धज्जियां उड़ाई गई है। जिस तरिके से जैसलमर पुलिस ने चुतरसिंह को गोलियों से भून कर मारा है व दो अन्य को गोली बारी से घायल किया है उससे लगता है कि जैसलमेर पुलिस गैरकानूनी काम करने के नये रिकार्ड कायम कर रही है। यह बात चुतरसिंह हत्याकाण्ड संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित सभा में एडवोकेट स्वरूपसिंह राठौड़ ने कही। राठौड़ ने कहा कि जब तक इस प्रकरण की सी.बी.आई. जांच नहीं हो जाती तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। जिले के प्रत्येक तहसील मुख्यालय व पंचायत मुख्यालय तक इस आंदोलन को फैलाया जायेगा।



कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बाड़मेर रावत त्रिभुवन सिंह ने कहा कि अन्याय के खिलाफ हमको एक जूट होकर संघर्ष करना है और हम मुख्यमंत्री से सामुहिक मांग करते है कि इस प्रकरण की जांच सी.बी.आई. सौंप कर लोगों के आक्रोष को शांत करे व न्याय करे।

राजेन्द्र सिंह भियांड़ ने कहा कि जैसलमेर पुलिस का कृत्य लोकतंत्र कानून व सविंधान सभी की हत्या है। यह सरकार के उपर बहुत बड़ा कलंक है कि जैसलमेर पुलिस द्वारा निहत्थे नौजवानो के उपर गोलियां बरसाइ गई। दरअसल लोकतंत्र में इस तरह की हत्यायें कतेई सहनीय नहीं है। आज से हम राज्य व्यापी बड़े आन्दोलन का आगाज कर रहे है। जो सी.बी.आई. जांच तक जारी रहेगा।

पूर्व उपप्रधान जोगेन्द्र सिंह रामसर ने कहां कि जैसलमेर पुलिस अधीक्षक इस हत्या काण्ड में सीधे सीधे सामिल है। इनके विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर इनकों शीघ्र गिरफ्तार किया जाये।

जिला परिषद् सदस्य गणतपसिंह तांणू ने कहा कि हम पुलिस के इस अन्याय को कतेई सहन नहीं करेंगे और बाड़मेर जिलेे के गांव-गांव व ढ़ाणी-ढ़ाणी से चुतरसिंह को न्याय दिलाने के लिए व आगामी आंदोलन के लिए शहीदी जत्थे निकलेंगे और इस संघर्ष को करेंगे।

क्षत्रीय युवक संघ के बाड़मेर प्रांत प्रमुख रामसिंह माडपुरा ने कहा कि यह पुलिस के अन्याय की पराकाष्ठा है और जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक हम इस लड़ाई को राजस्थान के घर घर तक ले जायेंगे व इस हत्याकांड में शामिल पुलिस कर्मियों को भारत के कानून के हिसाब से पूरा दण्ड मिले तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

कार्यक्रम को सम्बोंधित करते हुए स्वरूपसिंह खारा ने कहा कि भारत की न्याय व्यवस्था व कानून व्यवस्था को ताक में रखकर जैसलमेर पुलिस द्वारा जो मौके पर न्याय करने का नया तरीका अपनाया गया है वह देष के लिए बहुत खतरनाक है। हम पश्चिमी सीमा के लोग देष भक्त है और देष के कानून तोड़ने वालो के अन्याय व जुर्म के खिलाफ लड़ते रहेंगे। इस हत्याकाण्ड की शीघ्र सी.बी.आई. जांच हो यह राजस्थान सरकार का फर्ज बनता है।

गिरधरसिंह कोटड़ा ने कार्यक्रम को सम्बोंधित करते हुए कहा कि जैसलमेर पुलिस व एस.पी. द्वारा जो कानून हाथ मे लेकर हत्या की गई है उस हत्या के खिलाफ पूरा बाड़मेर जिला जब तक न्याय नहीं हो जाता है संघर्ष करता रहेगा। यह राजस्थान के इतिहास में ऐसी पहली घटना है।

प्रविण सिंह आगौर ने कहा कि आने वाले समय में हमें इस संघर्ष को ओर ज्यादा तेज करना होगा तभी पुलिस अत्याचार के खिलाफ चुतरसिंह हत्याकाण्ड में हमको न्याय मिल सकता है।

युवा नेता भोमसिंह बलाई ने युवाओं से आह्वान किया कि इस संघर्ष में युवा शक्ति को कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन खड़ा करना है। हमारे युवा साथी की पुलिस द्वारा की गई निर्मम हत्या के न्याय के लिए जब तक सी.बी.आई. जांच नहीं हो जाती तब तक संघर्ष जारी रखना है।

पूर्वछात्र संघ अध्यक्ष रघुवीरसिंह तामलोर ने कहा कि जैसलमेर पुलिस के इस कृत्य को राजस्थान का बच्चा - बच्चा गलत कह रहा है सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि तुरन्त सी.बी.आई. जांच का ऐलान करे और पूरे घटनाक्रम की सच्चाई को सामने लाये। तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

छात्रनेता बांकसिंह महाबार ने कहा कि इस हत्याकाण्ड की जितनी निनदा की जाये उतनी कम है। हम सब एक जूट होकर लड़ेंगे तभी न्याय मिल पायेगा।

हंडवंत सिंह कवास ने कहा कि पुलिस ने पूरी साझिस के साथ इस हत्याकाण्ड को अंजाम दिया है। इतना बड़ा गैरकानूनी काम पुलिस द्वारा किया गया है। राजस्थान के सभ्य नागरिकों के सामने यह हत्याकाण्ड बड़ी चुनौती है कि देष में कानून का राज रहेगा या गुण्डगर्दी का। पुलिस की गुण्डगर्दी की निंदा करते है।

इस अवसर पर छात्रनेता लोकेन्द्रसिंह गोरड़िया, सांगसिंह लुणू, नारायणसिंह इन्द्राई ने भी सम्बोंधित किया।

कार्यक्रम का संचालन महेन्द्रसिंह तारातरा ने किया।
ये रहे उपस्थित:- उपप्रधान मगरसिंह खारा, महावीर सिंह चुली, आजाद सिंह राठौड़, श्यामसिंह रामसर, भीमसिंह बीजड़ियार, जामतसिंह हरसाणी, प्रविणसिंह सोढ़ा, स्वरूपसिंह आगौर, हठेसिंह रामदेरिया, नेपालसिंह तिबणियार, तनवीरसिंह फौगेरा, देवीसिंह इन्द्राई, रतनसिंह उत्तरलाई, जसवंतसिंह आगौर, वी.पी. सिंह आगौर, महेन्द्रसिंह आगौर, जबरसिंह तारातरा, लीलसिंह उण्डखा समेत सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।

सभा के पश्चात् उपस्थित सभी लोगों ने काली पट्टी बांधकर बाड़मेर शहर के मुख्य बाजार से कलेक्ट्रेट तक रेली निकाल कर पुलिस अत्याचार के खिलाफ विरोध प्रकट किया। तत् पश्चात् ऐडवोकेट स्वरूपसिंह राठौड़ के नेतृत्व में प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री के नाम सी.बी.आई. जांच व पुलिस अधीक्षक जैसलमेर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग का ज्ञापन अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी. विष्नोई को सौंपा। और साथ ही 48 घंटे में कोई संतोष जनक कार्यवाहीं नही होने पर जिलाव्यापी उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी।

भरतपुर। शीतला की प्रतिमा खंडित कर धार्मिक उन्माद फैलाने का प्रयास

भरतपुर। शीतला की प्रतिमा खंडित कर धार्मिक उन्माद फैलाने का प्रयास


भरतपुर। धार्मिक आस्था की प्रतीक शीतला माता की प्रतिमा को खंडित किए जाने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। प्रतिमा खंडित किए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए आरोपियों की शीघ्र ही गिरफ्तारी की मांग की है। मामला कामा थाना क्षेत्र के गांव कुलवाना का है, जहां कल शाम एक समुदाय विशेष के युवकों ने शीतला माता की मूर्ति खंडित कर दी थी।


इसका पता उस समय चला, जब कल शाम को गांव के बच्चे वहां दूध चढ़ाने के लिए आए। इसके बाद आज सुबह ग्रामीण इकट्ठे हुए और पंचायत कर विरोध प्रदर्शन किया। सूचना मिलने पर सीओ राजपाल गोदारा मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश के लिए प्रयास किया। बाद में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने और शीघ्र गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए।


ग्रामीणों के अनुसार उनका यह प्राचीन मंदिर गांव से करीब एक किलोमीटर दूर जंगल में स्थित है, जो उनकी आस्था का प्रतीक है। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आरोपियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो वे बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

बालोतरा के पूर्व विधायक मदन प्रजापत की जमानत याचिका खारिज,अगली सुनवाई 4 जुलाई को

बालोतरा के पूर्व विधायक मदन प्रजापत की जमानत याचिका खारिज,अगली सुनवाई 4 जुलाई को 



जोधपुर/ बालोतरा । बालोतरा के पूर्व विधायक मदन प्रजापत की ओर से दायर किये गए जमानत आवेदन पर उन्हें आज भी राहत नही मिल पाई और अब प्रजापत को सात दिन और जेल में रहना पड़ेगा। जस्टिस दीपक माहेश्वरी की अदालत में याचिका को सुनवाई के लिए रखा गया था। कल तो समयाभाव के चलते सुनवाई नहीं हो पाई थी, लेकिन आज सुनवाई के बाद जस्टिस ने केस डायरी पेश करने के आदेश दिये है। याचिका पर अगली सुनवाई अब चार जुलाई को होगी।
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याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज गर्ग ने कहा राजनीतिक रंजिश के चलते सब कुछ घटित हुआ है, ऐसे में जमानत दी जानी चाहिए। वहीं सरकार की ओर से पक्ष रखते ओंकारसिंह राजपुरोहित ने कहा कि जमानत आवेदन पर पहली बार सुनवाई की जा रही है, ऐसे में केस डायरी मंगवाकर सारे फैक्टस देखने आवश्यक है। कोर्ट ने चार जुलाई को अगली सुनवाई पर केस डायरी पेश करने के आदेश दिये है।


गौरतलब है कि बालोतरा के पूर्व एमएलए मदन प्रजापत के खिलाफ रीको की ओर से अतिक्रमण हटाए जाने के समय उसका विरोध करने व रीको प्रबंधक को थप्पड मारने का आरोप लगाया गया था। बाद में हुए दंगों में जहां मैनेजर घायल हो गए तो उन पर आईपीसी की धारा 307 के तहत भी आरोप लगाया गया।

बाड़मेर भारत पाक सीमा पर संदिघ्ध व्यक्ति गिरफ्तार,संयुक्त पूछताछ जारी



बाड़मेर भारत पाक सीमा पर संदिघ्ध व्यक्ति गिरफ्तार,संयुक्त पूछताछ जारी

बाड़मेर सीमा सुरक्षा बल ने भारत पाक अन्तर्राष्ट्र्य सीमा पर संदिघ्ध रूप से घूमते हुए एक गिरफ्तार किया ,

पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख बताया की एक संदिग्घ व्यक्ति सुनिल कुमार पुत्र श्री षिवमसिंह ,उम्र 25 वर्ष निवासी गांव राजगढ, तेल गलिया गांव जिला पुरनिया बिहार ,अन्तराष्ट्रीय सीमा क्षैत्र में संदिग्ध अवस्था में घुमता हुआ पाया जाने पर बीएसएफ की सीमा चैकी सोमराड द्वारा दस्तयाब कर पुलिस थाना बीजराड को सुर्पुद किया गया। जिसको आज सयुक्त पूछताछ हेतु सीआईडीबीआई बाडमेर पूछताछ केन्द्र पर भेजा गया। जिससे सयुक्त पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के बाद ही सीमा क्षैत्र में प्रवेष करने एवं संदिग्घ गतिविधियों के बारे में जानकारी होगी। संदिग्ध के पास एक मोबाईल जेन कम्पनी का पाया गया है जिसमें सीम कार्ड नही है केवल मेमोरी कार्ड है इसके अलावा कोई संदिग्ध वस्तु नही पाई गई है।

जयपुर।फिर गैंगस्टर नहीं गुर्गा चढ़ा हत्थे, जयपुर से दबोचा गया आनंदपाल का 'नज़दीकी'



जयपुर।फिर गैंगस्टर नहीं गुर्गा चढ़ा हत्थे, जयपुर से दबोचा गया आनंदपाल का 'नज़दीकी'
फिर गैंगस्टर नहीं गुर्गा चढ़ा हत्थे, जयपुर से दबोचा गया आनंदपाल का 'नज़दीकी'

राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल को गिरफ्त में लेने में भले ही पुलिस को सफलता नहीं मिल सकी हो लेकिन उसकी तलाश के दौरान उसके गुर्गे ज़रूर हाथ लग रहे हैं। एक ताज़ा कार्यवाई में आनंदपाल का एक और गुर्गा हत्थे चढ़ा है।

सूत्रों के मुताबिक़ पुलिस, एटीएस और एसओजी की टीम के संयुक्त तलाशी अभियान में आंनदपाल का ये गुर्गा जयपुर से दबोचा गया है। हालांकि इस मामले में आधिकारिक खुलासा पुलिस शाम तक कर सकती है।

प्रारम्भिक जानकारी में सामने आया है कि गिरफ्त में चढ़े गुर्गे का नाम कुलदीप है और वो मूल रूप से सीकर का रहने वाला है। बताया जा रहा है वह पिछले लम्बे समय से जयपुर में ही रह रहा था। वह आनदंपाल और उसके साथियों के साथ लगातार जुडा हुआ था।




पुलिस ने आनंदपाल सिंह के जो अन्य गुर्गे दबोचे थे उनसे पूछताछ के आधार पर कुलदीप का नाम भी सामने आया था। कुलदीप को कब दबोचा गया इस बारे में फिलहाल पुलिस खुलासा नहीं कर रही है। गौरतलब है कि आनंदपाल की तलाश में फिलहाल प्रदेश पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी है।

बाड़मेर.पड़ोसी भी नहीं जानते कि चतरसिंह ने निशानेबाजी में 42 मेडल जीते



बाड़मेर.पड़ोसी भी नहीं जानते कि चतरसिंह ने निशानेबाजी में 42 मेडल जीते
पड़ोसी भी नहीं जानते कि चतरसिंह ने निशानेबाजी में 42 मेडल जीते

बाड़मेर-जैसलमेर जिले की सीमा पर बसा कोहरा गांव। अधिकृत तौर पर जैसलमेर जिले में आने वाला कोहरा गांव भौगोलिक रूप से इस कदर कोने में आया हुआ है कि जैसे अपने नाम को ही सार्थक कर रहा है। इस कोहरा गांव में वर्षों से कोहरे में घिरा एक नाम है चतरसिंह राठौड़, जिन्हें गुमनाम शख्सियत कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। सत्तर व अस्सी के दशक में इस शख्स की राइफल से निकली गोलियों ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुल 42 मेडल पर निशाना साधा।




यदि भाग्य ने साथ दिया होता तो यह अनपढ़ शख्स अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज करणीसिंह के बाद ओलिम्पिक खेलने वाला राजस्थान का दूसरा निशानेबाज बन जाता, लेकिन एेसा हो न सका। फिर भी जो उपलिब्धयां इस शख्स के खाते में हैं, वह गुमनाम रहने लायक तो कत्तई नहीं। लेकिन हकीकत यह है कि उनकी इन उपलब्धियों के बारे में उनके पड़ोसी तक ठीक से नहीं जानते।

प्रतिभा के धनी चतरसिंह

सीमा सुरक्षा बल के गठन के साथ ही अनपढ़ चतरसिंह राठौड़ को बीएसएफ में भर्ती होने का मौका मिल गया। वर्ष 1966 में बीएसएफ में भर्ती होने से पहले उन्होंने हथियार को हाथ भी नहीं लगाया। लेकिन बीएसएफ के इन्दौर स्थित टे्रनिंग सेण्टर में जैसे ही हथियार उनके हाथ में आया, वैसे ही उनकी कुदरती प्रतिभा खुलकर सामने आ गई।




ट्रेनिंग में वह अपने बैच के बेस्ट निशानेबाज बनकर उभरे। बीएसएफ ने उनकी निशानेबाजी की प्रतिभा को पहचाना। 22 राइफल व फुल बोर राइफल में उनकी महारत को देखते हुए उन्हें इसका विशेष अभ्यास करवाया गया। महज दो वर्ष के भीतर ही उन्हें नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इण्डिया की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिला।




वर्ष 1971 में राठौड़ ने 22 राइफल 75 मीटर डिस्टेंस व फुल बोर राइफल 300 मीटर डिस्टेंस में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। यह सिलसिला वर्ष 1984 तक चलता रहा। इस दरम्यान उन्होंने देश के विभिन्न शहरों में आयोजित राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में कुल 42 मेडल जीते। 1980 के मास्को ओलम्पिक में क्वालीफाई करने का मौका भी उनके हाथ आया, लेकिन वह चूक गए।

सेवानिवृत्ति के बाद खेती

कुदरती प्रतिभा का धनी यह निशानेबाज वर्ष 1995 में बीएसएफ में हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हो गया और गांव में बसे-बसाए परिवार के साथ नई जिन्दगी एक किसान के रूप में शुरू कर दी। निशानेबाजी में मिले मेडल व सर्टिफिकेट एक बक्से में डालकर रख दिए। बीते बीस वर्ष से चतरसिंह गांव में ही खेती कर रहे हैं।

अरे साहब! इतने सारे मेडल

भारतीय खाद्य निगम बाड़मेर में पदस्थापित रहीमखां छीपा कोहरा गांव के निवासी हैं। आखातीज पर वह गांव गए तो उन्हें पता चला कि चतरसिंह का पांव फ्रेक्चर हो गया है। छीपा उन्हें देखने चले गए। किसी कारणवश मेडल से भरा वह संदूक छीपा के सामने खुला तो उन्होंने पूछ लिया कि यह क्या है? चतरसिंह ने जवाब दिया कि ये पुरानी यादें हैं, लेकिन अब किसी काम की नहीं।




चतरसिंह ने को बताया कि अब मैं भी यह चाहता हूं कि कोई मुझसे भी निशानेबाजी का हुनर सीखे। हालांकि यह कैसे होगा, कोई नहीं जानता।

जैसलमेर मे चुतरसिह हत्याकांड के विरोध मे जनता हो रही है लामबंद ।



जैसलमेर मे चुतरसिह हत्याकांड के विरोध मे जनता हो रही है लामबंद  ।
जोधपुर मे मारवाड़ राजपूत सभा के अध्यक्ष हनुमान सिह खाँगटा के नेतृत्व मे सैकड़ों युवाओं ने प्रदर्शन कर चुतरसिह प्रकरण की जाँच CBI से करवाने और दोषियों को बर्खास्त कर मुकदमा चलाने की माँग की ।

पोकरण मे भी लोगों मे इस हत्याकांड के विरुद्ध जबरदस्त रोष देखने को मिला । सैकड़ों की संख्या मे लोगों ने एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रकरण की CBI जाँच की मांग की ।

बालोतरा मे भी लोगों मे चुतरसिह हत्याकांड मे जैसलमेर पुलिस के खिलाफ जबर्दस्त गुस्सा देखने को मिला । भारी संख्या मे लोगो ने एकत्रित होकर SDM,कार्यालय तक रैली निकालकर ज्ञापन सौंपा । और इस हत्याकांड की जल्द से जल्द CBI से जाँच करवाने की माँग की । माँगे ना मानने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी ।

जैसलमेर चुतर सिंह के खिलाफ थे १७ मुकदमे १५ न्यायलय में। पुलिस अधीक्षक का खुलासा



जैसलमेर चुतर सिंह के खिलाफ थे १७ मुकदमे १५ न्यायलय में। पुलिस अधीक्षक का खुलासा


जैसलमेर जैसलमेर पुलिस अधीक्षक डॉ राजीव पचार ने बुधवार दोपहर आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया की मोकळा में तीन दिन  पहले पुलिस की गोली से मारे गए बछिया निवासी चुतर सिंह के खिलाफ सतरह मुकदमे दर्ज हैं जिसमे 15 न्यायलय में चल रहे हैं ,मोहनगढ़ ,खुहड़ी ,सांकड़ा ,सांगड ,कोतवाली ,सदर जैसलमेर ,राजीव नगर थाना जोधपुर ,जैसलमेर में ये मामले दर्ज हैं ,इस पन्द्र मुकदमों के चलन न्यायलय में पेश किये जा चुके हैं ,सभी मुकदमे जेर ट्रायल हैं ,कई मुकदमों में जमानत करने के बावजूद अपराधी गतिविधियों में लिप्त रहे चुतर सिंह के खिलाफ निगरानी रखने की िजजजत गिराब थाना द्वारा गत साल स्वीकृति मांगी गयी थी व्ही पुलिस अधीक्षक बाड़मेर द्वारा चुतर सिंह की हिस्ट्रीशीट खोली गयी ,पुलिस अधीक्षक डॉ राजीव पचर ने बताया की चुतर सिंह अपराधिक प्रवर्ति का था ,गिराब थाना का हिस्ट्रीशीटर था