शनिवार, 2 अप्रैल 2016

13 साल की बेटी को किया प्रेग्‍नेंट, आरोपी बाप की कोर्ट में यूं हुई धुनाई

13 साल की बेटी को किया प्रेग्‍नेंट, आरोपी बाप की कोर्ट में यूं हुई धुनाई
आरोपी बाप को देखते ही मारने-पिटने के लिए टूट पड़ीं महिला वकील।
आगरा.13 साल की बेटी का यौन शोषण कर प्रेग्‍नेंट करने के आरोपी पिता को महिला वकीलों ने जमकर पिटाई की। पुलिस शुक्रवार को उसे गिरफ्तार कर दीवानी अदालत परिसर में पेश करने लाई थी। यहां पर पहले से ही महिला वकीलों की भीड़ उसका इंतजार कर रही थी। आरोपी पिता के आते ही भीड़ पीटने लगी। महिला पुलिस न होने की वजह से पुरुष पुलिकर्मी उन्‍हें रोक नहीं पा रहे थे। किसी तरह से पुलिस उसे लेकर सीजेएम अष्‍ठम के सामने पेश किया। आगे पढ़िए क्‍या है पूरा मामला…
13 साल की बेटी को किया प्रेग्‍नेंट, आरोपी बाप की कोर्ट में यूं हुई धुनाई
-शाहगंज के ग्‍यासपुरा में एक 13 साल की लड़की के साथ उसी के पिता उमेश पर रेप का आरोप लगा है।

-पुलिस के अनुसार, पीड़ित मुनिया (काल्पनिक नाम) 6 माह के गर्भ से है।

-लड़की ने थाना शाहंगज में बीते बुधवार को पिता के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज करवाया था।

-गुरुवार को पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को पुलिस उसे लेकर कोर्ट नंबर सात में पहुंची, लेकिन यहां पर सीजेएम मौजूद नहीं थे।

-यहां से निकलते ही महिला वकीलों ने आरोपी उमेश को पीटना शुरू कर दिया।

-इसके पहले मोहल्‍ले के लोगों ने भी उमेश की जबरदस्‍त पिटाई की थी।

महिला वकीलों ने कहा- आरोपी ने पिता शब्‍द को किया है कलंकित

-इसके बाद पुलिस उसे बचाते हुए कोर्ट नंबर आठ में एसीजेएएम वीरेंद्र कुमार की आदलत में ले गई।

-महिला वकीलों का कहना है कि उमेश ने पिता शब्‍द को कलंकित किया है। उसकी पिटाई होनी चाहिए।

-थाना हरीपर्वत प्रभारी जेएस अस्‍थाना ने पिटाई के मसले पर मौजूद पुलिसकर्मियों को फटकार भी लगाई।

पीड़िता के भाई फांसी लगाकर कर चुका है जान देने की कोशिश

-4 माह पूर्व अचानक मुनिया का घर से निकलना बंद हो गया। बच्ची का पेट बाहर निकलता देख स्थानीय लोग आपस में चर्चा करने लगे।

-प्रेग्‍नेंट होने के बाद पिता और भाई दोनों एक-दूसरे पर रेप का आरोप लगाने लगे।

-तब भाई ने 29 मार्च को फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की, लेकिन उसे बचा लिया गया।

-फिलहाल उसे एसएन अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है। 6 माह पहले ही आरोपी भाई की शादी हुई है।

क्‍या कहना है मुनिया का

मुनिया ने थाना शाहगंज में पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। इंस्पेक्टर शाहगंज राजीव सिरोही ने बताया कि एफआईआर में उसने कहा है कि पिता ने उसके साथ बार-बार रेप किया।

यहां चलता है 'औरतों का राज', कर सकती हैं कई मर्दों से शादी

यहां चलता है 'औरतों का राज', कर सकती हैं कई मर्दों से शादी


शिलॉन्ग।दुनियाभर में कई ऐसी जनजातियां हैं, जिनके बारे में जानकर हैरत होती है। इनके रहन-सहन, कानून सबकुछ बिल्कुल अलग होता है। ऐसी ही एक जनजाति भारत के मेघालय में रहने वाली खसी ट्राइब्स है। समाज से अलग ये जनजाति महिला प्रधान है और पूरी संपत्ति मां के नाम पर रहती है। इसके बाद बेटी को ट्रांसफर कर दी जाती है। महिलाएं कर सकती हैं कई मर्दों शादी...
खसी महिलाएं।
इस जनजाति में महिलाओं का वर्चस्व रहता है। वह कई पुरुषों से शादी कर सकती हैं। इतना ही नहीं, पुरुषों को अपने ससुराल में ही रहना पड़ता है। हालांकि, हाल के सालों में यहां कई पुरुषों ने इस प्रथा में बदलाव लाने की मांग की है। उनका कहना है कि वे महिलाओं को नीचा नहीं करना चाहते, बल्कि बराबरी का हक मांग रहे हैं।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां के कई लोगों का कहना है कि बेटी के जन्म होने पर काफी जश्न मनाया जाता है, जबकि बेटे के जन्म लेने पर उतनी खुशी नहीं होती। इसके अलावा, यहां के बाजार और दुकानों पर भी महिलाएं ही काम करती हैं। बच्चों का सरनेम भी मां के नाम पर होता है।

छोटी बेटी को मिलती है सबसे ज्यादा संपत्ति

खासी समुदाय में सबसे छोटी बेटी को विरासत का सबसे ज्यादा हिस्सा मिलता है। इस कारण से उसी को माता-पिता, अविवाहित भाई-बहनों और संपत्ति की देखभाल भी करनी पड़ती है। छोटी बेटी को खातडुह कहा जाता है। उसका घर हर रिश्तेदार के लिए खुला रहता है। इस समुदाय में लड़कियां बचपन में जानवरों के अंगों से खेलती हैं और उनका इस्तेमाल आभूषण के रूप में भी करती हैं।

जब यूपी क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर का कॉलर पकड़ घसीटने लगा था ये IPS

जब यूपी क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर का कॉलर पकड़ घसीटने लगा था ये IPS


.पुलिस वीक धूमधाम से मनाया जा रहा है। वैसे तो नवनीत सीकेरा जैसे आईपीएस अधिकारियों ने यूपी को चमकाया है, लेकिन पिछले साल स्टेट पुलिस का नाम गलत कारणों से सुर्खियों में था। पटना के सिटी एसपी ने यूपी क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर को सरेआम घसीटते हुए गिरफ्तार किया था। पढ़िए उस हाईवोल्टेज ड्रामा की डीटेल्स...

जनवरी 2015 में पटना के डाक बंगला चौक पर हुई थी ये घटना।

- जनवरी 2015 में मुरादाबाद क्राइम ब्रांच की टीम एक केस के सिलसिले में पटना गई थी।

- इंस्पेक्टर सर्वचंद्र और टीम को 2012 में पटना से बेची गई एक मोबाइल सिम पर जांच करनी थी।

- यूपी क्राइम ब्रांच का कहना था कि पटना से अलॉट हुई सिम से यूपी में बहुत साइबर क्राइम हुए।

- सर्वचंद्र कथित तौर पर पटना के दो मोबाइल ट्रेडर्स से जांच की धमकी देते हुए 10 हजार रुपए घूस मांग रहा था।

- मोबाइल कनेक्शन की दुकान चलाने वालों का आरोप था कि मुरादाबाद की पुलिस उन्हें फोन पर परेशान कर रही है।

- इस बात की शिकायत उन्होंने पटना सिटी एसपी शिवदीप वमन लांडे के पास की थी।




सरेआम दबोचा, फिर घसीटा

- प्लान के मुताबिक पटना के डाक बंगला चौक पर मुरादाबाद का इंस्पेक्टर मोबाइल कनेक्शन ट्रेडर्स से मिलने पहुंचा।

- वहीं पर लाल टी-शर्ट, जींस और गमछा पहने लांडे अपनी टीम के साथ मौजूद थे।

- रिपोर्ट के मुताबिक जैसे ही इंस्पेक्टर ने पैसे लिए, वैसे ही पटना एसपी ने उन्हें पकड़ लिया।

- सबसे पहले लांडे ने क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर का गिरेबान पकड़ा और उसे घसीटते हुए अपनी गाड़ी तक ले गया।

- गिरेबान पकड़ने के बाद लांडे ने उन दोनों ट्रेडर्स से इंस्पेक्टर की पहचान करने को कहा।

- शॉक में आया इंस्पेक्टर लगातार खुद को छोड़ने की गुहार कर रहा था, लेकिन लांडे पर कोई असर नहीं हुआ।

- लांडे की टीम सर्वचंद्र को लेकर थाने ले गई।

एक गलती से हुई फजीहत

- मुरादाबाद के इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करने के बाद लांडे ने कहा था कि वे अपने शहर की जनता के साथ ऐसी दादागिरी नहीं होने देंगे।

- उनका मकसद शहर की जनता की भलाई था, लेकिन अंत में उन्हें फजीहत झेलनी पड़ी।

- घटना के बाद आईं रिपोर्ट्स के मुताबिक पटना एसपी घूस में दिए नोटों के बंडल पर कैमिकल लगाना भूल गए थे।

- यह कैमिकल एंटी-करप्शन यूनिट लगाती है जिससे घूस लेने वाले अधिकारी को रंगे हाथ पकड़ा जाता है।

- इस गलती की वजह से लांडे का पक्ष कमजोर हो गया और मुरादाबाद के इंस्पेक्टर को बरी कर दिया गया।

- यही नहीं, लांडे को सीनियर्स से फटकार भी सुननी पड़ी।

ईमानदारी में अव्वल हैं लांडे

- देश के दबंग आईपीएस में शुमार शिवकुमार लांडे अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं।

- उन्हें बिहार की जनता 'दबंग' या 'सिंघम' के नाम से बुलाती है।

इस नगर वधू की सुंदरता के कारण हुआ युद्ध, फिर बनी बौद्ध भिक्षुणी

इस नगर वधू की सुंदरता के कारण हुआ युद्ध, फिर बनी बौद्ध भिक्षुणी
इतिहासकारों के मुताबिक अपनी सुंदरता के लिए मशहूर राज नर्तकी आम्रपाली का जन्म आज से करीब 25 सौ साल पहले वैशाली के आम्रकुंज में हुआ था। कहा जाता है कि वह आम वृक्ष के नीचे से वैशाली गणतंत्र के महनामन नामक एक सामंत को मिली। बाद में वह सामंत राजसेवा से त्याग पत्र देकर आम्रपाली को वैशाली के करीब आज के अंबारा गांव ले आया।
इस नगर वधू की सुंदरता के कारण हुआ युद्ध, फिर बनी बौद्ध भिक्षुणी
जब आम्रपाली की उम्र करीब 11 वर्ष हुई तो सामंत उसे लेकर फिर वैशाली लौट आया।इतिहासकारों का मानना है कि 11 वर्ष की छोटी-सी उम्र में ही आम्रपाली को सबसे सुंदर घोषित कर नगर वधू यानी वैशाली जनपद 'कल्याणी' बना दिया गया था। इसके बाद गणतंत्र वैशाली के कानून के तहत आम्रपाली को नर्तकी बनना पड़ा।विदेशी यात्रियों ने भी कि है उसकी खूबसूरती की तारीफ
इस नगर वधू की सुंदरता के कारण हुआ युद्ध, फिर बनी बौद्ध भिक्षुणी

प्रसिद्ध विदेशी चीनी यात्री फाह्यान और ह्वेनसांग के यात्रा वृतांतों में भी वैशाली गणतंत्र और आम्रपाली पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है। दोनों ने लगभग एकमत से आम्रपाली को सौंदर्य की मूर्ति बताया। वैशाली गणतंत्र के कानून के अनुसार हजारों सुंदरियों में आम्रपाली का चुनाव कर उसे सर्वश्रेष्ठ सुंदरी घोषित कर जनपद कल्याणी की पदवी दी गई थी।
इस नगर वधू की सुंदरता के कारण हुआ युद्ध, फिर बनी बौद्ध भिक्षुणी
बिंबिसार ने आम्रपाली के लिए लड़ा था युद्ध
राजा बिंबिसार आम्रपाली पर मोहित हो गया था। उसने आम्रपाली को प्राप्त करने के लिए लिच्छवि से युद्ध किया। आम्रपाली और बिंबिसार का एक पुत्र भी हुआ जिसका नाम जीवक रखा गया। बिम्बिसार ने जीवक को शिक्षा प्राप्ति के लिए तक्षशीला भेजा। यही जीवक वहां से शिक्षा प्राप्त कर प्रसिद्ध चिकित्सक व राज वैद्य बना।
इस नगर वधू की सुंदरता के कारण हुआ युद्ध, फिर बनी बौद्ध भिक्षुणीइस तरह बनी भिक्षुणी
एक बार गौतम बुद्ध वैशाली पहुंचे। समाचार सुनकर वहां नर्तकी आम्रपाली भी उनके उपदेश सुनने पहुंची। वहां बुद्ध एक वृक्ष की छाया में बैठे थे और हजारों उपासक उनके उपदेश सुन रहे थे। उपदेश खत्म होने पर आम्रपाली ने नतमस्तक होकर तथागत को अपने यहां अगले दिन भोजन पर आमंत्रित किया। वह बोली, ”तथागत! आपके चरण कमलों से इस दासी की कुटिया पवित्र हो जाएगी।” बुद्ध ने आम्रपाली की प्रार्थना स्वीकार कर ली।
वहां मौजूद शिष्यों को यह बात खल गई। उन्होंने कहा, यह आपके चरणों योग्य नहीं है, लेकिन बुद्ध नहीं माने। बुद्ध के विचार और व्यवहार से आम्रपाली इतनी प्रभावित हुई कि उसने राज नर्तकी का काम छोड़ भिक्षुणी बनने का फैसला किया। उसने अपना आम्र उपवन व अन्य सभी धन भिक्षु संघ के लिए समर्पित कर दिया।

क्यों बुद्ध ने स्वीकार किया एक नगर वधू को भिक्षुणी
माना जाता है कि आम्रपाली के मानवीय तत्व से ही प्रभावित होकर भगवान बुद्ध ने भिक्षुणी संघ की स्थापना की थी। इस संघ के जरिए भिक्षुणी आम्रपाली ने नारियों की महत्ता को जो प्रतिष्ठा दी वह उस समय में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है।










शुक्रवार, 1 अप्रैल 2016

'बालिका वधू' के रुप में चर्चित प्रत्युषा बनर्जी ने की खुदकुशी -

'बालिका वधू' के रुप में चर्चित प्रत्युषा बनर्जी ने की खुदकुशी
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 टीवी जगत के चर्चित टीवी शो 'बालिका वधू' में आनंदी के किरदार से पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस प्रत्युषा बनर्जी ने अपने घर में आत्महत्या कर ली है।





शुक्रवार रात मुंबई के कांदीवली स्थित अपने फ्लैट में एक्ट्रेस प्रत्युषा बनर्जी फांसी के फंदे पर झूलती पाई गई। उन्हें गंभीर हालत में कोकिलाबेन अस्पताल ले जाया गया था। जहां उन्हें चिकित्सकों ने मृत घोषित किया।




वो रिअलिटी टीवी शो बिग बॉस की प्रतिभागी भी रह चुकी थीं। टीवी जगत में प्रत्युषा की गिनती बोल्ड एक्ट्रेस में की जाती रही है। हालांकि इन दिनों उनका अफेयर राहुल सिंह के साथ चल रहा था।



राजस्थान सरकार का तुगलकी फरमान !

राजस्थान सरकार का तुगलकी फरमान !


एक ओर केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया का सपना देख रही है, वहीं दूसरी ओर राज्य के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों पर विद्यालय में मोबाइल ले जाने पर रोक लगा दी है। निर्देश के मुताबिक़ सरकारी स्कूलों में मोबाइल ले जाने पर शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई भी की जाएगी। दूसरी ओर शिक्षकों ने इसे विभाग का 'तुगलकी फरमान' घोषित कर दिया है।



शिक्षकों का तर्क है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सभी शिक्षकों के मोबाइल नंबर फीड हैं। किसी भी तरह की सूचना के लिखित आदेश नहीं पहुंचने पर अधिकारी शिक्षक या शाला प्रधान को मोबाइल के जरिए ही जानकारी देते हैं। साथ ही बहुत सी सूचनाएं मोबाइल मैसेज के जरिए शिक्षा विभाग शिक्षकों तक पहुंचाता है। एेसे में आईटी के इस दौर में मोबाइल पर रोक लगाना शिक्षकों को समझ नहीं आ रहा है।

शिक्षक संगठनों ने किया विरोध

मोबाइल प्रतिबंधित करने का अब शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं। संगठनों को कहना है कि कक्षा कक्ष में तो मोबाइल पर रोक लगाना सही है, लेकिन विद्यालय में ही लेकर प्रवेश नहीं करेंगे, यह बात समझ से परे है।

'आदेश शिक्षकों पर ही क्यों, राजकीय कर्मचारियों पर लागू होना चाहिए। प्रदेश में 1.5 लाख से अधिक शिक्षक बीएलआे ड्यूटी में हैं। अधिकारी उन्हें मोबाइल पर आदेश देते हैं। कई बार आवश्यक सूचना भी मोबाइल के जरिए मिली है।' -विपिन प्रकाश शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष राजस्थान प्रा. एवं मा. शिक्षा संघ

'आदेश अव्यवहारिक है। कक्षा कक्ष में मोबाइल पर रोक लगाना तो ठीक है लेकिन विद्यालय में ही मोबाइल लेकर नहीं आना, यह आदेश गलत है। इसमें संशोधन होना चाहिए।' -भवानी शंकर शर्मा, जिलाध्यक्ष, शिक्षक संघ शेखावत

बूंदी.पांच जनों को दस साल कारावास

बूंदी.पांच जनों को दस साल कारावास


बूंदी. बसोली थाना क्षेत्र के बाबा जी का खेड़ा गांव में खेत की बाड़ को लेकर हुए झगड़े में घायल एक जने की मौत के मामले में शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश क्रम संख्या दो ने पांच जनों को दस साल के कारावास की सजा सुनाई।




जानकारी के अनुसार 30 अप्रेल 2010 को रात करीब नौ बजे बाबा जी का खेड़ा निवासी कन्हैया लाल उर्फ कान्हा गुर्जर, उसका भाई सूरजमल, मजदूर सावका व गणेश गांव में ही खेत पर खरेड़ी बांध रहे थे।




कान्हा का छोटा भाई नंदकिशोर भी खेत पर ही सो रहा था। तभी खेत की बाड़ को लेकर पड़ोस के खेत वालों से विवाद हो गया। दूसरे पक्ष के छीतर गुर्जर, हरलाल, मुकेश, गोपाल अम्बालाल सहित आठ जनों ने हथियारों से लेस होकर हमला कर दिया, जिसमें सभी घायल हो गए।




सूरजमल को गंभीर हालत में कोटा रैफर किया, जहां कुछ दिनों बाद उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। सुनवाई पूरे होने के बाद न्यायालय ने आठ में से पांच जनों छीतर, हरलाल, मुकेश, गोपाल, अम्बालाल को सदोष मानव वध का दोषी मानते हुए दस साल साधारण कारावास व प्रत्येक को पचास-पचास हजार अर्थदंड के आदेश दिए। प्रकरण में एक आरोपित की मौत हो गई। जबकि दो को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

'तीसरी संतान पर प्रमोशन से बढ़ेगा लिंग परीक्षण'

'तीसरी संतान पर प्रमोशन से बढ़ेगा लिंग परीक्षण'

विधानसभा में शुक्रवार को विधायक माणकचंद सुराणा ने राज्य कर्मचारियां की तीसरी संतान होने पर पदोन्नति और अन्य परिलाभ रोकने का मामला उठाया। उन्होंने इससे लिंग परीक्षण बढऩे की बात कहते हुए इस आदेश को वापस लेने की पैरवी की।

सुराणा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए बताया कि 12 राज्यों में कर्मचारियों के प्रमोशन में इस तरह की बाध्यता नहीं है और न ही केन्द्रीय कर्मचारियों पर इस तरह के नियम लगे है। ऐसे में सरकार इन प्रावधानों को हटाकर राज्य कर्मचारियों को राहत दे।

सुराणा ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष के साथ 40 विधायकों ने इस आदेश को हटाने की मांग सीएम से की है।


इस पर गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए प्रयास किया जा सकता है, लेकिन किसी तरह से दबाव में कोई निर्णय नहीं किया जा सकता। सरकार सहानुभूति पूर्वक इस मामले में विचार करेगी।

जैसलमेर युवा कॉंग्रेस ने दिया स्वर्णकार एवं सर्रफा व्यापारियों को समर्थन



जैसलमेर युवा कॉंग्रेस ने दिया स्वर्णकार एवं सर्रफा व्यापारियों को समर्थन
जैसलमेर जिले मे लगातार जारी सर्रफा व्यापारियों को युवा कॉंग्रेस जैसलमेर द्वारा समर्थन दिया गया !जैसलमेर विधानसभा कॉंग्रेस यूथ अध्यक्ष विकास व्यास ने बताया की यूथ कॉंग्रेस प्रदेश सचिव अमर्दीन फकीर के नेतृत्व मे युवा कार्यकर्ता धरना स्थल पर पहुँचे !प्रधान अमर्दीन फकीर ने सर्रफा व्यापारियों की मांगो को सही ठहराते हुए यूथ कॉंग्रेस द्वारा हर सम्भव समर्थन का भरोसा दिलाया !इस अवसर पर यूथ कॉंग्रेस उपाध्याय दिनेश पाल सिंह ने भी केन्द सरकार पर प्रहार करते हुए सर्रफा व्यापारियों को सहयोग का भरोसा दिलाया उन्होने कहाँ की केन्द सरकर को इस गम्भीर विषय पर चिंतन करना चहिये !इस दौरान सेवादल मुख्य खटन खाँ,अमृत सोनी,प :स :सदस्य गेमर सिंह ,जितेंद्र केवलीया ,अरुण पुरोहित ,मनोज किराडू ,बख्श खाँ ,ईधन खान ,नीतिन ,विराट ,समुन्द्र खाँ ,शेषपाल सिंह ,आदि सेकडों यूथ कॉंग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे !