शुक्रवार, 28 नवंबर 2014

जयपुर की पहली महिला ऑटो चालक हिम्मतवाली हेमलता

जयपुर की पहली महिला ऑटो चालक हिम्मतवाली हेमलता

जयपुर। हिम्मतवाली हेमलता...। जयपुर की पहली महिला ऑटो चालक हेमलता के लिए के लिए यह कहना गलत नहीं होगा। पहले पति का साथ छूटा और बाद में ससुराल वाले ताने मारने लगे ।

इन सबके बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी और बच्चे की परवरिश के लिए ऑटो चलाने जैसा जोखिम भरा काम करने से भी पीछे नहीं हटी। एक संस्था के सहयोग से उसने वाहन चलाना सीखा और फिर राजधानी में ऑटो चलाने लगी।
courageous Hemlata

आज हेमलता की दिनचर्या ऑटो से अपने बच्चे को स्कूल पहुंचाने के साथ शुरू होती है और देर शाम तक वह यात्रियों को अपने मुकाम तक पहुंचाने में लगी रहती है। दिनभर भागदौड़ से अपनी दो जून की रोटी जुगाड़ कर रही हेमलता अपने बच्चे की परवरिश की खातिर अपने सारे दुख भूला चुकी है।

अचानक फूट पड़ा दर्द
संवाददाता से बातचीत करते वक्त उसका दर्द अचानक ही फूट पड़ा। वह कहती है, दुनिया बदल रही है लेकिन महिलाओं को लेकर आज भी वही पुरानी सोच है। खुद तो वह ( पति ) तीन हजार रूपए कमाता और मंैंने खुद नौकरी करने को कहा तो आरोप लगाने लगा।

कभी मैं भूखी रही तो कभी बच्चा। जब कोई चारा नहीं बचा तो अलग हो गए। अब जिंदगी बेहतर लगती है। खुद कमाती हूं। बच्चे को पाल रही हूं और अच्छे स्कूल में पढ़ा रही हूं।

पहले शौक में बाइक चलाती थी और अब जिंदगी के लिए ऑटो। इसके लिए पहले कार चालक की नौकरी की। फिर माता-पिता के सहयोग से 30 हजार रूपए देकर लोन पर ऑटो खरीदा।

तोड़ा ऑटो और करवाया चालान
ऑटो में बैठने वाली सवारियां तो उत्साहवर्घन करती हैं लेकिन साथ के ऑटो चालक पता नहीं क्यों द्वेष्ा रखते हैं। अभी छह माह पुराने ऑटो को ही कई बार क्षति पहुंचा चुके हैं। ऑटो चलाना शुरू किया था तो पता नहीं था कि ऑटो कहां खड़ा करें ।

स्टैंड पर ले गई तो ऑटो चालकों ने पहले भगा दिया और बाद में पुलिस को बुलाकर चालान कटा दिया। हालांकि यातायात पुलिस बहुत सहयोग करती है। -

राजस्थान यूनिवर्सिटी: छात्रसंघ चुनाव हुआ रद्द

राजस्थान यूनिवर्सिटी:  छात्रसंघ चुनाव हुआ  रद्द

जयपुर। प्रदेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय की छात्र पंचायत को हाईकोर्ट से करारा झटका लगा। कोर्ट ने गुरूवार को अहम फैसला सुनाते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय और उसके संघटक कॉलेजों के करीब तीन माह पहले हुए छात्रसंघ चुनाव रद्द कर दिए। साथ ही विवि प्रशासन को दो टूक कहा, फिर से चुनाव कराओ तो लिंगदोह समिति की सिफारिशों की पालना का हलफनामा पेश करना।

लिंगदोह ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव का सुझाव भी दे रखा है, जैसा जेएनयू व हैदराबाद विवि जैसे बड़े विवि में होता है। राजस्थान विवि भी काफी बड़ा है, सरकार अप्रत्यक्ष चुनाव पर विचार कर सकती है। सारांश घीया की याचिका पर न्यायाधीश मनीष्ा भण्डारी ने यह निर्णय सुनाया।
high court rejects rajasthan university student union elections including result

दो सलाहअप्रत्यक्ष पद्धति (कक्षा प्रतिनिधि प्रणाली) से चुनाव पर विचार करें।
सरकार चुनाव पर पाबंदी के लिए कानून लाने को भी स्वतंत्र है।

ये आधार देकर गुहारघीया ने याचिका के साथ राजस्थान पत्रिका सहित अन्य अखबारों की कटिंग पेश कर कहा था, छात्रसंघ चुनाव में आचार संहिता का उल्लंघन हुआ। प्रचार सामग्री से शहर गंदा हुआ। सड़कों पर खुलेआम हंगामा हुआ। लिहाजा चुनाव रद्द कर दिए जाएं।

इनकी बिना पर आदेशकोर्ट ने कहा, फोटोग्राफ व पेश सबूतों में साफ दिख रहा है कि शहरभर में पोस्टर चिपक रहे हैं। विवि, कॉलेज परिसर में पम्पलेट बिखरे हैं। छात्रों ने रैली निकाली व झगड़ा किया। झड़प में पुलिसकर्मी घायल हुआ। एफआईआर भी
दर्ज हुई।

सुप्रीम कोर्ट में मामलाहाईकोर्ट के चुनाव परिणाम पर रोक के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में छात्रनेता मूलचंद चौधरी व द्रोण ने विशेष्ा अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार के कार्यालय में 23 जनवरी को सुनवाई है।

कई नेता आयु सीमा पारविवि छात्रसंघ चुनाव लड़ने के लिए अधिकतम आयु सीमा 25 वष्ाü है। फिर चुनाव हुए तो इस बार के कई छात्र नेता इस सीमा को पार कर चुके होंगे।

निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण
एबीवीपी भारतीय न्याय व्यवस्था में पूर्ण विश्वास करती है, लेकिन यह निर्णय अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार की उदासीनता और पुलिस-प्रशासन के नकारात्मक रवैये पर हमें गहरा क्षोभ है।
डॉ. मिथलेश गौतम, प्रदेश संगठन मंत्री, एबीवीपी

भाजपा सरकार जिम्मेदार

भाजपा सरकार ने इन चुनावों में हार की आशंका के चलते पुलिस-प्रशासन को कोर्ट में नकारात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। कोर्ट का फैसला छात्र राजनीति के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहा।
मुकेश भाकर, प्रदेश अध्यक्ष, एनएसयूआई

सीधे चुनाव तो भू-माफिया का दखल
कोर्ट ने जयपुर पुलिस आयुक्त के शपथपत्र का हवाला दे कहा, साफ दिखा कि आचार संहिता व लिंगदोह सिफारिशों का पालन नहीं हुआ। प्रत्यक्ष चुनाव में भूमाफिया व असामाजिक तत्वों की भागीदारी रहती है। इनके पैसे व बाहुबल का दखल रहता है। इस बार भी ऎसी बात सामने आई है। ऎसा प्रत्यक्ष चुनाव के कारण हो रहा है।

वोटिंग न होती तो मिल जाती अनुमति
हाईकोर्ट ने कहा, मतदान नहीं होता तो लिंगदोह कमेटी की सिफारिश का उल्लंघन नहीं करने वालों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जा सकती थी। आचार संहिता, लिंगदोह कमेटी की सिफारिश और सुप्रीम कोर्ट आदेश का पालन नहीं होने के कारण 23 अगस्त को हुए चुनाव निरस्त करने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है।

पहले भी अटके थे
वर्ष 1978 में भी राजस्थान विवि छात्रसंघ चुनाव रद्द हुए थे। तब छात्र नेताओं के बीच हुई हिंसक वारदातों के कारण विवि प्रशासन ने चुनाव रद्द किए थे।

अब तक यह
22 अगस्त- परिणाम पर रोक, कोर्ट ने मांगे विवि, पुलिस से आचार संहिता की पालना के शपथपत्र।

23 अगस्त- मतदान हुआ। कोर्ट ने शपथपत्रों पर सुनवाई से पहले परिणाम जारी नहीं करने को कहा।

30 सितंबर- छात्रसंघ चुनाव परिणाम को लेकर याचिका पर कोर्ट में सुनवाई पूरी।

और आगे क्या
विश्वविद्यालय, सरकार या छात्रनेता इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट की खंडपीठ में अपील कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी इस संबंध में लंबित एसएलपी में यह मुद्दा उठाया जा सकता है।

पत्रिका व्यू: स्वागत योग्य फैसला
राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव को लेकर हाईकोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। न्यायाधीश महोदय को साधुवाद। छात्रसंघ चुनाव के दौरान धनबल, बाहुबल का प्रदर्शन, दीवारें खराब और यातायात जाम का मंजर आम शहरी भूले नहीं होंगे। लिंगदोह कमेटी की सिफारिशें लागू होने के भ्रामक हलफनामों के कारण अदालत नाराज थी और ऎसा ही फैसला आना था। अदालत का फैसला आम जनता में उम्मीद जगाने वाला है, वहीं विश्वविद्यालय और पुलिस-प्रशासन के साथ छात्रों को नसीहत देने वाला।

छात्रसंघ चुनाव बेशक लोकतंत्र की पाठशाला है, लेकिन अनुशासन और आम जनता को तकलीफ ना होना ज्यादा अहम है। सरकार, प्रशासन और छात्र यदि चुनाव करवाना भी चाहते हैं तो विश्वविद्यालय परिसर में सादगी से चुनाव सुनिश्चित करें, इच्छाशक्ति हो तो यह मुश्किल काम नहीं है। सरकार को अदालत की यह गाइडलाइन अन्य विश्वविद्यालयों में भी लागू करनी चाहिए। - 

दौसा। रेस्टोरेंट में लूटी छात्रा की अस्मत

दौसा। रेस्टोरेंट में लूटी छात्रा की अस्मत

दौसा। दौसा जिले के गांव छारेड़ा की एक किशोरी ने कुछ लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया है।

पुलिस ने गुरूवार को पीडिता के बयान दर्ज कराए। नांगलराजावतान थाना प्रभारी मुरारीलाल मीणा के नेतृत्व मे गठित पुलिस टोली ने गुरूवार को दुष्कर्म के दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।

लालसोट पुलिस उपाधीक्षक अर्जुन लाल चौधरी ने बताया कि बयान लेने के बाद उसको जयपुर नारी निकेतन भेज दिया है। कक्षा 9 की छात्रा 22 नवम्बर को दोपहर 3 बजे घरवालों को बिना बताए मौसी के घर जाने को निकली थी।

school girl raped by two in dausa

नांगल राजावतान में रेस्टोरेंट चलाने वाले रामबाबू शर्मा ने शाम होने का बहाना कर रेस्टोरेंट पर रोक लिया और रात्रि में उसके साथ दुष्कर्म किया। दूसरे दिन वह दौसा पहुंची और सब्जी मंडी के बाहर खड़े लालसोट के इंदावा निवासी बबलू मीणा से मौसी के बात करने के लिए मोबाइल मांगा था, लेकिन मौसी से बात नहीं हो सकी।

आरोपित बबलू उसको बहला-फुसला कर अपने कमरे पर ले गया और उसके दुष्कर्म किया। किशोरी ने दो अन्य लोगों पर भी दुष्कर्म का आरोप लगाया है। किशोरी की गुमशुदगी की रिपोर्ट 22 नवम्बर को नांगल राजावतान थाने पर दर्ज होने के बाद पुलिस ने जगह-जगह दबिश दी। इसी दौरान बुधवार को वह दौसा में पुलिस को मिली।

चार वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म
बांदीकुई के कोलवा थानान्तर्गत गोला की ढाणी गुढ़लिया में चार वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पुलिस ने बताया कि बालिका के पिता ने मामला दर्ज कराया कि उसकी चार वर्षीय पुत्री बुधवार शाम घर की छत पर खेल रही थी। इसी बीच गांव का ही कालूराम नाम का व्यक्ति उसे बहला-फुसलाकर खेत में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर बालिका का मेडिकल कराया है। - See more at: http://rajasthanpatrika.patrika.com/news/school-girl-raped-by-two-in-dausa/1204035.html#sthash.JaBe5NMX.dpuf

गुरुवार, 27 नवंबर 2014

टोंक 1 लाख घूस लेते अधिशाषी अधिकारी अरेस्ट



जयपुर। राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने टोंक जिले की देवली नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी मनोहर लाल को एक लाख रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
deoli nagar palika officer arrested for taking rs 1 lakh bribe


ब्यूरो की महानिरीक्षक स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि परिवादी रमेश चन्द्र ने ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई कि उसके लगभग 20 लाख के बिलों के भुगतान करने की एवज में अधिशाषी अधिकारी ने पांच प्रतिशत के हिसाब से एक लाख रूपए रिश्वत की मांग की है।




इस पर कार्रवाई कर गुरूवार को ब्यूरो टीम ने आरोपी मनोहर लाल को एक लाख रूपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। मामलें में अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।

बाड़मेर करगिल के शहीद भीखराम की ढाणी में रोशनी का इंतजार पंद्रह सालो से

बाड़मेर शहीद की शहादत को 15 वर्षो से उड़ रहा मखौल
बाड़मेर करगिल के शहीद भीखराम की ढाणी में रोशनी का इंतजार पंद्रह सालो से ओम प्रकाश सोनी 

बालोतरा। कहां जाता है कि शहीदो की चिताओ पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन की राह पर मिटने वालो का यही आखिरी निशां होगा पर बालोतरा में देश के लिये शहीद होने वाले भारत माता के एक सपूूत की शहादत का सरकार के नुमाइंदे मखोल उड़ा रहे है। शहीदो के लिये भारत सरकार अनेक प्रकार सुविधाये मुहैया करवाने के दावे करती है पर सरकारी तंत्र में व्याप्त लालफीताशाही ओर भ्रष्टाचार शहीदो के परिजनो का मजाक उड़ा रहे है।

मामला बालोतरा उपखंड के पत्तासर गांव का है। पत्तासर के निवासी भीखराम 1999 में करगिल में हुये युद्ध में शहीद हो गये थे। बालोतरा के इस जांबांज के शहीद होने के बाद राज्य सरकार ने भीखराम की ढाणी में विद्युत कनेक्शन करने की भी घोषणा की थी पर आज 15 वर्ष गुजर जाने के बाद भी शहीद की ढाणी रोशनी से महरूम है। शहीद के परिजन विद्युत विभाग की चोखट पर ऐड़िया रगड़ कर थक चुके है पर विद्युत विभाग के अधिकारियो को शहीद ओर उसकी शहादत से कोई लेना देना नही है। बीते पन्द्रह वर्षो में शहीद के घर वाले ने तीन बार विद्युत कनेक्शन के लिये फाईले जमा करवाई है पर तीनो ही बार शहीद के परिजनो की फाईलो को विद्युत विभाग ने निरस्त कर दिया। शहीद की ढाणी के ग्रामीणो ने आज मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर शहीद भीखाराम की ढाणी पत्तासर ओर जांगुओ की ढाणी में 15 दिन के अंदर कनेक्शन करवाने की मांग की है। 15 दिनो में विद्युत कनेक्शन नही होने पर ग्रामीणो ने जन आंदोलन ओर भूख हड़ताल पर उतरने की चेतावनी दी है।

गर शहीद की शहादत को ऐसा सिला मिलता रहा तो आने वाले समय में शायद ही कोइ जांबाज वतन के लिये मिटने का जज्बा अपने दिल में रख सकेगा क्योकि शहीद को हर पल भारत माता के साथ खुद के परिजनो की भी चिंता रहती है पर वो ये सांेच कर चिंता मुक्त रहता हे कि सरकार उसके परिजनो का ख्याल रखेगी। पर जब सरकार शहीद के परिजनो को परिवार के लाडले की शहादत को ऐसा परिणाम देगी तो कोन वतन की राह पर मिटना चाहेगा।

बाड़मेर शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह ने एक करोड़ चैसठ लाख अस्सी हजार के विकास कार्यो की अनुशंषा जारी की।





बाड़मेर शिव विधायक मानवेन्द्रसिंह ने एक करोड़ चैसठ लाख अस्सी हजार के विकास कार्यो की अनुशंषा जारी की।
बाड़मेरः-28नव

शिव विधानसभा क्षैत्र से विधायक मानवेन्द्रसिंह ने विधायक स्थानीय क्षैत्र विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 में विधानसभा क्षैत्र शिव के विकास कार्यो हेतु एक करोड़ चैसठ लाख अस्सी हजार रूपयें के विकास कार्य करवाने की अनुशंषा जारी कि है।

विधायक के निजी सचिव रामसिंह ने बताया कि विधायक मानवेन्द्र सिंह ने स्थानीय विधायक विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 में विधानसभा क्षैत्र शिव के विभिन्न ग्रंाम पंचायत में विकास कार्यो हेतु राशि जारी कि है। विधायक मानवेन्द्रसिंह ने विधानसभा क्षै़त्र में पेयजल की गम्भीर समस्या को देखते हुऐ अधिकाश राशि पानी के टांकों एंव माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा भारत स्वच्छता अभियान के तहत प्रत्येक घरों के पास सार्वजनिक शौचायल निर्माण की आवश्यकता को देखते हुऐ विधायक ने स्थानीय विधायक क्षैत्र विकास कार्यक्रम के तहत राशि का आवंटन किया गया है।

विधायक मानवेन्द्र सिंह के अनुश्ंाषा कार्यो में से जिला कलक्टर बाड़मेर ने निम्न कार्यो की प्रशासनिक स्वीकृति जारी कि है । विधायक के निजी सचिव ने बताया कि जिला कलक्टर द्वारा ग्रंाम नोड़ियाला में टयूबवैल निर्माण हेतु दस लाख रू0, आर्दश विधा मन्दिर गूंगा के भवन निर्माण हेतु दस लाख रू0,भीलड़ी ओपनवेल से राप्रावि मन्दरूपोणियों की ढाणी तक 4किमी पाईप लाईन हेतु तीन लाख,धोनिया से तुलससिंह की ढाणी तक 2किमी पाईप लाईन हेतु एक लाख रू. बाढ बचाव कार्य विस्तार राणेजी की बस्ती की पक्की दिवारी हेतु दो लाख रू0,अगरसिंह बागसिंह के वास तालों का पार में पानी की पाईप लाईन हेतु एक लाख पंच्चास हजार रू0, इसी प्रकार पूरसिंह के वास में सार्वं टांका तक पाईप लाईन हेतु एक लाख रू के विकास कार्यो की स्वीकृति जारी हो गई है। शेष कार्यो की प्रशासनिक स्वीकृति अति शीध्र ही जिला कलक्टर द्वारा जारी कि जावेगी ।

बाड़मेर क्रॉस वोटिंग के बावजूद भाजपा फिर असफल ,उप सभापति भी कांग्रेस का



बाड़मेर क्रॉस वोटिंग के बावजूद भाजपा फिर असफल ,उप सभापति भी कांग्रेस का 
उप सभापति चुनावो में कांग्रेस के प्रीतम दास जीनगर ने भाजपा के बलवन्त सिंह भाटी को दो वोटो से हराया
रिपोर्ट। तरुण मुखी 
बाड़मेर ! भाजपा की तमाम जोड़ तोड़ के बावजूद भी एक बार फिर भाजपा को मुहँ की खानी पड़ी गुरुवार को सम्पन हुए उपसभापति के चुनावो में कांग्रेस के प्रीतम दास जीनगर ने भाजपा के बलवंत सिंह भाटी को 2 वोटो से हराकर उपसभापति निर्वाचित हुए है जीनगर को 40 में 21 वोट मिले जबकि बलवंत सिंह भाटी 40 में 19 मत मिले सुबह 10 बजे तक भाजपा के पत्ते नहीं खुलने से कांग्रेस के प्रीतम दास जीनगर के निर्विरोध निर्वाचन की संभावनाए व्यक्त की जा रही थी लेकिन 10 बजे के बाद भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता डॉ प्रियंका चौधरी ,दिलीप पालीवाल और बलवंत सिंह भाटी नगर परिषद स्थित मतदान केंद्र पहुंचे और बलवंत सिंह भाटी का नामांकन दाखिल करवाया दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से कड़े सुरक्षा इंतजामो के बीच मतदान शुरू हुआ सभापति के चुनाव में सभी 40 पार्षदो ने मत का प्रयोग किया शाम 3 बजे इस चुनाव का परिणाम घोषित किया जिसके अनुसार भाजपा के बलवंत सिंह भाटी को 19 और कांग्रेस के प्रीतमदास जीनगर को 21 वोट मिले भाजपा को कल के सभापति चुनावो के मुकाबले एक वोट ज्यादा मिला कल सभापति के चुनाव में दिलीप पालीवाल को 18 वोट मिले थे ऐसे में एक कोंग्रेसी पार्षद की क्रास वोटिंग की संभावना जताई जा रही है

भाजपा को जोड़तोड़ सफल नहीं

भारतीय जनता पार्टी ने कोंग्रेसी खेमे में सेंध मारी का पूरा प्रयास किया था ऐसे में आखिरी वक्त तक भाजपा की उम्मीद कायम थी जोड़ तोड़ में महारथी बलवंत सिंह भाटी को आगे करने के बाद भाजपा को भरोसा था की बलवंत सिंह भाटी के भरोसे भाजपा ने अपनी डूबती नैया को पार लगा लेंगे कोशिश की सूत्रों के हवाले से आई खबर के अनुसार भाजपा के दिग्गज नेताओ ने कांग्रेस में सेंधमारी करते हुए 3 कोंग्रेसी पार्षदो को क्रॉस वोटिंग के लिए मनाया था इसी कारण भाजपा नेता सभापति की सीट को लेकर आश्वश्त नजर आये इसी कारण डॉ डॉ प्रियंका चौधरी स्वयँ भाटी नामांकन दाखिल करवाने पहुँची और चुनाव परिणाम आने तक मतदान केंद्र के बाहर उत्सुकता से जीत का इन्तजार करने लगी लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद प्रियँका चौधरी के मुहँ की हवाइयाँ उड़ गयी और तीन पार्षदो के आश्वाशन के बाद भी एक कोंग्रेसी पार्षद ने ही भाजपा का साथ दिया और भाटी की 2 वोटो से हार हुई

बाड़मेर। जसवंत जिंदाबाद के गूंजे नारे

बाड़मेर। जसवंत जिंदाबाद के गूंजे नारे
बाड़मेर. नगरपरिषद सभापति चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी की जीत पर कांग्रेस के नहीं जसवंत जिंदाबाद के नारे गूंजे। जसवंत के अपमान का बदला लेकर रहेंगे बैनर लिखे युवा नगर परिषद पहुंच गए। नारेबाजी जोश के बाद भाजपा के खिलाफ आक्रोश जताया। सीधा निशाना वहां खड़े भाजपा जिलाध्यक्ष जालम सिंह पर था। गौरतलब है कि गत लोकसभा चुनाव में एक समाज विशेष का साथ देकर पार्टी के साथ रहे जालम सिंह के खिलाफ यह आक्रोश था। लोकसभा चुनाव में पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह को हराया था। इसके बाद जिलाध्यक्ष के खिलाफ समाज विशेष के लोगों का आक्रोश हैं और कई जगह विरोध भी हुआ हैं।

जसवंत जिंदाबाद के गूंजे नारे

आक्रोशके शिकार हुए जालम सिंह

जबसभापति पद के लिए चुनाव हो रहे थे, तभी भाजपा जिलाध्यक्ष जालम सिंह वहां पहुंचे तो वहां खड़े युवाओं ने आक्रोश जताया और नारेबाजी शुरू की। जसवंत सेना के सैकड़ों युवा हाथों में बैनर लिए जसवंत जिंदाबाद के नारे बोलने लगे। आक्रोश मामले को बढ़ते देख पुलिस को दखलंदाजी करनी पड़ी और युवाओं को शांत करवाया। जब नारेबाजी हो रही थी तब भाजपा जिलाध्यक्ष नगर परिषद के बाहर बनी दुकानों की बालकॉनी से नजारे को देख रहे थे।

भंवरी केस के आरोपित से जेल में मारपीट

जोधपुर। जोधपुर सेन्ट्रल जेल में बुधवार को कचरा फेंकने की बात को लेकर दो बंदियों ने परसराम विश्नोई के साथ मारपीट कर दी।

जेल में प्रहरियों ने बीच-बचाव कर उन्हें छुड़ाया। हालांकि जेल प्रशासन ने मारपीट से इनकार करते हुए कहासुनी की बात स्वीकारी है। साथ ही जेल प्रशासन का कहना है कि समझाइश के बाद मामला शांत हो गया। परसराम जोधपुर जेल में भंवरी कांड के प्रकरण में बंद है।
bhanwari case accused assaulted by prisoners

सूत्रों के अनुसार जेल के हॉस्पिटल में कचरा फेंकने की बात को लेकर दो बंदियों व परसराम के बीच कहासुनी हो गई। वे आपस में उलझ गए।

बंदियों ने परसराम से मारपीट कर दी। मौके पर मौजूद प्रहरियों व अन्य बंदियों से उन्हें छुड़ाया। सूचना मिलते ही प्रहरी व जेल प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने दोनों पक्षों से करीब दो घंटे तक पूछताछ व समझाइश की। कहासुनी हुई थी

भंवरी की हत्या के मामले में जेल में बंद परसराम व दो अन्य बंदियों के बीच कचरा फेंकने की बात को लेकर कहासुनी हुई थी। इसको लेकर उलझ गए थे। मारपीट जैसी कोई बात नहीं है। दोनों पक्षों से समझाइश कर मामला शांत कर दिया गया है। जेल में शांति है।
राकेश मोहन शर्मा, अधीक्षक, सेन्ट्रल जेल, जोधपुर -