रविवार, 30 जून 2013

जोधपुर में प्रॉपर्टी डीलर की हत्या

जोधपुर में प्रॉपर्टी डीलर की हत्या
जोधपुर। लूणी थाना क्षेत्र में सतना और करणी गांव के बीच रविवार सुबह एक प्रॉपर्टी डीलर की अज्ञात लोगों ने धारदार हथियार से हत्या कर दी। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने अपहरण के साथ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

लूणी थाने के उपनिरीक्षक अरविंद मेघ ने बताया कि लूणी नदी के पास सरेचा निवासी आंनदाराम पुत्र बुद्धाराम विश्नोई की सुबह अज्ञात बदमाशों ने धारदार हथियार से हत्या कर दी। हत्या के बाद उसका शव नदी के घाट पर छोड़ गए।

उन्होंने बताया कि आंनदाराम शनिवार शाम 6 बजे घर से किसी मिलने की बात कहकर निकला था। इसके बाद रात 9.30 बजे उसने अपनी पत्नी को फोन किया था,इसके बाद से उसका फोन बंद आ रहा था।

रविवार सुबह उसके परिवारवालों ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन कुछ देर बाद ही पुलिस को सूचना मिली थी कि लूणी नदी के पास एक शव पड़ा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे लिया और परिजनों को खबर दी। जिसके बाद आंनदाराम रूप में पहचान हुई। मौके पर गाड़ी के टायर के निशान पाए गए हंै। आंनदाराम के शरीर पर कई चोट के निशान हैं जिससे पुलिस हत्या का आशंका जता रही है। इस संबंध में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण और हत्या का केस दर्ज कर लिया।

बायतु बाड़मेर में जमीनों के भाव गिरे ,पचपदरा में मुंहमांगी कीमते


बायतु बाड़मेर में जमीनों के भाव गिरे ,पचपदरा में मुंहमांगी कीमते

बाड़मेर । पचपदरा में रिफाइनरी की हलचल शुरू होने से पूर्व बायतु क्षेत्र में जमीन के भाव सातवें आसमान पर थे। लीलाला क्षेत्र में भाव रातों रात कई गुणा बढ़ गए। बड़ी संख्या में जमीन खरीदने वाले बायतु पहुंचने लगे। प्रति बीघा तीस लाख रूपए कीमत हो गई। बायतु कस्बे में प्रोपर्टी व्यवसाय भी पनपने लगा मगर यह रौनक व तेजी का दौर ज्यादा समय तक नहीं टिक पाया।रिफायनरी के पचपदरा जाने की घोषणा के साथ प्रोपर्टी डीलर अर्श से फर्श पर आ गए .उछल मरती जमीनों की कीमत के पाँव जमीन के अन्दर तक चले गए . वहीं बागुंडी और पचपदरा के आसपास तीस किलोमीटर के दायरे में कई जन प्रतिनिधियों और प्रशासनिक और बड़े अधिकारियो ने या तो खुद जमीने खरीद ली या अपने रिश्तेदारों के नाम जमीन खरीद ली हें .

बायतु से बाड़मेर व जोधपुर की तरफ 10 किमी की परिधि में हाइवे पर जमीन के दाम बीस से पच्चीस लाख रूपए के बीच हो गए थे। यहां जमीन खरीदने में बाहरी लोगो के साथ ही स्थानीय लोगो ने भी उत्सुकता दिखाई मगर पचपदरा में रिफाइनरी की मुहर लगने के साथ ही बायतु क्षेत्र के जमीन के भाव एक ही रात जमीन पर आ गए।
करीब पांच माह तक चले इस घटनाक्रम ने कइयों को रूला दिया। इस दौरान अधिकतर सौदे कुछ एडवांस रूपए देकर ही हुए थे जिनकी रजिस्ट्रियां बाद में होना तय हुई। कुछ ऎसे मामले भी सामने आए जिसमें निवेशक एडवांस दे गए मगर अब बायतु की तरफ लौटना ही नहीं चाहते हंै।

नहीं बिकने का मलाल
17 बीघा जमीन का सौदा करने वाले किसान को अब उसकी जमीन का खरीदार नहीं मिल पा रहा है। साढ़े पांच लाख रूपए एडवांस देने वाला खरीदार अब सौदा पूरा करने नहीं आ रहा है। वहीं एक जमीन खरीदार का कहना है कि बायतु में जमीन का सौदा कर बर्बाद हो गए।

बंद हुआ कारोबार
बायतु में प्रोपर्टी का कारोबार पूरी तरह बंद हो गया। लीलाला में रिफाइनरी की घोषणा के साथ शुरू हुआ प्रोपर्टी कारोबार अब पूरी तरह बंद हो गया तथा कारोबारियों के ऑफिसों पर ताले लग गए हैं।

केस-1 बायतु- बाड़मेर रोड पर मिठीया तला में 17 बीघा जमीन का सौदा साढ़े 22 लाख रूपए प्रति बीघा के हिसाब से हुआ। साढ़े पांच लाख बतौर एडवांस किसान को दिए गए। निवेशक ने इस दौरान तीन लाख रूपए खर्च कर जमीन समतल भी करवा दी मगर रिफाइनरी के लिए पचपदरा में जमीन की तलाश शुरू हुई तो खरीदार लौट गया।
केस-2 बायतु- जोधपुर रोड पर माधासर गोलाई में चार बीघा जमीन का सौदा साढ़े सोलह लाख रूपए प्रति बीघा के हिसाब से हुआ जिसमें बतौर एडवांस के साढ़े चार लाख रूपए भी दिए गए। रिफाइनरी जाने की घोषणा के बाद जमीन के खरीददार ने किसान से बात तक नहीं की।

केस-3 बायतु-जोधपुर रोड पर दर्जियों की ढाणी के पास 20 बीघा जमीन का सौदा 18 लाख रूपए प्रति बीघा के हिसाब से मौखिक तय हुआ। 4 लाख रूपए एडवांस भी दिए मगर तय समयावधि पूर्व होने के बावजूद निवेशक नहीं लौटा। ऎसे करीब डेढ़ दर्जन सौदे बायतु क्षेत्र में हुए हैं जिनमें एडवांस रूपए देकर गए निवेशकों ने यहां से मुंह मोड़ लिया है।
--भूमि कारोबारियों के जमावड़े से पचपदरा में मेले सा माहौल
पचपदरा में रिफाइनरी की घोषणा के बाद यहां बंगलों से लेकर झोंपडियों मे रहने वाले सभी के चेहरे चमक उठे हैं। कौडियों की जमीन का मोल लाखों होने व सौदे में भारी मुनाफे पर शहर से लोग गांव की ओर दौड़े आ रहे हैं। पचपदरा व क्षेत्र के गांवों में रौनक व उत्साह का माहौल नजर आ रहा है।

राज्य सरकार की ओर से पचपदरा क्षेत्र में रिफाइनरी लगाने की घोषणा से क्षेत्रभर में उत्सव का माहौल है। रेतीली व कम उपजाऊ जमीन को लेकर कभी अपने भाग्य को कोसने वाले क्षेत्र के ग्रामीण अब भाग्य को सराहते हुए थक नहीं रहे हैं।

आगामी दिनों में पचपदरा क्षेत्र में रिफाइनरी के निर्माण पर चालीस हजार करोड़ के होने वाले भारी निवेश पर विकास की संभावनाओं को टटोलते हुए कभी गांवों से दूर भागने वाले शहरी कारोबारी अब सारी सुख सुविधाओं को छोड़कर यहां पहुंच रहे हैं। रिफाइनरी घोषणा के एक दिन बाद ही पचपदरा की होटलों व रेस्टोरेंटो के सभी कमरों के भर जाने व इनके बाहर सैकड़ों की संख्या में लग्जरी वाहनों के जमावड़े पर इस बात को अच्छी तरह से समझा जा सकता है। प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों से सैकड़ों की संख्या में जमीन के पहुंचे कारोबारियों पर क्षेत्र की जमीन की कीमतों के दाम आसमान छूने लगे हैं।
प्रति बीघा 30 लाख
रेतीले व कम उपजाऊ जमीन के बीते दिनों प्रति बीघा भाव करीब पच्चास हजार से लाख रूपए थे। रिफाइनरी की संभावनाओं पर इन भावों मे उछाल आया था। प्रतिबीघा जमीन के भाव चार से पांच लाख रूपए तक पहुंच गए थे। रिफाइनरी की घोषणा के बाद अब प्रति बीघा भाव करीब तीस से पैंतीस लाख रूपए हो गए हैं। खास बात है कि इन भावों में भी पचपदरा व इसके आस-पास गांवों में आसानी से जमीन मिल नहीं रही है।
इन क्षेत्रों में बढ़े भाव
पचपदरा क्षेत्र से जुड़े पचपदरा से साल्ट, आकड़ली से बागुण्डी, पचपदरा से गोपड़ी-वेदरलाई, पचपदरा से थोब, पचपदरा-कल्याणपुर-जोधपुर, पचपदरा-खेड़, खेड़ से कलावा-बागुण्डी सड़क मार्गो से सटी जमीनो की कीमतों में उछाल आया है।




भारत को तीन टूर्नामेंटों की मेजबानी


भारत को तीन टूर्नामेंटों की मेजबानी
लंदन। पहली टेस्ट चैंपियनशिप वर्ष 2017 में इंग्लैंड और वेल्स में आयोजित की जाएगी जबकि चार साल बाद होने वाले इसके दूसरे संस्करण की मेजबानी भारत को मिली है। यह टूर्नामेंट आईसीसी चैंपियंस ट्राफी का स्थान लेगा जिसे हाल में भारत ने इंग्लैंड में जीता था।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने शनिवार को इसकी घोषणा की। लंदन में हुई आईसीसी के वार्षिक सम्मेलन में इसकी पुष्टि की गई। आईसीसी ने एक बयान में कहा कि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) जून-जुलाई 2017 में टेस्ट चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा जबकि इसका दूसरा संस्करण फरवरी-मार्च 2021 में भारत में होगा। आईसीसी ने साथ ही 2015 से 2023 तक होने वाले टूर्नामेंटों को भी अंतिमरूप दे दिया है।

भारत को 2011 में टेस्ट चैंपियनशिप के अलावा 2016 में ट्वंटी-20 विश्वकप और 2023 में होने वाले वनडे विश्वकप के लिए चुना गया है। भारत टेस्ट चैंपियनशिप और ट्वंटी-20 की पहली बार मेजबानी करेगा जबकि वनडे विश्वकप चौथी बार उसके खाते में आया है। भारत इससे पहले 1987,1996 और 2011 में वनडे विश्वकप की मेजबानी कर चुका है।

आईसीसी की इस वष्ाü टेस्ट चैंपियनशिप शुरू करने की योजना थी लेकिन प्रसारकों के हाथ खींचने से अपनी योजना को टालना पड़ा। हाल में चैंपियंस ट्राफी की सफलता को देखते हुए इसके अस्तित्व को बरकरार रखने की मांग उठी थी। लेकिन आईसीसी टेस्ट फार्मेट के लिए चैंपियनशिप आयोजित करने की जिद पर अड़ी हुई है।

विश्व संस्था के मुख्य कार्यकारी डेविड रिचर्डसन ने कहा कि इंग्लैंड में हाल में आयोजित आईसीसी चैंपियंस ट्राफी को काफी सराहा गया है। लेकिन खेल के हर प्रारूप के लिए चार साल में एक टूर्नामेंट की योजना अच्छी है और आईसीसी बोर्ड ने चैंपियंस ट्राफी के स्थान पर आईसीसी विश्व चैंपियनशिप आयोजित कराने पर सहमति जताई है।

रिचर्डसन ने कहा कि अब आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप को हरी झंडी मिल चुकी है और अब हम इस टूर्नामेंट के फार्मेट और क्वालीफिकेशन के बारे में एक रिपोर्ट तैयार करेंगे और उसे मंजूरी के लिए आईसीसी बोर्ड को सौपेंगे। ईसीबी को पहली टेस्ट चैंपियनशिप के अलावा 2019 के वनडे विश्वकप की मेजबानी भी मिली है जबकि क्रिकेट आस्ट्रेलिया को 2020 में होने वाले ट्वंटी-20 विश्वकप के लिए चुना गया है।

अन्य अहम फैसले
1. आईसीसी ने सिफारिश की है कि हर टेस्ट टीम को चार साल में कम से कम 16 टेस्ट खेलने चाहिए।
2. वनडे और टी-20 रैंकिंग का दायरा 3 साल बढ़ाकर 4 साल किया।
3. नई रैंकिंग एक अगस्त के बजाय एक मई को अपडेट की जाएगी।
4. अफगानिस्तान को मिला 37वें असोसिएट देश का दर्जा ।




पूर्व पीएम इंदिरा गांधी पर बनेगी फिल्म

पूर्व पीएम इंदिरा गांधी पर बनेगी फिल्म
मुंबई। देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर एक फिल्म बनायी जाएगी। बॉलीवुड निर्देशक नट्टी कुमार इंदिरा गांधी की जीवनी पर एक फिल्म बनाने जा रहे है। बताया जाता है कि इस फिल्म में वह इंदिरा गांधी की भूमिका के लिए हॉलीवुड की आस्कर प्राप्त अभिनेत्री सुशाना साराडॉन का चयन करना चाहते हैं।

नट्टी कुमार ने कहा कि इंदिरा गांधी के जीवन के कई ऎसे पहलू है जिसे फिल्म के माध्यम से दर्शकों तक पहुंचाया जाना चाहिए। नट्टी कुमार ने कहा कि बॉलीवुड में ऎसी कोई अभिनेत्री नही है जो इंदिरा गांधी का किरदार प्रभावशाली तरीके से रूपहर्ले पर्दे पर निभा सके।

उन्होंने कहा फिल्म की स्क्रिप्ट पर अभी काम चल रहा और इसके पूरे होने के बाद वह सुशान से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा फिल्म का नाम "द आयन लेडी इंदिरा गांधी"होगा। फिल्म तीन भाषाओं में बनाई जाएगी।

लक्ष्मीनाथ मंदिर ...जन जन का मंदिर



लक्ष्मीनाथ मंदिर ...जन जन का मंदिर



जैसलमेर नाथ सम्प्रदाय के प्रति अपने कृतज्ञता के भाव के कारण यहाँ के शासक राजतिलक के समय योगी द्वारा प्रदत्त भगवा वस्र पहनकर उनके मठाधीश के हाथ से मुकुट धारण करते रहे हैं। देवराज के पौत्र विरजराज लांझा (११ वीं सदी) के समय के कुछ शिलालेख प्राप्त होते हैं, जो किन्ही मंदिर के स्थापना से संबंधित है, शिलालेख संस्कृत में हैं तथा श्री शिव, श्री मतछण देव्य आदि शब्द से युक्त होने के कारण ऐसा प्रतीत होता है कि ये शिव, विष्णु मंदिर प्रचुरता में मिलते हैं, ये शक्ति देवी दुर्गा के विभिन्न रुपों में हैं, जिन्हें पीढ़ी-दर-पीढ़ी लोग प्रत्येक अवसर पर जैसे विवाह व पुत्त जन्म आदि के अवसर पर सर्वप्रथम पूजते हैं।

जैसलमेर में सनातन धर्म का प्राचीन मंदिर दुर्ग पर स्थित आदि नारायण का है, जो टीकमराय के मंदिर के नाम से विख्यात है, यहाँ विष्णु की अष्ठ धातु की प्रतिमा स्थापित है। रावल लक्ष्मण के समय (१३९६ से १४३७ ई.) यहाँ सन् १४३७ ई. में एक विशाल मंदिर स्थापित किया गया तथा इसमें विष्णु की प्रतिमा, लक्ष्मीनाथ के रुप में स्थापित की गई। वस्तुतः यह लक्ष्मी विष्णु दोनों की युगल प्रतिमा है। मंदिर के गर्भ गृह के गोपुर पर दशावपार के सभी देवी देवताओं का बहुत ही सुंदर शिलालेखन हुआ है। इस मंदिर के निर्माण में रावल लक्ष्मण के अतिरिक्त जैन पंचायत पुष्करणा ब्राहम्मण समाज, महेश्वरी समाज, भाटिया समाजश् खन्नी, सुनार, दरजी, हजूरी, राजपूत आदि सातों जातों द्वारा निर्माण में सहयोग दिये जाने से यह जन-जन का मंदिर कहलाता है व सभी लोग बिना किसी भेदभाव के यहाँ प्रतिदिन दर्शन के लिए जाते हैं। रावल लक्ष्मण ने जैसलमेर राज्य की संपूर्ण सत्ता भगवान लक्ष्मीनाथ के नाम पर स्वयं उसके दीवन के रुप में कार्य करने की घोषणा की थी।
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आपदा के शिकार लोगों की मदद करना हमारा कर्तव्य




आपदा के शिकार लोगों की मदद करना हमारा कर्तव्य

. शिव



उत्तराखंड में दस दिन पूर्व हुई भयंकर प्राकृतिक आपदा के शिकार लोगों की सहायता के लिए शनिवार को भाजपा मंडल शिव के कार्यकर्ताओं ने पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में सहायता राशि एकत्र की।

इस दौरान सांसद ने कहा कि आपदा के शिकार लोगों की क्षमतानुसार सहायता करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। ऐसे समय जाति धर्म से ऊपर उठ कर इंसानियत का फर्ज निभाना चाहिए। पूर्व विधायक जालम सिंह रावलोत ने कहा कि शिव के लोगों ने ऐसी आपदा का सामना किया था इसलिए शिव के लोग हर समय आपदा में यथासंभव मदद करने में आगे रहते हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने शिव क्षेत्र के मुख्य मार्गों का दौरा कर आमजन से सहायता राशि एकत्रित की।

इस मौके पर मंडल अध्यक्ष गिरधरसिंह कोटडिय़ा, पूर्व मंडल अध्यक्ष पुरुषोतम खत्री, कोटड़ा सरपंच ईश्वरसिंह, कैप्टन हीरसिंह, भाटी, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कानसिंह राजगुरु, जालमसिंह भियाड़, वीरसिंह भाटी, किसान मोर्चा अध्यक्ष पूरणसिंह राजपुरोहित, देवीसिंह बलाई, हिंदूसिंह कोटड़ा सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

चौहटन. देवभूमि उत्तराखंड में अतिवृष्टि एवं प्राकृतिक आपदा के कारण जनहानि हुई है। उत्तराखंड पीडि़त लोगों की सहायता के लिए पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुरानी बैंक चौराहा, मुख्य बाजार से सहायतार्थ राशि एकत्रित की। इस मौके पर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि अतिवृष्टि, प्राकृतिक आपदा से पीडि़त की प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करना प्रत्येक का फर्ज है। इस मौके पर अधिवक्ता रुपसिंह राठौड़, तरूण राय कागा, मंडल अध्यक्ष मालाराम विश्नोई, युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष गजेसिंह, उप सरपंच अजीतसिंह राठौड़, पूर्व जिलाध्यक्ष आदूराम मेघवाल, पूर्व मंडल उपाध्यक्ष हीरालाल धारीवाल, पूर्व विधायक हरीसिंह सोढ़ा सहित दर्जनों पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे।

पचपदरा में कांग्रेस के दस दावेदार ,विरोधी गुट ने किया अलग आयोजन


पचपदरा में कांग्रेस के दस दावेदार ,विरोधी गुट ने किया अलग आयोजन 

 बालोतरा कांग्रेस पर्यवेक्षक बंबर ठाकुर व सहयोगियों ने शनिवार को बालोतरा में विधानसभा चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोली। इस दौरान आगामी चुनाव में कांग्रेस पार्टी से चुनाव लडऩे की दस जनों ने दावेदारियां पेश की। पर्यवेक्षक के दौरे से पार्टी की फूट भी सामने आ गई। एक गुट ने जहां खेड़ गांव में अलग से आयोजन कर पर्यवेक्षक के सामने सात दावेदारियां पेश की और वर्तमान विधायक मदन प्रजापत की कार्यप्रणाली के प्रति रोष जताया। वहीं रेस्ट हाउस में आयोजित समारोह में विधायक प्रजापत सहित तीन जनों ने अपनी दावेदारी पेश की। 

कार्यकर्ता आज से ही जुट जाएं

प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनानी है तथा पचपदरा में कांग्रेस प्रत्याशी को जीताना है। इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ता आज से ही काम में जुट जाएं। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार प्रदेश में ऐसी-ऐसी जनकल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं, जो देश में अन्यत्र कहीं भी नहीं है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि प्रदेश में फिर से कांग्रेस की ही सरकार बनेगी। हाईकमान ने मुझ पर भरोसा करके हिमाचल प्रदेश से यहां भेजा है आपका विश्वास जानने, आपकी भावना को मैं आगे हाईकमान तक निष्पक्ष रूप से पहुंचा दूंगा। शनिवार को स्थानीय डाक बंगले में कांग्रेस पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश के विधायक एवं पर्यवेक्षक बंबर ठाकुर ने उद्गार व्यक्त किए।

कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ओर से खेड़ में कांग्रेस पर्यवेक्षक हिमाचल प्रदेश के विधायक बंबर ठाकुर के भावभीने स्वागत सम्मान के साथ पचपदरा विधानसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस प्रत्याशी के लिए ज्ञापन एवं संभावित प्रत्याशियों ने भावनाएं रखी। पर्यवेक्षक ठाकुर ने केंद्र सरकार एवं विशेषकर राजस्थान के कांग्रेस सरकार के जन कल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा की । पर्यवेक्षक के संबोधन से पूर्व दावेदार भूरा राम चौधरी, कुंपाराम पंवार, शारदा चौधरी, नरसिंग प्रजापत, विजयलक्ष्मी राजपुरोहित, राजू बोहरा, अब्दुल रहमान मोयला ने अपनी राय पर्यवेक्षक को देते हुए क्षेत्र से कांग्रेस के ऐसे प्रत्याशियों को चयन करने की बात कही, जो सभी कार्यकर्ताओं एवं जन भावनाओं का सम्मान करता हो। विधायक मदन प्रजापत के प्रति नाराजगी व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन ओम बांठिया ने किया। जिलाध्यक्ष फतेह, अनिल शर्मा, कुलदीप सिंह राजपुरोहित सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने खेड रणछोडऱाय मंदिर के दर्शन कर क्षेत्र में सुख समृद्धि की कामना की।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में बालोतरा ब्लॉक अध्यक्ष भंवरलाल मेघवाल, पचपदरा ब्लॉक अध्यक्ष मूलाराम पोटलिया, नगरपरिषद प्रतिपक्ष नेता रतन खत्री, पूर्व पंचायत समिति सदस्य श्रीराम गोदारा, भगवतसिंह जसोल, बाबूलाल नामा, ब्लॉक प्रवक्ता एवं महामंत्री शंकरलाल सलुंदिया, रामबाबू अरोड़ा, मंगलाराम टाक, गोविंद जीनगर, महबूब खां, हनीफ मोहम्मद मोयला, भंवरलाल दाणी, अमराराम माली, गनी मोहम्मद सुमरो, नारायणसिंह, नारायण पटेल, मोटाराम चौधरी, ओमप्रकाश धारु, रामचंद्र जीनगर, मौलाना तैय्यब हुसैन, गुलाम रसूल टाक, फैय्याज भाई, करना राम पंवार, भंवरलाल पंवार, राधेश्याम माली, रमेश कालूड़ी, शैतानसिंह राजपुरोहित, भगवानाराम भील, केसाराम भील ने खड़े होकर विधायक मदन प्रजापत की ओर से करवाए गए विकास कार्यों व मिलनसारिता की प्रशंसा करते हुए आगामी चुनावों में कांग्रेस की टिकट देने की अभिशंषा कर भारी मतों से जीताने का विश्वास दिलाया। प्रधान जमना देवी गोदारा, कृषि मंडी समिति अध्यक्ष रशीदा बानो, विजयलक्ष्मी राजुरोहित, प्रमिला खत्री सहित सैकड़ों महिलाएं व कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे, जिन्होंने हाथ उठाकर मदन प्रजापत को टिकट देने की मांग की। कार्यक्रम का संचालन कांग्रेस प्रवक्ता एवं महामंत्री शंकरलाल सलुंदिया ने किया। इस दौरान विधायक प्रजापत के अलावा पंचायत समिति सदस्य नारायण चौधरी व केवलचंद जटिया ने भी अपनी दावेदारी पेश की।

सबकी खैर मागनें वाले संत कबीर


संत कबीर
"यहु ऐसा संसार है, जैसा सेमर फूल।
दिन दस के ब्यौहार कौं, झूठे रंग न भूल।।"

दस दिन के जीवन पर मानव नाहक ही मिथ्या अभिमान करता है। वह भूल जाता है कि जीवन तो सेमल के फूल के समान क्षणभंगुर है, जो रूई के समान सब जगह उड़ जाता है। इसलिए-"काल्ह करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परलय होयगी, बहुरि करैगो कब।।"

मानव को दुष्कर्म टालते हुए सत्कर्म यथाशीघ्र पूरा कर लेना चाहिए। क्योंकि काल का कोई भरोसा नहीं, कब प्रलय आ जाए और वह कुछ अच्छा किए बगैर ही काल के गाल में समा जाए। ऐसी ही जीवन और जगत की यथार्थता का बोध कराते हुए मानव जीवन को सार्थकता की दिशा में ले जाने वाले संत कबीर का जन्म काशी में एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से होना माना जाता है। कहा जाता है कि काशी में स्वामी रामानंद ने भूलवश अपने एक ब्राह्मण भक्त की विधवा कन्या को पुत्रवती होने का आशीर्वाद दे दिया जिसके फलस्वरूप संत कबीर का जन्म हुआ किन्तु लोकलाज के भय से उस ब्राह्मण कन्या ने बालक को लहरतारा नामक तालाब के किनारे छोड़ दिया, जिसे नीमा और अली या नीरू नाम के निःसंतान जुलाहा अपने घर ले आये और उसका लालन-पालन किया। कबीर का जन्म सन् 1398 ई. के लगभग माना जाता है। कहते हैं कबीर बचपन से ही हिन्दू भाव से भक्ति करने लगे थे। 'राम नाम' जपते हुए वे कभी-कभी माथे पर तिलक भी लगा लेते थे। उन्हें स्वामी रामानंद के शिष्य के साथ ही प्रसिद्ध सूफी मुसलमान फकीर शेख तकी का भी शिष्य माना जाता है।देशाटन करने के कारण उनका हठयोगियों तथा सूफी मुसलमान फकीरों से सत्संग हुआ तो उनका ’राम’ धनुर्धर साकार राम न होकर ब्रह्म के पर्याय बन गए-
"दशरथ सुत तिहुँ लोक बखाना।
राम नाम का मरम है आना।।"

कबीर की बानी ‘निर्गुण बानी‘ कहलाती है। वे रूढि़यों के विरोधी थे। अंधविश्वास, आडम्बर और पाखण्ड का उन्होंने जिस निर्भीकतापूर्वक और बेबाक ढंग से विरोध करने का साहस दिखाया वैसा अन्यत्र दुर्लभ है। उन्होंने कर्मकाण्ड को प्रधानता देने वाले पंडितों और मुल्लों दोनों को खरी-खरी सुनाई-‘‘अपनी देखि करत नहिं अहमक, कहत हमारे बड़न किया।
उसका खून तुम्हारी गरदन, जिन तुमको उपदेश दिया।।
बकरी पाती खाति है, ताको काढ़ी खाल।
जो नर बकरी खात है, जिनका कौन हवाल।।"
.................................................
"है कोई गुरु ज्ञानी जगत महँ उलटि बेद बूझै।
पानी महँ बरै, अंबहि आँखिन्ह सूझै।
कबीर का साम्प्रदायिक सद्भव आज भी हिन्दू-मुस्लिम एकता का संदेश दे रहा है-
‘हिन्दू-तुरूक की एक राह है, सतगुरु इहै बताई।
कहै कबीर सुनो हे साधे, राम न कहेउ खुदाई।।"

आज हमारा जीवन राजनीति और समाजनीति के दो पहलुओं के बीच " 'कबीर' आप ठगाइये, और न ठगिये कोय। आप ठगे सुख ऊपजै, और ठगे दुख होय।।" की तर्ज पर झूल रहा है। राजनीति के साथ समाज के हरेक व्यक्ति का कहीं न कहीं से व्यावहारिक संबंध जुड़ा हुआ है। राजनीति से परे आज साधु-संन्यासी भी दूर-दूर तक कहीं नजर नहीं आ पाते, ऐसे में यदि आज कबीर जीवित होते तो निश्चित वे अपनी वाणी से सामाजिक वैषम्य, असामंजस्य, अनुशासनहीनता, उच्छृंखलता, अनीति और अन्याय के प्रति विद्रोह प्रकट कर राजनीति के छल-कपट, वोट-नीति, फूट डालो और राज्य करो की नीति, व्यक्तिवाद की वर्चस्वता, प्रजातंत्र की आड़ लेकर राजतंत्र के कृत्य, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के प्रति जनता को सचेत कर उनमें जान फूंक देते जिससे स्वस्थ्य राष्ट्र का निर्माण हो उठता।

शनिवार, 29 जून 2013

डॉक्टर ने प्रेगनेंट महिला से की सेक्स की डिमांड, हुई धुनाई


Accused-Dr-Soham-Dalal
अहमदाबाद।।'मुझसे सेक्स करो तो मैं मेडिकल बिल और फीस माफ कर दूंगा...।' अहमदाबाद में एक डॉक्टर ने रूटीन चेकअप लिए आई एक प्रेगनेंट महिला के सामने मेडिकल फीस माफ करने के बदले सेक्स की डिमांड रख दी। डॉक्टर को अपनी यह बेहूदा हरकत भारी पड़ गई। महिला के परिजनों ने उसकी ऐसी जमकर धुनाई कर डाली कि डॉक्टर का हाल आप तस्वीर में देख सकते हैं। पुलिस ने इस डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस के मुताबिक यह 28 वर्षीय महिला प्रेग्नेंसी के बाद कृष्णा हॉस्पिटल के डॉक्टर सोहम दलाल के पास रूटीन चेकअप के लिए जाया करती थी। गुरुवार को रूटीन चेकअप के दौरान डॉक्टर ने महिला के सामने जो ऑफर रखा उससे वह सन्न रह गई। आरोप है कि डॉक्टर दलाल ने महिला से कहा कि वह उसकी मेडिकल फीस माफ कर देगा, लेकिन इसके लिए उसे उससे शारीरिक संबंध बनाने होंगे।

महिला ने घर पहुंचकर डॉक्टर की शिकायत अपने पति से कर दी। शुक्रवार सुबह गुस्साए परिजनों ने हॉस्पिटल पर धावा बोल दिया। लोगों ने हॉस्पिटल पर पथराव किया और फर्नीचर तोड़ डाले। इस बीच डॉक्टर भी वहां पहुंच गया। गुस्साए परिजनों ने उसकी जमकर धुनाई कर दी। कागडापीठ पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह डॉक्टर को बचाया।





इंस्पेक्टर एमके लिंबत के मुताबिक महिला की शिकायत पर डॉक्टर दलाल के खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया है। डॉक्टर के बुरी तरह घायल होने के कारण उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।