रविवार, 31 मार्च 2013

डॉक्टर ने 3 साल के बच्चे का लिंग काटा, इलाज के नाम पर किया था भर्ती

डॉक्टर ने 3 साल के बच्चे का लिंग काटा, इलाज के नाम पर किया था भर्ती

देवलापार. क्षेत्र के टुय्यापार ग्राम में रहने वाले सुरेन्द्रसिंग राठौर की विवाहित बेटी अंजु अमरसिंग भट्टेचोर निवासी अडेगांव त. मौदा ने यह आरोप लगाया है कि उसके तीन साल के बच्चे का लिंग कामठी के एक निजी अस्पताल के चिकित्सक ने ऑपरेश्न के दौरान काट डाला।

जानकारी के अनुसार कामठी (कन्हान) स्थित हायटेक हॉस्पिटल में अंजु ने अपने बच्चे अंशु को इलाज के लिए ले गई। अंशु शरीर व दिमाग से पूरी तरह स्वस्थ है।

केवल उसे हाल ही में पेशाब करने में परेशानी हो रही थी। इसलिए अंजु ने रामटेक के डॉ. आष्टनकर को अंशु को दिखाया। उन्होंने 8 दिन की दवा देकर 8 दिन बाद आने को कहा। 8 दिन बाद भी आराम नहीं लगने पर अंजु डॉ. आष्टनकर के पास पहुंची।डॉ. ने जांच कर कामठी के हायटेक हास्पिटल ने जाने की सलाह दी। उसी आधार पर अंजु अपने परिवार एवं बच्चे को लेकर हायटेक हॉस्पिटल पहुंची। वहां मौजूद डॉ. संदीप जैन को अपने बच्चे की परेशानी की जानकारी दी। डॉ. जैन ने बच्चे का चेकअप कर उसका एक छोटा ऑपरेश्न करने की बात परिवार के लोगों को बताई। और कहा की जिसका खर्च 25 से 30 हजार रुपए आएगा। अंजु की आर्थिक परिस्थिति कमजोर होने के बावजूद उसने बच्चे के ऑपरेश्न करने की मंजुरी दी। डॉ. जैन ने बच्चे को भर्ती कर ऑपरेशन किया। ऑपरेशन में डॉ. ने बच्चे का पूरा लिंग ही काट डाला।

और कुछ समय बाद नागपुर के मेयो अस्पताल में बच्चे को लेजाने की सलाह दी। परिवार के लोगों ने अंशु को मेयो अस्पताल में 10 से 12 दिन भर्ती रखा, फिर अंशु को मेडिकल रेफर किया गया। वहां के चिकिस्तको ने परिवार के लोगों को बताया की बच्चे का लिंग काटने की कोई आवश्यकता नहीं थी। यहा पर बच्चे का ऑपरेशन कर पेट से नली डाली गई, जिससे वो पेशाब कर रहा है। अंजू ने हायटेक हास्पिटल के चिकित्सक के खिलाफ कामठी पुलिस स्टेशन में 20 मार्च को शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।

राजनाथ का मिशन 2014 का ऎलान

राजनाथ का मिशन 2014 का ऎलान

नई दिल्ली। बीजेपी ने मिशन 2014 का आगाज कर दिया है। इसी के तहत नए राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने अपनी नई टीम का रविवार सुबह ऎलान किया। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को पार्टी के संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया है। छह साल बाद मोदी की संसदीय बोर्ड में वापसी हुई है। भाजपा का यही संसदीय बोर्ड 2014 के आम चुनाव की अगुआई करेगा। तेजतर्रार महिला नेता उमा भारती को उपाध्यक्ष बनाया गया है। मुख्तार अब्बास नकवी (यूपी),प्रभात झा,स्मृति इरानी भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाएंगे। अनुराग ठाकुर युवा मोर्चा उपाध्यक्ष बने रहेंगे। सरोज पांडे महिला मोर्चा अध्यक्ष बनाया गया है।

मोदी के करीबी अमित शाह को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। 10 महासचिवों में से 5 महासचिव नितिन गडकरी की टीम के ही हैं। इस लिस्ट में सबको उम्मीद थी कि मध्य प्रदेश की तेज तर्रार नेता उमा भारती का नाम भी होगा,लेकिन अंत समय में धर्मेद्र प्रधान बाजी मार ले गए। उमा भारती को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई। महासचिव के एक और मजबूत दावेदार प्रभात झा को भी उपाध्यक्ष पद से संतोष करना पड़ा है।

संसदीय बोर्ड में मोदी की एंट्री

राजनाथ सिंह,अटल बिहारी वाजपेयी,लालकृष्ण आडवाणी,मुरली मनोहर जोशी,वेंकैया नायडू,नितिन गडकरी,सुषमा स्वराज,अरूण जेटली,रामलाल,अनंत कुमार,थावर चंद गहलोत और नरेंद्र मोदी।

ये बने महासचिव

रामलाल (संगठन),अनंत कुमार,थावर चंद गहलोत,राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा,तापिर गांव,गुजरात बीजेपी नेता अमित शाह,राज्यसभा सांसद राजीव प्रताप रूडी,पीलीभीत सं सांसद वरूण गांधी,मुरलीधर राव और धर्मेद्र प्रधान।

ये बने उपाध्यक्ष

किरण माहेश्वरी,स्मृति ईरानी,सदानंद गौड़ा,मुख्तार अब्बास नकवी,डॉ. सीपी ठाकुर,जुएल उरांव,एसएस अहलूवालिया,बलबीर पुंज,सतपाल मलिक,प्रभात झा,उमा भारती,बिजॉय चक्रवर्ती,लक्ष्मीकांत चावला।

सचिव
विनोद पांडेय,त्रिवेंद्र रावत,रामेश्वर चौरसिया,श्याम जाजू,भूपेंद्र यादव,कृष्णा दास,अनिल जैन, आरती मेहरा,रेणु कुशवाहा,सुधा यादव,सुधा मलैया,पूनम महाजन,लुईस मरांडी,डॉ. तमिल एसाई,वाणी त्रिपाठी।

मोर्चाओं के अध्यक्ष

सरोज पांडेय को महिला मोर्चा,अनुराग ठाकुर युवा मोर्चा अध्यक्ष,संजय पासवान एसी मोर्चा अध्यक्ष,फगन सिंह कुलस्ते एसटी मोर्चा,अब्दिल राशिद को अल्पसंख्यक मोर्चा तथा ओम प्रकाश धनाकर को किसान मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया है।

पार्टी के नौ प्रवक्ता

प्रकाश जावडेकर,सैयद शाहनवाज हुसैन,निर्मला सीतारमन,विजयशंकर शास्त्री,डा. सुधांशु त्रिवेदी,मीनाक्षी लेखी,कैप्टन अभिमन्यु को प्रवक्ता बनाया गया है।

इन्हें नहीं मिली तवज्जो

नई टीम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी जगह नहीं मिली है। उन्हें मोदी के साथ संसदीय बोर्ड में शमिल किए जाने की चर्चा थी। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को भी टीम से बाहर रखा गया है। भाजपा के मुस्लिम चेहरों मुख्तार अब्बास नकवी और सैयद शाहनवाज हुसैन को भी तवज्जो नहीं दी गई है और उन्हें क्रमश: उपाध्यक्ष तथा प्रवक्ता ही रखा गया है हालंाकि हुसैन को केन्द्रीय चुनाव समिति में भी जगह दी गई है। वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा का नम्बर भी नहीं आ सका।

‘जल को जानें और पहचाने ’अभियान का आगाज बाड़मेर से

‘जल को जानें और पहचाने ’अभियान का आगाज बाड़मेर से

बाड़मेर , देश को विकसित बनाने के लिए जल एवं स्वच्छता को आम आदमी तक पहुंच सुनिश्चित करना होगा। स्वच्छता के अभाव एवं खेतों में रसायन के उपयोग से जलस्रोत एवं नदियां प्रदूषित हो रही हैं। भूजल के दोहन से पानी खत्म हो रहा है। हमें इसे रोकना होगा। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस वर्ष को ‘अंतरराष्ट्रीय जल सहकार वर्ष’ घोषित किया है। इसी कर्म में बाड़मेर में सीसीड़ीयू जिले भर में आगामी साल भर तक जल को जाने और पहचाने अभियान को चलाएगा . राजस्थान में पहली बार आयोजित किये जाने वाले इस अभियान की अनूठी पहल बाड़मेर की धरा पर सार्थक होती नजर आएगी।सीसीड़ीयू की आईईसी कंसल्टेंट अशोक सिंह ने बताया की ‘जल को जाने और पहचाने ’ अभियान का उद्देश्य जल का महत्व, संबंधित विचार, स्रोतों की बुनियादी समझ, पानी के प्रति पारंपरिक व आधुनिक दृष्टि, चुनौती व समाधान जैसे मसलों को लोगों के मध्य ले जाना है। अभियान खासतौर पर शिक्षण संस्थाओं और अन्य युवाओं के बीच पानी की बात पहुंचाने का मन रखता है। सीसीड़ीयू का आईईसी अनुभाग छोटी-छोटी बुनियादी जानकारियों, पानी का काम कर रहे व्यक्तियों, संगठनों के कार्यों से जन-जन को अवगत कराने से लेकर अंतरराष्ट्रीय हो चुके पानी मुद्दों को इस अभियान में शामिल करेगा। विभिन्न स्तरीय प्रतियोगिता, अध्ययन, कार्यशाला, व्याख्यान, शिविर, प्रदर्शनी, कविता पाठ, नुक्कड़ नाटक, फिल्म-स्लाइड शो, सहित्य-पर्चे-बैज आदि का वितरण और यात्राओं के अलावा कई ज़मीनी और श्रम आधारित गतिविधियों को भी इस अभियान का हिस्सा बनाया गया है। सीसीड़ीयू के आईईसी अनुभाग का मानना है कि आज जल सुरक्षा को सबसे बड़ी चुनौती चार तरफ से है: कृषि, शौच, ठोस कचरा और औद्योगिक अवजल। और जल सहकार के लिए सात प्रमुख वर्ग ऐसे हैं, जिन्हें बुनियादी हकीक़त से अवगत कराना और दायित्वपूर्ति के लिए प्रेरित करना जरूरी है: किसान, स्थानीय निकाय, व्यापारिक प्रतिष्ठान, औद्योगिक इकाइयां, सरकारी अस्पताल, निजी नर्सिंग होम और नदी किनारे स्थापित आस्था केन्द्र। यह जल सहकार का असली काम होगा। पानी की सबसे ज्यादा खपत कृषि क्षेत्र में है। नहरी सिंचाई प्रणाली का दुरुपयोग, अधिक सिंचाई से कम उपज के प्रति जानकारी का अभाव, कम पानी में अधिक उपज के वैज्ञानिक तौर-तरीकों की जानकारी व संसाधनों का अभाव तथा कृषि में रसायनों का बढ़ता प्रयोग जैसे मसले चुनौती बढ़कर खड़े हैं। इन सभी बातो को आगामी मई, 2013 से मई, 2014 के दौरान एक विशेष अभियान में आम जनता के सामने रखा जायेगा इस अभियान में हर वर्ग को शामिल किया जायेगा . इतना ही नही इस अभियान की शुरुवात तो शहर से होगी लेकिन बात सरहद के आखिरी छोर तक बेठे आम आदमी तक पहुचाई जाएगी .

दिल्ली की तरफ बढ़े मोदी के कदम

दिल्ली की तरफ बढ़े मोदी के कदम

नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की छह साल बाद बीजेपी की संसदीय समिति में वापसी हो गई है। भाजपा का यही संसदीय समिति 2014 के आम चुनाव की अगुआई करेगी। समिति ही पार्टी में फैसले लेने वाली सबसे ताकतवर समिति है। संसदीय बोर्ड में वह अकेले मुख्यमंत्री हैं। इससे साफ हो गया है कि केंद्रीय राजनीति में मोदी का कद बढ़ चुका है और अगले लोकसभा चुनाव में उनकी बड़ी भूमिका होने जा रही है। राजनीतिक गलियारे में मोदी की वापसी को भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किए जाने की ओर उनके बढ़ते कदम के तौर पर देखा जा रहा है। दीगर बात है कि पिछली बार भी राजनाथ सिंह ने ही मोदी को पार्टी के संसदीय बोर्ड में लेकर आए थे लेकिन एक साल बाद ही मोदी को हटाना पड़ा था।

दागी अमित शाह का कद बढ़ा

इतना ही नहीं बल्कि उनके करीबी माने जाने वाले गुजरात के नेता अमित शाह को महासचिव बनाया गया है। 2005 में हुए सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद शाह को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वरूण गांधी के खिलाफ, 2009 के आम चुनाव के दौरान घृणास्पद भाषण देने के लिए दो मामले दर्ज किए गए थे। इस महीने के प्रारम्भ में उन्हें हालांकि आरोपमुक्त कर दिया गया था।

मोदी पर सहमत नहीं थे आडवाणी-सुषमा!

सूत्रों के अनुसार मोदी को एकमात्र सीएम के तौर पर संसदीय बोर्ड में लाने के फैसले को सुषमा और आडवाणी ने एक बार फिर से चुनौती दी थी। मगर मोदी का नाम आखिर तक मजबूती से चला। भाजपा अध्यक्ष ने जेटली से भी भेंट कर उनसे उनकी राय ली। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद धर्मेन्द्र प्रधान को भी बतौर महासचिव बरकरार रखने का फैसला हुआ।

अंतिम समय तक उहापोह की स्थिति

अंतिम समय में संघर्ष के चलते टीम राजनाथ की घोषणा शनिवार को रूक गई और रविवार को वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की। राजनाथ ने शनिवार को अपने पदाधिकारियों की सूची को लेकर सुषमा स्वराज और अरूण जेटली से मंत्रणा की थी। सूत्रों के अनुसार नरेंद्र मोदी को इकलौते मुख्यमंत्री के तौर पर संसदीय बोर्ड में लाने और धर्मेन्द्र प्रधान को दोबारा से महासचिव बनाने का अंतिम विरोध हुआ। धर्मेन्द्र की जगह प्रभात झा के नाम की चर्चा चली, लेकिन उनके नाम को पार्टी नेताओं का सर्मथन नहीं मिला है। उनके लिए महज संघ के सुरेश सोनी प्रयासरत रहे। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी उन पर आपत्ति थी। इसलिए झा को उपाध्यक्ष पद ही मिल सका।

वरूण के विरोध में कटियार!

राजनाथ सिंह की नई टीम बनने के साथ ही मतभेद भी शुरू हो गए। पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व महासचिव विनय कटियार ने वरूण गांधी को महासचिव बनाए जाने पर परोक्ष रूप से अपनी नाराजगी जताई है। रामजन्मभूमि आंदोलन के सक्रिय नेता रहे विनय कटिहार का कहना है कि "गांधी" सरनेम का सबको फायदा मिलता है चाहे वह कांग्रेस में हो या भाजपा में।

दिल्ली की तरफ बढ़े मोदी के कदम

दिल्ली की तरफ बढ़े मोदी के कदम

नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की छह साल बाद बीजेपी की संसदीय समिति में वापसी हो गई है। भाजपा का यही संसदीय समिति 2014 के आम चुनाव की अगुआई करेगी। समिति ही पार्टी में फैसले लेने वाली सबसे ताकतवर समिति है। संसदीय बोर्ड में वह अकेले मुख्यमंत्री हैं। इससे साफ हो गया है कि केंद्रीय राजनीति में मोदी का कद बढ़ चुका है और अगले लोकसभा चुनाव में उनकी बड़ी भूमिका होने जा रही है। राजनीतिक गलियारे में मोदी की वापसी को भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किए जाने की ओर उनके बढ़ते कदम के तौर पर देखा जा रहा है। दीगर बात है कि पिछली बार भी राजनाथ सिंह ने ही मोदी को पार्टी के संसदीय बोर्ड में लेकर आए थे लेकिन एक साल बाद ही मोदी को हटाना पड़ा था।

दागी अमित शाह का कद बढ़ा

इतना ही नहीं बल्कि उनके करीबी माने जाने वाले गुजरात के नेता अमित शाह को महासचिव बनाया गया है। 2005 में हुए सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद शाह को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वरूण गांधी के खिलाफ, 2009 के आम चुनाव के दौरान घृणास्पद भाषण देने के लिए दो मामले दर्ज किए गए थे। इस महीने के प्रारम्भ में उन्हें हालांकि आरोपमुक्त कर दिया गया था।

मोदी पर सहमत नहीं थे आडवाणी-सुषमा!

सूत्रों के अनुसार मोदी को एकमात्र सीएम के तौर पर संसदीय बोर्ड में लाने के फैसले को सुषमा और आडवाणी ने एक बार फिर से चुनौती दी थी। मगर मोदी का नाम आखिर तक मजबूती से चला। भाजपा अध्यक्ष ने जेटली से भी भेंट कर उनसे उनकी राय ली। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद धर्मेन्द्र प्रधान को भी बतौर महासचिव बरकरार रखने का फैसला हुआ।

अंतिम समय तक उहापोह की स्थिति

अंतिम समय में संघर्ष के चलते टीम राजनाथ की घोषणा शनिवार को रूक गई और रविवार को वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की। राजनाथ ने शनिवार को अपने पदाधिकारियों की सूची को लेकर सुषमा स्वराज और अरूण जेटली से मंत्रणा की थी। सूत्रों के अनुसार नरेंद्र मोदी को इकलौते मुख्यमंत्री के तौर पर संसदीय बोर्ड में लाने और धर्मेन्द्र प्रधान को दोबारा से महासचिव बनाने का अंतिम विरोध हुआ। धर्मेन्द्र की जगह प्रभात झा के नाम की चर्चा चली, लेकिन उनके नाम को पार्टी नेताओं का सर्मथन नहीं मिला है। उनके लिए महज संघ के सुरेश सोनी प्रयासरत रहे। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी उन पर आपत्ति थी। इसलिए झा को उपाध्यक्ष पद ही मिल सका।

वरूण के विरोध में कटियार!

राजनाथ सिंह की नई टीम बनने के साथ ही मतभेद भी शुरू हो गए। पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व महासचिव विनय कटियार ने वरूण गांधी को महासचिव बनाए जाने पर परोक्ष रूप से अपनी नाराजगी जताई है। रामजन्मभूमि आंदोलन के सक्रिय नेता रहे विनय कटिहार का कहना है कि "गांधी" सरनेम का सबको फायदा मिलता है चाहे वह कांग्रेस में हो या भाजपा में।

खेलते-खेलते पहुंची पाक बार्डर,फिर गुम

खेलते-खेलते पहुंची पाक बार्डर,फिर गुम

बीकानेर। खाजूवाला क्षेत्र में दो दिन पहले एक बालिका खेलते-खेलते पाकिस्तान सीमा पहुंच गई, वहां से वापस नहीं लौटी। जानकारी के अनुसार खाजुवाला क्षेत्र के 43 केवाईडी के निवासी पुखरात की 7 वर्षीय बेटी पूजा और परिवार के अन्य बच्चे सीमा के पास पशु चरा रहे थे। शाम के समय पूजा खेलते-खेलते पाकिस्तान सीमा के करीब जा पहुंची।

जिसके बाद से वह लापता है। परिवारवालों ने इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी तो हड़कप मच गया। बीएसएफ और जनप्रतिनिधि ने बच्ची के बारे में पाकिस्तान के अधिकारियों को जानकारी दी। इसके बाद सीमा अधिकारियों ने मीटिंग की जिसमें पाकिस्तान के रेंजर्स मौजूद थे। रेंजर्स द्वारा पूजा की खोजबीन का अभियान चलाया गया लेकिन पूजा के पैरों के निशान करीब एक किलोमीटर तक ही मिले।

बाड़मेर नाबालिग की गेंगरेप के बाद हत्या ?

बाड़मेर नाबालिग की गेंगरेप के बाद हत्या ?


बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के सदर थाना क्षेत्र के रडवा गाँव में एक नाबालिग के साथ गेंग रेप के बाद हत्या का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया .घटना की सूचना मिलते ही पुलिस दल मौके पर पहुँच गया .सूत्रानुसार बाड़मेर जिला मुख्यालय से बाईस किलोमीटर चोहटन मार्ग पर स्थित रदावा गाँव में एक नाबालिग बालिका के साथ गाँव के ही छह जानो ने सामूहिक बलात्कार कर मासूम की हत्या कर शव पहाडियों के बीच फेंक दिया .सूत्रानुसार रडवा गाँव के दो परिवारों के बीच आपसी रंजिस चल रही थी ,जिसके चलते इस घटना को अंजाम दिया जाना बताया जा रहा हें .हालांकि पुलिस गेंगरेप की घटना की पुष्टि नहीं कर रही हें .अलबता लड़की का शव पहाडियों के बीच मिलाना स्वीकार कर रहे हें ,गेंग रेप की पुष्टि पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट के बाद ही कुछ पता चलने की बात कह रही हें पुलिस .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की अभी तक गेंग रेप जैसी कोई बात सामने नहीं आई ,मगर नाबालिग बालिका का शव बरामद हुआ हें ,अलबता लड़की के परिजन लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के आरोप लगा रहें हें .मृतका बालिका का मुंह कपडे से बांधा हुआ हें ,बालिका का शव देखने से पता चलता हें की बालिका के साथ बेरहम तरीके से बलात्कार किया गया .

मां से मिलने की जिद की तो 6 साल के बेटे को 16 बार काटा


पटियाला। मां से मिलने की जिद करने पर पिता ने अपने 6 साल के बेटे के शरीर पर 16 बार ब्लेड से कट लगाए। उसके लिंग को भी काटा और शरीर को सिगरेट से दागा। बच्चे ने शनिवार को राजिंदरा अस्पताल में खुद पर हुए अत्याचार की बात बताई। बच्चे के मामा ने बताया कि उन्होंने अपनी बहन की शादी बहादुरगढ़ के बलजीत सिंह से की थी। दोनों में अनबन होने पर 6 माह पहले सर्वसम्मति से कोर्ट में तलाक का केस दायर किया गया। कोर्ट ने 6 साल के भांजे की देखरेख का जिम्मा पिता को दिया था। एक महीने बाद अदालत ने मां को बच्चे से मिलाने का भी आदेश दिया लेकिन पिता ने इसका पालन नहीं किया। बच्चा जब भी मां से मिलने की बात करता था तो पिता उसे यातनाएं देता था।

जब भारतीय मूल की अमीना को चूमने लगते थे नेल्सन मंडेला !

जोहानिसबर्ग। रंगभेद विरोधी आंदोलन के नेता नेल्सन मंडेला भारतीय मूल की आमिना कंसालिया को जीवनसाथी बनाना चाहते थे। लेकिन, आमिना ने यह पेशकश ठुकरा दी थी। अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के दिवंगत नेता यूसुफ कसालिया की पत्नी आमिना का पिछले महीने 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। आमिना की जीवनी ‘व्हेन होप एंड हिस्ट्री राइम’ में कहा गया है कि 27 वर्ष तक जेल में रहने के बाद बाहर निकलने पर मंडेला ने उनसे शादी का प्रस्ताव रखा था। आमिना के बच्चों गालिब और कोको कंसालिया ने भी इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि उन्हें मां ने इस प्रस्ताव के बारे में बताया था।
जब भारतीय मूल की अमीना को चूमने लगते थे नेल्सन मंडेला !
आमिना ने लिखा है कि मंडेला किस तरह अकेले उनके अपार्टमेंट आते थे और वह उनके दफ्तर व घर जाया करती थीं। उन्होंने लिखा, ‘वह (मंडेला) मेरे सामने सोफे पर बैठे और मुझे चूमने लगे। अपनी उंगलियों से मेरे बालों को सहलाते हुए बोले कि क्या तुम नहीं जानती कि तुम कितनी बला-की खूबसूरत, जिंदादिल और मनमोहक नौजवान महिला हो। मैंने सहज भाव से जवाब दिया कि मैं नौजवान महिला नहीं, एक अधेड़ उम्र की महिला हूं। मंडेला ने कहा कि ठीक है फिर से शुरू करते हैं। इसके बाद उन्होंने मुझे कई उपमाएं दीं।’

आमिना ने उस शाम का जिक्र भी किया जब मंडेला जोहानिसबर्ग स्थित उनके फ्लैट पर आए थे। उन्होंने मंडेला के लिए क्रेफिश बनाई थी। लेकिन मंडेला ने उसे नहीं खाया। आमिना ने लिखा, ‘उस रात नेल्सन ने मुझसे प्रेम की घोषणा कर दी। मैंने उन्हें रोका। याद दिलाया कि वे शादीशुदा हैं। मैं स्वतंत्र थी, लेकिन वे नहीं। इसी बात से वे आहत हो गए। मैंने उनकी भावनाओं को आहत किया था। मैंने उनसे रुककर क्रेफिश खाने को कहा, लेकिन वे चले गए।’