मंगलवार, 30 अक्तूबर 2012

राठी स्‍टील घराने की बहू की रहस्‍यमयी मौत !

नई दिल्ली. इंदौर के औद्योगिक घराने राठी स्टील घराने की बहू आकांक्षा राठी (32) की 23 अक्टूबर को द्वारका स्थित मायके में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
राठी स्‍टील घराने की बहू की रहस्‍यमयी मौत ! 
मायके वालों ने बताया कि उनकी बेटी ने कपड़े से खुद ही अपना गला घोंट लिया है। परिजनों के बयान को पुलिस संदेह से देख रही है। दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस अतिरिक्त आयुक्त एके ओझा ने बताया कि दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया है, अभी रिपोर्ट आना बाकी है।


पुलिस के मुताबिक 22 अक्टूबर मध्य रात्रि को आकांक्षा को अचेत अवस्था में उसके परिवार वाले वसंत कुंज के रॉकलैंड अस्पताल लेकर आए थे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतका के गले में कपड़ा लिपटा हुआ था। अस्पताल से पुलिस को मामले की जानकारी मिली। आकांक्षा राठी स्टील की डायरेक्टर भी थीं।

चार सितंबर को पति अनिरुद्ध राठी की मृत्यु हो जाने के बाद से ही आकांक्षा अपने मायका द्वारका सेक्टर-तीन संसद विहार अपार्टमेंट में अपने परिजनों के साथ रह रही थी। पुलिस के मुताबिक आकांक्षा के परिजनों का कहना है कि पति की मौत के बाद से वह काफी दुखी थी।

22 अक्टूबर की रात को जब वह काफी समय तक कमरे से बाहर नहीं आई तो वह उसके कमरे में गए। देखा कि उसने कपड़े से खुद का गला घोंट लिया है। बेहोशी की हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में दम तोड़ दिया।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया पति की मौत से करीब सप्ताह भर पहले मृतका ने इंदौर पुलिस को ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई थी। साथ ही मृतक द्वारा खुद अपना गला दबाने की बात भी पुलिस के गले नहीं उतर रही है।

एक बार फिर भागा मांजू, तीन थानों की पुलिस भी नहीं पकड़ पाई!

जोधपुर.भाटेलाई सरपंच व हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू सोमवार दोपहर करीब एक बजे एक बार फिर पुलिस की गिरफ्त में आते-आते रह गया। स्पेशल टीम इंचार्ज व तीन थानों के अधिकारी व जवान मिलकर भी मांजू को नहीं पकड़ पाए। मांजू पुलिस की गाड़ियों को टक्कर मारते हुए भाग निकला। आखिर थक-हारकर शाम को पुलिस खाली हाथ लौट आई।मांजू के साथ उसका एक साथी भी था। इससे पूर्व भी दो बार मांजू पुलिस के हाथ आते-आते रह गया था।
 
पुलिस को सूचना मिली कि हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू अपने एक साथी के साथ स्कॉर्पियो में नारवा से बेरु की तरफ जा रहा है। इस पर पुलिस कमिश्नरेट की स्पेशल टीम के इंचार्ज राजवीर सिंह, प्रतापनगर सीआई देरावर सिंह, रातानाडा एसएचओ सुगन सिंह, चौहाबो एसएचओ अमित सिहाग व सब इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश ने जवानों के साथ प्राइवेट गाड़ियों में सवार होकर बेरु रोड स्थित जाखड़ों की ढाणी के पास कैलाश मांजू को घेर लिया, लेकिन कैलाश मांजू इन गाड़ियों को टक्कर मारते हुए भाग छूटा।

करीब दस-पंद्रह मिनट तक चले घटनाक्रम में पुलिस फिर खाली हाथ रह गई। जोधपुर कमिश्नरेट के डीसीपी (पश्चिम) अजयपाल लांबा ने बताया कि पुलिस ने मांजू का केरु रोड तक पीछा किया, लेकिन वह काफी दूर निकल गया।

दो बार शहर से भी भागा था

बालेसर का हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू कुछ समय पूर्व दो बार शहर में आने के बावजूद पुलिस के हाथ नहीं आया। दोनों बार वह अपने परिवार के साथ आया था। उस दौरान भी पुलिस ने उसे पकड़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह हाथ नहीं आया।

क्यों दबाया राजीव की हत्या का सबूत?

क्यों दबाया राजीव की हत्या का सबूत?

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से जुड़े अहम सबूत को दबा दिया गया था। यह दावा किया है मामले की जांच से जुड़े अधिकारी के रागोथामन ने। उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि उस समय के आईबी चीफ एमके नारायणन ने राजीव गांधी की हत्या से जुड़े वीडियो को दबाए रखा। इस वीडियो में मानव बम धुन को दिखाया गया है,जो श्रीपेरम्बदुर में राजीव गांधी के पहुंचने से पहले मौजूद थी।

उन्होंने बताया कि वीडियो के गायब होने के मामले की प्राथमिक जांच हो चुकी है। विशेष जांच टीम के प्रमुख डीआर कार्तिकेयन ने पश्चिम बंगाल के मौजूदा गर्वनर नारायणन को छोड़ दिया। हाल ही में प्रकाशित पुस्तक "राजीव गांधी की हत्या की साजिश-सीबीआई की फाइलों के हवाले" में दावा किया गया है कि राजीव गांधी की हत्या के बाद आईबी के वीडियोग्राफर को जो टेप मिला था उसे एसआईटी के साथ कभी शेयर नहीं किया गया। गौरतलब है कि 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी।

रागोथामन ने लिखा है कि हत्यारों का दस्ता करीब ढाई घंटे तक सुरक्षित क्षेत्र में घूमता रहा। वे अपने टारगेट का इंतजार कर रहे थे। बाद में तमिलनाडु पुलिस ने दावा किया था कि धनु राजीव गांधी के आने के बाद सुरक्षित क्षेत्र में घुसी थी। अगर वीडियो दिया गया होता तो पुलिस का दावा गलत साबित होता।

रागोथामन के मुताबिक इस सबूत को दबाए जाने का मकसद कांग्रेस को किसी तरह की शर्मिदगी से बचाना था,क्योंकि उस वक्त लोकसभा चुनाव हो रहे थे। नारायणन पर सबूत छिपाना के आरोप में आईपीसी की धारा 201 के तहत मामला बनता है लेकिन शुरूआती जांच के बाद केस को दबा दिया गया।

बाड़मेर विधायक का वाहन दुर्घटनाग्रस्त

बाड़मेर विधायक का वाहन दुर्घटनाग्रस्त

बाड़मेर। बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन का वाहन सोमवार दोपहर को कवास के निकट एक जीप की टक्कर से दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में किसी को चोट नहीं आई,लेकिन वाहन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।
कवास के निकट विधायक मेवाराम जैन किसी शोक सभा में शरीक होने जा रहे थे। इस दौरान सामने से आ रही जीप से टक्कर हो गई। टक्कर में वाहन क्षतिग्रस्त हो गया,लेकिन किसी को भी चोट नहीं पहुंची।

सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

मेरा पति जरुर लौटकर आएगा


मेरा पति जरुर लौटकर आएगा
बाड़मेर. पच्चीस वर्ष पूर्व लक्ष्मी का पति सीमा पार कर पाकिस्तान चला गया तो उस पर दु:खों का पहाड़ टूट गया। एक तरफ पति का वियोग तो दूसरी तरफ संतान की परवरिश की जिम्मेदारी। इस अग्नि परीक्षा की घड़ी में लक्ष्मी ने हिम्मत नहीं हारी। विकट परिस्थितियों में जिंदगी से संघर्ष शुरु किया। अपनी संतान पर जान न्यौछावर करने वाली लक्ष्मी ने दिहाड़ी मजदूरी से पालन पोषण किया। उसकी पचीस वर्ष की तपस्या से बेटी व दो बेटों की पढ़ाई के साथ विवाह की महत्वूपर्ण जिम्मेदारी बखूबी निभाते हुए उन्हें पिता की कमी का अहसास तक नहीं होने दिया।

पाकिस्तान के छाछारों के पास स्थित पाणियों गांव से आई लक्ष्मी ने वर्ष 1974 में धनाऊ निवासी भगूसिंह से शादी रचाई। महज ग्यारह साल तक पति का साथ मिला। इस बीच सन् 1985 में भगुसिंह पड़ौसी गांव गोहड़ का तला में पशुओं को चराने के साथ खेती करने की बात कहकर गया था। वह पशु चराते वक्त भूल से सीमा पार कर गया। यह दुखद समाचार मिलते ही लक्ष्मी की पैरों तले जमीन खिसक गई। इस गांव में लक्ष्मी के अलावा परिवार का कोई सदस्य नहीं होने से घर की पूरी जिम्मेदारी लक्ष्मी पर आ गई। वह पति के बिछोह का दर्द सहते हुए एक बेटी व दो बेटों के सहारे जिंदगी का सफर शुरु किया।

उसने कशीदाकारी के कार्य के बदले मिलने वाले मेहनताने से संतान का पालन पोषण शुरु किया। इस दौरान कभी काम नहीं मिलने पर वह भूखे ही सो जाती। संघर्ष के सफर में कई चुनौतियां का सामना करते हुए बच्चों की पढ़ाई शुरु करवाई। इसके साथ ही लक्ष्मी कशीदाकारी के साथ दिहाड़ी मजदूरी पर जाने लगी। धीरे -धीरे वक्त बीतता गया लेकिन लक्ष्मी पर दुखों का साया बना रहा। पति के लौटने की आस में हिम्मत से कार्य करती रही।

इस बीच लक्ष्मी पति की खैर खबर जानने सबसे पहले पुलिस थाना चौहटन पहुंची। जहां पर अपनी फरियाद सुनाई तो केवल आश्वासन देकर रवाना कर दिया। लंबे अर्से बाद जब कोई समाचार नहीं मिला तो फिर वह अपनी फरियाद लेकर तहसील कार्यालय की चौखट पहुंची। उसने अपनी पूरी कहानी सुनाते हुए पति का पता लगाने के साथ सहायता की गुहार लगाई।

यहां भी उसे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। थकी हारी लक्ष्मी ने आखिरी दरखवास्त अपने गांव के मौजिज लोगों के सामने दर्ज करवाई। लेकिन सारे प्रयास विफल रहे। किसी ने भगुसिंह की पैरवी नहीं की। उसने ईश्वर पर पूरा भरोसे रखते हुए अपने बूते बेटी की शादी की। इसके बाद दो बेटों का विवाह कर दिया। तीनों की शादियां से लक्ष्मी कर्जदार बन गई। फिर भी उसने मेहनत कर धीरे -धीरे कर्जा उतारा। आज भी मुफलिसी की जिंदगी जी रही लक्ष्मी नरेगा कार्य पर दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण कर रही है।
कलेक्टर का फरमान बेअसर
तत्कालीन जिला कलेक्टर रवि जैन ने वर्ष 2008 में धनाऊ गांव में रात्रि चौपाल आयोजित की। फरियाद लेकर पहुंची लक्ष्मी ने कलेक्टर को अपना दुखड़ा सुनाया। धनाऊ गांव निवासी अचलसिंह व संजय बोहरा बताते है कि पाक जेलों बंद पांच भारतीय रिहा होकर आ गए। लेकिन भगुसिंह के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है।

सुख की आस में बेगानी हो गई. पाकिस्तान के छाछरों के पास स्थित पाणियों गांव में लक्ष्मी का बचपन गुजरा। भारत-पाक युद्ध के बाद हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के चलते कई परिवार सुख की आस में हिन्दुस्तान आ गए। इसमें लक्ष्मी का परिवार भी शामिल था। यहां आकर शादी रचाने के ग्यारह साल बाद पति पाकिस्तान चले जाने से उसकी खुशियां गम में बदल गई।
चिट्ठी आई न कोई संदेशपचीस वर्ष पूर्व पाकिस्तान गए भगुसिंह की न तो कोई चिट्ठी आई है और नहीं कोई संदेश। मां के आंचल में पले अर्जुन व प्रताप को विश्वास है उनके पिता के आने का शुभ समाचार आएगा।

मेरा पति जहां कहीं है, वह जरुर लौटकर आएगा। इसकी आस से मैने आज भी सुहाग की प्रतीक चुडियां पहन रखी है। मैने पच्चीस वर्ष तक संघर्ष करते हुए ईश्वर पर भरोसा किया है। वह मेरे साथ न्याय करेगा।
लक्ष्मी कंवर, पत्नी, भगुसिंह धनाऊ

'भ्रष्टाचारी है मेरा बाप, टिकट दिया तो ठीक नहीं होगा'

'भ्रष्टाचारी है मेरा बाप, टिकट दिया तो ठीक नहीं होगा' 

अमरेली (गुजरात)। गुजरात के सावरकुंडला से भाजपा विधायक कालू विराणी के खिलाफ खुद उनकी बेटी ने मोर्चा खोल दिया है। रीता ऊर्फ अल्पा विराणी ने पिता पर भ्रष्टाचारी होने के आरोप लगाते हुए भाजपा व मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से पुन: टिकट न देने की मांग की है। बकौल रीता, उन्हें पिता से जान का खतरा है। वे लगातार धमकी दे रहे हैं। रविवार सुबह भी पिता व उनके भाई ने धमकाया। टिकट न देने की मांग दोहराते हुए रीता ने कहा कि बावजूद इसके टिकट दिया गया तो वे खुद पिता के खिलाफ प्रचार करेंगी। रविवार को रीता ने संवाददाताओं से बातचीत में उक्त आरोप लगाए।
'भ्रष्टाचारी है मेरा बाप, टिकट दिया तो ठीक नहीं होगा' 


विधायक कालूभाई ने आरोपों को खारिज करते हुए बेटी को मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि 20 साल से बेटी का उपचार करवा रहा हूं। मार कैसे डालूंगा? चुनाव सिर पर हैं। निहित स्वार्थी लोग मेरी बेटी को ढाल बना कर मेरे खिलाफ तथ्यहीन आरोप लगाए हैं। 30 वर्षीय बेटी का विभिन्न शहरों के अस्पतालों में उपचार करवाया है किन्तु स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। 900 करोड़ की संपत्ति जुटाई : रीता ने आरोप लगाया कि उनके पिता का सिंगापुर, गोवा एवं दीव में पिता के होटल हैं। उन्होंने 900 करोड़ की संपत्ति जुटाई है। स्विस बैंक में पिता का खाता होने का भी रीता ने दावा किया है। पेशे से फैशन डिजाइनर रीता के अनुसार सूरत-अहमदाबाद एवं सावरकुंडला में भी पिता की बेशुमार संपत्ति है। फिर भी वे हर काम में भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं। रीता ने पिता कालूभाई को पहली पत्नी की मौत के लिए भी जिम्मेदार ठहराया। रीता ने फैशन डिजाइनिंग के अलावा सिंगापुर से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई भी की है। होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए उन्हें सरकार की ओर से मदद भी मिली थी।

दिल्ली-उदयपुर एक्सप्रेस के इंजन में लगी आग, जंगल में डेढ़ घंटे खड़ी रही ट्रेन



भीलवाड़ा। दिल्ली-उदयपुर चेतक एक्सप्रेस के इंजन में सोमवार अल सुबह तकनीकी खराबी आ जाने से आग लग गई। ट्रेन चालक और गार्ड की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। मगर करीब डेढ़ घंटे तक जंगल में अटकी रही चेतक एक्सप्रेस तीन घंटे देरी से उदयपुर के लिए रवाना हो पाई। वहीं भोपाल-जयपुर ट्रेन दो घंटे तक भीलवाड़ा स्टेशन पर अटकी रही।
 


चेतक एक्सप्रेस के इंजन में भीलवाड़ा स्टेशन से सात किलोमीटर पहले जौधड़ास अंडरब्रिज पर सुबह 4 बजे अचानक आग लग गई। चालक ने ट्रेन रोक दी। घटना के बाद इंजन के पास वाले चार डिब्बों में अफरा-तफरी मच गई। चारों डिब्बे देखते ही देखते खाली हो गए। चालक शिशुपाल ओझा, गार्ड दीपक शर्मा और सहायक ड्राइवर किशन रावत ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए बड़ा हादसा टाल दिया। चालक और सहायक ने लोगों की सहायता से जलते इंजन को ट्रेन से अलग कर दूर किया। धकेलने के दौरान ढलान होने से इंजन ट्रेन से दो किलोमीटर दूर चला गया।



कंट्रोल रूम व स्टेशन पर सूचना मिलते ही पुलिस व दमकल मौके पर पहुंची। सुबह 4.10 पर लगी आग पर 5 बजे काबू पाया गया। भीलवाड़ा से दूसरा इंजन भेजकर लाइन खाली कराई गई। लांबिया स्टेशन से मालगाड़ी का इंजन मंगवा दिल्ली-उदयपुर चेतक एक्सप्रेस को मांडल स्टेशन पहुंचाया गया। हादसे के बाद सुबह 4.06 बजे से भीलवाड़ा स्टेशन पर अटकी भोपाल-जयपुर ट्रेन को सुबह 6.30 बजे रवाना किया गया। ट्रैक पर हालात सामान्य होने पर चेतक एक्सप्रेस को उदयपुर के लिए सुबह 7.20 बजे मांडल स्टेशन से रवाना किया गया। घटना के बाद वरिष्ठ मंडल यांत्रिकी अभियंता पावर सत्यवीर सिंह यादव, लोको इंस्पेक्टर दिनेश शर्मा व राजेंद्र बुढ़ाना ने जांच शुरू की। आग का कारण इंजन के रबर फ्यूल पाइप में लीकेज बताया गया है।

अब डे-नाइट हो सकेंगे क्रिकेट टेस्ट मैच

अब डे-नाइट हो सकेंगे क्रिकेट टेस्ट मैच

दुबई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने दिनरात्रि के टेस्ट को सोमवार को अपनी मंजूरी दे दी लेकिन इन मैचों में किस तरह की और किस रंग की गेंद इस्तेमाल की जाएगी यह फैसला करने का अधिकार सदस्य बोर्डो पर छोड़ दिया। आईसीसी ने साथ ही श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच मंगलवार से शुरू हो रही सीरीज से पहले टेस्ट, वनडे और टवंटी-20 मैचों के लिए नए खेल नियमों की घोषणा कर दी।

इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में पिछले कुछ समय से दिनरात्रि के टेस्ट को संभव बनाने के लिए प्रयोग चल रहे थे और अब आईसीसी की मंजूरी मिलने के बाद दूधिया रोशनी में टेस्ट आयोजित करने का रास्ता साफ हो गया है। विश्व संस्था ने एक बयान में कहा कि टीमें द्विपक्षीय आधार पर दिनरात्रि के टेस्ट आयोजित कर सकती हैं। दौरा करने वाली टीम और मेजबान बोर्ड तय फैसला करेंगे कि उन्हें किस समय छह घंटे खेलना है और किस ब्रांड की, किस तरह की और किस रंग की गेंद का इस्तेमाल करना है।

आईसीसी ने साथ ही वनडे में पावरप्ले, क्षेत्ररक्षण बाध्यता और शार्ट पिचों गेंदों से संबंधित नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। साथ ही टेस्ट और वनडे में अंपायर फैसला समीक्षा प्रणाली तथा तीनों फार्मेट में नो बाल, डेड बाल, ओवररेट से संबंधी नियम तथा टवंटी-20 में एक ओवर एलिमिनेटर संबंधी नियम में भी कुछ संशोधन किए हैं। विश्व संस्था ने कहा कि टेस्ट, वनडे और टवंटी-20 में नए नियम 30 अक्टूबर को श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच पल्लेकेल में शुरू हो रही सीरीज से प्रभावी हो जाएंगे। आईसीसी की क्रिकेट समिति ने मई में लंदन में हुई बैठक में जो सिफारिशें की थी उसे आईसीसी बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।

मच रही है रेगिस्तान में धूम क्योंकि यहां चल रहा है कुछ ख़ास

मच रही है रेगिस्तान में धूम क्योंकि यहां चल रहा है कुछ ख़ासमच रही है रेगिस्तान में धूम क्योंकि यहां चल रहा है कुछ ख़ासमच रही है रेगिस्तान में धूम क्योंकि यहां चल रहा है कुछ ख़ासमच रही है रेगिस्तान में धूम क्योंकि यहां चल रहा है कुछ ख़ासमच रही है रेगिस्तान में धूम क्योंकि यहां चल रहा है कुछ ख़ासमच रही है रेगिस्तान में धूम क्योंकि यहां चल रहा है कुछ ख़ासमच रही है रेगिस्तान में धूम क्योंकि यहां चल रहा है कुछ ख़ासमच रही है रेगिस्तान में धूम क्योंकि यहां चल रहा है कुछ ख़ासमच रही है रेगिस्तान में धूम क्योंकि यहां चल रहा है कुछ ख़ास


जोधपुर.मारवाड़ समारोह में रविवार को जब नाचते-गाते लोक कलाकारों व सजे-धजे ऊंटों के साथ शोभायात्रा शहर के भीतरी क्षेत्रों से निकली तो लोग राजस्थानी लोक कलाकारों के हुनर को निहारते रह गए। शोभायात्रा जिस रास्ते से गुजरी समां बांध गई। शोभायात्रा में ऊंट गाड़ियों, बैल गाड़ियों व तांगों पर रंग बिरंगी पोशाक पहने लोक कलाकारों की बानगी देखते ही बनती थी। कई कलाकार ऊंटों व घोड़ों पर बैठे थे। इसके बाद हुई रोचक प्रतियोगियों ने भी लोगों का मनमोह लिया। राजस्थान पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय मारवाड़ समारोह के दूसरे दिन रविवार सुबह नौ बजे उम्मेद स्टेडियम से प्रारंभ हुई शोभायात्रा को उप महापौर न्याज मोहम्मद ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।समारोह में मंडल रेल प्रबंधक राजेंद्र जैन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास भी समारोह में मौजूद रहीं।रस्सा-कस्सी में विदेशी टीम जीती :

मारवाड़ समारोह के अंतर्गत उम्मेद स्टेडियम में साफा बांधने की भारतीय प्रतियोगिता में अरशद अली प्रथम, गंगासिंह दूसरे तथा प्रमोद बिस्सा तीसरे स्थान पर रहे।प्रतियोगिता में यूएसए के पुनीत पहले स्थान पर, जर्मनी के हेलमट दूसरे तथा इंग्लैंड के बेन तीसरे स्थान पर रहे। रस्सा-कस्सी प्रतियोगिता में विदेशी पर्यटकों की टीम ने देसी टीम को हराकर खिताब जीता। समारोह के दौरान बीएसएफ के प्रसिद्ध टैटू शो का चित्ताकर्षक प्रदर्शन किया।राजपुरोहित ‘मारवाड़श्री’ बने :

समारोह में रामसिंह राजपुरोहित को ‘मारवाड़ श्री’ से नवाजा गया। इसी प्रकार मटका रेस प्रतियोगिता में आस्ट्रेलिया की गैब्रिला प्रथम, जर्मनी की पावलीन दूसरे और भारत (जोधपुर) की सुश्री जाफरान तीसरे स्थान पर रहीं। बैंड वादन प्रतियोगिता में बीएसएफ ने रंग जमाते हुए पहला स्थान प्राप्त किया। मेहरानगढ़ बैंड को दूसरा व पुलिस बैंड को तीसरा स्थान मिला।धोरों पर धवल चांदनी में आज समापन:

थार रेगिस्तान के प्रवेश द्वार ओसियां की धरती धोरों पर सोमवार को मारवाड़ समारोह का समापन होगा। समारोह की आखिरी शाम चांदनी की शीतलता और समंदर की मानिंद चमकते धोरों पर लोक कलाकार अपनी लोककला का जलवा बिखेरेंगे।

यहां पर जयपुर से ज्योति डाबोड़िया एंड पार्टी का राजस्थानी नृत्य, भरतपुर के अशोक शर्मा एंड पार्टी की फूलों की होली, बाड़मेर की पुष्कर प्रदीप पार्टी का लोकनृत्य-लोक गायन, अलवर के अमर फारूख पार्टी का भपंग वादन, झुंझुनूं के गोपालराम एंड पार्टी का चंग-ढाप वादन, पारसनाथ पार्टी का कालबेलिया नृत्य, पाली-पादरला की दुर्गादेवी एंड पार्टी का तेरहताली तथा जैसलमेर के तगाराम भील एंड पार्टी का अलगोजा वादन होगा। समारोह के समापन पर आकर्षक आतिशबाजी होगी।