सोमवार, 1 अक्तूबर 2012

सहगोत्र विवाह पर पंचायत का तालिबानी फरमान, हुक्का पानी बंद

 

कुंड।गांव धवाना के सहगोत्र विवाद को लेकर रविवार को हुई 21 गांवों की महापंचायत ने तुगलकी फरमान में प्रेमी जोड़े व उसके परिजनों का गांव में हुक्का-पानी बंद करने के साथ ही उन्हें समाज के किसी भी समारोह में बुलाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

गांव धवाना में सहगोत्र विवाह विवाद को लेकर रविवार को हुई महापंचायत की पहले से ही सूचना मिलने पर पुलिस खासी सक्रिय नजर आई। रविवार को महापंचायत से पहले ही गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था।

पंचायत में लड़का पक्ष की ओर से उसके दादा सेवानिवृत्त कप्तान बनवारी लाल व लड़की के पिता करण सिंह पेश हुए। दोनों पक्षों ने कहा कि वे अपने बच्चों के एक ही गोत्र में विवाह को लेकर खिलाफ थे। उन्होंने इसका विरोध भी किया था। उनके बच्चों ने जब से विवाह रचाया है तभी से वे लोग उनसे अपना संबंध समाप्त कर चुके हैं। दोनों पक्षों ने कहा कि पंचायत जो भी निर्णय लेगी, उन्हें वह स्वीकार्य होगा। दोनों पक्षों की बातचीत सुनने के बाद पंचायत में सर्वसम्मति से 18 सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया गया। एक घंटे तक चर्चा करने के बाद कमेटी ने निर्णय सुनाया। जिसमें सहगोत्र विवाह रचाने वाले युवक-युवती के अतिरिक्त उनके परिजनों का गांव व समाज से बहिष्कार करने तथा इनका हुक्का-पानी भी बंद करने का निर्णय लिया। जो भी ग्रामीण इस परिवार के साथ अपना संबंध रखेगा, उसका भी सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाएगा। पंचायत में निर्णय लिया गया कि प्रेमी युगल व उनके परिवार के लोगों पर गांव में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने पर भी पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा।

सहगोत्र विवाह रचाने वाले एडवोकेट भागीरथ व उनकी पत्नी सुनीता ने फोन पर भास्कर से बातचीत में कहा कि पंचायती फरमान उन्हें किसी भी सूरत में बर्दाशत नहीं है। कोई भी पंचायत उन्हें गांव में प्रवेश करने से अथवा कार्यक्रम में शामिल होने से रोक नहीं सकती। अगर उन पर व परिवार के अन्य किसी सदस्य पर पंचायत द्वारा ज्याददती की गई तो कानून का सहारा लिया जाएगा।

गांव धवाना निवासी बनवारी लाल व करण सिंह का परिवार लगभग दो दशक से रेवाड़ी में ही रह रहा है। दोनों परिवार एक गांव के होने के साथ ही सुनारिया गोत्र के ही हैं। बनवारी लाल के पोते एडवोकेट भागीरथ व करण सिंह की बेटी सुनीता ने लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व आपस में सहगोत्र प्रेम विवाह रचा लिया था। हाल ही में प्रेमी युगल के घर एक कन्या का जन्म हुआ है। कन्या जन्म से पूर्व ग्रामीणों को इस सहगोत्र विवाह की जानकारी नहीं थी, लेकिन अब जब यह मामला ग्रामीणों के संज्ञान में आया तो गांव में इस सहगोत्र विवाह को लेकर रोष पैदा होता चला गया। २२ सितंबर को इस बाबत गांव धवाना में एक पंचायत आयोजित की गई थी। उस पंचायत के बाद ही इस महापंचायत का निर्णय लिया गया था। इस मामले में विवाह रचाने वाले युगल की ओर से उच्च न्यायालय में सुरक्षा को लेकर एक याचिका भी दायर की गई है।

वन्य जीवो का सरंक्षण जागरूकता से संभव ...विनीता सिंह



वन्य जीवो का सरंक्षण जागरूकता से संभव ...विनीता सिंह

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर श्री कृष्ण सेवा संस्थान द्वारा सोमवार प्रातः अथावंवे वन्य प्राणी सुरक्षा सप्ताह का आगाज़ उप खंड अधिकारी विनीता सिंह के मुख्य आतिथ्य ,प्राचार्य राजेन्द्र मल सुराना की अध्यक्षता और अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी ,डॉ खुशवंत खत्री ,महेश ददानी ,किशोर सिंह कछवाह के विशिष्ठ आतिथ्य में किया .सोमवार प्रातः उप खंड अधिकारी विनीता सिंह ने वन्य जीव सरंक्षण जागरुकता रेली को हरी झंडी दिखा कर गांधी चौक से रवाना किया ,इस अवसर पर संस्था निदेशक चन्दन सिंह भाटी ,रिड़मल सिंह दांता ,दुर्जन सिंह गुडीसर ,रमेश सिंह इन्दा ,अशोक सारला ,कैलाश दान ,दिग्विजय सिंह चुली ,अभिषेक गोस्वामी ,घेवर दरजी ,हितेश यादव सहित कई जने उपस्थित थे ,इस अवसर पर उप खंड अधिकारी विनीता सिंह ने कहा की विविधता एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए कानून तो बने हैं लेकिन उनकी सही मायनों में पालना सुनिश्चित हो इसके लिए सभी नागरिकों को आगे आकर सरकारों का सहयोग करना चाहिये।

विनीता सिंह ने कहा कि आज विद्यालयी शिक्षा के पाठ्यक्रमों में जैव विविधता एवं वन्य जीव पर्यावरण संरक्षण को समुचित जगह दी जानी चाहिये ताकि बचपन में ही छात्रों को इसकी जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों एवं आमजन में वन्य जीवों एवं पर्यावरण को बचाने के प्रति जागरूकता पैदा करनी चाहिये। इस अवसर पर राजेन्द्र मल सुराना ने कहा कि हरित राजस्थान अभियान भी पर्यावरण संरक्षण एवं वन्य जीव विकास की दिशा में किये गये राज्य सरकार के प्रयासों का एक अहम हिस्सा था जिससे प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक जागरूकता पैदा हुई है।इस अवसर पर डॉ खुशवंत खत्री ने कहा की आम जन में वन्य जीवो के सरंक्षण के प्रति जागरूकता के व्यापक प्रयास करने होंगे ,इस अवसर पर डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी ने कहा की बाड़मेर जिले में रेड डाटा बुक में इन्द्राज अस्सी फीसदी विलुप्त श्रेणी की वन्य जीव प्रजातीय मौजूद हें उन्होंने कहा की बाड़मेर में जंगली गधे ,जंगली बिल्लियाँ ,चिंकारा ,ब्लेक बग ,सान्डाह ,सियार आदि जैसे विलुप जीवो की सुखद उपस्थिति दर्ज हें ,इस अवसर पर इस अवसर पर चन्दन सिंह भाटी ,डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी ,महेश दादानी ,रिड़मल सिंह दांता ,दुर्जन सिंह गुडीसर ,रमेश सिंह इन्दा ,अशोक सारला ,दिग्विजय सिंह चुली ,अभिषेक गोश्वामी ,हितेश यादव ,घेवर दरजी ,सहित कई ने उपस्थित थे .जागरूकता रेली में एम् बी बी सी गाँधी चौक ,राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गांधी चौक ,रेलवे कुआ नंबर तीन सहित कई स्कूलों के सेकड़ो छात्रो ने भाग लेकर वन्य जीवो के प्रति जागरूकता का आगाज़ किया .

स्कूली लड़कियों को पुलिस के थप्पड़ !

स्कूली लड़कियों को पुलिस के थप्पड़ !
अजमेर/जयपुर। राजस्थान के अजमेर में सोमवार को धरने पर बैठी स्कूल स्टूडेंट्स को पुलिस की बदजुबानी के साथ थप्पड़ भी खाने पड़े। स्कूल की टाइमिंग में परिवर्तन के खिलाफ प्रदर्शन कर रही छात्राओं की माने तो पुलिस अधिकारियों ने उन्हें जेल में बंद करने की धमकी भी दी।

जानकारी के अनुसार,अक्टूबर की पहली तारीख से सरकारी स्कूली में एक पारी में चलने वाली स्कूलों को समय बदल दिया गया है। स्कूल के इसी परिवर्तित समय के विरोध में यहां गवर्नमेंट गल्र्स सीनियर स्कूल की एक हजार से अधिक स्टूडेंट्स सोमवार को कलेक्ट्री पर धरने पर बैठ गई। इसी दौरान समझाइश को पुलिस पहुंची लेकिन बात नहीं बनी। पुलिस अधिकारियों और गल्र्स के बीच बहस भी हुई लेकिन नतीजा सिफर। इसी दौरान गल्र्स ने अपने साथ पुलिस की बदसलूकी और जेल में डालने की धमकी देने के आरोप भी लगाए हैं।

जारी है विरोध प्रदर्शन
खबर लिखे जाने तक स्कूल की टाइमिंग को लेकर स्कूली गल्र्स का प्रदर्शन जारी है। कलेक्ट्रेट और बसस्टेट पर बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स धरने पर बैठी हैं और नारेबाजी कर रही हैं। प्रदर्शन करने वाली सभी गल्र्स 6 से 12 तक की क्लास की स्टूडेंट हैं।

राजस्‍थान: थाने में 'रेव पार्टी', थानेदार के साथ नाची महिला कांस्टेबल




जयपुर. अजमेर जिले के ब्यावर पुलिस थाने में हुई एक रेव पार्टी का वीडियो इन दिनों यू ट्यूब पर छाई हुई है। इस वीडियो में ब्यावर थाना प्रभारी एक प्रशिक्षु महिला कांस्टेबल के साथ नाच रहे हैं। इस डांस पार्टी के दौरान थाने में ही जमकर शराब भी पी गई।
पुलिस के ही किसी कांस्टेबल ने थाने में हुई इस पार्टी को अपने मोबाइल फोन पर रिकार्ड किया। यह भी कहा जा रहा है कि यह क्लिपिंग पुलिस के कुछ जवानों के माध्यम से अन्य लोगों तक पहुंची और उन्होंने इसे यू ट्यूब पर अपलोड कर दिया। इस वीडियो को अपलोड करने वाले ने इसे रेव पार्टी का नाम दिया है, जिसमें थाना प्रभारी और एक महिला कांस्टेबल को नाचते हुए दिखाया गया है।
कुछ दृश्यों में दोनों खासे क्लोज भी नजर आ रहे हैं। ये दोनों एक गाने पर डांस कर रहे हैं। डांस के दौरान उम्र के कारण कई बार थाना प्रभारी की सांस फूल गई और वह पसीने से लथपथ हो गए तो एक साइड में जाकर बैठने लगे लेकिन महिला कांस्टेबल इन्हें बार-बार नाचने के लिए खींच लाती। पूरे थाने ने यह तमाशा देखा।
थाना प्रभारी के साथ थाने के दूसरे जवान भी खूब नाचे लेकिन उन्हें रिकार्डिंग की जानकारी थी। इसलिए वे वीडियो में आने से बचे। वीडियो बनाने वाले जवान ने हाथ में मोबाइल लेकर ऐसे रिकार्डिंग की मानो उसके हाथ में मोबाइल नहीं शराब की बोतल है। रिकार्डिंग होने के बाद वे एक ओर हट गए।
पुलिस ने इस मामले में फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। यह महिला प्रशिक्षु कांस्टेबल हाड़ी रानी बटालियन से संबंधित है और यहां पर ट्रेनिंग के लिए आई थी। वीडियो अपलोड करने वाले ने फर्जी आईडी अन्ना फौजी के नाम से पौने दो मिनट का यह वीडियो अपलोड किया है।


मौलवियों का फरमान- पत्‍थर मार-मार कर ले लेनी चाहिए हिना-बिलावल की जान



नई दिल्‍ली। पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और राष्ट्रपति जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो के बीच कथित रिश्तों पर बांग्‍लादेश व हिंदुस्‍तान के मुफ्तियों और मौलवियों ने कड़ा एतराज जताया है। उन्‍होंने दोनों को शरीयत का गुनहगार बताते हुए उनके लिए 'सजा' तक मुकर्रर कर दी है। बांग्‍लादेश के मुफ्तियों ने जहां दोनों को पत्‍थर मारे जाने के काबिल बता दिया है, वहीं बरेलवी मुफ्तियों ने कहा है कि ये दोनों कौम द्वारा बहिष्‍कार किए जाने के लायक हैं।
मौलवियों का फरमान- पत्‍थर मार-मार कर ले लेनी चाहिए हिना-बिलावल की जान

बांग्‍लादेश के ख्‍यात इस्‍लामिक स्‍कॉलर मुफ्ती फजलुल हक अमिनी ने कहा कि यदि हिना और बिलावल के इश्‍ककी खबरों में सच्‍चाई है तो इस्‍लामिक कानून के तहत यह स्‍वीकार्य नहीं है। यदि बिलावल दो महिलाओं के साथ संबंध रखता है और शराब का सेवन करता है तो वह किसी भी मुस्लिम देश का प्रमुख नहीं बन सकता है। पाकिस्‍तान का कानून ऐसे कुकर्मों की इजाजत नहीं देता है। इस्‍लामिक कानून के तहत ऐसे लोगों को तब तक पत्‍थर से मारना चाहिए, जब तक वे दम नहीं तोड़ दें। यदि हिना और बिलावल का आरोप सिद्व होता है तो इस्‍लामिक कानून के तहत मामले की सुनवाई होनी चाहिए।


एक ऐसे ही दूसरे इस्‍लामिक स्‍कालर और नेता मिजबहुर रहमान कहते हैं कि इस्‍लाम में व्यभिचार और शादी के बाद दूसरी औरत के साथ संबंध स्‍वीकार करने लायक नहीं हैं। यह पूरी तरह पापा है। वह कहते हैं कि यदि इस्‍लामिक कानून के न‍जरिए से देखा जाए तो बिलावल अपराधी हैं। ऐसे लोग किसी भी मुसलमान देश के प्रमुख बनने के योग्‍य नहीं हैं।



कई मौलवियों का कहना है कि पाकिस्‍तान इस्‍लामिक देश है। ऐसे में वहां इस्‍लामिक कानून का कड़ाई से पालन होना चाहिए। चाहे वह आम आदमी हो या प्रभावशाली, सभी कानून की नजर में बराबर हैं।