सोमवार, 1 अक्टूबर 2012

मौलवियों का फरमान- पत्‍थर मार-मार कर ले लेनी चाहिए हिना-बिलावल की जान



नई दिल्‍ली। पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और राष्ट्रपति जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो के बीच कथित रिश्तों पर बांग्‍लादेश व हिंदुस्‍तान के मुफ्तियों और मौलवियों ने कड़ा एतराज जताया है। उन्‍होंने दोनों को शरीयत का गुनहगार बताते हुए उनके लिए 'सजा' तक मुकर्रर कर दी है। बांग्‍लादेश के मुफ्तियों ने जहां दोनों को पत्‍थर मारे जाने के काबिल बता दिया है, वहीं बरेलवी मुफ्तियों ने कहा है कि ये दोनों कौम द्वारा बहिष्‍कार किए जाने के लायक हैं।
मौलवियों का फरमान- पत्‍थर मार-मार कर ले लेनी चाहिए हिना-बिलावल की जान

बांग्‍लादेश के ख्‍यात इस्‍लामिक स्‍कॉलर मुफ्ती फजलुल हक अमिनी ने कहा कि यदि हिना और बिलावल के इश्‍ककी खबरों में सच्‍चाई है तो इस्‍लामिक कानून के तहत यह स्‍वीकार्य नहीं है। यदि बिलावल दो महिलाओं के साथ संबंध रखता है और शराब का सेवन करता है तो वह किसी भी मुस्लिम देश का प्रमुख नहीं बन सकता है। पाकिस्‍तान का कानून ऐसे कुकर्मों की इजाजत नहीं देता है। इस्‍लामिक कानून के तहत ऐसे लोगों को तब तक पत्‍थर से मारना चाहिए, जब तक वे दम नहीं तोड़ दें। यदि हिना और बिलावल का आरोप सिद्व होता है तो इस्‍लामिक कानून के तहत मामले की सुनवाई होनी चाहिए।


एक ऐसे ही दूसरे इस्‍लामिक स्‍कालर और नेता मिजबहुर रहमान कहते हैं कि इस्‍लाम में व्यभिचार और शादी के बाद दूसरी औरत के साथ संबंध स्‍वीकार करने लायक नहीं हैं। यह पूरी तरह पापा है। वह कहते हैं कि यदि इस्‍लामिक कानून के न‍जरिए से देखा जाए तो बिलावल अपराधी हैं। ऐसे लोग किसी भी मुसलमान देश के प्रमुख बनने के योग्‍य नहीं हैं।



कई मौलवियों का कहना है कि पाकिस्‍तान इस्‍लामिक देश है। ऐसे में वहां इस्‍लामिक कानून का कड़ाई से पालन होना चाहिए। चाहे वह आम आदमी हो या प्रभावशाली, सभी कानून की नजर में बराबर हैं।

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