शनिवार, 31 दिसंबर 2011

फेंगशुई टिप्सः जिंदगी की हर मुश्किल दूर करें इस तरह

फेंगशुई वास्तु शास्त्र का ही एक रूप है। फेंगशुई से मिलती-जुलती कई बातें भारतीय वास्तु शास्त्र में भी है। फेंगशुई बिना तोड़-फोड़ आपके घर को वास्तु सम्मत बना देता है। फेंगशुई की कुछ टिप्स नीचें दी गई हैं। इनसे आप सुख-समृद्धि पा सकते हैं-  
1- घर में जो घडिय़ां बंद पड़ी हों, उन्हें या तो घर से हटा दें या चालू करें। बंद घडिय़ां हानिकारक होती हैं। इनसे नकारात्मक ऊर्जा निकलती है।

2- फेंगशुई के अनुसार घर के पूर्वोत्तर कोण में तालाब या फव्वारा शुभ होता है। इसके पानी का बहाव घर की ओर होना चाहिए न कि बाहर की ओर।

3- घर को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त रखने के लिए पूर्व दिशा में मिट्टी के एक छोटे से पात्र में नमक भर कर रखें और हर चौबीस घंटे के बाद नमक बदल दें।

4- अपने ऑफिस में पूर्व दिशा में लकड़ी से बनी ड्रैगन की एक मूर्ति रखें। इससे ऊर्जा एवं उत्साह प्राप्त होगा।

5- घर या दफ्तर में झाड़ू का जब इस्तेमाल न हो रहा हो, तब उसे नजऱों के सामने से हटाकर रखें।

6- यदि घर का मुख्य द्वार उत्तर, उत्तर-पश्चिम या पश्चिम में हो तो उसके ऊपर बाहर की तरफ घोड़े की नाल लगा देना चाहिए। इससे सुरक्षा एवं सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

7- कमरों में पूरे फर्श को घेरते हुए कालीन आदि बिछाने से लाभदायक ऊर्जा का प्रवाह रुकता है।

मायड़ भासा हेताळुआं नै नूवैं साल रा घणां घणां रंग!


भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति, बाड़मेर


नूवैं साल री नूईं आसा ।
मान पावै मायड़ भासा ।।
आओ आपां अलख जगावां ।
दिल्ली नै पोस्काट पुगावां ।।
*
मायड़ भासा हेताळुआं नै नूवैं साल रा घणां घणां रंग!
*अरजवन्त*

खड़ताल का जादुगर सदीक खान


खड़ताल का जादुगर सदीक खान

बाड़मेर पिश्चमी सीमावर्ती बाड़मेर जिले की लोक गायिकी ने थार की थळी के इस क्षैत्र की ख्याति सात समुन्द्र पार पहुचांई है।थार की थळी के लाल मांगणियार जाति के लोक गायको ने अपनी सुर साधनां के लिए ऐसे पारम्परिक वाद्य यत्रों का प्रयोग किया है जो अनुठेपन के कारण कला साधको को रोमांचित कर देते हैं।लोक गायकी के सरताज सदीक खान ने ऐसे पारम्परिक वाद्य यंत्र खड़ताल का आविश्कार कर अपने फन की विश्व भर में धूम मचा दी थी।खड़ताल का जादू संगीत प्रेमियो के सिर च कर बोला। खड़ताल ने सदीक की ख्याति में चार चॉद लगा दिए ं।खड़ताल ने सदीक को तथा सदीक ने खड़ताल को अमर कर दियां।

बाड़मेर जिले के शिव तहसील के झॉपली में जन्में सदीक ने अपने बचपन में लोक गययिकी में महारत हासिल कर ली थी।उन्होने लोक सगींत को गली कुच्चो से उठाकर सात समुन्द्र पार पंहुचाया ।सदीक का परिवार सदियो से गांव के उच्च घरानो में लोक गीतसंगीत की महफिले सजा कर जीवन निर्वाहन करते। यजमानी के साथसाथ शादी विवाह सगाई एवं अन्य समारोह में लोक गीत संगीत के जरिए दो वक्त की रोटी परिवार को मुहैया कराते थे।मंगत की बैशाखी पर लोक गायकी टिकी थी।

बचपन से ही सदीक अपने पिता के साथ झॉपली एवं शिव के विभिन्न ठिकानो पर गा बजा कर लोक गायिकी तथा वादय में दक्षता हासिल कींउनके पिता की सारंगी,तन्दुरा,कमायचा,और खड़ताल बजाने में ख्याति क्षैत्र में अर्जित की थी।अपने पूर्वजो की इस विरासत को सदीक ने जिस मनोयोग ,साधना,और समर्पित भाव से अंगीकार किया उसके परिणामस्वरुप उनकी खास पहचान बनी।सदीक अनप अवश्य था मगर लोक गीत ,संगीत ओैर वाद्य के ज्ञान का समृद्ध भण्डार था।
ोलकक,सारंगी,तन्दुरा,कमायचा ,रावणहत्था, तथा खड़ताल बजाने के फन में माहिर थे।साथ ही सैकड़ो लोक गीत कंठस्थ थे वहीं सैकड़ो लोक गीतो के रचयिता थे जिसमें उनके द्घारा रचे लोक गीत नीम्बुड़ानिम्बुड़ा ने कई कीर्तिमान स्थापित किए।

सदीक और खड़ताल एक दूसरे के पर्याय थे। खड़ताल बजाने में उनका कोई सानी ना था।खड़ताल बजाने में उनको उच्च कोटि की दक्षता हासिल थी।लोक संगीत की महफिलें सदीक के बिना अधूरी लगती थी।खास अंदाज में खड़ताल बजाने की दक्षता के कारण वे कई अन्तराश्टिृय समारोहो की शान बनकर थार को ख्याति दिलाइ्रं।जल्द सदीक खड़ताल के जादुगर के रुप में चर्चित और ख्यातिनाम हो गए।खड़ताल से इन्हे लोकप्रियता और सम्मान मिला।
छः से आठ ईंच लम्बी और डेदो ईंच चौड़ी साधरण सी दिखने वाली लकड़ी की दो पटियां जब सदीक के हाथो से बजती संगीत प्रेमी झूम उठतेंसदीक जब हाथ के अंुठे के आन्तरिक भाग एवं दूसरी चारों अंगुलियों में हथेली के बीच खड़ताल रखकर अंगुलियों के बल अधखड़ा हो कर झूमता हुआ खड़ताल बजाता तो वह सब कुछ भूल कर उसी में खो जाते थे।सुर और गीतों के स्वर जितने तेजी से साथी गायको के कण्ठ से निकलते उससे कहीं तेज गति से सदीक के हाथो से खड़ताल बजतीं। सुरीले मनमोहक लोक गीतों को जब सदीक की खड़ताल का साथ मिलता संगीत प्रेमी झूम उठतें।
सदीक ने खड़ताल का जादु सात समुन्द्र पार अमेरिका,अजे्रटिना,आस्टेृलिया,जापान, रुस सहित कई देशो में लोक गीत संगीत की स्वर लहरियॉ बिखेर कर परचम लहराया।पिश्चमी राजस्थान के लोक गीत संगीत को नई उॅचाईयां देने वाले सदीक को केन्द्रिय संगीत नाटक अकादमी ने दस हजार रुपये का नकद पुरस्कार देकर उनकी साधना को सम्मान दिया।वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने तुलसी सम्मान से 1989 -90 में सम्मानित किया।
प्रदेश स्तर पर कई र्मतबा सम्मानित हुए हैं सदीक खान।मंगत की बैशाखी पर टिकी लोक गायिकी तथा खड़ताल की स्वर लहरियों को विश्व भर में नई पहचान देने वाले सदीक के फ.न को उनके कई शार्गिद इागे बा रहे हैं। केसरिया बालम पधारो म्हारे देस,निम्बुडानिम्बूडा चिड़कली,कुरजां,गोरबधं जेसे सैकड़ों गीत जो सदीक ने गाए आज भी संगीत प्रेमियों के बीच खासे लोक प्रिय हैं सिदिक खान के गाए लोक गीतों की कैसेट सीडीयों की मांग बराबर बनी हुई हैं।
सदीक खान की जयपुर के जवाहर कला केन्द्र में एक कार्यक्रम के दौरान तबीयत बिगड़ने से मार्च 2002 में मौत हो गई थीं।राजस्थानी लोक गीत संगीत को सादिक खान ने ना केवल नई उॅचाईयां प्रदान की बल्कि लोक गायिकी में दक्ष शार्गिद तैयार कर दिए।उनके शार्गिद अनवर खान,फकीरा खान,गाजी खान, साकर खान, परम्परागत लोक गायिकी को अन्तरराश्टिृय स्तर पर नई उॅचाईयां प्रदान कर रहे हैं।
सदीक खान के पुत्र समुन्द्र खान और शाकर खान लोक गायकी के जीते जागते उदाहरण हैं,खड़ताल बजाने में दक्ष समुन्द्र खान और ाकर खान लोक कला के सरक्षण के लिए स्वयं सेवी संस्था के माध्यम से पुरजोर प्रयास कर रहे हैं।समुन्द्र खान स्थानिय लोक कलाकारो के लिये विदेशो में कार्यक्रम तय कर उन्हें अवसर प्रदान कर रहे हैं।सादिक खान का पूरा परिवार लोक कला के संरक्षण में जुटा ह

शुक्रवार, 30 दिसंबर 2011

सेडवा में रात्रि चौपाल जिला कलेक्टर ने दिए समस्याओं के निराकरण के निर्दो


सेडवा में रात्रि चौपाल जिला कलेक्टर ने दिए समस्याओं के निराकरण के निर्दो 



बाडमेर, 30 दिसम्बर। चौहटन उपखण्ड के सेडवा मुख्यालय पर भाुक्रवार सायं जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने रात्रि चौपाल की। इस दौरान सेडवा सहित आसपास के गांवों से बडी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने अपनी विभिन्न समस्याएं चौपाल में प्रस्तुत की।

राजकीय माध्यमिक विद्यालय सेडवा में आयोजित चौपाल में जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान ने जन समस्याओं की सुनवाई कर संबंधित अधिकारियों को तत्काल निराकरण के निर्दो दिए। चौपाल के दौरान सरदाराराम, खीयाराम, मोहनराम आदि ने विद्युत कनेकन के लिए डिमाण्ड नोट जारी करवाने का निवेदन किया, जिस पर जिला कलेक्टर ने डिस्कॉम के अधिकारियों को भाीध्र कार्यवाही के निर्दो दिए। राजकीय माध्यमिक विद्यालय सेडवा के प्रधानाध्यापक ने दुर्घटना की आांका के मद्दे नजर विद्यालय से गुजर रही 11 के.वी. विद्युत लाईन हटाने का अनुरोध किया। चौपाल के दौरान माधुराम ने खेतों में आवागमन के लिए रास्ता दिलाने तथा पूनमाराम ने विद्युत ट्रान्सफार्मर दिलाने की मांग की। इसी प्रकार लोगों ने सडक बनाने, बैंक ऋण स्वीकृत कराने, आंगनवाडी कार्यकर्ता का चयन करने, विद्यालय में अध्यापक लगाने, विद्यालय क्रमोन्नत करने सहित विभिन्न समस्याओं से जुडे आवेदन पत्र चौपाल में प्रस्तुत किए, जिस पर जिला कलेक्टर ने प्रस्तुत परिवेदनाओं की सुनवाई कर संबंधित अधिकारियों को निराकरण के निर्दो दिए।

जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान ने ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए बरसाती जल संग्रहण के लिए खेतों में टांका निर्माण करवाने को कहा। साथ ही बरसात की सीजन में अधिकाधिक पौधे लगाने को आहवान किया। चौपाल के दौरान ग्रामीणों ने क्षेत्र में पेयजल की समस्या तथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतिकरण योजना की कठिनाईयों की भी जानकारी दी। ग्रामीणों ने बीपीएल की सर्वे सूची के अद्यतन तथा इस सूची में भामिल करने की मांग की।

इस अवसर पर उप जिला प्रमुख गफूर अहमद, उपखण्ड अधिकारी चौहटन भांकरलाल समेत संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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99 साल के बुजुर्ग ने कहा, मुझे तलाक दो

लंदन
इटली का एक कपल तलाक लेने वाला दुनिया का सबसे उम्रदराज पति-पत्नी बनने का रेकॉर्ड बना सकता है। 99 वर्षीय बुजुर्ग को जब पता चला कि उनकी 96 वर्षीय पत्नी का 1940 में किसी और के साथ अफेयर चल रहा था तो उन्होंने तलाक के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

वकीलों ने बुजुर्ग की पहचान एंटोनियो सी के रूप में की जब उसने इस साल क्रिसमस के कुछ दिन पहले तलाक की मांग की। 'द डेली टेलीग्राफ' की रिपोर्ट के मुताबिक काफी समय गुजर जाने के बावजूद एंटोनियो अपनी पत्नी रोसा सी के विश्वासघात से काफी आहत हैं और उन्होंने तलाक मांगा है।

रोसा ने सब कुछ स्वीकार कर लिया है लेकिन फिर भी वह पति को अपने फैसले पर दोबारा सोचने के लिए राजी नहीं कर सकी। रोम की अदालत की ओर से इस हफ्ते जारी किए गए दस्तावेजों के मुताबिक 1940 में अपने सीक्रेट अफेयर के दौरान महिला ने अपने प्रेमी को खत भी लिखे थे। वैवाहिक जीवन में 8 दशक से ज्यादा का समय गुजारने के बावजूद अब यह जोड़ा अलग होने की तैयारी कर रहा है। उनके 5 बच्चे और 12 नाती-पोते और एक प्रपौत्र भी है।

बना सकते हैं नया रेकॉर्ड
दोनों 1930 में उस समय मिले थे जब युवावस्था में एंटोनियो नेपल्स में एक अधिकारी के तौर पर नियुक्त हुए थे। यह मामला उम्रदराज दंपति के अलग होने का एक नया रेकॉर्ड कायम कर सकता है। इससे पहले का रेकॉर्ड ब्रिटेन के बेर्टी और जेसी वुड के नाम है, जब उन्होंने तलाक लिया था तो दोनों की उम्र 98 साल थी। इस जोड़े ने अपनी 36 साल पुरानी शादी का अंत 2009 में किया था।

मां पर की रकम खर्च, बेटी को किया अगवा

नई दिल्ली
दोस्त की पत्नी से उसे लगाव हो गया था। वह बीमारी पड़ी तो उसने उस पर 1 लाख की रकम खर्च कर उसे बचाया। बाद में जब उसने देखा कि वह महिला उसे इग्नोर कर रही रही है, तो उनसे उसकी बेटी को ही अगवा कर लिया। अब उसने शर्त रखी कि बेटी लेनी है तो पति को तलाक देकर चली आओ या एक लाख की रकम वापस करो। बाद में इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने बच्ची को बरामद कर लिया है और आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

यह वारदात सेंट्रल दिल्ली के आनंद पर्वत इलाके में हुई। यहां पंजाबी बस्ती में दो दोस्त किराए पर साथ रहते थे। साल 2008 में एक की शादी पिंकी (बदला नाम) से हो गई। पिंकी के पति का दोस्त दाताराम इसके बाद भी उनके साथ ही रहता रहा। पिंकी को बेटी हुई। इस दौरान पिंकी को रीढ़ की हड्डी में टीबी हो गई। दाताराम ने रकम खर्च कर उसका इलाज कराया। इसके बाद पिंकी और उसके पति ने दाताराम को अलग कर दिया। वह पड़ोस में रहने लगा, लेकिन उसे यह बात बड़ी नागवार गुजरी। पुलिस के मुताबिक, उसे पिंकी से अलगाव सहन नहीं हो रहा था। उसे पिंकी के इलाज में खर्च की गई रकम भी वापस नहीं मिली थी।

बुधवार को पिंकी की एक साल की बेटी का अपहरण उनके घर से हो गया। पिंकी ने पुलिस को बताया कि अपहरण दाताराम ने किया है और उसने फोन पर यह भी कहा है कि बेटी वापस लेनी है तो या तो पति को तलाक देकर मेरे पास आए या एक लाख रुपये वापस कर दे। बेटी वापस लेने के लिए दाताराम ने पिंकी को लखनऊ आने को कहा। बाद में उसने कानपुर रेलवे स्टेशन पर आने के लिए कहा। पुलिस पिंकी के साथ कानपुर पहुंच गई। वहां दाताराम को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से बच्ची को बरामद कर लिया गया। अडिशनल पुलिस कमिश्नर देवेश श्रीवास्तव के मुताबिक, दाताराम (22) यूपी के बलरामपुर का रहने वाला है। वह आनंद पर्वत में नैपकिन बनाने वाली फैक्ट्री में नौकरी करता था।

इस गांव में साल भर हैंडपंप से निकलता है गरम पानी

मधेपुरा।। बिहार के पूर्वोत्तर भाग में स्थित मधेपुरा जिले में एक विचित्र गांव है जहां के हैंडपम्पों से पांच दशक से भी अधिक समय से गरम पानी निकलता है।  
जिले के पुरैनी इलाके के करीब ढाई हजार की आबादी वाले बालाटोला गांव में हैंडपम्पों से पूरे साल गरम पानी निकलना स्थानीय लोगों के लिए अचरज की बात नहीं है लेकिन बाहर से आने वाले लोग यह नजारा देख दांतों तले उंगली दबा लेते हैं।

अधिकारियों ने इस गांव के नीचे भूगर्भ में गंधक होने की संभावना जताई है। लेकिन, बसावट वाला इलाका होने के कारण अंग्रेजों के समय भी स्थानीय लोगों ने यहां पर जांच कार्य नहीं होने दिया था। स्थानीय विधायक सह मंत्री नरेंद्र नारायण यादव के भाई और गांव के बुजुर्ग गजेंद्र यादव कहते हैं कि जमीन के भीतर से गरम पानी निकलने की जानकारी के बाद अंग्रेज भी यहां आए थे। स्थानीय लोगों को भय था कि जमीन का कब्जा हो सकता है इसलिए यहां जमीन की जांच और खुदाई नहीं होने दी गई।

वैसे गांव से कुछ ही दूर पर स्थित कुओं और वहां के हैंडपम्पों से बिल्कुल सामान्य पानी निकलता है। जिलाधिकारी मिनहाज आलम कहते हैं कि उन्हें इस बारे में इसकी जानकारी है। गरम पानी के स्रोत का रहस्य का पता लगाने के लिए खनन विभाग और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को पत्र लिखा गया है।

गांव की पहली महिला मुखिया शिवतारिणी देवी बताती हैं कि सर्दी हो या गरमी बारह महीने हैंडपम्प और कुंओं से गरम पानी निकलता है। इस गांव में वर्ष 1952 में ब्याह के बाद आई शिवतारिणी के अनुसार गांव में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है यहां न स्कूल है और न ठीक-ठाक स्वास्थ्य केंद्र।

बारहमासी गरम पानी के लिए प्रसिद्ध इस गांव में बारहमासी सड़कें भी नहीं है जबकि आलमनगर के विधायक नरेंद्र नारायण यादव का यही पैतृक गांव है। 70 साल के बुजुर्ग जोंगेंद्र यादव के अनुसार कुछ हैंडपम्पों का पानी सुबह-सुबह इतना गरम होता है कि स्नान भी नहीं किया जा सकता। यादव यहां से प्रमुख और मुखिया भी चुने जा चुके हैं। इसके अलावा विधायक के रूप में क्षेत्र का बीते 20 वर्ष से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

जैसलमेर पुलिस ने अपराधियो पर कसी नकेल,


जैसलमेर पुलिस ने  अपराधियो पर कसी नकेल, 

लम्बे समय से फरार एक सौ एक अपराधियों को   किया गिरफतार 

जैसलमेर जैसलमेर पुलिस ने इस वर्ष सघन अभियान चला कर लम्बे समय से फरार भागिदे एक सौ एक अपराधियों को गिरफ्तार कर सफलता की नई इबादत लिखी हें ,पुलिस अधीक्षक मानता विश्नोई के नेतृत्व में इस वर्ष  पुलिस कार्य योजना के तहत जिले के समस्त थानाधिकारियों को स्थाई वारण्टियों, उद्घोषित अपराधियों एवं भगौडों के खिलाफ एक अभियान चलाकर साल के अंत तक लम्बे समय से फरार अपराधियो को गिरफतार कर जेल में डाला गया। इस अभियान के तहत जिले में 101 स्थाई वारंटियों को गिरफतार किया गया जिनमे से 8 अपराधी अन्य जिले के थे, उनके जिला पुलिस द्वारा गिरफतार कर अन्य जिलो को सूपूर्द किया गया। इसके अलावा 08 भगोडो को गिरफतार कर न्यायालय में पेश किया गया। जो भी काफी समय से फरार थे तथा 06 पीओएस को गिरफतार किया गया। इन सभी अपराधियो को गिरफतार करने के लिए काफी समय से प्रयास चल रहे थे। अपराधी पकड में नहीं आने के कारण इस साल अलग से अभियान चलाकर अपराधियो को गिरफतार किया गया। 
इसके अलावा जिला पुलिस द्वारा एक्शन प्लान के तहत इस साल 10 आपराधियो के विरूद्ध गुण्डा एक्ट की कार्यवाही की गई, जिनकी तडीपाड की कार्यवाही चल रही है तथा 14 अपराधियो के विरूद्ध राजपासा के तहत कार्यवाही की गई, जोकि अपने मायने में काफी अच्छी है। पुलिस द्वारा जिले में शांति बनाये रखने के लिए हर अपराधियो के विरूद्ध कार्यवाही कर सजा दिलवाने के प्रयास किये जा रहे है। पुलिस का जो धैय है ॔॔अमजन में विश्वास, अपराधियो में डर॔॔ इस धैय पर जिला पुलिस हमेशा से तत्तपर है, तथा जनता को परेशान करने व उनको नुकसान पहॅूचाने वाले हर अपराधी के विरूद्ध जिला पुलिस कार्यवाही करती है और करती रहेगी। 

ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं राजीव गांधी सेवा केन्द्र


ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं राजीव गांधी सेवा केन्द्र 


भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों में एक ही स्थान पर मिल रही है कई सुविधाएं। 


बाड़मेर, 30 दिसंबर। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत निर्मित भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहे है। यहां महात्मा गांधी नरेगा योजना से संबंधित कार्य संपादित करने के साथ पोस्टआफिस एवं कापरेटिव बैंक की सुविधा उपलब्ध होगी। जिले की 380 में से 330 ग्राम पंचायतों में भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का निर्माण पूरा हो चुका है। इनमें से करीब 200 ग्राम पंचायतों में राजीव गांधी सेवा केन्द्रों में आमजन को सुविधाएं मिल रही है। 
जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर डा.वीणा प्रधान ने बताया कि बाड़मेर जिले की 8 पंचायत समिति मुख्यालय पर भी भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र भाुरू हो चुके है। वहीं ग्राम पंचायत स्तर पर 12 भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों में कापरेटिव बैंक स्थापित किए गए है। भोष भारत निर्माण राजीव गांधी केन्द्रों में जल्दी पोस्टआफिस एवं कापरेटिव बैंकों की भाखाएं स्थापित हो जाएगी। प्रधान के मुताबिक बाड़मेर जिले की बाड़मेर पंचायत समिति में 47, बायतू में 43, बालोतरा में 49, सिवाना 31, सिणधरी 40, िव 36, चौहटन 47, धोरीमन्ना की 40 ग्राम पंचायतों में भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का निर्माण कराया जा चुका है। जिला कलेक्टर के मुताबिक इन राजीव गांधी केन्द्रों को कंप्यूटर एवं इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का स्थानीय स्तर पर फायदा मिल सकेगा। 
एक स्थान पर कई सुविधाएं: भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों में एज्यूसेट/ग्राम सेट परियोजनाओं के लिए बैठक, प्रिक्षण, क्षमता विकास एवं वीडियो कांफ्रेसिंग आयोजित होगी। यहां बैंक/पोस्टआफिस की सुविधा के साथ महात्मा गांधी नरेगा योजना संबंधित कार्य जोब कार्ड के लिए आवेदन करना, रोजगार की मांग के लिए आवेदन करना, ग्राम पंचायत द्वारा कराए जाने वाले कार्यों की सूचना समेत कई महत्वपूर्ण कार्य संपादित होंगे। यहां एक ही स्थान पर महात्मा गांधी नरेगा योजना से संबंधित जानकारियां उपलब्ध होगी। भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के भवनों में स्थापित नागरिक सेवा केन्द्र में पानी,बिजली के बिल जमा होने के साथ रेल, बस टिकट, जमाबंदी की नकल, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र एवं मूल निवास प्रमाण पत्र के साथ विभिन्न सरकारी सेवाओं का लाभ उठाया जा सकेगा। 
लागत 12 से 25 लाखः बाड़मेर जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर निर्मित भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों पर 12 से 15 लाख तथा पंचायत समिति स्तर पर प्रति केन्द्र 25 लाख रूपए खर्च हुए है। 
बिजली कटौती से प्रभावित नहीं होगा कामः जिले में प्रत्येक पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत स्तर पर निर्मित भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों पर मैसर्स राजस्थान इलेक्ट्रानिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड ;रीलद्ध ने सोलर संयंत्र स्थापित किए है। रील अगले पांच वर्ष तक इसका रखरखाव भी करेगा। पंचायत समिति स्तर के भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र पर 2.2 किलोवाट एवं ग्राम पंचायत स्तर पर 1.1 किलोवाट फोटो वाल्टिक सिस्टम स्थापित किया गया है। इससे प्रतिदिन अधिकतम छह घंटे तक विद्युतापूर्ति सुचारू रूप से हो सकेगी। 
आनलाइन सिस्टमः महात्मा गांधी नरेगा कार्यालय के रूप में भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र नरेगा योजनान्तर्गत एमआईएस एवं आनलाइन इनफोरमोन सिस्टम से जुड़े होंगे। यहां प्रमुख सूचनाएं एवं आवेदन पत्रों की जानकारी कंप्यूटर पर उपलब्ध होने से आवयकतानुसार उनको डाउनलोड किया जा सकेगा। 
ग्रामीणों के लिए भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र वरदान साबित हो रहे है। यहां एक ही स्थान पर विभिन्न सरकारी योजनाओं संबंधित जानकारी के साथ नरेगा श्रमिकों को भुगतान,मजदूरी के लिए आवेदन तथा अन्य कार्य संपादित किए जा रहे है। 
डा.वीणा प्रधान,जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर,बाड़मेर 
भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्रों की बदौलत ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर सरकारी योजनाओं से लाभांवित कराने की अनूठी पहल की भाुरूआत हुई है। यहां पानी,बिजली के बिल जमा करने की सुविधा मिलने के साथ बैंक एवं पोस्टआफिस की भाखाएं खुलने से आमजन को खासी सहुलियत होगी। 
छगनलाल श्रीमाली,अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी,बाड़मेर 
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