नई दिल्ली
दोस्त की पत्नी से उसे लगाव हो गया था। वह बीमारी पड़ी तो उसने उस पर 1 लाख की रकम खर्च कर उसे बचाया। बाद में जब उसने देखा कि वह महिला उसे इग्नोर कर रही रही है, तो उनसे उसकी बेटी को ही अगवा कर लिया। अब उसने शर्त रखी कि बेटी लेनी है तो पति को तलाक देकर चली आओ या एक लाख की रकम वापस करो। बाद में इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने बच्ची को बरामद कर लिया है और आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह वारदात सेंट्रल दिल्ली के आनंद पर्वत इलाके में हुई। यहां पंजाबी बस्ती में दो दोस्त किराए पर साथ रहते थे। साल 2008 में एक की शादी पिंकी (बदला नाम) से हो गई। पिंकी के पति का दोस्त दाताराम इसके बाद भी उनके साथ ही रहता रहा। पिंकी को बेटी हुई। इस दौरान पिंकी को रीढ़ की हड्डी में टीबी हो गई। दाताराम ने रकम खर्च कर उसका इलाज कराया। इसके बाद पिंकी और उसके पति ने दाताराम को अलग कर दिया। वह पड़ोस में रहने लगा, लेकिन उसे यह बात बड़ी नागवार गुजरी। पुलिस के मुताबिक, उसे पिंकी से अलगाव सहन नहीं हो रहा था। उसे पिंकी के इलाज में खर्च की गई रकम भी वापस नहीं मिली थी।
बुधवार को पिंकी की एक साल की बेटी का अपहरण उनके घर से हो गया। पिंकी ने पुलिस को बताया कि अपहरण दाताराम ने किया है और उसने फोन पर यह भी कहा है कि बेटी वापस लेनी है तो या तो पति को तलाक देकर मेरे पास आए या एक लाख रुपये वापस कर दे। बेटी वापस लेने के लिए दाताराम ने पिंकी को लखनऊ आने को कहा। बाद में उसने कानपुर रेलवे स्टेशन पर आने के लिए कहा। पुलिस पिंकी के साथ कानपुर पहुंच गई। वहां दाताराम को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से बच्ची को बरामद कर लिया गया। अडिशनल पुलिस कमिश्नर देवेश श्रीवास्तव के मुताबिक, दाताराम (22) यूपी के बलरामपुर का रहने वाला है। वह आनंद पर्वत में नैपकिन बनाने वाली फैक्ट्री में नौकरी करता था।
दोस्त की पत्नी से उसे लगाव हो गया था। वह बीमारी पड़ी तो उसने उस पर 1 लाख की रकम खर्च कर उसे बचाया। बाद में जब उसने देखा कि वह महिला उसे इग्नोर कर रही रही है, तो उनसे उसकी बेटी को ही अगवा कर लिया। अब उसने शर्त रखी कि बेटी लेनी है तो पति को तलाक देकर चली आओ या एक लाख की रकम वापस करो। बाद में इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने बच्ची को बरामद कर लिया है और आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह वारदात सेंट्रल दिल्ली के आनंद पर्वत इलाके में हुई। यहां पंजाबी बस्ती में दो दोस्त किराए पर साथ रहते थे। साल 2008 में एक की शादी पिंकी (बदला नाम) से हो गई। पिंकी के पति का दोस्त दाताराम इसके बाद भी उनके साथ ही रहता रहा। पिंकी को बेटी हुई। इस दौरान पिंकी को रीढ़ की हड्डी में टीबी हो गई। दाताराम ने रकम खर्च कर उसका इलाज कराया। इसके बाद पिंकी और उसके पति ने दाताराम को अलग कर दिया। वह पड़ोस में रहने लगा, लेकिन उसे यह बात बड़ी नागवार गुजरी। पुलिस के मुताबिक, उसे पिंकी से अलगाव सहन नहीं हो रहा था। उसे पिंकी के इलाज में खर्च की गई रकम भी वापस नहीं मिली थी।
बुधवार को पिंकी की एक साल की बेटी का अपहरण उनके घर से हो गया। पिंकी ने पुलिस को बताया कि अपहरण दाताराम ने किया है और उसने फोन पर यह भी कहा है कि बेटी वापस लेनी है तो या तो पति को तलाक देकर मेरे पास आए या एक लाख रुपये वापस कर दे। बेटी वापस लेने के लिए दाताराम ने पिंकी को लखनऊ आने को कहा। बाद में उसने कानपुर रेलवे स्टेशन पर आने के लिए कहा। पुलिस पिंकी के साथ कानपुर पहुंच गई। वहां दाताराम को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से बच्ची को बरामद कर लिया गया। अडिशनल पुलिस कमिश्नर देवेश श्रीवास्तव के मुताबिक, दाताराम (22) यूपी के बलरामपुर का रहने वाला है। वह आनंद पर्वत में नैपकिन बनाने वाली फैक्ट्री में नौकरी करता था।
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