शनिवार, 23 जुलाई 2011

पाकिस्तान में बेटी से बलात्कार करने वाले को सजा ए मौत


लाहौर।। पाकिस्तान की एक अदालत ने बेटी से बलात्कार करने वाले एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है।अडिशनल सेशन जज ताहिर खान नियाजी ने खालिद अमीन पर आरोप सिद्ध होने के बाद शुक्रवार को उसे मौत की सजा सुनाई।

खालिद की पूर्व पत्नी परवीन बीबी ने लाहौर के काहना पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाते हुए आरोप लगाया कि खालिद उसकी 15 साल की बेटी के साथ 2009 में एक महीने तक बलात्कार करता रहा।

परवीन का खालिद से 2008 में तलाक हो गया था और इस दंपती की दो बेटियां और चार बेटे अपने पिता के साथ रह रहे थे। पीड़ित लड़की ने अदालत में गवाही दी कि उसके पिता ने एक महीने तक उसे अपनी हवस का शिकार बनाया।

लड़की ने न्यायाधीश से कहा, ''मेरे पिता ने मुझे धमकी दी थी कि अगर मैंने इस बारे में किसी से कुछ कहा तो वह मेरे भाइयों को मार डालेगा।'' इस लड़की ने यौन उत्पीड़न के बारे में अपने चचेरे भाई को बताया था जिसके बाद यह बात परवीन तक पहुंच गई।

खालिद को जब अदालत से बाहर लाया जा रहा था तो कुछ लोगों ने उस पर हमला करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उसे बचा लिया। ये लोग उसे सार्वजनिक स्थान पर फांसी पर लटकाने की मांग कर रहे थे।

रूपाराम बना पन्द्रह बार "मां"

रूपाराम बना पन्द्रह बार "मां"
 

उदयपुर। कोटड़ा जैसे दुर्गम आदिवासी क्षेत्र में संस्थागत प्रसव संख्या बढ़ाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग जिस प्रसाविका के काम की तारीफ करते नहीं अघा रहा था, असल में वह जननी सुरक्षा योजना की राशि में गबन का खेल निकला।

गोगरूद उप स्वास्थ्य केन्द्र की प्रसाविका रेखा भाटी ने गत वर्ष नवम्बर से लेकर अब तक आठ महीने में करीब 250 प्रसव सम्पन्न कराना दर्ज किया है। इनमें प्रसाविका ने खुद को 11 बार प्रसूता बताकर राशि उठा ली। यही नहीं केन्द्र से 32 पुरूषों को प्रसूता बताते हुए योजना की राशि उठा ली गई और 62 वर्षीय वृद्धा को भी प्रसूता बता दिया गया।

रूपाराम नामक पुरूष को प्रसूता और दाई बताते हुए कुल तीस बार राशि का भुगतान उठा लिया गया। यही नहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सीतादेवी के नाम से 24 बार प्रसूता और 60 बार दाई की राशि उठाई गई। पंजाब नेशनल बैंक में स्वास्थ्य केन्द्र के खाते के विवरण से यह जानकारी मिली है, लेकिन रिकॉर्ड सामने नहीं आ पाया है। दरअसल, मामला खुलने के बाद से भाटी स्वास्थ्य केन्द्र पर ताला लगाकर नदारद है।

लाख का गबन
तीन चिकित्साधिकारियों को नियुक्त करते हुए सात गांवों में ढाई सौ प्रसूताओं का भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है ताकि गबन की कुल राशि का खुलासा हो सके। हालांकि प्रथम दृष्टया करीब एक लाख रूपए से ज्यादा राशि का गबन सामने आ रहा है। उल्लेखनीय है कि योजना के तहत दाई को दो सौ रूपए जबकि प्रसूता को 1700 रूपए की राशि देय है।

"प्रसाविका द्वारा गत आठ महीनों में करीब 250 प्रसव कराना दर्ज है और वह उप स्वास्थ्य केन्द्र पर ताला लगाकर गायब है। भौतिक सत्यापन में दस-पन्द्रह दिन लग सकते हैं, जिसके बाद गबन की राशि सामने आने पर ही मुकदमा दर्ज कराया जा सकेगा।"
डॉ.शंकरलाल चव्हाण, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, कोटड़ा

धर्मयात्रा............सिद्ध वीर गोगादेव

 ‘‘पाबू, हडबू, रामदे, माँगलिया, मेहा।
पाँचू पीर पधारज्यों, गोगाजी जेहा''





gogadev सिद्ध वीर गोगादेव के जन्मस्थान, जो राजस्थान के चुरू जिले के दत्तखेड़ा में स्थित है। जहाँ पर सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग मत्था टेकने के लिए दूर-दूर से आते हैं।


नाथ परम्परा के साधुओं के ‍लिए यह स्थान बहुत महत्व रखता है। दूसरी ओर कायम खानी मुस्लिम समाज उनको जाहर पीर के नाम से पुकारते हैं तथा उक्त स्थान पर मत्‍था टेकने और मन्नत माँगने आते हैं। इस तरह यह स्थान हिंदू और मुस्लिम एकता का प्रतीक है।

WD
मध्यकालीन महापुरुष गोगाजी हिंदू, मुस्लिम, सिख संप्रदायों की श्रद्घा अर्जित कर एक धर्मनिरपेक्ष लोकदेवता के नाम से पीर के रूप में प्रसिद्ध हुए। गोगाजी का जन्म राजस्थान के ददरेवा (चुरू) चौहान वंश के राजपूत शासक जैबर (जेवरसिंह) की पत्नी बाछल के गर्भ से गुरु गोरखनाथ के वरदान से भादो सुदी नवमी को हुआ था। चौहान वंश में राजा पृथ्वीराज चौहान के बाद गोगाजी वीर और ख्याति प्राप्त राजा थे। गोगाजी का राज्य सतलुज सें हांसी (हरियाणा) तक था।

लोकमान्यता व लोककथाओं के अनुसार गोगाजी को साँपों के देवता के रूप में भी पूजा जाता है। लोग उन्हें गोगाजी चौहान, गुग्गा, जाहिर वीर व जाहर पीर के नामों से पुकारते हैं। यह गुरु गोरक्षनाथ के प्रमुख शिष्यों में से एक थे। राजस्थान के छह सिद्धों में गोगाजी को समय की दृष्टि से प्रथम माना गया है।
gogadev

जयपुर से लगभग 250 किमी दूर स्थित सादलपुर के पास दत्तखेड़ा (ददरेवा) में गोगादेवजी का जन्म स्थान है। दत्तखेड़ा चुरू के अंतर्गत आता है। गोगादेव की जन्मभूमि पर आज भी उनके घोड़े का अस्तबल है और सैकड़ों वर्ष बीत गए, लेकिन उनके घोड़े की रकाब अभी भी वहीं पर विद्यमान है। उक्त जन्म स्थान पर गुरु गोरक्षनाथ का आश्रम भी है और वहीं है गोगादेव की घोड़े पर सवार मूर्ति। भक्तजन इस स्थान पर कीर्तन करते हुए आते हैं और जन्म स्थान पर बने मंदिर पर मत्‍था टेककर मन्नत माँगते हैं।

हनुमानगढ़ जिले के नोहर उपखंड में स्थित गोगाजी के पावन धाम गोगामेड़ी स्थित गोगाजी का समाधि स्थल जन्म स्थान से लगभग 80 किमी की दूरी पर स्थित है, जो साम्प्रदायिक सद्भाव का अनूठा प्रतीक है, जहाँ एक हिन्दू व एक मुस्लिम पुजारी खड़े रहते हैं। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा से लेकर भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा तक गोगा मेड़ी के मेले में वीर गोगाजी की समाधि तथा गोरखटीला स्थित गुरु गोरक्षनाथ के धूने पर शीश नवाकर भक्तजन मनौतियाँ माँगते हैं।

''गोगा पीर'' व ''जाहिर वीर'' के जयकारों के साथ गोगाजी तथा गुरु गोरक्षनाथ के प्रति भक्ति की अविरल धारा बहती है। भक्तजन गुरु गोरक्षनाथ के टीले पर जाकर शीश नवाते हैं, फिर गोगाजी की समाधि पर आकर ढोक देते हैं। प्रतिवर्ष लाखों लोग गोगा जी के मंदिर में मत्था टेक तथा छड़ियों की विशेष पूजा करते हैं।

प्रदेश की लोक संस्कृति में गोगाजी के प्रति अपार आदर भाव देखते हुए कहा गया है कि ''गाँव-गाँव में खेजड़ी, गाँव-गाँव में गोगा'' वीर गोगाजी का आदर्श व्यक्तित्व भक्तजनों के लिए सदैव आकर्षण का केन्द्र रहा है।

विद्वानों व इतिहासकारों ने उनके जीवन को शौर्य, धर्म, पराक्रम व उच्च जीवन आदर्शों का प्रतीक माना है। इतिहासकारों के अनुसार गोगादेव अपने बेटों सहित मेहमूद गजनबी के आक्रमण के समय सतलुज के मार्ग की रक्षा करते हुए शहीद हो गए।

वास्तुकला के बेजोड़ नमूने- सास-बहू के मंदिर।

झीलों की नगरी उदयपुर से मात्र अट्ठाइस किलोमीटर की दूरी पर है- जगप्रसिद्ध एकलिंग जी का मंदिर। इस मंदिर से थोड़ा पहले, कच्चे रास्ते पर खड़े हैं वास्तुकला के बेजोड़ नमूने- सास-बहू के मंदिर। इन्ही मंदिरों के आसपास कभी मेवाड़ राजवंश की स्थापना हुई थी। इनकी पहली राजधानी थी- नागदा। नागदा के वैभव की याद दिलाने में ये सास-बहू के मंदिर आज भी सक्षम हैं। मेवाड़ राज्य के संस्थापक बप्पा रावल ने अपना प्रारंभिक जीवन यहीं नागदा में व्यतीत किया था।
मेवाड़ की यह प्राचीन राजधानी नागदा तो आज ध्वस्त हो चुकी है, लेकिन किसी तरह से यहाँ सास-बहू मंदिर बचे रह गए हैं। इन मंदिरों और नागदा के ध्वंसावशेष के आधार पर यह कहना अतिश्योक्तिपूर्ण नहीं होगा कि यहाँ कभी उत्कृष्ट कला का विकास हुआ।
मेवाड़ राज्य अपने जन्म से ही दिल्ली की आँख में चुभता रहा। दिल्ली के तत्कालीन सुल्तान शम्सुद्दीन अल्तमश ने तो इस पर आक्रमण कर इसे ध्वस्त कर डाला।
मंदिर सहस्रबाहु का
विक्रमी संवत ग्यारहवीं शताब्दी के आसपास बने सास-बहु के इन मंदिरों के बारे में अनुमान है कि मेवाड़ राजघराने की राजमाता ने विष्णु का मंदिर तथा बहू ने शेष नाग के मंदिर का निर्माण कराया। सास-बहू के द्वारा निर्माण कराए जाने से इन मंदिरों को सास-बहू के मंदिर के नाम से पुकारा जाता है। लेकिन, एक अन्य किंवदंती के अनुसार यहाँ पहले भगवान सहस्रबाहु का मंदिर था, जिसका नाम सहस्रबाहु से बिगड़कर सास-बहू हो गया। कारण जो भी रहा हो, आज ये मंदिर उस प्राचीन कला-संस्कृति के उत्कृष्ट नमूने हैं, जो कभी यहाँ फली-फूली थी।
वास्तुकला के बेजोड़ नमूने ये दोनों मंदिर एक ही परिसर में स्थित हैं। आज दोनों ही मंदिरों के गर्भगृहों में से देव प्रतिमाएँ गायब हैं। मंदिर बनानेवाले कलाकारों ने तत्कालीन परंपरा के अनुसार अपनी बारीक छैनी से समसामयिक जीवन व संस्कृति के अमर तत्वों को इन मंदिरों में उकेरा है। दोनों ही मंदिरों के बरामदों, तोरण-द्वारों व मंडपों को शिल्पकला के उत्कृष्ट नमूनों से सजाया है।
मंदिर की बाहरी दीवारों पर लगी सुर-सुंदरियों की प्रतिमाएँ नारी सौंदर्य का सजीव वर्णन करती-सी प्रतीत होती हैं। नर-नारी जीवन-जगत की गतिविधियों में शृंगार, नृत्य, क्रीड़ा और प्रेम आदि की अभिव्यक्ति बड़े सुंदर ढंग से अंकित की गई हैं। मिथुन-युगलों के बीच के प्यार-व्यापार को इतने सुंदर ढंग से दर्शाया गया है कि नर-नारी मूर्तियाँ शारीरिक सौंदर्य की पराकाष्ठा बन गई हैं।
कारीगरी, अद्भुत सूक्ष्म नक्काशी व भव्यता की दृष्टि से इन दोनों मंदिरों की समानता आबू पर्वत के जगप्रसिद्ध देलवाड़ा के मंदिरों व रणकपुर के जैन मंदिर से की जा सकती है। लेकिन प्राचीनता की दृष्टि से सास-बहू के मंदिर के प्रवेश-द्वार पर बने छज्जों पर महाभारत की पूरी कथा अंकित है। इन छज्जों से लगे बायें स्तंभ पर शिव-पार्वती की प्रतिमाएँ हैं, जो खजुराहो की मिथुन मूर्तियों से होड़ लेती-सी प्रतीत होती हैं। तोरणों का अलंकरण तो देखते ही बनता है।
मंदिर बहू का
बहू के मंदिर का सभामंडप तो अपने आप में अनूठा है। प्रत्येक स्तंभ पर लगभग चार फुट ऊँची, एक ही पत्थर से निर्मित प्रतिमाएँ लगी हुई हैं। ये नारी प्रतिमाएँ उत्कष्ट कलात्मक रूप में नारी सौंदर्य को दर्शाने के लिए उल्लेखनीय हैं। मंदिर के सामने एक ही भारी पत्थर से बना तोरण है, जिसमें तीन द्वार हैं। सास-बहू के दोनों मंदिरों के बीच में ब्रह्मा जी का मंदिर है। ब्रह्मा जी का मंदिर दोनों से छोटा है, फिर भी वह दोनों से कम नहीं है। इसके गुंबद को देखकर ऐसा लगता है मानो उसे बारीक जाली से ढक दिया गया हो।
हालाँकि, सास-बहू के ये मंदिर अपने समकालीन अन्य मंदिरों की तुलना में कहीं अच्छी दशा में हैं, फिर भी उचित साज-सँभाल के अभाव में ये धीरे-धीरे क्षरण का शिकार होने लगे हैं। समय के थपेड़ों ने मंदिर की दीवारों व मूर्तियों पर कालेपन की परछायीं डालना शुरू कर दी है। गर्भगृहों से आराध्य देवों की मूर्तियाँ गायब हैं। जब आराध्य देवों की मूर्तियाँ ही गायब हों, तो फिर मंदिर कैसा? राज्य पुरतत्व विभाग ने यहाँ एक नीला सूचना-पट्ट लगाकर उन्हें संरक्षित स्मारक घोषित कर अपने फ़र्ज़ से भी छुट्टी पा ली है। पर्यटन विभाग द्वारा ऐसे दुर्लभ स्मारकों की ख़ैर-ख़बर रख पाना तो और भी दूर की बात है। हालात, तो यहाँ तक बिगड़े हुए हैं कि उदयपुर स्थित राज्य सरकार के पर्यटन अधिकारी पूछने पर भी इन मंदिरों के बारे में किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं दे पाते। इन हालातों में तो ऐसे लगता है कि अब वह दिन दूर नहीं जब कि इन मंदिरों के खंडहर ढूँढ़े न मिलेंगे।

एक महिला को शादीशुदा मर्द से शादी अब महंगी पड़ रही है


बाराबंकी। जिले में एक महिला को शादीशुदा मर्द से शादी अब महंगी पड़ रही है। अब उसकी नौकरी ही खतरे में नजर आने लगी है। यदि मंत्री महोदय का निवेदन स्वीकार कर लिया गया तो उनकी नौकरी जा सकती है।

प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अब्दुल मन्नान ने प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सहायक अध्यापिका प्रा. वि. खूला का पुरवा, बाराबंकी कु. अरुणिमा वर्मा को उनके पद से हटाने का निवेदन किया है। अब उनकी नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है।

मन्नान से मोहम्मदाबाद गांव के राम मनोहर ने पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि उनकी पुत्री श्रीमती रीता देवी का विवाह वर्ष 2007 में श्री अरुण कुमार के साथ हुआ था। परन्तु उनके दामाद अरुण कुमार ने पिछली 27 जुलाई को पुनः सहायक अध्यापिका अरुणिमा वर्मा से कोर्ट मैरिज कर ली है।

इसलिए कु. अरुणिमा वर्मा ने सरकारी सेवकों की आचरण नियमावली 1957 की धारा..29 एवं शासनादेश 10.09.1957 का उल्लंघन किया है। इसलिए इन्हे नौकरी से निकाला जाये।

बहुओं ने सासू की अर्थी को कंधा दिया और बेटियों ने मुखाग्नि


सिरसा. 
ये तस्वीर बदलनी चाहिए, शायद इसी जज्बे के साथ परमार्थ कालोनी के एक परिवार की बहुओं ने सासू की अर्थी को कंधा दिया और बेटियों ने मुखाग्नि। कालोनी में रहने वाली 75 साल की गन्नो देवी का शुक्रवार तड़के देहांत हुआ था। सुबह जब उनकी शवयात्रा श्मशान घाट की ओर बढ़ी तो पूरी कालोनी के लोग अचंभित थे।
गन्नो देवी के एक बेटा होने के बावजूद मुखाग्नि उनकी दोनों बेटियों ने ही दी। बेगू रोड पर बसी परमार्थ कालोनी में रहने वाले डेरा प्रेमी रमेश इंसां की मां 75 वर्षीय गन्नो देवी कई दिन से बीमार थीं। शुक्रवार तड़के उनका देहांत हो गया।
गन्नो देवी की बेटियों अंगूरी देवी और संतोष देवी के साथ उनके बड़े बेटे वीरभान की विधवा रामो देवी और छोटे बेटे रमेश की बहू संतोष अर्थी को कंधा दे रहीं थीं। शव यात्रा श्मशान घाट पहुंचने पर गन्नो देवी की दोनों बेटियों अंगूरी और संतोष ने ही मुखाग्नि दी। इस बारे में अंगूरी और संतोष देवी ने कहा कि माता-पिता के जनाजे को कंधा बेटियां क्यों नहीं दे सकतीं। इसी अवधारणा को तोड़ने के लिए हमने ऐसा किया।

रानी लक्ष्मीबाई 'टाइम' की सूची में

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा, स्पेन की रानी इजाबेल, मिस्र की चर्चित रानी क्लियोपेट्रा और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने पति के बचाव में दीवार बनकर खड़ी होने वाली दुनिया की 10 जांबाज पत्नियों की सूची में शुमार किया है।

मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक की पत्नी वेंडी डेंग द्वारा अपने पति को हमलावर से बचाने के लिए उस पर टूट पड़ने की साहसिक घटना को देखते हुए पत्रिका ने 10 ऐसी पत्नियों की सूची जारी की है। इस सूची में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई आठवें नंबर पर हैं। इस सूची में किस आधार पर विभिन्न नामचीन शख्सियत को शामिल किया गया है, इसकी जानकारी टाइम ने नहीं दी है।

टाइम ने लक्ष्मीबाई के बारे में लिखा कि 19वीं सदी में एक संपन्न परिवार में पैदा होने वाली यह महिला झांसी की रानी बन गई। लक्ष्मीबाई ने अपने जीवन के प्रारंभिक दिनों में ही युद्धकला सीख ली थी।

पत्रिका के मुताबिक राजा से शादी के कुछ समय बाद ही दुर्भाग्यपूर्ण समय शुरू हो गया। उनके बेटे की मौत हो गई और कुछ समय बाद लक्ष्मीबाई के पति का भी निधन हो गया। वर्ष 1853 में वारिस नहीं होने के कारण ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने उनके साम्राज्य को हड़प लिया।

टाइम की रिपोर्ट के अनुसार इस घटना के चार साल बाद झांसी में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के खिलाफ खूनी संघर्ष शुरू हो गया। रानी इस युद्ध में कूद पड़ीं और उन्होंने शक्तिशाली ईस्ट इंडिया कंपनी को कई युद्धों में पराजित भी किया।

कहा जाता है कि अंग्रजों से लोहा लेते हुए घोड़े की पीठ पर उन्होंने वीरगति पाई। उस समय वह मात्र 22 साल की थीं। टाइम के लिए इस लेख को पूर्व विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर के बेटे ईशान थरूर ने लिखा है।

पत्रिका ने इस सूची में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की पत्नी इलेनोर रूजवेल्ट को पहले, स्पेन की रानी इजाबेल को दूसरे, जूने कार्टर कैश को तीसरे स्थान पर रखा है।

इसी तरह सूची में मिस्र की चर्चित महारानी ‍िक्ल्योपेट्रा को चौथे, अलास्का की गवर्नर रही साराह पालिन को पांचवें, इलेन डी गेनेरेस और पोर्सिया डी रोसी को छठवें, मिशेल ओबामा को सातवें, अमेरिकी अरबपति बिल गेट्स की पत्नी मिलिंडा गेट्स को नौवें तथा चर्चित गोल्फ खिलाड़ी टाइगर वुड्स की पत्नी इलिन नोरडेग्रेन को 10वें स्थान पर रखा है।
इस सूची में शीर्ष पर रहने वाली इलेनोर रूजवेल्ट के बारे में टाइम ने लिखा कि उन्होंने नस्लवाद, गरीबी और लिंग भेद के खिलाफ खुलकर अपनी बात रखी जो उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए असंभव था। 

देवरों ने किया था चरित्र पर शक, भाभी ने करवा दिया कत्ल

होशियारपुर . थाना मेहटियाना के गांव हुकड़ा के पास बुधवार देर रात दो युवकों की हत्या के मामले में पुलिस ने महिला समेत तीन लोगों को काबू किया है। एसपी (डी) रणधीर सिंह उप्पल ने बताया की आरोपी महिला ने अपने भाइयों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया।
फिलहाल किरणदीप कौर, सिमरजीत सिंह उर्फ लाभा व रछपाल सिंह निवासी अहिरानाकलां के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। एसपी ने बताया कि दोनों चचेरे भाइयों को मजा चखाने की नीयत से आरोपियों ने कुछ दिन पहले भी मारपीट की थी।

घटना वाले दिन सिमरजीत अपनी बहन किरणदीप से मिलने ताजोवाल गांव आया था। योजनानुसार रात एक बजे दोनों भाई साथी भुपिंद्र सिंह के साथ गांव लौट रहे थे तो रास्ते में पहले से घात लगाए बैठे सिमरजीत, रछपाल व कुलविन्द्र के तीन-चार अन्य साथियों ने उन्हें घेर लिया और तेजधार हथियारों से हत्या कर दी।
चरित्र पर लगाया था लांछन
आरोपी महिला किरणदीप कौर की शादी ताजोवाल गांव के हरदीप सिंह के साथ हुई थी। पति हरदीप सिंह के दुबई चले जाने के बाद हरदीप के घर अज्ञात लोगों का आना-जाना रहता था। उसके दोनों ही चचेरे देवर जसबीर सिंह पुत्र प्रेम सिंह व जसबीर सिंह पुत्र गुरदयाल सिंह बार-बार हरदीप कौर को इस तरह अनजाने लोगों से मिलने से रोकते थे और उसे समझाते थे। हरदीप ने यह बात अपने भाइयों सिमरजीत व रछपाल को बताई। इस तरह बहन के चरित्र पर लांछन लगाने के चलते आरोपियों ने उसके दोनों चचेरे देवरों को ठिकाने लगाने की सोची और हत्याकांड को अंजाम दिया।
 

कागजों में हरियाली और राशि हड़प

कागजों में हरियाली और राशि हड़प 
 

बाड़मेर। महनरेगा में पौधरोपण करवाकर जहां एक ओर प्रदेश में हरियाली का सपना देखा जा रहा है वहीं कई ग्राम पंचायतें पौधरोपण की राशि को हड़प करने में लगी हुई है। जिले की कवास ग्राम पंचायत ने पौधरोपण के नाम पर महानरेगा में 81693 रूपए का घपला उजागर हुआ है। ग्राम पंचायत ने जिन विद्यालयों में सैकड़ों पौधे लगाने का दावा किया है, वहां पर कुछ भी नहीं है। जिला परिषद की जांच कमेटी ने भी गबन को मानते हुए वसूली की सिफारिश की है।

कवास ग्राम पंचायत की राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सर का पार, राजकीय माध्यमिक विद्यालय ढूंढा, कालुआणी मेघवालों की ढाणी, नागणेशिया ढूंढा, काउ का खेड़ा व हरूपोणियों की ढाणी में करीब चौदह सौ पौधे लगाकर 81693 रूपए की राशि उठा ली गई। पौधरोपण के लिए गड्ढ़े खोदने, पौधे लगाने, पौध संरक्षण के लिए थावल और बाड़ बनाने के नाम पर यह राशि उठाई गई।

वर्ष 2010-10 में हुए इस पौधरोपण से इन विद्यालयों मेे अब तक एक एक साल के पौधे लहलहाने चाहिए थे लेकिन ऎसा कुछ नहीं हुआ है। विद्यालयों में एक भी पौधा नहीं लगा है। विद्यालय के अध्यापकों को भी इसकी जानकारी नहीं है।

जांच में पाया दोषी
जिला परिषद में इसकी शिकायत होने पर जांच कमेटी ने निरीक्षण किया। मौके पर पौधे नहीं पाए गए। श्रमिकों के फर्जी नाम अंकित कर भुगतान उठाने और गबन करने का खुलासा हुआ है। अध्यापकोे ने भी पौधे नहीं लगने की बात की है।

वसूली निकाली
कनिष्ठ तकनीकी सहायक कुलदीप चौधरी, ग्रामसेवक उम्मेदाराम एवं सरपंच श्रीमती राजकुमारी गोलिया को दोषी मानते हुए राशि वसूली करने की सिफारिश जांच कमेटी द्वारा की गई है।

नोटिस दे दिए थे
जांच में पौधरोपण नहीं करना पाया गया। इसके लिए संबंधित को नोटिस जारी कर दिए गए थे। इसके बाद क्या कार्यवाही हुई, जानकारी में नहीं है।
- अशोक गोयल अभियंता जांच कमेटी सदस्य

दलित एमएलए को केले के पत्तों में परोसा खाना

दलित एमएलए को केले के पत्तों में परोसा खाना
 

भुवनेश्वर। उड़ीसा के एक दलित विधायक काशीनाथ मलिक ने एक सरकारी बैठक में उनके साथ जाति के आधार पर भेदभाव होने का आरोप लगाया है। सत्ताधारी बीजेडी विधायक ने इस मामले में स्पीकर से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है।

विधायक का आरोप है कि 20 जुलाई को डीआरडीए की बैठक के दौरान तीन विधायकों व एक सांसद को कमरे में ले जाकर सम्मान के साथ खाना परोसा गया जबकि उन्हें बाहर बिठाकर केले के पत्तों में भोजन कराया गया। मलिक ने कहा है कि मुझे समझ में नही आ रहा उन्होंने मेरे साथ ही ऎसा क्यों किया।

मलिक ने जिला प्रशासन पर दलित उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए इस बात की स्पीकर से लिखित शिकायत की है और मामले में तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है

नॉर्वे में कत्लेआम, 87 की मौत

नॉर्वे में कत्लेआम, 87 की मौत
 

ओस्लो। नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में हुए धमाको और उसके बाद यूथ कैंप पर हुई गोलीबारी में मरने वालो की संख्या करीब 87 पहुंच गई है। पुलिस का कहना है कि हमलों के आरोप में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है।

इससे पहले खबरें आ रही थी कि दोनों घटनाओं में 17 लोग मारे गए हैं लेकिन विदेशी मीडिया और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मृतकों की संख्या 87 तक पहुंच चुकी है। चरमपंथी संगठन अंसार अल जिहाद अल आलमी ने आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है।

सूत्रों के मुताबिक ओस्लो में पीएम कार्यालय के पास जोरदार धमाका हुआ जिससे कई सरकारी इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं हैं। धमाके के बाद कई इमारतों में आग लग गई। ये धमाका ऎसे इलाके में हुआ है, जहां ज्यादातर सरकारी दफ्तर हैं। इस धमाके में नॉर्वे के प्रधानमंत्री येन्स स्टोल्तनबर्ग का दफ्तर और कई अन्य सरकारी इमारतों को खासा नुकसान पहुंचा है। धमाके में 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

उधर ओस्लो शहर के बाहर उटोइया द्वीप में एक लेबर पार्टी के यूथ कैंप पर एक अज्ञात युवक ने अंधाधुंध फायरिंग की। जिसमें करीब 80 लोगों के मारे जाने की खबर है। यह फायरिंग ओस्लो में हुए आतंकी हमले के बाद हुई।

नार्वे की लेबर पार्टी के प्रवक्ता ने फायरिंग करने वाले शख्स की पहचान नहीं हो पाई है। हमलावर पुलिस की वर्दी पहने हुआ था। जिस वक्त फायरिंग हुई उस वक्त यूथ कैंप में 700 लड़के मौजूद थे। इन सभी की उम्र 14 से 18 के बीच है।



आतंकी हमला
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह एक आतंकी हमला था। जिसमें कार बम का उपयोग किया गया। नॉर्वे की न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से दी खबर में कहा है कि धमाका कार में रखे नाइट्रेट के जरिए किया गया। कार को एक सरकारी इमारत से टकरा देने की बात भी कही जा रही थी। हमले के बाद इलाके को पूरी तरह से खाली करा दिया गया। पुलिस सूत्रों ने साफ कर दिया है कि यह एक आतंकी हमला है और जांच की जा रही है

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम सैलानियों की तरह दुर्ग का भ्रमण करके लौट गई। 

जैसलमेर
 पुरातत्व विभाग कहने को तो दुर्ग संरक्षण के लिए काफी गंभीर है लेकिन धरातल पर देखा जाए तो ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है। दुर्ग में क्षतिग्रस्त मकानों में रहने को मजबूर स्थानीय जनता को पुनर्निमाण के लिए स्वीकृति तो दूर आरयूआईडीपी को सीवरेज बिछाने की भी स्वीकृति नहीं दी जा रही है। सूत्रों के अनुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा इस संबंध में पहले यह निर्धारित किया जा रहा है कि अब तक दुर्ग में किए गए छोटे -मोटे कार्यों को अवैध बताया जाए और आगे से इस प्रकार के कार्य दुर्ग में न हो, उसके बाद ही स्वीकृति दी जाएगी। किले के सर्वेक्षण के लिए पिछले 8 सालों से नेशनल कल्चर फंड के बैंक खाते में साढ़े छह करोड़ रुपए का बजट पड़ा है मगर इस बजट से अभी तक किसी तरह का कार्य शुरू नहीं हो सका है। इन वर्षों के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से कई सर्वे, स्टडी व योजनाएं बनाई गई साथ ही स्थानीय प्रशासन व राज्य सरकार के साथ बैठकों के दौर भी चले लेकिन नतीजा सिफर रहा। गौरतलब है कि किले की जनता खतरे में रह रही है। दुर्ग की त्रिकुट पहाड़ी में तीन फॉल्ट जोन है। मगर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा अभी तक सर्वे व रिसर्च ही किया जा रहा हैं, संरक्षण के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है। इस दौरान पुरातत्व के अधिकारी बदल जाते हैं साथ ही कलेक्टर व नगरपालिका प्रशासन भी बदल जाता है। 

इन्होंने माना हो रही है देरी
 

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम के साथ आई नेशनल कल्चर फंड की प्रतिनिधि यामिनी मोबाय ने स्वीकार किया कि सोनार किले के संरक्षण कार्य में देरी हो रही है। जबकि बजट 8 वर्षों से उनके खातों में पड़ा है। उन्होंने बताया कि सोनार किले के संरक्षण के लिए नोडल एजेंसी नेशनल कल्चर फंड को बनाया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने चार करोड़ रुपए और वल्र्ड वॉच मोन्यूमेंट ने ढाई करोड़ रुपए मुहैया करवाए हैं।
 


धोरों पर किसी भी सूरत में नहीं लगने देंगे विंड मील


धोरों पर किसी भी सूरत में नहीं लगने देंगे विंड मील
मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा
जैसलमेर पर्यटन व्यवसाय पर विंड मील लगने से संभावित विपरीत प्रभाव को देखते हुए पर्यटन व्यवसायी व ग्रामीण एकजुट हो गए हैं। विंड मील के लिए राज्य सरकार द्वारा टूरिस्ट ट्रैक पर आवंटित की गई जमीन के विरोध में स्थानीय पर्यटन व्यवसायी व पर्यटन पर निर्भर ग्रामीणों का आक्रोश भड़क उठा,उन्होंने कहा किसी भी सूरत में धोरों पर विंड मील नहीं लगने देंगे । आक्रोशित लोगों ने शुक्रवार को राज्य सरकार के इस फैसले के विरुद्ध जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया तथा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।सुबह 10 बजे गड़सीसर चौराहा से रवाना हुआ जुलूस गांधी चौक, हनुमान चौराहा होता हुआ कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचा। जहां कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपा गया।

1890 बीघा जमीन आवंटित 

राज्य सरकार ने सम व आसपास के गांवों के मखमली धोरों के पास करीब 1890 बीघा जमीन पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए मुंबई की मै. विश विंड इंफ्रास्ट्रक्चर्स लि. को आवंटित की है। कंपनी द्वारा इस क्षेत्र में 159 मेगावाट विंड एनर्जी फार्म की स्थापना की जाएगी। दामोदरा में 342 बीघा, दूजासर में 75, जामड़ा में 32, खाभा में 15, कन्नोई में 547, केसुओं की बस्ती में 217, डेढ़ा में 90, सलखा में 180 व सियालों की बस्ती में 360 बीघा जमीन आवंटित की गई है

शहर के चारो ओर प्रस्तावित रिंग रोड बनाने की कवायद


शहर के चारो ओर प्रस्तावित रिंग रोड बनाने की कवायद

बाड़मेर यातायात के दबाव को कम करने के लिए शहर के चारो ओर प्रस्तावित रिंग रोड बनाने की कवायद शुरू होने से विकास की उम्मीदें प्रबल हो गई हैं। प्रारंभिक सर्वे कार्य शुरू हो चुका है। टेंडर जारी होने के बाद गुजरात की मैसर्स वेप्कोस लि. के इंजीनियर्स ने शुक्रवार को जालीपा बस स्टैंड से जालीपा तालाब तक सर्वे कर धरातल को देखा। हल्का पटवारी के साथ टीम सदस्यों ने खसरों को चिन्हित करने के साथ भौगोलिक स्थिति को जांचा। यहां उल्लेखनीय है कि सर्वे की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई शुरू हो पाएगी।

रिंग रोड निर्माण के टेंडर जारी होने के बाद प्रारंभिक सर्वे कार्य शुरू हो चुका है। इंजीनियर्स टीम ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग न. 15 के पास स्थित जालीपा फांटा से सर्वे कार्य शुरू किया। टीम के सदस्यों ने जालीपा तालाब तक की दूरी को तय करने के साथ नक्शे में पॉइंट मार्क किए। इसके साथ ही रिंग रोड के लिए प्रस्तावित खसरों को चिन्हित किया। इस दौरान हल्का पटवारी से धरातल से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के साथ आगामी सर्वे की रणनीति तय की गई। टीम में कंपनी के सिविल इंजीनियर कौशल पटेल सहित पांच अन्य तथा बाड़मेर आगोर पटवारी देवाराम बेनीवाल शामिल थे।

400 फीट तक होगी चौड़ाई: शहर के चारों ओर बनने वाली रिंग रोड की चौड़ाई हाइवे से भी ज्यादा होगी। सूत्रों के अनुसार रिंग रोड की चौड़ाई करीब 400 फीट होगी, जिससे कि कई वाहन एक साथ आवागमन कर सकेंगे।
 


पांच चरणों में पूरा होगा काम: रिंग रोड के पहले चरण में जैसलमेर रोड एनएच 15 से हाइवे 112 से होते हुए सिणधरी रोड से जोडऩे का कार्य किया जाएगा। दूसरे चरण में सिणधरी रोड (एनएच 40) को सांचौर रोड (एनएच 15) को जोडऩे का कार्य होगा। तीसरे चरण में सांचौर रोड (एन.एच. 15) को गडरारोड से जोड़ा जाएगा

श्रद्धांजलि


मांड गायिका को दी श्रद्धांजलि 
श्रद्धांजलि


बाड़मेर  थार की लोक गायकी की मलिका रूकमा बाई के निधन पर शुक्रवार को कृष्णा संस्थान की ओर से श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सचिव चंदनसिंह भाटी ने कहा कि रूकमों थार की एकमात्र मांड गायिका थी। उन्होंने मांड शैली को देश-विदेश में पहचान दिलाई। रूकमों का गाया हालरिया गीत आज भी लोगों के दिलों में बसा है। अध्यक्ष रिड़मलसिंह दांता, सुरतानसिंह रेडाणा, दुर्जनसिंह गुडीसर, मौलवी हनीफ मोहम्मद, ताराराम मेघवाल व विजय कुमार सहित कई कार्यकर्ताओं व सदस्यों ने रूकमों बाई को श्रद्धांजलि अर्पित की

अधेड़ की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई।

बालोतरा रेलवे स्टेशन से जोधपुर की ओर जीरो रेलवे फाटक से आगे एक अधेड़ की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई।

मामला शुक्रवार शाम करीब सवा आठ बजे का है। मालाणी एक्सप्रेस बाड़मेर से जोधपुर की ओर जा रही थी। बालोतरा रेलवे स्टेशन से ट्रेन निकलने के बाद जीरो रेलवे फाटक से आगे पहुंची तो अचानक एक अधेड़ सामने आ गया। ट्रेन के चालक ने जब तक ब्रेक लगाया, तब तक उसका सिर धड़ से कटकर अलग हो गया। सूचना मिलने पर बालोतरा थाने से पुलिस मौके पर पहुंची। अधेड़ की शिनाख्त मांगीलाल (४५) पुत्र नरसिंग भील निवासी बिठूजा के रूप में हुई। शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवाया गया है

55 बरस की बहना का भाइयों ने दो लाख में किया


55 बरस की बहना का भाइयों ने दो लाख में किया 
सुहागन बनाने का सौदा!
भाई-भतीजों ने सुनाया निकाह का फरमान
बहन ने कहा इमाम के फेंके टुकड़ों में बिका ईमान
बाड़मेर                                                         
वो न तो निकाह करना चाहती है और न ही इससे पहले भाइयों ने उसके निकाह के बारे में सोचा। 

अब जब बहना की उम्र 55 बरस की हो चुकी है तो भाई उसका निकाह करना चाहते हैं। ऐसा नहीं है कि अब भाइयों को अब अपनी जिम्मेदारी याद आई हो बल्कि यह इसलिए हो रहा है क्यों कि इस निकाह के बदले उन्होंने होने वाले दूल्हे से अपनी बहन का सौदा दो लाख रुपए में तय कर डाला। यह दास्तां है चौहटन तहसील के कापराऊ निवासी 55 वर्षीय सारा की। उसके भाई व भतीजे उम्रदराज सारा की शादी खारिया गांव के इमाम खां से दो लाख रुपए की एवज में तय कर चुके हैं।
क्या किया भाई-भतीजों ने 
सारा के भाई सोदरा खां व लूंगा खां और भतीजे शेर खां, भार खां एवं मठार खां ने मिलकर उसका निकाह इमाम पुत्र साले खां से तय कर दिया। इसके बदले भाइयों ने इमाम से दो लाख रुपए भी ले लिए।
मैं नहीं करना चाहती 
पुलिस अधीक्षक को लिखित में अपनी दास्तां देने के साथ उसने बताया कि न तो वो पहले शादी करना चाहती थी और न आज। लेकिन मेरे भाई शादी के नाम पर मेरा सौदा करने पर आमादा हैं।

जबरन निकाह का दबाव 
शुक्रवार को भाइयों ने सारा को अपना फरमान सुना दिया कि अब उसे इमाम के साथ निकाह कर उसके घर जाना है। बहन ने इंकार किया तो उसके साथ मारपीट की गई। आरोप है कि भाई भतीजों ने सारा के अपहरण की कोशिश भी कि लेकिन पड़ोसियों के आ जाने के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए।
 
एसपी से गुहार
 

अपने साथ हो रही जबरदस्ती को लेकर सारा ने अब पुलिस अधीक्षक से मदद की गुहार की है, उधर चौहटन थानाधिकारी कैलाश दान का कहना है कि इस पूरे मामले में जांच की जा रही है और महिला के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

शुक्रवार, 22 जुलाई 2011

गरीबों की तकदीर संवारेगी मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना


गरीबों की तकदीर संवारेगी मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना 
जयपुर, 
22 जुलाई, 2011 
मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना गरीबों े लिए वरदान साबित होगी और उनको आसरा देकर उनकी तकदीर संवारने में महत्वपूर्ण रहेगी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की सकारात्मक एवं दूरदृष्टि े साथ गरीबों े उत्थान े दृष्टिगत राज्य में गरीबों की आवासीय सुविधा े लिए इंदिरा आवास योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना बनाई गई है। 
गरीबों े लिए राज्य की इस महत्वाकांक्षी योजना का आगाज तीन जून, 2011 को बांसवाड़ा में यूपीए की चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी ने कर दिया है और अगले तीन वर्षों में राज्य े दस लाख ग्रामीण बीपीएल परिवारों को पक्के आवास की सुविधा उपलब्ध करवाने को सही अंजाम मिलेगा। इसमें से 6 लाख 80 हजार ग्रामीण बीपीएल परिवारों को मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना े तहत तथा शेष परिवारों को इंदिरा आवास योजना में लाभान्वित किया जाएगा। 
मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना े तहत बीपीएल परिवारों का चयन बीपीएल सेन्सस 2002 े आधार पर तैयार की गई वर्गवार स्थाई प्रतीक्षा सूची े अनुसार राज्य े ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में 13 लाख 89 हजार 339 आवासों की कमी है। इंदिरा आवास योजना में सालाना लक्ष्य 65 हजार े है। इस दर से गरीबों को आवास देने में लगभग बीस वर्षों का समय लगेगा। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहतोल ने इसी कमी को योजनाबद्घ तरीे से दूर करने े लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना का शुभारम्भ किया है। 
मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने विधानसभा मे ंवर्ष 2011-12 े बजट भाषण े दौरान इस योजना को लागू करने की घोषणा की थी और इसकी क्रियान्विति को शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना े वित्त पोषण े लिए जिला परिषदों द्वारा हुडको से 3 हजार 400 करोड़ रुपए े ऋण लिए जाएंगे। प्रथम वर्ष े लिए हुडको से 1400 करोड़ की राशि का ऋण स्वीकृत किया है जिसे तीन जून, 2011 को बांसवाड़ा योजना े शुभारम्भ पर यूपीए चेयर पर्सन श्रीमती सोनिया गांधी की मौजूदगी में ेन्द्रीय शहरी गरीबी उन्मूलन राज्यमंत्री कुमारी शैलजा ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को स्वीकृति पत्र प्रदान किया। 
मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना में इस वर्ष 4 लाख 37 हजार परिवारों को आवास उपलब्ध करवाए जाएंगे जबकि दूसरे वर्ष 2012-13 और तीसरे साल 2013-14 में हुडको से एक हजार-एक हजार करोड़ े ऋण से दो दो लाख परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा। योजना े प्रथम वर्ष में 41 हजार 280 अल्पसंख्यक परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा। योजना े अन्तर्गत 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं जनजाति े परिवारों तथा 15 प्रतिशत अल्पसंख्यकों े लिए लक्ष्य राज्य स्तर पर निर्धारित किए गए है। प्रत्येक वर्ग े कुल लक्ष्यों में से तीन प्रतिशत विकलांगों े लिए रखा गया है। 
राज्य की इस अभिनव योजना े तहत बीपीएल परिवारों का चयन बीपीएल सेन्सस 2002 े आधार पर तैयार की गई वर्गवार स्थाई प्रतीक्षा सूची की वरीयता क्रम से किया जाएगा। चयन में प्रत्येक वर्ग में प्राथमिकता आवासहीन परिवार को दी जाएगी। पात्र आवासहीन परिवार उपलब्ध नहीं होने पर उसी वर्ग विशेष े कच्चे आवासों े परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा। 
मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना े तहत आवास निर्माण े लिए अनुसूचित जाति े पात्र सभी परिवारों तथा राज्य े अधिसूचित क्षेत्र े सभी पात्र परिवारों को 50 हजार रुपए की अनुदान सहायता इंदिरा आवास योजना की तर्ज पर उपलब्ध कराई जाएगी। इसे अलावा शेष सभी पात्र परिवारों को 45 हजार रुपए की अनुदान सहायता राशि दी जाएगी। इनको शौचालय निर्माण े लिए सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम े तहत 2 हजार 200 रुपए की अतिरिक्त अनुदान सहायता राशि भी उपलब्ध करवाई जाएगी। योजना े तहत बनाए जाने वाले प्रत्येक आवास में एक इरंधन चूल्हे का प्रावधान भी रखा गया है। 
इस योजना े शुभारम्भ पर तीन जून 2011 को यूपीए की चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी ने बांसवाड़ा जिले की ग्राम पंचायत झरनिया की पांच बीपीएल चयनित महिलाएं श्रीमती रूकमा, वाला, मगी, भुली एवं कान्ता को स्वीकृत 50-50 हजार रुपए की प्रथम किश्त े रूप में 25-25 हजार रुपए े चैक उपलब्ध कराए। मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना े तहत जारी दिशा निदेर्शों की पुस्तिका का भी विमोचन किया गया। 
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा शुरू की गई इस योजना में लाभार्थियों को अनुदान सहायता तीन किश्तों में मिलेगी। पहली किश्त में 50 प्रतिशत राशि उने खाते में जमा की जाएगी। इसे पश्चात एक माह में नए आवास का तीन माह में लिन्टल लेवल तक निर्माण कार्य पूर्ण कर द्वितीय किश्त की 40 प्रतिशत राशि उपलब्ध कराई जाएगी। आवास निर्माण का खर्च आठ से दस माह में पूरा होगा और विशेष परिस्थितियों में अधिकतम एक वर्ष में आवास निर्माण कार्य पूरा करवाया जा सेगा। शेष तीसरी किश्त का भुगतान आवास निर्माण े बाद किया जाएगा। योजना े तहत बनने वाले आवासों का सामाजिक अेंक्षण भी करवाया जाएगा। 
मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना की क्रियान्विति े लिए 25 से 27 जुलाई तक राज्य की समस्त पंचायत समितियों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में जिले े प्रभारी मंत्रियों द्वारा पात्र व्यिक्तयों को आवास उपलब्ध कराने े लिए प्रथम किश्त स्वीकृति पत्र े साथ प्रदान की जायेगी। 
--- 

डॉकलाम ने बताये सफलता े सूत्र अनुशासन एवं कड़ी मेहनत से सफलता चूम सकते हैं -डॉ.कलाम


डॉ
कलाम ने बताये सफलता े सूत्र 

अनुशासन एवं कड़ी मेहनत से सफलता चूम सकते हैं 
-डॉ.कलाम 
जयपुर, 22 जुलाई। पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम ने कहा कि जीवन में महान उद्देश्य रखें और इसे प्राप्त करने े लिए अनुशासन एवं कड़ी मेहनत करें। 
डॉ.कलाम शुक्रवार को उदयपुर े दिल्ली पिब्लक स्कूल में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि पद से उद्बोधन दे रहे थे। उन्होंने समारोह में आये विभिन्न विद्यालयों े छात्र-छात्राओं से सीधा संवाद किया और उने ेरियर सहित कई़ प्रश्नों े बेबाक जवाब दिये। 
उन्होंने छात्र-छात्राओं और युवा पीढ़ी से कहा कि जीवन में सफलता प्राप्ति े लिए चार विशिष्ट सूत्र अपनाने मात्र से सफलता चूम सकते हैं। इसे लिए आवश्यक है कि वे महान उद्देश्य लेकर चलें, ज्ञानवान हों, कड़ी मेहनत करें एवं दृढ ़निश्चयी बनें। 
उन्होंने भारत को विश्व महाशिक्त े रूप में स्थापित करने े लिए आर्थिक विकास पर जोर देते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षा से कोई वंचित नहीं रहे। शिक्षा और आर्थिक सम्पन्नता से ही भारत विश्व में महाशिक्त े रूप में उभर सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचलों एवं शहरों का विकास समान रूप से हो इसे लिए आवश्यक है कि बुनियादी सुविधाओं में शिक्षा, बिजली, पेयजल एवं कृषि पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। डॉ.कलाम ने विकास े महत्वपूर्ण सूत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि कृषि प्रधान देश में अत्याधुनिक कृषि, पर्यटन क्षेत्र, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विकास, ढांचागत विकास, खाद्य सुरक्षा आदि पर ध्यान आकृष्ट करना होगा। 
उन्होंने छात्र-छात्राओं से सीधे संवाद करते हुए उनकी जिज्ञासा जानी। कई छात्र-छात्राओं ने इंजिनियर, डॉक्टर, राजनीतिज्ञ, वैज्ञानिक, प्रशासनिक सेवा और उत्कृष्ट शिक्षक बनने की इच्छा जाहिर की। 

कम उम्र में ब्याही बच्ची ने पढ़ाई के लिए की बगावत




बूंदी।

 13 साल की सुमन कंवर, पढ़ना चाहती है। बढ़ना चाहती है। मगर, आड़े आ गई दुनियादारी। बड़े परिवार वाले पिता की जिम्मेदारी ने कम उम्र में हाथ पीले करवा दिए। फिर भी मासूम मन नहीं माना। ससुराल से लौटी तो कदम वापस स्कूल की तरफ बढ़ चले। अपनों ने फिर विरोध किया। मारपीट तक बात आई, लेकिन इच्छाएं नहीं दबी। आखिर बाल मन ने बगावत कर दी। मदद की आस उसे प्रिंसिपल के पास ले गई। प्रशासन ने भी आगे बढ़कर जिम्मेदारी ली। अब सुमन अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखेगी। सुमन के पिता छोटू सिंह ने भी उसकी पढ़ाई पर सहमति दे दी।
घटना बूंदी जिले में हिंडौली तहसील के गांव दबलाना की है। यहां की बेटी ने इतनी बड़ी हिम्मत दिखा मिसाल पेश की है कि बेटियों को पढ़ने दें। वह वहां के मिडिल स्कूल में ८वीं की छात्रा थी। पिता छोटूसिंह गांव में ही चाय की दुकान चलाते हैं। सात भाई-बहनों में वह पांचवें नंबर की है। मई में ही इस नाबालिग की गांव में हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में शादी कर दी गई थी। पति बना 25 वर्षीय दुगारी का युवक। सर्व शिक्षा अभियान के अति. जिला परियोजना समन्वयक हमीदुल हक ने कहा कि सुमन को अभी तो हमने एडॉप्ट कर लिया है। ८वीं तक इसकी शिक्षा आवासीय व पूरी तरह निशुल्क रहेगी। 12वीं तक पढ़ाई नि:शुल्क मिलेगी।
सुमन शुरू से ही अपनी इस शादी के खिलाफ थी। ससुराल भी नहीं जाना चाहती थी, लेकिन उसे जाना पड़ा। पीहर आने के बाद वह वापस पढ़ने स्कूल जाने लगी। वह आगे आठवीं व फिर इससे भी ऊंची शिक्षा हासिल करना चाहती थी, लेकिन पिता उसकी इस इच्छा के बेहद खिलाफ थे। हालात यह थे कि वह जब स्कूल से लौटती तो वे उसकी बुरी तरह पिटाई करते थे। परेशान होकर उसने एक कड़ा फैसला लिया। 19 जुलाई की सुबह वह स्कूल तो गई, लेकिन घर नहीं लौटी। वह बस में बैठी और बूंदी आ गई। यहां वह परेशान हाल बड़ी मुश्किल से लुहार गली में रहने वाली उसकी शाला प्रधान श्रीमती कमला गौड़ का घर पूछते हुए पहुंची। वहां उसकी हालत देख सब असमंजस में पड़ गए। पूछा तब उसने स्कूल जाने पर पिता के द्वारा की जाने वाली मारपीट के बारे में बताया।
साथ ही कहा कि वह किसी भी हालत में आगे पढ़ना चाहती है। ऐसा नहीं हुआ तो वह आत्महत्या तक कर लेगी। इस पर कमलेश गौड़ व उनके रिटायर्ड एएसआई पति मोहनलाल शर्मा ने उसका साथ देने की ठान ली। वे सुमन को लेकर कलेक्ट्रेट में गए। कलेक्टर के अवकाश पर होने से एडीएम देवानंद माथुर के पास पहुंचे। वहां उस बालिका ने आपबीती सुना आगे पढ़ने की इच्छा दोहराई। इस पर एडीएम ने उन्हें सर्वशिक्षा अभियान के एडीपीसी हमीदुल हक के पास भेज दिया। हक ने तुरंत सुमन का एडमिशन कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय छात्रावास, माटूंदा गांव में करवा दिया। यहां फिलहाल कक्षा आठ तक वह पूरी तरह निशुल्क अध्ययन कर सकेगी। उसमें इसका सभी तरह का खर्च शामिल रहेगा।
आखिर मान गए पिता
जानकारी मिलने पर सुमन के पिता छोटूसिंह, ताऊ कजोड़सिंह गांव के कुछ गणमान्य लोगों को लेकर बूंदी हैडमास्टर कमला गौड़ के घर पहुंचे। यहां ताऊ कजोड़सिंह ने उसे आगे पढ़ाने की सहमति दे दी। इस दौरान बेहद भावुक नजर आ रहे थे। भारी मन से जाते हुए ताऊ व उसके पिता ने उसे कुछ रुपए भी दिए।
काम तो अच्छा है पर गांव वालों का डर
हैडमास्टर कमला गौड़ तो इस मामले पर बात करने से ही घबरा रहीं थीं। उनका कहना था कि काम तो अच्छा किया है, लेकिन ग्रामीणों को पता चला तो वे सभी विरोध में हो जाएंगे। वहीं उनके पति मोहनलाल बेखौफ होकर पत्नी हौसला बढ़ाते नजर आए।
अभी पता नहीं आगे क्या बनूंगी
सुमन ने दबी-दबी जुबान से कहा कि बस मैं तो आगे पढ़ाई पूरी करना चाहती हूं। एक सवाल के जवाब में कहा कि, पता नहीं क्या बनूंगी।
आटे-साटे रिवाज से हुई थी शादी
सुमन की शादी जिस युवक से की गई, उसकी बहन का विवाह भी उसी विवाह सम्मेलन में सुमन के बड़े भाई के साथ किया गया था।
प्रशासन पर सवाल
सुमन के नाबालिग होते हुए भी दबलाना में मई माह में हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में उसकी शादी हुई, जबकि प्रशासन पूरी सजगता का दावा करता रहा।
हमीदुल हक, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान ने कहा कि सुमन को अभी तो हमने एडॉप्ट कर लिया है। आठवीं तक इसकी शिक्षा आवासीय व पूरी तरह निशुल्क रहेगी। इसके बाद बूंदी में ही नए वर्ष से शुरू होने जा रहे राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के बालिका छात्रावास में भर्ती करा दिया जाएगा। वहां 12 वीं कक्षा तक इसी प्रकार निशुल्क शिक्षा मिलेगी।

एयरटेल ने कॉल रेट 20 फीसदी बढ़ाईं

दिल्‍ली। मोबाइल इस्‍तेमाल करने वालों के लिए यह बुरी खबर है। कंपनियों ने कॉल रेट बढ़ाने का फैसला किया है। अग्रणी दूर संचार कंपनी एयरटेल ने 6 सर्किलों में कॉल रेट 20 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है। इन 6 सर्किलों में यूपी, दिल्‍ली और आंध्र प्रदेश को शामिल किया गया है। ये कॉल दरें केवल प्रीपेड उपभक्‍ताओं पर लागू होंगी।

इन कॉल दरों के बढ़ जाने से पर सेकेंड चलने वाला टैरिफ अब 1.2 पैसे पर सेकेंड के हिसाब से काम करेगा। भारती एयरटेल ने जून महीने में ही 2.12 मिलियन उपभोक्‍ताओं को अपने साथ जोड़ा है। पूरे देश में अब यह संख्‍या 169.2 मिलियन तक पहुंच गई है। भारत इस समय मोबाइल उपभोक्‍ताओं के मामले में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारती एयरटेल दुनिया मे मोबाईल ऑपरेटरों में 5वें नंबर पर है। यह साउथ ऐशिया और अफ्रीका के 19 देशों में यह कंपनी अपनी सेवाएं दे रही है।

भारती एयरटेल ने जून में अफ्रीका की कंपनी कुवैती टेलीकॉम ऑपरेटर जैन के साथ 10.7 बिलियन डॉलर का समझौता किया था। इसके अलावा भारती एयरटेल ने 3जी के लाइसेंस के लिए 3.3 डॉलर का निवेश किया था। कपंनी देश में बड़े लेवल पर इंटरनेट सर्विस भी मुहैया करा रही है। एयरटेल के कॉल रेट बढ़ा देने के बाद ऐसा लग रहा है कि दूसरी कंपनियां भी जल्‍द ही कॉल रेट बढ़ा देंगी।

मांडगायिका रूकमा के निधन पर मुख्यमंत्री ने संवेदना व्यक्त की


मांडगायिका रूकमा के निधन पर
 मुख्यमंत्री ने संवेदना व्यक्त की

बाड़मेर, 22 जुलाई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिले की मांड गायिका रूकमा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। 
गहलोत ने अपने संवेदना संदेश में कहा है कि स्व. रूकमा ने अपनी मधुर आवाज से मांड गायिकी के जरिए देश-विदेश में अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ी। लोक संगीत के क्षेत्र में दिए गए उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा। 
मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत की आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

सेना के दो लेफ्ट‍िनेंट जिंदा जल गए

श्रीनगर. सियाचिन इलाके में एक बंकर में आग लग जाने से सेना के दो लेफ्ट‍िनेंट जिंदा जल गए। उन्‍हें बचाने गए 4 जवान भी जख्‍मी हो गए हैं।
सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि हादसा गुरुवार देर रात हुआ। फाइबर ग्‍लास का बना बंकर आग की चपेट में आ गया। उसमें रह रहे दोनों अफसरों को बचाने के लिए चार जवान गए, लेकिन कोशिश नाकाम रही है।
श्रीनगर में रक्षा विभाग के एक प्रवक्‍ता ने बताया कि घटना का ब्‍यौरा जुटाया जा रहा है।

इस स्कूल के बच्चे बोलते हैं 44 भाषाएं

स्कूल में पढ़ने वाले कुछ बच्चे तीन चार भाषाएं तो बोल सकते हैं। लेकिन कभी आपने सुना है कि एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले कई बच्चे पांच या दस नहीं पूरी 44 भाषाएं बोल लेते हैं। इंग्लैंड के शहर सरे में एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले कई बच्चे 44 विदेशी भाषाएं बोल लेते हैं। इस स्कूल ने अपने यहां कई बच्चों द्वारा सबसे ज्यादा विदेशी भाषाएं बोले जाने के रिकॉर्ड का दावा किया है। सरे के सैंट मैथ्यूज स्कूल ने दावा किया है कि उनके स्कूल में पढ़ने वाले सारे बच्चे 44 तरह की विदेशी भाषा बोल सकते हैं। इनमें अफ्रीकी, अरमैक, फिलीपीनो, गा, किकुयु, किस्सी, कन्नड़, तेलगु, योरूबा, जुलु जैसी भाषाएं शामिल हैं। ये बच्चे 10 भारतीय भाषाएं भी बोल लेते हैं। स्कूल की हैड टीचर जेनेट लाइटफुट ने कहा कि कुछ लोगों को यह मुश्किल लगता है, लेकिन हमें यह अच्छा लगता है। यह हमारे स्कूल को स्पेशल बनाता है। 

पांच दोस्तों ने बचाई 355 यात्रियों की जान

पांच दोस्तों ने बचाई 355 यात्रियों की जान
 

नई दिल्ली। कानपुर में विमान हादसे के बाद एक और विमान हादसा होते-होते टल गया। राजधानी के पांच दोस्तों की सूझबूझ और सर्तकता के चलते एक विमान के 355 यात्रियों की जान बाल-बाल बच गई। सूत्रों के मुताबिक एयर इंडिया एआई-101 फ्लाईट के उड़ान भरते ही उसके इंजन में आग लग गई, जिसकी भनक विमान के पायलट को तक नहीं लगी।

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट से रात करीब दो बजे न्यूयॉर्क के लिए उड़ान भरने के बाद जब यह विमान मालवीय नगर इलाके में पहुंचा तो हिमांशु सोनी, मनन सोनी, मौलिक गिलानी, कार्तिक भंडारी और जयदीप देसाई ने विमान के अगले हिस्से में चिनगारी निकलते देखी। छत पर पार्टी कर रहे पांचों दोस्तों ने 100 नंबर पर विमान में आग लगने की खबर दी। इस सूचना के बाद एटीएस की मदद से विमान की सुरक्षित लैंडिंग करवाई गई। विमान में 339 यात्रियों समेत 16 क्रू मेंबर सुरक्षित हैं।

ईनाम की घोषणा
दिल्ली पुलिस ने पांचो लड़कों की सूझबूझ और बहादुरी के लिए उन्हें पुरस्कृत करने का फैसला किया है।
 

पति ने कराई पत्नी की प्रेमी से शादी

पति ने कराई पत्नी की प्रेमी से शादी 
 

मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर के विंध्याचल इलाके में शुक्रवार को एक व्यक्ति ने पुलिस और पंचायत के सामने अपनी पत्नी की शादी करा दी और उसे विदा भी किया।

पुलिस ने यहां बताया कि निगना इलाके के नेगुरा गांव की शकुन्तला की शादी इलाहाबाद के मेजा इलाके में हुई थी लेकिन उसके पहले से ही प्रेम सम्बन्ध थे। वह जब मायके आई तो अपने प्रेमी के साथ भाग गई। उसके पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

दोनों को पिछले 19 जुलाई को वाराणसी से बरामद किया गया। पुलिस ने दोनों परिवारों के लोगों को बुलाकर थाने में पंचायत कराई। महिला के पति ने कहा कि यदि वह अपने प्रेमी के साथ ही रहना चाहती है तो उसे कोई एतराज नहीं है। चर्चा का विषय बनी इस शादी में बड़ी संख्या में गांव के लोग भी मौजूद थे। 

गडकरी के बेटे से जुड़ी कंपनी पर इनकम टैक्स का छापा

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के बेटे निखिल गडकरी से जुड़ी कंपनी अंकुर सीड्स में गुरुवार को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने छापा मारा और कंपनी के बही-खातों को खंगाला। अंकुर सीड्स का ऑफिस नागपुर में है।

दरअसल गुजरात की एक कंपनी में अंकुर सीड्स ने भारी निवेश किया है। इस कंपनी का रिकॉर्ड्स खंगालने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी निवेश के स्रोत का पता लगाने में जुटे हैं। अंकुर सीड्स के ऑफिस में देर रात तक सर्च ऑपरेशन चलता रहा। एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि अंकुर सीड्स के डायरेक्टरों से भी पूछताछ की जाएगी।

बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि यह रूटीन जांच भी हो सकती है, इसलिए हम अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं। गडकरी परिवार के नियंत्रण वाले पूर्ति ग्रुप के एमडी ने कहा कि आईडी रोड बिल्डर्स के बारे में जांच की जा रही है। इस कंपनी ने हाल ही में नागपुर में पावर प्रॉजेक्ट शुरू किया है। इस कंपनी में निखिल स्वतंत्र निदेशक हैं। एमडी ने कहा कि अंकुर सीड्स के बारे में मुझे कुछ भी पता नहीं है।

जहीर को अर्जुन अवार्ड, नारंग को खेल रत्न


नई दिल्ली. भारतीय निशोनबाज गगन नारंग को भारतीय खेलों का सबसे बड़े सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया है। गुरुवार को लॉर्ड्स टेस्‍ट में अचानक अनफिट हो गए भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जहीर खान को अर्जुन अवार्ड दिया जाएगा। पुरस्कारों के लिए बनी चयन समिति ने इसकी सिफारिश खेल मंत्रालय को की है और इसकी औपचारिक घोषणा अभी बाकी है। 



नारंग ने दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ खेल-2010 में 4 स्वर्ण पदक जीते थे। इसके पहले भी वे भारत को कई बार गौरवांवित कर चुके हैं। वे पहले भारतीय शूटर हैं, जिन्होंने लंदन ओलंपिक्स के लिए क्वालिफाई कर लिया है। पिछले साल खेल रत्न न मिलने पर वे नाखुश थे। लेकिन इस साल उन्हें खेल रत्न पुरस्कार की सिफारिश की गई है।  
जिम्नास्ट आशीष कुमार, लंबी दूरी की धावक प्रीजा श्रीधरन और निशानेबाज राहुल बनर्जी को भी अर्जुन अवार्ड दिए जाने की सिफारिश की गई है। 
जहीर खान भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर गेंदबाज हैं और कई अहम मौकों पर उन्होंने विकेट चटकाकर, भारतीय टीम को सफलता दिलवाई है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 271 विकेट लिए हैं, जबकि एक दिवसीय मैचों में उनके खाते में २७३ विकेट हैं। हाल ही में हुए विश्व कप में भी वे शाहिद अफरीदी के साथ सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी बने।
आशीष कुमार को अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में किसी भी भारतीय द्वारा जिम्नास्टिक का पहला पदक जीतने का श्रेय हासिल है। उन्होंने 2010 कॉमनवेल्थ खेलों में पुरुषों की वॉल्ट स्पर्धा में रजत पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने एक कांस्य पदक भी जीता था।
 प्रीजा श्रीधरन ने चीन के ग्वांगजू में हुए एशियन खेलों में महिलाओं की 10,000 मीटर की दौड़ में स्वर्ण और 5,000 मीटर की दौड़ में रजत पदक जीता था। भारत में महिलाओं की 5,000 और 10,000 मीटर दौड़ का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम पर है।
राहुल बनर्जी ने भी दिल्ली में हुए कॉमनवल्थ खेलों में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा 2008 और 2009 में हुई विश्व कप निशानेबाजी स्पर्धा  में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीते थे।  
इनके अलावा जिन खिलाड़ियों को अर्जुन अवार्ड की सिफारिश की गई है, उनमें सुनील छेत्री (फुटबॉल) , सोमदेव देवबर्मन (टेनिस), सुरंजॉय सिंह (मुक्‍केबाजी), विकास गौड़ा (डिस्कस थ्रो) और ज्वाला गुट्टा (बैडमिंटन) शामिल हैं।  इनके अलावा तेजस्विनी सावंत (निशानेबाजी), संध्या रानी (वुशु)  के नामों की भी सिफारिश की गई है।
 

चीन के शहरों में अविवाहित महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है.


चीन के शहरों में अविवाहित महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है. 













महिलाओं का वित्तीय विकास तेजी से हो रहा है.चीन में तेज आर्थिक प्रगति के बीच 
इस बीच ऐसी महिलाओं की संख्या भी बढ़ रही है जो शादी करने की बजाए अकेले जिंदगी गुजारना पंसद करती हैं.
आर्थिक तरक्की के बीच महिलाओं को स्वतंत्र होकर रहने के बढ़ते चलन के बीच यहां के पारंपरिक समाज में उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक माना जाता है.
पिछले साल की जनगणना के मुताबिक शंघाई में पांच लाख से अधिक अविवाहित महिलाएं हैं, जिनकी उम्र 20 से 50 साल के बीच है.
एक शोधकर्ता चेन याया का कहना है, चीन के समाज में अब भी अविवाहित महिलाओं को ‘एलियन’ माना जाता है.
यहां का मीडिया भी 30 पार कर चुकी अवविवाहित महिलाओं को अकेला करार देता है

.