गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011

desert fair jaisalmer photo














मरु महोत्सव का दूसरा दिन रहा रेगिस्तानी जहाज के नाम पणिहारी मटका रेस एवं देशीविदेशी सेलानियों की रस्साकस्सी रही आकर्षण का केन्द्र


















मरु महोत्सव का दूसरा दिन रहा रेगिस्तानी जहाज के नाम
पणिहारी मटका रेस एवं देशीविदेशी सेलानियों की रस्साकस्सी रही आकर्षण का केन्द्र
जैसलमेर ,17 फरवरी। मरु महोत्सव 2011 के कार्यक्रमों की कड़ी में दूसरे दिन गुरुवार को स्वर्ण नगरी जैसलमेर के पास स्थित देदानसर मैदान में रेगिस्तानी जहाज के विभिन्न कार्यक्रम बहुत ही रोचक रहे वहीं महोत्सव में पहली बार लीडर नीतिन खन्ना के निर्देशन में एयरो मॉडल फ्लाईंग प्रदर्शन दर्शकों को मोहित कर गया। समारोह के अवसर पर एयर मार्शल श्री राजवीर, महानिरीक्षक रेल्वे, श्री गोपाल गुप्ता, जिला कलक्टर श्री गिरिराज सिंह कुशवाहा, पुलिस अधीक्षक श्री अंशुमन भोमिया, स्टेशन कमान्डर एयरफोर्स स्टेशन जैसलमेर ग्रुप केप्टन श्री राजीव रंजन, नगरपालिकाध्यक्ष श्री अशोक तंवर, अतिरिक्त जिला कलक्टर बलदेव सिंह उज्जवल के साथ ही मेला व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारीगण एवं भारी संख्या में देशीविदेशी सैलानी उपस्थित थे।
पणिहारी मटका रेस ने सभी दर्शकों को किया मोहित
मरु महोत्सव के दूसरे दिन पणिहारी मटका रेस प्रतियोगिता से देशीविदेशी महिलाएँ यहां की पणिहारी पेयजल सँस्कृति से रूबरू हुई। पणिहारी मटका रेस में महिलाओं ने दस मीटर पर रखी ई़ाणी को अपने सिर पर रख कर पानी से भरी हुई मटकी को उठाया एवं आगे के लिये दौड़ लगाई। शहरी संस्कृति की महिलाओं के साथ ही विदेशी महिलाऍ भी इसमें शामिल हुई।
पणिहारी मटका रेस में 19 महिलाओं ने भाग लिया। जिसमें ठेठ ग्रामीण परिवेश की बालिका शीला विश्नोई तेज दौड़ती हुई सबसे पहले पहुँची। उसके बाद दूसरे नम्बर पर मीरा मोयल एवं तीसरे नम्बर पर मिस रीना रही। मटका रेस में दौड़ती हुई महिलाऍं जहां पानी से भीग गई वहीं कई महिलाऍ मटका नहीं उठा सकीं। इस पणिहारी रेस को देख कर दर्शकगण अपनी हँसी नहीं रोक सके।
विदेशी मेहमानों ने रस्साकसी में मारी बाजी
देदानसर मैदान में आयोजित भारतीय एवं विदेशी पुरुषों तथा महिलाओं की रस्साकसी भी बहुत ही रोचक एवं आकर्षण का केन्द्र रही। इस बार दोनों वर्ग की प्रतियोगिताओं विदेशी मेहमानों ने बाजी मारी।
पुरुष व महिला रस्साकस्सी प्रतियोगिता में विदेशी पुरुषों एवं महिलाओं ने अपने दमखम का जोर लगा कर लगातार दोनों राऊण्ड में भारतीय मेजबानों को अपनी और खींच कर विजयश्री हासिल की। विदेशी महिलाऍं इस जीत की खुशी से झूम उठी।
ऊँटों के श्रृंगार से रूबरू हुए दर्शक
मरु महोत्सव में गुरुवार को ऊँट श्रृंगार प्रतियोगिता भी बहुत ही आकर्षण का केन्द्र रही एवं दर्शक ऊँट के श्रृंगार से रूबरू हुए। इस प्रतियोगिता में 5 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। ऊँंटों को मोरी, गोरबन्ध, कन्ठमाल, लूम, परची, पिलाण, तंग, मोड़, पायल, घूघरा, पूँछ बंधनी इत्यादि श्रृंगारों से ऊँटों को सजाया और उन पर सजेधजे सवार थे।
ऊँंट श्रृंगार प्रतियोगिता के निर्णायक एयर मार्शल राजवीर, रेल्वे आई.जी गोपाल कृष्ण गुप्ता तथा डॉ. शालिनी गुप्ता ने श्रृंगारित ऊँंट को बारीकी से जाँच परख कर होटल पैराडाईज के श्री मीरेखां पतंग द्वितीय ऊँट को प्रथम स्थान पर रखा। इसमें द्वितीय स्थान पर के.के ट्रेवल्स के श्री गिरधरराम का तथा पैराडाईज का ही फतनखां का जॉनी ऊँट तृतीय स्थान पर रहा।
ऊंट की मंथर चाल से दर्शक हुए अभिभूत
शानए-मरूधरा प्रतियोगिता भी रेगिस्तानी जहाज के नाम रही। इसमें 6 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसमें प्रति प्रतियोगी को मात्र कच्छीबनियान धारण किए हुए उन्हें निर्धारित 100 मीटर की दूरी तय करनी थी। ऊँट सवार ने निर्धारित दूरी पर रखे जूते पहने अपना टेवटा बांधा तथा कुर्ता पहना एवं उसके बाद साफा बांध कर ऊंट पर गद्दी एवं पिलाणा जमा कर उसे तंग से बांध कर मंथर चाल से पहुँचा। यह नजारा इतना मनोहारी और हास्यप्रधान रहा था कि दर्शक हंसहंस का लोटपोट हो गए। इसमें मानाराम का ऊंट सबसे पहले पहुॅचा एवं प्रथम स्थान पर रहा। इसमें चैनाराम द्वितीय एवं बिसनाराम तृतीय स्थान पर रहे।
कैमल पोलो मैच में ऊंटों ने निभाया पूरा साथ, सीमा सुरक्षा बल ने 20 से जीता मैच
कैमल पोलो संघ इण्डिया एवं सीमा सुरक्षा बल की टीमों के मध्य खेले गए कैमल पोलो मैच में अनबोल पशु ऊँट ने पोलो खिलाड़ियों को पूरा साथ दिया। इस पोलो मैच में सीमा सुरक्षा बल की टीम ने 2 गोल दाग कर विजयश्री हासिल की एवं कैमल पोलो एसोसियेशन की टीम को पराजित किया। ऊँट पर सवार पोलो खिलाड़ियों ने बड़ी स्टीक के सहारे अच्छा प्रदर्शन किया।
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प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया पुरस्कृत
विजेताउप विजेता टीमों को शील्ड प्रदान की
जैसलमेर,17 फरवरी। मरु महोत्सव के दूसरे दिवस गुरुवार को देदानसर मैदान में आयोजित हुई विविध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
ऊँट श्रृंगार प्रतियोगिता के प्रथम विजेता श्री मीराखां ( पैराडाईज ), द्वितीय विजेता श्री गिरधर राम ( के.के.टेवल्स ) तथा तृतीय विजेता फतनखां ( पैराडाईज ) को जिला कलक्टर श्री गिरिराज सिंह कुशवाहा ने पुरस्कार एवं स्मृति चिन्ह भेंट किए। इसी प्रकार शानए-मरूधरा प्रतियोगिता में प्रथम विजेता रहे मानाराम, द्वितीय विजेता चैनाराम एवं तृतीय विजेता विशनाराम को पुलिस अधीक्षक श्री अंशुमन भोमिया ने पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया।
रस्साकस्सी प्रतियोगिता के महिला टीम विजेता को श्रीमती कुशवाहा ने तथा पुरुष विजेता टीम को गु्रप कैप्टन राजीव रंजन ने स्मृति चिन्ह प्रदान किए। पणिहारी मटका रेस में प्रथम विजेता शीला विश्नोई, द्वितीय विजेता मीरा मोयल एवं तृतीय विजेता मिस रीना को जिला कलक्टर श्री कुशवाहा ने तथा कैमल पोलो मैंच की विजेता टीम सीमा सुरक्षा बल के कप्तान को जिला कलक्टर ने शील्ड प्रदान की एवं उप विजेता टीम कैमल पोलो एसोसिएशन के कप्तान को नगरपालिकाध्यक्ष श्री अशोक तंवर ने शील्ड प्रदान की।

देखते देखते हुजुम उमड़ा बाणे में राजस्थानी भाषा रो हैलो



देखते देखते हुजुम उमड़ा
बाणे में राजस्थानी भाषा रो हैलो
बाड़मेर। राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए बाड़मेर जिला मुख्यालय पर राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा गुरूवार प्रातः प्रारम्भ किए प्रथम चरण हस्ताक्षर अभियान में बाड़मेर की जनता का राजस्थानी भाषा के प्रति अपार उत्साह सामने आया। देखते देखते इस अभियान को समर्थन के लिए हुजुम उमड़ पड़ा। पार्षद अशोक दर्जी, अरविन्द जागिड़, रमेश मंगलिया, सुरतानसिह, शिक्षक नेता शेरसिह भूरटिया, बालसिह राठौड़, महेन्द्र कुमार चौधरी, नूतनपुरी गोस्वामी, जिला परिषद कोसर बानो, समाजसेवी भाखरसिंह भूरटिया, अभिभाषक सम्पत बोथरा, अलसाराम कुमावत, कैलाशसिंह कोटड़िया, भगवानसिह रोहिली, शेलेन्द्र अरोड़ा, पूर्व पार्षदमोहनसिंह सोा, डॉ. रामेश्वरी चौधरी, दलित नेता लक्ष्मण वडेरा, सुखदेव वैष्णव, उगमसिंह द्रराबा सहित 900 से अधिक लोगो से हस्ताक्षर कर अभियान का आगाज किया। बाणे जिले में राजस्थानी भाषा रो हैलो के प्रथम चारण में दस हजार से अधिक हस्ताक्षर कराए जाने का लक्ष्य समिति द्वारा रखा गया है। बाड़मेर निवासियों ने हस्ताक्षर बैनर पर दिलचस्प नारे भी लिखे जैसे म्हारी रोटी बेटी राजस्थानी म्हारी बोटीबोटी राजस्थानी, मत फैके राजनीति पासा, म्यारी सगली मात्र राजस्थानी भाषा, बिना चैरे किकर करू धड़ री पैचाण राजस्थानी राखिया, रहसी राजस्थानी, सगली भाषा ने मानता राजस्थानी ने टालौ क्यू, म्हारे जुबान पर तालौ क्यू जैसे नारे लिख बाड़मेरवासियों ने अपने दिलों में बसी राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर किए जा रहे सघर्ष में अपना समर्थन दिया।
हस्ताक्षर अभियान के प्रति उत्साह देखते बनता था दुल्हा कपिल वडेरा व ट्राई साईकिल पर आये विकलांग युवा देवाराम सासिया सहित मौलाना कमरूदीन एवं अन्य अल्पसंख्यक नागरिको ने भी अपने हस्ताक्षर कर अभियान को समर्थन दिया।

मरु महोत्सव का भव्य आगाज राजस्थान के रंगों से सराबोर जैसलमेर



मरु महोत्सव का भव्य आगाज राजस्थान के रंगों से सराबोर जैसलमेर की धरा
जैसलमेर

राजस्थान के रंगों से सराबोर जैसलमेर की धरा पर बुधवार को मरु महोत्सव का भव्य आगाज हुआ। सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर गड़सीसर सरोवर से विशाल आकर्षक शोभा यात्रा निकली जिसमें राज्य भर की संस्कृति की झलक दिखाई दे रही थी। इन्हीं झलकियों के बीच भारतीय सीमा के जांबाज सिपाही सजे धजे ऊंटों पर सवार होकर राष्ट्र की सामरिक शक्ति का संदेश दिया। ऊंटों पर सवार बीएसएफ की माउंटेन बैंड की धुन सभी को आकर्षित कर रही थी। लोक कलाकारों के साथ ही राज्य भर से आए अनेक कलाकारों ने समां बांधा। मि. डेजर्ट प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को देखने के लिए रास्ते भर में भीड़ उमड़ी रही। शोभायात्रा के साथ चल रहे ये प्रतिभागी जैसलमेर की शान को प्रदर्शित कर रहे थे। शोभायात्रा में मंगल कलश लिए बालिकाएं, गैर नृत्य, कच्ची घोड़ी नृत्य व मूमल महेन्द्रा की झांकियां भी आकर्षण का केन्द्र बनी रही। यह शोभायात्रा गड़सीसर से रवाना होकर, आसनी रोड, गोपा चौक, सदर बाजार, गांधी चौक व हनुमान चौराहा होती हुई पूनम स्टेडियम पहुंची।
 

इससे पूर्व बुधवार की सुबह जैसलमेर के आराध्य देव लक्ष्मीनाथजी की विधिवत पूजा अर्चना व मंगला भजनों के साथ मरु महोत्सव के सफल आयोजन की कामना की गई। नादस्वरम संस्था के कलाकारों ने शानदार भजनों की प्रस्तुतियां दी। महोत्सव में आयोजित प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका में अधिकारी वर्ग हावी रहा। किसी भी स्थानीय प्रबुद्धजन को निर्णायक नहीं बनाया गया। हर प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका अधिकारियों व उनकी पत्नियों ने निभाई। कार्यक्रम के दौरान लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना रहा।
 

ढोल पर थाप लगाकर मरु महोत्सव 2011 का आगाज
 

मरु महोत्सव के कार्यक्रमों का आगाज पूनम स्टेडियम मैदान में आस्ट्रेलिया से आए विदेशी मेहमान इयान डिकंसन व क्रिस ने ढोल पर थाप लगाकर किया। इस अवसर पर कलेक्टर गिरिराजसिंह कुशवाहा, पुलिस अधीक्षक अंशुमन भोमिया, उप निदेशक पर्यटन नंदलाल अलावदा, नगरपालिका अध्यक्ष अशोक तंवर व सहायक निदेशक पर्यटन विकास पंड्या भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत राजकीय बालिका उमावि की 101 बालिकाओं ने विभिन्न लोक गीतों के मुखड़ों पर आधारित घूमर नृत्य किया।

सेंटपॉल की झांकी रही प्रथम

आयोजन के तहत प्रतियोगिताओं की शुरुआत राजस्थान की प्रेम कहानी मूमल महेन्द्रा झांकी से हुई। इस प्रतियोगिता में छह झांकियों ने हिस्सा लिया। ऊंट गाड़ों पर सवार इन झांकियों को मंच के आगे से निकाला गया। इसमें सेंटपॉल स्कूल की ओम शिखा तंवर व सक्षम मल्होत्रा की झांकी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार राजस्थान बाल भारती की प्रीति भाटिया व आयुष भाटिया द्वितीय व लाल बहादुर शास्त्री विद्यालय की गुडिय़ा माली व खेताराम चौधरी की झांकी तृतीय रही।
 

जैसलमेर. माउंटन बैंड ने बढ़ाई शोभा यात्रा की शोभा।

जैसलमेर. मूमल महेन्द्रा प्रतियोगिता में विजयी रही ओमशिखा तंवर व सक्षम मल्होत्रा की झांकी।

जैसलमेर. मिस्टर डेजर्ट प्रतियोगिता में विजयी हुए श्यामदेव कल्ला।

जैसलमेर. मरुमहोत्सव के अवसर पर ढोल की थाप के साथ ही मरु मेले का आगाज करते विदेशी पर्यटक।

जैसलमेर. मिस मूमल प्रतियोगिता में विजयी हुई दिव्या जंगा।


विदेशी सैलानियों ने बांधे साफे

विदेशी सैलानियों की साफा बांधो प्रतियोगिता में राजस्थान संस्कृति में रंगने के लिए 10 प्रतिभागियों ने उत्साह से भाग लिया। इन सैलानियों को पर्यटन विभाग के कुंभाराम चौधरी ने साफा बांधने का प्रदर्शन करके दिखाया। इसके बाद विशल बजने के साथ ही विदेशी प्रतिभागी राजस्थानी साफे में इस कदर उलझे कि सभी दर्शकों हंसी छूट गई। यह प्रतियोगिता काफी मनोरंजक रही। प्रतियोगिता में स्पेन की अजरा सांचेज ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं विक्टर लेंडर द्वितीय व कार्न तृतीय स्थान पर रहे। स्थानीय लोगों की साफा बांधों प्रतियोगिता में संतोष कुमार माहेश्वरी प्रथम रहे। बृजवल्लभ द्वितीय व एस कुमार हठीला तृतीय स्थान पर रहे।
 

फोटोग्राफी करने की होड़
 

देसी विदेशी सैलानियों में कार्यक्रमों की फोटोग्राफी करने ही होड़ सी मची रही। विदेशी सैलानी तो हर एक दृश्य को लेने के लिए उत्सुक नजर आ रहे थे। शोभायात्रा के रास्ते भर में बड़ी संख्या में सैलानी सड़क के दोनों किनारों पर खड़े होकर फोटोग्राफी करते नजर आए। वहीं पूनम स्टेडियम में सैलानी हर एक लम्हे की फोटोग्राफी करने की कोशिश में लगे रहे। मरु महोत्सव के पहले दिन सैलानियों के साथ स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

फिल्मों में काम करने की चाहत - मि. डेजर्ट
 

मि. डेजर्ट 2011 श्यामदेव कल्ला बीकानेर के रहने वाले हैं। 33 वर्षीय कल्ला ने पहली बार मरु श्री प्रतियोगिता में भाग लिया। खिताब हासिल करने के बाद कल्ला ने बताया कि उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हमारी आन बान शान राजस्थानी वेशभूषा को आज भी जीवित रखने में इस प्रतियोगिता की महत्ती भूमिका है। मैं सभी को यही संदेश देना चाहता हंू कि राजस्थानी संस्कृति को कभी न भूलें। कल्ला ने कहा कि बचपन से ही मुझे कलाकार बनने की इच्छा थी और अब मि. डेजर्ट बनने के बाद मैं राजस्थानी फिल्मों में काम करने की चाहत रखता हंू।
 

सादगी में ही सुंदरता - मिस मूमल
 

जैसलमेर की रहने वाली दिव्या जंगा ने मिस मूमल का खिताब हासिल किया। बीकॉम प्रथम वर्ष की स्टूडेंट व कंपनी सैक्रेट्री की तैयारी कर रही दिव्या ने बताया कि मॉडलिंग व फिल्मों में जाने का नहीं सोचा है। वर्तमान में केवल मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे रही हंू। उसने अपनी जीत का श्रेय परिजनों के आशीर्वाद को दिया। दिव्या ने कहा कि सादगी से ही खूबसूरती निखरती है और राजस्थान की सुंदरता की झलक यहां की वेशभूषा में देखी जा सकती है।

रामसिंह व गिरधर ने जीती मूंछ प्रतियोगिता

मूंछ प्रतियोगिता में 11 प्रतिभागियों ने भाग लिया। निर्णायक मंडल में ग्रुप केप्टन राजीव रंजन, डीआईजी बीएसएफ बी.आर. मेघवाल व विंग कमांडर अनिल एंगले शामिल थे। इसमें रामसिंह राजपुरोहित व गिरधर व्यास को प्रथम घोषित किया। इसी प्रकार प्रतियोगिता में मनोज कुमार व्यास द्वितीय तथा सुभाष पुरोहित व थिरपालदास खत्री ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
 

हैरतअंगेज करतब दिखाए
 

मरु महोत्सव के पहले दिन सबसे आकर्षक वायुसैनिकों के हैरतअंगेज करतब रहे। भारतीय वायुसेना के जांबाजों ने छह हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर हर किसी को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया। हवाई जहाज से विंग कमांडर बसंतराज के नेतृत्व में सात जवानों ने छलांग लगाई और पैराशूट से पूनम स्टेडियम में निर्धारित स्थान पर उतरे। वायुसैनिकों के एयर ड्रिल कार्यक्रम में हाथों में बंदूकें लिए करतब को भी सराहा गया।
 

बुधवार, 16 फ़रवरी 2011

’’आपणो राजस्थान आपणी राजस्थानी ’


राजस्थानी को मान्यता के लिए संघर्ष जारी
राजस्थान भाषा को मान्यता को लेकर मुहिम तेज, विचार गोष्ठी कागद
बाड़मेर। राजस्थानी भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार, राजस्थान साहित्य अकादमी से सम्मानित ओम पुरोहित ने कहा कि राजस्थान की क्षेत्रीय भाषाओं रूपी मोतियो की राजस्थानी रूपी माला में पिरोकर इस मायड भाषा को संविधान की आठवी सूची में शामिल करने तथा मान्यता मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होने कहा कि हर राजस्थानी अपनी मां के आंचल से राजस्थानी भाषा ही सीखता हैं। वरिष्ठ साहित्यकार ओम पुरोहित ग्रुप फोर पिपुल्स एवं कृष्णा संस्था बाड़मेर के तत्वाधान में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय महावीर नगर में मंगलवार को आयोजित राजस्थानी भाषा को मान्यता को लेकर आपणो राजस्थान आपणी राजस्थान विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि राजस्थान में प्राथमिक शिक्षा स्तर से ही विद्यालय में राजस्थानी भाषा अनिवार्य करनी चाहिए। उन्होने कहा कि देश के अन्य प्रांतो में क्षेत्रीय भाषा की अनिवार्यता सरकारी नौकरियों में की गई हैं। जब तक राजस्थान में भी सरकार सरकारी नौकरियों मे राजस्थानी भाषा की अनिवार्यता लागू नही करेगी तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। उन्होने कहा कि हिन्दी भाषा की उत्पति राजस्थानी से हुई हैं। इस बात का खुलासा विख्यात कवि नामवर ने भी किया। उन्होने बाड़मेर की जनता से आव्हान किया कि राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए जन जागरण का शंखनाद करे। वरिष्ठ साहित्यकार मोहन प्रकाश शर्मा ने कहा कि मायड भाषा कहलाने वाली राजस्थानी अपनो के बीच अनजानी हो गई हैं। अपनी मायड भाषा जन जन की भाषा होने के बावजुद आठवी सूची में शामिल ना करना दुर्भाग्यपूर्ण हैं। साहित्यकार एवं ए.डी.पी.सी प्रेम प्रकाश व्यास ने कहा कि प्रदेश भर के साहित्य कार, पत्रकार, लेखक एक स्वर मे मायड भाषा को मान्यता दिलाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। इस अवसर पर पार्षद सुरतानसिंह देवडा ने कहा कि राजस्थानी भाषा का मान्यता दिलाने के लिए बाड़मेर की जनता पूरा सहयोग करेगी। विचार गोष्ठी को चंदन सिंह भाटी, हरपालसिंह राव, राजेश जोशी, ताराचंद शर्मा, डॉ. रामेश्वरी चौधरी, भागीरथ विश्नोई, विजय माथुर आदि ने भी संबोधित किया।

हस्ताक्षर अभियान गुरूवार को...राजस्थानी भाषा को आठवी सूची में शामिल कर मान्यता दिलाने के लिए कृष्णा संस्था तथा ग्रुप फोर पीपुल्स गुरूवार को वरिष्ठ साहित्यकार ओम पुरोहित कागद के नेतृत्व में हस्ताक्षर अभियान आरम्भ करेगी। संस्था अध्यक्ष रिडमल सिंह दांता ने बताया कि मायड भाषा के प्रति आमजन को जागरूक करने तथा राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के उद्देश्य से कलेक्टट परिसर के बाहर ’’आपणो राजस्थान आपणी राजस्थानी ’’ को मान्यता दो विषय बैनर पर हस्ताक्षर अभियान आरम्भ किया जाएगा। उन्होने बताया कि जिले भर के निवासी इस वैनर पर हस्ताक्षर कर राजस्थानी भाषा कों मान्यता संबंधित संघर्ष को मजबूत करे। वरिष्ठ साहित्य पर ओम पुरोहित कागद ने जिले के निवासियों से आह्वान किया हैं कि मायड भाषा के प्रति अपना फर्ज अदा करे और हस्ताक्षर अभियान को पूर्ण समर्थन दे। हस्ताक्षर अभियान प्रातः दस बजे से शाम छः बजे तक चलेगा।