सीकर.दर्दभरी दास्तां: युवक का अपहरण, तीन दिन रखा भूखा..., चंगुल से ऐसे हुआ आजाद
मां ने पांच दिन से ना तो कुछ खाया था और ना ही उसका किसी काम में मन लग रहा था। एक ही चिंता थी कि उसका 'लालÓ घर लौट कर आ जाए। शुक्रवार का दिन उसके लिए खुशियांं लेकर आया। दो युवक उसके लापता बेटे को लेकर घर पहुंचे तो मां के चेहरे पर मुस्कान छा गई। हम बात कर रहे हैं सांवली रोड स्थित किसान कॉलोनी की मंजू देवी की। मंजू देवी का 13 वर्षीय बेटा वीरेन्द्र ख्यालिया 16 नवम्बर को लापता हो गया था। उसने बताया कि दुकान में बिस्कुट लेने गया, तब उसको रास्ते में एक हजार रुपए का नोट दिखा।
उसने रुपए उठाए, इसी दौरान एक गाड़ी गई। गाड़ी में सवार होकर आए कुछ लोग उसे ले गए। इसके बाद वह बेहोश हो गया। कहीं पहाडिय़ों में जब उसके चेहरे पर पानी डाला गया, तब उसे होश आया। आरोपित उसको गाड़ी में ही रखे हुए थे। तीन दिन तक खाना नहीं दिया, दो दिन से उसे समोसा खाने को दिया। शुक्रवार को गाड़ी का शीशा खुला होने पर वह भाग निकला।
ट्रेन से पहुंचा सीकर
वीरेन्द्र ने बताया कि जब वह भागा, तो जयपुर एयरपोर्ट के पास था। इसके बाद वह चिडिय़ाघर के पास आ गया। वहां से बोर्ड देखते हुए वह रेलवे स्टेशन पहुंचा। इसके बाद वह ट्रेन से सीकर आ गया। यहां से पैदल जिला खेल स्टेडियम पहुंच गया। वहां पर लोगों को देख उसका भय खत्म हो गया। इसके बाद वह सो गया। एक युवक उसका जान पहचान का आया। उसने वीरेन्द्र को घर पर पहुंचाया।