गुरुवार, 22 अक्तूबर 2015

बालोतरा।महंगाई की मार से मोजड़ी की चमक पड़ी फीकी

बालोतरा।महंगाई की मार से मोजड़ी की चमक पड़ी फीकी

ओम प्रकाश सोनी 
बालोतरा। बालोतरा क्षेत्र की प्रसिद्ध हस्त कला ओर लघू उद्योग मोजड़ी
निर्माण का कारोबार दिनो दिनो चमक खोता जा रहा हैं। किसी जमाने में समुचे
प्रदेश में बालोतरा में बनने वाली जुती जिसे स्थानिय भाषा में मोजड़ी कहा
जाता है, इस मोजड़ी की बहुत मांग रहती थी। इस मोजड़ी हस्तकला को भी
मंहगाई ने लुप्त होने के कगार पर पहुचा दिया है। साथ ही बाजारो में
प्रतिदिन नये आने वाले आधुनिक फुटवियर की अंधी दोड़ ने भी मोजड़ी के
अस्तित्व पर संकट के बादल खड़े कर दिये है। चमड़े से बनने वाली मोजड़ी
दिनो दिनो चमडे के महंगे होने से आम लोगो की पहुच से बाहर हो रही है।
मोजड़ी बनाने के मेहनती काम में मजदुरी नही मिलने से मोजड़ी बनाने का काम
करने वाले कारीगर भी इस काम को छोड़कर घर चलाने के लिये दूसरे कामो में
लग गये है। इस हस्त कला को भी सरकारी संरक्षण की दरकार है, अन्यथा आने
वाले समय में मोजड़ी व्यवसाय लुत्प हो जायेगा।

-तिलक बस स्टेण्ड पर यात्री सुविधा के लिए टिकट खिड़की लगाने की मांग

रोडवेज की अव्यवस्थाओं के चलते यात्री परेशान
-तिलक बस स्टेण्ड पर यात्री सुविधा के लिए टिकट खिड़की लगाने की मांग


बाड़मेर, 22 अक्टूबर। बाड़मेर शहर मंे आम जनता के लिए सुविधाजनक स्थान तिलक बस स्टेण्ड से यात्री सुविधा के लिए टिकट खिड़की हटा देने से यात्रियांे को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नया बस स्टेण्ड मुख्य शहर से एक कोने पर स्थित होने के कारण यात्रियांे को रोडवेज बसांे मंे यात्रा के लिए अतिरिक्त किराया देकर पहुंचना पड़ रहा है। सांय एवं रात्रिकालीन समय मंे विशेषकर महिला यात्रियांे को शहर के अंदर आने मंे खासी दिक्कत होती है। रोडवेज की अव्यवस्थाआंे के चलते यात्रियांे को मजबूरन अवैध वाहनांे मंे यात्रा करनी पड़ रही है।
बाड़मेर रोडवेज प्रबंधन की ओर से मौजूदा समय मंे अधिकतर मार्गाें पर नियमित रूप से चल रही बसांे को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा जो बसें संचालित हो रही है उनको भी कई बार समय पर नहीं भेजकर रोक दिया जाता है। इसकी वजह से यात्रियांे को मजबूरन अवैध वाहनांे मंे यात्रा करनी पड़ती है। अवैध वाहन भी रोडवेज की इस अव्यवस्था का फायदा उठाकर यात्रियांे से दोहरा किराया वसूल रहे है। प्रातःकालीन एवं सांयकालीन अंतिम समय मंे आम जनता को सुविधा के लिए रोडवेज बसांे की जरूरत है। लेकिन यात्री सुविधा को नजरदांज करते हुए प्रातःकालीन एवं सायंकालीन बसांे को बंद कर दिया गया है। बाड़मेर रोडवेज डिपो के सभी मार्गाें पर पहले हर आधे घंटे मंे बस उपलब्ध होती थी। मौजूदा समय मंे कई घंटांे तक रोडवेज बस उपलब्ध नहीं होती है। स्थानीय रोडवेज प्रशासन की अव्यवस्थाआंे के चलते बाड़मेर रोडवेज डिपो का राजस्व न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। इस संबंध मंे यात्रियांे ने मुख्यमंत्री वसुंधराराजे, परिवहन मंत्री यूनूस खान, राजस्व राज्य मंत्री अमराराम चैधरी, परिवहन राज्य मंत्री बाबूलाल वर्मा, सांसद कर्नल सोनाराम चैधरी, विधायक मेवाराम जैन, तरूणराय कागा, मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव जन अभियोग निराकरण विभाग, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम, जिला कलक्टर को पत्र भेजकर बाड़मेर शहर मंे यात्री सुविधा एवं निगम हित मंे सभी मार्ग के यात्री सुविधा के लिए सुविधाजनक स्थान तिलक बस स्टेण्ड पर टिकट खिड़की की व्यवस्था करने की मांग की है। ताकि आम जनता को बेहतर यातायात सुविधा के साथ राहत मिल सके।
गांव के किराये से महंगा बस स्टेण्ड पहुंचने का किरायाः बाड़मेर शहर से आसपास के कई गांवांे मंे पहुंचने के लिए निर्धारित रोडवेज बसांे के किराये से ज्यादा किराया आमजन को वृद्विचंद केन्द्रीय बस स्टेण्ड तक पहुंचने के लिए चुकाना पड़ रहा है। चैहटन,धोरीमन्ना, गडरारोड़ मार्ग पर संचालित होने वाली रोड़वेज बसांे के रूट चार्ज मंे करीब 25 किमी तक आने वाले गांवांे का किराया 10 से 20 रूपए तक निर्धारित है। लेकिन बाड़मेर शहर से केन्द्रीय बस स्टेण्ड तक जाने के लिए टैक्सी का किराया न्यूनतम 30 से 40 रूपए देना पड़ता है। ऐसे मंे आमतौर पर अवैध वाहनांे के जरिए यात्री केन्द्रीय बस स्टेण्ड जाने के बजाय सीधा अपने गांव जाना पसंद करते है। ऐसे मंे तिलक बस स्टेण्ड पर टिकट खिड़की की व्यवस्था हो जाए तो आमजन को खासी राहत मिल सकती है।
रात्रि के समय यात्री होते है परेशानः बाड़मेर शहर आने वाली यात्रियांे को सिणधरी चैराहे के पास स्थित केन्द्रीय बस स्टेण्ड पर छोड़ा जाता है। ऐसे मंे उनको शहर मंे आने के लिए मजबूरन मनमाना किराया अदा करना पड़ता है। विशेषकर रात्रि के समय महिला एवं वृद्व यात्रियांे को इसकी वजह से खासी दिक्कत होती है।

बाड़मेर, आरएएस प्रारंभिक परीक्षा के दौरान पुख्ता इंतजाम के निर्देश



बाड़मेर, आरएएस प्रारंभिक परीक्षा के दौरान पुख्ता इंतजाम के निर्देश


बाड़मेर, 22 अक्टूबर। बाड़मेर जिले मंे 31 अक्टूबर को आयोजित होने वाली आरएएस प्रारंभिक परीक्षा के दौरान माकूल व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए है। राजस्थान लोक सेवा आयोग के निर्देशानुसार परीक्षा आयोजन की तैयारियांे की जा रही है।

जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि आरएएस प्रारंभिक परीक्षा के दौरान राजस्थान लोक सेवा आयोग के निर्देशानुसार अभ्यर्थियों को परीक्षा समय से एक घंटा पूर्व परीक्षा केन्द्र पर उपस्थित होना होगा। इस दौरान अभ्यर्थियांे को अपने साथ किसी प्रकार की स्टेशनरी यथा कागज, ज्योमेट्री बाक्स, प्लास्टिक पाउच, केलक्यूलेटर, स्केल, राइटिंग पेड, पेन ड्राइव, रबर, लोग टेबल, इलेक्ट्रिक पेन, स्केनर नहीं लाने के निर्देश दिए गए है। इसी तरह अभ्यर्थी अपने साथ कम्यूनिकेशन डिवाइस, संचार संबधित उपकरण यथा मोबाइल फोन, ब्लू टूथ, ईयर फोन, माइक्रोफोन, पेजर, हैंड बैग भी नहीं ला सकेंगे। इस तरह के उपकरणांे का इस्तेमाल करते पाए जाने पर परीक्षा से बाहर करने के साथ नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्हांेने बताया कि लोक सेवा आयोग के निर्देशानुसार अभ्यर्थियों को परीक्षा के दौरान सादे कपड़े पहनकर आना होगा। इस दौरान सूट,टाई नहीं पहनकर आने के निर्देश दिए गए है। इसके अलावा आधी आस्तीन की शर्ट जिनमंे कोई बडे़ बटन नहीं लगे हो पहनकर आ सकते है। ऐसा शर्ट मंे जिसमंे किसी तरह का बेज लगा हो अथवा जिसमंे कैमरा छूपाए जाने की संभावना हो, नहीं पहनकर आने के निर्देश दिए गए है। इसी तरह परीक्षा के दौरान जूते मौजे नहीं पहनकर आने के निर्देश दिए गए है। इस दौरान साधारण फुटवियर पहन कर आने के निर्देश दिए गए है। परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियांे को फोटो युक्त परिचय पत्र लाना होगा। उल्लेखनीय है आरएएस प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन 31 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक किया जा रहा है।

रिसर्जेंट राजस्थान मोबाइल एप्लीकेशन की शुरूआत



रिसर्जेंट राजस्थान मोबाइल एप्लीकेशन की शुरूआत
बाड़मेर, 22 अक्टूबर। रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट के डेलीगेटस को डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान करने के उद्देश्य से राजस्थान सरकार ने रिसर्जेंट राजस्थान मोबाइल एप्लीकेशन की शुरूआत की है। यह एप राजस्थान की मुख्यमंत्री, श्रीमती वसुंधरा राजे की उपस्थिति में केंद्रीय मंत्री, श्री नितिन गडकरी ने लांच की थी। इसके लांच होने से रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट के डेलीगेटस को मोबाइल के जरिए पंजीकृत करने के सरकार के प्रयासों को प्रोत्साहन मिलेगा।

निवेशकांे के लिए राजस्थान से संबंधित वे सभी उपयोगी जानकारी इस एप में दी गई है। यह राजस्थान में उपलब्ध रियायतें, निवेश के क्षेत्र, नीतियों सहित राज्य की पूर्ण जानकारी प्रदान करती है। साथ ही निवेशकों को राजस्थान से संबंधित नवीनतम खबरों से अपडेट भी रखती है। इस एप का उपयोग करते हुए राज्य सरकार को निवेश से संबंधित प्रश्न भी भेजे जा सकते हैं। उपयोगकर्ताओं को रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट के कार्यक्रमों का समय, आयोजन स्थल का विवरण एवं अन्य जानकारियां इस एप पर प्राप्त हो सकेंगी। रिसर्जेंट राजस्थान एप्लिकेशन में मैप की सुविधा भी है, जो इसके उपयोगकर्ताओं को कार्यक्रम स्थल का लोकेशन जानने में सहायक होगा। इस एप में पार्टनरशिप समिट के डेलीगेटस को परस्पर कनेक्ट करने के लिए नेटवर्किंग फीचर भी जोड़ा जाएगा।

यह एप एंड्रायड और विंडोज प्लेटफार्म से निःशुल्क उपलब्ध है और एप्पल एप स्टोर पर भी यह जल्द ही उपलब्ध होगा। उल्लेखनीय है कि रिसर्जेंट राजस्थान 2015 की ऑफिसियल वेबसाइट इस वर्ष के आरम्भ में लॉंच की जा चुकी है और इस पर अब तक साढ़े चार लाख से अधिक व्यक्ति विजिट कर चुके हैं।

क्या है रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिटः रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट 19-20 नवम्बर, 2015 को जयपुर में आयोजित किया जा रहा है। इसमें राजस्थान में निवेश के माहौल और अवसरों पर वार्ता करने के लिए दुनिया भर के प्रमुख निवेशक और नीति निर्माता, राजनीतिक नेतृत्व, अधिकारी, स्थानीय व्यापार जगत के लीडर्स एक मंच पर आयेंगे। यह समिट सीआईआई के सहयोग से आयोजित हो रहा है। समिट के दौरान थिमेटिक सेमिनार, कन्वेंशन, पैनल डिस्कशन, डिस्कशन फोरम, बी 2 बी व बी 2 जी मीटिंग्स, एग्जीबिशन पैवेलियन एवं अन्य नेटवर्किंग कार्यक्रम होंगे। इस समिट के परिणामस्वरूप राज्य में वैश्विक निवेशकों का रुझान और निवेश के प्रति प्रतिबद्वता बढ़ेगी।

बाड़मेर।अब शिक्षक करेंगे भामाशाह योजना के अपडेशन का काम

बाड़मेर।अब शिक्षक करेंगे भामाशाह योजना के अपडेशन का काम

जिन शिक्षकों की ड्यूटी जनगणना रजिस्टरो के अपडेशन का कार्य करने में लगाई गई हैं उन्हें अब इस कार्य के साथ साथ भामाशाह योजना से सबंधित सूचनाएं भी अपडेट करनी होगी। इसके लिए राज्य सरकार के आयोजना विभाग ने सभी जिला कलक्टरों को परिपत्र भिजवाते हुए प्रगणकों से, भामाशाह योजना के माध्यम से सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओ के लाभ वितरण करने संबंधी सूचनाओ के अपडेशन का कार्य भी कराने के निर्देश जारी किए है ।
जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि मुख्य सचिव सीएस राजन ने एक परिपत्र जारी कर निर्देेश दिए है कि जनगणना रजिस्टर के अपडेशन का कार्य करने वाले प्रगणकों से भामाशाह योजना के लाभ वितरण करने के लिए संबंधित परिवार की आधार संख्या व बैंक खाते आदि की सूचना भी एकत्र कराई जाए। इन प्रगणकों को भामाशाह सर्वेक्षण के दौरान छूट गए परिवारो के बारे में सामाजिक सुरक्षा, नरेगा, राशन कार्ड, बैँक खाता, आधार एवं भामाशाह संख्या से संबंधित जानकारी भी लेनी होगी। आयोजना विभाग की ओर से जारी इस परिपत्र में प्रगणको से ऐसे परिवारों की सूचना भी लेने को कहा गया है जिन्हें अधूरी सूचना के कारण भामाशाह योजना का लाभ वितरित नहीं किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य में 10 अक्टूबर से 9 नवंबर तक राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर के अपडेशन का कार्य चल रहा है।
अब ब्लॉक लेवल पर तैयार होगा डाटा
बाड़मेर, 22 अक्टूबर। किसी भी विभाग की योजना और जन्म-मृत्यु पंजीकरण आदि के सांख्यिकी डाटा की जानकारी के लिए अब लोगों को लिए जिला मुख्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब प्रत्येक ब्लॉक लेवल पर इसके लिए प्रत्येक योजना का डाटा तैयार होगा।
अधिकारिक सूत्रांे के मुताबिक राज्य सरकार ने प्रत्येक पंचायत समिति कार्यालय में सांख्यिकी अधिकारी नियुक्त किए हैं। इससे विकास अधिकारी पर कार्य का बोझ कम होगा वहीं आमजन को फायदा होगा। सभी तरह की योजनाआंे के आंकड़ों का फोल्डर बनाकर ब्लॉक के सभी विभागों में वितरित किए जाएंगे। इससे सभी विभागों के अधिकारियों को योजनाओं की जानकारी रहेगी। इसके अलावा अब तक जन्म-मृत्यु के प्रमाण-पत्र बीडीओ के हस्ताक्षर से बनते थे, लेकिन ब्लॉक स्तर पर सांख्यिकी अधिकारी नियुक्त होने से वे यह काम देखेंगे।
इन विभागों के आंकड़ों का बनेगा फोल्डरः प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर जनसंख्या, महिला एवं पुरुष साक्षरता, पशुपालन, कृषि, स्त्री-पुरुष साक्षरता, नरेगा, जनप्रतिनिधियों की सूची, सहकारिता, दूरसंचार एवं यातायात, पुलिस स्टेशन, पुलिस चैकी, थानों में दर्ज प्रकरण, आबकारी, स्वास्थ्य, बाल विकास विभाग बैंक आदि विभागों से जुड़ी योजनाओं से संबंधित आंकड़ों को एकत्र कर फोल्डर बनाया जाएगा। इससे यह फायदा होगा कि ब्लॉक स्तर हर तरह की सांखियकी संबंधी जानकारी उपलब्ध होगी।

बाड़मेर।डाक टिकट पर दिखेंगे ऊंट पर सवार बीएसएफ के जवान



बाड़मेर।डाक टिकट पर दिखेंगे ऊंट पर सवार बीएसएफ के जवान


पश्चिमी सरहद पर सीमा सुरक्षा बल के जवान ऊंट पर गश्त करते हुए अब डाक टिकट पर दिखेंगे। सीमा सुरक्षा बल के स्वर्ण जयंती के अवसर पर सरहद पर चौकसी एवं जीवन पर्यन्त डयूटी को दर्शाते हुए विशेष डाक टिकट जारी किया गया है।

सरहद पर चौकसी के साथ गश्त मंे इस्तेमाल होने वाले रेगिस्तान के जहाज ऊंट पर सवार बीएसएफ के जवानांे को इसमंे दर्शाया गया है। पांच रूपए के इस डाक टिकट पर रेगिस्तानी परिवेश के साथ तारबंदी, रेतीले धोरों के अलावा सीमा सुरक्षा बल के लोगो को शामिल किया गया है। नई दिल्ली मंे पुलिस शहीद दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह के दौरान इस डाक टिकट का विमोचन किया गया है। सीमा सुरक्षा बल इस साल स्वर्ण जयंती समारोह मना रहा है। स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर सीमा सुरक्षा बल ने अपने शहीदों की शौर्य पूर्ण गाथाओं को एक पुस्तक बीएसएफ मारटियस ए लीजेसी आफ प्राइड एंड वलोर के रूप में संग्रहित किया है। इसमे वर्ष 1965 से लेकर अब तक के स्वर्णिम सफर में सीमा सुरक्षा बल के 1551 बहादुर सीमा प्रहरियों के देश के नाम पर कुर्बान होने, अटूट कर्तव्यनिष्ट, अगाध देश प्रेम और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अद्भुत समर्पण को दर्शाया गया है। सीमा प्रहरियों के बलिदान के स्वरूप भारत सरकार ने अब तक सीमा सुरक्षा बल को 01 महावीर चक्र ,11 वीर चक्र, 04 कीर्ति चक्र, 12 शौर्य चक्र, वीरता के लिए 231 राष्ट्रपति पुलिस पदक और 870 वीरता पुलिस पदकों से सम्मानित किया है। सीमा सुरक्षा बल का गठन 01 दिसंबर 1965 को 25 बटालियनों के साथ हुआ था। मौजूदा समय मंे अपने ढाई लाख प्रहरियों के साथ विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल होने के साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती 6623 कि.मी. अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की हिफाजत करता है। सीमा सुरक्षा बल को अपने गठन के प्रारंभिक वर्षों में ही बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई मंे मुक्ति वाहिनी की सहायता का अत्यंत ही महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया था। सीमा सुरक्षा बल ने इस दायित्व को निभाने के साथ बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में जो योगदान दिया, वह इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है।

जोधपुर।जोधपुर: बचपन की शादी, अदालत ने 19 साल बाद तोड़ी



जोधपुर।जोधपुर: बचपन की शादी, अदालत ने 19 साल बाद तोड़ी


11 माह की अबोध उम्र में बाल विवाह की बेडिय़ों में जकडऩे के बाद 19 साल से सितम झेल रही रोहिचा कलां गांव की संता देवी को आखिरकार मुक्ति मिल गई। सारथी ट्रस्ट का संबल पाकर पारिवारिक न्यायालय में बाल विवाह निरस्त की गुहार लेकर पहुंची संता देवी का बाल विवाह कोर्ट ने निरस्त कर दिया। न्यायालय ने दोनों पक्षों की आपसी सहमति बनने के बाद बाल विवाह निरस्त करने का फैसला सुनाया।

कमठा कारीगर पदमाराम मेघवाल की पुत्री संतादेवी (20) का बाल विवाह महज 11 माह की उम्र में लूणी तहसील के धुंधाडा कस्बे के नजदीक रोहिचा खुर्द गांव के सांवलराम के साथ हुआ था।

सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी पुनर्वास मनोवैज्ञानिक कृति भारती का संबल पाकर संता देवी ने बाल विवाह को मानने से इनकार कर दिया था। सारथी ट्रस्ट की मदद से संता देवी ने जोधपुर पारिवारिक न्यायालय में बाल विवाह निरस्त का वाद दायर किया था।

काउंसलिंग से सहमति

सारथी ट्रस्ट की कृति भारती ने सांवलराम की काउंसलिंग भी की। संता देवी पर पहले दबाव बनाने वाले कई पंच भी बाल विवाह निरस्त के लिए सहयोग में आ गए। कुछ पंचों की समझाइश के बाद पति सांवलराम ने आखिरकार न्यायालय के सामने पेश होकर बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए सहमति जता दी।

बाड़मेर डोली सरपंच पर दुष्कर्म गर्भपात का आरोप, दो पक्ष भिड़े


बाड़मेर डोली सरपंच पर दुष्कर्म गर्भपात का आरोप, दो पक्ष भिड़े
नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में पॉक्सो के तहत जेल में बंद है आरोपी, झगड़े में आधा दर्जन लोग घायल

 


बाड़मेर डोलीगांव के सरपंच किशनाराम मेघवाल पर अपने पड़ोस में रहने वाली नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने और फिर उसका गर्भपात करवाने के आरोप के मामले में बुधवार रात दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए।

झगड़े में करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए। पुलिस ने एक पक्ष के घायलों को एमडीएम अस्पताल और दूसरे पक्ष के घायलों को महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया। विवाद के बाद दोनों परिवारों के घरों के बाहर पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया गया।

झंवर थाना पुलिस ने बताया कि डोली निवासी नाबालिग लड़की ने गत जून में अपने पड़ोस में रहने वाले डोली सरपंच किशनाराम पुत्र बींजाराम मेघवाल पर दुष्कर्म करने और उसकी मां पर गर्भपात कराने का आरोप लगाया था। सरपंच के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर किशोरी के पिता ने खुदकुशी कर ली थी। इसके बाद पुलिस ने डोली सरपंच के खिलाफ पॉक्सो के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भिजवा दिया था।

इस दौरान आरोपी पक्ष ने किशोरी के परिजनों पर आरोप लगाया था कि उसके परिजनों ने उसका गर्भपात करवा नवजात का शव मकान के पीछे बने बाड़े में गाड़ दिया। इस पर एसडीएम देवाराम सुथार पुलिस टीम के साथ बुधवार सुबह नाबालिग के घर पहुंचे और बाड़े में खुदाई करवाई। वहां टीम को कुछ नहीं मिला। इसके बाद देर शाम को पीड़ित पक्ष के लोग बोलेरो में जोधपुर से डोली लौटे तो दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बाद विवाद हो गया। आरोपी सरपंच के परिजनों ने नाबालिग के परिजनों की बोलेरो में तोड़फोड़ कर मारपीट शुरू कर दी। मारपीट में घायल हुए लोगों में अधिकतर महिलाएं हैं।

बुधवार, 21 अक्तूबर 2015

जयपुर।जयपुर कलक्टर कृष्ण कुणाल भी डेंगू की चपेट में



जयपुर।जयपुर कलक्टर कृष्ण कुणाल भी डेंगू की चपेट में



राजस्थान में डेंगू को लेकर सरकार के सभी दावे खोखले नजर आ रहे हैं। डेंगू के बचाव कार्य में लगे सरकार के नुमाइंदे भी डेंगू की चपेट में आने लगे हैं। जयपुर के जिला कलक्टर कृष्ण कुणाल भी डेंगू के शिकार हो गए हैं।

जिला कलक्टर कृष्ण कुणाल वायरल बुखार से पीडि़त होकर बुधवार सुबह एसएमएस अस्पताल में भर्ती हुए। जहां चिकित्सकों ने कृष्ण कुणाल को डेंगू होने की पुष्टि की है।
वहीं एक आईएएस की पत्नी को भी डेंगू है और उनका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। कुणाल पिछले पांच छह दिन से वायरल बुखार व गले के इंफेक्शन से पीडि़त थे। सवाई मानसिंह अस्पताल के प्रवक्ता डॉ.सुनीत राणावत ने बताया कि कलक्टर कुणाल की जांच में उनके प्लेटलेट का स्तर 69 हजार है। ऐसे में डेंगू होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।