गुरुवार, 15 अक्तूबर 2015

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का दो दिवसीय बाड़मेर की प्रस्तावित यात्रा।।वीरातरा और तन सिंह के बेरे पे होंगे रात्रि विश्राम।

 मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का दो दिवसीय बाड़मेर की प्रस्तावित यात्रा।।वीरातरा और तन सिंह के बेरे पे होंगे रात्रि विश्राम।


मोहनपुरी जी महाराज की समाधी के दर्शन करने जायेगी।।बाड़मेर चोह्टन मार्ग होगा अधिकारियो के लिए चुनोतिपूर्ण।।विकास कार्य इसी रुट पर देख सकती हैं मुख्यमंत्री तो कही पर भी अपना काफिला रुकवा किसी भी ढाणी में जा सकती हे अचानक।।मुख्यमंत्री का बाड़मेर दौर अभी तक अधिकृत नही आया मगर उच्च सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कई भ्रष्ट अधिकारियो पर गाज गिरने की संभावना।।कई मुद्दों की वसुंधरा को हे व्यक्तिगत जानकारी।।ले सकती हे फीड बेक।।एक दिन पूरा रहेगी क्षेत्र में।।नरेगा कार्यो पर रहेगी विशेष नजर।।नरेगा में पूर्व में हुए फर्जीवाड़े की जानकारी हे मुख्यमंत्री को।।अल्पसंख्यको को रिझाने के करेगी विशेष प्रयास।।एक अलप संख्यक नेता को दी इसकी जिम्मेदारी।।अधिकारियो के लिए चुनौरिपूर्ण होगा मुख्यमंत्री का दौरा।

जयपुर।अब राजस्थान के लेखक भारद्वाज ने लौटाया साहित्य अवॉर्ड



जयपुर।अब राजस्थान के लेखक भारद्वाज ने लौटाया साहित्य अवॉर्ड

देशभर में बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा और अभिव्यक्ति की आजादी पर हो रहे हमलों के विरोध में साहित्य पुरस्कार लौटा रहे लेखकों और साहित्यकारों में अब राजस्थान के साहित्यकार भी शामिल हो गए हैं।



जयपुर के लेखक व साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित नंद भारद्वाज ने भी सम्मान लौटाने की घोषणा कर दी है।



भारद्वाज के मुताबिक एक अरसे से देश में बढ़ रही धार्मिक असहिष्णुता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हो रहे हमलों, सांप्रदायिक ताकतों द्वारा लेखक, बुद्धिजीवी और आम नागरिकों की हत्या को लेकर लेखकों में असुरक्षा की भावना पनप रही है।



सरकार की ओर से कुछ नहीं किए जाने की वजह से अकादमी एवं विभिन्न पुरस्कार लौटाने के लेखकों के फैसले से सहमत होते हुए वे भी पुरस्कार लौटा रहे हैं।



भारद्वाज ने पुरस्कार राशि 50 हजार रुपए के चेक के साथ सम्मान लौटाने की घोषणा की। इसके साथ दिए स्मृति चिन्ह एवं अन्य प्रतीक भी अकादमी में जमा करवाने की बात कही है।

ब्यावर।तैरते मिले मासूम बहनों के शव..फूट पड़ी रुलाई

ब्यावर।तैरते मिले मासूम बहनों के शव..फूट पड़ी रुलाई
ब्यावर। अग्निशमन दल की ओर से राजसमंद क्षेत्र के डूंगरखेड़ा नाइकों का बाडिय़ा स्थित तालाब में दस घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहा। तालाब में डूबी मासूम बहनों के शव को दमकल के गोताखोरों ने बाहर निकाल लिया। रात में रोशनी का इंतजाम नहीं होने पर टॉर्च व दमकल सहित पुलिस की गाडिय़ों की हैडलाइट से ही तालाब में तलाशी का काम शुरू हुआ।

अग्निशमन दल के अधिकारी माणक बोहरा ने बताया कि डूंगर खेड़ा से सूचना मिली कि दो बहनें वनीला (6) व ननीला (9) तालाब में डूब गई हैं। इसके बाद टीम मौके पर पहुंच गई। गोताखोर सुरेन्द्र रावल, रमेश सोलंकी, जयचंद, मुकेश, रामसिंह व गुलाब काठात ने तालाब में तलाश शुरू की। तालाब का विस्तार ज्यादा होने से परेशानी हुई। टीम ने रस्सों व अन्य उपकरणों की सहायता से तालाब के अंदर तलाश शुरू की।

ऑपरेशन के एक घंटे बाद वनीला का शव तालाब के पैंदे में झाडिय़ों के अंदर मिल गया। टीम ने तालाब के बीच व दूसरे कोनों से तलाश शुरू की। सुबह साढ़े सात बजे करीब तालाब की पाल से 200 मीटर की दूरी पर तालाब के अंदर झाडिय़ों में फंसा ननीला का शव मिल गया।



शवों को तलाशने के दौरान ग्रामीणों, पुलिस व दमकल की गाड़ी में लगी हैडलाइट का सहारा लिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि दोनों बहनें शाम को तालाब की पाल के आस-पास ही बकरियां चरा रही थीं। शायद बकरियों को पानी पिलाने के दौरान पैर फिसलने से दोनों तालाब में गिर गई होंगी। शाम तक वापस घर नहीं लौटने पर सभी को शक हुआ। इसी कारण तालाब के आस-पास तलाशी अभियान शुरू किया गया। कार्रवाई के दौरान सरपंच कूपसिंह सहित थानाधिकारी व ग्रामीण मौजूद थे।

इस बार नवरात्र में दो दिन क्यों होगी मां शैलपुत्री की पूजा?



मां शैलपुत्री की नवरात्र के पहले दिन ही पूजा की जाती है। इस बार तिथि की बढ़त के चलते बुधवार को भी प्रतिपदा तिथि मानी जाएगी।

इस कारण बुधवार को भी नवदुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की ही आराधना की जाएगी। पर्वतराज हिमालय की पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। इनका वाहन वृषभ है।

शैलपुत्री माता के दाहिने हाथ में त्रिशूल व बाएं हाथ में कमल का पुष्प सुशोभित है। मां की संपूर्ण पूजन विधि जानने के लिए यहां क्लिक कीजिएदेवी दुर्गा ने सृष्टि के कल्याण के लिए अनेक रूप धारण किए हैं जिनमें से नौ स्वरूप सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन स्वरूपों का पूजन नवरात्र के नौ दिनों में किया जाता है। इनमें पहला स्वरूप है - शैलपुत्री। प्रथम दिन घट स्थापना की जाती है तथा उसके बाद माता शैलपुत्री का पूजन किया जाता है। आगे पढ़िए, मां शैलपुत्री के पूजन से क्या फल मिलता है? शैलपुत्री मां दुर्गा का प्रथम स्वरूप है। इनका जन्म पर्वतराज हिमालय के घर हुआ था। इसलिए इन्हें शैलपुत्री कहा गया। मां का वाहन वृषभ है। वे दाएं हाथ में त्रिशूल धारण करती हैं। यह भक्तों की रक्षा तथा दुष्ट प्रवृत्तियों के ध्वंस का प्रतीक है। इनके बाएं हाथ में कमल का पुष्प है जो भक्त को सुख, सौभाग्य, समृद्धि और शांति का आशीर्वाद देता है। अपने पूर्व जन्म में ये प्रजापति दक्ष की पुत्री थीं। उस समय इनका नाम देवी सती था। उनका विवाह भगवान शिव से हुआ। उनके पिता ने यज्ञ किया तो वहां शिवजी का अपमान हो गया। इससे रुष्ट होकर देवी ने यज्ञकुंड में ही अपने शरीर को भस्म कर दिया। अगले जन्म में उनका पुनः अवतरण हुआ आैर वे हिमालय की पुत्री के रूप में प्रकट हुर्इं। उनका नाम शैलपुत्री हुआ। मां के इस स्वरूप के पूजन से वे शीघ्र प्रसन्न होती हैं और भक्त को सिद्धि व सफलता देती हैं। योगशास्त्र की मान्यता है कि शैलपुत्री के पूजन से मूलाधार चक्र जाग्रत होता है।



ध्यान मंत्र- वन्दे वांछितलाभाय चन्दार्धकृतशेखराम्।वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌ ।।पूणेंदुनिभांगौरी मूलाधार स्थितांप्रथम दुर्गा त्रिनेत्रा।पटांबरपरिधानांरत्नकिरीटांनानालंकारभूषिता॥प्रफुल्ल वदनांपल्लवाधरांकांतकपोलांतुंग कुचाम्।कमनीयांलावण्यांस्मेरमुखीक्षीणमध्यांनितंबनीम्॥
स्तोत्र मंत्र- प्रथम दुर्गा त्वहिभवसागर तारणीम।धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम॥त्रिलोकजननींत्वंहिपरमानंद प्रदीयनाम।सौभाग्यारोग्यदायनीशैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम॥चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन।भुक्ति, मुक्ति दायनी,शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम॥चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन।भुक्ति, मुक्ति दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम॥


कवच मंत्र- ओमकार में शिरपातुमूलाधार निवासिनी।हींकार,पातुललाटेबीजरूपामहेश्वरी॥श्रीकाररूपातुवदनेलज्जारूपामहेश्वरी।हूंकाररूपातुहृदयेतारिणी शक्ति स्वघृत॥फट्काररूपातुसर्वागेसर्व सिद्धि फलप्रदा।

बुधवार, 14 अक्तूबर 2015

breaking 115 पुलिस उप अधीक्षक इधर उधर ,उज्जवल बाड़मेर के नए सीओ

breaking 115 पुलिस उप अधीक्षक इधर उधर ,उज्जवल बाड़मेर के नए सीओ 







बाड़मेर राजस्थान पुलिस के डी जी पी मनोज भट्ट ने आज देर रात आदेश जारी कर 115 पुलिस उप अधीक्षकों के स्थानांतरण किये ,ओम प्रकाश उज्जवल को बाड़मेर का प्रभार दिया गया हैं ,वाही चोहटन में बुद्धिराम ,को सीओ लगाया ,दुर्ग सिंह राजपुरोहित जालोर ढीमरम विश्नोई भीनमाल रामदेव सिंह को पोकरण। 


पूरी सूचि देखने के लिए निचे का लिंक खोले 

http://barmerpolice.rajasthan.gov.in/

चरस तस्कर को 5 साल कठोर कैद

चरस तस्कर को 5 साल कठोर कैद

कोटा. गुमानपुरा थाना क्षेत्र में गिरफ्तार चरस तस्करी के आरोपित को एनडीपीएस अदालत ने बुधवार को 5 साल कठोर कैद व 50 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है।

गुमानपुरा के तत्कालीन थानाधिकारी भगवत सिंह हिंगड़ ने 15 जुलाई 2008 को रात के समय गश्त के दौरान कोटड़ी चौराहा स्थित एक होटल के पीछे की गली से नयापुरा निवासी अनीस खान को गिरफ्तार किया था।

तलाशी लेने पर उसके कब्जे से 500 ग्राम चरस बरामद हुई थी। इस मामले में अदालत ने उसे दोषी मानते हुए 5 साल कठोर कैद व 50 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है

नई दिल्ली।नेताजी से जुड़ी फाइलें पब्लिक करने को तैयार PM नरेंद्र मोदी, 23 जनवरी से होगी शुरुआत



नई दिल्ली।नेताजी से जुड़ी फाइलें पब्लिक करने को तैयार PM नरेंद्र मोदी, 23 जनवरी से होगी शुरुआत


मोदी सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने को लेकर बड़ा फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेताजी से जुड़ीं फाइल्स को डि-क्लासीफाइ करने के लिए तैयार हो गए हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात का ऐलान नेताजी के परिजनों से मिलने के बाद किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी गोपनीय फाइलें सार्वजनिक करने की घोषणा की और कहा है कि यह प्रक्रिया अगले साल नेताजी की जयंती 23 जनवरी से शुरू की जाएगी। मोदी ने नेताजी के परिजनों से मुलाकात के बाद ट्वीट करके यह जानकारी दी।

इतिहास को दबाए रखने की जरुरत नहीं
उन्होंने कहा कि इतिहास को दबाए रखने की जरूरत नहीं है जो देश अपना इतिहास भूल जाते हैं वे इसे बनाने की ताकत खो देते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न देशों की सरकारों से भी यह अनुरोध किया जाएगा कि वे नेताजी के संबंध में उनके पास उपलब्ध फाइलों को सार्वजनिक करें। इसकी शुरूआत दिसंबर में रूस से अनुरोध कर की जाएगी।
पीएम मोदी से मिले नेताजी के परिजन
महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्यों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा नेताजी से संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के मद्देनजर हुई है। नेताजी की कथित तौर पर सन् 1945 में एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी।

वाशिंगटन।चीन के साथ 1962 के युद्ध में नेहरू ने मांगी थी अमेरिका से मदद



वाशिंगटन।चीन के साथ 1962 के युद्ध में नेहरू ने मांगी थी अमेरिका से मदद

पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने चीन के साथ 1962 के युद्ध के दौरान चीन के तेज होते आक्रमण को रोकने के लिए अमेरिका से मदद मांगी थी। उन्होंने भारत को लड़ाकू विमान मुहैया कराने के लिए तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी को पत्र लिखा था।

एक किताब में दावा किया गया है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के संस्थापक माओ त्से तुंग ने 1962 में भारत पर हमला नेहरू को अपमानित करने के लिए किया था, जो तीसरी दुनिया के नेता के रूप में उभर रहे थे। इस बात का खुलासा सीआईए के पूर्व अधिकारी ब्रूस रिडेल ने अपनी किताब जेएफकेज फार्गटन क्राइसिस: तिब्बत, सीआईए एंड इंडो-चाइना वार में किया है।



उन्होंने लिखा है कि भारत द्वारा फारवर्ड पॉलिसी लागू किए जाने से सितम्बर 1962 में चीन भड़क गया। माओ का ध्यान नेहरू पर था, लेकिन भारत की पराजय माओ के दो और दुश्मनों (निकिता खुर्शचेव और कैनेडी) के लिए भी बड़ा धक्का होता।







चीन के आक्रमण से जब भारत के पैर उखड़ रहे थे और उसके सैनिक बड़ी संख्या में हताहत हो रहे थे तो नेहरू ने कैनेडी को एक पत्र लिखा कि भारत को चीन के आक्रमण की उफनती लहर को रोकने के लिए परिवहन और लड़ाकू विमानों की जरूरत है। बाद में नेहरू ने एक और पत्र कैनेडी को लिखा था। घबराहट भरी हालत में लिखे गए इस पत्र को अमरीका में तत्कालीन भारतीय राजदूत बीके नेहरू ने खुद 19 नवंबर को कैनेडी को सौंपा था।







अमरीकी भागीदारी का किया था अनुरोध
रिडले ने अपनी किताब में लिखा है कि नेहरू कैनेडी से चीन के खिलाफ हवाई युद्ध में भागीदारी करने को कह रहे थे। यह भारतीय प्रधानमंत्री की ओर से की गई पुरजोर अपील थी। नेहरू की चि_ी से पहले भारत में तत्कालीन अमेरिकी राजदूत गालब्रेथ ने व्हाइट हाउस को एक टेलीग्राम भेजा, जिसमें राष्ट्रपति को पहले से ही सूचित किया गया कि इस प्रकार का अनुरोध भारत की ओर से आने वाला है। पत्र में नेहरू ने अमेरिकी वायुसेना से 12 स्क्वाड्रन की अपील की थी। रिडेल ने शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक ब्रुकलिन इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित पुस्तक समीक्षा समारोह में इस बारे में जानकारी दी।



पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल नहीं करने का दिया था आश्वासन
रिडेल ने किताब में इस पत्र का हवाला देते हुए लिखा है कि नेहरू ने कहा था कि सभी मौसमों के अनुकूल सुपरसोनिक की कम से कम 12 स्क्वाड्रन की जरूरत है। हमारे पास देश में आधुनिक रडार कवर नहीं है। हमारे कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिए जाने के दौरान, अमेरिकी वायुसेना के कर्मचारियों को इन लड़ाकू विमानों और राडार को संचालित करना होगा।



इसके अलावा नेहरू ने तिब्बत पर हमला बोलने के लिए बी 47 बमवषर्क विमान की दो स्क्वाड्रन की अपील की थी।' पत्र में नेहरू ने कैनेडी को आश्वस्त किया था कि इन बमवषर्कों का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ नहीं किया जाएगा, बल्कि इनका इस्तेमाल केवल चीन को रोकने के लिए ही होगा।

जयपुर।शिक्षकों की सर्वे रिपोर्ट में खुलासा,61 फीसदी छात्र रोजगार के योग्य नहीं



जयपुर।शिक्षकों की सर्वे रिपोर्ट में खुलासा,61 फीसदी छात्र रोजगार के योग्य नहीं

राजस्थान में शिक्षा की गुणवक्ता में काफी गिरावट आई है। इस बात का खुलासा पीयर्सन वॉयस ऑफ टीचर सर्वे-2015 से हुआ है। सर्वे रिपोर्ट शिक्षकों की ओर से बनाई गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 61 फीसदी से भी ज्यादा विद्यार्थी रोजगाार के योग्य नहीं है। सर्वे में रोजगार के लिए शिक्षा को सक्षम बनाने के लिए नई शिक्षा नीति के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं और शिक्षकों से जानकारी जुटाई गई है।



इसका सबसे बड़ा कारण है यहां का पाठ्यक्रम में उद्योगों से जुडी जानकारी नहीं देना माना जा रहा है। जिसके कारण पढ़ाई पूरी होने के बाद विद्यार्थी जॉब प्राप्त करने के योग्य नहीं रह पाते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार को पाठ्यक्रम में बदलावा करने की जरूरत है।







57 प्रतिशत विद्यार्थी शिक्षित

राष्ट्रीय आंकड़े दशाते हैं कि 57 फीसदी भारतीय विद्यार्थी शिक्षित तो हैं, लेकिन रोजगार के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। सर्वे में भाग लेने वालों ने शिक्षाविदों के सहयोग में वृद्धि, विशेष रूप से पाठ्यक्रम पुर्नसंरचना 75 फीसदी का आह्वान किया है, ताकि रोजगार योग्यता में मदद मिल सके । दिलचस्प बात यह है कि शिक्षक समुदाय 44 फीसदी ने विद्यार्थियों के लिए मेरिट-आधारित उद्योग इंटर्नशिप्स 48 फीसदी के अलावा शिक्षकों के लिए उद्योग प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया है।







प्रदेश के 25 शहरों से जुटाएं तथ्य

राज्य के जयपुर, कोटा, उदयपुर, अजमेर, अलवर, बीकानेर, जोधपुर, नीमराना, भरतपुर, भीलवाड़ा, बिजयनगर, मकराना, पिलानी, सीकर सहित 25 शहरों सर्वो के लिए आंकड़े जुटाए गए हैं। जुलाई- अगस्त के बीच किया गया यह सर्वेक्षण भारत में 527 शहरों व कस्बों ने विद्यालयों व उच्च शिक्षा संस्थानों के 5,387 शिक्षकों के विचार प्रस्तुत करता है। इस सवेज़् के लिए एशिया प्रशांत क्षेत्र में अग्रणी रणनीतिक बाजार बौद्धिकता कंसल्टेंसीज में से एक, स्पायर रिसर्च एंड कंसल्टिंग ने पीयरसन के साथ इसमें भागीदारी की है।



शिक्षक व अभिभावकों में तालमेल का अभाव

पीयरसन के निदेशक दीपक ने कहा कि 52 फीसदी उत्तरदाताओं का मानना है कि भारत के शैक्षिक मूल्यांकन ढांचे में समग्र शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए शिक्षकों व अभिभावकों के लिए विशिष्ट कार्य बिंदुओं का अभाव है।