बांसवाड़ा/सिरोही/बीकानेर/जोधपुर। प्रदेश में बुधवार को तीन अलग-अलग हादसों में डूबने से 9 बच्चों सहित एक महिला की मौत हो गई। बीकानेर में हडमतिया गांव में दोपहर तीन बजे तीन बच्चों अनिल (7) पुत्र राजेंग, जीवणा (8) पुत्र विजयपाल, रमेश (10) पुत्र राजेंग की तालाब में डूबने से मौत हो गई।
इसी तरह सिरोही के कालंद्री गांव के मोहब्बतनगर स्थित तालाब में कानूड़ा विसर्जन के बाद नारियल लेने के लिए पानी में उतरीं तीन बच्चियों रवीना(12) पुत्री हीरानाथ, लीला(10) पुत्री मोहननाथ और धनकी(10) पुत्री मोहननाथ की दलदल में फंसने से मौत हो गई।
वहीं बीकानेर में छत्तरगढ़ तहसील में सत्तासर गांव के चक 1 एसडीडब्ल्यूएमएल 2 स्थित खेत की डिग्गी में डूबने से एक महिला ताजा(30) उसके दो बेटों मूंसफ (12), मकबूल(6) और बेटी शबाना(8) की मौत हो गई।
पुलिस ने शवों को निकलवाकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया।आशंका जताई जा रही है कि महिला ने अपने बच्चों के साथ डिग्गी में कूदकर आत्महत्या की है।कारणों का अभी पता नहीं चला है।
जोधपुर। मां-बाप अपनी दुधमुंही बच्ची को यहां एक पालनाघर में छोड़ गए। उसके साथ उन्होंने एक पत्र भी छोड़ा, जिसमें लिखा कि ‘हम दो महीने के लिए शहर से बाहर जा रहे हैं, आप हमारी बच्ची का ध्यान रखना। दो या तीन महीने बाद हम इसे वापस ले जाएंगे। आप इसे किसी और को नहीं दें।’ बच्ची रो-रो कर बेहाल हो रही थी, इसलिए उसे पालनाघर से उम्मेद अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
नवजीवन संस्थान पालनाघर के प्रभारी भगवान सिंह परिहार ने बताया कि मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे पालने से जुड़ी घंटी बजी। कर्मचारी बाहर गए तो पालने में करीब 9-10 महीने की बच्ची दिखी। बच्ची को पालने से उठाने लगे तो उसके पास थैली मिली। इसमें अंग्रेजी में लिखे पत्र के साथ एक पर्स, एक चेन, दूध की एक बोतल और कुछ कपड़े रखे थे। पर्स में 850 रुपए थे।
परिहार ने कहा कि बच्चे के साथ पत्र छोड़ने का यह पहला मामला है, जिसमें बच्ची को वापस ले जाने की बात लिखी है। लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ कि कोई बच्चे को छोड़ने के बाद वापस ले गया हो।
बच्ची वापस चाहिए तो समर्पण नामा दें :
कानूनन पालनाघर में रखे जाने वाले बच्चों को वापस लेने के लिए समर्पण नामा देना जरूरी है। ऐसे में संस्थान ने अपील की है कि जिस किसी ने भी बच्ची को छोड़ा है, वे समर्पण नामा दे जाएं। इसके अभाव में बच्ची को वापस देना संभव नहीं होगा। संस्थान प्रभारी ने बताया कि समय पर बच्ची को वापस नहीं ले जाने पर कानूनी प्रक्रिया के तहत गोद दे दिया जाएगा।
पारिवारिक अनबन को लेकर भिड़े दो पक्ष
बालोतरा। मंडली थाना क्षेत्र के बागावास अंतर्गत मछों की ढाणी में पुरानी पारिवारिक अनबन को लेकर बुधवार सुबह दो पक्षों में हुए खूनी संघर्ष में 14 जने घायल हो गए। लाठियों, धारिये व कुल्हाडियों के इस्तेमाल से लहुलूहान घायलों का मंडली के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद बालोतरा रेफर किया गया। मंडली थानाधिकारी रेवंतसिंह भाटी के अनुसार बागावास इलाके में मछों की ढाणी निवासी दो भाईयों के परिवार में पिछले लंबे समय से पारिवारिक अनबन चल रही थी।
बीते वर्षो में मामूली कहासुनी के बाद दोनों पक्षों में कई बार झगड़े भी हो चुके हैं। बुधवार सुबह मामूली सी कहासुनी खूनी संघर्ष में तब्दील हो गई। दोनों पक्षों के लोगों ने एक दूसरे पर लाठियों, कुल्हाड़ी व धारिए से हमला बोल दिया। हमले में सुलेमान, मिश्री खां, मूसे खां, गफूर खां पुत्र अकबर खां, हासम व रसूल पुत्र मूसे खां, श्रीमती सोनी पत्नी गफूर खां, राजो पुत्री गफूर खां तथा दूसरे पक्ष के अबदे खां, लतीफ खां व अशरफ खां पुत्र काम्बू खां, सायब खां व यासीन खां पुत्र रहमत खां, कासम पुत्र सायब खां सभी निवासी मछों की ढाणी बागावास घायल हो गए। सिर में चोटें आने से आधा दर्जन लोग गंभीर घायल थे।
पुलिस ने घटना की सूचना मिलने पर घायलों को मंडली के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए पहुंचाया। यहां पर प्राथमिक उपचार के बाद सभी घायलों को अलग-अलग वाहनों से बालोतरा के राजकीय नाहटा अस्पताल पहुंचाया गया। गंभीर चोटें आने पर दोनों पक्षों से 11 जनों को भर्ती करवाया गया है।
समाचार लिखे जाने तक किसी भी पक्ष से पुलिस थाने में एफआईआर प्रस्तुत नहीं की गई थी। मंडली पुलिस थाने में इस घटना को लेकर दोनो पक्षों ने अलग-अलग मामले दर्ज करवाए हैं। रसूल खां पुत्र मूसे खां ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि इबरे खां सहित 13 जनों ने घातक हथियारों से लैस होकर उसके खेत में अनाधिकृत प्रवेश किया। हमला कर उसके परिवार जनों को घायल कर दिया। इसके क्रॉस में इब्रे खां पुत्र काम्बू खां ने मूसे खां पुत्र आकू खां सहित पांच जनों के खिलाफ रास्ता रोककर मारपीट कर घायल करने का मामला दर्ज करवाया है।
बाड़मेर
जैन समाज के आस्था एवं जप आराधना का महापर्व पर्यूषण गुरुवार से शुरू हो रहा है। पर्यूषण पर थार नगरी में इस बार विशेष आराधना की जाएगी। बाड़मेर में संतों के सानिध्य में रोजाना धर्म प्रवचनों की सरिता बहेगी। प्रवक्ता खेतमल तातेड़ ने बताया कि जैनाचार्य गुण सागर सूरि साधना भवन में कलाप्रभ सागर, जिन कांति सागर सूरि आराधना भवन में साध्वी संयम निधी एवं तेरापंथ भवन भिक्षु कुंज में विराजित समणी निर्देशिका मंजु प्रज्ञा की पावन निश्रा में पर्यूषण पर्व पर धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होंगे।
इसलिए महापर्व है पर्यूषण- यह पर्व जीवों के प्रति मैत्री भाव का संदेश देता है, पर्यूषण में शरीर पोषण के स्थान पर आत्म पोषण पर अधिक ध्यान दिया जाता है। यह पूर्व आत्मा के शुद्धिकरण का पर्व है इसलिए इससे आत्मिक उत्थान संभव है। पर्यूषण को सफल बनाने और चरमोत्कर्ष अवस्था में पहुंचाने के लिए तीन कार्य करने होते हैं। इनमें प्रतिक्रमण, आलोचना एवं क्षमायाचना प्रमुख है। साधक पर्यूषण पर्व के पावन दिनों में निरीक्षण करता है कि उसने किस किसके अंतर्मन को आघात पहुंचाया है। आत्म निरीक्षण करने पर चित्त शुद्धि ही पर्यूषण पर्व का लक्ष्य है।
श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के मंत्री जितेंद्र बाठिया ने बताया कि जैन पर्व पर्यूषण स्थानक भवन में जोधपुर से आए डॉ.चंचल मल चौरडिय़ा, रतनकंवर चौरडिय़ा व राजेश के सान्निध्य में हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। मंत्री जितेंद्र बांठिया ने बताया कि अष्ठ दिवसीय कार्यक्रम के तहत ध्यान, तप एवं दान के अलावा योग और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी जाएगी। संघ अध्यक्ष गेनमल गोगड़ ने बताया कि पर्यूषण की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
सिरोही जिला
भारत के राजस्थान प्रान्त का एक शहर है। सिरोही राजस्थान का पर्वतीय एवं सीमावर्ती जिला हैं। सुप्रसिद्ध इतिहासकार कर्नल टॉड के अनुसार सिरोही नगर का मूल नाम शिवपुरी था। १४०५ में राव शोभा जी ने शिवपुरी शहर को बसाया था। प्रदेश का एकमात्र पर्वतीय स्थल माउन्ट आबू इस जिले में हैं। यह क्षेत्र मौर्य, क्षत्रप, हूण, परमार, राठौड, चौहान, गुहिल आदि शासकों के अधीन रहा। प्राचीनकाल में यह क्षेत्र आबुर्द प्रदेश के नाम से जाना जाता था और गुर्जर-मरू क्षेत्र का एक भाग था। देवडा राजा रायमल के पुत्र शिवभान ने सरणवा पहाडों पर एक दुर्ग की स्थापना की और १४०५ में शिवपुरी नामक नगर बसाया। उनके पुत्र सहसमल ने शिवपुरी के दो मील आगे १४२५ में नया नगर बसाया जिसे आजकल सिरोही के नाम से जाना जाता हैं। राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम में स्थित सिरोही गुजरात राज्य से जुडा एक प्रमुख नगर और इसी नाम का एक जिला मुख्यालय हैं। यह सिरोही रोड रेल्वे स्टेशन से २४ किमी. दूर स्थित हैं। श्री राय साहब विसाजी मिस्त्री को सिरोही का मुख्य इंजिनियर कहा जाता है। उनके योगदान के लिए उन्हें यहाँ के लोग हमेशा याद करते हैं।
१ : देलवाडा जैन मन्दिर २ : पावापुरि जैन मन्दिर व गोउशाला ३ : मन्दिर, वराडा ४ : भुतेश्वर महादेव मन्दिर, भुतगाँव ५ : सार्नेश्वर महादेव मन्दिर, सिरोही ६ : श्री आम्बेश्वर महादेव मन्दिर, कोलरगङ, सिरोही ७ : श्री काम्बेश्वर महादेव मन्दिर, सिरोही ८ : श्री सान्चिया माता मन्दिर, जावाल ९ : श्री वेज्नाथ महदेव मन्दीर वान १० :श्री वाराहि माता पाल्र्री र्
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न्यूयॉर्क.अमेरिका में पाकिस्तानी मूल के एक व्यक्ति पर भारतीय मूल की प्रेमिका की मदद से पत्नी की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने कासिफ परवेज और एंटोनिटे स्टेफिन को नाजिश नूरानी की हत्या की साजिश रचने और इसे एक अपराध की शक्ल देने का षड्यंत्र रचने का आरोपी बनाया है।
हमले के दौरान न्यूजर्सी में बोस्टन के पास नूरानी और परवेज अपने तीन वर्षीय बेटे के साथ थे तभी स्टेफिन ने उन पर कई बार गोलियां चलाई। हमले में परवेज भी घायल हुआ, हालांकि उसके बेटे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। अधिकारियों के मुताबिक परवेज ने स्टेफिन से अपनी पत्नी पर हमला कराया था।
उसने स्टेफिन से अपने कंधे और पैर पर भी गोलियां चलाने को कहा था, जिससे पुलिस को शक ना हो। शुरुआत में परवेज ने पुलिस को बताया कि तीन लोगों ने हमला किया था। जिसमे एक श्वेत, दूसरा अश्वेत था। तीसरे के नस्ल के बारे में जानकारी नहीं होने की बात परवेज ने पुलिस को बताई थी।
हालांकि बाद में उसने तीनों हमलावरों को अश्वेत बताया। इसके बाद पुलिस को उसपर संदेह हुआ। इस बीच, मैसाचुसेट्स के फ्रामिंघ जेल में बंद स्टेफिन को मारिसटाउन में मोरिस काउंटी करेक्शन फेसिलिटी भेज दिया गया है।
ग्वालियर. जज साहब, मुझे अकेले में बहुत डर लगता है, मुझे अन्य बंदियों के साथ ही रखा जाए।
जिला अदालत से यह गुहार मंगलवार को शातिर शूटर सरमन शिवहरे ने की। वहीं, अदालत ने उसकी पुलिस रिमांड तीन दिन के लिए बढ़ा दी है।
जनकगंज पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को एसीजेएम देवेंद्र पाल सिंह गौर के समक्ष सरमन को पेश किया। टीआई निर्मल जैन ने सरमन से फर्जी वोटर आईडी, फर्जी मार्कशीट व मोहर, फर्जी पेनकार्ड बरामद करने की बात अदालत को बताई।
उन्होंने बताया कि सरमन के पास से एक कंप्यूटर और टाइप राइटर भी बरामद किया जाना शेष हैं। सरमन ने कुबूल किया है कि ये सामान देवास के ठिकाने पर रखे हैं। इनसे कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं।
वहीं, सरमन ने अदालत से गुहार लगाई कि उसे हवालात में अकेले बंद नहीं किया जाए। उसने कहा कि अकेले में मेरा जी घबराता है। उसने कहा कि मेरा हाथ भी सही हो गया है, इसलिए मेरा प्लास्टर कटवा दिया जाए।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सरमन को जनकगंज थाना पुलिस को तीन दिन की रिमांड पर सौंप दिया और उसके हाथ की डाक्टरी जांच के आदेश दिए।
सरमन की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता प्रदीप बोरसे ने बताया कि सरमन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 394, 120-बी और मध्यप्रदेश डकैती अधिनियम 11-13 के तहत आरोप हैं।
फिल्में देखकर सरमन ने सीखे थे वारदात करने के तरीके
शूटर सरमन शिवहरे ने वारदात करने का तरीका किसी बदमाश से नहीं, बल्कि फिल्में देखकर सीखा है। इसके लिए उसने बिच्छू, धूम और कृष फिल्मों को कई बार देखा था।
सरमन का कहना है कि उसे अकेले वारदात करने की सबसे ज्यादा सीख बॉबी देओल की फिल्म बिच्छू से मिली थी। यह बात सरमन शिवहरे ने पुलिस की पूछताछ के दौरान बताईं।
जनकगंज थाने में की जा रही पूछताछ के दौरान सरमन ने पुलिस को बताया कि उसने जब अपराध करने के बारे में पहली बार सोचा था, तो यह भी ठान लिया था कि वह अपने अपराधों में किसी दूसरे को शामिल नहीं करेगा।
अकेले वारदात करने का तरीका अच्छी तरह से सीखने के लिए उसने सबसे पहले बॉबी देओल की फिल्म बिच्छू देखी और उसके बाद धूम और कृष देखीं। इन फिल्मों में हीरो अकेले ही वारदात करता था।
वारदात के दौरान वह क्या-क्या सावधानियां रखता था, इसको सरमन ने गौर से देखा था। पुलिस सरमन शिवहरे की वारदातों और उसके तरीके को लेकर गहन पूछताछ कर रही है।
बनाए थे फर्जी कार्ड:
जनकगंज थाने की पुलिस सरमन को लेकर देवास जाएगी। सरमन ने पुलिस को बताया है कि फर्जी वोटर और पेन कार्ड उसने देवास में बनाए थे। जिस कंप्यूटर से यह फर्जी दस्तावेज बनाए थे, वह उसका ही है।
इस कंप्यूटर को उसने देवास में एक दुकान में रखा है। टीआई जनकगंज निर्मल जैन के अनुसार कंप्यूटर बरामद करने के लिए पुलिस देवास जाएगी।
छतरपुर/भोपाल। अंतिम संस्कार के लिए चंदा किया.. लकड़ी कम पड़ गई तो मृतक की झोपड़ी के पिछवाड़े से ही कुछ और लकड़ियां जुटाई गईं.. फिर भी बात नहीं बनी तो पुराने टायरों का सहारा लिया गया.. पर बदनसीबी.. लाश फिर भी अधजली रह गई।
दूसरे दिन फिर कुछ लोग सक्रिय हुए और जैसे-तैसे लाश जलाई गई।उधर, कलेक्टर से लेकर मंत्री तक नियम-कायदे, कार्यक्षेत्र, जांच और व्यवस्था की दुहाई देते हुए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते रहे। जिंदगी तो जिंदगी, इस गरीब की मौत भी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी मढ़ने और सिस्टम के फेर में उलझकर रह गई। संवेदनाओं की ये चिता जली छतरपुर में। सोमवार को नारायण बाग पहाड़ी में रहने वाले बुजुर्ग नरपतसिंह यादव का नौगांव के टीबी अस्पताल में निधन हो गया। उनका शव घर लाया गया, लेकिन अंतिम संस्कार के लिए उनके घर और कोई पुरुष सदस्य नहीं था।
बेहद गरीबी में रहे नरपतसिंह के परिवार में सिर्फ उनकी 68 वर्षीय पत्नी सावित्री देवी हैं। उनके पास भी अंतिम संस्कार के लिए रुपए नहीं थे। ऐसे में मोहल्ले के लोगों ने चंदा जमा कर कुछ लकड़ियां जुटाईं, लेकिन वे कम पड़ गईं। ऐसे में लोगों ने पुराने टायरों को चिता में डाल दिया। इतना ही नहीं वे बुजुर्ग की झोपड़ी से ही लकड़ियां निकाल लाए।
अधजली रह गई लाश
नरपत सिंह की चिता को जलाकर लोग वापस आ गए। दूसरे दिन मंगलवार की सुबह जब कुछ लोग श्मशान गए तो उन्हें अधजली लाश नजर आई। सूचना पर सिघाड़ी नदी बचाओ समिति के जिलाध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल वहां पहुंच गए और उन्होंने नगर पालिका में फोन लगाया। इसके बाद पार्षद बृजेश राय, बाबीराजा और नपा के स्वीपर की मदद से शव को जलाया गया। "मुझे सुबह सिघाड़ी नदी बचाओ समिति के जिलाध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल ने फोन कर बुजुर्ग के बारे में सूचना दी थी। मैंने तुरंत नपा के कर्मचारी को वहा भेजा। उनकी पत्नी सावित्री देवी की पूरी मदद की जाएगी।"
अर्चना सिंह, नपा अध्यक्ष, छतरपुर
"मुझे किसी अनजान नंबर से रात में सूचना मिली थी। शासन की ओर से लावारिश शवों को दफनाने का प्रावधान है। हमने सूचना देने वाले को को निजी तौर पर आर्थिक मदद देने को कहा था। सुबह अधजली लाश की सूचना मिली तो तत्काल मानवीय आधार पर वहां जलाने की व्यवस्था कराई गई। यह व्यवस्था भी हमने अपने स्तर पर कराई है।"
डीडी तिवारी, सीएमओ
योजना पर होगा विचार"अभी तक अंतिम संस्कार में मदद देने के लिए कोई योजना नहीं है। अब मांग उठी है तो योजना बनाने पर विचार करेंगे।"
बाबूलाल गौर, नगरीय प्रशासन मंत्री
एसडीएम ने नहीं सुनी गुहार
सोमवार को नपा उपाध्यक्ष अशोक मिश्रा ने एसडीएम केपी महेश्वरी से मदद की गुहार लगाई। उपाध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह उनके कार्यक्षेत्र का मामला नहीं है। अब एसडीएम का कहना है कि मुझे सूचना दी गई थी। मैंने सक्षम अधिकारी नपा सीएमओ को सूचना दी थी।
नगरपालिका की जिम्मेदारी
"शासन की ओर से कर्मकार मंडल में पंजीकृत होने पर पीड़ित परिवार को अंत्येष्टि के लिए मदद का प्रावधान है। नगर पालिका को अपनी ओर से मृतक का अंतिम संस्कार कराना चाहिए था। मैं अभी बाहर हूं। मामले की जांच कराऊंगा।"
राहुल जैन, कलेक्टर, छतरपुर
सरकारी कार्यालयों में कार्मिकों की
उपस्थिति सुनिश्चित करने के पुख्ता प्रबन्ध
बाडमेर, 24 अगस्त। जिले में स्थित विभिन्न राजकीय कार्यालयों, निगम, बार्ड, स्वायतशाषी संस्थाओं के कार्यालय, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं में कार्यरत सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के पुुख्ता प्रबन्ध किए गए है।
जिला कलेक्टर गोयल ने बताया कि कार्यालयों में कार्मिकों की उपस्थिति की जांच के लिए नियमित रूप से जांच दल गठित किए गए है। उक्त निरीक्षण दलों से प्राप्त जांच रिपोर्टो में कार्यालय बन्द पाया जाना, कई कार्मिकों का दीर्घ अवधि से अनुपस्थित रहना, बिना अवकाश स्वीकृत कराये अनुपस्थित रहना एवं मूवमेन्ट रजिस्टर में इन्द्राज के बगैर कर्तव्य स्थल पर उपस्थित नहीं मिलना इत्यादि की स्थिति पाई गई है। उन्होने निरीक्षण दलों से प्राप्त रिपोर्टो के आधार पर जांच में अनुपस्थित पाये गये अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध निर्देशानुसार सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
जिला कलेक्टर ने जिले के समस्त कार्यालयाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि कोई भी अधिकारी, कर्मचारी निरीक्षण दल को निरीक्षण के समय मूवमेन्ट रजिस्टर में इन्द्राज एवं पूर्व स्वीकृति के बगैर अपने कर्तव्य स्थल से अनुपस्थित पाया जाता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही प्रारम्भ की जाए। उपस्थिति पंजिका में कॉलम रिक्त पाये जाने की स्थिति में संबंधित संस्था प्रधान/ कार्यालयाध्यक्ष के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। कार्यालय में निर्धारित समय पर उपस्थित नहीं होने वाले अधिकारियों/ कर्मचारियों के उपस्थिति पंजिका में उनके कॉलम में क्रॉस लगा दिया जाए। उन्होने बताया कि समस्त कार्यालयों में मूवमेन्ट रजिस्टर का संधारण आवश्यक रूप से किया जाए। किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के दौरे पर होने की स्थिति में उसका इन्द्राज मूवमेन्ट रजिस्टर में आवश्यक रूप से किया जाए। प्रत्येक कार्यालय में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों के नाम एवं पद कार्यालय के बाहर की दीवार पर पेन्ट करवाकर कर्मचारी के नाम के आगे उपस्थित, अनुपस्थित, दौरे पर, अवकाश पर इत्यादि का विवरण लिखवाने की व्यवस्था की जाए। साथ ही निरीक्षण के दौरान बन्द पाये जाने वाले कार्यालयों, विद्यालयों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनवाडी केन्द्रों, पशु चिकित्सालयों, जलकलगृह, जीएसएस आदि में कार्यरत समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध कडी कार्यवाही की जाना सुनिश्चित किया जाए।
जिला कलेक्टर ने बताया कि विलम्ब से उपस्थित होने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों मे से यदि कोई कार्मिक तीन बार विलम्ब से उपस्थित होना पाया जावे तो उसे आदतन विलम्ब से उपस्थित होने वाला मानते हुए उसके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनिक कार्यवाही की जाए तथा की गई कार्यवाही की सूचना जिला कार्यालय को तत्काल भिजवाई जाए। साथ ही आदतन विलम्ब से उपस्थित होने या कार्यालय समय में कार्य स्थल से अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध अन्तर जिला स्थानान्तरण की कार्यवाही किये जाने हेतु प्रस्ताव भिजवाए जाए।
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आलपुरा में जिला कलेक्टर की रात्रि चौपाल आज
होगा समस्याओं का हाथो हाथ निस्तारण
बाडमेर, 24 अगस्त। जिला कलेक्टर गौरव गोयल द्वारा गुडामालानी तहसील के आलपुरा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर 25 अगस्त को रात्रि चौपाल का आयोजन किया जाएगा। चौपाल की समाप्ति के बाद जिला कलेक्टर द्वारा खुली जन सुनवाई भी की जाएगी।
जिला कलेक्टर गोयल ने बताया कि पूर्व में आलपुरा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर रात्रि चौपाल शुक्रवार को निर्धारित की गई थी जो अब शुक्रवार की बजाय गुरूवार को आयोजित की जाएगी। उन्होने बताया कि चौपाल मे संबंंिधत ग्राम पंचायत के ग्रामीणों की समस्याओं तथा अभियोगों का मौके पर ही निस्तारण करने हेतु क्षेत्रा के संबंधित जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सार्वजनिक निर्माण, पशु पालन, कृषि, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, रसद विभाग के अधिकारियों के साथ साथ संबंधित उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, विकास अधिकारी एवं पटवार मण्डल के सभी पटवारी तथा ग्राम सेवक आवश्यक रूप से उपस्थित होंगे।
उन्होने बताया कि चौपाल में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, मौसमी बीमारियां, पशु चिकित्सा व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, रसद वितरण व्यवस्था, कार्मिकों की उपस्थिति, पोषाहार वितरण, विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्यो की गुणवता एवं कार्यरत श्रमिकों की उपस्थिति, समाज कल्याण विभाग की योजनाओं आदि पर प्रत्येक ग्रामवार चर्चा की जाएगी।
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विधानसभा सत्रा के मद्दे नजर
नियन्त्राण कक्ष स्थापित
बाडमेर, 24 अगस्त। तेरहवीं विधानसभा के सप्तम सत्रा के दौरान विधानसभा सदस्यों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों, ध्यानाकर्षण प्रस्तावों एवं विशेष उल्लेख प्रस्तावों आदि के निर्धारित समय पर उतर भिजवाने हेतु जिला कार्यालय के कांफ्रेन्स हॉल में नियन्त्राण कक्ष की स्थापना कीे जाकर कार्मिकों को नियुक्त किया गया है। नियन्त्राण कक्ष के टेलीफोन नम्बर 02982- 222226 एवं टोल फ्री नम्बर 1077 है।
जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बताया कि नियन्त्राण कक्ष में नियुक्त कार्मिकों द्वारा विधानसभा प्रश्नों के संबंध में प्राप्त सन्देशों एवं सूचनाओं तथा उस पर की गई कार्यवाही का इन्द्राज करने के लिए एक पृथक से पंजिका का संधारण किया जाएगा तथा वस्तुस्थिति से प्रतिदिन प्रभारी अधिकारी विधानसभा सत्रा प्रकोष्ठ एवं अतिरिक्त जिला कलेक्टर बाडमेर को अवगत कराया जाएगा। नियन्त्राण कक्ष के ऑल ओवर इन्चार्ज अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित होंगे, जिनके टेलीफोन नम्बर कार्यालय 02982- 220007 तथा निवास 02982- 220008 है।
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कृषि मण्डी के निर्वाचन आज,
आवश्यक तैयारियां पूर्ण
बाडमेर, 24 अगस्त।जिले में कृषि मण्डी समितियों के डायरेक्टर के निर्वाचन के लिए गुरूवार को मतदान करवाया जाएगा। बाडमेर तथा बालोतरा कृषि मण्डी समितियों के निर्वाचन के लिए पुख्ता प्रबन्ध किए गए है। मतदान प्रातः 8.00 बजे से सायं 5.00 बजे तक निर्धारित मतदान केन्द्रों पर कराया जाएगा। मतदान की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।
रिटर्निग अधिकारी सी.आर. देवासी ने बताया कि कृषि उपज मण्डी समिति चुनाव के लिए वोट डालने हेतु मतदाता को अपनी पहचान स्थापित करने हेतु भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्वाचक फोटो पहचान पत्रा प्रस्तुत करना होगा। यदि कोई निर्वाचक अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्रा प्रस्तुत करने में असमर्थ रहता है तो उसे अपनी पहचान स्थापित करने के लिए 17 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों मे से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा।
उन्होने बताया कि उक्त वैकल्पिक दस्तावेजों में निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व सक्षम अधिकारी द्वारा जारी फोटोयुक्त राशन कार्ड, निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व सक्षम अधिकारी द्वारा जारी गरीबी रेखा से नीचे के फोटोयुक्त फेमिली कार्ड, निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व जारी फोटोयुक्त एनआरईजीए नरेगा पारिवारिक नौकरी प्रमाण पत्रा कार्ड, श्रम योजना मंत्रालय द्वारा जारी फोटोयुक्त स्वास्थ्य बीमा योजना स्मार्ट कार्ड, स्वतन्त्राता सेनानी फोटोयुक्त पहचान पत्रा, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज जैसे भूतपूर्व सैनिक पेंशन बुक/ पेंशन अदायगी आदेश/ भूतपूर्व सैनिक विधवा/ आश्रित प्रमाण पत्रा/वृद्धावस्था पेंशन आदेश/ विधवा पेंशन आदेश जो निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व जारी हो, निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व सक्षम अधिकारी द्वारा जारी फोटोयुक्त जाति प्रमाण पत्रा, फोटोयुक्त मूल निवास प्रमाण पत्रा, निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व सक्षम अधिकारी द्वारा जारी फोटोयुक्त छात्रा पहचान पत्रा, निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व सक्षम अधिकारी द्वारा जारी फोटोयुक्त शारीरिक विकलांगता प्रमाण पत्रा, ड्राईविंग लाइसेन्स, फोटोयुक्त सम्पति दस्तावेज जैसे पट्टे, रजिस्टर्ड डीड आदि, सार्वजनिक क्षेत्रा के बैंकों/डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पास बुक और किसान पासबुक जो निर्वाचन कार्यक्रम घोष्ेिात होने की तिथि से पूर्व खाता खोला गया हो, राज्य/केन्द्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्रा के उपक्रम, स्थानीय निकाय या पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्रा, आयकर पहचान पत्रा, पीएएन नम्बर (पेनकार्ड), पासपोर्ट तथा निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व जारी फोटोयुक्त शस्त्रा लाईसेंस शामिल किए गए है।
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