गुरुवार, 25 अगस्त 2011

महापर्व पर्यूषण शुरू ..जैन समाज के आस्था एवं जप आराधना का महापर्व पर्यूषण. शुरू .


बाड़मेर
जैन समाज के आस्था एवं जप आराधना का महापर्व पर्यूषण गुरुवार से शुरू हो रहा है। पर्यूषण पर थार नगरी में इस बार विशेष आराधना की जाएगी। बाड़मेर में संतों के सानिध्य में रोजाना धर्म प्रवचनों की सरिता बहेगी। प्रवक्ता खेतमल तातेड़ ने बताया कि जैनाचार्य गुण सागर सूरि साधना भवन में कलाप्रभ सागर, जिन कांति सागर सूरि आराधना भवन में साध्वी संयम निधी एवं तेरापंथ भवन भिक्षु कुंज में विराजित समणी निर्देशिका मंजु प्रज्ञा की पावन निश्रा में पर्यूषण पर्व पर धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होंगे।
इसलिए महापर्व है पर्यूषण- यह पर्व जीवों के प्रति मैत्री भाव का संदेश देता है, पर्यूषण में शरीर पोषण के स्थान पर आत्म पोषण पर अधिक ध्यान दिया जाता है। यह पूर्व आत्मा के शुद्धिकरण का पर्व है इसलिए इससे आत्मिक उत्थान संभव है। पर्यूषण को सफल बनाने और चरमोत्कर्ष अवस्था में पहुंचाने के लिए तीन कार्य करने होते हैं। इनमें प्रतिक्रमण, आलोचना एवं क्षमायाचना प्रमुख है। साधक पर्यूषण पर्व के पावन दिनों में निरीक्षण करता है कि उसने किस किसके अंतर्मन को आघात पहुंचाया है। आत्म निरीक्षण करने पर चित्त शुद्धि ही पर्यूषण पर्व का लक्ष्य है।
श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के मंत्री जितेंद्र बाठिया ने बताया कि जैन पर्व पर्यूषण स्थानक भवन में जोधपुर से आए डॉ.चंचल मल चौरडिय़ा, रतनकंवर चौरडिय़ा व राजेश के सान्निध्य में हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। मंत्री जितेंद्र बांठिया ने बताया कि अष्ठ दिवसीय कार्यक्रम के तहत ध्यान, तप एवं दान के अलावा योग और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी जाएगी। संघ अध्यक्ष गेनमल गोगड़ ने बताया कि पर्यूषण की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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