सोमवार, 13 मई 2013

गाँव गाँव जनसंपर्क में जुटे राजस्थानी भाषा साहित्य (महोच्छब) महोत्सव को लेकर

गाँव गाँव जनसंपर्क में जुटे राजस्थानी भाषा साहित्य (महोच्छब) महोत्सव को लेकर
अर्जुन देथा मुख्य आयोजक ने कई गाँवो में किया संपर्क,
आज राजस्थानी भाषा साहित्य के फोल्डर का लोकार्पण
राजस्थानी साहित्य संस्कृति विकास सस्थान व् अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा
मान्यता संघर्ष समिति द्वारा राजस्थानी भाषा को संवैधानिक दर्जा दिये जाने की
मांग को लेकर 8 व 9 जून को बाड़मेर में राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति
महोत्सव का आयोजन महात्मा ईश्वर दास चारण छात्रावास में
होगा। इस महोत्सव की सफलता तय करने के उद्देश्य से समिति के ,प्रभारी
अर्जुनदान देथा ने झनकली हरसानी, बालेवा,देदडीयार,
फोगेरा, दुदाबेरी,सूरा, भादरेश चुली गाँवो का सघन दोरा कर महोत्सव में आम जन
की भागीदारी का न्योता दिया .देथा ने बताया की अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा
मान्यता संघर्ष समिति व राजस्थानी साहित्य एवं संस्कृति विकास समिति की ओर से
आयोजित हो रहे इस महोत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं महोत्सव महात्मा
इसरदास चारण छात्रावास बाड़मेर में आयोजित होगा और उनके इस सघन जन-संपर्क
अभियान को भारी जन-समर्थन मिल रहा है। महोत्सव में बाड़मेर, जैसलमेर,जोधपुर,
पाली, जालौर, सिरोही, नागौर, बीकानेर जिलों सहित राज्य के अन्य हिस्सों एवं
सीमावर्ती राज्यों से भी हजारों की तादाद में राजस्थानी भाषा समर्थक जुटेंगे
तथा राजस्थानी की संवैधानिक मान्यता के लिए आर-पार की लड़ाई का आगाज 'कह दो आ
डंकै री चोट, पैली भाषा - पछै वोट', 'जो राजस्थानी री बात करैला, वो राजस्थान
पै राज करैला' तथा 'मायड़भाषा रो अपमान, नहीं सहैला राजस्थान' नारों के साथ
करेंगे। देथा के अनुसार इस मांग को लेकर प्रदेशभर में आयोजनों का दौर चलेगा जो
प्रदेश का राजनीतिक माहौल बदलकर रख देंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थानी की
मान्यता से कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं होगा तथा दिल्ली एवं राजस्थान में सरकार
के समक्ष चुनौती खड़ी की जाएगी।जिसका आगाज़ बाड़मेर से होगा .

दूल्हा बारात लेकर पहुंचा,दुल्हन गायब

दूल्हा बारात लेकर पहुंचा,दुल्हन गायब
उदयपुर। बैण्ड-बाजे के साथ रविवार को दुल्हन के द्वार बारात पहुंची, लेकिन यहां दुल्हन व घराती गायब मिले। खाने के फाके पड़े सो अलग। दूल्हे के परिजनों ने अपने स्तर पर बारातियों को खाना खिलाया और सब व्यवस्था की। शादी के नाम पर यह धोखाधड़ी सागवाड़ा के दूल्हे मिलन पुरोहित व उसके परिजनों से हुई। मिलन का विवाह यहां सेक्टर-14 में जयदेव शर्मा की पुत्री पल्लवी से तय हुआ था। दूल्हा व उसके परिजन सुबह सात बजे करीब डेढ़ सौ बाराती के साथ यहां पहुंचे। दुल्हन के घर ताला लगा देखकर मोबाइल पर कॉल की, तो सभी घरातियों के फोन स्विच ऑफ थे।


गड़बड़ी की आशंका पर सागवाड़ा के ओबरी निवासी कुबेरकांत गोवर्द्धनविलास थाने में लिखित रिपोर्ट दी। पुलिस ने दिनभर दुल्हन व उसके परिजनों को ढूंढा, लेकिन कहीं पता नहीं चला। शाम को बारात बिन दुल्हन के लौट गई। पुलिस के मुताबिक नदारद हुए शर्मा व उसके परिजनों के मोबाइल की लोकेशन जयपुर की आ रही थी। जयपुर पुलिस को सूचित किया गया है। दुल्हन व उसके परिजनों के आने के बाद ही पूरे घटनाक्रम का खुलासा हो पाएगा।

लगा मिला ताला
कुबेरकांत ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि सेक्टर-14 में तंवर भवन में किराए के मकान में रहने वाले जयदेव पुत्र केसरीलाल शर्मा ने नकदी व जेवरात लेकर उसकी पुत्री पल्लवी का रिश्ता तय किया था। रविवार सुबह आठ से दस बजे के बीच विवाह होना था। वे सुबह 7 बजे ही यहां पहुंचकर दुल्हन के घर पहुंचे।


वहां ताला देखकर मकान मालिक से पूछताछ की, तब पता चला कि शर्मा पूरे परिवार के साथ दो दिन से यहां बाहर हैं, जबकि शनिवार रात ही शर्मा ने उन्हें ठहरने व सुबह जल्दी आने की जानकारी दी। शर्मा के बताए स्थान तितरड़ी स्थित एक छात्रावास में वे ठहरे। दूल्हे के परिजनों ने बताया कि छात्रावास से दुल्हन के परिजन उन्हें किसी वाटिका मे ले जाने वाले थे, लेकिन वहां ऎसा कुछ नहीं मिला।


बीमार पिता को लगा धक्का
रिश्तेदारों ने बताया कि कुबेरकांत के दोनों किडनियां खराब होने से वह डायलिसिस पर हैं। कुबेरकांत ने कहा, मैं जीवित रहते अपने घर बहू लाना चाहता था, लेकिन इस धोखाधड़ी से उन्हें धक्का लगा। बारातियों ने बताया कि शर्मा के चार पुत्रियां डूंगरपुर व आसपास के गांवों में ब्याही हुई है, लेकिन वे भी उनके ससुराल से अभी गायब हैं। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।

"साब! आप ही कोई लड़की बता दो"
परिवार के इस पहले विवाह को लेकर धमा-चौकड़ी और खुशी का आलम था। सात दिन तक नाच-गान के बाद सुबह जैसे ही बारात दुल्हन के द्वार पहुंची, सभी के होश उड़ गए। मकान मालिक कुलदीप पुत्र शंकरसिंह तंवर ने पुलिस को बताया कि जयदेव पिछले दो वर्ष से उनके यहां किराएदार है।

उसकी पांच पुत्रियां व तीन पुत्र हैं। चार पुत्रियों का विवाह हो चुका है। उसके घर मे न तो कोई सगाई समारोह हुआ, न ही शादी के जश्न को लेकर कोई तैयारियां देखी गई। शर्मा दो दिन पूर्व ही परिवार के साथ यहां से चले गए। दूल्हे के परिजनों को निराशा हाथ लगने पर वे जब थाने पहुंचे तो उन्होंने समाज व गांव में अपनी इज्जत की दुहाई देते हुए पुलिसकर्मियों को तक कह डाला कि साब आपकी नजर में कोई लड़की हो तो बता दो ताकि बैरंग बारात न लौटे।

गहलोत ने पेश की सोनिया की मखमली चादर

गहलोत ने पेश की सोनिया की मखमली चादर
जयपुर। अजमेर में चल रहे 801 वें सालाना उर्स के मौके पर सोनिया गांधी की ओर से भेजी गई मखमली चादर सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ख्वाजा साहब की मजार पर पेश की।



इस मौके पर उनके साथ केन्द्रीय कम्पनी मामलात राज्य मंत्री सचिन पायलट,पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुकुल वासनिक,राज्य के चिकित्सा मंत्री ए.ए. खान (दुरूमियां),पूर्व मंत्री डॉ. चन्द्रभान,पूर्व मंत्री अश्क अली टांक के साथ भी मौजूद रहे। सभी ने गरीब नवाज से पूरे देश में अमन,चैन,शांति और सुकून की दुआ मांगी।


सोनिया गांधी ने चादर के साथ भेजे अपने संदेश में कहा कि,"ख्वाजा साहब के 801वें मुबारक उर्स के मौके पर मैं अपनी और अपनी पार्टी की तरफ से आपकी पाक रूह को भाव-भीनी खिराजे अकीदत पेश करती हूं और आपके ख्यालात पर चलने वालों को जो दुनिया के कोने-कोने से आए हुए हैं अपनी नेक तमन्नाएं पेश करती हूं।" सोनिया का यह संदेश पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुकुल वासनिक ने दरगाह के महफिल खाने की सीढियों से पढ़कर सुनाया।


गांधी की चादर के साथ शिक्षा राज्य मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ,राज्यसभा सदस्य अश्क अली टांक,डॉ.प्रभा ठाकुर,राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष माहिर आजाद,वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष लियाकत अली,संसदीय सचिव ब्रह्मदेव कुमावत,विधायक सर्वमहेन्द्र सिंह गुर्जर,नाथूराम सिनोदिया,पूर्व विधायक डॉ. गोपाल बाहेती,हाजी कयूम खान,नगर निगम महापौर कमल बाकोलिया,नगर सुधार न्यास अध्यक्ष नरेन शाहनी भगत,अजमेर डेयरी अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी सहित अनेक जनप्रतिनिधि साथ थे।


गांधी परिवार के खादिम गनी गुर्देजी,यासीर गुर्देजी,जकरिया गुर्देजी ने गांधी की ओर से चादर चढ़वाई और मुख्यमंत्री सहित सभी की दस्तारबंदी कर तबर्रूक भेंट किया। उन्होंने सोनिया गांधी के लिए चुनरी और तबर्रूक भी भिजवाया। अंजुमन कमेटी के महामंत्री वाहिद हुसैन अंगारा तथा अन्य पदाधिकारियों ने आरकाट के दालान में मुख्यमंत्री सहित सभी को तबर्रूक भेंट किया व स्वागत किया।

कहीं फिर दगा ना दे जाएं नवाज शरीफ

कहीं फिर दगा ना दे जाएं नवाज शरीफ
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में नवाज शरीफ को हुकूमत मिलने से एक बात तो साफ हो गई है कि यह भारत के लिए सबसे कम बुरा नतीजा है। शरीफ पिछले कार्यकाल के दौरान भारत से दोस्ताना संबंध बनाने के लिए प्रयासरत थे। वर्ष 1999 में उनकी बर्बादी का करण बनी पाक सेना के साथ उनके तजुर्बे को देखते हुए यह उम्मीद की जा सकती है कि वे पाकिस्तान की बाकी सरकारों की तरह भारत की पीठ पर छुर्रा नहीं घोपेंगे।


चुनाव प्रचार के दौरान भी शरीफ ने यह कहा था कि वे भारत के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए गंभीरता से प्रयास करेंगे और कारगिल युद्ध की जांच भी करवाएंगे। गौरतलब है कि 1999 में जब भारत और पाक के बीच कारगिल युद्ध हुआ था, तब शरीफ ही पाक के प्रधान मंत्री थे, लेकिन उस वक्त आर्मी चीफ रहे परवेज मुशर्रफ ने उनका तख्ता पलट कर उन्हें देशनिकाला दे दिया था।


वहीं दूसरी ओर "अमन की आशा" के उन टूटे हुए सपनों का दर्द भी अभी भारत के दिल में जिंदा है। पाकिस्तानी राजनीतज्ञों की यह आदत रही है कि चुनाव के वक्त भारत से दोस्ती का हाथ बढ़ाने के वादे करना और चुनाव जीतते ही आसानी से उन वादों को तोड़ देना।


1993 में भी चुनाव से पहले बेनजीर भुट्टो ने बहुत भरोसे दिलाए थे कि भारत से संबंधों को सुधारेंगी और कश्मीर में शांति लाने की कोशिश करेंगी, लेकिन सत्ता उनके हाथ आते ही पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के दबाव में आकर फिर भुट्टो ने कश्मीर का राग अलापना शुरू कर दिया।


इतिहास गवाह है भारत और पाकिस्तान के इस जर्जर रिश्ते का। हालांकि नवाज शरीफ के एक बार फिर सत्ता में आने से अमन की आशा की उम्मीद बंधी है, लेकिन क्या एक बार फिर पाक पर भरोसा करना ठीक होगा, क्योंकि शरीफ के पिछले कार्यकाल में भी भारत आतंकवादी हमलों से अछूता नहीं रहा था।


गौरतलब है कि 1993 में हुए मुंबई सीरियल ब्लास्ट के बाद धमाकों के आरोपी अंडरवल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान की आईएसआई ने पाक में पनाह दी थी। इस बार देखा जाए तो शरीफ को पूर्ण बहुतमत नहीं मिला और पाकिस्तान में गंठबंधन सरकार बन रही है।


यहां इस बात की संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं कि नवाज शरीफ भारत के लिए कुछ करना चाहें और सरकार के अन्य लोग उन पर ऎसा ना करने के लिए दबाव बनाएं। इसी बीच जहां अमेरिका ने अफ्गानिस्तान से सेना हटाने की डेडलाइन दे दी है, ऎसे में पाकिस्तान सेना और आईएसआई भी क्षेत्र में अपना अधिकार बचाने के लिए जबरदस्ती घुसने की कोशिश करेगा जिसके चलते वह फिर भारत के विरोध में खड़ा हो सकता है।

7 साल की बच्ची से दुष्कर्म

7 साल की बच्ची से दुष्कर्म
भरतपुर। पुलिस थाना कैथवाड़ा के गांव मातूकी में रविवार रात एक सात वर्षीय बालिका से दुष्कर्म करने का मामल सामने आया है। बालिका सुबह एक खेत में लहुलुहान व तड़पती हुई मिली। सूचना पर बालिका को पुलिस ने कामां अस्पताल भर्ती कराया,जहां से उसे भरतपुर रैफर किया है।

पुलिस के अनुसार गांव मातूकी में एक निजी स्कूल के पास खेत में सोमवार सुबह के समय अध्यापक रमेश को एक बालिका तड़पती हुई मिली। इस पर उसने ग्रामीण व पुलिस को सूचना दी।

मौके पर पहुंची पुलिस ने बालिका को इलाज के लिए कामां अस्तपाल में भर्ती कराया,जहां उसकी हालत नाजुक होने पर उसे भरतपुर रैफर कर दिया। थाना प्रभारी कैथवाडा ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला बालिका से दुष्कर्म का है। फिलहाल वह घटना की जानकारी देने में असमर्थ है जिससे आरोपियों को पता नहीं लग सका है।

उधर,परिजनों ने बताया कि बालिका रविवार रात करीब दस बजे से गायब थी। वह शादी में शामिल होने पर एक परिजन के साथ आई हुई थी। बालिका जिस खेत में मिली है,उससे कुछ दूरी पर एक निजी स्कूल है,जहां रात में अलवर जिले के गोविंदगढ़ के गांव नियाडा से बारात आकर ठहरी थी। घटना की सूचना मिलने पर सोमवार सुबह गांव मातूकी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(डीग) सत्येन्द्र सिंह राणावत भी पहुंच गए और घटना की जानकारी ली।