जैसलमेर। मोर्टार व एमएमजी के धमाकों से गूंजा किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज
जैसलमेर। जैसलमेर देश में विषम परिस्थितियों में देश की सुरक्षा के लिए मुस्तैद जवानों के मनोरंजन तथा नए हथियारों के लिए प्रशिक्षित करने के लिए सीमा सुरक्षा बल द्वारा जिले के किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज में बटालियन सपोर्ट वैपन प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया। प्रतियोगिता में देश भर के 11 सीमांत मुख्यालयों के करीब 700 फ्रंटियर भाग ले रहे है।
46वीं अंतर सीमांत सपोर्ट वैपन प्रतियोगिता के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित अतिरिक्त महानिदेशक एम के सिघंला ने कार्यक्रम के शुभांरभ की घोषणा की। कार्यक्रम की शुरुआत से पहले फील्ड फायरिंग रेंज में अभ्यास के दौरान शहीद हुए जवानों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले दो जवानों को सभी ने नम आंखो से श्रद्धांजली दी।मुख्य अतिथि सिघंला ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में फील्ड फायरिंग रेंज में अभ्यास करते दो जवान शहीद व दो को गंभीर चोटे आई है। यह अत्यधिक दुखद है लेकिन प्रतियोगिता भी जरुरी है। सभी जवान अपने साथ काम करने वाले उन दो आत्माओं को याद कर प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर भाग ले।
प्रतियोगिता में जम्मू, कश्मीर, पंजाब, गुजरात, गुवाहाटी, बंगाल, दक्षिण बंगाल, शिलॉन्ग, मणिपुर कच्छार, त्रिपुरा व राजस्थान के सीमांत मुख्यालयों से करीब 700 फ्रंटीयर हिस्सा ले रहे है। बटालियन सपोर्ट वैपन प्रतियोगिता में 81 एमएम मोर्टार व 7.62 एमएम एमएमजी गनों से प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। पांच दिवसीय प्रतियोगिता में इन दो बंदुकों का ही अभ्यास व प्रतियोगिता करवाई जाएगी। 81 एमएम मोर्टार की मारक क्षमता 5200 मीटर है तथा यह गन पूरे कैंप को बरबार करने की क्षमता रखती है। वहीं 7.62 एमए एमएमजी की 1800 मीटर मारक क्षमता है। एमएमजी फायर गन अत्यधिक तेजी से फायर करती है। यह बंदुक 360 डिग्री पर घुमकर 1 मिनट में 220 से ज्यादा फायर करती है। जिससे दुश्मन की टुकड़ी को जल्दी ही नेस्तनाबूत करने में सक्षम है।प्रतियोगिता के उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों को दोनों हथियारों के अचूक निशानों का नमूना बताया गया। जवानों द्वारा दोनो हथियारों से विभिन्न निशाने साधकर उपस्थित सभी को रोमांचित कर दिया।
जैसलमेर। जैसलमेर देश में विषम परिस्थितियों में देश की सुरक्षा के लिए मुस्तैद जवानों के मनोरंजन तथा नए हथियारों के लिए प्रशिक्षित करने के लिए सीमा सुरक्षा बल द्वारा जिले के किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज में बटालियन सपोर्ट वैपन प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया। प्रतियोगिता में देश भर के 11 सीमांत मुख्यालयों के करीब 700 फ्रंटियर भाग ले रहे है।
46वीं अंतर सीमांत सपोर्ट वैपन प्रतियोगिता के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित अतिरिक्त महानिदेशक एम के सिघंला ने कार्यक्रम के शुभांरभ की घोषणा की। कार्यक्रम की शुरुआत से पहले फील्ड फायरिंग रेंज में अभ्यास के दौरान शहीद हुए जवानों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले दो जवानों को सभी ने नम आंखो से श्रद्धांजली दी।मुख्य अतिथि सिघंला ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में फील्ड फायरिंग रेंज में अभ्यास करते दो जवान शहीद व दो को गंभीर चोटे आई है। यह अत्यधिक दुखद है लेकिन प्रतियोगिता भी जरुरी है। सभी जवान अपने साथ काम करने वाले उन दो आत्माओं को याद कर प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर भाग ले।
प्रतियोगिता में जम्मू, कश्मीर, पंजाब, गुजरात, गुवाहाटी, बंगाल, दक्षिण बंगाल, शिलॉन्ग, मणिपुर कच्छार, त्रिपुरा व राजस्थान के सीमांत मुख्यालयों से करीब 700 फ्रंटीयर हिस्सा ले रहे है। बटालियन सपोर्ट वैपन प्रतियोगिता में 81 एमएम मोर्टार व 7.62 एमएम एमएमजी गनों से प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। पांच दिवसीय प्रतियोगिता में इन दो बंदुकों का ही अभ्यास व प्रतियोगिता करवाई जाएगी। 81 एमएम मोर्टार की मारक क्षमता 5200 मीटर है तथा यह गन पूरे कैंप को बरबार करने की क्षमता रखती है। वहीं 7.62 एमए एमएमजी की 1800 मीटर मारक क्षमता है। एमएमजी फायर गन अत्यधिक तेजी से फायर करती है। यह बंदुक 360 डिग्री पर घुमकर 1 मिनट में 220 से ज्यादा फायर करती है। जिससे दुश्मन की टुकड़ी को जल्दी ही नेस्तनाबूत करने में सक्षम है।प्रतियोगिता के उद्घाटन कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों को दोनों हथियारों के अचूक निशानों का नमूना बताया गया। जवानों द्वारा दोनो हथियारों से विभिन्न निशाने साधकर उपस्थित सभी को रोमांचित कर दिया।