सोमवार, 13 जुलाई 2015

नई दिल्ली।जम्मू-कश्मीर: ईद पर PM मोदी देंगे एक लाख करोड़ का तोहफा!

नई दिल्ली।जम्मू-कश्मीर: ईद पर PM मोदी देंगे एक लाख करोड़ का तोहफा!


पिछले साल बाढ़ की मार झेल चुके जम्मू-कश्मीर के लोगों को ईद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से बड़ा तोहफा मिलने की संभावना है। कहा जा रहा मोदी इस बार ईद पर 70,000 करोड़ या फिर एक लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री 17 जुलाई को जम्मू-कश्मीर जाएंगे, इस दौरान वह घोषणा कर सकते हैं।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के लोगों को ईद पर 70,000 करोड़ या फिर एक लाख करोड़ के राहत पैकेज का तोहफा दे सकते हैं। सूत्रों ने कहा, 'यदि इस विकास योजना की घोषणा होती है, तो यह जम्मू एवं कश्मीर के विकास के लिए मंजूर की गई अब तक की सबसे बड़ी धनराशि होगी। जम्मू कश्मीर सरकार के मुताबिक इस पैकेज में 2014 के बाढ़ पीड़ितों का संतोषजनक शेयर होगा। पीड़ितों को दस महीने बाद भी मुआवजा नहीं मिल सका है।17 जुलाई को आ रहे पीएम और वित्त मंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक समारोह में शिरकत करने 17 जुलाई को जम्मू आ रहे हैं। उनके साथ केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली भी होंगे। पीएम और वित्त मंत्री यहां जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री रहे गिरधारी लाल डोगरा के जन्म शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने आ रहे हैं। कांग्रेसी नेता गिरधारी लाल डोगरा वित्त मंत्री अरुण जेटली के ससुर भी है।

पेरिस में बंदूकधारियों ने 10 लोगों को बंधक बनाया

पेरिस में बंदूकधारियों ने 10 लोगों को बंधक बनाया
पेरिस।
फ्रांस की राजधानी पेरिस में अज्ञात बंदूकधारियों ने 10 लोगों को बंधक बना लिया है। जानकारी के मुताबिक बंदूकधारी एक प्रिमार्क (Primark) स्टोर में दुकान को लूटने की कोशिश में घुसे लेकिन पुलिस ने उन्हें घेर लिया।
लेकिन उनके साथ ही लगभग 10 अन्य ग्राहक भी स्टोर में फंसे हुए हैं। यह जानकारी पुलिस ने दी है, और यह भी बताया है कि मौका-ए-वारदात के लिए स्पेशल फोर्स को रवाना कर दिया गया है।
विलेन्यूव-ला-गैरेन (Villeneuve-la-Garenne) में हुई इस वारदात के बारे में एक पुलिस सूत्र ने अज्ञात रहने की शर्त पर बताया, "सुबह लगभग 6:30 बजे (05:30 बजे जीएमटी) दो या तीन हथियारबंद अपराधी प्रिमार्क स्टोर में गए थे, और शुरू में हमने सोचा कि यह लूट की कोशिश का मामला है।"

नई दिल्ली पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन होगा पुलिस वेरीफिकेशन, घटेगी समयावधि



नई दिल्ली पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन होगा पुलिस वेरीफिकेशन, घटेगी समयावधि


पासपोर्ट बनवाने के लिए कराया जाना पुलिस वेरीफिकेशन ऑन लाइन करने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। इसकी समयावधि भी 20 दिन से घटाकर 1 हफ्ते किए जाने की योजना है। ऑनलाइन व्यवस्था के नवंबर तक अमल में आ जाने की संभावना जताई गई है।सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय पुलिस अधीक्षक स्तर के सभी अधिकारियों को यह अधिकार देने जा रहा है। इसके लिए उन्हें नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर, आधार, मतदाता पहचान पत्र और अपराध के पता लगाने वाले नेटवर्क सिस्टम के आंकड़े सुलभ कराए जाएंगे, जिससे उन्हें ऑनलाइन चेकिंग में परेशानी न आए और वे आवेदक की पहचान, पते और आपराधिक रिकॉर्ट की पुष्टि कर सकें।एक अधिकारी के अनुसार तत्काल पासपोर्ट चाहने वालों, नवीनीकरण कराने वालों और नीले पासपोर्ट (जो सरकारी अधिकारियों को जारी किए जाते हैं) के मामले में आवेदन मिलते ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

द्वारिकाधीश के छह झांकियों के दर्शन



पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ प्रन्यास, श्रीद्वारकाधीश मन्दिर कंाकरोली में प्रभु के दर्शनों की संख्या में धीरे धीरे इजाफा हो रहा है। मंदिर में रविवार को कुल छह दर्शन हुए। इसमें ग्वाल व उत्थापन के दर्शन रविवार से शुरू हुए। सभी दर्शनों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही।

कांकरोली स्थित प्रभु द्वारकाधीश मंदिर में सभी छह दर्शनों में भारी भीड़ रही। श्रद्धालु कतार में खड़े हुए प्रभु द्वारकाधीश के जयकारे लगा रहे थे। मंगला दर्शन सुबह करीब सात बजेेे खुले। इसमें बाहर व स्थानीय लोगों ने दर्शन लाभ लिया । इसके बाद सुबह करीब नौ बजे ग्वाल ,सुबह करीब 11 बजे राजभोग, शाम चार बजे उत्थापन, शाम करीब पांच बजे संध्या आरती व शाम करीब साढ़े छह बजे शयन के दर्शन हुए।

रविवार का अवकाश होने के कारण मंदिर में सभी दर्शनों में भारी भीड़ रही तथा दर्शनार्थियों ने लाइन में लग कर दर्शन किए। दिनभर काफी चहल कदमी रही। अधिक मास के चलते मंदिर में वैसे ही भीड़ रहती हे लेकिन रविवार को दकदशी होने के कारण मंदिर महिला श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक रही। इस अवसर पर उन्हों ने दान पुण्य भी किए। अनेक महिलाओं ने तो एक से अधिक झांकी के दर्शन किए। अनेक महिलाएं समूह में भजन गा रही थी।

नाव मनोरथ आज

राजनगर स्थित रामेश्वर महादेव मंदिर में भोलेनाथ श्रीनाथजी के जल विहार की झांकी के साथ नाव मनोरथ होगा। समिति अध्यक्ष जगदीशचन्द्र लड्ढा ने बताया कि जय बाबा अमरनाथ की बर्फानी की भव्य झांकी का मनोरथ होगा। श्रीनाथजी के चंदन के जल विहार की भव्य झांकी व मंदिर स्थित बगीचे में श्रीजी बाबा व लालन के नव मनोरथ की भव्य झांकी के दर्शन होंगे। दर्शन शाम चार बजे से 10 बजे तक रहेगा।

विधायक कल्याणसिंह चौहान ने नगर पालिका अध्यक्ष लालजी मीणा के साथ मंदिर पहुंच तिलकायत राकेश महाराज से आशीर्वाद लिया। तिलकायत ने वल्लभाचार्यजी की जयंती पर हुई प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। श्रीनाथजी में सोमवार शाम वृंदावन सघन कुंज माधुरी लतान तट एवं निधि स्वरूप लाड़ले लालन मोतीमहल में बिराजित होंगे व सावन-भादो का मनोरथ होगा। शयन झांकी में चंवरी विवाह खेल का मनोरथ होगा।

जोधपुर किशोरी से चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म



जोधपुर किशोरी से चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म


एक युवक ने दो साथियों के साथ मिलकर रविवार दोपहर किशोरी का अपहरण करने के बाद उससे सामूहिक दुष्कर्म किया। नांदड़ी से अपहरण के बाद आरोपी किशोरी को कार में लेकर दो घंटे तक आस-पास के इलाकों में घुमाते रहे। बाद में वे उसे घर से कुछ दूर छोड़ कर फरार हो गए।

परिजनों ने बनाड़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने रात में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया व एक बाल अपचारी को संरक्षण में लिया। कार में सामूहिक दुष्कर्म का जोधपुर में संभवत: यह पहला मामला है। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पूर्व) कैलाशसिंह सांदू के अनुसार बनाड़ रोड निवासी पन्द्रह साल की एक किशोरी दोपहर में घर से दूध लाने के लिए निकली थी।

रास्ते में उसे क्षेत्र में ही रहने वाले गणेश चौधरी ने रोक लिया। जूस पिलाने के बहाने वह उसे साथ ले गया। कुछ दूरी पर उसने किशोरी को कार टैक्सी की पिछली सीट पर बिठा लिया। जिसमें पहले से चालक सीट पर महिपाल चौधरी व पास ही बाल अपचारी भी बैठा था। यहां से तीनों किशोरी को सुनसान क्षेत्र में ले गए। चलती कार में गणेश और महिपाल ने उससे दुष्कर्म किया।

नाबालिग लड़के ने भी छेड़छाड़ की। दो घंटे बाद दोपहर में वे बनाड़ रोड पहुंचे और घर से कुछ दूर उसे उतार दिया। घबराई हालत में वह घर पहुंची और मां को आपबीती सुनाई। उसकी मां ने काम पर गए पति को फोन कर घर बुलाया। फिर तीनों बनाड़ थाने पहुंचे और पंचायत सदस्य चुनाव के चलते कैम्प कर रहे एडीसीपी सांदू को जानकारी दी। तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया। पोक्सो, सामूहिक दुष्कर्म व अपहरण का मामला दर्ज कर लिया गया है।

देर शाम तीनों को पकड़ लिया गया। पूछताछ के बाद मूलत: डांगियावास थानान्तर्गत खातियासनी हाल रामदेव नगर निवासी गणेश (19) पुत्र मांगीलाल जाट व मूलत: दईकड़ा हाल रामदेव नगर निवासी महिपाल (26) पुत्र घेवरराम जाट को गिरफ्तार तथा बाल अपचारी को संरक्षण में लिया। वारदात में प्रयुक्त महिपाल की कार भी जब्त की गई है। गणेश सीनियर सैकण्डरी तथा बाल अपचारी दसवीं कक्षा का छात्र है। जबकि महिपाल टैक्सी कार चलाता है।

foto art ...ये दिलक्श तस्वीरें मन मोह लेंगी आपका!



क्लैगनफर्ट लैंडः ऑस्ट्रिया के क्लैगनफर्ट लैंड शहर में वर्ल्ड बॉडी पेंटिंग फेस्टिवल हुआ, जिसमें 45 देशों के आर्टिस्ट्स ने हिस्सा लिया। यह फेस्टिवल 3 दिन तक मनाया गया। 
पिछले 18 सालों से जारी यह फेस्टिवल दुनियाभर के आर्टिस्ट्स को अपना काम दिखाने का मौका देता है। इसमें आर्टिस्ट इंसान के शरीर का इस्तेमाल एक कैनवास की तरह करते हैं और उस पर रंगों के जरिए तरह-तरह की डिजाइन बनाते हैं। ये पेंटिंग्स नेचर या फैंटेसी वर्ल्ड किसी से भी प्रभावित हो सकती हैं।


इस साल आर्टिस्ट्स को 'गेम्स पीपुल प्ले', 'सुरियलिज्म- रिशेप योर रियलिटी' और 'फेटिश कोचर' की थीम पर परफॉर्म करना था। आर्टिस्ट मॉडल्स को अलग-अलग लुक देते हैं। कई बार वो इसके लिए ज्वैलरी और तरह-तरह की एक्सेसरीज का भी इस्तेमाल करते हैं। 7 सदस्यों की एक जूरी इनके काम और आइडिया को परखने के लिए बनाई गई थी। इस साल न्यूजीलैंड की आर्टिस्ट सोफिया ब्यू अपने शानदार प्रदर्शन के लिए चैम्पियन चुनी गई हैं।









इस फेस्टिवल में दुनियाभर से तकरीबन 33 हजार लोग पहुंचते हैं। फेस्टिवल के दौरान बॉडी पेंटिंग से जुड़ी वर्कशॉप और लेक्चर भी रखा जाता है, ताकि कला को और बेहतर ढंग से समझा जा सके। फेस्टिवल में म्यूजिक, फैशन शो, कॉन्टेस्ट और प्रदर्शनी तक सब कुछ शामिल होता है।

रहस्य: इसलिए पूजा जाता है भगवान शिव का लिंग



शिव ब्रह्मरूप होने के कारण निष्कल अर्थात निराकार हैं । उनका न कोई स्वरूप है और न ही आकार वे निराकार हैं । आदि और अंत न होने से लिंग को शिव का निराकार रूप माना जाता है । जबकि उनके साकार रूप में उन्हे भगवान शंकर मानकर पूजा जाता है । केवल शिव ही निराकार लिंग के रूप में पूजे जाते हैं । लिंग रूप में समस्त ब्रह्मांड का पूजन हो जाता है क्योंकि वे ही समस्त जगत के मूल कारण माने गए हैं । इसलिए शिव मूर्ति और लिंग दोनों रूपों में पूजे जाते हैं ।



यह संपूर्ण सृष्टि बिंदु-नाद स्वरूप है । बिंदु शक्ति है और नाद शिव । यही सबका आधार है । बिंदु एवं नाद अर्थात शक्ति और शिव का संयुक्त रूप ही तो शिवलिंग में अवस्थित है । बिंदु अर्थात ऊर्जा और नाद अर्थात ध्वनि । यही दो संपूर्ण ब्रह्मांड का आधार है ।'शिव' का अर्थ है - 'परम कल्याणकारी' और 'लिंग' का अर्थ है - 'सृजन' । शिव के वास्तविक स्वरूप से अवगत होकर जाग्रत शिवलिंग का अर्थ होता है प्रमाण । वेदों और वेदान्त में लिंग शब्द सूक्ष्म शरीर के लिए आता है ।




यह सूक्ष्म शरीर 17 तत्वों से बना होता है । मन ,बुद्धि ,पांच ज्ञानेन्द्रियां, पांच कर्मेन्द्रियां व पांच वायु । आमतौर पर शिवलिंग को गलत अर्थों में लिया जाता है, जो कि अनुचित है या उचित यह हम नहीं जानते । वायु पुराण के अनुसार प्रलयकाल में समस्त सृष्टि जिसमें लीन हो जाती है और पुन: सृष्टिकाल में जिससे प्रकट होती है उसे लिंग कहते हैं । इस प्रकार विश्व की संपूर्ण ऊर्जा ही लिंग की प्रतीक है ।




पौराणिक दृष्टि से लिंग के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और ऊपर प्रणवाख्य महादेव स्थित हैं । केवल लिंग की पूजा करने मात्र से समस्त देवी देवताओं की पूजा हो जाती है । लिंग पूजन परमात्मा के प्रमाण स्वरूप सूक्ष्म शरीर का पूजन है । शिव और शक्ति का पूर्ण स्वरूप है शिवलिंग । शिव के निराकार स्वरूप में ध्यान-मग्न आत्मा सद्गति को प्राप्त होती है, उसे परब्रह्म की प्राप्ति होती है तात्पर्य यह है कि हमारी आत्मा का मिलन परमात्मा के साथ कराने का माध्यम-स्वरूप है,शिवलिंग ।




शिवलिंग साकार एवं निराकार ईश्वर का 'प्रतीक' मात्र है, जो परमात्मा- आत्म-लिंग का द्योतक है । शिवलिंग का अर्थ है शिव का आदि-अनादी स्वरूप । शून्य, आकाश, अनन्त, ब्रह्माण्ड व निराकार परमपुरुष का प्रतीक । स्कन्दपुराण अनुसार आकाश स्वयं लिंग है । धरती उसका आधार है व सब अनन्त शून्य से पैदा हो उसी में लय होने के कारण इसे लिंग कहा है ।




शिवलिंग हमें बताता है कि संसार मात्र पौरुष व प्रकृति का वर्चस्व है तथा दोनों एक दूसरे के पूरक हैं । शिव पुराण अनुसार शिवलिंग की पूजा करके जो भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं उन्हें प्रातः काल से लेकर दोपहर से पहले ही इनकी पूजा कर लेनी चाहिए । इसकी पूजा से मनुष्य को भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है ।

वैष्णों देवी गुफा की बोलती तस्वीरों के संग जानें कुछ राज की बातें



सम्पूर्ण भारत में देवी मां के बहुत से मंंदिर कई स्थानों पर हैं लेकिन वैष्णो देवी भारत देश के सबसे पसंदीदा तीर्थस्थलों में से एक है। जम्मू के पास स्थित है माता वैष्णो देवी का दरबार। यहां महालक्ष्मी, महासरस्वती और महाकाली तीन भव्य पिण्डियों के रूप में विराजमान हैं।
सम्पूर्ण भारत में देवी मां के बहुत से मंंदिर कई स्थानों पर हैं लेकिन वैष्णो देवी भारत देश के सबसे पसंदीदा तीर्थस्थलों में से एक है। जम्मू के पास स्थित है माता वैष्णो देवी का दरबार। यहां महालक्ष्मी, महासरस्वती और महाकाली तीन भव्य पिण्डियों के रूप में विराजमान हैं।
 

 

त्रिकुट पर्वत पर स्थित मां का भवन समुद्रतल से लगभग 4800 फीट ऊंचाई पर है।  दरबार से ढ़ाई किलोमीटर दूर भैरव जी का मंदिर है। समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 6583 फीट है। गुफा का पुराना प्रवेश द्वार जो कि काफी संकरा (तंग) है। लगभग दो गज तक लेटकर या काफी झुककर आगे बढ़ना पड़ता है तत्पश्चात लगभग बीस गज लम्बी गुफा है। गुफा के अन्दर टखनों की ऊंचाई तक शुद्ध जल प्रवाहित होता है। जिसे चरण गंगा कहते हैं। 
 
आज से कुछ वर्ष पूर्व प्रवेश द्वार संकरा होने के कारण दर्शनार्थियों को आने-जाने में काफी समय लगता था और अन्य यात्रियों को बहुत देर तक प्रतीक्षा करनी पड़ती थी, जिस कारण सीमित संख्या में लोग दर्शन कर पाते थे। सन् 1977 में दो नई गुफाएं बनाई गई। इनमें से एक गुफा में से लोग दर्शन करने अन्दर आते हैं और दूसरी गुफा से बाहर निकल जाते हैं।
 
मान्यतानुसार विश्व के प्राचीनतम ग्रंथ ‘ऋग्वेद’ में भी इस त्रिकुटा पर्वतमाला के बारे में धार्मिक पक्ष का वर्णन किया गया है। इतना ही नहीं, पौराणिक काल में भी इसका वर्णन मिलता है। जब कुरुक्षेत्र के युद्ध से पहले भगवान श्री कृृष्ण ने पांडव पक्ष के प्रमुख योद्धा अर्जुन को आदिशक्ति मां भगवती से आशीर्वाद प्राप्त करने का आदेश दिया, तो अर्जुन ने अपनी प्रार्थना में देवी को जम्बू (वर्तमान जम्मू) के समीप पर्वतों की ढलानों पर निवास करने वाली शक्ति के रूप में संबोधित किया। इससे स्पष्ट होता है कि पांडवों को उस समय भी त्रिकुटा पर्वतमाला में मां शक्ति की मौजूदगी का आभास था। 
 
एक मान्य कथा के अनुसार देवी का जन्म त्रेता युग में दक्षिण भारत के ‘रामेश्वरम’ अथवा श्री रामापुरम क्षेत्र में एक राजकन्या के रूप में हुआ। वह एक अत्यंत गंभीर, सूझवान तथा आध्यात्मिक कन्या थीं और बड़ी होकर उन्होंने घोर तपस्या हेतु त्रिकुटा पर्वतमाला की ओर प्रस्थान किया जो हिमालय पर्वत की पवित्र तथा सौम्य पर्वतमाला मानी जाती थी। यहां देवी ने इतनी गंभीर तपस्या की कि युगों के युग बदल गए। ‘कलियुग’ के समय में आदिशक्ति ने त्रिकुटा पर्वत माला की ढलानों पर स्थित इसी गुफा में स्वयं को ‘पिंडी’ रूप में प्रकट किया। इस गुफा में देवी के चरणों में गंगा रूपी जल प्रवाहित हो गुफा में जाता रहा तथा यहां भगवान शिव का शिवलिंग, श्री गणेश, सूर्यदेव, कामधेनु के अलावा कई देवी-देवताओं के चिन्ह भी विद्यमान हैं।
 
मान्यतानुसार मां पार्वती के आशीष का तेज इस गुफा पर पड़ता है जिसकी आराधना में 33 करोड़ देवता सदा लगे रहते हैं। 750 वर्ष प्राचीन मान्य कथानुसार कटड़ा के समीप ‘भूमिका’ नामक स्थान पर देवी माता के भंडारे का आयोजन किया गया। इस भंडारे में भक्त, साधुजन तथा आसपास के गांवों के लोग शामिल थे। उस भंडारे का आयोजन जिस सात-आठ वर्ष की एक दिव्य कन्या की प्रेरणा से किया गया था, वह किसी कारण भंडारे के ही दौरान वहां से चली गई। इस हादसे से भक्त श्रीधर त्रस्त हो उठे, वह कई दिनों तक उस बालिका की तलाश में इधर-उधर इतना भटके कि उन्हें भूख-प्यास किसी भी चीज की सुध न रही। आखिर उनकी अगाध श्रद्धा तथा अविचलित भक्ति देखकर मां भगवती ने उन्हें स्वप्न में दर्शन देकर अपनी गुफा का मार्ग दिखाया तथा भक्त श्रीधर अपने स्वप्न में दिखे कुछ स्थानों को पहचानते हुए देवी माता की गुफा तक पहुंचे। 


त्रिकुट पर्वत पर स्थित मां का भवन समुद्रतल से लगभग 4800 फीट ऊंचाई पर है। दरबार से ढ़ाई किलोमीटर दूर भैरव जी का मंदिर है। समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 6583 फीट है। गुफा का पुराना प्रवेश द्वार जो कि काफी संकरा (तंग) है। लगभग दो गज तक लेटकर या काफी झुककर आगे बढ़ना पड़ता है तत्पश्चात लगभग बीस गज लम्बी गुफा है। गुफा के अन्दर टखनों की ऊंचाई तक शुद्ध जल प्रवाहित होता है। जिसे चरण गंगा कहते हैं।



आज से कुछ वर्ष पूर्व प्रवेश द्वार संकरा होने के कारण दर्शनार्थियों को आने-जाने में काफी समय लगता था और अन्य यात्रियों को बहुत देर तक प्रतीक्षा करनी पड़ती थी, जिस कारण सीमित संख्या में लोग दर्शन कर पाते थे। सन् 1977 में दो नई गुफाएं बनाई गई। इनमें से एक गुफा में से लोग दर्शन करने अन्दर आते हैं और दूसरी गुफा से बाहर निकल जाते हैं।



मान्यतानुसार विश्व के प्राचीनतम ग्रंथ ‘ऋग्वेद’ में भी इस त्रिकुटा पर्वतमाला के बारे में धार्मिक पक्ष का वर्णन किया गया है। इतना ही नहीं, पौराणिक काल में भी इसका वर्णन मिलता है। जब कुरुक्षेत्र के युद्ध से पहले भगवान श्री कृृष्ण ने पांडव पक्ष के प्रमुख योद्धा अर्जुन को आदिशक्ति मां भगवती से आशीर्वाद प्राप्त करने का आदेश दिया, तो अर्जुन ने अपनी प्रार्थना में देवी को जम्बू (वर्तमान जम्मू) के समीप पर्वतों की ढलानों पर निवास करने वाली शक्ति के रूप में संबोधित किया। इससे स्पष्ट होता है कि पांडवों को उस समय भी त्रिकुटा पर्वतमाला में मां शक्ति की मौजूदगी का आभास था।



एक मान्य कथा के अनुसार देवी का जन्म त्रेता युग में दक्षिण भारत के ‘रामेश्वरम’ अथवा श्री रामापुरम क्षेत्र में एक राजकन्या के रूप में हुआ। वह एक अत्यंत गंभीर, सूझवान तथा आध्यात्मिक कन्या थीं और बड़ी होकर उन्होंने घोर तपस्या हेतु त्रिकुटा पर्वतमाला की ओर प्रस्थान किया जो हिमालय पर्वत की पवित्र तथा सौम्य पर्वतमाला मानी जाती थी। यहां देवी ने इतनी गंभीर तपस्या की कि युगों के युग बदल गए। ‘कलियुग’ के समय में आदिशक्ति ने त्रिकुटा पर्वत माला की ढलानों पर स्थित इसी गुफा में स्वयं को ‘पिंडी’ रूप में प्रकट किया। इस गुफा में देवी के चरणों में गंगा रूपी जल प्रवाहित हो गुफा में जाता रहा तथा यहां भगवान शिव का शिवलिंग, श्री गणेश, सूर्यदेव, कामधेनु के अलावा कई देवी-देवताओं के चिन्ह भी विद्यमान हैं।



मान्यतानुसार मां पार्वती के आशीष का तेज इस गुफा पर पड़ता है जिसकी आराधना में 33 करोड़ देवता सदा लगे रहते हैं। 750 वर्ष प्राचीन मान्य कथानुसार कटड़ा के समीप ‘भूमिका’ नामक स्थान पर देवी माता के भंडारे का आयोजन किया गया। इस भंडारे में भक्त, साधुजन तथा आसपास के गांवों के लोग शामिल थे। उस भंडारे का आयोजन जिस सात-आठ वर्ष की एक दिव्य कन्या की प्रेरणा से किया गया था, वह किसी कारण भंडारे के ही दौरान वहां से चली गई। इस हादसे से भक्त श्रीधर त्रस्त हो उठे, वह कई दिनों तक उस बालिका की तलाश में इधर-उधर इतना भटके कि उन्हें भूख-प्यास किसी भी चीज की सुध न रही। आखिर उनकी अगाध श्रद्धा तथा अविचलित भक्ति देखकर मां भगवती ने उन्हें स्वप्न में दर्शन देकर अपनी गुफा का मार्ग दिखाया तथा भक्त श्रीधर अपने स्वप्न में दिखे कुछ स्थानों को पहचानते हुए देवी माता की गुफा तक पहुंचे।

रविवार, 12 जुलाई 2015

जयपुर शिक्षा विभाग के तबादला कैम्प में मारपीट,कर्मचारियो ने किया कार्यबहिष्कार



जयपुर   शिक्षा विभाग के तबादला कैम्प में मारपीट,कर्मचारियो ने किया कार्यबहिष्कार
शिक्षा विभाग में चल रहा तबादलों आैर समानीकरण का कार्य में आैर देरी हो सकती है। पिछले करीब दो माह से इस काम में लगे कर्मचारियों ने शिक्षा राज्य मंत्री के स्टाफ के दो लोगों पर दुव्यर्वहार आैर मारपीट का आरोप लगाते हुए रविवार को कार्य बहिष्कार कर दिया।नाराज निदेशालय कार्मिकों ने शहर के झालाना डूंगरी स्थित पाठ्य पुस्तक मण्डल भवन में शिक्षा राज्यमंत्री और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नाराज कर्मिकों ने शिक्षा राज्यमंत्री के निजी स्टाफ के कर्मचारी राजीव जैन और नंदलाल सैनी पर गाली-गलौच और मारपीट करने का आरोप लगाया है।


बाडाबंदी का भी लगाया आरोप

इस घटना के विरोध में कर्मचारी पाठ्य पुस्तक मण्डल भवन से बाहर निकल आए और जमकर नाराजगी जतार्इ। साथ ही इन्होनें आरोप लगाया कि पिछले 60 दिनों से तबादला प्रक्रिया के चलते इनकी बाड़ाबंदी की गई है। इन्हे सिर्फ दो बार घर जाने दिया गया है। यहां उनके परिवार से किसी के भी मिलने आऩे पर मिलने नहीं दिया जाता साथ ही कर्मचारियों को फोन रखने की अनुमति नहीं होने से वे किसी तरह से अपने परिजनों से सम्पर्क में भी नहीं कर सकते।

निलम्बन की मांग

साथ ही पाठ्यपुस्तक मण्डल में सुविधाओं को कमी को लेकर भी कर्मचारियो ने रोष जताया। नाराज कर्मचारियो ने घटना के विरोध में धरना देने का एेलान करते हुए राजीव जैन और नंदलाल सैनी के निलम्बन की मांग की है। और मांगे नंही माने जाने तक कार्यबहिष्कार की घोषणा की है। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग में तबादलों के लिए लगाए इस कैम्प में सभी मण्डलों और निदेशालयों से आए हुए कर्मिक आए हुए है।

फिल्मी स्टाइल में पुलिस और एटीस ने किया पीछा, तब पकड़ा गया फरार आरोपी

फिल्मी स्टाइल में पुलिस और एटीस ने किया पीछा, तब पकड़ा गया फरार आरोपी

श्रीगंगानगर. कोतवाली और जवाहरनगर पुलिस टीम ने जयपुर की एसओजी की मदद से 12 साल से फरार चल रहे आरोपी को फिल्मी स्टाइल में पिछा कर पकड़ा। आरोपी को गिरफ्तार कर श्रीगंगानगर स्थित अदालत में पेश किया गया। उसे जेल भेजने के आदेश हुए। कोतवाली थाना से कांस्टेबल कंवरपालसिंह और जवाहरनगर थाना से सतवीरसिंह की टीम को 12 सालों से फरार चल रहे आरोपी 44 एलएलडब्ल्यू निवासी 40 वर्षीय श्योपतराम पुत्र दुलीचंद जाट को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी दी गई। आरोपी जी ब्लॉक में साइबर कैफे चलाता था। उस दौरान लाखों रुपए की धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए। आरोपी इसके बाद से फरार था। उसके परिवार के सदस्यों के मोबाइल से किए गए कॉल से पता चला कि आरोपी जयपुर स्थित वैशालीनगर इलाके में रहता है। उसको गिरफ्तार करने के लिए टीम जयपुर वैशालीनगर थाने पहुंची तब आरोपी को इस बात का पता चल गया। वह अपनी कार पर फरार हो गया। पुलिस की एंटी टेरेरिस्ट स्कॉड (एटीएस) टीम के साथ गंगानगर पुलिस ने उसका पीछा किया। आरोपी को आेवरटेक कर रुकने का इशारा किया। उसकी कार के आगे पुलिस ने अपनी गाड़ी लगा दी तब आरोपी को सरेंडर करना पड़ा।

जयपुर में चलाता है कोचिंग इस्टीटयूट

आरोपी यहां से फरार होने के बाद जयपुर के वैशालीनगर इलाके में आर्यभट कोचिंग इस्टीटयूट के नाम से आईएएस और आईपीएस की कोचिंग कलासें लगाने लगा। वह जयपुर में सेवानिवृत कर्नल की कोठी में पांच हजार रुपए मासिक के किराए पर रह रहा था।

बीकानेर तीन ग्रामसेवक निलम्बित

बीकानेर तीन ग्रामसेवक निलम्बित


बीकानेर लूणकरनसर ग्राम पंचायत में नियम विरूद्ध पट्टे जारी करने के आरोप में तीन

ग्राम सेवकों को निलम्बित कर दिया गया है।

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.एल. मेहरड़ा ने बताया कि ग्राम पंचायत लूणकरनसर में नियम विरूद्ध पट्टे जारी करने के प्रकरण की जांच उप खण्ड अधिकारी एवं विकास अधिकारी लूणकरनसर द्वारा करवाई गई।

रिपोर्ट में गम्भीर अनियमितताएं प्रमाणित होने पर लूणकरनसर के तत्कालीन ग्राम सेवक मुखराम महिया, विश्वनाथ सिद्ध एवं उदयभान यादव को निलम्बित किया और निवर्तमान सरपंच पृथ्वीराज वर्मा के विरुद्ध पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 38 के तहत कार्यवाई के लिए सम्भागीय आयुक्त बीकानेर को आरोप पत्र भिजवाया गया है।

मेहरडा ने बताया कि पट्टों में गड़बड़ी के मामले का प्रकरण भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में दर्ज करवाने के निर्देश विकास अधिकारी को देते हुए उक्त अवधि में जारी अनियमित पट्टों को निरस्त करने की कार्रवाई के लिए आदेश दिए गए हैं।

दो विकास अधिकारियों को 17 सीसीए में

आरोप पत्र

महात्मा गांधी नरेगा योजना में ग्रेवल सड़कों पर से मिट्टी हटाए जाने के मामले में गड़बड़ी पाये जाने पर पंचायत समिति नोखा के दो विकास अधिकारियों को 17 सीसीए नियमों के तहत आरोप पत्र जारी किए गए है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद, बीकानेर बी.एल. मेहरडा ने बताया कि नोखा पंचायत समिति की सात ग्राम पंचायतों में ग्रेवल सडक से मिट्टी हटाने के कार्य में गड़बड़ी की जांच राज्य स्तरीय जांच दल द्वारा की गई थी, जिसकी सुनवाई अति. कलक्टर प्रशासन द्वारा की जा रही है।

नोखा के पूर्व विकास अधिकारी रामचन्द्र जाट एवं वर्तमान विकास अधिकारी साजिया तबस्सुम की सुनवाई में उपस्थित न होने एवं बार बार नोटिस दिए जाने के बावजूद विभागीय पक्ष नहीं रखने के आरोप में मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.एल. मेहरड़ा ने आरोप पत्र जारी किए है।

जयपुर भाजपा विधायक की गाडी का एक्सीडेंट ! ड्राईवर की मौत

जयपुर  भाजपा विधायक की गाडी का एक्सीडेंट ! ड्राईवर की मौत 



भादरा के विधायक संजीव बेनीवाल की गाडी पेड़ से टकराकर दुघर्टनाग्रस्त हो गर्इ। हादसे में भाजपा विधायक बेनीवाल अौर उनके ड्राईवर गंभीर रूप से घायल हो गये। बताया जा रहा है कि ये दुघर्टना रविवार अल सुबह हुर्इ।

विधायक बेनीवाल दिल्ली में आयोजित भाजपा संगठन की आेर से आयोजित महासम्पर्क अभियान की समीक्षा बैठक में शामिल होने जा रहे थे। ये हादसा भादरा के पास शेरपुरा रोड़ पर हुआ ।हादसे में विधायक बेनीवाल को कन्धे में चोट लगी है। वहीं विधायक की गाडी के पेड से टकराने की सूचना पर स्थानीय प्रशासन के अधिकारी माैके पर पहुंचे आैर विधायक आैर घायल ड्राईवर वीरेन्द्र का अस्पताल में उपचार कराया। दुघर्टना में ड्राईवर की हालत गंभीर होने के चलते उन्हे सिरसा भेजा गया है।जन्हा उसने दम तोड़ दिया

पुरानी रंजिश थी, सिर में रॉड की चोट से मार डाला

पुरानी रंजिश थी, सिर में रॉड की चोट से मार डाला

केसरीसिंहपुर समीपवर्ती गांव दो डब्ल्यू गुरुसर में पुरानी रंजिश के चलते शनिवार शाम को गांव की मुख्य सड़क पर एक व्यक्ति के सिर में रॉड मारकर उसकी हत्या कर दी और आरोपी फरार हो गया।

एसआई सतीश पूनिया के अनुसार मृतक गुरमीत सिंह पुत्र मुखत्यार सिंह निवासी गांव दो डब्ल्यू गुरुसर को जब यहां के सरकारी अस्पताल में लाया गया तब तक उसने दम तोड़ दिया था। पुलिस के अनुसार मृतक के परिजनों का आरोप है कि गांव के बलराज सिंह पुत्र नक्षत्र सिंह ने पुरानी रंजिश के चलते मुख्य सड़क पर गुरमीत सिंह के सिर में रॉड मारकर हत्या कर दी। वारदात की सूचना मिलने पर परिजन गुरमीत सिंह को मौके से उठाकर अस्पताल पहुंचे और पुलिस को सूचना दी । अस्पताल पहुंची पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवा दिया। पूनिया ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी गई और मौका मुआयना किया गया। समाचार लिखे जाने तक थाने में मामला दर्ज नहीं हुआ था। हालांकि पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कार्रवाई शुरू कर दी।

शादी का झांसा देकर अजमेर व इंदौर में करता रहा यौन शोषण

शादी का झांसा देकर अजमेर व इंदौर में करता रहा यौन शोषण
उदयपुर. शादी का झांसा देने के बाद वह अजमेर और इंदौर ले जाकर उसके साथ यौन शोषण करता रहा। प्यार में चोट खाने के बाद युवती ने उदयपुर के हाथीपोल थाने में इस संबंध में मामला दर्ज कराया है।

पीडि़ता ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि चमनपुरा निवासी इरशाद उर्फ गुलगुल उसे शादी के लिए अपने साथ लेकर चला गया।

आरोपित ने उसे अजमेर और इंदौर में रखकर शारीरिक संबंध बनाए। इस दौरान उसकी अंगूठी और सोने की चेन भी बिकवा दी। अब वह शादी से मुकर गया।

पुलिस ने बताया कि कुछ समय पूर्व इस युवती की थाने में गुमशुदगी दर्ज हुई थी। पुलिस ने इसे युवक के साथ बरामद किया था।

बयान में उसने युवक के साथ जाने की इच्छा जाहिर कर की थी और बाद में वह साथ चली गई। मनमुटाव के कारण उसने वापस मामला दर्ज करवाया है।

विंबलडन: वुमंस डबल्स ग्रैंडस्लैम जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं सानिया

विंबलडन: वुमंस डबल्स ग्रैंडस्लैम जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं सानिया

लंदन. सानिया मिर्जा और मार्टिना हिंगिस की जोड़ी विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट में वुमंस डबल्स चैम्पियन बन गई है।फाइनल में टॉप सीड भारतीय और स्विस जोड़ी ने सेकंड सीड रूसी जोड़ी एकाटेरिना मकारोवा और एलेना वेस्नीना को हराया। दो घंटे और 47 मिनट तक चले इस मुकाबले में सानिया-हिंगिस की जोड़ी 5-7, 7-6, 7-5 से जीतने में सफल रही। इस जीत के साथ सानिया ने पहली बार वुमंस डबल्स ग्रैंडस्लैम खिताब अपने नाम किया है। ये कामयाबी करने वाली सानिया पहली इंडियन प्लेयर हैं। इससे पहले इस भारतीय खिलाड़ी ने मिक्स्ड डबल्स में ऑस्ट्रेलियन, फ्रेंच और यूएस ओपन के खिताब जीते हैं। सानिया-मार्टिना हिंगिस की विजेता जोड़ी को 5.47 लाख डॉलर (3.34 करोड़ रु.) इनामी राशि मिली।

पिछड़ने के बाद की जोरदार वापसी

सानिया-हिंगिस की जोड़ी को पहले सेट में 5-7 से हार का सामना करना पड़ा। दूसरा सेट भी पहले सेट की तरह बेहद कांटे का रहा और टाईब्रेकर तक पहुंचा। टाईब्रेकर में सानिया और हिंगिस की जोड़ी ने 7-4 से जीत दर्ज कर स्कोर 1-1 कर दिया। तीसरे और निर्णायक सेट में एक बार फिर दोनों टीमों ने एक-दूसरे को मात देने के लिए पूरा जोर लगाया। तीसरे सेट में जब स्कोर 5-5 था उस समय अंधेरा होने के कारण मैच रोकना पड़ा। इसके बाद ऑल इंग्लैंड क्लब की छत को बंद करके आगे का मुकाबला खेला गया। खेल दोबारा शुरू होने पर सानिया-हिंगिस की जोड़ी ने लगातार दो गेम जीतकर मैच अपने नाम कर लिया। सानिया का यह पहला विंबलडन महिला डबल्स खिताब है। 1997 की विंबलडन सिंगल्स चैम्पियन हिंगिस इससे पहले 1996 में हेलेना सुकोवा और 1998 में जाना नोवोत्रा के साथ वीमेंस डबल्स खिताब जीत चुकी हैं।

सानिया के ग्रैंड स्लैम खिताब

2009 में महेश भूपति के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन का मिक्स डबल्स खिताब जीता।

2012 में भी महेश भूपति के साथ फ्रेच ओपन मिक्स डबल्स खिताब जीता।

2014 में ब्राजील के ब्रूनो सुआरेस के साथ यूएस ओपन मिक्स डबल्स खिताब जीता।

सानिया को पूरे करियर में 50 लाख डॉलर (रु. 31.60 करोड़) प्राइज मनी मिल चुकी है।