मंगलवार, 17 मार्च 2015

बालोतरा। भारतीय किसान संघ की बेठक हुई आयोजित ,जिला कलेक्टर को सौपा ज्ञापन

बालोतरा। भारतीय किसान संघ की बेठक हुई आयोजित ,जिला कलेक्टर को सौपा ज्ञापन 



रिपोर्ट :- ओमप्रकाश सोनी / बालोतरा 

भारतीय किसान संघ बालोतरा की बेठक डाक बंग्ले में आयोजित हुइ। बेठक मे समुचे उपखण्ड के काष्तकारो ने भाग लिया। बेठक के दोरान बेमोसम बारिष से हुये खराबे पर चिंता व्यक्त करते हुये किसानो ने सरकार से फसलो में हुये खराबे का समुचित मुआवजा दिलाने की मांग रखी। बेठक के बाद में किसानो ने भारतीय किसान संघ के बेनर तले जिला कलेक्टर मधुसुधन शर्मा को डाक बंग्ले में ज्ञापन दिया। 

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ज्ञापन मे किसानो ने बेमोसम हुई बारिष से हुये खराबे का किसानो को सरकार से उचित मुआवजा दिलवाने की मांग की गई। किसानो ने जिला कलेक्टर को अगवत करवाया कि नुकसान का सर्वे करने वाले कार्मिक कार्यालयो में बेठे बेठे ही मनमर्जी से सर्वे करते है जिससे वास्तविक नुकसान का आंकलन नही होता है ओर किसानो को राहत नही मिलती है। किसान संघ ने फसलो में हुये नुकसान का वास्तविक सर्वे करने के लिये कार्मिको को पाबंद करने की मांग की है।


दो किलो अफीम बरामद, एक युवक गिरफ्तार

दो किलो अफीम बरामद, एक युवक गिरफ्तार

जोधपुर। सूरसागर थाना पुलिस ने एक अफीम तस्कर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने तस्कर से दो किलो सौ ग्राम अफीम बरामद कर उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया है। पुलिस के अनुसार तस्कर प्रेम विष्नोई मूलतयः जोलयानी हाल सूरसागर के भोजावतों का बास का निवासी है।


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पुलिस ने तस्कर से 10-10 ग्राम की दो सौ दस अफीम की पुड़िया बरामद की जिसे वह स्थानीय स्तर पर सप्लाई करता था। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि यह अफीम मध्यप्रदेष के मंदसौर से खरीद कर लाया हैं।पुलिस के अनुसार आरोपी का पिता हुकमाराम विष्नोई को पांच वर्ष पूर्व पंजाब पुलिस ने पन्द्रह किलो अफीम के दूध के साथ पकड़ा था। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और तस्कर से संबंधित आगे जांच शुरु कर दी है।

जयपुर में फर्जी बैंक को जानकारी देने के बाद एटीएम से निकले हजारों रूपये

जयपुर में फर्जी बैंक को जानकारी देने के बाद एटीएम से निकले हजारों रूपये

जयपुर| राजधानी जयपुर के आदर्श नगर थाने में एटीएम से हजारों रूपए निकलने का मामला सामने आया है| गोवर्धनपुरी गलता गेट के विमल कुमार ने इस संबंध में मामला दर्ज कराया है| पीड़ित विमल के पास बैंक कर्मी का फ़ोन आया और एटीएम कार्ड की जानकारी मांगी|

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पीड़ित ने फर्जी बैंक को एटीएम कार्ड की जानकारी दे दी| थोड़ी ही देर बाद अचानक पीड़ित के मोबाइल पर एक-एक कर दो बार हुए ट्रांजेक्सन होने का मैसेज आया तो पीड़ित के होश उड़ गए|



रुपये पंजाब नेशनल बैक के एटीएम से निकलने का मैसेज आया| पीड़ित तुरंत आदर्श नगर थाने पहुंचा और रिपोर्ट दर्ज करवाई| पुलिस की जानकारी के अनुसार पीड़ित के खाते से किसी अज्ञात शख्स ने ट्राजिंक्शन कर 20 हजार रूपए निकाल लिए| पीड़ित की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच कर रही है|

मासूम का दुश्मन बना बाप, बेटे को जलाकर किया राख

मासूम का दुश्मन बना बाप, बेटे को जलाकर किया राख


भीलवाड़ा। निर्दयी पिता की करतूत...सबका दहला दे कलेजा...इस पिता ने 7 साल के बच्चे को जला कर दिया राख। हडिडयों के सिवा नहीं छोड़ा नामों निशान...पोस्टमार्टम के लिए पुलिस भी खोजती रह गई अवशेष..
दरअसल यह दर्दनाक घटना भीलवाड़ा जिले के बोगोर थाने के आदर्श नगर गांव की है। जहां सोमवार को एक घटना ने इलाके के लोगों को अचरज में डाल दिया।

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आपको बता दें कि यह घटना है 7 साल के एक मासूम की है, जिसे पिता ने जला कर मौत की नींद सुला दिया। गांव के निवासी रामदेव बलाई के घर से धुंआ उठता देख आसपास के लोग उसके घर पहुंचे, तो मृतक राहुल की जलती हड्डियां मिली। गांव के लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी, तो एफएसएल टीम के साथ पुलिस मौके पर पहुंच गई।




वहीं पुलिस ने बताया कि मृतक बच्चे को जहां जलाया गया था वहां केवल लकड़ियां और टायर के तार व अधजला बिस्तर मिला है। पुलिस ने वहां बागौर चिकित्सालय से डाक्टर सी.पी. गोस्वामी को भी बुलाया था। वहीं पुलिस का कहना है कि राख और हड्डियों का ही मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।



मृतक के पड़ोसियों ने बताया कि रविवार को उसके घर के पास भजन-कीर्तन हो रहा था, जिससे नींद आने पर राहुल करीब 11 बजे अपने घर चल गया और वह दादी के पास सो गया। इसके बाद ही घटना को अंजाम दिया गया है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि राहुल 6 माह का था, तब ही इसके पिता की आदतों से परेशान होकर इसकी मां संतोष देवी उसे छोडकर चली गई थी। उसके बाद इसके पिता ने दूसरी शादी कर ली, दो साल बाद वह भी छोड़कर चली गई। जिससे रामदेव का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। फिलहाल पुलिस ने रामदेव को हिरासत में लेकर घटना के कारणों का पता लगाना शुरु कर दिया है।

दो साल बाद जागा नगर निगम कॉम्पलैक्स किया सीज़

दो साल बाद जागा नगर निगम कॉम्पलैक्स किया सीज़

अजमेर। अजमेर नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक कॉम्पलेक्स को सीज कर दिया है। कचहेरी रोड स्थित 12 फिट की सकदी गली में पुलिस का भारी जाब्ता लगाकर निगम अधिकारियों ने कॉम्पलेक्स में 24 दुकानों को सीज कर दिया। कॉम्पलेक्स मालिक पर आवासीय नक़्शे पर चार मंजिला कॉम्पलेक्स खड़ा करने का आरोप था। मगर ख़ास बात यह है कि कॉम्पलेक्स एक रात में तो बना नही। ऐसे में सवाल उठता है कि दो वर्ष से कॉम्पलेक्स बन रहा था , तब नगर निगम क्या कर रहा था। नींद की बात हो तो रावण के भाई कुम्भकरण की चर्चा पहले होती है। माना जाता है कि कुम्भकरण एक वर्ष में एक बार जरूर जागता था। मगर अजमेर का नगर निगम ने तो कुम्भकरण को भी मात दे दी है।

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नगर निगम से चंद कदमो की दुरी पर आवासीय नक़्शे पर बने व्यावसायिक काम्प्लेक्स को आज सीज कर दिया गया। हैरत कि बात यह है कि दो साल से कॉम्पलेक्स बनकर ना केवल खड़ा हो गया। बल्कि उसमे व्यावसायिक गतिविधिया भी शुरू हो गई और अब जाकर नगर निगम की आखे खुली। इसके बाद निगम ने कहचेरी रोड स्थित 12 फुट की गली में बने सतगुरु कॉम्पलेक्स में बनी 24 दुकानों को सीज कर दिया। काम्प्लेक्स के पहले और दूसरे तल में कॉम्पलेक्स मालिक मिरचु राम कई दुकाने बेच चूका है। वही कई दुकाने किराए पर दी जा चुकी है। निगम की कार्रवाई के बाद सारे दुकानदार अपना सामान लेकर सड़क पर आ गए है। वही निगम के एईएन गोविन्द मोहन का कहना है कि कॉम्पलेक्स मालिक को पांच बार नोटिस भेजने और उसका पक्ष सुनने के बाद कॉम्पलेक्स को सीज करने की कार्रवाई की गई है।



इधर कॉम्पलेक्स मालिक मिरचु राम ने नगर निगम की कार्रवाई को गलत ठहरा रहा है। लेकिन कार्रवाई को गलत ठहराने का उसके पास कोई प्रमाण भी नही है। दरअसल मिरचु राम ने काम्प्लेक्स का काम शुरू करने से पूर्व निगम से आवासीय नक्शा स्वीकृत करवाया था। इसके बाद दो साल में उसने काम्प्लेक्स खड़ा कर लिया। हैरत की बात यह है कि इस दौरान निगम ने उस पर कोई कार्रवाई नही की। जबकि अब कॉम्प्लेक्स में व्यावसायिक गतिविधिया शुरू हुए करीब पांच माह बीत गए। अब निगम ने कॉम्पलेक्स को सीज कर मालिक सहित दुकानदारों को बाहर कर दिया।



किसी भी व्यावसायिक कॉम्पलेक्स के आगे बीस फुट खाली जगह छोड़ने का प्रावधान है। मगर काम्प्लेक्स मालिक ने गली में कोई जगह नही छोड़ी। अजमेर में यह पहला मामला नही है। ऐसे करीब 4 दर्जन से अधिक कॉम्पलेक्स है। जिनके पास व्यवसाहिक नक़्शे नही है और ना ही उनमे पार्किंग के लिए कोई जगह है। उम्मीद कि जा रही है कि 2 वर्ष बाद जागे नगर निगम अब सोने से पहले अन्य कॉम्पलेक्स के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा।

जाटों को आरक्षण देने की जरूरत नहीं-सुप्रीम कोर्ट

जाटों को आरक्षण देने की जरूरत नहीं-सुप्रीम कोर्ट

जाटों को एक बार फिर उच्च न्यायालय से तगड़ा झटका लगा जब जाट आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया । सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि जाट आरक्षण की जरूरत नहीं है। 9 राज्यों में जाट आरक्षण लागू था। यूपीए सरकार में ये फैसला लिया गया था जिसे मोदी सरकार ने भी जारी रखा था।

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सुप्रीम कोर्ट ने इसपर सुनवाई में कहा है कि जाटों को आरक्षण की जरूरत नहीं है। यूपीए सरकार ने 2014 में जाठों को ओबीसी लिस्ट में शामिल किया था, जिससे उन्हें 9 राज्यों में ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण मिल गया था, लेकिन कुछ ओबीसी संगठनों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।



उनकी दलील थी कि ओबीसी में जाठों को शामिल करने से ओबीसी लिस्ट पहले से मौजूद जातियों पर असर पड़ेगा। कोर्ट का कहना है कि जबसे एससी रिजर्वेशन शुरू हुआ है तब से इसमे सिर्फ समावेश ही हुआ है , कोई अपवर्जन नहीं हुआ है। कोर्ट ने कहा है की सरकार द्वारा बगैर तथ्यों के लिया गया फैसला था और ये गलत है।

विधानसभा में अरसे बाद बीजेपी औऱ कांग्रेस नेता बोले एक स्वर में

विधानसभा में अरसे बाद बीजेपी औऱ कांग्रेस नेता बोले एक स्वर में


राजस्थान विधानसभा में अरसे बाद जनहित से जुड़े किसी मसले पर बीजेपी औऱ कांग्रेस के विधायक एक स्वर में एक आवाज पर बोले| आखिर सवाल वोट बैंक और किसान का था, जिसका दर्द बातों में सभी को होता है| ऐसे में सरकार ने भी हाथों-हाथ इस दर्द को महसूस करते हुए मुआवजे और राहत पैकेज का एलान कर दिया है|

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सभी विधायकों ने एक-एक महीने की तनख्वाह दे दी...पर मिलने वाला राहत पैकेज 2008 के मानकों पर मिलेगा| प्रदेश के 28 जिलों के 4247 प्रभावित गांवों में से 3109 गांवों में 50 फीसदी से ज्यादा फसलों को बेमौसम हुई बरसात ने नुकसान पहुंचाया है| गेहूं, चना और सरसों की बात तो छोड़िए... जीरा...ईसबबोल...धनिया और संतरा भी मौसम की मार से नहीं बच पाया|



सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि 13 जिलों में 25 लोगों की मौत हुई है... तो 164 दुधारू मवेशी और 1300 छोटे पशुओं की मौत दर्ज हुई है| 25 मार्च तक गिरदावरी के आदेश दिये गये हैं| बहस के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि सरकार किसानों के साथ है और इस मामले को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाएं...तो कांग्रेस ने सरकार से बिजली के बिल माफ करने के साथ ही नियमों से परे जाकर 50 फीसदी से कम खराबे पर भी राहत की मांग की और किसानों से कर्ज वसूली में रियायत मांगी|



विधानसभा की तस्वीर ऐसी थी...मानों हर विधायक किसान के लिए बात करने आया है| पर फिर भी फर्क कांग्रेस और बीजेपी का नज़र आया, जिसे आपदा राहत मंत्री गुलाब चंद कटारिया के बयान से समझ सकते हैं...ये जवाब किसान के लिए राहत मांगने वाले हर विधायक के लिए था... कटारिया ने बेबाकी से स्वीकार किया कि मौजूदा नियमों में किसानों को जो मुआवजा मिलता है...वह नाकाफी है... जब सरकार मानती है सब ठीक नहीं है... तो फिर सरकार क्यो लाचार है...कटारिया मानते हैं कि जितना मुआवजा मिलता है...वो नुकसान की भरपाई करने में सक्षम नहीं है...तो क्या नियम बदलने में सरकार समर्थ नहीं है...आखिर नुकसान आज है... तो क्या 15 दिन बाद हुई गिरदावरी में रिकॉर्ड सहीं मिलेगा... ऐसे कई सवाल हैं जो सियासत में तो नहीं पर लाचार किसान की शक्ल पर जरूर नज़र आते हैं...शायद दो दिन फिल्ड में रहने वाले विधायक आकर इसका जवाब देंगे|

जाटों को ओबीसी कोटा में शामिल करने के केंद्र के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया



नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जाटों को ओबीसी कोटा के तहत आरक्षण देने के केंद्र के फैसले को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र का फैसला दशकों पुराने आंकड़ों पर आधारित है और आरक्षण के लिए पिछड़ेपन का आधार सामाजिक होना चाहिए, न कि आर्थिक या शैक्षणिक। कोर्ट ने कहा कि सरकार को ट्रांस जेंडर जैसे नए पिछड़े ग्रुप को ओबीसी के तहत लाना चाहिए।
Supreme court Quashes Jaat reservation under OBC category
पिछले साल मार्च में तब की मनमोहन सिंह सरकार ने नौ राज्यों के जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी लिस्ट में शामिल किया था। इसके आधार पर जाट भी नौकरी और उच्च शिक्षा में ओबीसी वर्ग को मिलने वाले 27 फीसदी आरक्षण के हक़दार बन गए थे।




इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार ने भी जाटों को ओबीसी आरक्षण की सुविधा दिए जाने के फैसले का समर्थन किया है। लोकसभा चुनाव से पहले 4 मार्च 2014 को किए गए इस फैसले में दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हिमाचल, बिहार, मध्य प्रदेश, और हरियाणा के अलावा राजस्स्थान (भरतपुर और धौलपुर) के जाटों को केंद्रीय सूची में शामिल किया था।




ओबीसी रक्षा समिति समेत कई संगठनों ने कहा था कि ओबीसी कमिशन ये कह चुका है कि जाट सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े नहीं हैं जबकि सरकार सीएसआईआर की रिपोर्ट का हवाला देती रही है।

ग्रे. नोएडा अथॉरिटी के 2 अधिकारियों पर महिला के शोषण का आरोप



ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के दो अधिकारियों पर महिला अधिकारी के उत्पीड़न का आरोप लगा है। महिला ने अथॉरिटी के मैनेजर ब्रजेश पांडेय और एसीओ हरीश रावत पर शोषण का आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि उत्पीड़न का विरोध करने पर अधिकारियों ने उसका ट्रांसफर कर दिया। यही नहीं महिला को गबन के झूठे मामले में फंसाकर सस्पेंड तक करा दिया गया। वहीं, इस पूरे मामले में आरोपी अधिकारियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
ग्रे. नोएडा अथॉरिटी के 2 अधिकारियों पर महिला के शोषण का आरोप
महिला ने आरोपी अधिकारियों पर धमकी देने का भी आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि उसने इस संबंध में अथॉरिटी के चेयरमैन रमारमन को लिखित शिकायत दी थी। चेयरमैन ने मामले में आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। लेकिन, अभी तक न तो महिला का बयान लिया गया और ना ही महिला से इस मामले में जानकारी के लिए संपर्क किया गया। महिला का कहना है कि अथॉरिटी अधिकारियों को बचाने में लगी हुई है।

महिला का कहना है कि अधिकारी जबरदस्ती उसे टच करने का बहाना खोजते थे। विरोध करने पर अधिकारियों ने उसका ट्रांसफर करा दिया और उसे कई झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश भी की।

दबंगों को नहीं पचा दलित महिला उप सरपंच का निर्विरोध निर्वाचन, मारपीट के बाद खिलाया गोबर



राजनीतिक दलों ने पंचायत चुनाव में दलित महिलाओं को आरक्षण देकर उनकी पंचायती राज व्यवस्था में भागीदारी सुनिश्चित की, लोकतांत्रिक व्यवस्था में दलितों की भागीदारी दबंगों को पच नहीं रही.

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के कुंअरपुर गांव में एक ऐसी ही घटना घटित हुई है. यहां की दलित महिला कपासी बाई जब उप सरंपच के पद पर निर्विरोध निर्वाचित हो गईं, तो दबंगों ने पहले तो दोबारा चुनाव करने की बात कहकर बवाल खड़ा किया और फिर चुनाव संभव नहीं हुआ, तो महिला के मुंह में गोबर भर दिया.




गांव के दबंगों को कपासी बाई का उप सरंपच बनना इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने पहले तो कपासी बाई और उसके परिजनों से मारपीट की और फिर कपासी के मुंह में गोबर भर दिया.




हालांकि इस घटना को पुलिस पूरी तरह से नकार रही है. पुलिस का मानना है कि दोनों पक्षों में मारपीट जरूर हुई है, लेकिन गोबर खिलाने की बात गलत है. दिलचस्प यह है कि पुलिस ने महिला पर गोबर फेंके जाने की बात स्वीकार की है.




शिवपुरी के एसआई राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि जांच के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों पर बलवे का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की है.

सोनिया गांधी और पूर्व PM मनमोहन सिंह की अगुवाई में भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ मार्च आज



नई दिल्ली: भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई में विपक्षी पार्टियां भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ मार्च निकालेंगी। यह मार्च संसद से लेकर राष्ट्रपति भवन तक निकाला जाएगा। कांग्रेस के अलावा इस मार्च में जेडीयू, टीमएसी, सीपीआई(एम), एसपी, डीएमके और आईएनएलडी आदि पार्टियां शामिल होंगी।
सोनिया गांधी और पूर्व PM मनमोहन सिंह की अगुवाई में भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ मार्च आज
मार्च के बाद विपक्ष नए भूमि विधेयक के खिलाफ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को ज्ञापन सौपेंगा। मार्च का समन्वय जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव कर रहे हैं। मार्च में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जेडीएस चीफ एचडी देवेगौड़ा, लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी, डी. राजा, टीएमसी के दिनेश त्रिवेदी, एसपी के रामगोपाल यादव, डीएमके की कनिमोई, आईएनएलडी के दुष्यंत चौटाला के शामिल होने की भी उम्मीद है।

मां की ममता से फिर जीवित हुआ मासूम



मां तो बस मां होती है। वो जीवन देती है, पालती है और उसकी तो कोशिश यहां तक होती है कि वो अपनी संतान पर आने वाली हर मुसीबत खुद झेल ले। लेकिन अगर सवाल किया जाए कि क्या मां की ममता में इतनी ताकत होती है कि वो अपनी मृत हो चुकी संतान को फिर से जीवन दे सकती है तो इसका जवाब भी हां है।



इस बात की हकीकत बताने आपको 5 साल पीछे साल 2010 में ले चलते हैं। ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में एक जोड़ा पहली बार जुड़वा बच्चों का मां-बाप बना। मां कैट ने प्रेग्नेंसी के छह महीने बाद ही जुड़वा बच्चों को जन्म दे दिया था।




लड़के का नाम जेमी और लड़की एमिली रखा गया। लेकिन दोनों के जन्म के बाद जेमी के जीवन पर खतरा मंडराने लगा। उसको सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगी थी। इलाज हुआ, लेकिन डॉक्टर्स जेमी की थमकी हुई सांसों में नई जान नहीं फूंक सके। उन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया।




डॉक्टर्स के मुंह से अपने बच्चे के मरने की बात सुनकर दोनों कुछ देर के लिए होशो-हवास खो बैठे। मां कैट ने रोते-रोते डॉक्टर्स के हाथों से अपना बच्चा छीनकर उसे छाती से चिपका लिया। पति डेविड भी उनसे गले लगकर रोने लगा।




लेकिन चंद मिनटों में वो हुआ जो किसी के लिए भी एक बड़े आश्चर्य से कम नहीं था। मृत घोषित किए जा चुके जेमी की सांसें तेजी से चलने लगी थी और उसने पलकें भी झपकाईं। कैट और डेविड ने फौरन डॉक्सर्स को बुलाया और बच्चे का फिर से इलाज किया गया।




कैट कहती हैं कि अगर मैंने उस दिन डॉक्टर्स की बात मान ली होती तो बेटे को गंवा बैठती।




कैट और डेविड के दोनों बच्चे अब 5 साल के हो गए हैं। मजेदार बात ये भी कि उस दिन के बाद से जेमी कभी बीमार नहीं हुआ।

सरपंच के बारह की उम्र में पहली संतान!



बांसवाड़ा

सरपंच के 12 वर्ष की उम्र में पहली संतान...। तो कहीं शैक्षणिक योग्यता की वास्तविकता पर बवाल। पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता के बाद कथित फर्जी दस्तावेजों एवं संतान सहित अन्य तथ्यों को छुपाकर सरपंच की कुर्सी तक पहुंचे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कुछ एेसी ही शिकायतें जांच आदेशों में ही रेंग रही है।




जिला प्रशासन तक पहुंची करीब 150 शिकायतों में से अब तक महज 10 की रिपोर्ट मिली है। ये दस मामले भी एेसे हैं, जिनमें शिकायतें गलत पाई गई हैं। वही जो शिकायतें सत्यता के समीप हैं, उनकी रिपोर्ट ही प्रशासन तक नहीं पहुंची है। शिकायतकर्ता अब न्यायालयों तक पहुंच रहे हैं।




इनका कहना है

150 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जिनमें से कुछ की रिपोर्ट आई है। उपखण्ड अधिकारियों के माध्यम से जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट आने पर ही आगे की कार्रवाई होगी।

प्रकाश राजपुरोहित, कलक्टर बांसवाड़ा




अंकतालिका में यह अंकन

सज्जनगढ़ पंचायत समिति की एक ग्राम पंचायत के सरपंच की निजी विद्यालय की पांचवी उत्तीर्ण की अंकतालिका है। जिसमें जन्म दिनांक 5 मई 1985 अंकित है। वहीं पहली संतान को लेकर दिए विवरण में पुत्री की जन्म दिनांक 31 जनवरी 1997 दर्ज है। एेसे में करीब 12 वर्ष की उम्र में सरपंच के पहली संतान होने की जानकारी सामने आ रही है, जो संदेह के दायरे में है। ऐसे ही मामले प्रदेश के अन्य जिलों में भी सामने आ चुके हैं।




रिपोर्ट में चार संतान की पुष्टि

एक ग्राम पंचायत के सरपंच के चार संतानों की पुष्टि खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी की रिपोर्ट में हो रही है। नियमानुसार दो से अधिक संतान पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। रिपोर्ट में चारों संतानों की जन्म दिनांक 31 जुलाई 2000, 21 मई 03, 26 जुलाई 05 एवं 6 जुलाई 07 का उल्लेख है।




आरटीआई में भी पुष्टि

जिले की 11 पंचायत समितियों की विभिन्न ग्राम पंचायतों में ग्रामीण ही इस संबंध में शिकायतें कर रहे हंै। प्रशासनिक जांच में देरी से खफा कई ग्रामीणों ने आरटीआई में दस्तावेज निकलवाकर गड़बड़ी की पुष्टि भी कर दी है, लेकिन कुछ मामले न्यायालय में तो कुछ में विभागीय जांच रिपोर्ट प्रशासन तक नहीं पहुंचने से कार्रवाई अधर में है।




इधर, कार्रवाई में देरी से खफा ग्रामीणों ने संघर्ष समिति बनाने का एेलान भी किया है। मोहनलाल बारिया ने बताया कि 18 मार्च दोपहर बारह बजे उपाध्याय पार्क में समिति का गठन कर आंदोलन छेड़ा जाएगा।

स्वायत्त शासन संस्थान के सचिव पर चले लात-घूंसे



राजस्थान स्वायत्त शासन संस्थान की सोमवार को वार्षिक साधारण सभा में अध्यक्ष व कार्यकारिणी को हटाने की मांग को लेकर हंगामा हुआ। इस दौरान संस्थान के सचिव पर विरोधी गुट के सदस्यों ने लात-घूंसे चलाए। पुलिस ने पहुंच कर बीच-बचाव किया।



टोंक रोड स्थित संस्थान परिसर के तहखाने में दोपहर करीब 12 बजे वार्षिक साधारण सभा शुरू हुई। संस्थान की अध्यक्ष सुमन श्रृंगी ने जैसे ही कार्यवाही शुरू की, विरोधी गुट के कांग्रेस से जुड़े सदस्यों ने इसका विरोध किया।




पूर्व विधायक हरिमोहन शर्मा और पाली नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष केवलचंद गुलेचा का कहना था कि अध्यक्ष का कार्यकाल 12 मार्च को खत्म हो चुका है, उन्हें बैठक बुलाने का अधिकार नहीं हैं। इस पर भाजपा से जुड़ीं श्रृंगी व संस्थान के मंत्री हरिप्रकाश तोतला का कहना था कि कार्यकाल 22 मार्च तक है।




यूं बढ़ा विवाद

इसी बीच श्रृंगी की ओर से कार्यकारिणी का कार्यकाल एक साल और बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया। इससे हंगामा और बढ़ गया। विरोधी गुट के लोग "ना" और समर्थक गुट "हां" चिल्लाने लगे।




समर्थक गुट ने प्रस्ताव पारित मान लिया और श्रृंगी बैठक से निकल गई। बैठक में मौजूद सदस्यों की हाजिरी जांचने के लिए विरोधी गुट के सदस्यों ने हाजिरी रजिस्टर अपने कब्जे में ले लिया।




संस्थान के सचिव व निदेशक आर.ए. रघुवंशी ने उनसे रजिस्टर छीनने की कोशिश की। इस पर विरोधी गुट ने रघुवंशी पर लात-घूंसे चलाए। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने रजिस्टर कब्जे में कर रघुवंशी को वहां से निकाला। बाद में विरोधी गुट के लोगों ने बैठक की।




सदस्यता का मामला अदालत में विचाराधीन होने के कारण चुनाव नहीं हो सकते हैं। इस कारण कार्यकारिणी का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया है। यह प्रस्ताव बैठक में बहुमत से पारित हो गया।

सुमन श्रृंगी, अध्यक्ष राजस्थान




स्वायत्त शासन संस्थान

पन्द्रह साल से कब्जा जमाए बैठीं श्रृंगी भाजपा राज का फायदा उठाते हुए नियमविरूद्ध अध्यक्ष बने रहना चाहती हैं। बैठक में हम लोगों का बहुमत था। कार्यकारिणी का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव पारित नहीं हुआ।

केवलचंद गुलेचा, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष, पाली

बीकानेर ईनामी हथियार तस्कर सहित तीन गिरफ्तार



बीकानेर

सदर व कोटगेट पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में रविवार रात यहां सोहनकोठी अपहरण कांड में वांछित ईनामी हथियार तस्कर सहित तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर दो 9 एमएम की पिस्टल बरामद की गई है।



अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर देवेन्द्र बिश्नोई ने बताया कि नापासर थाने के गुसांईसर निवासी तोलाराम पुत्र पूर्णाराम जाट व नोखा थाने के माडिया गांव निवासी मनोज पुत्र मनीराम बिश्नोई को अम्बेडकर चौक तथा देशनोक थाने के बरसिंहसर निवासी कालूराम पुत्र श्रवणदास जाट को सांगलपुरा फांटा से गिरफ्तार किया गया है।




सोहनकोठी अपहरण कांड में वांछित तोलाराम पर 10 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित था। उस पर नापासर, पांचू व भीलवाड़ा जिले के बिजौलिया में एनडीपीएस के, नोखा थाने में जमीन व प्लॉट के कब्जों के तीन प्रकरण, जेएनवीसी थाने में आबकारी अधिनियम का एक प्रकरण दर्ज है।




कालूराम भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा पुलिस थाने में वर्ष 2010 में दर्ज एनडीपीएस प्रकरण में दस वर्ष का सजायाफ्ता है। उसके खिलाफ गुलाबपुरा थाना में स्टेंडिंग वारंट है जबकि बज्जू में वन अधिनियम तथा गंगाशहर थाने में प्राणघातक हमले का प्रकरण दर्ज है। इसी प्रकार मनोज बाड़मेर के सदर थाने में बोलेरो कैम्पर चोरी में वांछित है।




उसके खिलाफ नोखा थाने में प्राणघातक हमले तथा पुलिस थाना भदसोड़ा चितौड़ में राजकार्य में बाधा व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले दर्ज हैं। कोटगेट पुलिस व सदर पुलिस ने तोलाराम व कालूराम को आम्र्स एक्ट में गिरफ्तार किया है जबकि मनोज को पूछताछ के बाद नोखा पुलिस को सौंपा गया है।




कैदी के जरिए खरीदा हथियार

तोलाराम ने पूछताछ में बीकानेर केन्द्रीय कारागार में बंद कैदी करणीसिंह के मार्फत शैलेन्द्र सिंह उर्फ शैलू से हथियार लेना स्वीकारा है। अब पुलिस तोलाराम व कालूराम से हथियार खरीद फरोख्त तथा अन्य अपराधों में संलिप्तता के बारे में पूछताछ की जा रही है।