मंगलवार, 17 मार्च 2015

मां की ममता से फिर जीवित हुआ मासूम



मां तो बस मां होती है। वो जीवन देती है, पालती है और उसकी तो कोशिश यहां तक होती है कि वो अपनी संतान पर आने वाली हर मुसीबत खुद झेल ले। लेकिन अगर सवाल किया जाए कि क्या मां की ममता में इतनी ताकत होती है कि वो अपनी मृत हो चुकी संतान को फिर से जीवन दे सकती है तो इसका जवाब भी हां है।



इस बात की हकीकत बताने आपको 5 साल पीछे साल 2010 में ले चलते हैं। ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में एक जोड़ा पहली बार जुड़वा बच्चों का मां-बाप बना। मां कैट ने प्रेग्नेंसी के छह महीने बाद ही जुड़वा बच्चों को जन्म दे दिया था।




लड़के का नाम जेमी और लड़की एमिली रखा गया। लेकिन दोनों के जन्म के बाद जेमी के जीवन पर खतरा मंडराने लगा। उसको सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगी थी। इलाज हुआ, लेकिन डॉक्टर्स जेमी की थमकी हुई सांसों में नई जान नहीं फूंक सके। उन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया।




डॉक्टर्स के मुंह से अपने बच्चे के मरने की बात सुनकर दोनों कुछ देर के लिए होशो-हवास खो बैठे। मां कैट ने रोते-रोते डॉक्टर्स के हाथों से अपना बच्चा छीनकर उसे छाती से चिपका लिया। पति डेविड भी उनसे गले लगकर रोने लगा।




लेकिन चंद मिनटों में वो हुआ जो किसी के लिए भी एक बड़े आश्चर्य से कम नहीं था। मृत घोषित किए जा चुके जेमी की सांसें तेजी से चलने लगी थी और उसने पलकें भी झपकाईं। कैट और डेविड ने फौरन डॉक्सर्स को बुलाया और बच्चे का फिर से इलाज किया गया।




कैट कहती हैं कि अगर मैंने उस दिन डॉक्टर्स की बात मान ली होती तो बेटे को गंवा बैठती।




कैट और डेविड के दोनों बच्चे अब 5 साल के हो गए हैं। मजेदार बात ये भी कि उस दिन के बाद से जेमी कभी बीमार नहीं हुआ।

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