दो साल बाद जागा नगर निगम कॉम्पलैक्स किया सीज़
अजमेर। अजमेर नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक कॉम्पलेक्स को सीज कर दिया है। कचहेरी रोड स्थित 12 फिट की सकदी गली में पुलिस का भारी जाब्ता लगाकर निगम अधिकारियों ने कॉम्पलेक्स में 24 दुकानों को सीज कर दिया। कॉम्पलेक्स मालिक पर आवासीय नक़्शे पर चार मंजिला कॉम्पलेक्स खड़ा करने का आरोप था। मगर ख़ास बात यह है कि कॉम्पलेक्स एक रात में तो बना नही। ऐसे में सवाल उठता है कि दो वर्ष से कॉम्पलेक्स बन रहा था , तब नगर निगम क्या कर रहा था। नींद की बात हो तो रावण के भाई कुम्भकरण की चर्चा पहले होती है। माना जाता है कि कुम्भकरण एक वर्ष में एक बार जरूर जागता था। मगर अजमेर का नगर निगम ने तो कुम्भकरण को भी मात दे दी है।
नगर निगम से चंद कदमो की दुरी पर आवासीय नक़्शे पर बने व्यावसायिक काम्प्लेक्स को आज सीज कर दिया गया। हैरत कि बात यह है कि दो साल से कॉम्पलेक्स बनकर ना केवल खड़ा हो गया। बल्कि उसमे व्यावसायिक गतिविधिया भी शुरू हो गई और अब जाकर नगर निगम की आखे खुली। इसके बाद निगम ने कहचेरी रोड स्थित 12 फुट की गली में बने सतगुरु कॉम्पलेक्स में बनी 24 दुकानों को सीज कर दिया। काम्प्लेक्स के पहले और दूसरे तल में कॉम्पलेक्स मालिक मिरचु राम कई दुकाने बेच चूका है। वही कई दुकाने किराए पर दी जा चुकी है। निगम की कार्रवाई के बाद सारे दुकानदार अपना सामान लेकर सड़क पर आ गए है। वही निगम के एईएन गोविन्द मोहन का कहना है कि कॉम्पलेक्स मालिक को पांच बार नोटिस भेजने और उसका पक्ष सुनने के बाद कॉम्पलेक्स को सीज करने की कार्रवाई की गई है।
इधर कॉम्पलेक्स मालिक मिरचु राम ने नगर निगम की कार्रवाई को गलत ठहरा रहा है। लेकिन कार्रवाई को गलत ठहराने का उसके पास कोई प्रमाण भी नही है। दरअसल मिरचु राम ने काम्प्लेक्स का काम शुरू करने से पूर्व निगम से आवासीय नक्शा स्वीकृत करवाया था। इसके बाद दो साल में उसने काम्प्लेक्स खड़ा कर लिया। हैरत की बात यह है कि इस दौरान निगम ने उस पर कोई कार्रवाई नही की। जबकि अब कॉम्प्लेक्स में व्यावसायिक गतिविधिया शुरू हुए करीब पांच माह बीत गए। अब निगम ने कॉम्पलेक्स को सीज कर मालिक सहित दुकानदारों को बाहर कर दिया।
किसी भी व्यावसायिक कॉम्पलेक्स के आगे बीस फुट खाली जगह छोड़ने का प्रावधान है। मगर काम्प्लेक्स मालिक ने गली में कोई जगह नही छोड़ी। अजमेर में यह पहला मामला नही है। ऐसे करीब 4 दर्जन से अधिक कॉम्पलेक्स है। जिनके पास व्यवसाहिक नक़्शे नही है और ना ही उनमे पार्किंग के लिए कोई जगह है। उम्मीद कि जा रही है कि 2 वर्ष बाद जागे नगर निगम अब सोने से पहले अन्य कॉम्पलेक्स के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा।
अजमेर। अजमेर नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक कॉम्पलेक्स को सीज कर दिया है। कचहेरी रोड स्थित 12 फिट की सकदी गली में पुलिस का भारी जाब्ता लगाकर निगम अधिकारियों ने कॉम्पलेक्स में 24 दुकानों को सीज कर दिया। कॉम्पलेक्स मालिक पर आवासीय नक़्शे पर चार मंजिला कॉम्पलेक्स खड़ा करने का आरोप था। मगर ख़ास बात यह है कि कॉम्पलेक्स एक रात में तो बना नही। ऐसे में सवाल उठता है कि दो वर्ष से कॉम्पलेक्स बन रहा था , तब नगर निगम क्या कर रहा था। नींद की बात हो तो रावण के भाई कुम्भकरण की चर्चा पहले होती है। माना जाता है कि कुम्भकरण एक वर्ष में एक बार जरूर जागता था। मगर अजमेर का नगर निगम ने तो कुम्भकरण को भी मात दे दी है।
नगर निगम से चंद कदमो की दुरी पर आवासीय नक़्शे पर बने व्यावसायिक काम्प्लेक्स को आज सीज कर दिया गया। हैरत कि बात यह है कि दो साल से कॉम्पलेक्स बनकर ना केवल खड़ा हो गया। बल्कि उसमे व्यावसायिक गतिविधिया भी शुरू हो गई और अब जाकर नगर निगम की आखे खुली। इसके बाद निगम ने कहचेरी रोड स्थित 12 फुट की गली में बने सतगुरु कॉम्पलेक्स में बनी 24 दुकानों को सीज कर दिया। काम्प्लेक्स के पहले और दूसरे तल में कॉम्पलेक्स मालिक मिरचु राम कई दुकाने बेच चूका है। वही कई दुकाने किराए पर दी जा चुकी है। निगम की कार्रवाई के बाद सारे दुकानदार अपना सामान लेकर सड़क पर आ गए है। वही निगम के एईएन गोविन्द मोहन का कहना है कि कॉम्पलेक्स मालिक को पांच बार नोटिस भेजने और उसका पक्ष सुनने के बाद कॉम्पलेक्स को सीज करने की कार्रवाई की गई है।
इधर कॉम्पलेक्स मालिक मिरचु राम ने नगर निगम की कार्रवाई को गलत ठहरा रहा है। लेकिन कार्रवाई को गलत ठहराने का उसके पास कोई प्रमाण भी नही है। दरअसल मिरचु राम ने काम्प्लेक्स का काम शुरू करने से पूर्व निगम से आवासीय नक्शा स्वीकृत करवाया था। इसके बाद दो साल में उसने काम्प्लेक्स खड़ा कर लिया। हैरत की बात यह है कि इस दौरान निगम ने उस पर कोई कार्रवाई नही की। जबकि अब कॉम्प्लेक्स में व्यावसायिक गतिविधिया शुरू हुए करीब पांच माह बीत गए। अब निगम ने कॉम्पलेक्स को सीज कर मालिक सहित दुकानदारों को बाहर कर दिया।
किसी भी व्यावसायिक कॉम्पलेक्स के आगे बीस फुट खाली जगह छोड़ने का प्रावधान है। मगर काम्प्लेक्स मालिक ने गली में कोई जगह नही छोड़ी। अजमेर में यह पहला मामला नही है। ऐसे करीब 4 दर्जन से अधिक कॉम्पलेक्स है। जिनके पास व्यवसाहिक नक़्शे नही है और ना ही उनमे पार्किंग के लिए कोई जगह है। उम्मीद कि जा रही है कि 2 वर्ष बाद जागे नगर निगम अब सोने से पहले अन्य कॉम्पलेक्स के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा।
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