शनिवार, 18 अक्टूबर 2014

डांस गुरु क्वीन हरीश। अदभुत बेमिसाल लोक नृतक


डांस गुरु क्वीन हरीश। अदभुत बेमिसाल लोक नृतक 

जैसाणे री बात ही अनोखी


अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने हुनर का जल्वा बिखेरते हुवे लाखों प्रषंसकों के दिलों में राज करने वाले जैसलमेर के विख्यात अन्तर्राष्ट्रीय डांस गुरू क्वीन हरिष को आज उनकी अस्मरणीय सेवाओं के लिये स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर जिला कलेक्टर एन.एल.मीणा द्वारा सम्मानित किया गया। यह हम सबके गौरव व फख्र की बात है।

  जैसलमेर में राजस्थानी लोक संगीत नृत्य का यह एक ऐसा कोरियोग्राफर लोक गुरू हैं जिसके अकेले जापान में 2000 से ज्यादा शार्गिद हैं और हर वर्ष इसमें लगातार वृद्धि हो रही है हरीश नाम का ये लोक गुरू मात्र 36 वर्ष का है जापानी युवक युवतियों में इस लोक गुरू से राजस्थानी लोक संगीत नृत्य सीखने में दीवानगी का ये आलम हैं कि हर वर्ष दर्जनों युवतियां राजस्थानी लोक संगीत व नृत्य सीखने जैसलमेर आती हैं और तो और हरीश स्वयं साल में एक बार जापान के अलग अलग शहरों में जाकर राजस्थानी नृत्य सीखने की वहां कक्षाएं आयोजित कर इन जापानी को नृत्य का प्रशिक्षण देता हैं।

हरीष द्वारा अब तक विभिन्न कक्षाओं के करीब 500 से ज्यादा कलाकारो को राजस्थानी लोक संगीत व भारतीय लोकनृत्य में प्रषिक्षित किया जा चुका हैं। राजस्थानी नृत्य जिसमें घुटना, चकरी, भवाई, तराजू, तेरह ताली, घूमर, चरी, कालबेलिया प्रमुख हैं जिसमें हरीष विशेष रुप से पारंगत हैं के इन नृत्यों का जादू वह करीब 60 देषों में फैला चुका हैं। इसके लिए इन्हें कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जा चुका हैं।

गौरतलब हैं कि हरीष एंड पार्टी द्वारा पेरिस में 1999 में आयोजित वल्र्ड फुटबाल कप, यू.एस.ए में सी.ए.टल चिल्डरन फेस्टीवल, बेल्जियम में कूल कैफे फेस्टीवल, षिकागो में वल्र्ड म्यूजिक फेस्टीवल, न्यूयार्क में सेंट्रल पार्क संमर स्टेज फेस्टीवल, स्कॉटलैंड में एडिनब्रा फेस्टीवल, लंदन में क्वीन एलिजाबेथ व हाल ही के डेजर्ट फेस्टीवल में अपनी कला का प्रदर्षन कर चुके हैं। इसके अलावा हरीष राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों में भी अभियान कर अपना लोहा मनवा चुके हैं।

हनुमानगढ़ सद्साहित्य संस्कारों का विस्तार एवम परिष्कार करता है


हनुमानगढ़ सद्साहित्य संस्कारों का विस्तार एवम परिष्कार करता है
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हनुमानगढ़ 18 अक्टूबर । पुस्तक ज्ञान का बीज होती है जो हमारे मस्तिष्क की जमीन पर दया , क्षमा , करुणा , त्याग ,तप , सेवा संस्कार एवम मानवता पौध पनपाती है । निरन्तर पुस्तकों का सान्निध्य एवम पुस्तकों का सतत स्वाध्याय इस पौध को बढा़ कर फ़लित करती हैं । इस लिए हर घर में साज़-सज़ा की अनावश्यक भौत्तिक चीजों के संग्रह के बजाय अच्छी पुस्तकों का संग्रह किया जाना चाहिए ।यह उद्गार प्राचार्य एवम अर्थशास्त्री संतोष राजपुरोहित ने मरुधरा साहित्य परिषद एवम बोधि प्रकाशन , जयपुर की ओर से चाणक्य क्लासेज , हनुमानगढ़ जंक्शन में में चल रही पुस्तक प्रदर्शनी के दौरान शुक्रवार रात्रि को आयोजित " पुस्तक संस्कृति और संस्कार " संगोष्ठी में व्यक्त किए । इस अवसर पर चाणक्य क्लासेज के निदेशक राज तिवारी ने कहा कि ज्ञान कं संचयन एवम संकलन केवल मानव मस्तिष्कों से सम्भव नहीं है , इस हेतु पुस्तकें ही अंतिम निर्णायक होती हैं । इस लिए हर घर में कुछ हो न हो मगर एक समृद्ध पुस्तकालय अवश्य होना चाहिए ।

मरुधरा साहित्य परिषद के आयोजन सचिव राजू सारसर राज ने कहा कि घर में पुस्तकालय हो तो अवसाद के क्षणो को स्वाध्याय से कम किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि विकसित राष्ट्रों के नागरिक अपने दैनिक जीवन में समय का बजट बनाते हैं और वे उस मे पुस्तकों के अध्ययन हेतु विशेष समय निर्धारित करते हैं । ऊंचे पदों पर आसीन अधिकतम अधिकारी अपने बाल एवम युवा अवस्था में अच्छे स्वाध्यायी रहे हैं । आज के जननायक हों अथवा उच्च अधिकारी उन्हें पुस्तकें ही उच्च पदों पर ले गई हैं ।

कथाकार एवम व्यंग्यकार गुरदीप सोहल ने कहा कि दुनिया के तमाम धर्म पुस्तकों के माध्यम से ही ज़िन्दा हैं । विश्व की तमाम संस्कृतियों का ज़िन्दा रहना भी पुस्तकों पर निर्भर है । सद्साहित्य संस्कारों का विस्तार एवम परिष्कार करता है वहीं निम्नतर साहित्य अपसंस्कृति का संसार रचता है । उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब का उद्दाहरण देते हुए कहा कि यह ग्रंथ मनुष्य को मनुष्य बनने की सच्ची सीख देता है इस लिए इसे प्रत्यक्ष गुरु माना जाता है ।

साहित्यकार डा. प्रेम धींगडा़ ने कहा कि मनुष्य के मस्तिष्क की सीमाएं होती हैं और वह नश्वर भी है अत: वह ज्ञान का समूचित एवम स्थाई संचय नहीं कर सकता है । यह सब पुस्तकें अनंतकाल तक के लिए कर सकती हैं । आज तक का मानवीय अनुभव एवम ज्ञान पुस्तकों में ही संचित है इस लिए और कहीं भटकने की बज़ाय हमें पुस्तकों के सान्निध्य में ही जाना चाहिए । मरुधरा के संगठन मंत्री एवम पर्यावरण प्रेमी अशोक परिहार ने कहा कि प्रकृति ने ही पुस्तकों के जन्म का मार्ग प्रश्स्त किया है । कागज़ पेड़ से आया तो कागज़ ने किताब उपजाई है । हमें भविष्य की पुस्तकों के लिए पर्यावर्ण को भी बचाना होगा । उन्होंने जिला कलक्टर द्वारा ज़िले में बनाए जा रहे पुस्तकालयों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पुस्तकालयों में संग्रहित की जा रही पुस्तकें पेडो़ं के बलिदान से ही जन्मीं हैं अत: इन में जितनी पुस्तकें हैं उतने ही पेड़ भी लगाने चाहिए ।

इस अवसर पर चाणक्य क्लासेज के प्रबन्धक श्री शिव पारीक ने कहा कि विद्यार्थी का सच्चा गुरु पुस्तक ही होती है , जो विद्यार्थी पुस्तकों से जी चुराता है वह अपने सपने कभी साकार नहीं कर सकता । एक शिक्षक को भी स्वाध्यायी होना चाहिए तथा उसे अपने विषय में निरन्तर अपडेट होते रहना चाहिए । यदि शिक्षक अपडेट नहीं है तो वह अपने शिष्यों को अंधकार की और ले जाता है । इस अवसर पर अजय भीम , संदीप पंचारिया , राकेश जांगिड़ , मोहन जांगिड़ , राजेश कड़वासरा ने भी विचार व्यक्त किए ।

इस अनौपचारिक गोष्ठी का संचालन करते हुए मरुधरा साहित्य परिषद के अध्यक्ष ओम पुरोहित कागद ने कहा कि ज़िले में युवाओं का पुस्तक पढ़ने के प्रति रुझान बढे़ इसी को ध्यान में रखते हुए यह पुस्तक प्रदर्शनी लगाई गई है जिस में भारी छूट पर अच्छा साहित्य उपलब्ध करवाया गया है । यह प्रदर्शनी 20 तक प्रात: 10 बजे से रात्रि 8 तक खुली रहेगी ।

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शाहपुरा। शादी के दो दिन बाद ही ससुराल से फुर्र हो गई दुल्हन



शाहपुरा। निकटवर्ती अजीतगढ़ में एक नई नवेली दुल्हन शादी के दो दिन बाद ही ससुराल से आभूषण और नकदी समेटकर लापता हो गई। बाद में किसी तरह पति ने मोबाइल फोन पर बात की तो दुल्हन ने अपने रिश्तेदार दो युवकों की शादी दो ननद से करवाने की शर्त रख दी।
newly bride runaway case



पीडित गढ़टकनेत निवासी सुभाष चन्द्र शर्मा ने गुरूवार देर रात अपनी पत्नी सहित पांच लोगों के खिलाफ अजीतगढ़ थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है।




थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस्तगासे से दर्ज इस मामले में युवक ने आरोप लगाया है कि 21 जून 2014 को शादी के बाद पत्नी सुमन दो दिन ही घर पर रही। इसके बाद बिना बताए दो लाख रूपए नकद और आभूषण सहित अन्य सामान समेट कर लापता हो गई। इसमें सीकर निवासी ललिता देवी, श्यामगढ़ निवासी भंवरलाल और लक्ष्मणगढ़ निवासी जगदीश ने सुमन का साथ दिया।




इस्तगासे में पीडित का आरोप है कि मोबाइल फोन से बात करने पर सुमन ने ललिता के दो कुंवारे भाईयों की शादी अपनी दो ननद से नहीं करवाने पर दहेज प्रताड़ना के मामले में फंसाने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रही है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। -  

"कुरजां म्हाने भंवर मिला दिजो जी…'





बालोतरा. सातसमंदर पार से आए कुरजां पंछियों के पहले जत्थे ने बालोतरा उपखंड क्षेत्र के पचपदरा आसपास के तालाबों पर दस्तक दे दी है। तुर्र-तुर्र के कलरव के साथ परवाज भरते प्रवासी परिंदों ने माहौल में जान फूंक दी है। हर वर्ष की तरह इस बार भी अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में सात समंदर पार करके ठंडे मुल्कों के प्रवासी परिंदे शीतकालीन प्रवास के लिए क्षेत्र में पहुंच चुके हैं। हजारों की तादाद में पहुंचने वाले ये परिंदे करीब छह माह तक यहां अठखेलियां करने के बाद फरवरी में पुन: स्वदेश के लिए उड़ान भरेंगे। पचपदरा के तालर मैदान, हरजी, इमरतिया, चिरढाणी, नवोडा, इयानाडी तालाब के साथ ही मगरा क्षेत्र में हजारों की तादाद में कुरजां के समूह पहुंच चुके हैं। वहीं तिरसिगड़ी सोढ़ा के मालप तालाब, सिणली जागीर तालाब आस-पास के तालाबों में कुंरजों की किलौल देखी जा सकती है। छह माह के प्रवास के दौरान ये परिंदे यहां गर्भधारण के बाद फरवरी में स्वदेश के लिए उड़ान भरेंगे। राजस्थान के लोक गीतों में कुरजां पक्षी के महत्व को शानदार तरीके से उकेरा गया है। प्रियतम से प्रेमी पति, पिता तक संदेश पहुंचाने का जरिया कुरजां को माना गया है। कई लोक गीतों में कुरजां को ध्यान में रख कर गाया गया है। कुरजां म्हाने भंवर मिला दिजो जी.. गीत में पत्नी अपने पति से मिलाने का आग्रह कुरजां से करतीं हैं तो कुरजां म्हारो संदेशों म्हारा बाबोसा ने दीजे.., में महिला कुरजां के माध्यम से पिता को संदेश भेजती है।




पिता अपनी पुत्री को अवलू.. गीत के माध्यम से संदेश पहुंचाते हैं। कुरजां पर कई गीत हंै, जो विभिन्न संदेशों को पिरोकर गाए गए हैं। कुरंजा सदा समूह में रहती है और खेतों में लगे बेरी की झाड़ियां, पाला के बेर, मूंग, मूंगफली, बाजरा खाती हंंै। समूह में कुरजां आती है तो किसानों को परेशान करती हंै।

दिवाली से पहले अच्छी खबर | पूर्व वित्त मंत्री के स्वास्थ्य में सुधार, वेंटिलेटर भी हटाया



आर्मी आरआर अस्पताल नई दिल्ली

पूर्वकेंद्रीय वित्त मंत्री जसवंत सिंह को अब ठीक होने की उम्मीद जाग उठी है। शुक्रवार को उन्हें आईसीयू से ऑफिसर वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। तबीयत में लगातार सुधार के बाद डॉक्टर्स की टीम ने अब उनका वैंटीलेटर भी हटा दिया है। उनके वार्ड में शिफ्ट होने के बाद परिवार के लोगों के चेहरे पर रौनक गई है। जसवंत सिंह 7 अगस्त को नई दिल्ली स्थित घर में गिर गए थे। इससे उनके चेहरे के बायीं ओर चोट लगी थी। तब वे होश में थे। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य जांचा तब तक ब्लड प्रेशर वगैरह नॉर्मल थे। सिर पर सूजन की वजह से उन्हें आर्मी आरआर अस्पताल ले जाया गया। फिर तबीयत बिगड़ी तो वे कोमा में चले गए। तब से अब तक वे आर्मी आरआर अस्पताल के आईसीयू में ही थे। वेंटिलेटर पर। अब वेंटीलेटर भी हट चुका है और उन्हें ऑफिसर वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। उनकी पत्नी शीतल कंवर ने भास्कर से कहा- आर्मी अस्पताल की पूरी टीम की वजह से ही जसवंत सिंह की तबीयत में सुधार आया है।

मेडिकल टीम खिलाती है खाना

जसवंतसिंह को स्नान करवाने से लेकर खाना खिलाने तक का काम मेडिकल टीम की ओर से किया जाता है। उनकी पत्नी शीतल कंवर बताती है। इस अस्पताल की सबसे बड़ी खासियत यही है कि यहां हर मरीज भी खास ध्यान दिया जाता है। मेडिकल की यह टीम 24 घंटों में तीन शिफ्ट में कार्य करती है। एक समय में छह नर्सिंगकर्मी तीन डॉक्टर ड्यूटी पर रहते है।

प्रवेशसिर्फ परिजनों को

अस्पतालमें जसवंत सिंह की पत्नी, पुत्र पुत्रवधु के अलावा किसी को आईसीयू अब ऑफिसर वार्ड वन में प्रवेश की अनुमति नहीं है। उन्हें देखने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व नरेश गजेसिंह लालकृष्ण आडवानी सहित कई वीआईपी मिलने आए लेकिन केवल परिवार से ही मिल पाए।

पत्नी शीतल कंवर के अनुसार वे आंखें खोलते हैं, सामने भी देखते हैं, लेकिन अभी भी बोल नहीं पा रहे हैं। उन्हें विश्वास है कि जसवंत जल्द पूरी तरह ठीक हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब तो वेंटीलेटर भी हट चुका है और कभी कभी हाथ से पिलाने पर पानी भी पीते हैं। उपचार करने वाले डॉक्टर्स के अनुसार चोट लगने से खून बहने लगा था, लेकिन क्लोट नहीं जमा। यदि क्लोट जमता तो स्थिति कंट्रोल में आना मुश्किल थी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया तथा करीब 20 अगस्त तक उनके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। लेकिन उसके बाद आंखों की पुतलियां कुछ हिलने लगी।

पत्नी ने बताया- आंखें खोलते हैं, बोल नहीं पा रहे

शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2014

देखे सूचि। । राजस्थान के 158 पुलिस उप अधीक्षक बदले

देखे सूचि। । राजस्थान के 158 पुलिस उप अधीक्षक बदले 
उज्जवल गुड़ा ,नीरज चौहटन ,किशन सिंह को दिल्ली भेजा 

http://police.rajasthan.gov.in/PoliceUser/UploadUtility/TransferFiles/R.P.STransfer17102014%20182229.pdf

http://police.rajasthan.gov.in/

बाड़मेर राज्य सरकार ने  आदेश जारी कर एक सौ आठवां पुलिस अधीक्षकों के तबादले किये ,बाड़मेर से ओम प्रकाश उज्जवल को गुड़ा मालानी का वृताधिकारी लगाया हे। जैसलमेर के नाचना में किशन पाल सिंह ,जैसलमेर धीमा राम विश्नोई और पोकरण सुनील पंवार को लगाया गया हैं 

दिल्ली : मिजोरम की लड़की का खून से लथपथ शव मिला



नई दिल्ली: दिल्ली के मुनीरका इलाके में मिजोरम की रहने वाली एक लड़की का शव उसके फ्लैट से मिला है। पुलिस के मुताबिक 24-वर्षीय जूलियट जोनुन्मावी का शव खून से सना हुआ था और उसके सिर पर चोट आई थी।
24-Year-Old from Mizoram Found in Pool of Blood in South Delhi Flat

लड़की पिछले कुछ महीनों से एक युवक के साथ लिव-इन में रह रही थी, जिसे सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने संदिग्ध के तौर पर हिरासत में ले लिया है। जूलियट जोनुन्मावी के शव को पोस्टमार्टम के लिए सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया है।

जूलियट जोनुन्मावी पिछले कुछ महीनों से एक लड़के, जो इंजीनियरिंग का छात्र है, के साथ रहती थी। पुलिस ने वसंत विहार पुलिस थाने में मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच कर रही है।

वेस्ट इंडीज की 'वापसी', श्रीलंकाई टीम करेगी भारत दौरा



मुंबई: वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) ने वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम का भारत दौरा बीच में ही रद्द कर दिया है। अब कैरेबियाई टीम धर्मशाला में जारी चौथे एकदिवसीय मुकाबले के बाद स्वदेश लौट जाएगी। उधर, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के आमंत्रण पर क्रिकेट श्रीलंका (एसएलसी) ने पांच एकदिवसीय मैचों के लिए अपनी टीम भारत भेजने की पुष्टि कर दी है।
West Indies Quit India Tour, Sri Lanka to Fill in


भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने बयान जारी कर डब्ल्यूआईसीबी के इस फैसले पर हैरानी जाहिर की है। कैरेबियाई बोर्ड ने कहा है कि खिलाड़ियों के साथ विवाद को लेकर वह यह दौरा बीच में ही रद्द कर रहा है।




धर्मशाला के बाद कैरेबियाई टीम को कोलकाता में पांचवां एकदिवसीय मैच खेलना था। इसके बाद कटक में एकमात्र टी-20 मैच खेला जाना था और फिर दो मैचों की टेस्ट श्रंखला खेलनी जानी थी। कैरेबियाई बोर्ड ने बीसीसीआई को इस बात की जानकारी दी है कि उसके खिलाड़ी तत्काल प्रभाव से स्वदेश लौट आएंगे।




बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने अपने बयान में कहा, 'बीसीसीआई कैरेबियाई बोर्ड के इस फैसले पर हैरान है। हमें यह कहते हुए निराशा हो रही है कि कैरेबियाई बोर्ड के इस फैसले से बीसीसीआई के साथ उसके सम्बंध खराब होंगे।'




बीसीसीआई ने कहा है कि वह इस मामले को लेकर आईसीसी से बात करेगा, जिससे कि खेल को किसी प्रकार का नुकसान न हो।




एसएलसी सचिव निशांत रणातुंगा ने साफ किया है कि उन्होंने बीसीसीआई के निमंत्रण पर सशर्त अपनी टीम को पांच मैचों की वनडे सीरीज के लिए भेजने का फैसला किया है। वनडे सीरीज 1-15 नवंबर के बीच होगी। इस श्रृंखला का कार्यक्रम बीसीसीआई जारी करेगा।




रणातुंगा ने कहा, 'भारत में हमारे सामने एक टी-20 मैच खेलना क प्रस्ताव रखा था, लेकिन हमने फैसला किया कि चूंकी विश्व कप काफी नजदीक है, ऐसे में हमारे लिए भारत के साथ पांच मैचों की वनडे सीरीज खेलना अच्छा रहेगा।'




श्रीलंकाई टीम लगभग पांच साल के बाद पहली बार भारत दौरा करेगी।




गौरतलब है कि डब्ल्यूआईसीबी और कैरेबियाई खिलाड़ियों के बीच का विवाद उस समय और गहरा गया, जब धर्मशाला एकदिवसीय मैच में टॉस के दौरान सभी खिलाड़ी अपने कप्तान के साथ खड़े नजर आए।




टॉस जीतने के बाद कप्तान ड्वायन ब्रावो ने साफ-साफ कहा था, "मैं और पूरी टीम एक साथ हैं। यह दौरा हमारे लिए काफी कठिन रहा है। हम नहीं चाहते कि हमारे कारण क्रिकेट का खेल या हमारे प्रशंसक प्रभावित हों लेकिन फिर भी यह हमारे लिए फैसला लेने का समय है। मेरे खिलाड़ी जो लड़ाई लड़ रहे हैं, इसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं।'




ब्रावो का यह बयान और टॉस के समय पूरी टीम का टीवी कैमरे के सामने होना निश्चित रूप से डब्ल्यूआईसीबी के अधिकारियों के लिए परेशानी का सबब बना। इससे पहले कोच्चि एकदिवसीय का कैरेबियाई खिलाड़ियों द्वारा बहिष्कार किए जाने की आशंकाओं की खबर ने भी खूब चर्चा बटोरी थी।




डब्ल्यूआईसीबी ने गुरुवार को ही यह साफ किया था कि वेस्टइंडीज प्लेयर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूआईपीए) ही खिलाड़ियों के आधिकारिक एजेंट होंगे और मौजूदा गतिरोध को दूर करने के लिए वह सीधे खिलाड़ियो से बात नहीं करेगा।




दरअसल, कैरेबियाई खिलाड़ी वेतन को लेकर बोर्ड से हुए नए क्लेक्टिव बार्गेनिंग एग्रीमेंट (सीबीए)/एमओयू से नाराज हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि वह नए शर्तो से अनभिज्ञ थे और डब्ल्यूआईपीए ने भी उन्हें अंधेरे में रखा।




खिलाड़ियों की मांग है कि बोर्ड उनसे सीधे बात करे और डब्ल्यूआईपीए की दखल को खत्म करे। साथ ही खिलाड़ियों ने पुराने सीबीए/एमओयू पर लौटने की भी इच्छा जताई है।

शर्मनाक! स्वर्ण पदक विजेता को डायन बताकर पीटा



दिफू। चाहे हम कितना भी चांद और मंगल पर पहुंचने की बात क्यों न कर लें, लेकिन भारत में अभी भी अंधविश्वास ने अपना जड़ जमाए हुए है। अंधविश्वास का साया खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
Indian athlete Debjani Bora beaten in witch hunt


असम की राष्ट्रीय स्तर की जैवलिन थ्रो की खिलाड़ी को डायन बताकर जादू-टोना के इल्जाम पर पीटा गया है और यातनाएं दी गई है। घटना असम के कार्बी आंगलांग जिले के एक गांव में। जहां राष्ट्रीय खिलाड़ी को डायन बताकर जमकर पीटा गया है।




राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में स्वर्ण जीतने वाली देबजानी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया है। उन्हें इस साल एशियन मास्टर्स में भारत का प्रतिनिधित्व करना है।




2011-12 में उनका चयन मलेशिया में अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा के लिए हुआ था, लेकिन आर्थिक तंगी से नहीं जा सकी थीं।




देबजानी के साथ ये हरकत कथित तौर पर हफ्ते की शुरूआत में हुई है। देबजानी एक गरीब खेतिहर मजदूर है और कार्बी आंगलांग जिले के चेरेकाली गांव की निवासी है। देबजानी अपने पति के साथ दूसरे लोगों के खेतों में काम करती हैं और उनके तीन बच्चे हैं।




भारत के कई इलाकों में आज भी डायन प्रथा जारी है। गांव में पिछले कुछ महीनों में तीन शराबियों की मौत हुई और एक ठुकराए हुए प्रेमी ने आत्महत्या कर ली थी। इन सबका इल्जाम देबजानी पर लगाया दिया गया है।




धार्मिक सभागार में एकत्र भीड़ ने महिला खिलाड़ी के कारण गांव में समस्याएं आने का आरोप लगाया। फिर इस महिला को घसीट कर वहां लाया गया और एक पोस्ट से बंधकर उस महिला एथलीट को जमकर पीटा गया।




पिटाई से उनकी गर्दन व पीठ में गंभीर चोट आई है। घटना के बाद बोरा के परिजन उन्हें सभागार से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गए।




मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने लस्कर सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि भीड़ में शामिल अन्य की तलाश जारी है। -  

बालोतरा । सूने मकान पर चोरों का धावा किये 2.35 लाख पार

बालोतरा । सूने मकान पर चोरों का धावा किये 2.35 लाख पार



रिपोर्टर :- ओमप्रकाश सोनी /बालोतरा

बालोतरा ।शहर मे एक बार फिर से चोरियो का सिलसिला शुरू हो गया हैं । ओद्योगिक क्षेत्र सहित चोर सूने मकानो को निषाना बना रहे है। गुरूवार को दिन के समय चोरो ने वार्ड नंबर एक की गोड़ काॅलोनी में एक सूने मकान को निषाना बनाया ओर घर से 2.35 लाख की नकदी, भुखंड व गाड़ी के कागजात पर कर लिये। 


मकान मालिक पुरखाराम कमठे के ठेकेदार का काम करता है ओर उसके साथ काम करने वाले मजदुरो की मजदुरी का भुगतान करने के लिये 2.35 लाख रूपये घर पर लाया था। सुबह सात बजे मकान मालिक घर से निकल गया था। शाम को सत बजे घर आने पर उसको वारदात का पता चला। चोरो ने दरवाजे की कुंडी को काटकर कमरे में प्रवेष किया ओर वारदात को अंजाम दिया। जानकारी मिलने पर बालोतरा पुलिस मोके पर पहुची ओर चोरो के खिलाॅफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।

फिर सुलगा यूपी! बागपत में सांप्रदायिक तनाव, तीन घायल -



बागपत। उत्तर प्रदेश में बागपत के बडौत क्षेत्र में गुरूवार रात दो सम्प्रदायों के बीच मामूली बात को लेकर हुए पथराव और फायरिंग में तीन लोग घायल हो गये। घटना के बाद तनाव को देखते हुए क्षेत्र में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है । पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक ढोढरा गांव में एक धार्मिक स्थल से चंदे के बारे में किए गये प्रचार को लेकर दूसरे सम्प्रदाय के कुछ लोगों ने एतराज किया। इस पर दोनों पक्ष के लोग एक दूसरे के सामने आ गये और पथराव करने लगे।
Communal tension in Baghpat of UP



इस दौरान एक व्यक्ति ने गोली भी चला दी। घटना में तीन लोग घायल हो गये। घटना के बाद तनाव को देखते हुए गांव में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इस सिलसिले में मामला दर्ज कर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। क्षेत्र में शनिवार को स्थिति सामान्य बतायी गयी है । पुलिस स्थिति पर नजर रखे हुए है। -  

चीन: रिश्वत लेने पर झांग शुगुआंग सजा-ए-मौत



शंघाई। बीजिंग की एक अदालत ने चीन में हाई स्पीड रेल नेटवर्क के डिजाइन की रूपरेखा बनाने वाले इंजीनियर झांग शुगुआंग को 4.76 करोड़ युआन (करीब 47.87 करोड़ रूपए) की रिश्वत लेने का दोषी पाए जाने पर मौत की सजा सुनाई है लेकिन उसकी सजा पर तत्काल प्रभाव से अमल नहीं किया जाएगा।
China High Speed Rail Designer Gets Suspended Death Sentence


समाचार समिति शिन्हुआ के अनुसार झांग को मौत की सजा पर दो वर्ष तक अमल नहीं किया जाएगा। ऎसी स्थिति में अच्छे आचरण के आधार पर उसकी सजा उम्र कैद में भी बदली जा सकता है।




पूर्व उप मुख्य इंजीनियर और चीन के परिवहन ब्यूरो के प्रमुख झांग पर गत वर्ष निजी चीनी कम्पनियों से रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। झांग ने 11 वर्ष की अवधि के लिए चीनी कम्पनियों को अनुबंध देने के वास्ते रिश्वत ली थी।




उप प्रमुख को भी उम्र कैद

झांग के अलावा परिवहन ब्यूरो के उप प्रमुख को भी 2.4 करोड़ युआन की घूस लेने के लिए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। शिन्हुआ के अनुसार झांग ने रिश्वत के तौर पर जो रकम ली थी, उसमें से ज्यादातर बरामद कर ली गई है।




गौरतलब है कि वर्ष 2011 में दो हाई स्पीड ट्रेनों की टक्कर में 40 लोगों की मौत हो गई थी। जांच में कई अधिकारियों पर अपने पद के दुरूपयोग की बात सामने आई थी।

"मोबाइल जेब में रखा तो हो जाएगा कैंसर"



मोबाइल फोन और टावर से निकलने वाले रेडिएशन इतने खतरनाक हैं कि आपकी जेब में रखा मोबाइल कैंसर देने वाली एक मशीन की तरह काम करता है।
beware mobile can give cancer


यह कहना है रेडिएशन के खतरों पर शोध कर नोबल पुरस्कार जीतने वाली डॉ. डेवेरा डेविस का।




अमरीका से जयपुर आई डेवेरा ने गुरूवार को संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल अस्पताल में राजस्थान पत्रिका के मीडिया एक्शन ग्रुप की ओर से "सेल टावर रेडिएशन अंडरस्टेंडिंग थ्रेट्स एंड फाइंडिंग सोल्यूशन" विषय पर हुई सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में यह बात कही।




मोबाइल से कैंसर होता है

डेवेरा ने कहा कि दुनियाभर में मोबाइल को अपने सीने से चिपकाकर रखने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर तेजी से फैल रहा है, वहीं जो पुरूष अपनी पेंट की जेब में मोबाइल रखते हैं उनमें नपुंसकता, शुक्राणुओं में कमी और कैंसर जैसे रोग पनप रहे हैं।




उन्होंने शर्ट की जेब में रखे मोबाइल को भी दिल के लिए घातक बताया।




डेवेरा ने कहा कि मोबाइल टावर से कुछ ही मीटर दूरी पर रहने वाले लोगों में कैंसर का खतरा अन्य लोगों के मुकाबले काफी ज्यादा होता है।




मोबाइल के घातक प्रभाव

बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मोबाइल के इस्तेमाल से अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा खतरा है। डेवेरा ने अमरीका, फ्रांस, बेल्जियम, टर्की, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में चल रहे विभिन्न शोधकार्यो की मिसाल देकर बताया कि चूहों के प्रजनन तंत्र पर रेडिएशन का खतरनाक असर हुआ है।




इसी तरह रेडिएशन जोन में पशु-पक्षी तक रास्ता भूल जाते हैं, यहां तक कि वे प्रशिक्षित और भूखे होने पर भी अपना तय रास्ता याद नहीं रख पाते हैं।




ब्रेन कैंसर के अतिरिक्त याददाश्त में कमी, बहरापन और चिड़चिड़ापन मनुष्यों के लिए बेहद खतरनाक बन रहे हैं। इस अवसर पर शहर के कई चिकित्सकों ने भी डेवेरा से सवाल किए। खुद चिकित्सक भी मोबाइल फोन से जुड़े तथ्यों को सुनकर आश्चर्यचकित हुए बिना न रहे।




कार्यक्रम में अतिथि

कार्यक्रम में जवाहरात व्यवसायी व सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर कासलीवाल, मोबाइल टावरों के खिलाफ देशभर में मुहिम चला रहे सामाजिक कार्यकर्ता पी.आर. मुंशी (मुम्बई), दुलर्भजी ट्रस्ट के सचिव योगेन्द्र दुर्लभजी सहित शहर के कई प्रोफेसर, डॉक्टर, विधिवेत्ता आदि भी मौजूद थे।




डेवेरा ने इस अवसर पर अस्पताल में संचालित रिहेबलिटेशन सेन्टर का दौरा कर वहां जयपुर फुट पर संचालित शोधकार्यो को देखा और उनकी तकनीक की तारीफ भी की।




कार्यक्रम में सेन्टर के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल जैन ने आभार व्यक्त किया।

बनेगा राजस्थानी फिल्म "बाई चाली सासरिये" का सीक्वल



जयपुर। राजस्थानी सिनेमा इन दिनों अपनी खराब दशा से जूझ रहा है। फिर भी लोगों के जेहन में राजस्थानी मूवी "बाई चाली सासरिये" आज भी जिंदा है।
sequal of rajasthani film bai chali sasariye to be made


राजस्थानी भाषा की सबसे बड़ी हिट मानी जाने वाली इस म्यूजिकल मूवी का सीक्वल बनने जा रहा है। मोहनसिंह राठौड़ निर्देशित "बाई..." के प्रोड्यूसर भरत नाहटा ही यह सीक्वल बना रहे हैं, जो अगले साल की शुरूआत में रिलीज होगा।




इसमें सात गाने रखे गए हैं। सीक्वल का निर्देशन भी नाहटा ही कर रहे हैं। 1988 में रिलीज हुई इस मूवी के एमपी सहित देशभर में कुल 42 प्रिंट रिलीज हुए, जो किसी भी राजस्थानी मूवी के अब तक सर्वाधिक प्रिंट हैं।




रीमेक, अब सीक्वल

"बाई..." गुजराती मूवी "महीयर नी चुंदडी" का रीमेक थी। मूवी के राइटर केशव राठौड़ थे। गुजरात में मूवी के सुपरहिट होने के बाद इसके राइट्स खरीदकर भरत नाहटा ने "बाई चाली सासरिये" टाइटल से राजस्थानी भाषा में बनाया। राजस्थानी में ब्लॉकबस्टर बनने के बाद "साजन का घर" टाइटल से इसका हिंदी रीमेक भी किया गया।




नाहटा के मुताबिक, "बाई चाली सासरिये" में बाई की भूमिका के लिए मुम्बई में ऑडिशन हुए थे। उसी में से उपासना सिंह को "बाई" के टाइटल रोल के लिए चुना गया। उपासना इन दिनों टीवी शो "कॉमेडी नाइट्स विद् कपिल" में बुआ के रोल में पॉपुलर हैं। वे मूवी के सीक्वल में भी अहम किरदार निभाएंगी।




इसलिए बन रहा सीक्वल

नाहटा बताते हैं कि राजस्थानी सिनेमा ने सालों पहले कई हिट और सुपरहिट मूवीज दी हंै, मगर अब सिनेमा की हालत खराब है।




लोग मुझसे कहते कि राजस्थानी सिनेमा के लिए कुछ करिए। ऎसे में मैंने अपनी सुपरहिट फिल्म का सीक्वल बनाने के बारे में सोचा। सीक्वल की कहानी मैंने लिखी है, मगर सब्जेक्ट को सीक्रेट रखा है।




सीक्वल को राजस्थान की विविध लोकेशंस पर शूट किया जाएगा। फिलहाल लीड एक्टर के लिए ऑडिशन लिए जा रहे हैं। यह सोशल मैसेज देने वाली एंटरटेनिंग फिल्म होगी।

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