दिफू। चाहे हम कितना भी चांद और मंगल पर पहुंचने की बात क्यों न कर लें, लेकिन भारत में अभी भी अंधविश्वास ने अपना जड़ जमाए हुए है। अंधविश्वास का साया खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
असम की राष्ट्रीय स्तर की जैवलिन थ्रो की खिलाड़ी को डायन बताकर जादू-टोना के इल्जाम पर पीटा गया है और यातनाएं दी गई है। घटना असम के कार्बी आंगलांग जिले के एक गांव में। जहां राष्ट्रीय खिलाड़ी को डायन बताकर जमकर पीटा गया है।
राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में स्वर्ण जीतने वाली देबजानी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया है। उन्हें इस साल एशियन मास्टर्स में भारत का प्रतिनिधित्व करना है।
2011-12 में उनका चयन मलेशिया में अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा के लिए हुआ था, लेकिन आर्थिक तंगी से नहीं जा सकी थीं।
देबजानी के साथ ये हरकत कथित तौर पर हफ्ते की शुरूआत में हुई है। देबजानी एक गरीब खेतिहर मजदूर है और कार्बी आंगलांग जिले के चेरेकाली गांव की निवासी है। देबजानी अपने पति के साथ दूसरे लोगों के खेतों में काम करती हैं और उनके तीन बच्चे हैं।
भारत के कई इलाकों में आज भी डायन प्रथा जारी है। गांव में पिछले कुछ महीनों में तीन शराबियों की मौत हुई और एक ठुकराए हुए प्रेमी ने आत्महत्या कर ली थी। इन सबका इल्जाम देबजानी पर लगाया दिया गया है।
धार्मिक सभागार में एकत्र भीड़ ने महिला खिलाड़ी के कारण गांव में समस्याएं आने का आरोप लगाया। फिर इस महिला को घसीट कर वहां लाया गया और एक पोस्ट से बंधकर उस महिला एथलीट को जमकर पीटा गया।
पिटाई से उनकी गर्दन व पीठ में गंभीर चोट आई है। घटना के बाद बोरा के परिजन उन्हें सभागार से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गए।
मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने लस्कर सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि भीड़ में शामिल अन्य की तलाश जारी है। -
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