सोमवार, 18 नवंबर 2013

कार्तिक पूर्णिमा पर किया गुरूदेव को याद


कार्तिक पूर्णिमा पर किया गुरूदेव को याद

बाड़मेर 18 नवम्बर। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर कुशल दर्शन मित्र मण्डल की ओर से एक दिवसीय बाड़मेर से ब्रहमसर गुरूदेव दर्शन यात्रा का आयोजन किया गया। मण्डल के कपिल मालू ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष में बाड़मेर,लोन्द्रवा व ब्रहमसर तीर्थ दर्शन कराया गया। मालू ने बताया कि संघ बाड़मेर से रवाना होकर लोन्द्रवा पहुंचा जहां पाश्र्वनाथ दादा के दर्शन कर पूजा अर्चना की गर्इ। इस अवसर पर शान्तीस्नात्र महापूजन का आयोजन किया गया जिसमें स्थानीय कलाकारो ने पूजन में पाश्र्वनाथ दादा के भजनो की प्रस्तुतियां दी। पूजन के पश्चात संघ लोन्द्रवा से ब्रहमसर की ओर प्रस्थान कर गया। मालू ने बताया कि ब्रहमसर में दादा जिन कुशलसूरीश्वर गुरूदेव के चरण पादुकाओं के आगे महापूजन का आयोजन किया गया। जिसमें अशोक बोथरा एण्ड पार्टी द्वारा भजनो की शानदार प्रस्तुतियां दी गर्इ दादा गुरूदेव के भजन जब कोर्इ नही आता मेरे दादा आते है पर भक्त जमकर झुमे। महापूजन के बाद महाआरती का आयेाजन किया गया एंवम विमलनाथ भगवान की आरती का लाभ भूरचन्द हिरालाल छाजेड़ व दादा गुरूदेव की आरती का लाभ देदमल केशरीमल सिंघवी म्याजलार परिवार एवं नाकोडा भैरव देव की आरती का लाभ शंकुतला देवी लखमीचन्द राखेचा परिवार ने लिया। शाम को तीर्थकर विमलनाथ भगवान ओर दादा जिनकुशल गुरूदेव की आंगी रचार्इ गर्इ। शाम की नवकारसी का लाभ आयोजक मण्डल की ओर से किया गया।

जटिया समाज की कार्यकारिणी का हुआ गठन

जटिया समाज की कार्यकारिणी का हुआ गठन

गोसार्इ अध्यक्ष व कुर्डि़या महामंत्री मनोनीत

बाड़मेर। जटिया समाज हनुमान मंदिर के प्रांगण में जटिया समाज की साधारण सभा का आयोजन नाथूलाल चौमिया सभापति के सानिध्य में किया गया। बैठक में सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद के लिए भोमाराम गोसार्इ, महामंत्री पद के लिए मोहनलाल कुर्डिया, कोषाध्यक्ष नाथूलाल चौमिया, उपाध्यक्ष पद के लिए बोधाराम जाटोल व किषनलाल बडारिया को सर्वसम्मति से मनोनीत किया गया।

नव मनोनीत पदाधिकारियों ने समाज के विकास के साथ-साथ षिक्षा के क्षेत्र में समाज को आगे बढाने को पहली प्राथमिकता बतार्इ। उन्होने कहा कि समाज के सभी बंधुओं को साथ लेकर समाज का चहुमुंखी विकास व उत्थान किया जायेगा। इस अवसर पर नीम्बाराम बांकोलिया, वीरमचंद मौर्य, छगनलाल जाटोल, विषनाराम फुलवारिया, भेरूसिंह फुलवारिया, र्इष्वरचंद नवल, पीराराम फुलवारिया, षिवदान तिगोया, चनणाराम फुलवारिया, र्इष्वरचंद बांकोलिया, पन्नालाल फुलवारिया, गोविन्द जाटोल, आम्बाराम वडेरा, मूलाराम गोसार्इ, भंवरलाल जाटोल, चंदन जाटोल, सुरेष जाटोल, ताराचंद वडेरा, मिश्रीमल सुवासिया, प्रेमप्रकाष चौहान, अमृत जाटोल, कैलाष फुलवारिया, जगदीष कुर्डिया, जगदीष मोसलपुरिया, अंकित गोसार्इ, फरसाराम सिघाडि़या सहित समाज के कर्इ गणमान्य नागरिक उपसिथत थें। वहीं नव निर्वाचित कार्यकारिणी के गठन पर खुषी जाहिर की। इससे पूर्व समाजसेवी व जटिया समाज के पूर्व उपाध्यक्ष गुलाबचंद मुण्डोतिया के आकसिमक निधन होने पर दो मिनट का मौन रखकर शोक व्यक्त किया।

राजनीति में एक वोट भी इतिहास रचता हैं : डा चौधरी

राजनीति में एक वोट भी इतिहास रचता हैं : डा चौधरी

बाड़मेर बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याक्षी डा मृदुरेखा चौधरी ने सोमवार को चुनावी प्रचार के दौरान युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र के निर्माण में युवाओं के वोट की महत्वपूर्ण भागीदारी रहती हैं । इसलिए युवाओं को चाहिए कि वह ऐसे व्यकित को अपना जनप्रतिनिधि चुने जो उनके साथ रहकर, हर समस्या के समाधान के लिए तत्पर रहे।

डा चौधरी ने यह बात कपूरड़ी, जालिपा, हाथीतला, रामनगर, सनावड़ा, सुथारों का तला सहित आसपास के कर्इ गांवों के ग्रामीणों से रूबरू होते हुए कही। उन्होने कहा कि समय की मांग के अनुसार युवा को चाहिए कि वह जनहितेशी और स्थानीय नेता का चुनाव करे जो हर समय समाजसेवा के तत्पर रहे। इस अवसर पर ग्रामीणों में भी स्थानीय नेता के महत्व को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला। ग्रामीण क्षेत्रों में पेष आने वाली विभिन्न समस्याओं पर चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में मुलभूत सुविधाओं की कमी हैं। और इन समस्याओं का समाधान आपके बीच रहने वाला स्थानीय जनप्रतिनिधि ही कर सकता है।

डा चौधरी ने इस अवसर पर ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि आप मुझे अपना वोट देकर जीत दिलावे । मैं आपकी हर समस्या के समाधान के लिए सजग रह कर कार्य करूंगी तथा क्षेत्र के हर ग्राम को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करूंगी।

उन्होने युवाओं को सम्बांधित करते हुए कहा कि लुभावनी घोशणाओं से हर नेता भोली भाली जनता से वोट बटोरने की कोषिष में जुटा हैं । मगर बाड़मेर आज जिस तरह से विकास की और बढ़ रहा हैं उस मायने में यहां कि जनता खास कर पढ़े लिखे नौजवानों को कोरे वादों की नहीं बलिक मलिटस्टेट कम्पनियों में उच्च पद पर नौकरी की आवष्यक्ता हैं, और यह सब कोरे वादों से हासिल होने वाला नही हैं इसके लिए षोशण की परम्परा को मिटाना होगा। और यह तभी सम्भव हैं जब युवा अपने वोट की कीमत को समझ कर अपने बीच रहने वाले व्यकित को वोट देकर विधान सभा में भेजे, जो आगे जाकर यहां की अवाम की आवाज बन कर काम करे।

भाजपा ही विकास की जननी: डा. प्रियंका

भाजपा ही विकास की जननी: डा. प्रियंका
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बाड़मेर भाजपा के शासनकाल में राजस्थान का महत्वपूर्ण विकास हुआ है। वसुंधरा राजे का कार्यकाल आप लोगाें ने देखा था। उससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत कहा करते थे कि खजाना खाली है। वसुंधरा राजे के सरकार में आते ही खजाना भर गया। कारण कि सकारात्मक सोच थी। नेतृत्व करने की क्षमता थी। उन्होंने आम जनता के हर वर्ग को साथ लेकर कार्य किया। दस लाख युवाओं को नौकरी दी गर्इ। कांग्रेस सरकार ने तो मात्र दस हजार युवाओं को नौकरी दी। इस सरकार ने तो भर्ती की ऐसी पालिसियां बनार्इ जो कोर्ट में ही अटकी गर्इ। बेरोजगार दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
यह बात बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र की भाजपा उम्मीदवार डा. प्रियंका चौधरी ने सोमवार को उतरलार्इ, कवास, बांदरा, मूढों की ढाणी, रोहिली, कपूरड़ी आदि ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा के पक्ष में आयोजित जन सभाओं में कही। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में में षिक्षा का स्तर उंचा हुआ, जिस पर राज्य को सम्मानित भी किया गया था। कांग्रेस सरकार ने तो नर्इ नीति बनार्इ कि आठवीं तक किसी को भी फेल नहीं करोगे। इससे षिक्षा की गुणवत्ता घट गर्इ। बच्चों की जब नींव ही कमजोर होगी तो वह कैसे आगे बढ़ सकेगा। उन्होंने कहा कि उनका जीवन जनता की सेवा को समर्पित है। छत्तीस कौम के विकास के लिए वे राजनीति में कदम रखा है। बाड़मेर के लोग मेहनती व स्वाभिमानी लोग है। इनके सहयोग से ही बाड़मेर का महत्वपूर्ण विकास होगा। इनके साथ रामसिंह बोथिया, मूलाराम भांभू, बालाराम मूंढ, हरखाराम लेगा, हीराराम जाणी, महावीरसिंह चूली, शेषकरणदान, जालूराम बेनीवाल, डूंगरसिंह एडवोकेट, रामलाल, रूपाराम नामा, नेणाराम माली, हीरसिंह बांदरा, मदनसिंह आगोर, ष्षारदा चौधरी, तिलाराम पूर्व सरपंच भुरटिया, वेद शुक्ला, रायचंदराम पूर्व सरपंच कपूरड़ी, मगाराम प्रजापत रोहिली आदि ने संबोधित कर भाजपा को और अधिक मजबूती देने का आहवान किया।

इन्दा ने किया डोर-टू डोर सम्पर्क

इन्दा ने किया डोर-टू डोर सम्पर्क

भाजपा शहर मण्डल प्रचार मंत्री रमेषसिंह र्इन्दा के नेतृत्व में युवा कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रत्याक्षी डा. प्रियंका चौधरी के लिये वार्ड संख्या 02 ,27,28 में डोर-टू-डोर सम्पर्क किया और पीले चावल बांटकर समर्थन की मांग की। भाजपा कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर काग्रेंस के कुषासन के बारे में बताते हुए कहा कि अब भाजपा का सुराज लाना है और देष में कमल खिलाना है, वार्ड में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जोषीले नारों से साथ वातावरण को भाजपामर्इ बना दिया। उक्त जनसम्पर्क कार्यक्रम में महिलाओं ने भी बढ चढकर भाग लिया।

इस कार्यक्रम के दौरान कल्याणसिंह, महेन्द्र धारू, भोजराज राव, नारायण जोषी, लक्ष्मण जीनगर, असरफ अली खिलजी, लोकेन्द्रसिंह ढीमा, उगमसिंह सौलंकी, दिगिवजयसिंह चूली, अषोक सारला हरीषसिंह, कैलाष आचार्य, स्वरूपसिंह भार्टी, भूरचंद जांगिड़, रावत प्रजापत, मूलाराम प्रजापत, नरपतसिंह राठौड़, महेन्द्रसिंह राजपुरोहित, किषन रामावत, प्रवीन चौधरी, अषोक भील, प्रवीण जोषी, आदि कार्यकर्ता साथ थे।

राष्ट्रीय लोक अदालत का उदघाटन



राष्ट्रीय लोक अदालत का उदघाटन

लोक अदालत के माध्यम से अधिकाधिक प्रकरणों का निस्तारण करवाने का आहवान


बाडमेर, 18 नवम्बर। राष्ट्रीय लोक अदालत का उदघाटन सोमवार को अध्यक्ष ताल्लुका विधिक सेवा समिति एम.आर. सुथार की अध्यक्षता में अपर जिला एवं सेशन न्यायालय परिसर में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मा सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

इस अवसर पर ताल्लुका विधिक सेवा समिति अध्यक्ष सुथार ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों का निस्तारण होने से पक्षकारान के मध्य आपसी रंजिश तथा मन मुटाव में सुधार आता है तथा धन व समय की बचत होती है और रिश्तों में मधुरता बनी रहती है। साथ ही मुकदमें के अनितम निपटारे के साथ पक्षकारान के मध्य टूटे रिश्तों का पुनर्जन्म होता है। उन्होने उपसिथत अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों से लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक मुकदमों का निस्तारण करवाकर राष्ट्रीय लोक अदालत में अपनी सहभागिता निभाने का आहवान किया। उन्होने बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार 23 नवम्बर तक राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा।

इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित ने कहा कि राजस्व मामलों के निपटारे के लिए लोक अदालत सशक्त माध्यम हो सकता है। उन्होने लोक अदालत का व्यापक प्रचार कर अधिकाधिक लाभ उठाने का आहवान किया।

बार एसोशिएशन के अध्यक्ष धनराज जोशी ने बताया कि विभिन्न न्यायालयों में मुकदमों का अम्बार लगा हुआ है जिसकों कम करने के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है तथा लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निस्तारित होने से एक तरफ मुकदमों की संख्या में कमी आती है वहीं दूसरी तरफ कम मुकदमें बचने पर उनकी पेशीयां भी नजदीक पडती है। विशिष्ट न्यायाधीश कमल छंगाणी ने बताया कि हमारे देश में प्राचीन काल से लोक अदालतों का आयोजन होता रहा है, पहले पंचायती प्रथा अब लोक अदालत का स्वरूप है। वर्तमान में पूरे देश में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है।

कार्यक्रम का संचालन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गोपाल बिजोरीवाल द्वारा किया गया। लोक अदालत में जिला पुलिस अधीक्षक सवार्इसिंह गोदारा, अतिरिक्त जिला कलक्टर अरूण पुरोहित, विशिष्ठ न्यायाधीश कमल छंगाणी, बार एसोशिएशन के अध्यक्ष धनराज जोशी, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट शैल कुमारी सोलंकी, न्यायिक मजिस्टे्रट पियुष चौधरी, अतिरिक्त न्यायिक मजिस्टे्रट श्रीमती सरोज सींवर, राजस्व अपील अधिकारी स्वरूपलाल पालीवाल तथा स्थानीय बार के अधिवक्तागण करनाराम चौधरी, माधोसिंह चौधरी, किरण मंगल, उदयभानसिंह, राजेश विश्नोर्इ, मुकनसिंह राठौड, पवनगिरी सोडियार व अन्य अधिवक्तागण ने भाग लिया। कार्यक्रम के अन्त में मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट गोपाल बिजोरीवाल ने उपसिथत सभी अधिवक्तागण एवं पक्षकारान को धन्यवाद ज्ञापित किया।

शिक्षा विभाग करेगा मतदाता जागरूकता कार्यक्रम

बाडमेर, 18 नवम्बर। शिक्षा विभाग द्वारा मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी कन्हैयालाल रेगर एवं अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी महेन्द्र कुमार शर्मा ने राजकीय माध्यमिक विधालय रामूबार्इ नेहरू नगर बाडमेर में सभी संस्था प्रधानों एवं नाडल अधिकारियों की बैठक आयोजित कर मतदाता आगरूकता कार्यक्रम आयोजन के निर्देश दिए। उन्होने 21 नवम्बर को मतदीप उत्सव के अन्तर्गत सार्वजनिक स्थलों पर दीप जलाकर मतदाता जागरूकता का कार्यक्रम करने, 22 नवम्बर को कैण्डल मार्च के अन्तर्गत युवा मोमबती जलाकर मतदाता जागरूकता का सन्देश देने, 23 नवम्बर को वमैन स्टण्ड अप टू वोट के अन्तर्गत महिलाओं व बालिकाओं के द्वारा मतदाता जागरूकता का कार्यक्रम करने, 24 नवम्बर को प्लीज टू वोट सैरीमनी के अन्तर्गत राज्य कर्मचारी एवं गैर राजकीय कर्मचारियों के द्वारा रैली कर मतदाता जागरूकता कार्यक्रम करने, 25 नवम्बर को मोटर साइकिल व साइकिल रैली के अन्तर्गत सामाजिक संगठनों एवं विधालय में अध्ययनरत बालिकाओं के द्वारा रैली निकालकर मतदाता जागरूकता करने, 26 नवम्बर को साथी हाथ बढाना के अन्तर्गत विधालयों के एनएसएस व एनसीसी व स्काउट गार्इड के द्वारा मतदाता जागरूकता प्रदर्शन करने तथा 27 नवम्बर को वोट मैराथन के अन्तर्गत खेलकूद प्रभारी शारीरिक शिक्षा व विधार्थियों के द्वारा दौड कर मतदाता जागरूकता अभियान के अन्तर्गत प्रदर्शन करने के निर्देश दिए।

रेगर ने सभी संस्था प्रधानों को विधालयों में अध्ययनरत बालक व बालिकाओं को प्रार्थना सभा मे मतदाता जागरूकता के संबंध में जानकारी देने तथा अध्ययनरत बालक व बालिकाओं से संकल्प पत्र भरवाकर संबंधित उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में जमा कराने के निर्देश दिए।

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जागो पार्टी लालचन्द गोदारा ने किया जन सम्पर्क

जागो पार्टी लालचन्द गोदारा ने किया जन सम्पर्क

बाड़मेर 18 नवम्बर 2013 जागो पार्टी प्रत्याषी लालचन्द गोदारा ने चुनाव प्रचार के लिए गांवो में जन सम्पर्क किया। बाड़मेर के वार्डो का किया जन सम्पर्क षास़्त्री नगर, वार्ड नम्बर-1 व वार्ड न-39, जोगियो की दड़ी, महाबार पूर्व किया। जागो पार्टी के प्रत्याषी लालचन्द गोदारा ने बाड़मेर आदि लोग चुनाव प्रचार में साथ थे। जागो पार्टी के प्रत्याषी लालचन्द्र गोदारा ने जन -जन तक प्रचार के लिए रथ यात्रा षुरू की । जनता ने जागो पार्टी के लिए समर्थन देने का वादा किया। जिला युवा अध्यक्ष नरपतसिंह मावा ने युवा षकित को सम्बोधित करते हुए आज की भ्रश्ट राजनिति में परिवर्तन ला सकती है। आज की राजनिति देष के विकास के हित न होकर देष द्रोही गतिविधियों बढाने का कार्य कर रही है।  प्रचार में साथ जिला अध्यक्ष डा रेवन्तसिंह सोढा, जिला मंहामंत्री गौतम बोथरा, वरिश्ठ उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार माली, कर्इ सैकड़ो 36 कौमों के लोगो ने सहयोग व समर्थन की आष्वासन दिया। अत: गौतमचन्द बोथरा ने सभी गांव वासियो को धन्यवाद व्यक्त किया।   

मतदान के जरिए लोकतंत्र के विकास में निभाएं भागीदारी:गुगरवाल


मतदान के जरिए लोकतंत्र के विकास में निभाएं भागीदारी:गुगरवाल

-नाकोड़ा में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के जरिए आमजन को मतदान करने का संदेश दिया गया। जागरूकता रैली में शामिल रेगिस्तान का जहाज उंट आकर्षण का केन्द्र रहा।

बाड़मेरबालोतरा,18 नवंबर। आगामी 1 दिसंबर को अधिकाधिक मतदान के जरिए लोकतंत्र के विकास में भागीदारी निभाएं। मतदाता जागरूकता के लिए सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। मतदान प्रत्येक व्यकित का नैतिक कर्तव्य है। कोर्इ भी व्यकित मतदान से वंचित नहीं रहना चाहिए। यह बात स्वीप प्रभारी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने सोमवार को नाकोड़ा में स्वीप के तहत आयोजित जागरूकता कार्यकम के दौरान कही। निर्वाचन विभाग स्वीप, क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय, नेहरू युवा केन्द्र, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से यह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस दौरान गुगरवाल ने कहा कि स्वीप के तहत प्रचार-प्रसार गतिविधियों के जरिए मतदाताआें को जागरूक किया जा रहा है। लेकिन यह प्रयास सबके सहयोग से सफल हो पाएगा। उन्हाेंने कहा कि शिक्षा विभाग, सर्व शिक्षा अभियान,महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ अन्य विभागाें के कार्मिकाें को मतदाता जागरूकता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, प्रेरक एवं बीएलओ मतदाताआें के घर-घर तक मतदान की अपील करने का संदेश पहुंचाएं। इस दौरान उपखंड अधिकारी अयूब खान ने कहा कि सभी लोग आवश्यक रूप से मतदान करें। किसी भी कारण से कोर्इ भी व्यकित मतदान से वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि एक जागरूक व्यकित का कर्तव्य है कि वह स्वंय मतदान करने के साथ अन्य लोगाें को भी मतदान के लिए प्रेरित करें। स्वीप के नोडल अधिकारी मुकेश पचौरी ने स्वीप के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि मतदान बेहद जरूरी है। उन्हाेंने कहा कि चुनाव आयोग ने मतदाताआें को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए खासे इंतजाम किए है। पहली बार मतदाताआें के घर तक मतदान पर्ची पहुंचार्इ जाएगी।

इस दौरान नाकोड़ा तीर्थ के ट्रस्टी एवं समाजसेवी ओम बांठिया ने कहा कि मतदाताआें को जागरूक करने के लिए उनकी ओर से पूरे प्रयास किए जाएंगे। बांठिया ने नाकोड़ा तीर्थ पर आने वाले श्रद्वालुओं एवं आसपास के इलाकाें में रहने वाले ग्रामीणाें को मतदान के लिए प्रेरित करने का भरोसा दिलाया। क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी नरेन्द्र तनसुखानी ने कहा कि स्वीप के तहत पूरे जिले में मतदाताआें को जागरूक किया जाएगा। एक दिसंबर को प्रत्येक नागरिक को नैतिक दायित्व का वहन करते हुए मतदान करना है। अधिकाधिक मतदान के लिए यह प्रयास किया जाए कि प्रत्येक पोलिंग बूथ पर कोर्इ भी व्यकित मतदान करने से वंचित नहीं रहे। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक सती चौधरी ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहयोगिनी मतदाताआें को जागरूक कर रहे है। उन्हाेंने महिलाआें से मतदाता जागरूकता अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आहवान किया। इस दौरान क्षेत्रीय प्रचार कार्यालय की ओर से मतदाता जागरूकता के लिए प्रश्नोतरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसके विजेताआें को मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने पुरस्कृत किया। इस अवसर पर विकास अधिकारी सविता टी चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक पृथ्वीराज दवे, नाकोड़ा ट्रस्टी चंपालाल पारख, गणपत पटवारी, जिला साक्षरता अधिकारी पुखराज गौड़,महिला एवं बाल विकास विभाग के लछाराम सियाग,नेहरू युवा केन्द्र के शंकरलाल सेन,ब्लाक समन्वयक अजय चंदानी समेत कर्इ गणमान्य नागरिक उपसिथत थे।

रैली से दिया मतदान जागरूकता का संदेश: नाकोड़ा में मतदाता जागरूकता के लिए स्कूली विधार्थियाें, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताआें, सहयोगिनियाें के साथ आमजन ने जागरूकता रैली निकाली। इस रैली को स्वीप प्रभारी एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस रैली में शामिल विधार्थियाें एवं महिलाओं ने नाराें के जरिए मतदाता जागरूकता का संदेश दिया।

शहीद मेजर शैतान सिंह, परमवीर चक्र 51 वीं पुण्य तिथि पर भावभीनी श्रृद्धांजलि



शहीद मेजर शैतान सिंह, परमवीर चक्र विजेता की

51 वीं पुण्य तिथि पर भावभीनी श्रृद्धांजलि समारोह



जोधपुर शहर ने अपने बहादुर वीर सपूतों में शूरवीर सुपुत्र शहीद मेजर शैतान सिंह परमवीर चक्र को उनकी 51वीं पुण्य तिथि पर आज याद किया। इस वीर सपूत के प्राणों के उत्क्रष्ट लिदान को जोधपुर मिलिट्री सेना संगठन ने जोधपुर शहर के हदय स्थल पावटा सर्किल पर पुष्प हार चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।


मेजर शैतान सिंह 13 कुमाउ रेजिमेन्ट की एक राइफल कम्पनी की कमान कर रहे थे एवं 1962 की सर्दियों में जम्मू कश्मीर के चुशुल सेक्टर में अगि्रम चौकी पर मोर्चा संभाले हुए थे। इस बहादुर अफसर ने कड़ाके की सर्दी में अदभुत नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन करते हुए, इस चौकी पर हुए चीनी हमले के विरूद्ध अपनी कम्पनी को प्रोत्साहित किया और उनके आक्रमण को विफल कर दिया। बाद में सारी कम्पनी फायर टेंच में मृत पाये गये, अधिकतर शीत के कारण बर्फ में जमे हुए, अपनी हथियारों को हाथ में थामे हुए मजबूत इरादों और बहादुरी को दर्शाते हुए शहीद हो चुके थे।



इस अवसर पर सभी सम्मानित नागरिकों, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी जोधपुर, शहीद मेजर शैतान सिंह के परिवारजनों तथा मेजर जनरल आर्इ एस घुमन जीओसी 12 रैपिड, एयर कमोडोर बी साजु, वायु अफसर कमाणिडंग, वायुसेना स्टेशन जोधपुर ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर सेना द्वारा बिगुल ध्वनि के साथ सम्मान गार्ड से अंतिम सलामी दी गयी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कार्यरत व सेवानिवृत सैन्य कर्मी तथा कर्इ नागरिक संस्थाऐं उपसिथत थीं। बड़ी संख्या में शहीद मेजर शैतान सिंह परमवीर चक्र के अध्ययरत विधालय के छात्र-छात्राऐं भी मौजूद थे। शहीद मेजर शैतान सिंह के नजदीकी रिश्तेदार ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

बालोतरा टेंकर चढ़ा बाइक सवार पर एक कि मौत

टेंकर चढ़ा बाइक सवार पर एक कि मौत
जीतेन्द्र मालू

बाड़मेर जिले के बालोतरा कसबे में सोमवार दोपहर को एक टेंकर बाइक सवार पर चढ़ गया जिससे बाइक सवार कि घटनास्थल पर ही मौत हो गयी।


जानकारी के अनुसार बाइक सवार पारस माली नमक युवक जा रहा था तेज गति और लापरवाही से पीछे से आ रहा टेंकर ने टक्कर मार दी टेंकर ने पूरी तरह से बाइक सवार पर चढ़ गयी ,बुरी तरह से कुचले इस युवक कि घटना स्थल पर ही मौत हो गयी ,घटना के बाद लोगो का जोरदार जमावड़ा हो गया। पुलिस को सूचना देकर बुलाया गया

पॉश इलाके में बुजुर्ग के सेक्स अड्डे का भंडाफोड़

जयपुर। राजधानी जयपुर के पॉश इलाके मानसरोवर से सोमवार को पुलिस ने वेश्यावृत्ति के अड्डे का पर्दाफाश किया। पुलिस ने वेश्यावृत्ति के अड्डे से तीन युवतियों समेत नौ को पकड़ा है। इस गोरखधंधे का मुख्य आरोपी एक 75 वर्षीय बुजुर्ग है। एसीपी मानसरोवर सरिता शत्रुघ्न ने बताया कि वेश्यावृत्ति के अड्डे के बारे में रविवार को सूचना मिली थी।पॉश इलाके में बुजुर्ग के सेक्स अड्डे का भंडाफोड़

सूचना के अनुसार मानसरोवर स्थित स्वर्ण पथ के पास एक मकान में वेश्यावृत्ति कराई जा रही थी। सूचना की तस्दीक के लिए एक कांस्टेबल को बोगस ग्राहक बनाकर भेजा गया था। एक हजार रूपए में सौदा तय होने के बाद एसीपी ने मय जाप्ते दबिश दी। एसीपी ने बताया कि आरोपी विश्वनाथ ने घर पर ही वेश्यावृत्ति का धंधा चला रखा था।

मौके से अग्रवाल फार्म निवासी रेखा (28), कोलकाता निवासी पिया (20) और हीरापुरा बाइपास निवासी सुमन (28) को गिरफ्तार किया गया है। जबकि ग्राहक बजरंगलाल सोनी , कमलेश जांगिड़ , भरत कुमार, श्याम अग्रवाल और जहुर मोहम्मद को भी गिरफ्तार किया है। एसीपी ने बताया कि गिरफ्तार दलाल विश्वनाथ की उम्र 75 साल है और वह पिछले लंबे समय से इसी कार्य में लिप्त है।

आरोपी बुजुर्ग वेश्यावृत्ति के लिए लड़कियां बाहरी राज्यों से मंगाता था। ग्राहक से एक हजार रूपए में सौदा तय करता था। इसके बाद आधे रूपये खुद रख लेता जबकि आधे युवती को दे देता। पुलिस इस मामले में आरोपी से पूछताछ कर रही है।

भाजपा के बागी सुराणा के खिलाफ मामला दर्ज

बीकानेर। बीकानेर की लूणकरनसर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के बागी माणिकचंद सुराणा के खिलाफ बिना अनुमति के सभा करने का मामला दर्ज कराया गया है। सुराणा के खिलाफ मामला लूणकरणसर विकास अधिकारी अमित कुमार ने दर्ज कराया है। भाजपा के बागी सुराणा के खिलाफ मामला दर्ज
लूणकरणसर पंचायत समिति के विकास अधिकारी अमित कुमार ने मानिकचंद सुराना और चचेरे ससुर के खिलाफ मामला दर्ज कराया। इसमें आरोप लगाया कि सुराणा ने बिना किसी पूर्व अनुमति के सभा करने और धारा 144 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। गया। सुराणा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और 143 के तहत मामला दर्ज कराया है।

सूत्रों ने बताया कि भू-लेख निरीक्षक किसनाराम जाट ने सुराना के कथित समर्थकों सिकंदर शाह और करीब 15 अन्य के खिलाफ सभा की वीडियोग्राफ ी नहीं करने देने और कैमरा छीनकर सरकारी कामकाज में बाधा डालने के आरोप में धारा 382 और 148 के तहत मामला दर्ज कराया हैं।

चुनावी रणभेरी जैसलमेर चुनाव दलगत राजनीती से ऊपर उठा व्यक्तिगत प्रभाव का दिखेगा असर


चुनावी रणभेरी जैसलमेर चुनाव दलगत राजनीती से ऊपर उठा व्यक्तिगत प्रभाव का दिखेगा असर



जैसलमेर अब जबकि जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र से चुनावी रणक्षेत्र कि स्थिति साफ हो चुकी हें। प्रथम दौर में भाजपा ने अपना प्रत्यासी कांग्रेस से पहले घोषित कर कर चुकी हें वाही भाजपा कि दूसरी बड़ी सफलता बागी सांग सिंह भाटी को मानना रहा भाजपा के लिए यह उत्साहजनक था। इधर कांग्रेस ने प्रत्यासी चुनने में देर लगाई जिससे गुटबाज़ी को बल मिला। भाजपा ने वर्त्तमान विधायक छोटू सिंह भाटी को मैदान में उतरा तो कांग्रेस ने सेवानिवृत मुख्य अभियंता रूपाराम धनदे को मैदान में उतारा। पांच अन्य निर्दलीय और पार्टियो के प्रत्यासी हे जिनका ज्यादा वजूद नहीं हें।


कांग्रेस ने इन चुनावो में नया गम खेला। अपनी परंपरागत राजपूत उम्मीदवार उतरने कि बजाय सामान्य सीट पर अनुसूचित जाति के रूपाराम धंदे पर दांव खेल राजपूतो कि नाराजगी मोल ले ली। क्षेत्र में करीब उन सितर हज़ार राजपूत मतदाता हें वाही उनचालीस हज़ार मुस्लिम और छबीस हज़ार अनुसूचित जाति ,तेरह हज़ार अनुसूचित जन जाती के मतदाता प्रमुख हें.कांग्रेस ने इस बार दांव खेला हें मुस्लिम मेघवाल गठजोड़ पर। इस नए गठजोड़ के चलते कांग्रेस के परंपरागत राजपूत वोट बेंक पूरी तरह खिसक गया ,कांग्रेस द्वारा राजपूत उम्मीदवार कि टिकट कटाने से जैसलमेर के तीन धड़ो में बनते राजपूत एक हो गए वाही आस पास के जिलो में इसका साफ़ असर देखा जा सकता हें।


कांग्रेस के लिए दिक्कत फ़क़ीर परिवार हें इस बार गाज़ी फ़क़ीर कि हिस्ट्रीशीट खुलने के प्रकरण के बाद इस परिवार कि छवि पर इसका अन्य जाति समाजो ममे विपरीत प्रभाव पड़ा हें ,इस परिवार पर राष्ट्रद्रोह के आरोप खुद सरकारी कारिंदो ने लगाये। जिसका असर इन चुनावो में दिखेगा।


कांग्रेस प्रत्यासी रूपाराम धनदे। … रूपाराम धंदे ने अपनी सरकारी सेवा का अधिकांस समय जैसलमेर में गुजारा हें उनके हर समाज जाति वर्ग में बेहतर व्यक्तिगत रिश्ते हें। व्यक्तिगत प्रभाव कितना कारगर साबित होगा यह आने वाले समय में पता चलेगा ,रूपराम का व्यक्तिगत प्रभाव कांग्रेस पार्टी से भारी हें। उन्हें हर वर्ग से समर्थन मिल रहा हें तो कई लोग सही आदमी गलत पार्टी का नारा बुलंद कर रहे हें। रूपराम ने अपने कार्यकाल में कई लोगो और परिवारो को लाभान्वित किया किसी न किसी रूप में। जिसका फायदा उन्हें मिल सकता हें ,रूपराम के पास पैसे का बड़ा जरिया हें।


भाजपा प्रत्यासी छोटू सिंह भाटी। … भाजपा के वर्त्तमान विधायक छोटू सिंह भाटी पेशे से ठेकेदार ह्वेन ,उनका सरल स्वाभाव जैसलमेर कि जनता को लुभाता हें ,उनके हर समाज जाती वर्ग से बेहतर व्यक्तिगत रिश्ते हें। इन रिश्तो के चलते वे पिछला चुनाव जीते थे ,गत चुनावो में राजपूत समाज के साथ भाजपा भी कई धड़ो में बंटी थी इस बार उन्हें सांग सिंह भाटी पूर्व विधायक का साथ मिला हें ,संग सिंह ने निर्दलीय नामांकन भरा था पार्ट्री के आदेश से उन्होंने ना केवल नामांकन वापस लिया अप[इतु छोटू सिंह के साथ हो लिए। इस बार राजपूत समः एक मत हें इसका फायदा उन्हें मिल सकता हें ,छोटू सिंह को परम्परागत भाजपा वोटो के साथ कांग्रेसी राजपूतो के वोट मिलेंगे जो उनके लिए बोनस साबित हो सकते हें।


हालफिलहाल दोनों प्रत्यासी जोर आज़माईश में लगे हें ,मुकाबला कडा होने के प्रबल आसार हें। मुस्लिम मेघवाल गठजोड़ के प्रतिक रहे पूर्व निर्दलीय विधायक मुल्तानाराम बारुपाल और राजपूत नेता जनक सिंह भाटी कांग्रेस को अलविदा कह चुके हें कांग्रेस के लिए यह झटका था।


--विधानसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारो ने एड़ी से चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय पार्टियो के प्रत्याशियो के अलावा स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान मे उतरे प्रत्याशी मतदाताओ को रिझाने मे कोई कसर नहीं छोड़ रहे।


शहरी क्षेत्रो मे चुनाव प्रचार करने के साथ दूर-दराज के गांव व ढाणियो तक पार्टी प्रत्याशियो ने युद्ध स्तर पर अपनी कार्ययोजना को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया है। जिले के शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्रो मे भी चुनावी रंग जमने लगा है। चाय की थडियो से लेकर गली-मोहल्ले व चौपालो पर हर जगह चुनावो की ही चर्चा है। इस दौरान उम्मीदवारो के दौरो ने इन चुनावी रंग को गहरा कर दिया है।

चुनाव कार्यालयो मे छाई रौनक

जैसलमेर मे पार्टियो की ओर से खोले गए चुनावी कार्यालयो मे इन दिनो उत्सव सा माहौल है। यहां चुनावी रणनीति बनाते लोग समूह विचार विमर्श करते हुए या फिर जाातिगत वोटो पर चर्चा करने मे मशगूल कार्यकर्ताओ को देखा जा सकता है। यहां यह भी चर्चा हो रही है कि किस गांव व क्षेत्र मे कौनसे कार्यकर्ताओ की टीम जाएगी। चर्चाओ के इस दौर के बीच खोले गए चुनावी कार्यालयो मे चहल-पहल देखी जा सकती है।

ये है चुनावी मैदान मे


नामांकन वापस लेने के बाद अब जैसलमेर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस से रूपाराम मेघवाल, भाजपा से छोटूसिंह भाटी, बसपा से हुकुमसिंह शेखावत के अलावा हरीश कुमार, रामनिवास छीपा, रोशनसिंह व भगवानसिंह चुनावी मैदान मे है।

पत्रकारों से शादी नहीं करना चाहती आज की लड़कियां

बीजिंग। दुनिया में पत्रकार अपनी एकाकी सोच के लिए जाने जाते हैं, लेकिन चीन में वे एक भिन्न मामले में अकेले हैं। इस पेशे में सबसे अधिक संख्या में एकाकी जीवन जीने वाले लोग हैं। 
पत्रकारों से शादी नहीं करना चाहती आज की लड़कियां
इस आशय का खुलासा एक सर्वे में हुआ है। जोड़े मिलान करने वाली साइट झेनाई डॉट कॉम के मुताबिक, चीन में 4.8 प्रतिशत मीडियाकर्मी एकाकी जीवन जीते हैं। चाइना डेली में मंगलवार को छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से अधिकांश पेशेवर हैं। अखबार ने लिखा है, "अपनी रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में मजाक करते हुए पत्रकार कई बार यह कहते हैं कि वे 'अल सुबह एक मुर्गे की तरह जगते हैं और देर रात एक कुत्ते की तरह बिस्तर में घुस जाते हैं।" अब एकाकी जीवन जीने का एक और ही कारण मजाक में उभरा है। झेनाई डॉट कॉम की रिपोर्ट चीन में एकाकी जीवन जीने वाले लोगों की बीच कराए गए सर्वे पर आधारित है। इस सर्वे में 10,000 सदस्यों को नमूने के तौर पर लिया गया। कुछ मीडियाकर्मियों के दुखड़े पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यून वेतन और कठिन कार्यपरिस्थिति के कारण पत्रकारों को डेट पर जाने की फुरसत नहीं मिल पाती। अखबार ने एक पत्रकार से साक्षात्कार लिया जिसमें बताया गया कि पत्रकार इसलिए अकेले रह जाते हैं क्योंकि उन्हें समय से ज्यादा काम करना पड़ता है और छुट्टियों एवं साप्ताहिक अवकाश के दिनों में भी खबरों का पीछा करना होता है। पत्रकार ने बताया कि न्यूजरूम में रात की पाली में काम करना आम बात है और यही तलाक की उच्च दर का मुख्य कारण है।

एक रानी कैसे बनी राजस्थान की 'महारानी'



नई दिल्ली। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया राजपूत इलाके में सिंधिया खानदान की बेटी यानी राजपूतानी और जाटों के असर वाले इलाके में धौलपुर जाट राजघराने की बहू यानी जाटनी और गुर्जरों के इलाके में बेटे दुष्यंत की गुर्जरों में हुई शादी की वजह से समधिन भी हैं। राजस्थान में असर रखने वाली तीन प्रमुख जातियों से ये रिश्ता वसुंधरा राजे ने 2003 में चुनाव प्रचार के वक्त बनाया था। राजपूतों से वो कहती थीं कि बेटी की लाज रखो। जाटों से कहतीं थीं कि बहू को ताज दो और गुर्जरों से कहती थीं कि समधिन चुनरी का मान रखेगी, आरक्षण का हक दिलाएगी।



2003 में राजस्थान में बीजेपी पहली बार अपने दम पर सत्ता में आई। इसे वसुंधरा राजे का ही कमाल माना गया, लेकिन कुछ वक्त पहले तक उसी बीजेपी में वसुंधरा अलग-थलग दिखाई दे रही थीं। 2009 में उन्हें नेता विपक्ष के पद से भी इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा था। 2009 में वसुंधरा के रहते पार्टी ने राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से महज 4 पर जीत हासिल की, इसके बाद वसुंधरा को नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ना पड़ा। उनकी मुश्किलें बढ़ने लगीं।



कैडर से बंधे आरएसएस और बीजेपी के नेताओं को वसुंधराराजे की महारानी वाले अंदाज की कार्यशैली से हमेशा शिकायत रही। पार्टी में उनकी सत्ता को चुनौती देने के लिए जयपुर में समानांतर राजनीतिक नेतृत्व उभारा जाने लगा। अप्रैल 2012 में वसुंधरा की जगह नेता प्रतिपक्ष बने गुलाब चंद कटारिया ने 28 दिन की मेवाड़ यात्रा निकालने की घोषणा कर दी। माना जाता है कि कटारिया खुद को सीएम पद के दावेदार के तौर पर प्रोजेक्ट करना चाहते थे। जाहिर है ये वसुंधरा को नामंजूर था। पार्टी छोड़ने की वसुंधरा की धमकी के पीछे बीजेपी के 79 विधायकों में 56 विधायकों के समर्थन की ताकत थी। सब उनके साथ थे। ऐसा ही विधायकों ने तब भी किया था जब पार्टी ने उन्हें नेता विपक्ष के पद से हटाया था।



राजे समर्थक नेता राजेंद्र राठौड़ कहते हैं कि राजस्थान में बीजेपी वसुंधराराजे से ही शुरू होती है। राजस्थान में हर हाल में वसुंधरा का साथ देनेवाले ऐसे कट्टर समर्थकों की कमी नहीं है। 2008 के जिस चुनाव में वसुंधरा सत्ता से बाहर हुईं थीं कहते हैं उस चुनाव में टिकट बंटवारे पर उनकी तत्कालीन अध्यक्ष राजनाथ सिंह से ठन गई थी। वसुंधरा की पसंद के सिर्फ 90 टिकट ही बांटे गए थे। पार्टी को सिर्फ 79 सीट पर जीत मिली। वसुंधरा समर्थकों का दावा था कि इनमें 71 विधायक उनके गुट के थे। इन्हीं विधायकों की बदौलत वसुंधरा ने पार्टी में खोया हुआ रुतबा दोबारा हासिल किया।



कमाल देखिए कि आज वसुंधरा राजे को बीजेपी का सीएम उम्मीदवार बताते हुए वही राजनाथ सिंह उनकी तारीफों का पुल बांधते हैं, जिन्होंने 2009 में उन्हें नेता विपक्ष के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया था। राजनाथ सिंह कहते हैं कि हमने वसुंधराजी को इसलिए भावी सीएम के रूप में प्रोजेक्ट किया क्योंकि उन्होंने सीएम के रूप में राजस्थान को बिजली में आत्मनिर्भर बनाया। जानकार मानते हैं कि पार्टी का हृदय परिवर्तन अचानक नहीं हुआ। 2008 से अबतक पार्टी को अच्छी तरह एहसास हो गया था कि राजस्थान में वसुंधराराजे का अकेला विकल्प वो खुद ही हैं। राजनीतिक विश्लेषक राजीव गुप्ता बताते हैं कि बीजेपी के पास वसुंधराराजे का कोई विकल्प था ही नहीं।



बीजेपी में वसुंधरा राजे की मजबूत स्थिति समर्थकों की फौज से ही नहीं बनी। हालांकि 2008 में राजस्थान की जनता ने उनमें दोबारा भरोसा नहीं दिखाया, लेकिन इसमें शक नहीं है कि वो आम लोगों के बीच खासी लोकप्रिय हैं। ये लोकप्रियता ही उनकी ताकत का आधार तैयार करती है, जिसके बीज बतौर मुख्यमंत्री वसुंधरा के पांच साल के शासन काल में पड़े। पांच साल में बेहतर शासन की वजह से बनी वसुंधरा की लोकप्रियता का आलम ये है कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी से परहेज करने वाला मेव अल्पसंख्यक समुदाय भी आज वसुंधराराजे के समर्थन में रैलियों में पहुंच रहा है। अल्पसंख्यक नेता पीर मोहम्मद मानते हैं कि वसुंधराराजे ने अच्छी सरकार चलाई है, अच्छा राज चलाया है। वहीं नवाजुद्दीन कहते हैं कि वसुंधराराजे ने गरीबों के लिए काम किया।



इस लोकप्रियता की वजह चुनावी वादे को पूरा करने में मिली कामयाबी है। दरअसल, 2003 में वसुंधरा ने मुख्यमंत्री बनते ही शासन के परंपरागत तरीके को बदल दिया। पहले खुद के लिए किसी कॉरपोरेट कंपनी के दफ्तर की तरह नया सीएमओ बनवाया। सचिवालय की अंदर और बाहर की तस्वीर बदल दी। फाइलों में उलझे अफसरों को लैपटॉप और काम पूरा करने का टारगेट थमा दिया। अफसरो को प्रेजेंटेशन देने पड़ रहे थे। लालफीताशाही को भूल कर सरकारी कर्मचारी काम में डूबे दिखने लगे, दूसरी तरफ काम की गुणवत्ता में सुधार के लिए उन्होंने सप्ताह में पांच दिन काम करने की कार्य संस्कृति भी शुरू की।



पूर्व आईएएस आर एस गठाला कहते हैं कि वसुंधराराजे हार्ड वर्किंग तो शुरू से हैं। मैं जब कलेक्टर था तब देखा कि किस तरह आम आदमी की समस्याओं को लेकर वह सीरियस थीं। खुद वसुंधराराजे ने सरकार की ब्रांडिग शुरू की। कभी सरकारी डेयरी के दूध की ब्रांडिग के लिए विज्ञापन करती नजर आई तो कभी कोटा में बुनकरों की कोटा डोरिया साड़ी की ब्रांडिग के लिए कैटवॉक किया। डिजायनरों को काम सौंपा। साड़ी ब्रांड बन गई। खेलों को बढ़ावा देने, निशानेबाजी को प्रमोट करने के लिए खुद शूटिंग रेंज में निशाना लगाते दिखीं तो कभी टेनिस कोर्ट में टेनिस खेलते। पानी को तरसते राजस्थान में स्पेशल इकोनोमिक जोन बनने लगे, तरक्की का रास्ता दिखने लगा। छात्रों और महिलाओं से लेकर हर तबके में उनकी लोकप्रियता मजबूत हो गईं।



जानकार मानते हैं कि वसुंधरा के शासन करने के अंदाज में एक दूरंदेशी दिखती थी, लेकिन इस दूरंदेशी में पास वाली नजर खराब होने का इशारा देने वाले तमाम विवादों का सिलसिला भी मिलता है। वसुंधरा राज के एक साल बीतने के बाद ही अगले चार साल में पुलिस को 16 बार गोली चलानी पड़ी। पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी के लिए दिखाई गई कथित दरियादिली ने भी विरोधियों को उनपर निशाना साधने का मौका दिया।



वसुंधरा राज में पानी को लेकर हुए किसान आंदोलन और आरक्षण की मांग को लेकर हुए गुर्जर आंदोलनों ने भी उनकी छवि पर दाग लगाया। दोनों आंदोलनों को काबू में करने के लिए पुलिस को गोलियां दागनी पड़ी। इसके बावजूद ये महारानी के राजनीतिक कौशल का ही कमाल था कि गुर्जर आंदोलन छेड़ने वाले नेता किरोड़ी सिंह बैंसला खुद बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी नेता कैलाशनाथ भट्ट का दावा है कि वसुंधरा राजे का लोगों से जीवंत संपर्क है।



मौजूदा प्रचार के दौरान वसुंधरा की रैलियों में जिस तरह से भीड़ जुट रही है, उससे सत्ताधारी कांग्रेस की पेशानी पर बल पड़ गया है। लिहाजा, वसुंधरा राज में लोकप्रिय हुए एक जुमले 8 पीएम, नो सीएमके बहाने कांग्रेस वसुंधरा पर अपने कार्यकाल में शराब संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगा रही है। पुराने आरोपों की भी याद दिलाई जा रही है। सीएम अशोक गहलोत कहते हैं कि आठ करोड़ के कारपेट कहां गए। बीकानेर हाउस राजस्थान के मैनेजर ने कारपेट नहीं दिया तो उसे एपीओ कर दिया।



सत्ता और सियासत को बचपन से ही देखने वाली महारानी पार्टी में अपनी ताकत साबित कर चुकी हैं, लेकिन सच ये भी है कि राजस्थान में समूचे प्रदेश में असर रखने वाले केवल दो ही नेता हैं वसुंधरा राजे और गहलोत। वसुंधरा के सामने चुनौती गहलोत के उस चक्रव्यूह को तोड़ने की है जिसे उन्होंने पिछले एक साल में रचा है।



बीते एक साल में अशोक गहलोत ने मुफ्त दवा, मुफ्त जांच योजना, पेंशन और स्कॉलरशिप जैसी कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं। रिफाइनरी और मेट्रो रेल जैसी परियोजना से उन्होंने विकास का सपना ही नहीं दिखाया बल्कि उसका प्रचार प्रसार भी किया। दिलचस्प ये है कि वसुंधरा भी अपने कार्यकाल में हुए विकास की ताकत से ही वापसी की उम्मीद देख रही हैं, किसका विकास बेहतर था अब ये फैसला जनता को करना है।



राजस्थान की राजनीति में आधी सदी तक छाए रहे भैरोसिंह शेखावत के उपराष्ट्रपति बनने के साथ राजस्थान बीजेपी में वसुंधरा राजे की उदय का कहानी शुरू होती है। बात 2002 की है, जब शेखावत के जाने से बनने वाली खाली जगह भरने के लिए ललित किशोर चतुर्वेदी, गुलाबचंद कटारिया और घनश्याम तिवाड़ी जैसे दिग्गजों में होड़ लगी थी। कहते हैं कि इस मौके पर शेखावत ने झालावाड़ से सांसद और विजयराजे सिंधिया की बेटी वसुंधरा राजे को प्रदेश अध्यक्ष बनाने और उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने की सलाह दी। बीजेपी ने राजे को भावी सीएम प्रोजक्ट कर राजस्थान भेज तो दिया, लेकिन हालात अनुकूल नहीं थे। बीजेपी खेमेबाजी में बंटी थी। प्रदेश की राजनीति जतियों के मकड़जाल में उलझी थी।



वसुंधरा राजे उस वक्त वाजपेयी सरकार में मंत्री थीं, वो अनमने मन से ही जयपुर आईं। बिड़ला प्लेनेटोरियम में हुए एक भव्य समारोह में प्रदेश अध्यक्ष का ताज उनके सिर पर रखा गया। आडवाणी के कहने पर वसुंधरा ने राजसमंद जिले के चारभुजा माता के मंदिर से परिवर्तन यात्रा शुरू की, लेकिन सत्ताधारी कांग्रेस को वो खतरा नहीं लगती थीं। वो परिवर्तन यात्रा को पर्यटन यात्रा कहते थे तो खुद बीजेपी में भी संशय का माहौल था।



राजनीतिक विश्लेषक राजीव गुप्ता कहते हैं कि सीनियर नेताओं को ये भरोसा नहीं था कि वे इतना बड़ा बहुमत हासिल कर पाएंगी। परिवर्तन यात्रा का रथ जिधर गया, महारानी को देखने और सुनने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा, वसुंधरा खुद को राजपूताने की बेटी, जाटों की बहू और गुर्जरों की समधन बताने में ही कामयाब नहीं हुईं, बल्कि आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को भी रिझाने लगीं। उन्होंने आदिवासियों जैसी वेशभूषा पहनकर आदिवासी महिलाओं के साथ मंच पर थिरकने से भी परेहज नहीं किया। इसी वजह से 2003 में वसुंधराराजे 200 में से 120 सीटें जीतने में कामयाब रही और सूबे में सबसे अधिक जनाधार वाली लोकप्रिय नेता बन गई। अपनी बात को शेरो-शायरी में कहने की शैली ने भी वसुंधरा की बाकी नेताओं से अलग पहचान बनाई।



वसुंधरा ने सिर्फ महिलाओं के लिए काम ही नहीं किया बल्कि कॉलेज में छात्राओं के बीच ठुमके लगाने से भी परहेज नहीं किया। इसके बावजूद वसुंधरा ने राजसी खानदान की बेटी और बहू की गरिमा और नफासत को बनाए रखा। कलाई पर खास ब्रांड की घड़ी, खास ब्रांड का सनग्लास, हाथों में कड़े, नाक में अलग आकार की नोज पिन, हरे और पीले रंग की लकी साड़ियां। इस छवि ने उन्हें महिलाओं के बीच ही नहीं युवाओं के बीच भी स्टाइल आईकन बनाया है।युवा सूरज सैनी का कहना है कि पार्टी संगठन हो या सरकार हर जगह वसुंधरा राजे ने युवाओं को बढ़ावा दिया। इसी वजह से ये युवा हमेशा उनके फैन रहे हैं। छात्रा निमिशा कहती हैं कि वे छात्राओं के लिए तो स्टाइल आईकन हैं।



2003 के चुनाव में सफलता और उसके बाद बनी लोकप्रियता ने वसुंधरा के बाहरी होने के विरोधियों की दलीलों की भी हवा निकाल दी। बेशक वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान में बहू बन कर आईं थीं लेकिन इसमें शक नहीं है कि वो बेटी से बढ़ कर साबित हुई हैं।



अतीत में जाएं तो वसुंधरा राजे का जन्म ऐसे परिवार में हुआ, जहां खुद बीजेपी का लालन-पालन हुआ। 08 मार्च, 1953 में वसुंधरा का जन्म मुंबई में ग्वालियर के सिंधिया घराने में हुआ। उनकी मां राजमाता विजयराजे सिंधिया बीजेपी के संस्थापकों में से एक थीं। दरअसल, सिंधिया घराना कांग्रेस समर्थक था, लेकिन आपातकाल की आलोचना करने के लिए विजययराजे सिंधिया को जेल में डाल दिया गया था। इसके बाद सिंधिया कांग्रेस से अलग हो गईं। बीजेपी के गठन में उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई। लिहाजा, वसुंधरा ने स्कूली शिक्षा भले ही तमिलनाडु के कोडाईनाल में पूरी की। कॉलेज की पढ़ाई भले ही मुंबई की सोफिया कॉलेज की, लेकिन राजनीतिक शिक्षा की पहली पाठशाला उनकी मां का ग्वालियर का महल ही था।



वसुंधरा की बहन यशोधराराजे सिंधिया कहती हैं कि ग्वालियर के बाद उनका राजस्थान से नाता जुड़ा। 1972 में जब वसुंधरा राजे सोफिया कॉलेज में पढ़ ही रही थीं तभी उनकी शादी धौलपुर के जाट राजपरिवार के हेमंत सिंह के साथ हो गई। शादी भले ही ज्यादा नहीं चल पाई, लेकिन 1985 में धौलपुर से ही वे पहली बार बीजेपी से विधायक चुनी गईं। 1989 में लोकसभा चुनाव के लिए उन्होंने धौलपुर के बजाय झालावाड़ को चुना, जो मध्यप्रदेश में उनकी मां विजयराजे सिंधिया के गुना संसदीय क्षेत्र के पड़ोस में था। धौलपुर की महारानी ने झालवाड़ की जनता के दिल में ऐसी जगह बनाई की लगातार पांच बार इस क्षेत्र से सांसद रही। बीजेपी वरिष्ठ नेता ओंकारसिंह लखावत कहते हैं कि वसुंधराराजे उस राजमाता विजयाराजे सिंधिया की बेटी हैं, उस परिवार के संस्कार हैं।



वसुंधरा राजे की इस कामयाबी के पीछे उनके वो समर्थक हैं जो ठोस वोटबैंक की तरह बर्ताव करते हैं। इस वोटबैंक को तैयार करने में जहां हर तबके, हर मजहब के लोगों से एक जैसा बर्ताव करने की वसुंधरा की आदत है। जाति और मजहब से अलग लोगों को उनके पेशे के आधार पर पार्टी से जोड़ने की रणनीति ने भी वसुंधरा को लोकप्रिय बनाया है। डॉ पीयूष त्रिवेदी कहते हैं कि वसुंधराराजे ने चिकित्सा के सभी पेशों को एक छत के नीचे लाने का काम किया, जिससे डॉक्टरों में उनकी इज्जत बढ़ी। वसुंधराराजे के पूर्व एडवाइजर ब्रजेश शर्मा बताते हैं कि वे फैसला लेने के बाद कभी पीछे नहीं हटती, चाहे कुछ हो भी जाए।



बेशक वसुंधरा राजे सिंधिया में शाही अंदाज और कामयाब लोगों में दिखने वाली एक जिद है, लेकिन ये जिद क्या उन्हें फिर सफलता दिला पाएगी। जवाब का इंतजार उन्हें भी है जो वसुंधरा के समर्थक हैं, और उन्हें भी जो उनके विरोधी।