शुक्रवार, 27 सितंबर 2013

दिल्ली में डेंगू के लिए मोदी जिम्मेदारः शीला दीक्षित



नई दिल्ली।। दिल्ली में डेंगू के बढ़ते मामलों पर अब सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस बीजेपी के पीएम कैंडिडेट और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को डेंगू के बहाने घेरने में जुट गई है। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दिल्ली में फैल रहे डेंगू के लिए मोदी को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने रोहिणी के जापानी पार्क में 29 सितंबर को होने वाली नरेंद्र मोदी की रैली को डेंगू के बढ़ते मामले के लिए जिम्मेदार ठहराया।
A COUNT DOWN CLOCK UNVAILED FOR MODI RALLy
गुरुवार को बाहरी दिल्ली के कंझावला में ई-सब रजिस्ट्रार सेंटर के उद्घाटन के समय शीला ने कहा कि लोग डेंगू से परेशान हैं और निगम अपना काम छोड़कर मोदी की 29 सितंबर को रोहिणी में होने वाली रैली की तैयारियों में जुटा है। दीक्षित ने कहा पूरे नगर निगम के मोदी की रैली की तैयारियों में लगे होने से निगम कर्मचारियों को डेंगू से निपटने का समय नहीं मिल पा रहा है। गौरतलब है कि शीला दीक्षित ने कुछ दिन पहले भी मोदी को डेंगू के बहाने घेरने की कोशिश की थी। उन्होंने तब कहा था कि डेंगू के मच्छर गुजरात के ट्रकों से दिल्ली आ रहे हैं।

शीला के साथ उत्तरी नगर निगम में नेता विपक्ष मुकेश गोयल ने भी डेंगू के लिए मोदी की रैली को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि महापौर, स्थायी समिति के अध्यक्ष और नेता सदन के साथ पूरा अमला रोहिणी के जापानी पार्क में तैनात है। गौरतलब है कि डेंगू के सबसे ज्यादा 99 मामले रोहिणी क्षेत्र से सामने आए हैं। दिल्ली में अगस्त में डेंगू के मरीजों की संख्या 142 थी, जबकि सितंबर में 1567 मरीज सामने आए हैं।




गौरतलब है कि सिर्फ तीन दिन में दिल्ली में डेंगू के 374 नए मामले सामने आए हैं। अब तक दिल्ली में डेंगू के मामलों की संख्या बढ़कर 1729 तक पहुंच गई है। वहीं दूसरी ओर गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में एमसीडी ने एक और मौत को शामिल किया है। अब डेंगू की वजह से राजधानी में तीन मौतें हो चुकी हैं। हालांकि, यह आंकड़ा एमसीडी का है जबकि सच तो यह है कि एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत डेंगू की वजह से हो चुकी है। एमसीडी के आंकड़ों में अभी भी सात ऐसी मौतें शामिल हैं जिसे डेंगू संभावित में रखा गया है।

अब ईवीएम का बटन दबाकर नेताओं को ना कह सकेंगे वोटर



नई दिल्ली।। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि वोटरों को नेगेटिव वोट डालकर सभी उम्मीदवारों को रिजेक्ट करने का अधिकार है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को वोटरों को ईवीएम में 'इनमें से कोई नहीं' का विकल्प देने को कहा है। चुनाव सुधार की दिशा में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को मील का पत्थर माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला एनजीओ पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की याचिका पर दिया। गौरतलब है कि चुनाव आयोग 2001 में ही यह प्रस्ताव सरकार को भेज चुका था, लेकिन सरकारें इसे दबाए बैठी रहीं।ईवीएम में 'इनमें से कोई नहीं' का विकल्प होने के बाद वोटर आसानी से अपने क्षेत्र के सभी उम्मीदवारों को खारिज कर सकेंगे। 
अब ईवीएम में होगा 'कोई नहीं' का ऑप्शन

अभी इसके लिए काफी लंबी प्रक्रिया अपनानी पड़ती है। दरअसल, वोटरों के पास रूल नंबर 49-ओ (O) के तहत नेगेटिव वोटिंग का अधिकार पहले से ही है। इसके तहत वोटर को फॉर्म भरकर पोलिंग बूथ पर चुनाव अधिकारी और एजेंट्स को अपनी पहचान दिखाकर वोट डालना होता है। इस प्रक्रिया की खामी यह है कि पेचीदा होने के साथ-साथ इसमें वोटर की पहचान गुप्त नहीं रह जाती।सुप्रीम कोर्ट ने ताजा फैसले को लागू करने को लेकर कोई समयसीमा तय नहीं की है। इसलिए, अभी यह तय नहीं है कि यह फैसला अगले आम चुनाव तक लागू हो जाएगा या नहीं। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को इस फैसले को लागू करने करने में मदद करने को कहा है।

चीफ जस्टिस पी. सदाशिवम की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि नेगेटिव वोटिंग से चुनावों में शुचिता और जीवंतता को बढ़ावा मिलेगा तथा व्यापक भागीदारी भी तय होगी, क्योंकि चुनाव मैदान में मौजूद प्रत्याशियों से संतुष्ट नहीं होने पर वोटर प्रत्याशियों को खारिज कर अपनी राय जाहिर करेंगे। बेंच ने कहा कि नेगेटिव वोटिंग की अवधारणा से चुनाव प्रकिया में बड़ा बदलाव होगा, क्योंकि राजनीतिक दल साफ छवि वाले प्रत्याशियों को ही टिकट देने के लिए मजबूर होंगे। वोटिंग का अधिकार सांवैधानिक अधिकार है, तो उम्मीदवार को नकारने का अधिकार संविधान के तहत अभिव्यक्ति का मौलिक अधिकार है।

बेंच ने कहा, 'नेगेटिव वोटिंग 13 देशों में प्रचलित है और भारत में भी सांसदों को संसद भवन में मतदान के दौरान 'अलग रहने' के लिए बटन दबाने का विकल्प मिलता है। लोकतंत्र पसंद का मामला है और नेगेटिव वोट डालने के नागरिकों के अधिकार का महत्व व्यापक है। नेगेटिव वोटिंग की अवधारणा के साथ चुनाव मैदान में मौजूद प्रत्याशियों से असंतुष्ट वोटर अपनी राय जाहिर करने के लिए बड़ी संख्या में आएंगे, जिसकी वजह से विवेकहीन तत्व और दिखावा करने वाले लोग चुनाव से बाहर हो जाएंगे।'

बेंच ने हालांकि इस बारे में कुछ साफ नहीं किया कि 'कोई विकल्प नहीं' के तहत डाले गए वोटों की संख्या अगर प्रत्याशियों को मिले वोटों से अधिक हो तो क्या होगा। बेंच ने कहा कि 'कोई विकल्प नहीं' कैटिगरी के तहत डाले गए वोटों की गोपनीयता निर्वाचन आयोग को बनाए रखनी चाहिए।

चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को गोपनीय और सुविधाजनक बनाने के लिए 10 दिसंबर 2001 को ही ईवीएम में उम्मीदवारों के नाम के बाद 'इनमें से कोई नहीं' का विकल्प देने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था, लेकिन इन 12 सालों में इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने वोटरों को यह अधिकार दे दिया।

चुनाव सुधारों की मांग कर रहे कार्यकर्ताओं का कहना है कि किसी क्षेत्र में अगर 50% से ज्यादा वोट 'इनमें से कोई नहीं' के ऑप्शन पर पड़ता है, तो वहां दोबारा चुनाव करवाना चाहिए। अभी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि यह मतदाता का अधिकार है कि वह सभी उम्मीदवारों को खारिज कर सके। चुनाव आयोग ने भी इसका समर्थन किया था और सुझाव दिया था कि सरकार को ऐसा प्रावधान करने के लिए कानून में संशोधन करना चाहिए। हालांकि, सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।

दागियों को बचाने के लिए लाए अध्यादेश को फाड़कर फेंक देना चाहिए: राहुल



नई दिल्ली।। सजायाफ्ता सांसदों और विधायकों की सदस्यता बरकरार रखने के लिए लाए गए विवादित अध्यादेश पर यूपीए सरकार फंस गई है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खुले एतराज के बाद माना जा रहा है कि सरकार राष्ट्रपति के पास भेजे जा चुके इस अध्यादेश को वापस ले लेगी।शुक्रवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने दागियों को बचाने के लिए अध्यादेश लाकर ठीक नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी और सरकार से इतर मेरी निजी राय है कि अध्यादेश पूरी तरह से बकवास है और इसकी कॉपी को फाड़कर फेंक देना चाहिए।
दागियों को बचाने वाले अध्यादेश को फाड़ देना चाहिएः राहुल
राहुल गांधी के इस बयान के बाद सरकार के लिए इस अध्यादेश को आगे बढ़ाना मुश्किल हो गया है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को ताजा हालात से अवगत करा दिया गया है। लगभग तय माना जा रहा है कि सरकार यह अध्यादेश वापस ले लेगी।

राहुल के दखल के बाद माकन ने बदला सुर
गौर करने लायक बात यह है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल के बोलने से पहले कांग्रेस के मीडिया सेल के प्रमुख अजय माकन सरकार का बचाव कर रहे थे और बीजेपी पर दोहरा रुख अपनाने का आरोप लगा रहे थे। वह कह रहे थे कि बीजेपी सर्वदलीय बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए कानून बदलने के पक्ष में थी और अब बाहर कुछ और बोल रही है।
इसी दौरान अचानक पौने दो बजे के करीब प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी की एंट्री हुई और उन्होंने कहा कि माकन ने मुझे पार्टी लाइन के बारे में बताया है, लेकिन मुझे लगता है कि सरकार ने अध्यादेश लाकर गलत किया है। उन्होंने कहा, 'चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस या कोई भी पार्टी हो, हम छोटे-छोटे समझौते नहीं कर सकते। इस अध्यादेश की कॉपी को फाड़कर फेंक देना चाहिए।' इतना कहने के बाद राहुल ने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया और उठकर चले गए। जब इस बारे में संवाददताओं ने माकन से पूछा तो उनका रुख एकदम बदल चुका था और उन्होंने जवाब दिया कि राहुल गांधी ने जो भी कहा वही कांग्रेस पार्टी की राय है।

बीजेपी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने राहुल के बयान और कांग्रेस के बदले रुख पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि शायद राष्ट्रपति अध्यादेश लौटाने वाले थे, इसलिए यह कांग्रेस का डैमेज कंट्रोल और श्रेय लेने का प्रयास है। लेखी ने कहा कि प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि वह राहुल गांधी के नेतृत्व में काम करने के लिए तैयार हैं, तो अध्यादेश लाने से पहले उन्होंने क्यों नहीं राहुल गांधी से पूछ लिया।

पार्टी के एक अन्य नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यह सरकार है या नौटंकी की कंपनी है। उन्होंने कहा कि इससे कांग्रेस पार्टी को कोई फायदा नहीं होगा। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राहुल गांधी देश की जनता को बेवकूफ समझते हैं, खुद ही अध्यादेश लाते हैं और खुद ही फाड़ते हैं।

गौरतलब है कि इस अध्यादेश के विरोध के मद्देनजर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी इस पर काफी विचार-विमर्श करके आगे बढ़ना चाह रहे थे। उन्होंने मशविरा करने के लिए गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और कानून मंत्री कपिल सिब्बल को भी बुलाया था। बीजेपी नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर पहले ही अध्यादेश को अनैतिक, असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दे दिया था। अध्यादेश के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जा चुका है।

नाबालिग ने किया विवाहिता से दुष्कर्म

मूण्डवा। मूण्डवा थाना क्षेत्र के गांव कड़लू में विवाहिता के साथ दुष्कर्म करने का मामला दर्ज कराया गया है। थानाधिकारी ने बताया कि कड़लू गांव की विवाहिता ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि उसके पड़ौसी ने बुधवार सुबह 11 बजे घर में घुसकर उससे दुष्कर्म किया। पीडिता ने रिपोर्ट में बताया कि आरोपी ने जिस समय उसके साथ दुष्कर्म किया उस समय वह स्नान कर रही थी। पति व परिवार के अन्य सदस्य घर से बाहर थे। नाबालिग ने किया विवाहिता से दुष्कर्म

पुलिस के अनुसार विवाहिता का बीमार ससुर घर में सो रहा था। ससुर उठने-बैठने की स्थिति में नहीं था लेकिन उसे पुत्र वधु के साथ कुछ गलत होने की भनक लगी तो उसने चिल्लाना शुरू कर दिया। इस पर आरोपित भाग गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। गुरूवार सुबह नागौर के राजकीय चिकित्सालय में विवाहिता का मेडिकल मुआयना करवाया गया।

नाबालिग है

ऎसा बताया जा रहा है कि दुष्कर्म का आरोपी नाबालिग है वहीं सूत्रों की माने तो गत वर्ष उसने 9वीं कक्षा उत्तीर्ण की है। हालांकि उसने इस साल 10वीं की पढ़ाई बीच में छोड़ दी है। उधर, पुलिस इस संबंध में साक्ष्यों के अभाव में कोई पुख्ता जवाब देने से कतरा रही है।
जांच के बाद होगी पुष्टि


विवाहिता के साथ दुष्कर्म करने वाला नाबालिग है या बालिग। इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो पाएगी। इस संबंध में जांच जारी है।
हरिनारायण मीणा
थानाधिकारी, मूण्डवा

कांग्रेस तीन विधानसभाओ में बदल सकती हें उम्मीदवार। .सिवाना में टाइगर को वजन


कांग्रेस तीन विधानसभाओ में बदल सकती हें उम्मीदवार। .सिवाना में टाइगर को वजन 




बाड़मेर आगामी विधान सभा चुनावो को लेकर कांग्रेस एक बार फिर चुनाव जीतने के लिए कोई कसार छोड़ना नहीं चाहती ,सियासती सूत्रों की माने तो कांग्रेस नए समीकरणों पर विचार कर रही हें ,संकेत हें की पचपदरा में उम्मीदवार जाट ,गुदामालानी में विश्नोई ,बाड़मेर में जाट और सिवान में जैन उम्मीदवार लाने की कवायद चल रही हें। सिवाना में कांग्रेस महेंद्र टाइगर को उतरने का मानस बना रही हें ,संभवतः सिवाना में महेंद्र टाइगर सशक्त दावेदार हें। बाड़मेर ,गुडा और पचपदरा में चौंकाने वाले नाम आ रहे हें।

टीवी शो, जिसमें दर्शकों के सामने होगा LIVE सेक्स



एक ऐसा टीवी शो शुरू होने जा रहा है जिसमें कपल्स एक साउंड प्रूफ और अपारदर्शी बॉक्स में सेक्स करेंगे. इस टीवी शो में दर्शक भी होंगे. सेक्स के बाद कपल्स का इंटरव्यू लिया जाएगा.

'सेक्स बॉक्स' नाम का ये शो ब्रिटेन में चैनल 4 पर प्रसारित होगा. शो के निर्माताओं ने अभी तक इसके लिए तीन कपल्स चुने हैं जिसमें से एक गे है. पहला शो 7 अक्टूबर, 2013 को दिखाया जाएगा. हालांकि चैनल ने ये साफ किया है शो पहले से ही रिकॉर्डेड होंगे और इनमें किसी तरह की अश्लीलता या नग्नता नहीं दिखाई जाएगी. कपल्स के अंतरंग पलों की फुटेज नहीं प्रसारित की जाएगी. निर्माता शो के जरिए सेक्स को पोर्नोग्राफी से उबारना चाहते हैं. उनका कहना है कि सामान्य लोगों की सेक्स लाइफ पोर्नोग्राफी में नहीं होती.

मैरिला फ्रोस्ट्रप इस कार्यक्रम की होस्ट होंगी. उनके अलावा सेक्स एक्सपर्ट्स का एक पैनल होगा. यही पैनल कपल्स का इंटरव्यू लेगा. फ्रोस्ट्रप का कहना है कि इस शो में ब्रिटेन में सेक्स के बारे में एक परिपक्व चर्चा होगी. उन्होंने कहा, 'टीवी, पत्रिका और ऑनलाइन जगत में आने वाली सेक्स संबंधी बातों का नाता असलियत से काफी कम होता है. लेकिन इस शो में इस विषय पर खुलकर होकर बातचीत हो सकेगी.

फोटोः फिलिप हडसन, सेक्स एक्सपर्ट ट्रेसी कॉक्स, डैन सैवेज, होस्ट मैरिला फ्रोस्ट्रप
एक घंटे के इस शो में इंटरव्यू लेने वाले पैनल में टीवी सेक्स विशेषज्ञ ट्रेसी कॉक्स, रिलेशनशिप एक्सपर्ट डैन सैवेज और मनोचिकित्सक व लेखक फिलिप हडसन शामिल होंगे. कॉक्स ने कहा कि 'बॉक्स में सेक्स लोगों का ध्यान खींचने का एक अलग तरीका है. शो से लोग समझ सकेंगे कि सेक्स जिंदगी का अहम हिस्सा और जरूरत है और इसके बारे में खुलकर और ईमानदारी से बात करनी चाहिए.'

सेक्स संबंधी कार्यक्रम दिखाने में चैनल 4 का लंबा इतिहास रहा है.

गुड़गांव में 26 साल की लड़की को शराब पिलाकर गैंगरेप



गुड़गांव में गैंगरेप का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां 26 साल की एक युवती को अगवा करने के बाद उसके साथ बलात्कार किया गया. गैंगरेप करने के बाद आरोपी लड़की को सुशांत लोक इलाके में फेंककर फरार हो गए.
सांकेतिक तस्वीर
आरोप है कि कुछ युवकों ने लड़की का अपहरण करने के बाद उसे शराब पिलाई और उसके बाद उससे सामूहिक दुष्कर्म किया.

अब तक आरोपियों की पहचान नहीं हो पाई है. पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शरू कर दी है.

कुछ दिनों पहले भी गुड़गांव के पंचगांव इलाके में एक 22 वर्षीय युवती से रेप का मामला सामने आया था. ये लड़की एक प्राइवेट कंपनी में काम करती थी और उसी के एक सहकर्मी ने ऑफिस की पार्टी के दौरान उसका रेप किया था.

 

दुष्कर्म के आरोपी दो सिपाहियों को दस-दस साल की कैद, विधानसभा में उठा था मामला



उदयपुर। विशिष्ट न्यायालय (यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण मामलात) के न्यायाधीश रामचंद्रसिंह झाला ने दुष्कर्म के आरोपी दो सिपाहियों को गुरुवार को दस-दस साल की कड़ी कैद सुनाई। यह घटना ऋषभदेव थाने के (परिसर में स्थित) स्टाफ क्वार्टर में इसी साल 14 फरवरी को हुई थी।
दुष्कर्म के आरोपी दो सिपाहियों को दस-दस साल की कैद, विधानसभा में उठा था मामला
दुष्कर्म पीडि़ता थाने में तैनात महिला कांस्टेबल की नाबालिग बेटी थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी सिपाही भीम सिंह पुत्र गौतम सिंह निवासी गांव जावद (सलूंबर) पर दुष्कर्म करने और दूसरे आरोपी सिपाही किशोर सिंह पुत्र भंवरलाल जाट निवासी बाड़मेर (मूढों की ढाणी, नगाना) पर दुष्कर्म के लिए सरकारी क्वार्टर उपलब्ध करवाने का आरोप है। लोक अभियोजक प्रणय सनाढ्य ने दोनों अभियुक्त सिपाहियों पर आरोप साबित करने के लिए 17 गवाह और 37 दस्तावेजी सुबूत पेश किए।

यह था मामला 
बालिका की मां (महिला कांस्टेबल) ने 15 फरवरी को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया था कि 14 फरवरी की शाम को बालिका हरे चने के छिलके व ठंडी रोटी भैंस को खिलाने घर से निकली थी। लौटते समय सिपाही किशोर सिंह और भीम सिंह खड़े थे। दोनों ने बालिका को पास बुलाया था। मां के सहकर्मी होने से दोनों सिपाहियों पर भरोसा करके बालिका उनके पास चली गई। भीम सिंह उसका मुंह दबा कर किशोर सिंह के क्वार्टर में ले गया था। किशोर सिंह घर के पिछले दरवाजे से बाहर निकल गया था। दुष्कर्म करने के बाद बालिका को क्वार्टर से बाहर निकाल दिया गया। रात 8 बज कर 5 मिनट पर बदहवास हालत में घर पहुंची बालिका ने मां को आपबीती बताई।

महकमे की बदनामी पर निलंबन व गिरफ्तारी

दिल्ली गैंग रेप घटना के बाद ऋषभदेव थाना परिसर के पुलिस क्वार्टर में महिला सिपाही की बेटी से पुलिस के सिपाहियों द्वारा किए गए दुष्कर्म से राज्य भर में पुलिस विभाग की बदनामी हुई थी।दुष्कर्म के आरोपी दोनों सिपाहियों को वारदात के अगले दिन गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया गया था।
विधानसभा में भी उठा था मुद्दा

भाजपा के नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने मार्च में विधानसभा के बजट सत्र में सरकार को कटघरे में ला खड़ा किया था। गृह मंत्रालय के आदेश पर तत्कालीन पुलिस आईजी टी.सी. डामोर, कलेक्टर विकास भाले व एसपी हरिप्रसाद शर्मा ने ऋषभदेव थाना तथा घटना स्थल का निरीक्षण किया था।केस की जांच ऋषभदेव के डिप्टी पन्ना लाल मीणा को दी गई थी।
मुख्य आरोपी को सजा

अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी सिपाही भीम सिंह को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के अंतर्गत 10 वर्ष की कड़ी कैद तथा 50 हजार रुपए जुर्माना सुनाया।



सह आरोपी को सजा
दुष्कर्म के आरोपी दो सिपाहियों को दस-दस साल की कैद, विधानसभा में उठा था मामला
अदालत ने सह आरोपी सिपाही किशोर सिंह को स्थान उपलब्ध कराने व इस कार्य के लिए दुष्प्रेरित करना साबित हो जाने पर धारा 6 सपठित 17 के तहत 10 वर्ष कड़ी कैद और 50 हजार रुपए जुर्माना सुनाया।
इन धाराओं में एक जैसी सजा
दोनों आरोपियों को धारा 363 के अंतर्गत 5-5 वर्ष की कड़ी कैद व 10-10 हजार जुर्माना, धारा 366 के तहत 7-7 वर्ष की कैद व 15-15 हजार रुपए जुर्माना और धारा 368 के तहत 5-5 वर्ष कड़ी कैद और 10-10 हजार रुपए जुर्माना सुनाया गया।

मुंबई में पांच मंजिला इमारत ढही, 60 के दबे होने की आशंका



मुंबई। मुंबई के डॉकयार्ड रोड में इलाके में एक पांच मंजिला इमारत गिर गई है। ये हादसा आज सुबह करीब 6 बजे हुआ। बिल्डिंग बीएमसी की बताई जा रही है। इमारत के गिरते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। मौके पर पहुंचे दमकलकर्मियों ने राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया। मलबे से अब तक पांच लोगों को निकाला जा चुका है।


आशंका जताई जा रही है कि मलबे में 50 से 60 लोग दबे हो सकते हैं। हालांकि बीएमसी को सही आंकड़ा पता नहीं है। लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश की जा रही। घायलों को जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुंबई में इमारत गिरने का ये पहला मामला नहीं है। इस तरह के हादसे की खबर अकसर आती रहती है।



बचाव कार्य में करीब 70 कर्मचारियों को लगाया गया है ताकि दबे लोगों को जल्द से जल्द निकाला जा सके। मौके पर तबाही का मंजर नजर आता है, चारों तरफ मलबा बिखरा पड़ा है। बिल्डिंग ताश के पत्तों की तरह ढह गई। जिस वक्त हादसा हुआ उस समय इमारत में 60-70 लोग थे। राहतकर्मी और स्थानीय लोग राहत कार्यों में लगे हुए हैं।

अतिक्रमण नहीं हटाने के एवज में मांगी थी तहसीलदार ने रिश्वत

अतिक्रमण नहीं हटाने के एवज में मांगी थी तहसीलदार ने रिश्वत 


पोकरण ग्राम पंचायत रामदेवरा में अतिक्रमण नहीं हटाने की एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पोकरण तहसीलदार बद्रीनारायण विश्नोई को गुरुवार रात्रि को उनके निवास स्थान पर रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
परिवादी जुगत सिंह पुत्र बीजराजसिंह तंवर निवासी रामदेवरा ने बताया कि ग्राम पंचायत रामदेवरा में खेतेश्वर धर्मशाला के पास स्थित भूखंड पर किए गए अतिक्रमण को लेकर पूर्व में तहसीलदार बद्रीनारायण विश्नोई द्वारा काफी परेशान किया गया। इसके साथ ही एक लाख रुपए रिश्वत मांगी गई। परिवादी द्वारा पूर्व में 50 हजार रुपए दिए, और रुपए मांगने पर परिवादी ने एसीबी जोधपुर में इस संबंध में शिकायत की। डीसीपी नरपतसिंह ने बताया कि परिवादी जुगत सिंह द्वारा तहसीलदार के संबंध में रिश्वत लेने की शिकायत की। जिसका सत्यापन करवाने पर शिकायत सही पाई गई। जिस पर कार्रवाई करते हुए गुरुवार शाम को तहसीलदार बद्रीनारायण विश्नोई को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार करने की कार्रवाई की गई। एसीबी की टीम द्वारा देर शाम तक तहसीलदार के निवास स्थान की तलाशी ली। खबर लिखे जाने तक टीम के अधिकारियों द्वारा तहसीलदार से पूछताछ की जा रही थी।





गुरुवार, 26 सितंबर 2013

खास खबर बाड़मेर सभापति के खिलाफ कांग्रेस पार्षद कल होंगे लामबंद



खास खबर बाड़मेर सभापति के खिलाफ कांग्रेस पार्षद कल होंगे लामबंद

बाड़मेर नगर परिषद् बाड़मेर की सभापति उषा जैन की कार्यप्रणाली के खिलाफ उनकी ही पार्टी कांग्रेस के पार्षदों ने लामबंद होते हुए गुप्त एजेंडे के तहत शहर की एक निजी होटल में आपात बैठक विधायक मेवाराम जैन के नेतृत्व में बुलाई हें ,बैठक में पार्षदों के काम सभापति द्वारा न करने के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी ,बैठक सभापति और विधायक के आपसी अनबन को लेकर चर्चा में हें। बैठक में कई असंतुष्ट पार्षद इस्तीफे की पेशकश कर सभापति पर दबाव बनाने के मूड में हें

मोदी ने केंद्र को बताया कमजोर, कहा- इस सरकार को हटाने के बाद ही सीमा होगी सुरक्षित



अपने चुनाव अभियान को जारी रखते हुए बीजेपी के पीएम इन वेटिंग नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के त्रिची पहुंचे. रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने एक बार फिर कांग्रेस को लताड़ा और लोगों से कांग्रेस मुक्‍त भारत बनाने की अपील की. साथ ही आरोप लगाया कि बांटने की राजनीति कांग्रेस के डीएनए का हिस्‍सा है.

गुरुवार सुबह जम्‍मू में हुए आतंकी हमले के बहाने मोदी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, 'पीएम देश को जवाब दें कि उनके लिए क्‍या ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है, देश का स्‍वाभिमान यान पाकिस्‍तान से बातचीत का उतावलापन.'
नरेंद्र मोदी


पढ़ें मोदी ने और क्‍या-क्‍या कहा...

- नरेंद्र मोदी ने कहा, हमारा एक ही लक्ष्य है कांग्रेस मुक्त भारत

- नरेंद्र मोदी ने कहा कि बांटने की राजनीति करती है कांग्रेस. राजनीति करके देश की एकता को खंडित करने का काम करती है कांग्रेस. यह कांग्रेस के डीएनए में है.

- नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में बेरोजगारी बढ़ रही है. छोटे कारखाने भी बंद हो रहे है और इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है.

- अगर रुपये का यही हाल रहा तो एक दिन इसे माइक्रोस्कोप से खोजना पड़ेगाः नरेंद्र मोदी

- नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बताएं कि आपकी प्राथमिकता क्या है. देश का स्वाभिमान या फिर पाकिस्तान से बातचीत.

- बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रधानमंत्री जी...लाशों पर कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए. कृप्या करके नवाज शरीफ के साथ बैठक रद्द करें.

- नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसे माहौल में पाकिस्तान से बातचीत होनी चाहिए क्या?

- नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने युद्ध से ज्यादा जानें आतंकियों की गोलियों से गंवाई है.

- नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश के नागरिकों के साथ पाकिस्तान और श्रीलंका में अत्याचार हो रहा है. इसके लिए केंद्र की कमजोर सरकार जिम्मेदार है.

- नरेंद्र मोदी ने कहा कि तमिलनाडु और गुजरात का पुराना रिश्ता है, दोनों राज्यों ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया था.

- नरेंद्र मोदी ने कहा कि तमिलनाडु की परिश्रमी जनता के कारण राज्य आज सबसे आगे है.

- तमिलनाडु के लोग परिश्रमी और बेहद ही वफादार होते हैं: नरेंद्र मोदी

- नरेंद्र मोदी ने कहा कि तमिलनाडु आना मेरे लिए सम्मान की बात.

- त्रिची में नरेंद्र मोदी की रैली. मोदी ने जम्मू में आज हुए आतंकी हमले की निंदा की.










 

राजस्थानी भाषा महिला परिषद् का गठन सोनू राठोड संयोजक ,नेहा पाटवी ,करिश्मा महासचिव नियुक्त


राजस्थानी भाषा महिला परिषद् का गठन 

सोनू राठोड संयोजक ,नेहा पाटवी ,करिश्मा महासचिव नियुक्त 
बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर के घटक राजस्थानी महिला परिषद् का गुरूवार को पुअर्गथन किया किया गया। संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए देश भर में चलाये जा रहे अभियान से युवा महिला शक्ति के जुड़ने से अभियान को गति मिलेगी। उन्होंने बताया की बाड़मेर जिले में राजस्थानी भाषा की महत्ता जन जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से राजस्थानी महिला परिषद् का गठन किया गया ,उन्होंने बताया राजस्थानी महिला परिषद् का गठन समिति महासचिव श्रीमती उर्मिला जैन की देखरेख में किया गया जिसमे सोनू राठोड को संयोजक ,नेहा ददानी को जिला पाटवी करिश्मा भाटी को महासचिव ,प्रियंका शर्मा को सचिव ,दीप्ती चौधरी को उपाध्यक्ष ,डिम्पल खोरवल ,सह संयोजक ,,निशा तिवारी संगठन सचिव ,दीक्षा कुमारी सह सचिव नियुक्त किया गया हें। समिति महासचिव उर्मिला जैन ने बताया की महिला परिषद् की कार्यकारिणी का शीघ्र विस्तार कर उनका शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा ,उन्होंने बताया की राजस्थानी भाषा समिति के संघर्ष के चलते राजस्थानी भाषा को मान्यता को लेकर राह आसन हुई हें। उन्होंने बताया की महिला परिषद् से जिले की समस्त महिलाओ को जोड़ने के उच्च स्तरीय प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने बताया की महिला परिषद् का शपथ ग्रहण समारोह कन्या विद्यालय में नवरात्री में आयोजित किया जाएगा।

गहलोत, जोशी, पहाडि़या के बेटे टिकट की कतार में



जयपुर । कांग्रेस और भाजपा के दिग्गज नेता अब अपनी पत्नी, बेटे और बेटियों को राजनीति के मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे है। दोनों ही दलों के एक दर्जन नेताओं ने पार्टी आलाकमान को साफ कह दिया कि वे अब आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते, बल्कि अपने रिश्तेदारों राजस्थान विधानसभा में देखना चाहते है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जहां इस बार मप्र. के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की तरह राज्य की चुनावी राजनीति से बाहर होकर अब केन्द्र में राजनीतिक रूप से सक्रिय होना चाहते है। वे अपने बेटे वैभव गहलोत को अपनी परम्परागत सीट सरदारपुरा से चुनाव लड़ाने की योजना बना रहे है। वैभव पिछले दो साल से वहां सक्रिय भी है। हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाडि़या अपने बेटे संजय पहाडि़या को विधानसभा में देखना चाहते है। पहाडि़या की पत्नी शांति पहाडि़या भी राज्यसभा सदस्य रह चुकी है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सी.पी. जोशी अपनी परम्परागत सीट नाथद्वारा से अपने बेटे को चुनाव लड़ाना चाहते है, वे यहां से चार बार विधायक रहे, पिछला चुनाव एक वोट से हार गए।

जोशी अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव लड़कर केन्द्र की राजनीतिक में ही सक्रिय रहना चाहते है। इसी तरह केन्द्रीय मंत्री सचिन पायलट की पत्नी सारा पायलट के विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर काफी चर्चा है। वे टोंक से चुनाव लड़ सकती है।

मुस्लिम बाहुल्य इस विस. क्षेत्र में गुर्जर समाज भी काफी तादाद में है। प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व का सोच है कि सारा पायलट के विस. चुनाव लड़ने से गुर्जर, मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के पक्ष में ओर अधिक सक्रियता से साथ होगा, जिसका कई क्षेत्रों में प्रभाव हो सकता है। हालांकि सचिन ने इस बारे में अपना रूख अभी तक स्पष्ट नहीं किया है।

केन्द्रीय मंत्री शीशराम ओला एक बार फिर अपने बेटे बृजेन्द्र ओला को विधानसभा में देखना चाहते है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा अपनी परम्परागत सीट बूंदी से इस बार अपने बेटे को चुनाव लड़वाकर खुद केन्द्र की राजनीति में ही सक्रिय रहना चाहती है।

वहीं उप राष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी तो पहले से ही भाजपा विधायक है, लेकिन इस बार उनके दोहिते भी टिकट मांग रहे है। दिग्गज भाजपा नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेन्द्र सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री नटवर सिंह के बेटे जगत सिंह, वरिष्ठ जाट नेता ज्ञान प्रकाश पिलानिया के बेटे नवीन, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसकौर मीणा खुद के साथ ही अपने भतीजे वीरेन्द्र मीणा को भाजपा का टिकट दिलवाने का प्रयास कर रही है। इस तरह से दोनों ही दलों के करीब एक दर्जन वरिष्ठ नेता अपने रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के जुगाड़ में जुटे है, हालांकि इन प्रयासों का दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ताओं में विरोध भी है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि इससे परिवारवाद को बढ़ावा मिलेगा, संगठन में काम कर रहे कार्यकर्ताओं की उपेक्षा होगी। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा का कहना है कि टिकट सोच विचार कर जीतने योग्य व्यक्ति को ही दिए जाएंगे।

मुंबई दुनिया का दूसरा सबसे ईमानदार शहर



वाशिंगटन। आपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई ने ईमानदारी के मामले में दुनिया के कई नामी शहरों को पछाड़ दिया है। मुंबई को दुनिया का दूसरा सबसे ईमानदार शहर चुना गया है। रीडर्स डाइजेस्ट मैग्जीन द्वारा विश्व के 16 शहरों पर किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी इस सूची में पहले स्थान पर रही है।
second-most honest city
चार अलग-अलग महाद्वीपों के विभिन्न शहरों में ईमानदारी का टेस्ट करने के लिए पैसों से भरे पर्स को जानबूझ कर गिराया गया और देखा गया कि कितने लोग इसे वापस लौटा देते हैं। सर्वेक्षण के तहत यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के विभिन्न शहरों में 192 पर्स गिराए गए। हर पर्स में एक फोन नंबर, परिवार की तस्वीर, कुछ कूपन, बिजनेस कार्ड और 50 डॉलर (करीब तीन हजार रुपये) रखे गए थे। ये पर्स पार्क, शॉपिंग माल्स और सड़क के किनारे छोड़े गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, 192 में से करीब 90 यानि 47 प्रतिशत पर्स लौटा दिए गए। फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में 12 में से 11 पर्स लौटा दिए गए। मुंबई में 12 में से नौ पर्स लौटा दिए गए। इस सूची में तीसरे नंबर पर हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट और अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क ने अपनी जगह बनाई है। यहां आठ पर्स लौटाए गए। इस सूची में सबसे निचले स्थान पर पुर्तगाल का लिस्बन शहर रहा। जहां महज एक पर्स लौटाया गया।