शनिवार, 5 जनवरी 2013

मुंबई की हाउसवाइफ ने जीते 5 करोड़

मुंबई की हाउसवाइफ ने जीते 5 करोड़

मुंबई। मशहूर गेम शो "कौन बनेगा करोड़पति" में मुंबई की एक हाउसवाइफ ताजा सीजन में पांच करोड़ रूपए जीतने में सफल रही हैं। सूत्रों के अनुसार सुरमीत कौर साहनी (37) ने पांच करोड़ रूपए के सवाल का सही जवाब दिया और इस गेम शो के इतिहास में इतनी बड़ी रकम जीतने वाली दूसरी प्रतिभागी बन गई।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले बिहार के सुशील कुमार "कौन बनेगा करोड़पति" में पांच करोड़ रूपए जीतने वाले पहले प्रतिभागी बने थे। वे कम्प्यूटर ट्यूटर और ऑपरेटर थे,जिनकी मासिक तनख्वाह महज छह हजार रूपए थी। इस मशहूर गेम शो के होस्ट अमिताभ बच्चन हैं।

छात्रा के दोस्त ने बताया : हम सड़क पर तड़प रहे थे और पुलिस आपस में उलझी थी कि ये किस थाने का केस है


छात्रा के दोस्त ने बताया : हम सड़क पर तड़प रहे थे और पुलिस आपस में उलझी थी कि ये किस थाने का केस है

दिल्ली दुष्कर्म केस के एकमात्र चश्मदीद ने घटना से लेकर पुलिस थाने और अस्पताल तक की खौफनाक कहानी सुनाई


नई दिल्ली . दिल्ली दुष्कर्म पीडि़त छात्रा का दोस्त पहली बार सामने आया। शुक्रवार को इस एकमात्र चश्मदीद ने समाचार चैनल जी न्यूका के जरिये सिलसिलेवार बताया कि १६ दिसंबर की रात क्या हुआ था। उसी की जुबानी इस कहानी में हमने यह ध्यान रखा है कि पीडि़ता की पहचान जाहिर न हो और पीडि़त पक्ष और अदालत में चल रहे मुकदमे पर कोई नकारात्मक असर न पड़े। हम इसे गंभीरत के साथ इसलिए छाप रहे हैं क्योंकि देश के लिए यह जानना जरूरी है कि किन लोगों की लापरवाही के चलते पीडि़ता को समय पर मदद नहीं मिली।

'बस में सवार छह लोगों ने हमें बेरहमी से मारा। बस के शीशों पर काली फिल्म चढ़ी थी और पर्दे लगे थे। लाइटें भी बंद थीं। हम एक-दूसरे को बचाने की कोशिश कर रहे थे। शोर भी मचाया। मेरे दोस्त ने पुलिस को फोन करने का प्रयास भी किया। लेकिन गुंडों ने उनका मोबाइल छीन लिया। मेरे सिर पर रॉड मारी गई। फिर मैं बेहोश हो गया।

होश आया तो देखा-वे बस को यहां से वहां दौड़ा रहे हैं। कोई दो-ढाई घंटे तक ऐसा चलता रहा। उसके बाद महिपालपुर फ्लाईओवर के नीचे हम दोनों को फेंक दिया। वे मेरी दोस्त को कुचलना भी चाहते थे, लेकिन किसी तरह मैंने उन्हें खींचकर बस के नीचे आने से बचाया। हमारे पास कपड़े नहीं थे। शरीर से खून बह रहा था। हम इंतजार करते रहे कि कोई तो मदद करेगा। कई गाडिय़ां पास से गुजरीं, मैंने हाथ हिलाकर रुकने को कहा... ऑटो, कार वाले स्पीड स्लो करते लेकिन रुका कोई नहीं। मैं चिल्लाता रहा कि कोई कपड़े तो दे दो, लेकिन किसी ने कपड़े नहीं दिए। 20-25 मिनट तक हम मदद के लिए लोगों को पुकारते रहे। १५-२० लोग वहां खड़े थे। कोई कह रहा था कि लूट का मामला होगा। डेढ़-दो घंटे हम वहीं पड़े रहे। वे चाहते तो पीसीआर, एम्बुलेंस का इंतजार करने के बजाय हमें अस्पताल ले जा सकते थे। फिर किसी ने फोन किया। तीन पीसीआर वैन आई। लेकिन पुलिस वाले आपस में ही उलझे रहे। कोई आधा घंटे तक वे बहस करते रहे कि ये किस थाने का केस है? इसके बाद उन्होंने हमें सफदरगंज अस्पताल पहुंचाया। महिपालपुर से पास के अस्पताल नहीं ले गए। पहले एम्स ले जाने वाले थे। इसमें ढाई घंटे लग गए। वहां भी किसी ने मदद नहीं की। किसी ने कंबल तक नहीं दिया। सफाईवाले से मदद मांगी। कहा पर्दा ही दे दो। ठंड लग रही है। लेकिन किसी ने नहीं दिया।

मेरे हाथ-पैर से खून बह रहा था। मैं हाथ भी नहीं उठा पा रहा था। पैर में फ्रैक्चर था। लेकिन घटना की रात से अगले तीन-चार दिन थाने में ही रहा। मैंने भी पहले सोचा कि मामले को छिपाया जाए। मैंने सबसे कहा, एक्सीडेंट हुआ है। घटना वाली रात को ही मैं पुलिस थाने आ गया था। वहां से मैंने दोस्तों को फोन लगाकर एक्सीडेंट की ही जानकारी दी। यह केस बहुत बड़ा हो गया था। इस वजह से शिकायत दर्ज हो पाई। एसडीएम के सामने बयान होना था। सभी ने कहा कि मैं मौजूद रहूंगा तो दोस्त कान्फिडेंट रहेगी। मैं हॉस्पिटल पहुंचा। वह वेंटिलेटर पर थी। ऑक्सीजन मास्क लगा था। बोलने के लिए मास्क हटाना पड़ता था। फिर भी उन्होंने बयान दर्ज कराया। तीन-चार पन्ने के स्टेटमेंट पर सिग्नेचर भी किए। उस दौरान बहुत सी ऐसी बातें भी सामने आईं जो मुझे भी पता नहीं थी। इतनी क्रूरता तो जानवर भी नहीं कर सकता। वह भी शिकार को गला दबाकर मार डालता है। यहां तो जिंदा इंसान के साथ ऐसा किया कि मैं घटना के बारे में कह भी नहीं सकता। अगले दिन पता चला कि एसडीएम ने पुलिस पर दबाव डालने का बयान दिया है। जबकि वह सही स्टेटमेंट था। मेरी दोस्त की कोशिश बेकार गई। मेडिसिन देने का समय हो गया था, लेकिन वह डॉक्टरों के टोकने के बावजूद बयान देती रही थीं। मेरी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। मैं सो भी नहीं पा रहा था। जिनके साथ आप रहते हैं, आपकी दोस्त हैं, तो उसकी तस्वीर आपके सामने आती है। आप अपने आपको ब्लेम करते हो। आप गए ही क्यों? वही बस क्यों ली? ये क्यों नहीं किया? दो हफ्ते तक तो मैं बात भी नहीं कर पा रहा था। कोई कुछ पूछता भी था तो इरिटेशन होता था।

लोग पूछते हैं कि आपने जान बचाने की सोची क्या? मैंने जवाब दिया-नहीं। ऐसा तो जानवर भी नहीं सोचता होगा। आपका दोस्त मुश्किल हालात में है तो उसे छोड़कर भागने की सचा ही नहीं जा सकता। ऐसा करता तो आज मैं पागल हो जाता। मैं जी भी नहीं पाता। होश रहने तक कोशिश की। कम से कम मुझे इस बात का खेद नहीं है कि मैंने कोशिश नहीं की, लेकिन सोचता हूं कि काश मैं बचा पाता।

मुझे सरकार की ओर से किसी ने संपर्क नहीं किया है। हिदायत मिलती थी कि आप लोगों से संपर्क न करें। आप कुछ बोलते हैं तो केस बिगड़ सकता है। यदि मेरी दोस्त को शुरू से अच्छे हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट मिलता तो तस्वीर कुछ और बनती। शायद वो हमारे बीच होती। मुझे लगा कि प्रेशर के मुताबिक फैसले लिए गए। प्रोटेस्ट को ध्यान में रखकर सिंगापुर भेजा। प्रदर्शन को देखते हुए फैसले लिए गए।



आम आदमी को कानून या फिर प्रोसीजर से कोई मतलब नहीं होता। उसे रिजल्ट से मतलब होता है। कानून बना रहे हो तो फॉलो करा रहे हो या नहीं। पुलिस या कोर्ट ही उन्हें फॉलो कराते हैं। कानून बन जाते हैं लेकिन उन्हें फॉलो कोई नहीं कराता। क्या गारंटी है कि उनको फॉलो करे। पुलिस में जज्बा पैदा करे। सब कुछ ऐसा चल रहा था कि पीछे लात मारो तो ही चलेगा। पुलिस आपस में ही उलझी रही। एक महिला थी। कह रही थी कि घर पर आटा-पानी खत्म है। दो दिन से घर नहीं गई। घरवालों की शक्ल नहीं देखी। वह मेरा केस देख रही थी, इसलिए मुझे सुना रही थी। एक पुलिसवाला अपनी ड्यूटी कर रहा हूं। वह क्यों चाहता है कि उसकी सराहना की जाए। आपने सभी को पकड़ लिया तो अपनी पीठ क्यों थपथपा रहे हो। यह आपका काम है। ड्यूटी है।

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मेरे घरवाले नहीं होते। मेरे पिता और अन्य लोग, वकील मेरी मदद नहीं करते तो मेरी हेल्प देर से होती या नहीं भी होती। पुलिस आदमी को देखकर एक्शन करती है। आम आदमी है तो वह शायद आपसे मिले ही नहीं। फलां अफसर नहीं है। कल आना। दूसरे दिन जाने पर हो सकता है कि वे कहे कि दो दिन बार आएं।



मैं मानता हूं कि पुलिस एक आदमी नहीं बल्कि सिस्टम है। उसका सबसे बड़ा रखवाला भी है। वह सिस्टम में है। सिस्टम यदि काम नहीं कर रहा तो उसे भी नैतिक आधार पर महसूस होना चाहिए। हट जाना चाहिए। खाकी वर्दी में ठीक से काम नहीं कर पा रहा है तो दूसरे के पास वर्दी होनी चाहिए। वे कुछ दिनों के लिए पेट्रोलिंग बढ़ाएंगे। आप उनके पास जाएंगे तो रोना रोते हैं। फोर्स कम है। वीआईपी ड्यूटी में लगे हैं।

बिना परमिट के बस इतने दिनों तक कैसे चलती रही? इतनी चीजें होने के बाद भी वह कोई कार्रवाई नहीं करते। उन्हें खुद ही नैतिक जिम्मेदारी महसूस होनी चाहिए। उन्हें लगना चाहिए कि मेरे रहते यह हुआ है। मैंने अच्छे से काम नहीं किया है। उन्हें खुद ही महसूस करना चाहिए।

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किसी की हेल्प करने की स्थिति में हैं तो इनकार मत कीजिए। उस दिन एक व्यक्ति भी मेरी मदद करता तो तस्वीर कुछ और होती। बदलाव व्यक्तिगत स्तर पर होगा। सिस्टम बनाने वाले और उसे चलाने वालों में जरा भी अंदर कुछ बचा हो तो उन्हें कुछ करना चाहिए। बहुत हो चुका। अब बस। हम प्रोटेस्ट करते रहेंगे। वे बहाने ढूंढते रहेंगे कि कैसे प्रोटेस्ट खत्म हो। कोई मर गया, तो उसका आरोप लगाएंगे। मेट्रो बंद कर देंगे। इसकी जरूरत नहीं है। हमारा विश्वास जीतने की जरूरत है। ताकि प्रदर्शन करने की जरूरत ही न पड़े।

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समिति में जस्टिस जेएस वर्मा, जस्टिस लीला सेठ, गोपाल सुब्रमण्यम हैं। मैं तीनों से रिक्वेस्ट करूंगा कि हमारे पास काफी कानून है। लेकिन आम पब्लिक को एफआईआर से जुड़ी समस्याओं और डर का सामना करना पड़ता है। पुलिस वाला एफआईआर करेगा या नहीं करेगा। यदि करता भी है तो कानूनी पचड़े में आम आदमी फंसना नहीं चाहता। एक घटना को लेकर फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की कोशिश की जा रही है। क्यों न कुछ ऐसा किया जाए जो फास्ट ट्रैक या नॉर्मल ट्रैक बनाने की जरूरत ही न पड़े।

इस केस की बात करें तो शायद मुझसे बेहतर कोई हो ही नहीं सकता। मैंने इस पल को जीया है। मैंने फेस किया है। मैंने जो देखा है, वह दूसरा कोई महसूस नहीं कर सकता। मैंने जो जीया है, वह मैं ही बता सकता हूं। मेरे सामने जो गुजरी है, वह मैं ही बता सकता हूं।

.नहीं तो कांग्रेस का आना मुश्किल: कर्नल सोनाराम

..नहीं तो कांग्रेस का आना मुश्किल: कर्नल सोनाराम

जैसलमेर। प्रदेश की सरकार के मुखिया से कांग्रेस के जनप्रतिनिधि व कार्यकर्ता नाराज हैं। यदि उन्हें समय रहते मनाया नहीं गया तो कांग्रेस दुबारा से सत्ता में नहीं आएगी। ये बात शुक्रवार को जैसलमेर दौरे पर आए बायतू विधायक व पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार के मुखिया ने प्रदेशभर में गुटबाजी फैलाने के अलावा कुछ भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि वे यहां पर दिल्ली से नेताओं को बुलवाते हंै और अपनी तारीफ करवाने के अलावा कुछ भी नहीं कर रहे। बाड़मेर व जैसलमेर के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग मीठे पानी के लिए तरस रहे हैं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री उद्घाटन कार्यक्रमों में व्यस्त हैं।

कर्नल सोनाराम ने कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में संगठन मजबूत हुआ है। राहुल गांधी भी अच्छा काम कर रहे हंै। उनके नेतृत्व में लाखों युवा पार्टी से जुड़े हंै।

कर्नल ने कहा कि कांग्रेस कभी भी सीएम नहीं बनाती। सीएम बनाने का फैसला विधायक व संगठन मिल कर करते हंै। इसलिए वर्तमान मुख्यमंत्री के बारे में अगले सीएम की घोषणा करना बेमानी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जाटों की राजनीति को कमजोर करने का षड़यन्त्र रच रहे हैं।

एमपी प्रत्याशी का दावा करूंगा
बायतु विधायक ने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनावों में वे बाड़मेर-जैसलमेर सीट से सांसद का टिकट लेने का दावा पेश करेंगें। पिछले चुनाव में भी टिकट मांगा था। इस बार फिर दावा करेंगे।

पत्नी को ऎसा पीटा कि चमड़ी उधेड़ दी

पत्नी को ऎसा पीटा कि चमड़ी उधेड़ दी

बाड़मेर। महिला अत्याचार का बाड़मेर जिले में एक ओर मामला दर्ज हुआ है। पति ने पत्नी को बंधक बनाकर इतनी बेरहमी से पीटा कि उसकी चमड़ी उधेड़ दी। गनीमत रही कि पीहरपक्ष को समय पर खबर हो गई और वे इसे छुड़ाकर ले आए। पुलिस में मामला दर्ज होते ही तुरंत कार्यवाही कर आरोपी पति, ससुर और सास को दहेज प्रताड़ना के मामले में गिरफ्तार किया गया।

रामसर थानान्तर्गत चाडी गांव में एक महिला को उसके पति व सास-ससूर ने दहेज के लिए प्रताडित किया और गुरूवार को उसको रस्सी से बांध कर बेरहमी से मारपीट की। इसकी सूचना मिलने पर पीडिता के पीहर पक्ष के लोग पहुंचे और उसे छुड़ा कर ले गए।

शुक्रवार को पीडिता ने अपने दादा के साथ रामसर थाने पहुंच मामला दर्ज करवाया। थानाधिकारी नरपतदान ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल मौका मुआवना कर आरोपियों को गिरफ्तार किया। थानाधिकारी नरपतदान ने बताया कि बांकाराम पुत्र अचलाराम निवासी जैसार ने थाने पहुंच कर मामला दर्ज करवाया कि उसकी पोती खेमी देवी की शादी करीब एक साल पहले चाडी निवासी श्रीराम पुत्र खेताराम के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष के लोग उसको दहेज के लिए तंग कर रहे थे और अकसर मारपीट भी करते थे। गुरूवार को उन्होंने खेमीदेवी को बांध कर बेरहमी से पीटा।

इसकी सूचना पर वे वहां पहुंचे और उसे छुड़ा पीहर ले गए। शुक्रवार को उन्होंने रामसर थाने में मामला दर्ज करवाया। मामले को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ ने तुरंत कार्यवाही के निर्देश दिए। इस पर थानाधिकारी मौके पर पहुंचे। मौका मुआवना व गवाहों के बयान के आधार पर प्रथम दृष्टया मामला सही पाया गया। पुलिस ने तुरंत कार्यवाही करते हुए पीडिता के पति श्रीराम, ससुर खेताराम व सास झीमोंदेवी को गिरफ्तार किया।

पूर्व में हत्या का मामला
आरोपित पति पर 2007 में अपने पड़ौसी की हत्या करने का मामला दर्ज है। इस प्रकरण में वह न्यायिक अभिरक्षा में भी रह चुका है।

शुक्रवार, 4 जनवरी 2013

बाड़मेर न्यूज़ डायरी ...क्राईम समाचार शुक्रवार


बाड़मेर न्यूज़ डायरी ...क्राईम समाचार शुक्रवार 

अवैध शराब सहित 1 गिरफ्तार 

बाड़मेर राहुल बारहट, जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर के निर्देशानुसार जिले में अवेध शराब की रोकथाम हेतु दिये गये निर्देशानुसार श्री लाखाराम स.उ.नि. पुलिस थाना सदर मय पुलिस पार्टी द्वारा मुलजिम रामजीवन पुत्र सूरताराम विश्नोई निवासी विष्णु कॉलोनी बाड़मेर के कब्जा से अवेध व बिना लाईसेन्स की 3 बोतल 13 पव्वें अंग्रेजी शराब बरामद की जाकर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर आबकारी अधिनिमय के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। 

जुआ अधिनियम के 2 प्रकरणों में 5 गिरफ्तार 


बाड़मेर मगनखां स.उ.नि. पुलिस थाना सदर मय पुलिस पार्टी द्वारा मुखबीर की ईतला पर सांसीयो का तला में सार्वजनिक स्थान पर जुआ खेल रहे मुलजिम राजूराम पुत्र रतनाराम सांसी नि. सांसीयो का तला वगेरा 3 को दस्तयाब कर उसके कब्जा से ताश व 370/रूपये जुआ राशि बरामद की गई। इसी तरह श्री शैतानसिंह हैड कानि. पुलिस थाना बालोतरा मय पुलिस पार्टी द्वारा जसोल में सार्वजनिक स्थान पर अंको पर दाव लगाकर जुआ गुब्बा खाईवाली करते पाचाराम पुत्र जताराराम भील नि. जसोल वगेरा 2 को दस्तयाब कर इनके कब्जा से अंक लगी पर्चिया व 470/रूपये जुआ राशी बरामद कर पुलिस थाना बालोतरा पर जुआ अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। 

मारपीट का मामला 

बाड़मेर दिनेश पुत्र बाबूलाल मेगवाल नि. अजीत ने मुलजिम सुरेन्द्रसिंह पुत्र जीवणसिंह चारण नि. चारणो का बाड़ा के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस के साथ मारपीट करना व अपशब्दो से अपमानित करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना समदड़ी पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। 

दहेज़ प्रताड़ना का मामला 

बाड़मेर मीना पुत्र रहमान मुसलमान नि. राजमाई ने मुलजिम अलीखां पुत्र करीमखां मुसलमान नि. रतेउ वगेरा 3 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीसा को दहेज के लिए तंग परेशान कर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना गिड़ा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। 

शव की शिनाख्त ..हत्या का मामला 

बाड़मेर हरदानराम पुत्र मुकनाराम जाट नि. लुनाणा, बाटाडू ने मुलजिम अज्ञात के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि अज्ञात मुलजिम द्वारा मुस्तगीस के भतीज भुराराम पुत्र रामजीराम जाट की हत्या कर शव सरहद बिसुकला, खारीया टयुबवेल के पास फेक देना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना शिव पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। 

आभूषण चोरी 

बाड़मेरगोरधनराम पुत्र बस्ताराम मेगवाल नि. राणीगांव ने मुलजिम मेनीदेवी पत्नि गोरधनराम मेगवाल नि. राणीगांव वगेरा 2 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस के घर से सोने चांदी के गहने व रूपये ले जाना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। 

दहेज़ प्रताड़ना का मामला 

बाड़मेरबांकाराम पुत्र अचलाराम जाट नि. जेसार ने मुलजिम श्रीराम पुत्र खेताराम जाट नि. चाडी वगेरा 3 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस की पोती के साथ दहेज की मांग को लेकर मारपीट करना व स्त्रीधन हड़पना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना रामसर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। 

अमेरिका में राजस्थानी को मान भारत में नहीं ..बलाई

ग्लोबल अकेडमी विद्यालय में राजस्थानी रो हेल्लो कार्यक्रम आयोजित

अमेरिका में राजस्थानी को मान भारत में नहीं ..बलाई


बाड़मेर राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग पर भारत सरकार लंबे समय से निर्णय नहीं कर पा रही, वहीं दूसरी ओर अमेरिका ने व्हाइट हाउस के प्रेसिडेंसियल अपॉइंटमेंट्स की प्रक्रिया में इस भाषा को अंतरराष्ट्रीय भाषाओं की सूची में शामिल किया है। इससे न केवल राजस्थानी भाषा का मान बढ़ा है, बल्कि इसके जानकारों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं।यह बात राजस्थानी छात्र परिषद् के जिला संयोजक भोम सिंह बलाई ने इंदिरा नगर में ग्लोबल अकेडमी उच्च प्राथमिक विद्यालय में अखिल भारतीय राजस्थानी मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर तथा राजस्थानी छात्र परिषद् के तत्वाधान में आयोजित राजस्थानी रो हेल्लो जन जागरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,मोटियार परिषद् के जिला सह संयोजक दिग्विजय सिंह चुली , अतिथि के रूप में मौजूद थे .उन्होंने कहा कि गत दिनों व्हाइट हाउस द्वारा विभिन्न पदों के लिए मांगे गए आवेदन में अंतरराष्ट्रीय अनुभव के तहत विभिन्न देशों की क्षेत्रीय भाषाओं के ज्ञान की जानकारी मांगी गई है। इसके तहत आवेदन पत्र के पांचवें खंड में दी गई विभिन्न अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में भारत से हिंदी के अलावा मराठी, उड़िया, पंजाबी व राजस्थानी (मायड) सहित अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया गया है। यह पहला मौका है जब मारवाड़ी को इस सूची में शामिल किया गया है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्थानी छात्र परिषद् के जिला अध्यक्ष अशोक सारला ने कहा की राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए चलाए जा रहे अभियान का ही नतीजा हे की ऍन सी आर टी ने भी राजस्थानी को मायद भाषा मान लिया .अभियान की यह बड़ी सफलता हें ,इस अवसर पर गनपत सिंह ने कहा की मायद को संवेधानिक मान्यता मिले इसके लिए पुरजोर प्रयास किये जायेंगे ,उन्होंने कहा की बाड़मेर का अभियान प्रदेश के लिए अनुकरणीय बन गया हें .इस अवसर पर श्रीमती कंचन कंवर ने कहा की राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए मातृत्व शक्ति भी तत्पर हें ,उन्होंने कहा की आम जन में राजस्थानी भाषा की उपयोगिता का प्रचार प्रसार जरुरी हें .इस अवसर पररमेश सिंह इन्दा , दिनेश विश्नोई ,मोहन सिंह ,सन्दू पाल सिंह कोटडा ,ने भी विचार व्यक्त किये .कार्यक्रम के पश्चात् प्रधानमंत्री ,सांसद और गृहमंत्री के नाम पोस्ट पोस्टकार्ड लिख मान्यता की मांग की .
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जय राजस्थानी

"मुझसे इश्क करो,नहीं तो मरवा दूंगा"

"मुझसे इश्क करो,नहीं तो मरवा दूंगा"

जयपुर। "आप मेरे से प्रेम करो, मैं आपको सभी ऎशो आराम दूंगा और नहीं मानी तो जान से मरवा दूंगा।" सिरफिरे युवक की ऎसी धमकियों से परेशान सेशन कोर्ट की एक महिला अधिवक्ता ने इस्तागासे से सदर थाना में मामला दर्ज कराया है।

जानकारी के मुताबिक पिछले एक-डेढ़ महीने से लालाराम उर्फ राहुल नाम का व्यक्ति महिला अधिवक्ता को लगातार मोबाइल पर फोन कर परेशान कर रहा है। यही नहीं दोस्ती न करने पर वह महिला वकील को जान से मारने की धमकी भी दे रहा है।

इस्तगासे में पीडिता ने बताया कि आरोपी व्यक्ति कहता है "मैंने आपकी फोटो व पता मालूम कर लिया है,मेरे से प्रेम संबंध नहीं बनाए तो आपको जान से मरवा दूंगा।" पीडिता ने जब आरोपी को बताया कि वह विवाहिता है, तब भी आरोपी अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। पीडिता ने जब उसका फोन उठाना बंद कर दिया तो वो अश्लील व धमकी भरे मैसेज करने लगा।

साथी अधिवक्ता को भी धमकाया

आरोपी के फोन कॉल्स से परेशान पीडिता ने अपने साथी अधिवक्ता को पीड़ा बताई। साथी ने आरोपी के मोबाइल पर बात की तो उसने उन्हें धमकाया और गालियां दीं। पीडिता के इस्तगासे पर सदर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। थाना प्रभारी मनोज कुमार गुप्ता ने जांच शुरू कर दी है। गुप्ता ने बताया कि आरोपी के मोबाइल नंबर अलवर से ट्रेस हुआ है, उसको पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पुलिस ने रेपिस्ट ससुर को किया अरेस्ट

नवी मुंबई।। मुंबई के नवी मुंबई इलाके में अपनी बहू का बलात्कार करने और उसे प्रताड़ित करने के आरोपी ससुर और इस काम में उसका साथ देने वाली उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया है। नवी मुंबई के बोनकोड़े गांव में रहने वाले 45 वर्षीय देवा परमार ने अपनी ही 21 वर्षीय बहू के साथ बलात्कार किया और बाद में अपनी पत्नी के साथ मिलकर उसे मुंह बंद रखने के लिए मारा-पीटा। Rape_wife
21 वर्षीय पीड़िता का उसके पति ने भी इस मामले में खुलकर साथ दिया और अपने ही माता-पिता के खिलाफ शिकायत दर्ज करने में अपनी पत्नी की मदद की। पीड़िता के पति ने पुलिस को बताया कि उसके घरवालों ने न सिर्फ उसकी पत्नी को बल्कि उसे भी प्रताड़ित किया। उसने बताया, 'जिस दिन मेरी पत्नी के साथ उन्होंने यह सब किया, उस दिन उसने मुझे कुछ भी नहीं बताया। क्योंकि उसे मारा-पीटा गया था और चुप रहने की धमकी दी गई थी। अगले दिन उसे रोते हुए देखकर मैंने जोर देकर पूछा। तब उसने मुझे सारी घटना के बारे में बताया। जब अपने माता-पिता से मैंने इस बारे में पूछना चाहा तो उन्होंने उल्टा मेरी पत्नी पर ही बदचलन होने का आरोप मढ़ दिया। जब मैंने अपने पिता से सच बोलने को कहा, तो उन्होंने और मेरे भाई-बहनों ने मिलकर मुझे भी मारना शुरू कर दिया।'

पीड़िता ने बताया कि जिस दिन यह घटना हुई, वह अपने ससुर के साथ घर में अकेली थी। उसका पति काम पर गया था और सास बाजार चली गई थी। अचानक उसके ससुर ने उसके साथ जोर-जबरदस्ती करनी शुरू कर दी। जब यह सब हो रहा था तब तक उसकी सास भी लौट चुकी थी। अपनी सास से जब उसने मदद मांगी तो उसने बाहर से घर की कुंडी लगा दी।

पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने बताया, '30 दिसंबर को पीड़िता के रोने-चीखने की आवाजें सुनाई दी थीं। जब हमने उसकी मदद के लिए जाकर दरवाजा खटखटाया तो काफी देर बाद दरवाजा खोला गया। वह बदहवास हालत में रोती हुई बाहर भागी। हमने उससे पुलिस को बुलाने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया। यहां तक कि उसने हमें यह भी बताने से मना कर दिया कि उसके साथ क्या हुआ। 31 दिसंबर को उसे और उसके पति को दोबारा मारा-पीटा गया। तब इन्होंने पुलिस में कम्प्लेंट करने का फैसला लिया।'

पुलिस के मुताबिक जब देवा परमार को भनक लगी कि पुलिस में केस दर्ज किया जा चुका है, वह अपनी पत्नी के साथ गुजरात भाग गया। लेकिन पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। कोपरखैराने के पुलिस इंस्पेक्टर मुकुंद हथोटे ने बताया कि 'पुलिस को प्राप्त जानकारी के आधार पर यह साफ है कि आरोपी की पत्नी भी इस वारदात में शामिल थी। इसलिए दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया है।' अब पीड़ित पति-पत्नी, उनके पड़ोसियों और रिश्तेदारों के बयान रिकॉर्ड किए जा रहे हैं।

अमेरिकी कांग्रेस सदस्य ने ली 'गीता' की शपथ



वाशिंगटन।। अमेरिका में कांग्रेस के लिए निर्वाचित पहली हिंदू तुलसी गैबर्ड ने पवित्र भगवद गीता पर हाथ रखकर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। तुलसी (31) को प्रतिनिधि सभा के स्पीकर जॉन बोहनर ने शपथ दिलाई। तुलसी गीता की शपथ लेने वाली पहली अमेरिकी कांग्रेस सदस्य हैं।

कल शपथ लेने के बाद तुलसी ने कहा, 'मैंने भगवद गीता की अपनी निजी प्रति के साथ शपथ लेने का फैसला किया क्योंकि गीता से ही मुझे जनसेवक नेता बनने का प्रयास करने की प्रेरणा मिली है।'

उन्होंने कहा, 'मेरी जिंदगी की कई कठिन चुनौतियों के दौरान गीता आंतरिक शांति एवं शक्ति का बड़ा सोत रही है। इन चुनौतियों में पश्चिम एशिया संकट के समय मेरी तैनाती भी शामिल है।'तुलसी ने कहा, 'मैं बहुनस्ली, बहुसांस्कृतिक और बहुधर्मीय परिवार में पली-बढ़ी हूं। मेरी मां हिंदू हैं और पिता कैथोलिक है। मैंने किशोरावस्था से ही आध्यात्मिकता के सवालों से जूझना शुरू कर दिया था।'

हवाई से चुनी गई तुलसी ने कहा, 'समय के साथ मुझे यह विश्वास हुआ कि धर्म हमें जीना सिखाने के साथ ही जिंदगी में बड़े लक्ष्य का उद्देश्य देता है।' उनके पिता माइक गैबर्ड हवाई प्रांत के सीनेटर हैं, जबकि मां कैरोल पोर्टर गैबर्ड की शिक्षाविद, एवं उद्यमी हैं।

महज 21 साल की उम्र में तुलसी हवाई की स्थायी विधायिका के लिए चुनी गई थीं। 28 साल की उम, में उन्हें कुवैत आमीर् नेशनल गार्ड की ओर से एक अवार्ड दिया गया। इससे पहले डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में तुलसी ने प्रतिनिधि सभा की डेमोक्रेट नेता नैंसी पेलोसी की मौजूदगी में संबोधन दिया था।

सचिवालय कर्मचारी कॉलगर्ल संग मना रहे थे रंगरेलियां, पुलिस ने रंगे हाथ दबोचा

सचिवालय कर्मचारी कॉलगर्ल संग मना रहे थे रंगरेलियां, पुलिस ने रंगे हाथ दबोचा



जयपुर. विद्याधर नगर के सेक्टर दो स्थित एक अपार्टमेंट में एक युवती के साथ अनैतिक काम करने के मामले में पुलिस ने देह व्यापार से जुड़ी युवती समेत तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया।
सचिवालय कर्मचारी कॉलगर्ल संग मना रहे थे रंगरेलियां, पुलिस ने रंगे हाथ दबोचा
पुलिस ने उनके खिलाफ पीटा एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। गिरफ्तार दो आरोपी सचिवालय में लिपिक है। जबकि तीसरा निजी व्यवसाय करता है।

थानाप्रभारी राजेंद्र जैन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी राजेश मीणा, हनुमान सिंह शेखावत, विजेंद्र सरदार और एक युवती है।इनमें राजेश व हनुमान सिंह सचिवालय के आपदा प्रबंधन विभाग में लिपिक है।बुधवार रात को पुलिस को सूचना मिली थी कि सेक्टर-2 के अपार्टमेंट में रहने वाले हनुमान सिंह के फ्लैट में अनैतिक काम चल रहा है। इस पर थानाप्रभारी ने पुलिस टीम के साथ फ्लैट पर दबिश दीदरवाजा खटखटाने पर दो युवकों ने दरवाजा खोला। तब एक युवती व युवक आपत्तिजनक हालत में मिले।तीन हजार रुपए में सौदा तय किया था: थानाप्रभारी ने बताया कि हनुमान सिंह ने शास्त्री नगर निवासी पेशेवर युवती से तीन हजार रुपए में सौदा तय किया था।उसे फ्लैट पर ले जाने के बाद हनुमान ने अपने साथी विजेंद्र व राजेश को वहां बुला लिया।हनुमान ने फिर उनसे भी एक-एक हजार रुपए लिए थे।पुलिस ने तीन हजार रुपए बरामद कर लिए है। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

शराब के नशे में शिक्षक ने छात्राओं की पिटाई की


सावीधर गांव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय की घटना 

शराब के नशे में शिक्षक ने छात्राओं की पिटाई की 

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विरोध में छात्राओं ने निकाली रैली, मेडिकल रिपोर्ट में शराब पीने की पुष्टि हुई, गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा, शिक्षा विभाग ने नहीं की अभी कार्रवाई 

 भीनमाल (जालोर)  
सावीधर ग्राम के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में गुरुवार को एक शिक्षक नशे में धुत होकर स्कूल पहुंचा तथा क्लास में पहुंचकर दसवीं कक्षा की छात्राओं के साथ मारपीट करने लगा। जब क्लास के छात्रों ने विरोध किया तो शिक्षक ने उनकी भी पिटाई कर दी। इस बीच मामले की जानकारी मिलने पर ग्रामीण स्कूल पहुंचे तो शिक्षक ने उनके साथ भी दुव्र्यवहार किया। सूचना मिलने पर पुलिस स्कूल पहुंची तथा शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया। 

घटना के अनुसार गुरुवार सवेरे करीब १० बजे अध्यापक मंगेराम यादव शराब के नशे में दसवीं कक्षा में पहुंचा और छात्रा कंचन, लक्ष्मी, लता, मौरी, कमला, कैलाश, केशी व संतु के अलावा छात्र जबराराम मेघवाल, सुरेश राणा और महेंद्र गवारिया के साथ बिना वजह मारपीट करने लगा। इसका सहपाठियों ने विरोध किया तो अध्यापक उनके साथ गाली-गलौज करने लगा। अभिभावकों की सूचना पर सरपंच भंवरसिंह राजपूत, पंचायत समिति सदस्य नथाराम चौधरी, भीनमाल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी के उपाध्यक्ष भंवरलाल पुरोहित, अभिभावक रमेश सुथार, भैराराम चौधरी और मसराराम सुथार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण स्कूल परिसर में जमा हो गए।

समझाइश के बावजूद अध्यापक ग्रामीणों से भी दुव्र्यवहार करता रहा। इस बीच सूचना मिलने पर भीनमाल पुलिस मौके पर पहुंची तथा शिक्षक को थाने ले आई। इस बीच शिक्षक का मेडिकल करवाने पर उसके नशे में होने की पुष्टि हुई। पुलिस ने अध्यापक को सार्वजनिक स्थान पर शराब के नशे में उत्पात मचाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसे जमानत पर छोड़ दिया गया। इधर, सूचना पर पुलिस व ग्रामीणों के पहुंचने के बाद छात्र-छात्राओं ने आक्रोश जताते हुए शिक्षक के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए स्कूल के बाहर नारेबाजी की।

बायतू विधायक ने धमकाया : धरनार्थी

बायतू विधायक ने धमकाया : धरनार्थी 


जैसलमेरचारागाह क्षेत्र व सेवण घास को बचाने के लिए धरने पर बैठे कुछड़ी, मांधल का गांव, ईसाणियों का गांव और दिलावर का गांव के ग्रामीणों ने गुरुवार को बायतू विधायक सोना राम चौधरी द्वारा धरना स्थल पर पहुंचकर धमकियां देने का आरोप लगाया हैं। इस संबंध में धरनार्थियों ने आरोप लगाया कि गुरुवार सुबह 11 बजे विधायक सोना राम धरना स्थल पर आए और धरनार्थियों को धमकाना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि विधायक ने धरनार्थियों से कहा कि विंड पॉवर प्लांट लगाने से कोई नहीं रोक सकता है। विधायक ने यह भी धमकी दी कि यदि आप लोग विरोध करोगे तो पूर्व में पीथोड़ाई में जो घटना घटित हुई थी वह आपके साथ भी होगी। धरनार्थियों के अनुसार विधायक ने यह भी कहा कि पुलिस बल को तैनात कर पंखे लगाए जाएंगे।

धरनार्थी दुर्गाराम, केसरसिंह, अमीन खां, हाजी नूर मोहम्मद, मूसे खां, चनेसर आदि ने बताया कि ग्रामीण सेवण घास और चारागाह को बचाने के लिए पवन ऊर्जा संयंत्र नहीं लगाने की मांग कर रहे हैं और विधायक जैसे पद पर बैठे राजनेता उन्हें धमकी दे रहे हैं। गौरतलब है कि कुछड़ी, मांधल का गांव, ईसाण्यिों का गांव और दिलावर का गांव के ग्रामीण पिछले 13 दिनों से कलेक्ट्रेट के सामने धरना दे रहे हैं और इनकी मांग है कि इनके क्षेत्र में पवन ऊर्जा संयंत्र नहीं लगाए जाएं।

बायतू विधायक ने धमकाया : धरनार्थी 

पवन ऊर्जा संयंत्रों के विरोध में धरने पर बैठे ग्रामीणों को बायतू विधायक सोना राम चौधरी द्वारा धमकी देने का आरोप लगाया 

विरोधियों की साजिश है 

इस मामले में जब बायतू विधायक सोना राम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैं तो केवल ग्रामीणों से समझाइश करने गया था, उन्हें यह बताने गया था कि पवन ऊर्जा संयंत्रों से कोई नुकसान नहीं है। जिस तरह से आरोप लगाए जा रहे हैं वह निराधार है और मेरे विरोधियों द्वारा मुझे बदनाम करने की साजिश की गई है।
॥हमारे पास अभी तक ऐसी कोई सूचना नहीं आई है, यदि ऐसा मामला है तो विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
ममता राहुल, एसपी, जैसलमेर

क्रेन के नीचे दबने से दो जवानों की मौत


क्रेन के नीचे दबने से दो जवानों की मौत 

जैसलमेर नाचना   क्षेत्र के नाचना सड़क मार्ग पर बुधवार रात्रि को आर्मी की क्रेन के नीचे दबने से दो जवानों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार रात्रि को लगभग 10 बजे आसकंद्रा सरहद पर जोधपुर से नाचना आ रहा वाहन असंतुलित होकर पलट गया। जिसके कारण उसमें सवार विजयकुमार श्रीवास्तव (24) निवासी जेतपुर बरेल तथा रमेशचंद्र मिश्रा (27) निवासी सलेसपुरा की वाहन के नीचे दबने से दर्दनाक मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस दल मौके पर पहुंचा तथा वाहन को हटाकर सेना को सूचित किया। सेना द्वारा गुरुवार सुबह दोनों शवों को नाचना अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सकों ने उनका पोस्टमार्टम कर शवों को सेना को सौंप दिया। जानकारी के अनुसार यह दोनों जवान ट्रेनिंग के लिए जोधपुर से नाचना आ रहे थे।

गुरुवार, 3 जनवरी 2013

धूर्त और मक्कार होते हैं चरणस्पर्श के शौकीन लोग


 
धूर्त और मक्कार होते हैं चरणस्पर्श के शौकीन लोग 


- डॉ. दीपक आचार्य 
9413306077 

चरण स्पर्श को सदियों और युगों से श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक माना गया है। धर्म शास्त्रों और नैतिक आदर्शों भरी परंपराओं में स्पष्ट वर्णित है कि इसका सीधा संबंध आदर-सम्मान दर्शाने से लेकर पुण्य प्राप्ति तक है और जो लोक निष्काम भाव से ऎसा करते हैं उनके लिए पुण्य संचय के सारे रास्ते अपने आप खुले हुए रहते हैं। 
माता-पिता, गुरु और अपने से बड़े किन्तु योग्यजनों को प्रणाम एवं चरणस्पर्श करना भारतीय संस्कृति और सभ्यता में अहम् रहा है। चरणस्पर्श यदि ढंग से किया जाए तो व्यक्ति में ऊर्जा संचरण करने के साथ ही शिक्षा-दीक्षा और शक्तिपात तक की सुचालकता को सशक्त आधार मिलता रहता है। चरणस्पर्श की क्रिया दर्शा देना दूसरी बात है और मन तथा भावनाओं के साथ चरणस्पर्श करना दूसरी बात। आजकल चरणस्पर्श हर कहीं फैशन बन गया है। हर कोई हर किसी के चरणस्पर्श कर लेता है। 
यों भी आजकल जिस हिसाब से चरण स्पर्श किया जाने लगा है उसे घुटनास्पर्श कहना ज्यादा उचित होगा क्योंकि अहंकार भरा आदमी चाहकर भी इतना झुक नहीं पाता कि सामने वाले के चरणों तक उसकी पहुंच हो सके। 
चरणस्पर्श के भी अपने कायदे हैं जिनका अनुसरण कर लेने पर ही चरणस्पर्श का लाभ प्राप्त हो सकता है। किसी भी योग्य व्यक्ति का चरण स्पर्श करते समय अपनी दाहिनी हथेली सामने वाले के दाहिने अंगूठे को स्पर्श करे, तथा बांयी हथेली बांये अंगूठे को। ऎसा करने पर ही चरण स्पर्श सफल माना जा सकता है। देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के चरण स्पर्श करते समय भी इसी बात को ध्यान में रखा जाना जरूरी होता है। आजकल लोग सीधे ही झुक जाते हैं और दांये-बांये हाथ-पांव का कोई ध्यान नहीं देते हैं। इस प्रकार के चरणस्पर्श का कोई पुण्य प्राप्त नहीं हो पाता। 
चरणस्पर्श आजकल मायने बदलता जा रहा है। अब यह श्रद्धा और आदर सम्मान का प्रतीक न होकर स्वार्थ और ऎषणाओं की पूर्ति का लोकाचारी हथियार बनकर रह गया है। लोगों ने अब चरण स्पर्श को अपने काम निकलवाने और दया या कृपा पाने का ब्रह्मास्त्र मान लिया है और चाहे जहां इसका उपयोग कर गुजरते हैं। 
चरणस्पर्श के लिए यह जरूरी नहीं कि सामने वाला इसके योग्य भी है या नहीं। उसकी आयु, बौद्धिक सामथ्र्य या आदर्शों तथा दूसरे सभी कारकोें को दरकिनार कर आजकल कोई भी आदमी अपने काम के लिए किसी के भी चरण स्पर्श करने का शौक पालता जा रहा है। कई लोग तो ऎसे हैं जो चरणस्पर्श के सहारे ही बरसों तक अपनी दुकानदारी चला लेते हैं। 
संसार में अपने स्वार्थ के वशीभूत लोगों का अब दो भागों में ध्रुवीकरण हो गया है। एक वे हैं जो बिना सोचे-समझे सारी मर्यादाओं को ताक में रखकर किसी के भी पाँव पकड़ कर चरणस्पर्श कर लिया करते हैं और इसी में अपना गौरव मानते हैं। 
दूसरी किस्म उन लोगों की है जिन्हें बड़ा और प्रभावशाली माना जाता है और जिन्हें चरण स्पर्श करवाने में सर्वाधिक आनंद मिलता है और वे उन सभी पर सबसे पहले मेहरबानी करते हैं जो लोग पूरे विनय के साथ झुकते हुए चरणस्पर्श करते रहते हैं। 
चरण स्पर्श के मामले में आदमियों की एक अजीब किस्म और भी है जो कि अकेले मिलने पर या एकान्त में ही चरण स्पर्श करते हैं और इनके चरणस्पर्शी संबंधों का किसी को कोई पता भी नहीं चल पाता, सिवाय उन दोनों के। चरणस्पर्श का सीधा संबंध या तो श्रद्धा की अभिव्यक्ति से है अथवा अपने किसी स्वार्थ की पूत्रि्त से। श्रद्धा दर्शाने वाले चरणस्पर्श गौण होते जा रहे हैं और ऎषणाओं की पूत्रि्त वाले किसी न किसी स्वार्थ के उद्देश्य भरे चरणस्पर्श का सर्वत्र खूब बोलबाला है। बात अपने इलाके की हो या दूसरे क्षेत्रों की। अपने यहाँ दोनों ही किस्मों के लोग सभी जगह विद्यमान हैं। कई सारे तो ऎसे हैं कि जहाँ मौका मिलता है वहाँ झुक कर पाँव पकड़ लिया करते हैं। इन लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता कि जिनके वे चरण स्पर्श कर रहे हैं वे लायक भी हैं या नहीं। 
हालात ये हो गए हैं कि जो लोग भ्रष्ट, बेईमान, नाकारा, चापलुस, व्यभिचारी, शराबी, माँसाहारी, अपराधी और बेईमान हैं, मनुष्यता की किसी फ्रेम में फिट होने लायक नहीं हैं, जिनकी कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर है, चाल-चलन ही खराब है, छल-कपट से लेकर सारे दुर्गुणों से भरे पड़े हैं उन्हें भी बिना किसी संकोच के चरण स्पर्श करने वाले लोगों की संख्या अनगिनत है। 
जबकि शास्त्रीय वचनों के अनुसार ऎसे लोगों के चरणस्पर्श करने वाले लोग पाप के भागी होने के साथ ही समाज के अपराधी भी होते हैं क्योंकि इन नापाक लोगों के चरण स्पर्श करने से इन लोगोें का अहं परितुष्ट एवं तृप्त होता है तथा ये लोग समाज के स्वस्थ स्वरूप एवं आबोहवा को बिगाड़ने में अहम भूमिका में आ जाते हैं जिससे मानवता को भी खतरा बना रहता है। 
चरण स्पर्श करना कोई औपचारिकता नहीं है बल्कि इसके माध्यम से दोनों ध्रुवों के बीच सेतु स्थापित होता है जिसके माध्यम से ऊर्जा और आशीर्वाद की उष्मा का संचरण होता है। और यही कारण है कि साधना सम्पन्न और असली साधु-संत किसी को भी अपने पाँव नहीं छूने देते। 
पर आजकल प्रभावशाली बड़े लोग हों या संसार को त्याग बैठे बाबाजी, ध्यानयोगी, महात्मा और तथाकथित तपस्वी, साधक-साध्वियाँ या गुरुओं के नाम पर गिद्ध की तरह मण्डराते मांत्रिक-तांत्रिकों से लेकर उठाईगिरे और बाबा वेश में आवाराओं की तरह घूम-घूम तक लूट मचाने वाले भिखारी तक चरणस्पर्श का जबर्दस्त शौक पाले बैठे हुए हैं। 
लोगों से अपने चरणस्पर्श करवाना आजकल इन सभी लोगों के लिए स्टेटस सिम्बोल से कम नहीं है। चरणस्पर्श और जयगान, जय-जयकार ये ही तो अब बचे हुए हैं जिनसे ये पीढ़ियों से भूखे, अतृप्त और अशांत लोग खुश होते हैं। 
चरणस्पर्श करने वाले जितने ज्यादा लोग, उतना इनका वर्चस्व। इन लोगों की दूसरी सारी इच्छाओं की तरह यह भी सर्वोपरि इच्छा और संकल्प हुआ करता है कि सार्वजनिक तौर पर उनके चरणस्पर्श करने वाले लोगोें की भीड़ निरन्तर आकार बढ़ाती रहे। 
जो लोग अपने माँ-बाप, गुरुओं, बुजुर्ग परिवारजनों और योग्य विद्वजनों के चरणस्पर्श करने को हीन समझते हैं और जिन्दगी में कभी इनके पांव छूना तो दूर, आदर तक नहीं दे पाए हैं ऎसे लोग भी इन बड़े लोगों और बाबों के चरणस्पर्श करने में पीछे नहीं रहते। ऎसे लोगों को कोई पुण्य कभी नहीं मिल सकता। अपने माता-पिता और गुरु को आदर नहीं देने वालाें का चरणस्पर्श और प्रणाम पितर या ईश्वर भी स्वीकार नहीं करते। 
असली लोग हमेशा चरणस्पर्श के मोहजाल से दूर ही रहते हैं जबकि चरण स्पर्श करवाने का शौक पालने वाले सभी किस्मों के लोग धूत्र्त और मक्कार होते हैं। इस बात को चरणस्पर्श का आनंद लेने वाले लोग भले न समझ पाएं, थोड़ी-बहुत बुद्धि और समझदारी रखने वाले तो समझते ही हैं। 
चरणस्पर्श की संस्कृति के पीछे छिपे रहस्यों को समझें और अपने आपको देखें कि हम कहाँ हैं, क्या कर रहे हैं, हम कौन थे, क्या हो गए, और क्या होंगे अभी। अपने स्वार्थों के लिए आखिर कितना गिरेंगे हम.......?

जोधपुर में बस पलटी,22 यात्री घायल



जोधपुर में बस पलटी,22 यात्री घायल


जोधपुर। जोधपुर के झंवर थाना इलाके में गुरूवार को एक यात्री बस पलट जाने से करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए। हादसा जोधपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर भांडू और फींच गांवों के बीच हुआ। यह निजी बस जोधपुर से मोकलसर जा रही थी। हादसे में जख्मी हुए यात्रियों को जोधपुर ले जाया गया है,इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार यात्रियों से भरी यह बस जोधपुर से मौकलसर के लिए रवाना हुई थी। लेकिन करीब 30 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद ड्राइवर ने बस से नियंत्रण खो दिया और बस पलट गई। बस में सवार 22 लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को जोधपुर के एमडीएम अस्पताल भेजा है।