॔॔बैंड,बाजा और बारात, सब जायेंगें साथसाथ॔॔
जिला प्रशासन और उरमूल ट्रस्ट, बीकानेर द्वारा अन्तरार्ष्ट्रीय कन्या दिवस पर आयोजित जनजागरूकता रैली का शुभांरम्भ जिला कलेक्टर श्रीमति शुचि त्यागी और जिला पुलिस अधिक्षक श्रीमति ममता विश्नोई द्वारा हरी झंडी दिखा कर किया गया। रैली को सम्बोधित करते हुये जिला कलेक्टर ने कहा कि बाल विवाह एक ऐसी कुप्रथा है, जिस पर भाषणबाजी करने के बजाय समाज के निचले तबके और पुरे जिले में इस कुप्रथा के रोकथाम का संदेश पहुॅचना चाहियें।
इसी दौरान जिला पुलिस अधिक्षक ने उरमूल के इस कदम की सराहना करते हुये, बताया कि इस तरह के कार्यकमों की समाज के लिये महत्वी आवश्यकता है।
रैली हनुमान चौराहें से रवाना होकर शहर के मुख्य मार्गों गांधी चौक, गोपा चौक, गुलासतला रोड होते हुये किशनीदेवी राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में संगोष्ठी में तबदील हुई।
बालिकापरिजन संगोष्ठी: किशनी देवी राजकिय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित की गई। इस संगोष्ठि का शुभारंभ अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्रीदेवाराम सुथार और जिला शिक्षा अधिकारी स्वरूप सिंह राणावत ने दीप प्रज्वलित कर किया। इसके बाद विद्यालय की बालिकाओं ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुती की। संगोष्ठी को संबोधित करते हुये एसीईओ श्रीदेवाराम सुथार ने बालिकाओं और परिजनों को संबोंधीत करते हुये कहा कि समाज में बालिकाओं के प्रति व्याप्त भेदभाव की कुरूतियों को सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं के सामुहिक प्रयासों से ही मिटाया जा सकता है। जिला शिक्षा अधिकारी श्रीराणावत संगोष्ठी को संबोधित करते कहा कि सामाजिक बदलावों की शुरूआत अपने घरों से होती है।उन्होने उपस्थित परिजनों को संगोष्ठी में बालकबालिकाओं में व्याप्त भेदभाव को मिटानें हेतु इन संदेशों का प्रचार प्रसार अन्य लोगों तक पहुंचाने का आग्र्रह किया।
संगोष्ठी में समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक श्रीहिम्मतसिंह कविया ने सरकार द्वारा बालिकाओं को प्रोत्साहित करने हेतु चलाये जा रहे विभिन्न योजनाओं जैसे बालिका समर्थ योजना की जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान एएनएम ट्रेनिंग सेंटर के प्रिशक्षक श्रीशांतीलाल शर्मा ने बाल विवाह 2006 अधिनियम की जानकारी दी, बाल विवाह और कुपोषण एक दूसरे के पूरक विषय पर जानकारी देते हुये कहा कि बालिका के 18 साल से पहले विवाह करने उसे बच्चों का कुपोषण का शिकार बनने का खतरा बना रहता है। एनआरएचएम के जिला आईसी समन्वयक उमेश आचार्य ने कन्याभ्रुण हत्या की रोकथाम हेतु विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाऐं बेटी बचाओं अभियान,बालिका सम्बल योजना के बारे में जानकारी दी।
संगोष्ठी के दौरान विद्यालय की बालिका सुश्रीमोनिका शर्मा ने कन्या अधिकारों पर कविता का पाठ किया। विद्यालय की शिक्षिका दरिया बारहठ ने अन्तर्रार्ष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं द्वारा स्थापित किये गये विभिन्न कीर्तिमानों पर चर्चा करते हुये इस दिवस की उपयोगिता की जानकारी दी।
उरमूल के जिला समन्व्यक अशोक शर्मा ने सबका आभार व्यक्त करते हुये कहा कि बाल विवाह जैसी कुरितियों को रोकने हेतु सार्थक प्रयासों की जरूरत हैं। समाज में बालिकाओं के प्रति व्याप्त भेदभाव को केवल बालिका शिक्षा से ही मिटाया जा सकता है। इसमें बालिकाओं की अधिक से अधिक सहभागिता की आवश्यकता है।
पोस्टर विमोचन : संगोष्ठी के दौरान बाल विवाह विरोधी पोस्टर का विमोचन अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीदेवाराम सुथार,जिला शिक्षा अधिकारी श्रीस्वरूप सिंह राणावत, श्रीहिम्मतसिंह कविया, शांतिलाल शर्मा, उमेश आचार्य, उरमूल प्रतिनिधी अशोक शर्मा, महिला सुरक्षा एवं केन्द्र प्रभारी ज्योत्सना व्यास ने किया।
कार्यक्रम के दौरान महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र प्रभारी ने मंच का संचालन किया और केन्द्र द्वारा घरेलु हिंसा से पिडिताओं को दी जा रही विभिन्न सहायता और सलाह के बारे में बताया।
संगोष्ठी में विद्यालय प्रधानाध्यपिका श्रीमति सरोज गर्ग, उरमूल प्रतिनिधि पंकज केवलिया, सज्जन भाटी, भगवती तवंर जयराम, अनुप द्वारकाराम और सरोज ने अपने विचार व्यक्त किये।