मंगलवार, 22 मई 2012

सड़क पर दौड़ती मौत!

सड़क पर दौड़ती मौत!
जालोर। शहर की सड़क पर सरपट दौड़ते भारी वाहन जानलेवा बन रहे हैं। सरपट दौड़ते भारी वाहनोे से बचने का जतन करते राहगीर और नियमों की धçज्जयां उड़ते देखती यातायात पुलिस। शहर की सड़कों पर कमोबेश ऎसे ही नजारे आम तौर पर देखने को मिल जाएंगे। बेलगाम रफ्तार पर लगाम कसने को लेकर ना तो यातायात पुलिस कोई असरदार कार्रवाई कर पा रही है और ना ही इसको लेकर प्रशासन सजग है। जिससे सड़कों पर सरपट दौड़ते भारी वाहन जान के दुश्मन बन रहे हैं।

इसके बावजूद यातायात पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शहर में बढ़ते यातायात दबाव के बावजूद यातायात पुलिस शहर में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई में शिथिलता बरत रही है। सामान्य चिकित्सालय के सामने सोमवार सवेरे क्रेन से हुआ हादसा यातायात पुलिस की इसी लापरवाही का नतीजा है।

स्पीड ब्रेकर का अभाव
शहर के मुख्य मार्गो पर स्पीड ब्रेकर भी नहीं है। कलक्ट्री से लेकर सूरज पोल तक सड़क पर हर समय भीड़ रहती है। कलक्टर, एसपी, एएसपी, एडीएम सहित कई अफसरों के बंगले भी इस रोड पर है। वहीं अस्पताल के आस-पास लोगों की भीड़ रहती है। ऎसे में इस रोड पर स्पीड ब्रेकर होना चाहिए। जिससे वाहनों की स्पीड पर लगाम लग सकती है।

लील जाती कई जिन्दगियां
तेज रफ्तार से आ रही क्रेन ने महिला को चपेट में लेते हुए जीप को टक्कर मारी। जिससे क्रेन का संतुलन बिगड़ गया और क्रेन डिवायडर पर चढ़कर रूक गई। सदैव भीड़ भाड़ से घिरे रहने वाले हॉस्पिटल चौराहा पर बसों की आवाजाही के दौरान लोगों की भीड़ रहती है। ऎसे में बड़ा हादसा हो सकता था। गनीमत रही कि के्रन के पहिए डिवायडर पर थम गए।

मूकदर्शक ट्रेफिक पुलिस
शहर के बाहरी नाकों पर ट्रेफिक पुलिस के जवान खड़े रहते हैं। पुलिसकर्मियों के सामने से होकर भारी वाहन शहर में प्रवेश करते हैं। इसके बावजूद ट्रेफिक पुलिस भारी वाहनों को रोकने की जहमत नहीं उठाती है। ऎसे में आए दिन हादसे हो रहे हैं।

भीनमाल रोड से होकर आई क्रेन भी बाइपास पर खड़े ट्रेफिक पुलिस के जवानों के पास से होकर निकली, लेकिन पुलिस ने वाहन को रोकने की पहल नहीं की। अगर पुलिस क्रेन को शहर में नहीं घुसने देती तो यह हादसा नहीं होता।

बाड़मेर ट्रेन से टकराई कार एक की मौत दो लोग गम्भीर घायल


बाड़मेर ट्रेन से टकराई कार एक की मौत  दो लोग गम्भीर घायल 



बाड़मेर के जसदेर मंदिर के पास स्थित मानव रहित रेलवे फाटक पर जोधपुर-बाड़मेर पैसेंजर ट्रेन की चपेट में इंडिगो कार आ गई जिसके कारन तीन लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए वही इस दुर्घटना में कार बुरी तरह से चकनाचूर हो गई हैं 1 घायलों में दो जने जिन्दगी और मौत से संघर्ष कर रहे थे जिसमे एक जाने ने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया  , जिन्हें जोधपुर रेफर करने की तैयारी चल रही हैं ! वही दुर्घटना के बाद करीब आधा घंटा तक ट्रेन रुकी रही ! फिलहाल इन का इलाज चल रहा हैं ! वही मौके पर सदर पुलिस , जी आर पी भी पहुंची और जांच शुरू कर दी हैं ! इस मानव रहित फाटक पर पूर्व में भी दुर्घटनाए घटित हो चुकी हैं ! बाड़मेर के इस मानव रहित रेलवे फाटक पर हुई दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंचे रेलवे के अधिकारिओ ने कुछ भी वक्तव्य देने से स्पष्ट इकार कर दिया हैं ! याद रहे याहन पर लम्बे समय से रेलवे फाटक पर कार्मिक की नियुक्ति नहीं हुई हैं जिस्कि९ वजह से दुर्घटनाओ में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं ! एक साल पहले इसी तरह से एक परिवार के चार लोग इसी मानवरहित रेलवे फाटक पर ट्रेन की चपेट में आ गाए थे जिनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी

बाड़मेर ट्रेन से टकराई कार एक की मौत दो लोग गम्भीर घायल

बाड़मेर ट्रेन से टकराई कार एक की मौत  दो लोग गम्भीर घायल 


बाड़मेर के जसदेर मंदिर के पास स्थित मानव रहित रेलवे फाटक पर जोधपुर-बाड़मेर पैसेंजर ट्रेन की चपेट में इंडिगो कार आ गई जिसके कारन तीन लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए वही इस दुर्घटना में कार बुरी तरह से चकनाचूर हो गई हैं 1 घायलों में दो जने जिन्दगी और मौत से संघर्ष कर रहे थे जिसमे एक जाने ने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया  , जिन्हें जोधपुर रेफर करने की तैयारी चल रही हैं ! वही दुर्घटना के बाद करीब आधा घंटा तक ट्रेन रुकी रही ! फिलहाल इन का इलाज चल रहा हैं ! वही मौके पर सदर पुलिस , जी आर पी भी पहुंची और जांच शुरू कर दी हैं ! इस मानव रहित फाटक पर पूर्व में भी दुर्घटनाए घटित हो चुकी हैं ! बाड़मेर के इस मानव रहित रेलवे फाटक पर हुई दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंचे रेलवे के अधिकारिओ ने कुछ भी वक्तव्य देने से स्पष्ट इकार कर दिया हैं ! याद रहे याहन पर लम्बे समय से रेलवे फाटक पर कार्मिक की नियुक्ति नहीं हुई हैं जिस्कि९ वजह से दुर्घटनाओ में लगातार बढ़ोतरी हो रही हैं ! एक साल पहले इसी तरह से एक परिवार के चार लोग इसी मानवरहित रेलवे फाटक पर ट्रेन की चपेट में आ गाए थे जिनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी

बाड़मेर सड़क दुर्घटना में दो की मौत

बाड़मेर सड़क दुर्घटना में दो की मौत 

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित जस्दर तालाब के समीप बोल्लेरो वाहन पलटने से दो जानो की मौत की खबर हें सूत्रानुसार बाड़मेर उतर्लाई मार्ग पर जस्दर तालाब के समीप दोपहर बारह बजे बोलेरो वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिससे उसमे सवार दो जानो की मौत हो गयी

बाड़मेर की यातायात व्यव्श्था बदतर

बाड़मेर की यातायात व्यव्श्था बदतर हें शहर में तक्सी स्टैंड स्थाई हें हर टेम्पो टेक्सी की जगह फिक्स कर राखी हें मगर टेम्पो टेक्सी  वालो ने शहर की जनता की नाक में दम कर रखा हे किसान छात्रावास के सामने सब्जी मंदी से अंहिसा चौराहे तक यातायात व्यवस्था को दुरुस्त कर यातायात कर्मियों को पाबंद करे सब्जी मंदी से अंहिंसा चौराहे तक कोई वाहन खडा नहीं रहे ...लोगो को विशेष कर महिलाओ को ज्यादा परेशानी होती हें तेक्सियो में बजने वाले अश्लील गीत जनता को शर्मशार कर देते हें ...टेम्पो चालक मनम,अणि करते हें इन पर अंकुश लगा कर जनता को रहत प्रदान करे 
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जैसलमेर भ्रष्टाचारी को तो बचा लिया लेकिन खुद फंस गए एएसपी साहब!

जैसलमेर भ्रष्टाचारी को तो बचा लिया लेकिन खुद फंस गए एएसपी साहब!

जैसलमेर  भ्रष्टाचार के आरोपी जयपुर डिस्कॉम में पदस्थ एक अफसर के खिलाफ जांच के दौरान गवाही के लिए 12 बार बुलाने पर भी नहीं आना पुलिस के एक एएसपी को भारी पड़ गया। गवाही नहीं दिए जाने की वजह से भ्रष्टाचार का आरोपी बिजली विभाग का अफसर तो विभागीय कार्रवाई में बच निकला, लेकिन इसकी सजा अब एएसपी को भुगतनी पड़ेगी। जयपुर डिस्कॉम के सीएमडी की शिकायत पर पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने उस एएसपी को 17 सीसीए की चार्जशीट थमाने के आदेश जारी किए हैं।
 


कार्यालय महानिदेशक पुलिस राजस्थान जयपुर से अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस सतर्कता ने आईजी रेंज जोधपुर को 12 अप्रैल 2012 को पत्र भेजा था। इसमें कहा कि जयपुर डिस्कॉम के जांच अधिकारी रिटायर्ड आईएएस के.एन.गुप्ता ने बिजली विभाग के अधिकारी गुलाब सिंह वर्मा के खिलाफ जांच में गवाही के लिए जैसलमेर में पदस्थ एएसपी गणपत लाल को बार- बार बुलाने पर भी नहीं आए।




एडीजी विजिलेंस ने आईजी जोधपुर को लिखा कि आपको पुन: निर्देश दिए जाते हैं कि वांछित जांच रिपोर्ट एवं दोषी अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई 17 सीसीए के प्रस्ताव तैयार करके निर्धारित प्रपत्र में भरकर इस कार्यालय में भिजवाने का श्रम करावें। आईजी रेंज जोधपुर ने एडीजी विजिलेंस के पत्र के जवाब में तथ्यात्मक टिप्पणी के साथ सारी जांच रिपोर्ट हाल ही एडीजी विजिलेंस को भेज दी है।




अब इस मामले में 17 सीसीए की चार्जशीट देने के लिए डीजीपी एच.सी. मीणा ने अनुमति दे दी है। यह अपनी तरह का अनूठा मामला है, जिसमें भ्रष्टाचार के आरोपी को बचाने को लेकर किसी एएसपी को चार्जशीट थमाई जा रही है। डीबी स्टार के पास विजिलेंस की ओर से भेजे गए पत्र से लेकर जयपुर डिस्कॉम की जांच रिपोर्ट तक सारे दस्तावेज मौजूद हैं।




जांच समिति ने की थी कार्रवाई की सिफारिश




जयपुर डिस्कॉम की ओर से नियुक्त जांच अधिकारी रिटायर्ड आईएएस के.एन. गुप्ता ने इस मामले में पुलिस महानिदेशक को शिकायत की थी, जिसमें कहा था कि जैसलमेर में पदस्थ एएसपी गणपत लाल 12 बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद विभागीय जांच में साक्ष्य में अनुपस्थित रहे। उनकी सुविधा अनुसार तारीख पेशी भी निश्चित की गई। इस सबके बावजूद एएसपी गणपत लाल ने गवाही में आना उचित नहीं समझा।




फलस्वरूप उनकी गवाही बंद करनी पड़ी। इससे आरोपित कर्मचारी को लाभ पहुंचा। इस प्रकार अभी जैसलमेर में पदस्थ एएसपी गणपत लाल ने एक आपराधिक मामले में गवाही नहीं देकर अपने प्रशासनिक उत्तरदायित्व में लापरवाही बरती। जानबूझकर कर्मचारी को अनावश्यक लाभ पहुंचाया है। अत: गणपत लाल के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रकरण जांच प्रतिवेदन के साथ भेजा जा रहा है।




इनको देनी थी गवाही




विद्युत निगम की सतर्कता शाखा अलवर विजिलेंस में पदस्थ रहने के दौरान तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक गणपत लाल (अब एएसपी) ने कनिष्ठ अभियंता गुलाब सिंह वर्मा के प्रकरण की जांच करके रिपोर्ट अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयपुर को भेजी थी। इस वजह से जयपुर डिस्कॉम के विभागीय प्रतिनिधि आर.एल. पुरी ने विभागीय जांच के दौरान प्रमुख गवाह के रूप में गणपत लाल वर्मा के बयान करवाए जाना आवश्यक बताया।




आईएएस गुप्ता के जांच प्रतिवेदन के मुताबिक जयपुर डिस्कॉम कार्यालय से अभी जैसलमेर में पदस्थ एएसपी गणपत लाल वर्मा को इस प्रकरण में गवाही देने के लिए बुलाया। रिकॉर्ड के मुताबिक 23 सितंबर 2010 से लेकर 28 जुलाई 2011 तक गणपत लाल वर्मा को जयपुर डिस्कॉम की ओर से 12 नोटिस भेजे गए। इसके बावजूद गणपत लाल वर्मा तय पेशी तारीख पर गवाह देने के लिए नहीं पहुंचे।




नियमानुसार कार्रवाई करेंगे




'एएसपी गणपत लाल वर्मा को 17 सीसीए की चार्जशीट देने के मामले में विजिलेंस कार्यालय से जोधपुर आईजी को भेजे गए पत्र का जवाब और वहां से आई जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्यालय ने अब तक क्या कार्रवाई की है, वो देखने के बाद ही पूरी तरह बता सकता हूं। मामला मुझे अभी ज्यादा याद नहीं आ रहा है, लेकिन दोषी अधिकारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।'




-प्रदीप कुमार व्यास, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, (सतर्कता) राजस्थान जयपुर




डीजीपी के समक्ष पक्ष रखूंगा




'जयपुर डिस्कॉम ने मुझे जब भी गुलाब सिंह वर्मा के प्रकरण में गवाही के लिए बुलाया था, तब मैं लगातार कानून एवं व्यवस्था की ड्यूटी में लगा हुआ था। इस वजह से गवाही देने के लिए नहीं जा पाया था। इस बारे में डीजीपी कार्यालय ने एसपी जैसलमेर को पूछा था, तब तारीख के हिसाब से जवाब तैयार करके भेज दिए थे। जोधपुर आईजी ने भी मेरे फेवर में रिपोर्ट भेजी थी, ऐसे में अब 17 सीसीए का नोटिस देने का क्या औचित्य है। वैसे भी मेरी मंशा कभी भी बिजली विभाग के दोषी अफसर को बचाने की नहीं रही थी। नोटिस के बारे में पूछे जाने पर मैं अपना पक्ष डीजीपी के समक्ष रख दूंगा।'




-गणपत लाल, एएसपी जैसलमेर

संस्कारों की ज्योत जगाता हैं संघ : रोलसाहबसर

संस्कारों की ज्योत जगाता हैं संघ : रोलसाहबसर

बाड़मेर हम श्रेष्ठ बनने का अभ्यास कर रहे हैं और अभ्यास के बिना संसार में श्रेष्ठ बनने का दूसरा कोई मार्ग नहीं है। कठिन तप और आत्म नियंत्रण का अभ्यास ही हमें परम तत्व से साक्षात्कार करवाते है। लक्ष्य प्राप्ति के लिए क्षत्रिय युवक संघ की उध्र्वगामी, साधना पद्धति हमें प्रेय से श्रेय की ओर अग्रसर करती है। यह बात राणीगांव में चल रहे संघ के उच्च प्रशिक्षण शिविर के चौथे दिन सोमवार को प्रभात संदेश में संघ प्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर ने कही। उन्होंने कहा कि मनुष्य शरीर आठ प्राकृतिक तत्वों से बना है जिसमें अंतकरण मन, बुद्धि और अहंकार तथा जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी और आकाश से स्थूल शरीर बना है। परम तत्व हमारे अंदर विद्यमान है लेकिन जड़ तत्वों से आच्छादित है। यही जड़ता हमें परम सुख की ओर जाने से रोकती है। संघ के नगर प्रमुख दीपसिंह रणधा ने बताया कि राणीगांव स्थित संस्कार शिविर में स्वयंसेवक गर्मी, लू के थपेड़ों और आंधियों के बीच अभावों में रहकर भी श्रेष्ठ बनने का अभ्यास कर रहे है। संघ प्रमुख के सान्निध्य में सुबह चार बजे संघ की दिनचर्या शंखनाद से शुरू होती है और रात दस बजे तक प्रत्येक कार्यक्रम टाइम टू टाइम संचालित हो रहा है।

गरबों और लोक नृत्य ने मचाई धूम

ज्योति विद्यापीठ उंडखा में क्षत्रिय युवक संघ की ओर से संचालित मातृ शक्ति संस्कार शिविर में सांस्कृतिक संध्या के दौरान गुजराती बालिकाओं और महिलाओं ने गरबा नृत्य प्रस्तुत किया। शिविर संचालक रतनसिंह नगली के निर्देशन में गुजरात की कल्पना के नेतृत्व में लड़कियों ने लय, ताल, स्वर के साथ गरबा खेलकर शिविर को संगीतमय बना दिया। वहीं राजस्थान की नील कंवर, कैलाश कंवर उंडखा, सुमन बचिया, महिमा तिलवाड़ा, सरोज कंवर झाझड़ ने हिचकी, धरती धोरां री, चिरमी सहित अन्य लोक गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किया। गुजरात की बालिकाओं ने तलवारबाजी और थाली नृत्य की कलाबाजियों ने सबको अचंभित कर दिया। शिविर सह प्रभारी रामसिंह माडपुरा ने बताया कि समाज की महिला शक्ति को सुसंस्कारित साथ साथ आत्म निर्भरता स्व रक्षा का प्रशिक्षण दिया।

प्रताप जयंती 24 को

राजपूत समाज की ओर से महाराणा प्रताप की 473वीं जयंती चौबीस मई को शाम पांच बजे राणीगांव में संचालित क्षत्रिय युवक संघ के प्रशिक्षण शिविर में संघ प्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर के सानिध्य में मनाई जाएगी। संघ के नगर प्रमुख दीपसिंह रणधा ने बताया कि संघ प्रमुख के निर्देशानुसार संघ के ज्योति विद्यापीठ उंडखा में संचालित मातृ-शक्ति शिविर को एक दिन के लिए जयंती समारोह राणीगांव में सम्मिलित किया जाएगा। समारोह में बाड़मेर क्षेत्र के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों से सैकड़ों लोग शरीक होंगे।

शेरगढ़ में ओले, बिजली गिरने से वृद्ध की मौत


शेरगढ़ में ओले, बिजली गिरने से वृद्ध की मौत

शेरगढ़  कस्बे में सोमवार शाम ओले गिरे। ओलावृष्टि से चारों तरफ ओलों की चादर बिछ गई। इसके साथ ही तेज हवा के साथ बौछारें पड़ी। बारिश से नाले-परनाले बहने लगे। सड़कों पर भी पानी बहने लगा। कुछ देर हुई बारिश के बाद भी आसमान पर बादल छाए हुए थे और मौसम सुहाना हो गया। सोमवार को सुबह से ही गर्मी व उमस थी। दोपहर में गर्मी चरम पर थी। इस दौरान आसमान में बादल छाने लगे। शाम चार बजे तक घटाएं घिर आई। तेज गर्जना शुरू हो गई। देखते ही देखते ओले गिरने लगे। चारों तरफ सफेद चादर सी बिछ गई। बाद में तेज बौछारें गिरने लगी। दस-पंद्रह मिनट की बारिश में ही सड़कों पर पानी बहने लगा। कस्बे में पिछले कुछ दिनों से लगातार बादल छा रहे हैं। तेज गर्मी के साथ हवा में नमी होने की वजह से बादलों की उपस्थिति रहने लगी है। सोमवार को बारिश के बाद मौसम सुहाना हो गया और ठंडी हवा चल रही थी। निकटवर्ती हड़वंतनगर में सोमवार को करीब पांच बजे बिजली गिरने से एक वृद्ध की मौत हो गई और एक महिला झुलस गई। इस हादसे में छह बकरियां भी मर गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जब बारिश हो रही थी तब देवीसिंह की ढाणी में नराराम (60) मोबाइल पर बात कर रहा था। अचानक बिजली गिरने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

इस मौके पर झोंपे में बैठी दीप कंवर (55) पत्नी जब्बरसिंह झुलस गई। बिजली गिरने से पास ही के तीन झोंपों में आग लग गई। झोंपे में मौजूद देवीसिंह, उसकी पत्नी उषा कंवर व भानजी सूरज कंवर भागकर झोंपे से बाहर आ गए। इस हादसे में झोंपड़ी में बंधी छह बकरियां मर गई। ग्रामीणों ने निजी वाहन से नराराम व दीप कंवर को शेरगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। वहां नराराम को मृत घोषित कर दिया और दीप कंवर का इलाज चल रहा है।

बहाने नहीं, समस्याओं का समाधान चाहिए : त्यागी

बहाने नहीं, समस्याओं का समाधान चाहिए : त्यागी

कलेक्टर ने अधिकारियों को लगाई फटकार

जैसलमेर कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कलेक्टर शुचि त्यागी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विभागों में परस्पर समन्वय रखते हुए लोक समस्याओं के निराकरण के लिए त्वरित कार्रवाई करें। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपतलाल, उपखण्ड अधिकारी रमेशचन्द्र जैन्थ एवं अशोक चौधरी, उपनिवेशन उपायुक्त रामावतार मीणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी जिला प्रशासन को अनुपालना रिपोर्ट निर्धारित समय पर भिजवाएं तथा इसमें हर समस्या के समाधान के लिए जल्द कार्रवाई करने जैसी बातें लिखकर टालमटोल भरा जवाब नहीं लिखें, बल्कि हर समस्या के समाधान के लिए निर्धारित तिथि बताएं और उस समय सीमा तक अनिवार्य रूप से समस्या का हल कर जिला प्रशासन को अवगत कराएं।

एक बार दिए निर्देश की हमेशा पालना हो

कलेक्टर ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे जिला प्रशासन को जो रिपोर्ट भेजें उसमें ग्राम्य/ब्लॉक स्तर पर होने वाली गतिविधियों व उपलब्धियों का समावेश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैठकों में एक बार जो निर्देश दिए जाते हैं उस पर अमल होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर संबंधितों को बख्शा नहीं जाएगा।

क्रेन ने महिला को कुचला, पांच घायल




शहर के बीच हुआ हादसा, जिला अस्पताल के बाहर अनियंत्रित क्रेन ने कुचला महिला को, हादसे के बाद फुटपाथ पर चढ़ी क्रेन, चालक मौके से फरार

जालोर शहर के बीचों बीच व्यस्ततम क्षेत्र अस्पताल चौराहे पर सोमवार को एक अनियंत्रित क्रेन ने एक जीप से उतरी महिला को कुचल डाला। क्रेन की टक्कर से जीप में सवार पांच जने भी घायल हो गए। घटना के बाद मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। इसी बीच चालक मौके से फरार हो गया। घटना जिला अस्पताल के ठीक सामने हुई। यहीं पर कलेक्टर समेत एसपी के बंगले भी हैं। ऐसे में यह क्षेत्र भारी वाहनों और तेज गति के लिए प्रतिबंधित है। इसके बावजूद यह हादसा हो गया। एएसआई कुयाराम ने बताया कि क्रेन की चपेट में आने से कलापुरा निवासी कमला कंवर (40) पत्नी ईश्वरसिंह भाटी की मौके पर ही मौत हो गई। मृतका कलापुरा से स्वास्थ्य जांच करवाने के लिए जालोर आई थी और अस्पताल चौराहे पर उतरी थी। इस दौरान यह हादसा हुआ। जबकि कलापुरा निवासी चौथ सिंह पुत्र वरद सिंह भाटी, बाकरा गांव निवासी राजेंद्र कुमार जैन, प्रकाश जैन, जोगाराम और जीप ड्राइवर अर्जुनसिंह घायल हो गए।

जानकारी के अनुसार यह क्रेन सूरजपोल से अस्पताल चौराहे की तरफ आ रही थी। इस दौरान अनियंत्रित क्रेन पहले अस्पताल के बाहर खड़ी सीएमएचओ की जीप को रगड़कर निकली। इसके बाद यह और ज्यादा अनियंत्रित हो गई और मोड़ में जीप से उतरी महिला को कुचल डाला। इसके बाद आगे खड़ी जीप को भी टक्कर मार दी, जिससे उसमें सवार लोग भी घायल हो गए। इसके बाद क्रेन अस्पताल के पास बने फुटपाथ पर चढ़ गई।
स्रजिससे फुटपाथ पर लगा यातायात सुरक्षा चिह्न बोर्ड भी धराशायी हो गया। घायलों को अस्पताल में लाया गया। इधर, घटना के बाद क्रेन चालक मौके से फरार हो गया। घटना की सूचना के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची। इस दौरान अस्पताल चौराहे पर बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। इस मामले में कलापुरा निवासी चौथ सिंह पुत्र वरद सिंह ने क्रेन चालक के खिलाफ रिपोर्ट पेश की है। इधर, पुलिस ने घटना के बाद जीप और क्रेन को जब्त कर लिया है। साथ ही पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किया।

कोई रोकटोक नहीं : इस हादसे के बाद एक बार फिर यह साबित हो गया है कि शहर के चौराहे और सड़कें किसी भी सूरत में सुरक्षित नहीं हैं। शहर में दिन भर विभिन्न मार्गों पर भारी वाहन और इसी प्रकार की क्रेन तथा ट्रैक्टर ट्रालियां पूरी स्पीड के साथ दौड़ती हैं, लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। जिस जगह यह हादसा हुआ वहां पूरे दिन चार पांच यातायातकर्मी तैनात रहते हैं। फिर अस्पताल चौराहे जैसे व्यस्ततम मार्ग से इस प्रकार के वाहन गुजरते रहते हैं।

फिर भी यहीं उतारते हैं सवारियां : अस्पताल चौराहा शहर का सबसे व्यस्त क्षेत्र माना जाता है। यहां से लोग बसों में चढ़ते उतरते हैं। इसलिए दिनभर यहां काफी भीड़ रहती है। पास में हॉस्पिटल होने से दिनभर लोगों की भीड़ भी रहती है। भीनमाल की तरफ से आने वाले लोग अक्सर अस्पताल चौराहे पर उतरते हैं। इसलिए वाहनों का स्टॉपेज यहां रहता है, लेकिन यह क्षेत्र गोलाई में होने से भीनमाल की तरफ से आने वाले वाहन चालक को सामने की स्थिति की जानकारी नहीं लग पाती है। पहले भी अनेक बार यहां टैक्सियों और बसों का ठहराव नहीं करने की मांग हो चुकी है, लेकिन फिर भी टैक्सी चालक और जीप कार चालकों समेत रोडवेजकर्मी भी इसी जगह पर सवारियों को उतारते हैं।

एमबीबीएस छात्रा की अंतरंग वीडियो क्लिप इंटरनेट पर, मचा हड़कंप



रोहतक.पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विश्वविद्यालय में अध्ययनरत एमबीबीएस अंतिम वर्ष की एक छात्रा की अंतरंग वीडियो क्लिप इंटरनेट पर अपलोड होने से हड़कंप मच गया है। वीडियो क्लिप को डाउन लोड उसके ही मित्र ने की है। मामला संज्ञान में आते ही संस्थान के अधिकारियों ने छात्रा के रूम की जांच पड़ताल कर उसे सील कर दिया है।
 


सूत्रों के अनुसार एमबीबीएस के अंतिम वर्ष की छात्रा का मित्र एनआरआई है और वह विदेश में रह रहा है। विदेश से कंम्यूटर पर वैब कैम का इस्तेमाल करते हुए फोटो और वीडियो शेयर कर लिए। इसका फायदा उठाते हुए उसके एनआरआई मित्र ने उसकी क्लिप एक साइट पर अपलोड कर दी।



हैरत की बात है कि इसकी भनक छात्रा को कतई नहीं मिली। इसका पता तब चला, जब संस्थान के ही किसी छात्र ने उसकी तस्वीरें देखी। मामले की खबर अधिकारियों को लगी तो उन्होंने तुरंत इस क्लिप को संबंधित साइट से हटवा दिया है।



अथॉरिटी ने रूम किया सील



मामले की सूचना मिलते ही अधिकारियों की टीम सोमवार को छात्रा के रूम में गई और वहां पर उसका रूम सील किया। उसके तमाम सामान और कंघ्यूटर को भी कब्जे में ले लिया है। अब उसकी जांच होगी और इसके बाद ही सही तस्वीर सामने आएगी।



मामले की जांच शुरू



इस बारे में विवि की रजिस्ट्रार डॉ. सरला हुड्डा ने बताया कि मामला संज्ञान में आ चुका है। संबंधित साइट से वीडियो क्लिप को हटवा दिया गया है। मामले की जांच शुरू हो चुकी है। आलाधिकारियों को भी मामले से अवगत करा दिया गया है।

महाराष्‍ट्र का डॉक्‍टर डेथ: गर्भ गिरा कर कुत्‍तों को खिला देता था भ्रूण

 

मुंबई.कन्‍या भ्रूण हत्‍या के आरोप में गिरफ्तार बीड के डॉक्‍टर से जुड़ा एक खौफनाक सच सामने आया है। राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की जांच रिपोर्ट के मुताबिक गर्भ गिराने के बाद सुबूत मिटाने के लिए डॉक्‍टर भ्रूण को अपने पालतू कुत्‍तों को खिला देते थे। इस काम में पत्‍नी भी डॉक्‍टर का साथ देती थीं।
डॉक्‍टर सुदम मुंडे (तस्‍वीर में) के खिलाफ शुरुआती जांच में ठोस सुबूत मिलने के बाद स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच से कराने के आदेश दिए हैं। यह पहली बार है जब एक डॉक्‍टर पर प्री-कन्‍सेप्‍शन एंड प्री-नेटाल डायग्‍नॉस्टिक टेक्‍नीक्‍स एक्‍ट (पीसीपीएनडीटी) के तहत मामला दर्ज हुआ है और इसकी जांच पुलिस के बजाय क्राइम ब्रांच को सौंपी जा रही है।

बच्‍चे के लिंग का पता लगाने तथा गर्भपात के काम में लगे इस डाक्‍टर दंपती ने चार कुत्‍ते पाल रखे थे। ये लोग मृत कन्‍या भ्रूण को कुत्‍तों को खिला देते थे ताकि कोई सुबूत नहीं मिल सके।

जिले की पर्ली तहसील में क्‍लीनिक चलाने वाले डॉ. मुंडे दंपती के काले कारनामों का चिठ्ठा तब खुला जब इनके यहां 18 मई को 28 साल की महिला विजयमाला पाटेकर भर्ती हुईं। उन्‍हें छह महीने का गर्भ था और गर्भ गिराने के चक्‍कर में उनकी मौत हो गई। पाटेकर की चार लड़कियां थीं। वह एक और लड़की नहीं चाहती थीं।

अब क्राइम ब्रांच इस बात का पता लगाने का भी प्रयास कर रही है कि ये लोग क्‍लीनिक का लाइसेंस रद्द होने के बाद भी काम कैसे कर रहे थे। कुछ समय पहले कन्‍या भ्रूण हत्‍या के सिलसिले में ही क्‍लीनिक का लाइसेंस रद्द हुआ था।





ये लोग दो साल पहले एनजीओ लेख लड़की अभियान के स्टिंग आपरेशन में पकड़े गये थे। इसके बाद उनके क्‍लीनिक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया और सोनोग्राफी मशीन सील कर दी गई। इसके बावजूद एक साल से कम समय में डाक्‍टर मुंडे ने दोबारा यही काम करना शुरू कर दिया। यह डाक्‍टर दोबारा चर्चा में तब आया जब उनके फार्म में जून 2011 में एक भ्रूण पाया गया।



बीड के एसपी मांडलिक दत्‍तात्रेय के अनुसार इन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 ए तथा 201 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्‍होंने बताया इस दंपति के खिलाफ और भी मामले दर्ज हैं जिसकी जांच की जा रही है।

महाराष्‍ट्र में बीड जिले में लिंगानुपात सबसे कम है। यहां एक हजार लड़कों पर कुल लड़कियों की संख्‍या 801 है। 6 मई को फिल्‍म अभिनेता आमिर खान ने टीवी शो 'सत्‍यमेव जयते' के जरिए इस समस्‍या को उठाया भी था।

सोमवार, 21 मई 2012

पार्षद ने कलक्टर को सुनाया अपने वार्ड की समस्या का दुःखड़ा ।

पार्षद ने कलक्टर को सुनाया अपने वार्ड की समस्या का दुःखड़ा

बाड़मेर नगर परिषद् े कांग्रेस े बोर्ड की नाकामी ओर अपने वार्ड क्षेत्र में भेदभाव से परेशान सता पक्ष े पार्षद ने जिला कलक्टर से मुलाकात कर अपने वार्ड की समस्याओं का दुःखड़ा सुनाया।
बाड़मेर शहर े हरदम स्थल वाडर संख्या 21 की कांग्रेस महिला पार्षद श्रीमती उर्मिला जैन ने आज जिला कलेक्टर डाँ. वीणा प्रधान से मुलाकात कर वार्ड की समस्याओं से अवगत करा चेतावनी दी है कि दो सप्ताह में समस्याओं का समाधान नही हुआ तो वो धरने पर बैठेगी।
श्रीमती उर्मिला जैन ने जिला कलक्टर को लिखित में अवगत कराया कि मैं शिक्षित पार्षद हॅू मेरे वार्ड की जनता की मांग े अनुरूप मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करने े लिए बार-बार पालिका बोर्ड की बैठकों मे निवेदन किया। साथ ही आयुक्त तथा नगरपालिका अध्यक्षा को लिखित में बताया मगर बोर्ड का तीन साल े कार्यकाल में जनहित में कोई कार्य नही हुआ। उन्होने बताया कि वार्ड में नियमित सफाई, पेयजल की सुचारू व्यवस्था, सड़क मरम्मत, बिजली तथा आवारा पशुओं से निजात दिलाने की समस्याए रोजमरार की बात हो गई। उन्होने कहा कि जनहित े मुद्दों को बोर्ड द्वारा लगातार अनदेखी को बर्दास्त नही की जाएगी। सतापक्ष में होने े बावजूद जनता े कार्य नही होना दुर्भाग्य पूर्ण है। उन्होने मुख्यमंत्री को भी जिला कलक्टर े माध्यम से ज्ञापन भेज समस्याओं े समाधान की मांग की है साथ ही दो सप्ताह में समस्याओं का निराकरण नही करने की स्थिति में अपने ही बोर्ड े खिलाफ धरना दिया जाएगा।

लीची खाने के शौकिन हैं तो पढ़िए जरूर, क्योंकि ये खबर आपके लिए है!

पटना| लीची के लिए मशहूर बिहार में इस वर्ष लीची की रंगत फीकी नजर आ सकती है। इस वर्ष लीची की फसल में पिछले वर्ष की तुलना में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की आशंका है। हालांकि, समय पर अब भी बारिश हो जाए तो लीची की पैदावार बढ़ने के आसार हैं। 
वैसे तो उत्तराखण्ड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, असम और बिहार में लीची की खेती की जाती है लेकिन देश के कुल लीची उत्पादन में बिहार की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत है। बिहार में कुल 30,600 हेक्टेयर भूमि में लीची की खेती की जाती है।
आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष पूरे देश में करीब 4. 90 लाख टन लीची का उत्पादन हुआ था जिसमें बिहार का योगदान करीब तीन लाख टन था। इसके पहले वर्ष 2010-11 में करीब 2़50 लाख टन लीची का उत्पादन बिहार में हुआ था, जबकि वर्ष 2009-10 में राज्य में कुल 2़15 लाख टन लीची का उत्पादन हुआ था।
राज्य में लीची की उत्पादकता को देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) ने वर्ष 2001 में मुजफ्फरपुर में लीची के लिए एक राष्ट्रीय शोध संस्थान (एनआरसी) की स्थापना की। राज्य में वैसे तो कई जिलों में लीची की खेती की जाती है लेकिन मुजफ्फरपुर लीची की खेती का मुख्य केंद्र है।

राष्ट्रीय शोध संस्थान के निदेशक डॉ़ विशाल नाथ ने बताया कि राज्य में इस वर्ष लीची के उत्पादन में वृद्घि की सम्भावना नहीं है। उन्होंने बताया, "मौसम की मार के कारण लीची के उत्पादन में वृद्घि होने के अनुमान नहीं के बराबर हैं। 35 डिग्री सेल्सियस लीची के लिए आदर्श तापमान माना जाता है, लेकिन इस वर्ष गर्मी की शुरुआत से ही अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है।"

उन्होंने बताया, "अब भी अगर छोटे-छोटे अंतराल पर एक-दो बारिश हो जाए तो पैदावार की स्थिति में सुधार आ सकता है।"



नाथ ने बताया कि राज्य में शाही, चाइना, लौंगिया, बेखना सहित कई प्रकार की लीची का उत्पादन किया जाता है, लेकिन शाही और चाइना लीची का उत्पादन सर्वाधिक होता है। शाही और चाइना लीची में जितना रस होता है उतना रस अन्य लीची में नहीं होता।



मुजफ्फरपुर के लीची उत्पादक किसान अलखदेव ने बताया, "इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में लीची का उत्पादन कम होना तय है। लीची के फल आने के साथ ही तेज आंधी आ गई, जिस कारण फल गिर गए और बारिश नहीं होने के कारण भी फलों की गुणवत्ता प्रभावित हुई है।

'अन्याय के खिलाफ लड़ना है मां, मुझे घर मत ले जाओ'

गोहाना.रविवार दोपहर 2 बजकर 5 मिनट हुए हैं। विवि की छात्रा रितु को उसकी मां अपने साथ छात्रावास से घर ले जा रही है। उसके साथ-साथ चलती हुई रितु बार-बार अपनी मां से आग्रह कर रही है कि मम्मी प्लीज मुझे घर मत ले जाओ।

 

मुझे अन्याय के खिलाफ लड़ना है, लेकिन मां उसे कभी समझाते हुए तो कभी फटकारते हुए चुपचाप घर चलने की नसीहत दे रही हैं। न चाहते हुए मां के सामने मजबूर रितू आंदोलनकारियों साथियों को छोड़कर मां के साथ-साथ घर की ओर चल पड़ती है।



ठीक 15 मिनट के बाद 2 बजकर 20 मिनट पर एक व्यक्ति अपनी बेटी व उसके सामान के साथ विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से बाहर निकलता है। 2 बजकर 37 मिनट पर विवि के मुख्य द्वार से विवि की एक बस बाहर निकलती है। बस के अंदर से छात्राओं के चिल्लाने की आवाज आती है। वास्तव में इस बस में छात्राओं को बैठाकर गोहाना के बस अड्डे पर ले जाया जा रहा है।



आरोप है कि इन छात्राओं को निर्देश दिए गए हैं कि वापस न आकर अपने घरों को चली जाएं। तभी धरनास्थल पर बैठी हुई अनेकों छात्राएं दौड़ती हुई बस को सामने से घेर लेती हैं। विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारी व पुलिस कर्मी आनन-फानन में उस बस को वापस विश्वविद्यालय परिसर में ले जाते हैं। आंदोलनकारी छात्राएं दौड़ती हुई महिला विश्वविद्यालय के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के नजदीक वाले द्वार की ओर जाने का प्रयास करती हैं, लेकिन उसके वहां पहुंचने से पहले ही बस उस गेट से गोहाना की ओर रवाना हो जाती है।



दोपहर 3 बजे धरनास्थल पर बैठी हुई एक छात्रा अचानक बेहोश हो जाती है। उसकी सहेलियां उसके चेहरे पर पानी के छींटे डालती हैं। होश में आते हुए वह छात्रा रोने लगती है। रोते-रोते छात्रा के मुंह से सिर्फ यही शब्द निकलते हैं अब क्या होगा। लड़कियां घटती जा रही हैं.. कैसे चलेगा आंदोलन.. क्या हमेशा ऐसे ही जुल्म झेलने पड़ेंगे। और फिर से रोने लगती हैं।