सड़क पर दौड़ती मौत!
जालोर। शहर की सड़क पर सरपट दौड़ते भारी वाहन जानलेवा बन रहे हैं। सरपट दौड़ते भारी वाहनोे से बचने का जतन करते राहगीर और नियमों की धçज्जयां उड़ते देखती यातायात पुलिस। शहर की सड़कों पर कमोबेश ऎसे ही नजारे आम तौर पर देखने को मिल जाएंगे। बेलगाम रफ्तार पर लगाम कसने को लेकर ना तो यातायात पुलिस कोई असरदार कार्रवाई कर पा रही है और ना ही इसको लेकर प्रशासन सजग है। जिससे सड़कों पर सरपट दौड़ते भारी वाहन जान के दुश्मन बन रहे हैं।
इसके बावजूद यातायात पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शहर में बढ़ते यातायात दबाव के बावजूद यातायात पुलिस शहर में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई में शिथिलता बरत रही है। सामान्य चिकित्सालय के सामने सोमवार सवेरे क्रेन से हुआ हादसा यातायात पुलिस की इसी लापरवाही का नतीजा है।
स्पीड ब्रेकर का अभाव
शहर के मुख्य मार्गो पर स्पीड ब्रेकर भी नहीं है। कलक्ट्री से लेकर सूरज पोल तक सड़क पर हर समय भीड़ रहती है। कलक्टर, एसपी, एएसपी, एडीएम सहित कई अफसरों के बंगले भी इस रोड पर है। वहीं अस्पताल के आस-पास लोगों की भीड़ रहती है। ऎसे में इस रोड पर स्पीड ब्रेकर होना चाहिए। जिससे वाहनों की स्पीड पर लगाम लग सकती है।
लील जाती कई जिन्दगियां
तेज रफ्तार से आ रही क्रेन ने महिला को चपेट में लेते हुए जीप को टक्कर मारी। जिससे क्रेन का संतुलन बिगड़ गया और क्रेन डिवायडर पर चढ़कर रूक गई। सदैव भीड़ भाड़ से घिरे रहने वाले हॉस्पिटल चौराहा पर बसों की आवाजाही के दौरान लोगों की भीड़ रहती है। ऎसे में बड़ा हादसा हो सकता था। गनीमत रही कि के्रन के पहिए डिवायडर पर थम गए।
मूकदर्शक ट्रेफिक पुलिस
शहर के बाहरी नाकों पर ट्रेफिक पुलिस के जवान खड़े रहते हैं। पुलिसकर्मियों के सामने से होकर भारी वाहन शहर में प्रवेश करते हैं। इसके बावजूद ट्रेफिक पुलिस भारी वाहनों को रोकने की जहमत नहीं उठाती है। ऎसे में आए दिन हादसे हो रहे हैं।
भीनमाल रोड से होकर आई क्रेन भी बाइपास पर खड़े ट्रेफिक पुलिस के जवानों के पास से होकर निकली, लेकिन पुलिस ने वाहन को रोकने की पहल नहीं की। अगर पुलिस क्रेन को शहर में नहीं घुसने देती तो यह हादसा नहीं होता।
जालोर। शहर की सड़क पर सरपट दौड़ते भारी वाहन जानलेवा बन रहे हैं। सरपट दौड़ते भारी वाहनोे से बचने का जतन करते राहगीर और नियमों की धçज्जयां उड़ते देखती यातायात पुलिस। शहर की सड़कों पर कमोबेश ऎसे ही नजारे आम तौर पर देखने को मिल जाएंगे। बेलगाम रफ्तार पर लगाम कसने को लेकर ना तो यातायात पुलिस कोई असरदार कार्रवाई कर पा रही है और ना ही इसको लेकर प्रशासन सजग है। जिससे सड़कों पर सरपट दौड़ते भारी वाहन जान के दुश्मन बन रहे हैं।
इसके बावजूद यातायात पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शहर में बढ़ते यातायात दबाव के बावजूद यातायात पुलिस शहर में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई में शिथिलता बरत रही है। सामान्य चिकित्सालय के सामने सोमवार सवेरे क्रेन से हुआ हादसा यातायात पुलिस की इसी लापरवाही का नतीजा है।
स्पीड ब्रेकर का अभाव
शहर के मुख्य मार्गो पर स्पीड ब्रेकर भी नहीं है। कलक्ट्री से लेकर सूरज पोल तक सड़क पर हर समय भीड़ रहती है। कलक्टर, एसपी, एएसपी, एडीएम सहित कई अफसरों के बंगले भी इस रोड पर है। वहीं अस्पताल के आस-पास लोगों की भीड़ रहती है। ऎसे में इस रोड पर स्पीड ब्रेकर होना चाहिए। जिससे वाहनों की स्पीड पर लगाम लग सकती है।
लील जाती कई जिन्दगियां
तेज रफ्तार से आ रही क्रेन ने महिला को चपेट में लेते हुए जीप को टक्कर मारी। जिससे क्रेन का संतुलन बिगड़ गया और क्रेन डिवायडर पर चढ़कर रूक गई। सदैव भीड़ भाड़ से घिरे रहने वाले हॉस्पिटल चौराहा पर बसों की आवाजाही के दौरान लोगों की भीड़ रहती है। ऎसे में बड़ा हादसा हो सकता था। गनीमत रही कि के्रन के पहिए डिवायडर पर थम गए।
मूकदर्शक ट्रेफिक पुलिस
शहर के बाहरी नाकों पर ट्रेफिक पुलिस के जवान खड़े रहते हैं। पुलिसकर्मियों के सामने से होकर भारी वाहन शहर में प्रवेश करते हैं। इसके बावजूद ट्रेफिक पुलिस भारी वाहनों को रोकने की जहमत नहीं उठाती है। ऎसे में आए दिन हादसे हो रहे हैं।
भीनमाल रोड से होकर आई क्रेन भी बाइपास पर खड़े ट्रेफिक पुलिस के जवानों के पास से होकर निकली, लेकिन पुलिस ने वाहन को रोकने की पहल नहीं की। अगर पुलिस क्रेन को शहर में नहीं घुसने देती तो यह हादसा नहीं होता।
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