बहाने नहीं, समस्याओं का समाधान चाहिए : त्यागी
कलेक्टर ने अधिकारियों को लगाई फटकार
जैसलमेर कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कलेक्टर शुचि त्यागी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विभागों में परस्पर समन्वय रखते हुए लोक समस्याओं के निराकरण के लिए त्वरित कार्रवाई करें। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपतलाल, उपखण्ड अधिकारी रमेशचन्द्र जैन्थ एवं अशोक चौधरी, उपनिवेशन उपायुक्त रामावतार मीणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी जिला प्रशासन को अनुपालना रिपोर्ट निर्धारित समय पर भिजवाएं तथा इसमें हर समस्या के समाधान के लिए जल्द कार्रवाई करने जैसी बातें लिखकर टालमटोल भरा जवाब नहीं लिखें, बल्कि हर समस्या के समाधान के लिए निर्धारित तिथि बताएं और उस समय सीमा तक अनिवार्य रूप से समस्या का हल कर जिला प्रशासन को अवगत कराएं।
एक बार दिए निर्देश की हमेशा पालना हो
कलेक्टर ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे जिला प्रशासन को जो रिपोर्ट भेजें उसमें ग्राम्य/ब्लॉक स्तर पर होने वाली गतिविधियों व उपलब्धियों का समावेश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैठकों में एक बार जो निर्देश दिए जाते हैं उस पर अमल होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर संबंधितों को बख्शा नहीं जाएगा।
कलेक्टर ने अधिकारियों को लगाई फटकार
जैसलमेर कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कलेक्टर शुचि त्यागी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विभागों में परस्पर समन्वय रखते हुए लोक समस्याओं के निराकरण के लिए त्वरित कार्रवाई करें। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर परशुराम धानका, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपतलाल, उपखण्ड अधिकारी रमेशचन्द्र जैन्थ एवं अशोक चौधरी, उपनिवेशन उपायुक्त रामावतार मीणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी जिला प्रशासन को अनुपालना रिपोर्ट निर्धारित समय पर भिजवाएं तथा इसमें हर समस्या के समाधान के लिए जल्द कार्रवाई करने जैसी बातें लिखकर टालमटोल भरा जवाब नहीं लिखें, बल्कि हर समस्या के समाधान के लिए निर्धारित तिथि बताएं और उस समय सीमा तक अनिवार्य रूप से समस्या का हल कर जिला प्रशासन को अवगत कराएं।
एक बार दिए निर्देश की हमेशा पालना हो
कलेक्टर ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे जिला प्रशासन को जो रिपोर्ट भेजें उसमें ग्राम्य/ब्लॉक स्तर पर होने वाली गतिविधियों व उपलब्धियों का समावेश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैठकों में एक बार जो निर्देश दिए जाते हैं उस पर अमल होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर संबंधितों को बख्शा नहीं जाएगा।
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