योजनाओं के बावजूद गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल रहा फायदा
जालोर मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाएं कितनी ही कारगर क्यों न हो, लेकिन उन योजनाओं का फायदा आज भी जिले की गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है। जिला अस्पताल में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। राजकीय अस्पताल में जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं से सोनोग्राफी जांच के बदले में शुल्क वसूला जा रहा है, जबकि मुख्यमंत्री की ओर से शुरू किए गए जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत नौ माह तक की गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी जांच राजकीय अस्पताल में मुफ्त में किए जाने का प्रावधान है। राजकीय अस्पताल में चिकित्सक से परामर्श के बाद जांच के लिए पहुंचने वाली महिलाओं से काउंटर पर सोनोग्राफी जांच के लिए (एमआरएस) मेडिकल रिलीफ सोसायटी के नाम पर दो सौ रुपए का शुल्क लिया जा रहा है। खास बात तो यह है कि इस बारे में चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना है कि अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क लेने का प्रावधान ही नहीं है।
सिफारिश पर नहीं लेते शुल्क
गौरतलब है कि जिला अस्पताल में सोनोग्राफी जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं में अगर किसी ने सिफारिश लगा रखी है, उससे यह शुल्क नहीं लिया जाता। वहीं बिना रसूखात के आने वाली प्रसूताओं से मेडिकल रिलीफ सोसायटी के नाम पर यह शुल्क बेहिचक लिया जा रहा है। हालांकि अस्पताल में भर्ती प्रसूताओं को यह सेवा निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन नियमानुसार जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं से भी शुल्क लेना गलत है।
अब तक नहीं दिया कोई बिल
इधर, एनआरएचएम के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर से इस संबंध में बात करने पर बताया गया कि पीएमओ कार्यालय से ऐसी गर्भवती महिलाओं की जांच को लेकर अभी तक कोई बिल पेश ही नहीं किया गया है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि अब तक अस्पताल में आने वाली जितनी भी गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी जांच की गई, उनसे राशि वसूली गई है जो नियम विरुद्ध है।
नहीं ले सकते शुल्क
मुख्यमंत्री की योजना के तहत राजकीय अस्पताल में सोनोग्राफी जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा सकता। अगर ऐसा हो रहा है तो यह गलत है। वैसे इसके लिए पीएमओ कार्यालय से निर्धारित शुल्क का बिल बनाकर हमें पेश किया जाता, जिसके बाद हमारी ओर से इस राशि का भुगतान किया जाता है। हमारे पास फिलहाल पीएमओ कार्यालय से ऐसा कोई बिल पेश नहीं किया गया है। चरणसिंह, डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर, एनआरएचएम, जालोर
पूरे समय में छूट
राजकीय अस्पताल में फुल टाइम प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली महिलाओं से सोनोग्राफी जांच का शुल्क नहीं लिया जाता है। इसके अलावा सामान्य तौर पर जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं से इस प्रकार का शुल्क लिया जा सकता है। वैसे हमारी ओर से गर्भवती महिलाओं की जांच से संबंधित किसी भी प्रकार का बिल बनाकर नहीं भिजवाया गया है। - डॉ. पी.आर. चुंडावत, पीएमओ, राजकीय अस्पताल, जालोर
यह है नियम
नियमों की बात करें तो जिला अस्पताल में आने वाली नौ माह तक की गर्भवती महिला की रक्त, पेशाब व सोनोग्राफी जांच के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा सकता। इसके लिए मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं। वहीं डॉक्टर जितनी बार गर्भवती महिला की सोनोग्राफी जांच के लिए लिखेंगे, उतनी ही बार राजकीय अस्पताल में उसकी निशुल्क जांच की जाएगी। जहां तक सोनोग्राफी शुल्क की बात है तो इसके लिए एनआरएचएम के तहत पीएमओ कार्यालय को एडवांस में राशि का आवंटन किया जाता है। जांच के लिए निर्धारित शुल्क का बिल बनाकर पीएमओ कार्यालय से एनआरएचएम को भिजवाया जाता है और इसके बाद एनआरएचएम द्वारा इस राशि का भुगतान किया जाता है। जबकि सामान्य महिला या अन्य किसी भी व्यक्ति की सोनोग्राफी जांच के लिए यह शुल्क लिया जा सकता है।