दावा चार दिन का, सप्लाई सात दिन में
गर्मी बढऩे के साथ गहराया पेयजल संकट,शहरी जरूरत के लिए तय मापदंड से 47 प्रतिशत कम मिल रहा है पानी
बाड़मेर.शहर में लोगों को तय मापदंडों से रोजाना 47 फीसदी कम पानी मिल रहा है। जरूरत के हिसाब से नियमानुसार हर व्यक्ति को रोजाना 150 लीटर पानी मिलना चाहिए, लेकिन शहर में प्रति व्यक्ति करीब 80 लीटर पानी ही उपलब्ध हो रहा है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है पानी की सप्लाई में और कमी होती जा रही है। जबकि मांग बढ़ती जा रही है। जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिलने से लोगों में रोष बढऩे लगा है।
जरूरत के हिसाब से आधे पानी की सप्लाई: शहर में इस समय 1 लाख किलो लीटर पानी की मांग के मुकाबले 75 हजार किलो लीटर पानी ही सप्लाई हो रहा है। इसमें से भी 10 हजार लीटर से ज्यादा पानी लीकेज व छीजत में खर्च हो जाता है। ऐसे में आम उपभोक्ताओं तक केवल 65 हजार किलो लीटर तक पानी ही पहुंच पाता है। पाइप लाइन के अंतिम छोर के घरों में केवल 50 लीटर पानी ही प्रति व्यक्ति पहुंच पाता है। बहरहाल लोगों को पानी का बिल चुकाने के साथ ही टैंकर से पानी लेने पर भी हर माह 1000 रुपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं।
सप्ताह में एक बार भी पानी मिलना मुश्किल: शहर के इंद्रा कॉलोनी, इंद्रा नगर, नेहरू नगर, मोहनजी का क्रेशर, शास्त्री नगर, गांधी नगर, बलदेव नगर, लक्ष्मी नगर, रॉय कॉलोनी समेत विभिन्न कॉलोनियों में गर्मी की दस्तक के साथ पेयजल संकट खड़ा हो गया है। यहां पर जलदाय विभाग हर चौथे दिन जलापूर्ति का दावा कर रहा है। जबकि हकीकत यह है कि यहां पर सप्ताह में मुश्किल से एक बार सप्लाई हो रही है वह भी कम प्रेशर के चलते पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पा रहा है।
24 साल में नई भर्ती नहीं
जलदाय विभाग में गत 24 वर्षों से खाली पड़े पदों पर भर्ती नहीं होने से विभाग की कई योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। गर्मी के मौसम में पेयजल संकट से निपटने के लिए मौजूदा कर्मचारियों को अभी से पसीना छूट रहा है। जिले भर में स्वीकृत पदों में पचास फीसदी पद खाली पड़े हैं। राज्य सरकार की ओर से जलदाय विभाग में वर्ष 1987 के बाद से नए पदों के लिए कोई भर्ती नहीं निकाली गई। ऐसे में आधे कर्मचारी तो रिटायर्ड होकर चले गए हैं तो कुछ का ट्रांसफर हो गया है।
जनता की जुबानी
वार्ड न. 15 मोहनजी का क्रेशर में स्थित एक हैंडपंप पिछले पंद्रह दिन से खराब पड़ा है। पूरे मोहल्ले में पानी का संकट खड़ा हो गया है। महिलाएं एक किलोमीटर चौहटन चौराहे पर स्थित हैंडपंप से पानी लाने को मजबूर हैं। इस बारे में जलदाय विभाग के अधिकारियों से कई बार शिकायत के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
-अनवर सिंह सोढा निवासी मोहनजी का क्रेशर
॥नेहरू नगर वार्ड नं. 19 में लंबे समय से जलापूर्ति बाधित है। विकास कार्यों के चलते जगह जगह सड़कें तोड़ देने से बार-बार पाइप लाइन टूटने से जलापूर्ति बाधित हो रही है। मोहल्ले में पेयजल समस्या के चलते लोगों को टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं।
-पूनमाराम डूडी निवासी नेहरू नगर।
॥मोहल्ले में सप्ताह में मुश्किल से एक बार ही जलापूर्ति की जा रही है। अनियमित जलापूर्ति के चलते लोगों को प्यास बुझाने के लिए पानी के टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं।
-बलवीर माली, पार्षद वार्ड न. 31
॥शहर में नियमित जलापूर्ति के प्रयास किए जा रहे हैं। जिन मोहल्लों में पेयजल की समस्या विकट है, वहां पर टैंकरों से पानी पहुंचाया जाएगा। इसके लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं।
-बी.एल. जाटोल, अधिशासी अभियंता शहर।
गर्मी बढऩे के साथ गहराया पेयजल संकट,शहरी जरूरत के लिए तय मापदंड से 47 प्रतिशत कम मिल रहा है पानी
बाड़मेर.शहर में लोगों को तय मापदंडों से रोजाना 47 फीसदी कम पानी मिल रहा है। जरूरत के हिसाब से नियमानुसार हर व्यक्ति को रोजाना 150 लीटर पानी मिलना चाहिए, लेकिन शहर में प्रति व्यक्ति करीब 80 लीटर पानी ही उपलब्ध हो रहा है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है पानी की सप्लाई में और कमी होती जा रही है। जबकि मांग बढ़ती जा रही है। जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिलने से लोगों में रोष बढऩे लगा है।
जरूरत के हिसाब से आधे पानी की सप्लाई: शहर में इस समय 1 लाख किलो लीटर पानी की मांग के मुकाबले 75 हजार किलो लीटर पानी ही सप्लाई हो रहा है। इसमें से भी 10 हजार लीटर से ज्यादा पानी लीकेज व छीजत में खर्च हो जाता है। ऐसे में आम उपभोक्ताओं तक केवल 65 हजार किलो लीटर तक पानी ही पहुंच पाता है। पाइप लाइन के अंतिम छोर के घरों में केवल 50 लीटर पानी ही प्रति व्यक्ति पहुंच पाता है। बहरहाल लोगों को पानी का बिल चुकाने के साथ ही टैंकर से पानी लेने पर भी हर माह 1000 रुपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं।
सप्ताह में एक बार भी पानी मिलना मुश्किल: शहर के इंद्रा कॉलोनी, इंद्रा नगर, नेहरू नगर, मोहनजी का क्रेशर, शास्त्री नगर, गांधी नगर, बलदेव नगर, लक्ष्मी नगर, रॉय कॉलोनी समेत विभिन्न कॉलोनियों में गर्मी की दस्तक के साथ पेयजल संकट खड़ा हो गया है। यहां पर जलदाय विभाग हर चौथे दिन जलापूर्ति का दावा कर रहा है। जबकि हकीकत यह है कि यहां पर सप्ताह में मुश्किल से एक बार सप्लाई हो रही है वह भी कम प्रेशर के चलते पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पा रहा है।
24 साल में नई भर्ती नहीं
जलदाय विभाग में गत 24 वर्षों से खाली पड़े पदों पर भर्ती नहीं होने से विभाग की कई योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। गर्मी के मौसम में पेयजल संकट से निपटने के लिए मौजूदा कर्मचारियों को अभी से पसीना छूट रहा है। जिले भर में स्वीकृत पदों में पचास फीसदी पद खाली पड़े हैं। राज्य सरकार की ओर से जलदाय विभाग में वर्ष 1987 के बाद से नए पदों के लिए कोई भर्ती नहीं निकाली गई। ऐसे में आधे कर्मचारी तो रिटायर्ड होकर चले गए हैं तो कुछ का ट्रांसफर हो गया है।
जनता की जुबानी
वार्ड न. 15 मोहनजी का क्रेशर में स्थित एक हैंडपंप पिछले पंद्रह दिन से खराब पड़ा है। पूरे मोहल्ले में पानी का संकट खड़ा हो गया है। महिलाएं एक किलोमीटर चौहटन चौराहे पर स्थित हैंडपंप से पानी लाने को मजबूर हैं। इस बारे में जलदाय विभाग के अधिकारियों से कई बार शिकायत के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
-अनवर सिंह सोढा निवासी मोहनजी का क्रेशर
॥नेहरू नगर वार्ड नं. 19 में लंबे समय से जलापूर्ति बाधित है। विकास कार्यों के चलते जगह जगह सड़कें तोड़ देने से बार-बार पाइप लाइन टूटने से जलापूर्ति बाधित हो रही है। मोहल्ले में पेयजल समस्या के चलते लोगों को टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं।
-पूनमाराम डूडी निवासी नेहरू नगर।
॥मोहल्ले में सप्ताह में मुश्किल से एक बार ही जलापूर्ति की जा रही है। अनियमित जलापूर्ति के चलते लोगों को प्यास बुझाने के लिए पानी के टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं।
-बलवीर माली, पार्षद वार्ड न. 31
॥शहर में नियमित जलापूर्ति के प्रयास किए जा रहे हैं। जिन मोहल्लों में पेयजल की समस्या विकट है, वहां पर टैंकरों से पानी पहुंचाया जाएगा। इसके लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं।
-बी.एल. जाटोल, अधिशासी अभियंता शहर।
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