परीक्षण पर रहेगी सेंसर की नजर |
डेटा सेंसर से नहीं बच पाएंगे जांच करने वाले, जांच करते ही सुरक्षित हो जाएगा रिकॉर्ड |
हर सोनोग्राफी सेंटर पर एक मैन्युअल फार्म भरना भी जरूरी: जानकारी के अनुसार सभी सोनोग्राफी सेंटरों के लिए फार्म 'एफ' पत्र को नियमित रूप से भरने के आदेश दिए है। जिसमें डॉक्टर के द्वारा सोनोग्राफी करने का मेडिकल कारण, सोनोग्राफी करने की तिथि और जांचों को भरना अनिवार्य होगा। इस फार्म के मदद से सी ऑनलाइन रिकार्ड को संधारित किया जाएगा। जिसकी रिपोर्टिंग स्वास्थ्य निदेशालय में की जाएगी और माह की 5 तारीख को स्वास्थ्य विभाग को भिजवाना अनिवार्य होता है।
वेबसाइट पर कर सकते हैं शिकायत
राजस्थान सरकार द्वारा बेटियों को बचाने के लिए वेबसाइट की शुरूआत की गई है। जिसमें लिंग परीक्षण करने वाले सोनोग्राफी सेंटर, डॉक्टरों के खिलाफ वेबसाइट के माध्यम से शिकायत की जा सकती है। इसके लिए www.hamaribeti.nic.in पर जाकर कोई भी व्यक्ति सीधे स्टेट सेल को शिकायत कर सकता है।
यह होगा फायदा
हर जांच का रिकार्ड सेंसर के जरिए मशीन में स्वत: ही फीड होता रहेगा। मशीन के रिकार्ड से छेड़छाड़ करना असंभव होगा। डेटा रखने की असीमित क्षमता होगी, जिसमें कई सालों के डेटा को स्टोर किया जा सकेगा।
ऑनलाइन प्रक्रिया से जुडऩे के बाद प्रतिदिन की जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारी कहीं भी देख सकेंगे।
फार्म भरने के लिए किया पाबंद
॥सोनोग्राफी सेंटरों में डाटा सेंसर लगाने के लिए जयपुर निदेशालय में कार्यशाला आयोजित की गई थी। जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। सरकार बेटी को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। इस नई तकनीक आने के बाद सभी सेंटरों को फार्म एफ भरने के लिए पाबंद किया गया है। यह अच्छी पहल है। ञ्जञ्ज
डॉ. अजमल हुसैन
सीएमएचओ बाड़मेर
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