नई दिल्ली. कृपा का कारोबार करने का आरोप झेल रहे निर्मल बाबा की मुसीबत बढ़ सकती है। उन्होंने शुक्रवार को'आज तक' को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि उनका सालाना टर्न ओवर 235-240 करोड़ रुपये का है और वह पूरी रकम पर इनकम टैक्स देते हैं। लेकिन शनिवार को 'प्रभात खबर' ने उनके खातों से जुड़ी जो जानकारी सार्वजनिक की है, उससे बाबा की बात पूरी तरह सच नहीं लगती। इसके मुताबिक निर्मल बाबा के दो खाते हैं। एक निर्मल दरबार के नाम से (जिसका नंबर टीवी पर चलता रहता है) और दूसरा निर्मलजीत सिंह नरूला के नाम से। इस खाते का नंबर है 1546000102129694। यह खाता नंबर टीवी पर नहीं दिखाया जाता। इस खाते में चार जनवरी 2012 से 13 अप्रैल 2012 के बीच 123 करोड़ (कुल 1,23,02,43,974) रुपये जमा हुए। इस राशि में से 105.56 करोड़ की निकासी भी हुई। 13 अप्रैल को इस खाते में 17.47 करोड़ रुपए बचे थे।
निर्मल बाबा को विभिन्न प्रकार के जमा पर 13 मई 2011 से 31 मार्च 2012 तक के बीच ब्याज के रुप में 85.77 लाख रुपये मिले। बाबा की कमाई पर अब इनकम टैक्स विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की भी नजर है। संभव है, जल्द ही बाबा को इनके सामने सफाई भी देनी पड़े। आयकर विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, फाइनांशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआइयू) इस बात पर नजर रखे हुए है कि निर्मल बाबा कितना कमाते हैं और कहां खर्च करते हैं।बाबा ने 25 करोड़ की एफडी भी करा रखी है।
इस बीच ऐसा भी लग रहा है कि बाबा पर भक्तों की 'कृपा' घट गई है। 'प्रभात खबर' की रिपोर्ट के मुताबिक निर्मल दरबार के नाम से आईसीआईसीआई बैंक में खुले खाते (संख्या 002-905-010-576) में शुक्रवार को सिर्फ 34 लाख रुपये जमा किये गये। पहले इस खाते में प्रतिदिन औसतन एक करोड़ रुपये जमा किये जा रहे थे। पहले औसतन चार से साढ़े चार हजार लोग प्रतिदिन निर्मल बाबा के खाते में राशि जमा कर रहे थे, लेकिन शुक्रवार शाम पांच बजे तक देश भर के 1800 लोगों ने ही बाबा के आईसीआईसीआई बैंक खाते में राशि जमा की थी। यानी 40 फीसदी कम। बाबा को लेकर लोगों में संदेह बढ़ने की बात इंटरनेट सर्च ट्रेंड से भी साबित हो रही है। लोग बड़ी संख्या में गूगल पर निर्मल बाबा फ्रॉड की वर्ड डाल कर सर्च कर रहे हैं।
बाबा पुलिस और अदालत के शिकंजे में भी फंस सकते हैं। उनके खिलाफ चार शहरों में शिकायतें दर्ज हो गई हैं और लोग सड़कों पर भी उतर रहे हैं। नागपुर में अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने निर्मल बाबा के विरोध में प्रदर्शन किया। कार्याध्यक्ष उमेश चौबे व महासचिव हरीश देशमुख के नेतृत्व में मोर्चा निकाला गया। केंद्र सरकार से मांग की गई कि निर्मल बाबा के विरुद्ध धोखाधड़ी का प्रकरण चलाए। प्रदर्शन में फिरा के उपाध्यक्ष व तर्कशील संस्था पंजाब के अध्यक्ष बलविंदर बरनाला के अलावा अन्य कार्यकर्ता शामिल थे। समिति बाबा को अपनी चमत्कारिक शक्ति दिखाने की चुनौती भी दे चुका है।
निर्मल बाबा को विभिन्न प्रकार के जमा पर 13 मई 2011 से 31 मार्च 2012 तक के बीच ब्याज के रुप में 85.77 लाख रुपये मिले। बाबा की कमाई पर अब इनकम टैक्स विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की भी नजर है। संभव है, जल्द ही बाबा को इनके सामने सफाई भी देनी पड़े। आयकर विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, फाइनांशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआइयू) इस बात पर नजर रखे हुए है कि निर्मल बाबा कितना कमाते हैं और कहां खर्च करते हैं।बाबा ने 25 करोड़ की एफडी भी करा रखी है।
इस बीच ऐसा भी लग रहा है कि बाबा पर भक्तों की 'कृपा' घट गई है। 'प्रभात खबर' की रिपोर्ट के मुताबिक निर्मल दरबार के नाम से आईसीआईसीआई बैंक में खुले खाते (संख्या 002-905-010-576) में शुक्रवार को सिर्फ 34 लाख रुपये जमा किये गये। पहले इस खाते में प्रतिदिन औसतन एक करोड़ रुपये जमा किये जा रहे थे। पहले औसतन चार से साढ़े चार हजार लोग प्रतिदिन निर्मल बाबा के खाते में राशि जमा कर रहे थे, लेकिन शुक्रवार शाम पांच बजे तक देश भर के 1800 लोगों ने ही बाबा के आईसीआईसीआई बैंक खाते में राशि जमा की थी। यानी 40 फीसदी कम। बाबा को लेकर लोगों में संदेह बढ़ने की बात इंटरनेट सर्च ट्रेंड से भी साबित हो रही है। लोग बड़ी संख्या में गूगल पर निर्मल बाबा फ्रॉड की वर्ड डाल कर सर्च कर रहे हैं।
बाबा पुलिस और अदालत के शिकंजे में भी फंस सकते हैं। उनके खिलाफ चार शहरों में शिकायतें दर्ज हो गई हैं और लोग सड़कों पर भी उतर रहे हैं। नागपुर में अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने निर्मल बाबा के विरोध में प्रदर्शन किया। कार्याध्यक्ष उमेश चौबे व महासचिव हरीश देशमुख के नेतृत्व में मोर्चा निकाला गया। केंद्र सरकार से मांग की गई कि निर्मल बाबा के विरुद्ध धोखाधड़ी का प्रकरण चलाए। प्रदर्शन में फिरा के उपाध्यक्ष व तर्कशील संस्था पंजाब के अध्यक्ष बलविंदर बरनाला के अलावा अन्य कार्यकर्ता शामिल थे। समिति बाबा को अपनी चमत्कारिक शक्ति दिखाने की चुनौती भी दे चुका है।