गुरुवार, 1 दिसंबर 2011

यूनान में होगा राजस्थानी फिल्म 'भोभर' का वर्ल्ड प्रीमियर

जयपुर.राजस्थानी फिल्म भोभर का वर्ल्ड प्रीमियर छह दिसंबर को यूनान के कोरिन्‍थ शहर में होगा। फिल्‍म वहां दूसरे कोरि‍न्थियन फिल्‍म फेस्टिवल में दिखाई जाएगी। इसी तरह दिसंबर के पहले सप्ताह में ही बेंगलुरु में होने वाले चौथे स्टेपिंग स्टोन इंटरनेशनल फिल्‍म फेस्टिवल में भी भोभर की स्क्रीनिंग होगी।
इस तरह दक्षिण भारत और भारत के बाहर दिखाए जाने के मामले में भोभर राजस्थानी में बनी पहली फिल्‍म हो गई है। फिल्‍म के निर्देशक गजेंद्र श्रोत्रिय कहते हैं कि यह हमारा ही नहीं, पूरे राजस्‍थान और राजस्थानी सिनेमा का सम्‍मान है और हमें इस पर गर्व है।


गौरतलब है कि राजस्थानी में बनी यह पहली फिल्‍म है, जो अपनी हर स्क्रीनिंग में दर्शकों की सकारात्मक प्रति क्रियाओं के साथ ही अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर भी पहचान अर्जित कर रही है। इससे पहले फिल्‍म हरियाणा इंटरनेशनल फिल्‍म फेस्टिवल, यमुनानगर, जयपुर इंटरनेशनल फिल्‍म फेस्टिवल और जयपुर में ही हाल ही हुए राजस्थानी फिल्‍म फेस्टिवल में अपने प्रदर्शन के लिए लोकप्रियता अर्जित कर चुकी है।

गजेंद्र श्रोत्रिय ने बताया कि फिल्‍म आम लोगों के लिए फरवरी माह में राजस्‍थान के थियेटर्स में रिलीज की जाएगी। उन्‍होंने बताया कि बेंगलुरु में छह से तेरह दिसंबर तक होने वाले स्टेपिंग स्टोन फिल्‍म फेस्टिवल में दिखाई जानी वाली कुछ 19 फीचर फिल्मों में भारत से दिखाए जाने वाली एकमात्र भोभर ही है। इसी प्रकार यूनान के ऐतिहासिक शहर कोरिन्‍थ में भारत का प्रतिनिधित्‍व करने वाली फिल्‍म भोभर ही है। इसका प्रदर्शन छह दिसंबर को होगा।

श्रोत्रिय के मुताबिक भोभर राजस्थानी सिनेमा के लिए एक नया अध्याय लिख रही है और इसके लिए राजस्थानी भाषा और हमारे लोगों का मैं शुक्रगुजार हूं। दिवंगत संगीतकार दान सिंह की आखिरी कंपोजिशन दर्शकों को ‘भोभर में मिलेगी।

फिल्‍म की कहानी और गीत रामकुमार सिंह ने लिखे हैं। राजीव थानवी और जय नारायण त्रिपाठी की धुनें भी फिल्‍म का हिस्‍सा हैं। फिल्म समीक्षकों की ओर से उसे राजस्थानी भाषा की नई धारा की फिल्म माना जा रहा है। फिल्‍म में लगभग सभी कलाकार राजस्‍थान के ही हैं और रंगमंच और सिनेमा में काम करते रहे हैं।

मुख्य भूमिका में अमित सक्सेना, उत्‍तरांशी और विकास पारीक हैं, वहीं रंगमंच के वरिष्‍ठ कलाकार बॉलीवुड व हॉलीवुड की कई फिल्मों में काम कर चुके सत्‍यनारायण पुरोहित, हरिनारायण और वासुदेव भट्ट ने भी अभिनय किया है।

बाडमेर....आज की ताजा खबर ... 01 दिसम्बर


परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत लक्ष्य अर्जित करने के निर्दो 




बाडमेर, 01 दिसम्बर। जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने परिवार कल्याण के तहत जिले को आवंटित लक्ष्यों के विरूद्ध भात प्रतित उपलब्धि अर्जित करने के निर्दो दिए है। वह गुरूवार को जिले के विभिन्न विभागों को आवंटित लक्ष्यों एवं उसके विरूद्ध अर्जित उपलब्धियों के संबंध में कार्ययोजना पर चर्चा कर रही थी। 
इस अवसर पर डॉ. प्रधान ने कहा कि परिवार कल्याण कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण राश्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसमें सभी की भागीदारी आवयक है। उन्होने कहा कि प्रत्येक कार्यालय में एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर उसके टेलीफोन नम्बर की सूचना भिजवाई जाए। उन्होने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को प्रति भाुक्रवार परिवार कल्याण कार्यक्रम की प्रगति की सूचना प्राप्त करने के निर्दो दिए ताकि साप्ताहिक बैठक में प्रगति की समीक्षा की जा सकें। 
डॉ. प्रधान ने बताया कि एक दिसम्बर 2011 से 31 मार्च 2012 तक जो भी पुरूश या महिला नसबंदी करवाएंगे उन्हें एक कूपन दिया जाएगा। इस कूपन के जरिए अपे्रल 2012 में लॉटरी निकाली जाएगी। प्रत्येक ब्लॉक पर निकलने वाली इन लॉटरी में प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा। प्रथम आने वाले को मोटरसाइकिल, द्वितीय रहने वाले को फ्रीज एवं तृतीय स्थान पर रहने वाले पांच लोगों को सिलाई माीन दी जाएगी। इसके अलावा प्रेरकों को भी सम्मानित किया जाएगा। सबसे ज्यादा नसबंदी केस लाने वाले कर्मी को जिला स्तर पर सम्मानित करते हुए उसे 21000 रूपए की नगद राि दी जाएगी। साथ ही 50 से अधिक केस लाने वाले प्रेरकों को 1111 हजार रूपए की नगद राि से पुरस्कृत किया जाएगा। वहीं जो भामााह या गैर सरकारी संगठन नसबंदी करवाने में सहयोग करेंगे, उन्हें भी सम्मानित किया जाएगा। 
जिला कलेक्टर ने बताया कि सभी विभागों को परिवार कल्याण कार्यक्रम के लक्ष्य तथा जिले में दिसम्बर से मार्च तक आयोजित होने वाले नसबन्दी िविरों का कार्यक्रम भिजवा गया है, अतः सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ पूर्ण प्रयास कर आवंटित लक्ष्य अर्जित करेंगें। 
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित, उपखण्ड अधिकारी सी.आर. देवासी, श्रीमती विनिता सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। 
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राजस्व मंत्री चौधरी 4 तक जिले की यात्रा पर 


बाडमेर, 01 दिसम्बर। राजस्व, उपनिवोन एवं जल संसाधन मंत्री हेमाराम चौधरी 4 दिसम्बर तक जिले की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वे विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। 
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राजस्व मंत्री चौधरी 2 तथा 3 दिसम्बर को विधानसभा क्षेत्र एवं बाडमेर जिले का दौरा कर लोगों के अभाव अभियोग सुनेंगे तथा स्थानीय कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। वे 4 दिसम्बर को सायं 5 बजे बाडमेर से जोधपुर के लिए प्रस्थान कर जाएगें। 
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मोहर्रम पर साम्प्रदायिक  सदभाव की अपील 


बाडमेर, 01 दिसम्बर। जिले में 6 दिसम्बर को मोहर्रम पर्व भांति पूर्वक मनाये जाने के सम्बन्ध में गुरूवार को जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। 
इस अवसर पर डॉ. प्रधान ने संबंधित अधिकारियों को मोहर्रम के दौरान ताजियों के जुलूस के गुजरने वाले मार्गो पर साफ सफाई करने, पत्थर व मलवा आदि हटाने तथा रास्ते मे पेडों की टहनियों, बिजली, टेलीफोन तथा केबल के तारों को ठीक करवाने के निर्दो दिए। इसी प्रकार आवारा पाुओं को रोकने तथा मार्ग में पेयजल की व्यवस्था करने के निर्दो दिए गए। उन्होने कहा कि ताजियों के जुलूस के गुजरने के बाद बिजली एवं टेलीफोन आदि के तारों को यथाीध्र जोडा जाए ताकि लोगों को कठिनाई न हो। उन्होने मार्गो में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस जाब्ता तैनात करने को कहा। उन्होने इस दौरान जिले में सौहार्द पूर्ण वातावरण बनाने की अपील की। 
बैठक में पुलिस अधीक्षक सन्तोश चालके, अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित, कौमी एकता कमेटी के अध्यक्ष धनराज जोाी, सामाजिक कार्यकर्ता नजीर मोहम्मद सहित संबंधित विभागों के अधिकारी तथा समाजसेवी उपस्थित थे। 
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मोहर्रम के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त 
बाडमेर, 01 दिसम्बर । जिला मजिस्ट्रेट डॉ. वीणा प्रधान ने मोहर्रम/ताजिया के दौरान कानून एवं भांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए दण्ड प्रकि्रया संहिता की धारा 22 के तहत मजिस्ट्रेट नियुक्त किए है। 
आदोानुसार उपखण्ड मजिस्ट्रेट बाडमेर तथा तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट बाडमेर को बाडमेर भाहर में मोहर्रम निकलने के स्थान से करबला स्थल तक के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार उपखण्ड मजिस्ट्रेट बालोतरा को बालोतरा भाहर में मोहर्रम निकलने के स्थान से करबला स्थल तक, तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट पचपदरा को ग्राम पाटोदी में मोहर्रम निकलने के स्थान से करबला स्थल तक, उपखण्ड मजिस्ट्रेट बायतु को ग्राम बडनावा जागीर में मोहर्रम निकलने के स्थान से करबला स्थल तक, उपखण्ड मजिस्ट्रेट सिवाना को कस्बा सिवाना में मोहर्रम निकलने के स्थान से करबला स्थल तक तथा तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट सिवाना को कस्बा समदडी में मोहर्रम निकलने के स्थान से करबला स्थल तक के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। 
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अल्पसंख्यक मामलात मंत्री खान 8 को बाडमेर आएगें 


बाडमेर, 01 दिसम्बर। अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ राज्यमंत्री अमीन खां 8 दिसम्बर को बाडमेर आएगें। अपनी यात्रा के दौरान वे विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करेंगे। 
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अल्प संख्यक मामलात राज्यमंत्री खान 8 दिसम्बर को प्रातः 8.00 बजे राजकीय कार द्वारा जैसलमेर से प्रस्थान कर प्रातः 10.30 बजे बाडमेर पहुंचेगे। वे सर्किट हाउस में लोगों से जन सम्पर्क के बाद सायं 5.00 बजे देताणी के लिए प्रस्थान करेंगे तथा रात्रि विश्राम देताणी में करेंगे। 9 दिसम्बर को आरक्षित कार्यक्रम के पचात वे 10 दिसम्बर को प्रातः 11.00 बजे उपखण्ड मुख्यालय िव, 11 को उपखण्ड मुख्यालय रामसर तथा 12 दिसम्बर को राजस्व निरीक्षक मुख्यालय बिजराड में अधिकारियों की बैठक लेगें जिसमें विद्युत, पेयजल, प्रासन गांव के संग कार्यक्रम, इन्दिरा आवास एवं मुख्यमंत्री बीपीएल आवास, नि:ाुल्क दवा वितरण एवं जननी सुरक्षा योजना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, राजीव गांधी सेवा केन्द्रों की प्रगति, सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम सहित विभिन्न योजनाओं के सफल कि्रयान्वयन एवं प्रगति की समीक्षा करेंगे। 
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मोहर्रम के मद्देनजर निषेधाज्ञा जारी 
बाडमेर, 01 दिसम्बर । जिला मजिस्ट्रेट डॉ. वीणा प्रधान ने एक आदेश जारी कर मोहर्रम पर्व पर जिले में साम्प्रदायिक सदभाव तथा कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से दण्ड प्रकि्रया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी की है। उक्त आदेश 4 दिसम्बर को प्रातः 6.00 बजे से लागू होकर 8 दिसम्बर को रात्रि 10 बजे तक अथवा अन्य आदेश होने तक प्रभावी रहेगा। 
जिला मजिस्ट्रेट डॉ. प्रधान द्वारा जारी आदेश के अनुसार उक्त अवधि के दौरान जिले की सीमा मे कोई भी व्यक्ति अस्त्रशस्त्र, तेज धार वाले शस्त्र लेकर सार्वजनिक स्थानों पर विचरण नहीं कर सकेंगे तथा ना ही ऐसे अस्त्रशस्त्र का प्रदर्शन कर सकेंगे। लेकिन यह प्रतिबन्ध शस्त्र अनुज्ञा पत्र स्वीकृत अथवा नवीनीकरण संबंधी एवं थाने मे जमा कराने हेतु विचरण पर लागू नहीं होगा। सिख समुदाय के व्यक्तियों को धार्मिक परम्परा अनुसार नियमानुसार निर्धारित कृपाण रखने की छूट रहेगी। निषेधाज्ञा अवधि दौरान कोई भी व्यक्ति विस्फोटक पदार्थ लेकर नहीं चल सकेगा न ही इसका प्रयोग करेगा या प्रयोग करने के लिए प्रेरित करेगा। बाडमेर जिले के बाजारों एवं सडकों पर कोई व्यक्ति ऐसे कोई नारे बाजी नहीं करेंगे जिसके कारण किसी अन्य समुदाय अथवा वर्ग के व्यक्तियों को ठेस पहुंचे, ना ही कोई व्यक्ति किसी के व्यवसाय मे किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न कर सकेंगे। 
यह आदेश सीमा सुरक्षा बल, राजस्थान शस्त्र पुलिस, सिविल पुलिस, होमगार्ड, सेना एवं उन राज्य एवं केन्द्र कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा जो कि उक्त अवधि मे कानून एवं शांति व्यवस्था के संबंध में अपने पास हथियार रखने को अधिकृत किये गये हो। उक्त आदेश की अवमानता दण्डनीय अपराध है, अवहेलना करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध नियमानुसार अभियोग चलाया जायेगा। 
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तीन दिन किसी से नहीं मिल सकते चिंकारा शिकार के आरोपी सैनिक!

बाड़मेर.चिंकारा शिकार प्रकरण में फंसी सेना की यूनिट नहीं मिल पाई है। वनकर्मी नामजद आरोपियों का समन तामील कराने के लिए घूमते रहे, लेकिन बताए गए पते पर यूनिट मौजूद नहीं थी।

वन विभाग की टीम ने मोबाइल फोन पर कमांडिंग ऑफिसर से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि वे युद्धाभ्यास में बिजी हैं और तीन दिन नहीं मिल सकते, न ही यह बता सकते हैं कि वे कहां अभ्यास कर रहे हैं। तीन समन के बावजूद नामजद सैनिकों के पेश नहीं होने पर अब वन विभाग गुरुवार को उनका गिरफ्तारी वारंट लेने का प्रयास करेगा।

झांसी स्थित 88 आम्र्ड वर्कशॉप यूनिट के पांच सैनिकों के चिंकारा शिकार प्रकरण में फंसने के बाद सेना ने उन्हें अपनी कस्टडी में ले लिया। वन विभाग बुधवार को पांचवे दिन भी उनसे पूछताछ नहीं कर पाया।

इधर सेना की यूनिट ने निम्बला गांव से मंगलवार को जगह बदल दी थी और वन विभाग को सूचना भेजी थी। वनकर्मी मंगलवार शाम पचपदरा के पास बताए गए पते पर समन तामील कराने पहुंचे, लेकिन उस इलाके में यूनिट का कोई पता नहीं चला।

आखिरी समन नहीं हो पाया तामील

वनकर्मी बुधवार को फिर आखिरी समन तामील कराने वहां पहुंचे, लेकिन देर शाम तक यूनिट का कहीं पता नही चल पाया। इस पर डीएफओ बीआर भादू ने यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर अतुल बामजाई से संपर्क किया। बामजाई ने उन्हें बताया कि ‘सुदर्शन शक्ति’ अभ्यास के दौरान वे कहीं गुप्त जगह युद्धाभ्यास कर रहे हैं।

वे नहीं बता सकते कि 72 घंटे चलने वाला यह महत्वपूर्ण अभ्यास कहां चल रहा है, ना ही यूनिट का कोई सदस्य वहां से जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे बताए गए पते पर दो दिन बाद पहुंच जाएंगे।

गिरफ्तारी वारंट के लिए अर्जी देगा वन विभाग

भादू ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ बिना जांच आगे नहीं बढ़ सकती, लेकिन उन्हें तलब करने के बावजूद वे पेश नहीं हुए हैं। आखिरी समन भी भेज दिया गया, लेकिन यूनिट लापता हो गई है।

गुरुवार को सरकारी वकील से इस प्रकरण में कानूनी सलाह लेने के बाद कोर्ट में गिरफ्तारी वारंट के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया जाएगा।

वन विभाग के गिरफ्तारी वारंट के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल करने पर कोर्ट नामजद आरोपी सूबेदार गोपीलाल, हवलदार बीआर नाथ, नायक एन. सरकार, लांस नायक परदेसी और सिपाही डीआर नायडू के खिलाफ नोटिस जारी करेगा। सुनवाई के बाद गिरफ्तारी वारंट जारी होगा।

यूनिट के नहीं लौटने पर कहां होगी तलाश?

झांसी स्थित 88 आम्र्ड वर्कशॉप यूनिट के कमांडिंग आफिसर बामजाई ने दो दिन बाद पचपदरा में बताए पते पर पहुंचने की बात कही है। यदि यूनिट वहां नहीं पहुंची तो वन विभाग उन्हें कहां तलाश करेगा, यह तय नहीं है। हालांकि अभी तक यूनिट के अधिकारी वन विभाग के संपर्क में हैं।

गौरतलब कि सेना की 21 स्ट्राइक कोर के नेतृत्व में अहमदाबाद व जोधपुर स्थित 11 व 12 डिवीजन के अलावा तीन ओर डिवीजन रेगिस्तान में अभ्यास कर रहे हैं। इन पांच डिवीजन की कई यूनिट हैं। ऐसे में कौनसी यूनिट कहां अभ्यास कर रही है, वन विभाग के लिए यह पता लगाना बड़ा मुश्किल होगा।

सुखसिंह से पूछताछ में सामने आएगी असलियत :

सेना हिरण शिकार प्रकरण में निम्बला गांव निवासी सुखसिंह से पूछताछ करना चाहती है, लेकिन उसका कहीं पता नहीं लग पाया है। उसकी तलाश के लिए सेना ने बाड़मेर एसपी से लिखित में मदद मांगी है।

सेना ने अभी यह खुलासा नहीं किया है कि उसका इस प्रकरण से क्या संबंध है, उसने यदि उसने हिरण शिकार कर मांस सैनिकों को सौंपा था तो उसका नाम वन विभाग को क्यों नहीं बताया गया। सेना का कहना है कि उससे पूछताछ से ही हिरण शिकार की असलियत सामने आ सकती है।

गौरतलब है कि वन विभाग को किसी गांव वाले ने ही हिरण शिकार और यूनिट में शिकार किए हिरण का मांस पकाने की तैयारी की सूचना दी थी।

"युद्धाभ्यास में यूनिट एक जगह से दूसरी जगह अभ्यास करने निकल जाती है। उसी तरह यह यूनिट भी किसी दूसरी लोकेशन पर अभ्यास करने गई है, लेकिन वन विभाग चाहे तो समन सेना के किसी भी यूनिट में जाकर दे सकता है। संभव हुआ तो उन्हें उस यूनिट की लोकेशन की जानकारी भी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि वन अधिकारी की गवाही, एफआईआर, सीज सामान व तमाम दस्तावेज नहीं मिलने की वजह से कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी पूरी नहीं हो रही है।"

-एसडी गोस्वामी, रक्षा प्रवक्ता

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चाकसू के पास ट्रैक्टर ट्रॉली पलटी, दस की मौत

जयपुर. टोंक रोड पर चाकसू के पास गुरुवार सुबह ट्रैक्टर ट्राली पलटने से उसमें सवार दस लोगों की मौत हो गई जबकि छह लोग घायल हो गए। यह सभी लोग सांगानेर में मकान के मुहूर्त के कार्यक्रम में के लिए जयपुर आ रहे थे। ट्रॉली में सवार सभी लोग निवाई के पास स्थित दयालपुरा गांव के रहने वाले थे तथा अधिकतर एक ही परिवार के थे।


पुलिस ने बताया कि गुरुवार सुबह दयालपुरा से करीब 20 लोग ट्रैक्टर ट्रॉली से सांगानेर के लिए रवाना हुए थे। इस दौरान कौथून के पास पीछे से डंपर ने ट्रॉली के टक्कर मार दी। ट्रॉली टेक्टर से जा भिड़ी इसके बाद ट्रैक्टर पलट कर ट्रॉली पर आ गिरा। ट्रॉली में सवार छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि चार लोगों की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। गंभीर रुप से घायल चार लोगों को जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में तथा दो को सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया है। मृतकों का पोस्टमार्टम जयपुर के एसएमएस अस्पताल में किया गया है। दुर्घटना के बाद कौथून रोड पर जाम लग गया। उधर, एक्सीडेंट के बाद डंपर चालक गाड़ी को भगा ले गया।

भंवरी प्रकरण: निलंबित थानेदार बना सीबीआई का मददगार


जोधपुर। बोरूंदा और ओसियां में थानेदार रह चुके निलंबित पुलिसकर्मी लाखाराम अब सीबीआई का मददगार बन गया है। लाखाराम इन दिनों रोज सर्किट हाउस आ रहा है और सीबीआई की जांच में मदद कर रहा है। संभवत: वह भंवरी अपहरण प्रकरण में सरकारी गवाह बनने को भी तैयार हो गया है। थानेदार लाखाराम पहले बोरुंदा पुलिस चौकी प्रभारी रह चुका है।


एएनएम भंवरी बोरुंदा की रहने वाली थी, इसलिए वह भी लाखाराम के संपर्क में थी। लाखाराम की उससे अक्सर बातचीत होती थी और मिलना- जुलना रहता था। बाद में उसका तबादला ओसियां थानाधिकारी के पद पर हो गया, मगर भंवरी से बातचीत का सिलसिला जारी रहा।
जब भंवरी पूर्व मंत्री मदेरणा को ब्लैकमेल करने लगी तो लाखाराम ने भंवरी से सौदा कराने में मध्यस्थ की भूमिका भी निभाई थी। इसका सबूत भंवरी की कॉल डिटेल में भी मौजूद है, भंवरी के फोन से काफी फोन लाखाराम के मोबाइल पर किए गए हैं और रिसीव भी हुए हैं। सीबीआई ने जब लाखाराम से पूछताछ की तो उसने इन रिश्तों व भूमिका को स्वीकार कर लिया। इसके बाद सीबीआई ने उसे सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार किया और मदद लेनी आरंभ कर दी। अब वह नियमित रूप से रोजाना सुबह सर्किट हाउस आकर सीबीआई की मदद कर रहा है।



सीबीआई ने ऑडियो जांच के लिए आवाज नमूनों की अर्जी लगाई
सीबीआई की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक एसएस यादव ने गुरुवार को एसीजेएम महानगर मजिस्ट्रेट (सीबीआई) में आरोपी सोहनलाल व शहाबुद्दीन की आवाज के नमूने लेने की अर्जी लगाई है।


भंवरी अपहरण प्रकरण में कुछ दिन पहले भंवरी और सोहनलाल का ओडियो टेप बाजार में आया था। जेल में हुई दूसरे आरोपी शहाबुद्दीन व उसकी प्रेमिका रेहाना की बातचीत की रिकॉर्डिंग भी दो दिन पहले उजागर हुई थी। इन ओडियो टेप की आवाजों की जांच करने के लिए सीबीआई आरोपी सोहनलाल व शहाबुद्दीन की आवाज के नमूने लेने का प्रयास कर रही है। उल्लेखनीय है भंवरी-सोहनलाल की बातचीत में भंवरी अजमेर के लॉकर में चार सीडी होने का जिक्र करती है तथा सोहनलाल उसे पैसे दिलाने का वादा करता है।

दिन दहाड़े भतीज ने चाचा की हत्या की

दिन दहाड़े भतीज ने चाचा की हत्या की 

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिला मुख्यालय पर भीड़ भाद वाले इलाके में आज सुबह भातिज ने चाचा की चाकुओ से गोद कर हत्या कर दी .पुलिस अधीक्षक संतोष चालके ने बताया की बाड़मेर शहर की मुख्य बाज़ार रतन सिंह बाज़ार में एक शराब के ठेके पर सुरेश सोनी पुत्र तुलसीदास सोनी उम्र ३० साल शराब पीने गया जहा अज्ञात व्यक्ति ने आकर सुरेश पर चाकुओ से तबाद तोड़ वर किये जिससे सुरेश की मौके पर ही मौत हो गयी ,पुलिस को सुइचना मिलाने पर पुलिस अधीक्षक संतोष चालके उप अधीक्षक नाजिम अली खान सी आई लूंन सिंह सहित पुलिस बल मौके पर पहुँच शव को बरामद कर पोस्ट मार्टम के लिए भेजा पुलिस द्वारा गहन पूछताछ और जांच से खुलासा हुआ की सुरेश की हत्या उसके भतीज मुकेश ने की पुलिस बल मुकेश की तलास ककर रही हें इधर स्वर्णकार समाज के लोगो ने किसान छात्रावास से रेलवे फाटक ३२६ पर जाम लगा दिया तथा हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग की लगभग एक घंटा तक जाम लगाने के बाद पुलिस ने प्रदर्सन करियो को आश्वस्त किया की हत्यारे की पहचान कर ली गयी हें जल्द पकड़ा जाएगा .दिन दहाड़े भीड़ भरे इलाके में हत्या की खबर सुनते ही भरी भीड़ जमा हो गयी एक  बरगी क्षेत्र में सनसनी फेल गयी पुलिस  अधीक्षक ने समझदारी का परिचय देते हुए शव को घटनास्थल से तुरंत पोस्त्मर्तम के लिए भेज दिया अन्यथा माहौल गड़बड़ा जता 

स्‍वामी चिन्‍मयानंद पर बलात्‍कार, गर्भपात के लिए दबाव डालने और हत्‍या के प्रयास का केस



लखनऊ. पूर्व केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री स्‍वामी चिन्‍मयानंद पर बलात्‍कार, गर्भपात के लिए दबाव डालने और हत्‍या का प्रयास करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है। उत्‍तर प्रदेश पुलिस ने एक लड़की की शिकायत के आधार पर यह केस दर्ज किया है। लड़की बदायूं में रहती है। इससे पहले वह शाहजहांपुर में स्थित स्‍वामी के आश्रम में कई साल तक रह चुकी है।


अपर महानिदेशक (अपराध) सुबेश कुमार सिंह ने बताया कि केस दर्ज कर आरोपों की जांच की जा रही है। चिन्‍मयानंद ने आरोपों से इनकार किया है और इसे राजनीतिक साजिश बताया है।


सूत्र बताते हैं कि शिकायत करने वाली लड़की दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय की छात्रा रही चुकी है। उसने शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक को एक विस्‍तृत चिट्ठी लिख कर चिन्‍मनयानंद के खिलाफ शिकायत भेजी थी। इसमें उन पर हमला करने, बलात्‍कार करने और जान से मारने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है।


चिट्ठी मिलने के बाद लड़की को शुरुआती जांच के लिए वरिष्‍ठ अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा गया। लड़की बुधवार को खुद अफसरों के सामने आई। इसके बाद केस दर्ज कर लिया गया।


सूत्र बताते हैं कि लड़की का कहना है कि जब वह चिन्‍मयानंद के मुमुख आश्रम में रहती थी, तब उसके साथ बलात्‍कार किया गया था। बाद में वह किसी तरह वहां से भाग गई। उसका यह भी कहना है कि जब उसने पुलिस में शिकायत की बात की तो चिन्‍मयानंद ने उसे कथित तौर पर जान से मारने की कोशिश की।

भारत-पाकिस्तान सीमा पर बाड़ लगाने का कार्य लगभग पूरा


राजस्थान में भारत-पाक सीमा पर बाड़ लगाने का कार्य पूरा हो गया है, केवल जैसलमेर क्षेत्रा में बालू के टीलों को हटाए जाने की समस्या के कारण कुछ हिस्से लगभग 8 कि.मी. भाग में बाड़ लगाने का कार्य अभी बाकी है। पाकिस्तान से लगी जम्मू एवं कश्मीर की सीमा के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी अंर्तराष्ट्रीय सीमा है।
यह जानकारी सांसद श्री अश्क अली टाक को उनके अतरांकित प्रश्न के उत्तर में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्राी श्री मुल्लापल्ली रामचन्द्रन ने आज राज्यसभा में दी।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि सीमा सुरक्षा बल तथा सेना भारत पाकिस्तान सीमा पर राजस्थान स्थित किसी भी जांच चौकी पर सुरक्षा जवानों की तैनाती नहीं करती है। तथापि, सुरक्षा की दृष्टि से सीमा सुरक्षा बल ने भारत पाकिस्तान सीमा पर राजस्थान में 270 सीमा जांच चौकियां (बी.ओ.पी.) स्थापित की हैं।

भंवरी के और गहने मिले!

भंवरी के और गहने मिले!

जोधपुर। एएनएम भंवरीदेवी मामले की जांच कर रही सीबीआई ने बुधवार को लूणी विधायक मलखान विश्नोई के भाई परसराम व उसकी पत्नी बिलाड़ा प्रधान कुसुम विश्नोई सहित करीब आधा दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ की। इस बीच सीबीआई को कई जगह तलाशी के दौरान कुछ और आभूष्ाण मिले हैं। इसमें सोने के टॉप्स भी हैं।

बताया जा रहा है कि ये जेवर भंवरी के हैं। पांचवीं बार पूछताछ के लिए आए परसराम से करीब आठ घंटे पूछताछ की गई। कुसुम से चौथी बार पूछताछ की गई। वीडियो पार्लर संचालक राजेश फोफलिया, निलम्बित उप निरीक्षक लाखाराम, पीपाड़ शहर के जयराम मेघवाल, बाबूलाल से भी पूछताछ की गई। जोधपुर-डेगाना के बीच चलने वाली निजी बस के कंडक्टर के घर की तलाशी भी ली।

भंवरी के परिजन चिंतित : भंवरीदेवी के अपहरण को तीन माह हो चुके हैं, लेकिन उसके परिजनों को पता नहीं चल पाया है कि भंवरी कहां और किस हाल में है, जिन्दा भी है या नहीं? भंवरी के पति अमरचन्द का कहना है कि वह किसे अपना दु:ख बताए। बच्चों को उनकी मां के बारे में क्या जवाब दे?
चालान पेश करने की तैयारी : नब्बे दिन पूरे होने के चलते सीबीआई सोहन के खिलाफ चालान पेश करने की तैयारी में है।


सोने के हार की फोरेंसिक जांच

आबूरोड स्थित जोहरी से बरामद भंवरीदेवी के सोने के हार व लॉकेट की सीबीआई द्वारा केन्द्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला से जांच करवाई जाएगी। सीबीआई हार को नई दिल्ली स्थित सीएफएसएल भिजवा रही है।





नहर में तो नहीं डाला भंवरी का शव?
श्रीगंगानगर। लापता एएनएम भंवरी की हत्या करके लाश नहर में तो नहीं बहा दी गई? भंवरी मामले में मुख्य लापता आरोपी सहीराम की खाजूवाला क्षेत्र में मौजूदगी के साक्ष्य इस आशंका को बल देते हैं। हर रोज तीन-चार लाशें उगलती नहरों में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं उसमें भंवरी का शव तो नहीं?


भंवरी प्रकरण में "मोस्ट वांटेड" सहीराम की तलाश में बीकानेर जिले के खाजूवाला व आसपास के कई गांवों में पुलिस ने दबिश दी। वह अब तक पकड़ में नहीं आया। मुख्य इंदिरा गांधी नहर खाजूवाला के पास से निकलती है और वहां सहीराम की मौजूदगी संदेह पैदा करती है।


सीबीआई इस एंगल से भी जांच में जुटी है कि कहीं भंवरी के शव को खाजूवाला के आसपास इंदिरा गांधी नहर में ठिकाने तो नहीं लगाया है। दरअसल इंदिरा गांधी नहर में हर रोज अलग-अलग जगह तीन-चार और महीने में सौ से भी ज्यादा शव बहते हुए आते हैं। इस राज से पर्दा तो सहीराम की गिरफ्तारी के बाद ही उठ पाएगा।


ऎसे पूरा होता है शव का सफर


पंजाब के फिरोजपुर जिले में स्थित हरिके हैडवर्क्स इंदिरा गांधी नहर का उद्गम स्थल है। जानकारों के अनुसार फिरोजपुर के आसपास कोई शव नहर में डाला जाए तो राजस्थान की सीमा में आते-आते वह इतना क्षत-विक्षत हो जाता है कि उसकी शिनाख्त मुश्किल हो जाती है।


नहर में शव की गति डेढ़ किमी प्रति घंटा होती है। नहर में डालने पर शव कुछ देर खड़ी अवस्था में बहता है। पानी भरने पर वह लेटी हुई अवस्था में बहता है।


हत्या का इशारा...


इंदिरा गांधी नहर के साथ गंगनहर व भाखड़ा नहर में आने वाले शवों का कपड़े या बोरे में बंद होना, युवक व युवती का एक साथ रस्सी से बंधे होना, शव का गला कटा होना या शरीर पर चोटों के निशान इशारा करते हैं कि मौत स्वाभाविक नहीं। पंजाब व हरियाणा के अपराधियों में हत्या के बाद शव को नहर में डालने की प्रवृत्ति पुरानी है। राजस्थान में भी अपराधी तत्वों में इस प्रवृत्ति का असर है। श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में हत्या के बाद शव नहरों में डालने के कई मामले सामने आए हैं।

ठिकाने लगाने का जरिया


इंदिरा गांधी नहर के पानी ने उत्तर-पश्चिमी राजस्थान की बंजर भूमि को हरित क्षेत्र में बदला है, वहीं अपराधियों के लिए इसका पानी हत्या के बाद शवों को ठिकाने लगाने का जरिया बन गया है। पंजाब व हरियाणा में 167 किमी व राजस्थान में 37 किमी लंबी राजस्थान फीडर तथा इससे आगे जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ तक 445 किलोमीटर लंबी इंदिरा गांधी मुख्य नहर में हर साल सैकड़ों शव अंतिम सफर करते हैं। इनमें से कइयों की शिनाख्त हो जाती है और कई बिना शिनाख्त दफना दिए जाते हैं।

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कलक्टर ने सुनाई खरी-खरी

कलक्टर ने सुनाई खरी-खरी

बालोतरा। अधिकारी आमजन के साथ अच्छा व्यवहार करें।संवेदनशीलता का परिचय देते हुए तत्परता से कार्य करें।जिला कलक्टर डॉ.वीणा प्रधान ने बुधवार को उपखंड सभागार में नगर पार्षदों व अधिकारियों की आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। बैठक में पाष्ाüदों ने नगर की विभिन्न जनसमस्याओं पर कड़ा विरोध जताते हुए नगरपालिका के अधिकारियों पर कमीशन वसूलने का आरोप लगाया। बैठक की शुरूआत में पार्षद मांगीलाल सांखला ने कहा कि नगर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। आमजन परेशान है। अधिकारी मोनिटरिंग नहीं करते है। उन्होंने प्रथम फाटक पर ओवरब्रिज बनाने व मिस्त्री मार्केट के लिए अलग स्थान आवंटित करने की मांग रखी।

उन्होंने नगरपालिका के कार्यो का भौतिक सत्यापन करवाने की बात कहते हुए अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे निर्माण कार्यो में कमीशन वसूलते है। नगरपालिका प्रतिपक्ष नेता रतन खत्री ने कहा कि नगर की सीवरेज व्यवस्था की हालत खराब है। वहीं पाईप लाईनों के जगह-जगह के लीकेज होने से आमजन परेशान है।

पाष्ाüद नरसिंग प्रजापत ने कहा कि शहर में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हो रहे है। इसे लेकर नगरपालिका गम्भीर नहीं है। पाष्ाüद चन्द्रा बालड़ ने अनियमित जलापूर्ति का जिक्र करते हुए कहा कि लाईन मैन अपनी मनमर्जी से वाल खोलते है। पार्षद नरसिंग प्रजापत व रतन खत्री ने जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता की शिकायतकर्ता को फटकार लगाने की आदत का जिक्र करते हुए जमकर खिंचाई की।

उन्होंने नगर में बदहाल पेयजल व्यवस्था के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। मानवेन्द्रसिंह ने अस्पताल की व्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए नि:शुल्क दवाइयों की दुकानें समय पर नहीं खुलती है। पार्षद दुर्गादेवी सोनी ने कहा कि रात में कम दबाव से की जाने वाली जलापूर्ति से आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पेयजल समस्या को लेकर उभरे आक्रोश पर जिला कलक्टर ने जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता सुरेशचन्द्र को फटकार लगाते हुए कहा कि अच्छे कर्मो से नौकरी मिली है।

नौकरी लगते ही सिर पर चढ़ गए हों। सभी पार्षदों के आक्रोश से लगता है कि आम जन के प्रति आपका व्यवहार सही नहीं है। आप सीधे मुंह बात नहीं करते हो। रवैया सुधार लो नहीं तो दिक्कत खड़ी हो जाएगी। दफ्तर की व्यवस्था सुधारे वहीं वातावरण को सुन्दर बनाएं। सरकारी भूमि पर अतिक्रमणों के मामलों में उन्होंने अधिशाषी अधिकारी को सख्त हिदायत दी। वहीं बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए बाजार की दुकानों के आगे अतिक्रमण कर रखे सामान को जब्त करने की चेतावनी दी।

विधायक मदन प्रजापत ने नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी से कहा कि फ्लड चैनल का निर्माण नहीं होने तक इसके नजदीक में कोई निर्माण नहीं होने दे। उन्होंने एमबीआर राजकीय महाविद्यालय के आगे भूमि अवाप्ति से पूर्व बनी ईमारत को हटाने व बालोतरा में शीघ्र ही जिला परिवहन कार्यालय खुलने की संभावना जताई। वहीं इसी वर्ष ओवरब्रिज निर्माण शुरू होने की बात कही। बैठक में उपखण्ड अधिकारी ओ.पी. विश्नोई सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

ट्रैफिक कंट्रोल करने को लेकर दिए सुझाव


ट्रैफिक कंट्रोल करने को लेकर दिए सुझाव
सीएलजी की बैठक

बाड़मेर शहर में क्राइम और ट्रैफिक व्यवस्थाओं को लेकर बुधवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे कोतवाली परिसर में सीएलजी की बैठक डीएसपी नाजिम अली की उपस्थिति में हुई। बैठक में बढ़ते ट्रैफिक को कंट्रोल करने, पार्किंग स्टैंड के लिए जगह तलाशने सहित शहर की विभिन्न समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया। सदस्यों ने आवारा पशुओं को पकडऩे, बिना नंबर के वाहनों की धरपकड़, नाबालिग होने पर भी वाहन चलाने के खिलाफ कार्रवाई का सुझाव रखा। वहीं ऑपरेशन रोमियो के तहत स्कूलों में शिकायत बॉक्स लगाने, टैंपो की बढ़ती संख्या को देखते हुए रूट तय करने, प्रदूषण को रोकने के लिए समय पर वाहनों की चैकिंग करने पर विचार-विमर्श किया गया। कोतवाल लूणसिंह ने किसान बोर्डिंग के सामने रेलवे फाटक पर ट्रैफिक दबाव को देखते हुए अतिरिक्त ट्रैफिककर्मी लगाने का सुझाव दिया। पार्किंग की समस्या को लेकर सदस्यों ने पालिका बाजार के अंडरग्राउंड और गांधी चौक पर खाली स्थानों पर पार्किंग स्टैंड बनाने की मांग की।

संदिग्धावस्था में घूमते दो गिरफ्तार, चोरी कबूली


संदिग्धावस्था में घूमते दो गिरफ्तार, चोरी कबूली

गुड़ामालानी थानांतर्गत पुलिस ने रात्रि गश्त के दौरान दो युवकों को संदिग्धावस्था में घूमते पकड़ा। पूछताछ में दोनों ने चोरियां करना कबूला है।थानाधिकारी ताराराम बैरवा ने बताया कि रात्रि गश्त के दौरान एएसआई राजूसिंह मय जाब्ता जैन मोहल्ला में संदिग्धावस्था में घूमते दो व्यक्तियों से पूछताछ की। दोनों व्यक्तियों नरपतराज पुत्र सुखदेव पुरोहित उम्र 26 वर्ष निवासी रेवतड़ा, जिला जालोर व घेवरचंद पुत्र खुमाराम सारहण विश्नोई उम्र 30 वर्ष निवासी हेमागुड़ा झांव जिला जालोर ने पूछताछ के दौरान अपनी अल्टो कार नं आरजे 16 सीए 1928 खराब होने की बात कही तथा पता पूछने पर बहाने बाजी करने लगे। पुलिस की ओर से सख्ती से पूछताछ करने पर उन्होंने कृष्ण कुमार पुत्र मूलाराम सोनी की मुख्य बाजार में स्थित सोने-चांदी की दुकान से चोरी की वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया। कृष्ण कुमार की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस को दोनों आरोपियों से और भी चोरियों का राज खुलने की उम्मीद है।

हर चुनौती से निपटने को तैयार बॉर्डर के जवान


हर चुनौती से निपटने को तैयार बॉर्डर के जवान



बाड़मेर  आधुनिक हथियारों से लैस बीएसएफ के जवानों को सीमा की रक्षा के लिए हर चुनौती स्वीकार है। ये कहना है बीएसएफ के डीआईजी माधुसिंह चौहान का। उन्होंने गुरुवार को बीएसएफ के 46वें स्थापना दिवस पर जवानों को शुभकामनाएं देते हुए बताया कि भारतीय संविधान के मूल्यों को सर्वोपरि मानते हुए राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने में हर स्तर पर सीमा सुरक्षा बल महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर उन्होंने  विशेष बातचीत में बताया कि बीएसएफ की स्थापना एक दिसंबर 1965 को हुई थी। उन्होंने बताया कि बीएसएफ विश्व का सबसे बड़ा अद्र्धसैनिक बल है और इसे भारत सरकार की ओर से समय-समय पर अनेक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाती रही है। जवानों ने आंतरिक सुरक्षा सहित आतंकियों और नक्सलियों से डटकर सामना करते हुए देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। उन्होंने बताया कि बीएसएफ के सराहनीय कार्यों को देखते हुए बल को अत्याधुनिक हथियार, संचार व्यवस्था, वाहन और निगरानी के उपकरण, हवाई जहाज, अत्याधुनिक नौकाएं, तोपखाने, ऊंट और अश्व दस्ते से सुसज्जित किया गया है। बीएसएफ देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनने वाली किसी भी चुनौती को निष्क्रिय करने के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने स्थापना दिवस पर संकल्प लेते हुए देशवासियों को आश्वस्त किया कि बीएसएफ के होते हुए देश की सीमाएं सदैव सुरक्षित रहेगी।

गौरवशाली रही इनकी सेवाएं: स्थापना दिवस पर विशेष बातचीत में जिले के सेतराऊ निवासी रिटायर्ड कमांडेंट कल्याणसिंह ने बताया कि उन्होंने बीएसएफ के विकास को देखा है। उन्होंने 1967 में बीएसएफ ज्वॉइन की। वे बताते है कि उनके ज्वॉइन करने के समय बीएसएफ की 27-28 बटालियन थी, लेकिन अब 100 बटालियन हो गई है। अपनी साढ़े सैंतीस साल की नौकरी में उन्होंने बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई लड़ी। वे 1971 में बांग्लादेश में तैनात रहे और 14 दिन तक चली जंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि बीएसएफ में अनुशासन, प्रशिक्षण, काम और सीमा पर चौकसी उनमें हमेशा एक नया जोश भर देती थी। यही जोश उन्हें हमेशा आगे रखता था।

दुनिया भर में अनूठे हैं गजेटेड़ हनुमानजी....

दुनिया भर में अनूठे हैं गजेटेड़ हनुमानजी....

 - डॉ. दीपक आचार्य
अब तक आपने सरकारी तंत्र में अफसरों की गजेटेड़ या नॉन गजेटेड़ (राजपत्रित अथवा अराजपत्रित) किस्मों के बारे में सुना होगा। मगर अब ऐसे हनुमानजी महाराज का पता चला है जो ‘गजेटेड़’ हैं। जैसलमेर जिला मुख्यालय पर स्थित मन्दिर में विराजित बजरंग बली ‘गजेटेड़ हनुमान’ के नाम से जाने और पूजे जाते हैं। जन-जन में इनके प्रति अगाध आस्था और श्रृद्धा भाव हिलोरें लेता है। पूरी दुनिया में यह अपनी तरह के अन्यतम हनुमान हैं। राजस्थान के ठेठ पश्चिम में मरुस्थलीय जैसलमेर जिले में गजेटेट हनुमान जी का मन्दिर भक्तों की आस्था का बड़ा भारी केन्द्र है। यह मंदिर जैसलमेर शहर में मुख्य डाकघर के सामने पुराने बिजली घर स्थित जोधपुर विद्युत वितरण निगम कार्यालय परिसर में है जहाँ हनुमान भक्तों की भीड़ लगी रहती है। सदियों पुरानी है हनुमान प्रतिमा निज मन्दिर में गजेटेड़ हनुमानजी की पाँच फीट की भव्य मूर्ति सदियांे पुरानी बतायी जाती है। जिस स्थान पर मन्दिर बना है वहाँ पहले घना जंगल था जहाँ इस प्राचीन मूर्ति की तपस्वियों और सिद्ध संतों द्वारा एकान्त सेवन के साथ ही पूजा-अर्चना की जाती रही। शहर का विस्तार होने से हनुमान भक्तों का ध्यान इस ओर गया। बाद में मन्दिर बनाया गया जो अब लगातार विस्तार पाता जा रहा है। मन्दिर के गर्भगृह में भगवान श्री हनुमानजी के सम्मुख पिछले ढाई दशक से अखण्ड दीपक जल रहा है। निज मन्दिर के द्वार के समीप गोवर्द्धन(शिलालेख स्तंभ) है जिससे इस क्षेत्र की प्राचीनता का बोध होता है। हिन्दुस्तान का यह पहला हनुमान मंदिर है जिसमें बिराजित हनुमान जी महाराज गजेटेड़ यानि राजपत्रित हैं। हनुमान भक्तों की गजेटेड़ हनुमान पर अटूट आस्था है। भक्तों का मानना है कि हनुमानजी हर किसी की मुराद जरूर पूरी करते हैं। चूंकि बिजली विभाग के परिसर में हैं अतः इन हनुमानजी को भक्तगण ‘करंट बालाजी’ के नाम से भी पुकारते हैं। इन भक्तों की पक्की मान्यता है कि जो भी भक्त हनुमान दादा के दरबार में आ जाता है, हनुमानजी उनकी सारी मनोकामनाएं करंट की मानिंद पूर्ण करते हैं। सरकारी नुमाइन्दों ने बनाया गजेटेड़ हनुमानजी को गजेटेड़ क्यों कहा जाता है और वे गजेटेड़ कब बने, इसका कोई धार्मिक या शास्त्रीय प्रमाण तो नहीं मिलता लेकिन माना जाता है कि ज्यादातर सरकारी लोगों की आवाजाही तथा चमत्कारिक प्रतिमा की वजह से उन्हें यह नाम मिला। गजेटेड़ होने की वजह से ख़ासकर राज-काज से जुड़े कामों में हनुमान जी विशेष मदद करते हैं। यही कारण है कि यहाँ आने वाले हनुमान भक्तों में सरकारी सेवाओं में जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या भी खूब रहती है।
 : - डॉ. दीपक आचार्य