जोधपुर। बोरूंदा और ओसियां में थानेदार रह चुके निलंबित पुलिसकर्मी लाखाराम अब सीबीआई का मददगार बन गया है। लाखाराम इन दिनों रोज सर्किट हाउस आ रहा है और सीबीआई की जांच में मदद कर रहा है। संभवत: वह भंवरी अपहरण प्रकरण में सरकारी गवाह बनने को भी तैयार हो गया है। थानेदार लाखाराम पहले बोरुंदा पुलिस चौकी प्रभारी रह चुका है।
एएनएम भंवरी बोरुंदा की रहने वाली थी, इसलिए वह भी लाखाराम के संपर्क में थी। लाखाराम की उससे अक्सर बातचीत होती थी और मिलना- जुलना रहता था। बाद में उसका तबादला ओसियां थानाधिकारी के पद पर हो गया, मगर भंवरी से बातचीत का सिलसिला जारी रहा।
जब भंवरी पूर्व मंत्री मदेरणा को ब्लैकमेल करने लगी तो लाखाराम ने भंवरी से सौदा कराने में मध्यस्थ की भूमिका भी निभाई थी। इसका सबूत भंवरी की कॉल डिटेल में भी मौजूद है, भंवरी के फोन से काफी फोन लाखाराम के मोबाइल पर किए गए हैं और रिसीव भी हुए हैं। सीबीआई ने जब लाखाराम से पूछताछ की तो उसने इन रिश्तों व भूमिका को स्वीकार कर लिया। इसके बाद सीबीआई ने उसे सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार किया और मदद लेनी आरंभ कर दी। अब वह नियमित रूप से रोजाना सुबह सर्किट हाउस आकर सीबीआई की मदद कर रहा है।
सीबीआई ने ऑडियो जांच के लिए आवाज नमूनों की अर्जी लगाई
सीबीआई की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक एसएस यादव ने गुरुवार को एसीजेएम महानगर मजिस्ट्रेट (सीबीआई) में आरोपी सोहनलाल व शहाबुद्दीन की आवाज के नमूने लेने की अर्जी लगाई है।
भंवरी अपहरण प्रकरण में कुछ दिन पहले भंवरी और सोहनलाल का ओडियो टेप बाजार में आया था। जेल में हुई दूसरे आरोपी शहाबुद्दीन व उसकी प्रेमिका रेहाना की बातचीत की रिकॉर्डिंग भी दो दिन पहले उजागर हुई थी। इन ओडियो टेप की आवाजों की जांच करने के लिए सीबीआई आरोपी सोहनलाल व शहाबुद्दीन की आवाज के नमूने लेने का प्रयास कर रही है। उल्लेखनीय है भंवरी-सोहनलाल की बातचीत में भंवरी अजमेर के लॉकर में चार सीडी होने का जिक्र करती है तथा सोहनलाल उसे पैसे दिलाने का वादा करता है।
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