जयपुर.राजस्थानी फिल्म भोभर का वर्ल्ड प्रीमियर छह दिसंबर को यूनान के कोरिन्थ शहर में होगा। फिल्म वहां दूसरे कोरिन्थियन फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जाएगी। इसी तरह दिसंबर के पहले सप्ताह में ही बेंगलुरु में होने वाले चौथे स्टेपिंग स्टोन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी भोभर की स्क्रीनिंग होगी।
इस तरह दक्षिण भारत और भारत के बाहर दिखाए जाने के मामले में भोभर राजस्थानी में बनी पहली फिल्म हो गई है। फिल्म के निर्देशक गजेंद्र श्रोत्रिय कहते हैं कि यह हमारा ही नहीं, पूरे राजस्थान और राजस्थानी सिनेमा का सम्मान है और हमें इस पर गर्व है।
गौरतलब है कि राजस्थानी में बनी यह पहली फिल्म है, जो अपनी हर स्क्रीनिंग में दर्शकों की सकारात्मक प्रति क्रियाओं के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पहचान अर्जित कर रही है। इससे पहले फिल्म हरियाणा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, यमुनानगर, जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और जयपुर में ही हाल ही हुए राजस्थानी फिल्म फेस्टिवल में अपने प्रदर्शन के लिए लोकप्रियता अर्जित कर चुकी है।
गजेंद्र श्रोत्रिय ने बताया कि फिल्म आम लोगों के लिए फरवरी माह में राजस्थान के थियेटर्स में रिलीज की जाएगी। उन्होंने बताया कि बेंगलुरु में छह से तेरह दिसंबर तक होने वाले स्टेपिंग स्टोन फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जानी वाली कुछ 19 फीचर फिल्मों में भारत से दिखाए जाने वाली एकमात्र भोभर ही है। इसी प्रकार यूनान के ऐतिहासिक शहर कोरिन्थ में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली फिल्म भोभर ही है। इसका प्रदर्शन छह दिसंबर को होगा।
श्रोत्रिय के मुताबिक भोभर राजस्थानी सिनेमा के लिए एक नया अध्याय लिख रही है और इसके लिए राजस्थानी भाषा और हमारे लोगों का मैं शुक्रगुजार हूं। दिवंगत संगीतकार दान सिंह की आखिरी कंपोजिशन दर्शकों को ‘भोभर में मिलेगी।
फिल्म की कहानी और गीत रामकुमार सिंह ने लिखे हैं। राजीव थानवी और जय नारायण त्रिपाठी की धुनें भी फिल्म का हिस्सा हैं। फिल्म समीक्षकों की ओर से उसे राजस्थानी भाषा की नई धारा की फिल्म माना जा रहा है। फिल्म में लगभग सभी कलाकार राजस्थान के ही हैं और रंगमंच और सिनेमा में काम करते रहे हैं।
मुख्य भूमिका में अमित सक्सेना, उत्तरांशी और विकास पारीक हैं, वहीं रंगमंच के वरिष्ठ कलाकार बॉलीवुड व हॉलीवुड की कई फिल्मों में काम कर चुके सत्यनारायण पुरोहित, हरिनारायण और वासुदेव भट्ट ने भी अभिनय किया है।
इस तरह दक्षिण भारत और भारत के बाहर दिखाए जाने के मामले में भोभर राजस्थानी में बनी पहली फिल्म हो गई है। फिल्म के निर्देशक गजेंद्र श्रोत्रिय कहते हैं कि यह हमारा ही नहीं, पूरे राजस्थान और राजस्थानी सिनेमा का सम्मान है और हमें इस पर गर्व है।
गौरतलब है कि राजस्थानी में बनी यह पहली फिल्म है, जो अपनी हर स्क्रीनिंग में दर्शकों की सकारात्मक प्रति क्रियाओं के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पहचान अर्जित कर रही है। इससे पहले फिल्म हरियाणा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, यमुनानगर, जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और जयपुर में ही हाल ही हुए राजस्थानी फिल्म फेस्टिवल में अपने प्रदर्शन के लिए लोकप्रियता अर्जित कर चुकी है।
गजेंद्र श्रोत्रिय ने बताया कि फिल्म आम लोगों के लिए फरवरी माह में राजस्थान के थियेटर्स में रिलीज की जाएगी। उन्होंने बताया कि बेंगलुरु में छह से तेरह दिसंबर तक होने वाले स्टेपिंग स्टोन फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जानी वाली कुछ 19 फीचर फिल्मों में भारत से दिखाए जाने वाली एकमात्र भोभर ही है। इसी प्रकार यूनान के ऐतिहासिक शहर कोरिन्थ में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली फिल्म भोभर ही है। इसका प्रदर्शन छह दिसंबर को होगा।
श्रोत्रिय के मुताबिक भोभर राजस्थानी सिनेमा के लिए एक नया अध्याय लिख रही है और इसके लिए राजस्थानी भाषा और हमारे लोगों का मैं शुक्रगुजार हूं। दिवंगत संगीतकार दान सिंह की आखिरी कंपोजिशन दर्शकों को ‘भोभर में मिलेगी।
फिल्म की कहानी और गीत रामकुमार सिंह ने लिखे हैं। राजीव थानवी और जय नारायण त्रिपाठी की धुनें भी फिल्म का हिस्सा हैं। फिल्म समीक्षकों की ओर से उसे राजस्थानी भाषा की नई धारा की फिल्म माना जा रहा है। फिल्म में लगभग सभी कलाकार राजस्थान के ही हैं और रंगमंच और सिनेमा में काम करते रहे हैं।
मुख्य भूमिका में अमित सक्सेना, उत्तरांशी और विकास पारीक हैं, वहीं रंगमंच के वरिष्ठ कलाकार बॉलीवुड व हॉलीवुड की कई फिल्मों में काम कर चुके सत्यनारायण पुरोहित, हरिनारायण और वासुदेव भट्ट ने भी अभिनय किया है।