अनिल अंबानी लगाएंगे पॉवर प्लांट! जयपुर। उद्योगपति अनिल अंबानी ने बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। सीएमओ हाउस में सुबह करीब 7.30 बजे दोनों के बीच मुलाकात हुई। मुलाकात के दौरान दोनों के बीच राज्य के विकास के मुद्दे पर चर्चा हुई। एक निजी चैनल के मुताबिक अनिल अंबानी ने राज्य में पॉवर प्रोजेक्ट लगाने की इच्छा जाहिर की है। अंबानी पश्चिमी राजस्थान में 500 मेगावाट का सॉलर पॉवर प्लांट लगाना चाहते हैं। इस संबंध में उन्होंने गहलोत से चर्चा की। गौरतलब है कि पश्चिमी राजस्थान में पहले से ही दो सॉलर पॉवर प्लांट लगे हुए हैं। इनमें से एक 100 और दूसरा 40 मेगावाट का प्लांट है।
वॉशिंगटन।। प्रेगनेंट महिला के ब्लड के डीएनए टेस्ट से अब यह पता चल सकता है कि उसके पेट में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की। अमेरिका में हुई एक स्टडी में कहा गया है कि प्रेगनेंट महिलाओं के खून के डीएनए टेस्ट से बच्चे के लिंग का पता लगाया जा सकता है और इससे भ्रूण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। हालांकि इस टेस्ट से पता तभी चल पाएगा जब प्रेगनेंसी कम से कम 7 हफ्ते की हो।
स्टडी के रिजल्ट्स 'अमेरिकन मेडिकल असोसिएशन' की मैगजीन में छपे हैं। इसमें कहा गया है, 'बच्चे के लिंग का पता करने के लिए महिला के ब्लड से कोशिका मुक्त भ्रूण का डीएनए टेस्ट, यूरिन टेस्ट या सोनोग्राम की तुलना में काफी सटीक और गर्भवती महिला की गर्भाशय जांच से अधिक सुरक्षित है।' गर्भस्थ शिशु का अल्ट्रासाउंड भी 11 से 14 हफ्ते का होने पर ही किया जा सकता है, लेकिन ब्लड के डीएनए टेस्ट के जरिए 7 हफ्ते के गर्भस्थ शिशु का लिंग भी पता किया जा सकता है। यह डीएनए टेस्ट प्रेगनेंट महिला के गर्भ की जांच करने से अधिक सुरक्षित है। गर्भाशय जांच में भ्रूण के इर्द-गिर्द की थैली से तरल पदार्थ लिया जाता है जिसमें कभी कभार गर्भपात की आशंका रहती है।
इस स्टडी में पहले के 57 मामलों की समीक्षा की गई और इसकी सफलता दर 95 से 99 प्रतिशत तक थी। अध्ययन में शामिल 3524 महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे लड़के थे, जबकि 3017 महिलाओं के गर्भ में लड़कियां थीं।
मंत्री का कोटा होगा समाप्त
जयपुर। राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक बुधवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। एक निजी चैनल के मुताबिक हाउसिंग बोर्ड के मकान आवंटित करने में अब मंत्री का कोटा समाप्त होगा। शहीदों और गैलेंट्री अवार्ड पाने वालों को मकान आवंटित करने का फैसला अब कैबिनेट में लिया जाएगा।
बैठक में झील विकास प्राधिकरण के गठन का निर्णय लिया गया। स्टेट वेन्डर नीति को भी मंजूरी दी गई। वेंडर नीति का प्रारूप केन्द्र सरकार ने भिजवाया है। मिली जानकारी के मुताबिक झीलों के विकासों के लिए 197.59 करोड़ रूपए को मंजूरी दी गई है। झीलों का विकास राष्ट्रीय झील विकास के तहते होगा। राज्य की अन्य 11 झीलों की डीपीआर बनेगी।
उदयपुर में व्यापारी से 3 किलो सोना लूटा
। उदयपुर। उदयपुर के गोपालपुरा थाना इलाके में जेन से आए लुटेरों ने सराफा व्यापारी के बेटे से करीब तीन किलो सोने के आभूषण लूट लिये। यह आभूषण लेकर बाप-बेटे डिलिवरी देने जा रहे थे, जब जेन कार से आए लुटेरों ने बेटे का अपहरण करके उसके पास मौजूद सोना लूट लिया और उसे कुछ दूर सड़क पर फेंक कर भाग गएपुलिस को सूचना मिली तो नाकेबंदी खूब हुई, लेकिन लुटेरों का न तो सुराग हाथ लगा और न ही उनकी हवा ही पुलिस को लग पायी। बदहवास पीडितों से पुलिस घटना का और विवरण और लुटेरों का हुलिया जानने की कोशिश कर रही है।
ऎसे हुई वारदात
घटना बुधवार सुबह करीब आठ बजे की है। गोपालपुरा के ठोकर चौराहे के रहने वाले मदन सिंह और उनका बेटा संजय तैयार सोने के आभूषणों को बैग में लेकर पास के ही बाजार में किसी व्यापारी को डिलिवरी देने जा रहे थे। इसी दौरान मारूति जेन कार में आए लुटेरों ने चलती कार से संजय को अंदर खींचा और बैग समेत उसे लेकर पल भर में हाइवे की ओर ओझल हो गए। व्यापारी ने शोर मचाया, तो लोग मौके पर दौड़े जरूर लेकिन लुटेरों की झलक तक उनकों नहीं मिल पायी।
करीब 15 किलोमीटर दूर हाइवे पर एक सुनसान जगह पर लुटेरों ने संजय को चलती कार से फेंक दिया, जिससे चोट खाकर वह कुछ देर बेहोश भी रहा। उसका मोबाइल फोन और बैग लेकर लुटेरे फरार हो गए। बाद में उधर से गुजरते हुए लोगों ने उसे इस हाल में देखा तो जानकारी लेकर पुलिस और उसके घरवालों को खबर की। पुलिस ने कई टुकडियां बना कर शहर के बाहर भी बदमाशों की तलाश में भेज दी हैं। पुलिस पीडित बाप-बेटे से लुटेरों के हुलिए के बारे में जानकारी हासिल कर रही है।
इंदौर। शहर..नहीं, प्रदेश का बड़ा अस्पताल..एमवायएच। स्वास्थ्य राज्य मंत्री महेंद्र हार्डिया भी इसी शहर के हैं और आए दिन वे इसका दौरा ही करते रहते हैं। संभागायुक्त प्रभात पाराशर भी बीते सप्ताह में दो बार एमवाय अस्पताल पहुंच कर डॉक्टरों से लेकर निचले स्टाफ तक को नसीहत दे आए। सोमवार को भी दोनों ने देर रात तक बैठकें लीं, लेकिन मंगलवार दोपहर को यह सब बेमानी साबित हो गया, जब एक भाई को अपनी भाई के ही शव को स्ट्रेचर पर रखकर खुद मॅच्र्यूरी तक ले जाना पड़ा।
बरसते पानी में एक व्यक्ति स्ट्रेचर पर भाई के शव को खींचकर मॅच्र्यूरी तक ले जा रहा था। उसके आंसू बारिश के पानी के साथ बहते जा रहे थे, लेकिन बेशर्मी की हद तो यह हुई कि इस अमानवीय व्यवहार पर अस्पताल के ऊपर से लेकर निचले स्टाफ तक किसी को भी अफसोस नहीं था।
खंडवा जिले के रोहनी गांव के भगवान के भाई अशोक पिता प्यार सिंह ने नि:संतान होने के दु:ख में जहर खा लिया था। मंगलवार को एमवायएच में ही उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम करवाने की परची लिख दी, लेकिन लगभग आधे घंटे तक कोई वार्डबॉय नहीं आया। भाई की मौत का गम सीने में दबाकर भगवान ने स्ट्रेचर खींचा और भाई का शव रखा।
अशोक के रिश्तेदार हरिसिंह चंदेल ने बताया कि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि उसे कहां ले जाएं। अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी को पीएम रूम के बारे में पूछा, तो उन्होंने रास्ता बता दिया। पांचवी मंजिल से खींचते हुए तल मंजिल तक उतरा और फिर बरसते पानी में अस्पताल परिसर से मॅच्र्यूरी तक लगभग 10 मिनट तक उसे खींचते हुए ले गया।
उसकी आंखों में यह सवाल था कि क्या मौत के बाद भी भाई को दर्द (अव्यवस्थाओं का) सहना पड़ेगा? नियम कहता है कि शव को मॅच्र्यूरी तक ले जाने के लिए शव वाहन होते हैं, लेकिन एक भी गाड़ी अस्पताल के टीन सेट से बाहर नहीं निकली। शाम 4 बजे जाकर पोस्टमार्टम हो पाया। शव सुपुर्द करने के समय पोस्टमार्टम कर रहे कर्मचारियों ने भगवान से कफन के लिए 700 रुपए मांगे। मरने के बाद भी सौदा..भगवान ने बताया जब तक हमने 500 रुपए नहीं दिए तब तक भाई का शव नहीं मिला।
आंखों देखी
एमवाय अस्पताल के नियमों के अनुसार किसी भी शव को वार्ड से भूतल तक लाने के जिम्मेदारी वार्ड बॉय की होती है। परिसर से मॅच्र्यूरी तक ले जाने के लिए शव वाहन होते हैं, लेकिन अशोक का शव ले जाने के लिए एक भी गाड़ी अस्पताल के टीन सेट से बाहर नहीं निकली।
पटना. वह करोड़ों में एक है। भगवान ने ही उसे कुछ खास बनाया है। सब महिलाओं में एक बच्चेदानी होती है। उसके दो हैं। उसे यह बात पहले बच्चे के जन्म के दौरान पता चली। जब डॉक्टरों ने बताया तो उसे खुशी हुई पर ये नहीं पता था कि अगली बार उसके दोनों गर्भाशयों में भ्रूण पल रहे होंगे।
पटना की 28 साल की रिंकू के एक बेटा है। दूसरी बार जब वह गर्भवती हुई तो उसे बताया गया कि उसे अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी क्योंकि उसकी दोनों बच्चे दानियों में भ्रूण है। इतनी ही नहीं यह खबर विदेश की कई साइटों और अखबारों में भी प्रमुखता से छपी है। और हर जगह इस खबर पर हैरानगी जाहिर की गई है। इस बार रिंकू ने प्रीमेच्योर बच्चों को जन्म दिया है।
एक बेटा डेढ़ किलो का है और दूसरा 2 किलो का। डिलीवरी करवाने वाली डॉक्टर दीप्ति सिंह ने कहा कि ऐसा बहुत कम होता है। रिंकू के दोनों बच्चों का जन्म सिजेरियन सर्जरी से हुआ। ऑप्रेशन एक घंटा चला, लेकिन यह बेहद दुर्लभ मामला है। रिंकू तो हैरान है ही लेकिन उसके विचित्र शरीर ने डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया।
पंजीकरण प्रक्रिया के संबंध में जारी नए दिशा निर्देश लागू करने के विरोध में अधिवक्ताओं ने दिया धरना
जोधपुर। कचहरी स्थित उपमहानिरीक्षक पंजीयन एवं पदेन कलक्टर मुद्रांक कार्यालय पर वकीलों ने बुधवार सुबह से धरना दिया तथा कार्यालय में पंजीयन करवाने जाने वालों को रोका तथा उनके साथ धक्का मुक्की भी की। वकीलों ने कार्यालय में प्रवेश करने वाले कुछ लोगों के हाथ से दस्तावेज लेकर फाड़ डाले तथा कार्यालय परिसर के सामने नारेबाजी की।
राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के सह सचिव अनिल गौड़ तथा पूर्व महासचिव नाथूसिंह राठौड़ ने बताया कि पिछले माह तक पंजीयन कार्यालय में प्रदेश विधान सभा में पारित एनीव्हेयर रजिस्ट्रेशन नीति से पंजीयन किया जा रहा था, जिससे एक रजिस्ट्री करवाने में आधे से पौन घंटा भी नहीं लगता था।
लेकिन अब पंजीकरण प्रक्रिया बदलने के साथ ही सभी रजिस्ट्रियों के लिए सिर्फ एक स्थान पर दस्तावेज जमा करवाने होते हैं जिन्हें उपमहानिरीक्षक चैक करने के बाद मार्क करते हैं तथा बाद में रजिस्टर में इन्द्राज कर विभिन्न क्षेत्राधिकार वाले पंजीयक के पास भेजा जाता है। इससे पूरा दिन खराब होता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने पूर्व में जिला कलेक्टर से मिलकर ज्ञापन दिया था, लेकिन विभाग की ओर से हठधर्मिता दिखाए जाने पर वकीलों के सामने संघर्ष के अलावा कोई चारा नहीं रहा।
इधर उपमहानिरीक्षक पंजीयन बीआर चौधरी ने कहा कि उनके सामने महानिरीक्षक की ओर से जारी निर्देश मानने की बाध्यता है तथा विदिन फ्रेम वर्क वे अधिवक्ताओं के सभी तरह के सुझाव मानने को तैयार हैं।
कलयुगी मां ने बेच डाली नाबालिग बेटी!
उदयपुरवाटी। गुढ़ागौड़जी थाना क्षेत्र में एक महिला पर अपनी ही नाबालिग बेटी को बेचने के आरोप लगे हैं। यह आरोप किशोरी की ओर से आपबीती बताए जाने के बाद उसके मामा ने लगाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि बुधवार सुबह तक मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
पुलिस के मुताबिक अभी तक जो मामला सामने आया है, उसके मुताबिक बीते सत्र में कक्षा छह की परीक्षा पास करने वाली 15 वर्षीय किशोरी को उसकी मां 24 जून 2011 को कपड़े दिलाने के बहाने घर से बाजार ले गई। आरोप है कि गुढ़ागौड़जी के घूमचक्कर के पास की गली में पहले से मोहनलाल बगडिया निवासी गुढ़ागौड़जी, अशोक निवासी ठिकरिया सहित कुछ लोग गाड़ी लिए खड़े थे। मां बेटी जब गाड़ी से होकर गुजरे तो वहां मौजूद लोगों ने किशोरी को गाड़ी में डालकर मुंह पर कपड़ा बांध दिया और पहाड़ की ओर लेकर चले गए।
फिर उसे जबरदस्ती नए कपड़े पहनाए और पहाड़ी पर स्थित मंदिर में पीपल के पेड़ के नीचे थोड़ी आग जलाकर दो चक्कर लगवाए। उसके बाद वे लोग उसे ठिकरिया अशोक के घर लेकर चले गए। उसे वहां सात-आठ दिन रखा एवं वहां अशोक ने जबरदस्ती ज्यादती की। अशोक ने किशोरी को बताया कि उसकी मां व दलाल को उसने दो लाख 15 हजार रूपए देकर उसे खरीद लिया है। उसे अब यहीं पर रहना होगा। कुछ दिन बाद किशोरी ने अशोक से अपने वृद्घ दादा से मिलवाने का आग्रह किया। अशोक इसके लिए तैयार हो गया और जब किशोरी अपने दादा के पास पहुंची तो आप बीती सुनाई। उसने अपने मामा को भी पूरी घटना बताई। मामला खुलने के बाद किशोरी के मामा ने पुलिस को सूचना दी और एफआईआर दर्ज कराई।
रेगिस्तान में मेघ मल्हार .....सुंदर नज़ारे देखिये
रे गिस्तान में मेघ मल्हार .....सुंदर नज़ारे देखिये
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मंगलवार को शुरूहुई बरसात बुधवार को भी जारी रही ,...रेगिस्तानी इलाको की प्राकृतिक सुन्दरता बरसात की बूंदों में देखते बनती हें.....रेगिस्तान में बरसात के नज़ारे आपको दिखाते हें.....
कोर्ट परिसर की दीवार फांद भागा गैंगस्टर
जोधपुर/फलोदी। हत्या के मामले में जोधपुर के केन्द्रीय कारागार में सजा काट रहा शातिर गैंग लीडर प्रदीप गोदारा मंगलवार अपराह्न फलोदी में न्यायालय परिसर की दीवार फांद कर भाग निकला। पुलिस ने पूरे राज्य में नाकाबंदी करवाई, लेकिन गैंगस्टर का कोई सुराग नहीं लग पाया।
पुलिस के अनुसार बीकानेर में बज्जू थानांतर्गत नगरासर गांव निवासी प्रदीप गोदारा पुत्र रामेश्वर विश्नोई शातिर गैंग लीडर है। उसके खिलाफ जोधपुर, बीकानेर व अन्य जिलों में पुलिस पर फायरिंग, जानलेवा हमला, हत्या व वाहनों को आग लगाने सहित करीब तीन दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं।
वह हत्या के एक मामले में जोधपुर के केन्द्रीय कारागार में सजा काट रहा है। बाप थाना क्षेत्र में ट्रक जलाने के एक मामले में मंगलवार को फलोदी के एसीजेएम कोर्ट में उसकी पेशी थी। इसके लिए जोधपुर ग्रामीण पुलिस के दो हथियारबंद सहित आठ चालानी गार्ड प्रदीप व चार अन्य बंदियों को लेकर फलोदी कोर्ट पहुंचे।
पेशी के दौरान अपराह्न सभी कोर्ट परिसर के खुले भाग में बैठे थे। इसी बीच, प्रदीप चालानी गार्ड की आंखों में धूल झोंकते हुए चम्पत हो गया। इससे पहले कि चालानी गार्ड कुछ समझ पाते, वह दीवार फांद कर कुछ दूर खड़ी मोटरसाइकिल पर बैठ कर आंखों से ओझल हो गया।
नागौर की तरफ फरार
प्रदीप के भाग निकलने की सूचना के बाद फलोदी के कार्यवाहक थाना प्रभारी भंवरसिंह राजपुरोहित घटना स्थल पहुंचे और जिले भर में नाकाबंदी करवा कर तलाश शुरू की। पुलिस का कहना है कि मोटरसाइकिल पर भागने के बाद प्रदीप ने रास्ते में वाहन बदल लिया। वह बोलेरो कैम्पर में बैठ कर नागौर की तरफ भागा। देर रात तक आरोपी की तलाश जारी थी।
फरार प्रेमी युगल के खिलाफ मौत का फरमान
मुजफ्फरनगर। प्रेम विवाह और सगोत्र विवाह पर समाज के ठेकेदार अपना "तुगलकी फरमान" अक्सर सुनाते रहते हैं। इसी क्रम में एक पंचायत ने समान जाति और गोत्र के प्रेमी युगल के फरार हो जाने पर प्रेमी के परिजनों को सजा के तौर पर समाज से अलग कर दिया है। इतना ही नहीं, प्रेमी के परिजनों को घर से बाहर निकलने, बच्चों के स्कूल जाने, सरकारी नल से पानी पीने और प्रेमी युगल के गांव लौटने पर मौत का फरमान जारी कर दिया।
यह मामला मुजफ्फरनगर जनपद के तितावी थाना क्षेत्र के गांव हैदरनगर का है जहां के रहने वाले नीटू और संतेश पिछले पांच साल से एक-दूसरे से मोहब्बत करते हैं लेकिन इनकी बेपनाह मोहब्बत प्रेमिका संतेश के परिजनों और गांव के लोगों को मंजूर नहीं थी, इसलिए कि दोनों एक ही गांव और एक ही बिरादरी के साथ-साथ एक ही गोत्र के हैं। लिहाजा, प्रेमिका के घर वालों ने प्रेमिका की शादी प्रेमी से न कर दूसरी जगह तय कर दी।
प्रेमिका को यह रिश्ता मंजूर नहीं था, इसलिए नीटू और संतेश ने घर और समाज की परवाह किए बगैर घर और गांव से भागकर मेरठ में "कोर्ट मैरिज" कर ली। दोनों के बालिग होने के कारण अदालत ने शादी के दस्तावेजों पर मुहर लगा दी। प्रेमी युगल की शादी की बात जब गांव के लोगों को पता चला तो पिछले रविवार को गांव में 36 कौम की पंचायत बुलाई गई जिसमें सभी बिरादरी के मुखियाओं ने प्रेमी युगल के साथ प्रेमी नीटू के परिजनों को सजा सुनाई।
सजा के तौर पर नीटू के घर के लोगों को समाज से दूरी बनाए रखने, गांव में किसी भी दुकान से सामान न खरीदने, बच्चों को स्कूल न भेजने, सरकारी नल या कहीं से पानी न भरने के साथ-साथ प्रेमी युगल के गांव में लौटने पर मौत का फरमान जरी कर दिया। इतना ही नहीं, इन लोगों से बात करने या मदद करने वाले पर पचीस हजार रूपये का आर्थिक दंड भी सुनाया गया।
तितावी के पुलिस क्षेत्राधिकारी अजय कुमार ने कहा कि प्रेम युगल को सुरक्षा दी जाएगी तथा मामले की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी। पंचायत के इस फरमान को प्रेमिका पक्ष के लोगों की रजामंदी तो मिल गई मगर नीटू की बूढ़ी मां और भाई-भाभी के साथ-साथ छोटे बच्चों को खाने-पीने और स्कूल जाने के लाले पड़ गए। अब यह पीडित परिवार अपने ही घर में सिमट कर रह गया है। पंचायत के इस फरमान से जहां प्रेमी पक्ष के लोगों में दहशत है, वहीं प्रेमिका के परिजन पंचायत के फरमान को सही बता रहे हैं। वे नीटू पर युवती संतेश को बहला-फुसला कर भगाने का आरोप लगा रहे हैं।