शनिवार, 29 फ़रवरी 2020

जैसलमेर,राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अपने मिशन में असफल,न महिलाओ को न युवाओ को रोजगार उपलब्ध करा पाया*

जैसलमेर,राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन अपने मिशन में असफल,न महिलाओ को न युवाओ को रोजगार उपलब्ध करा पाया*

*कागज़ों में स्वयं सहायता समूह रिवोल्विंग फंड के लिए चलते है*,इस साल फंड भी जारी नहीं

जैसलमेर दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना लचर नेतृत्व और लापरवाह भ्रष्ट कार्मिकों के कारण अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने में विफल रही।।योजना का मूल उद्देश्य शहरी गरीबो को सशक्त आधारभूत स्तर की संस्थानों में संगठित करने,कौशल विकास के लिए अवसर सृजित करने ,युवाओ और महिलाओ को रोजगार परख प्रशिक्षण,स्वयं सहायता समूहों के गठन और उन समूहों के माध्यम से रोजगार ,शहरी बेघरों को चरणबद्ध तरीके से अनिवार्य सेवाओ युक्त आश्रय मुहैया कराना,शहरी क्षेत्र में ठेलों पर बिक्री चलाने वालों की आजीविका में सुधार करना।उन्हें उचित स्थान उपलब्ध कराना।।ऐसे महत्वपूर्ण उद्देश्यों को लेकर शुरू किया मिशन जैसलमेर में दम तोड़ चुका है।।कहने को योजना में शहरी क्षेत्र में करीब साठ से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया था।।इन समूहों में एक भी समूह सक्रिय नहीं है।इन समूहों का गठन भी दस हजार रुपये के रिवोल्विंग फंड के उद्देश्य से कराया गया।।मिशन के तहत किसी भी स्वयं सहायता समूह को रोजगार परख प्रशिक्षण आयोजित नहीं नए।नही कभी स्वयं सहायता समूहों की बैठकों का आयोजन किया गया।शहरी क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कोई कार्य असज तक नही किया गया।।जबकि प्रावधान के की समूहों को गृह लघु उद्योगों का प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाए।।जेसलमेर में कितनी महिलाओ को रोजगार के लिए दो लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया गया,जिन महिलाओं को ऋण उपलब्ध कराया उनमें कितनी महिलाएं रोजगार के साधन नियमित चला रही है इसकी जानकारी योजना के स्थानीय जिम्मेदारों को भी नही।।योजना के उद्देश्यों पर महज कागज़ी खाना पूर्ति के अलावा योजना के प्रति जिम्मेदार गंभीर नहीं रहे।जिसके कारण इस योजना का उद्देश्य ही खत्म हो गया।।इस सम्बंध में जब प्रभारी ललित लोढा से दूरभाष पर बात करनी चाही तो उन्होंने दो टूक शब्दों में जवाब दिया कि आफिस की जानकारी है आफिस के हिसाब से देंगे।सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लगाओ।।बहरहाल इस योजना में कुल पांच प्रमुख लक्ष्यों की परत दर परत खुलासा करेंगे।।इस योजना में बनाये गए स्वयं सहायता समूहों का भौतिक सत्यापन के साथ साथ जारी की गई रिवोल्विंग फंड की राशि के उपयोग ,उनकी बैंक स्थति ,का भी भौतिक सत्यापन होना चाहिए।मजे की बात हे की वित्तीय वर्ष समाप्त होने को हे और समूहों को रिवोल्विंग फंड इस साल का जारी नहीं किया,।योजना गैर जिम्मेदार अद्धिकारियो के कारण अपने उद्देश्यों से भटक कर राह गई है।। पुनः दूरभाष पर राष्ट्रिय शहरी  आजीविका मिशन जैसलमेर के प्रभारी अधिकारी ललित लोढ़ा ने बताया की जैसलमेर में स्वयं सहायता समूह कितने हे इसकी मुझे जानकारी नहीं हैं ,मंगलाराम हमारे कार्मिक हे उन्हें पता हैं ,इस साल स्वयं सहायता समूहों को रिवोल्विंग फंड अभी जारी नहीं किया , कार्यवाही चल रही हैं ,

शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

बाड़मेर एसपी व डिप्टी एपीओ, 4 माह मे थाने मे दूसरी मौत*,अतिरिक्त पुलिस महा निदेशक मेहरड़ा पहुंचे बाड़मेर ,धरनार्थियों से वार्ता जारी

बाड़मेर एसपी व डिप्टी एपीओ, 4 माह मे थाने मे दूसरी मौत*,अतिरिक्त पुलिस महा निदेशक मेहरड़ा पहुंचे बाड़मेर ,धरनार्थियों से वार्ता जारी

बाड़मेर ग्रामीण थाने मे हुई दलित युवक की मौत के मामले ने सरकार ने गंभीरता दिखाते हे बाडमेर एस पी और डिप्टी एस पी को एपीओ कर दिया है । बाडमेर मे पिछले डेढ साल मे 4 एस पी एओ हुए है । सरकार ने आदेश जारी कर बाडमेर एस पी शरद चौधरी तथा डिप्टी एस पी विजय सिह को ए पी ओ कर दिया है ।  दलित समाज के सेकड़ो लोग मोर्चरी के आगे धरने  बैठे हैं ,भारी विरोध के बीच जिला कलेक्टर अंशदीप ,अतिरिक्त पुलिस महा निदेशक रवि प्रकाश मेहरड़ा ,जोधपुर रेंज महानिरीक्ष नवज्योति गोगई वार्ता के लिए धरनार्थियों  पहुँच शव उठाने की समझाईस कर रहे हैं ,दलित समाज एक करोड़ रूपये मुआवजा और आश्रित को सरकारी नौकरी और दोषी पुलिसकर्मीयो के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज की मांग पर अड़े हुए हैं ,अभी तक शव का पोस्ट मार्टम नहीं हुआ ,


*क्या है मामला*

बाडमेर के ग्रामीण थाने मे बुधवार को हमीरपौर निवासी दलित युवक जीतू खटीक की मौत हो गई है थी । पुलिस ने जितू को चोरी के आरोप मे पकडा था लेकिन जीतू के खिलाफ थाने मे कोई मामला दर्ज नही था । इस मामले को लेकर लोगो मे जबरदस्त आक्रोश है । एस पी शरद चौधरी ने कल ही थाना प्रभारी दीप सिह को सस्पेंड कर दिया था और पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया था । लेकिन मामले को बढता व जनता को विरोध देखतें हुए सरकार ने एस पी व डिप्टी एस पी को एपीओ कर दिया ।

4 माह मे थाने मे दूसरी मौत*

बाडमेर मे पिछले 4 माह में पुलिस कस्टडी में दूसरी मौत है इससे पहले बालोतरा मे  आरटीआई कार्यकर्ता जगदीश गोलिया की भी थाने मे मौत हो गई थी ।

15 माह में बाड़मेर में 4 एसपी एपीओ*

23 नवम्बर को 2018 मनीष अग्रवाल,22 सितंबर 2019 को शिवराज मीणा हो चुके है एपीओ

वही 27 फरवरी को शरद चौधरी को किया जा चुका है एपीओ

बाडमेर ,हिरासत में मौत* *पुलिस ने अवैध हिरासत में रखा,गलती हुई पुलिस से* सर्किट हाउस में पीड़ित पक्ष के साथ वार्ता जारी,

बाडमेर ,हिरासत में मौत*

*पुलिस ने अवैध हिरासत में रखा,गलती हुई पुलिस से*

सर्किट हाउस में पीड़ित पक्ष के साथ वार्ता जारी,

*बाडमेर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बाडमेर में गुरुवार को ग्रामीण थाना में हिरासत में दलित युवक की मौत पर बोले कि पुलिस ने अवैध हिरासत में युवक को रखा,निश्चित रूप से पुलिस से गलती हुई।उन्होंने पत्रकारो से बातचीत में कहा कि मामले की जांच सी आई डी सी बी के पास है जल्द न्यायिक जांच होगी।।प्रकरण जांच अधीन है इसपे ज्यादा बोलना उचित नही ,मगर जांच में दोषी पाए जाने वालों को किसी भी सूरत में बख्सा नहीं जाएगा।।उन्होंने बताया कि पुलिस सदैव जनमित्र रही है।।गलतियां होती है।मगर जानबूझ के जो गलतियां करते है उन्हें बख्सा नहीं जाएगा।।उन्होंने कहा कि पुलिस तंत्र में सुधार की प्रक्रिया जारी है।।उस मामले में परिजनों के साथ न्याय होगा।।उन्होंने बताया की मृतक के परिजन सरकारी नॉकरी और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे है।।जब तक जांच नही होती इसमे कुछ कहना जल्द बाज़ी होगी।।उन्होंने कहा कि बाडमेर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है।।ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो प्रयास किया जाएगा।।इधर पीड़ित पक्ष के साथ दूसरे दौर की वार्ता सर्किट हाउस बाडमेर में चल रही है।समाचार लिखे जाने तक कोई नतीजा वार्ता का निहि आया।

जोधपुर एसीबी की बाड़मेर में बड़ी कार्रवाई , फागलिया पीएचसी में मेल नर्स को पंद्रह ₹1500 रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

जोधपुर एसीबी की बाड़मेर में बड़ी कार्रवाई , फागलिया पीएचसी में मेल नर्स को पंद्रह ₹1500 रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

 बाड़मेर 

बाड़मेर में फागलिया पीएचसी में भवराराम की पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया था वहाँ पदस्थापित  मेल नर्स दिनेश कुमार विश्नोई ने इस बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में ₹2000 मांगे बाद में 1500 में सौदा हुआ जिसकी शिकायत परिवादी भंवरा राम ने एसीबी जोधपुर में की

आज एसीपी के एडिशनल एसपी दुर्ग सिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में टीम ने दिनेश कुमार विश्नोई को ₹1500 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया इस संबंध में जांच पड़ताल की जा रही है

जेसलमेर गो शालाओं का गेम, दस निरस्त फिर तीन को अनुदान,अधिकारिय की चांदी*

जेसलमेर गो शालाओं का गेम, दस निरस्त फिर तीन को अनुदान,अधिकारिय की चांदी*

*जैसलमेर सरहदी जेसलमेर जिले में गोशालाओं के संचालन में बड़ा गेम चल रहा है।इस गेम में पशुपालन के अधिकारी गेम चेंजर की बड़ी भूमिका निभा रहे है।।कहना अतिश्योक्ति न होगी कि गौ शालाओं के सत्यापन से जुड़े हर अधिकारी ने चांदी काटी हैं।।जेसलमेर जिले में कोई 35 गौशालाएं अधिकृत है।।जिन्हें अनुदान दिया जाता रहा है।इन गौ शालाओं का समय समय पर भौतिक सत्यापन किया जाता है।।आश्चर्यजनक रूप से कुछ गौशालाओं में गोधन नही होने के बावजूद गोधन दर्शा कर करोड़ो रुपयों का अनुदान उठाने की जानकारी मिली है।गत अक्टूबर माह में राज्य सरकार द्वारा अनुदानित गौ शालाओं का भौतिक सत्यापन कराया गया जिसमें दस गौ शालाओं को नियम विरुद्ध मान उनकी सम्बन्धता निरस्त की गई।।इन निरस्त गौ शालाओं में से तीन गौ शालाओं को निरस्तीकरण के बावजूद पशु पालन विभाग के आला अधिकारी द्वारा जिला कलेक्टर को अंधेरे में रख अनुदान भुगतान पारित करवा लिया।।आश्चर्यजनक पहलू है कि राज्य स्तरीय जांच टीम की अनुसंशा पर निरस्त की गई तीन गौ शालाओं को नियम विरुद्ध भुगतान आखिर कैसे हो गया।जबकि इन दस गौ शालाओं के निरस्त होने को कैबिनेट मंत्री शालेमोहम्मद ने प्रश्न उठाते हुए।।इनका पुनः भौतिक सत्यापन कराने की मांग करने के साथ तीन गौशालाओं को अनुदान देने पर भी सवाल उठाए।।केबिनेट मंत्री द्वारा सवाल उठाने पर पशु पालन अधिकारी ने फिर आदेश निकाले निरस्त की गई गौ शालाओं का फिर से भौतिक सत्यापन किया जाए।इसके लिए बाकायदा जांच टीम बनाई गई।।जबकि जिले में चल रही 35 गौ शालाओं में करीब सात गौ शालाये बोगस है।इन गौ शालाओं के संचालन में पूरी तरह फर्जीवाड़ा है।।एक भी अधिकारी ने निष्पक्षता और ईमानदारी से भौतिक सत्यापन नही किया न ही टेग के आधार पर गोधन की गणना की।।सूत्रों की माने तो तहसीलदार की भी भूमिका संदिगध रही। एक गौ शाला की जांच महिला पशु चिकित्सक को सौंपी गई।उक्त महिला अधिकारी ने वास्तविक जांच रिपोर्ट पेश की तो विभागीय अद्धिकारियो सहित तहसीलदार तक भुनभुना के राह गए।इन अद्धिकारियो ने इस महिला जांच अधिकारी पर दबाव डाल जांच रिपोर्ट बदलवा दी।।इस फर्जी गोशाला को कूटरचित जांच में सही चलना बताया साथ ही इस गौ शाला में पर्याप्त गो धन भी बताया।।जिसके आधार पर इस गो शाला को अनुदान भी स्वीकृत करवा दिया। अब फिर सात गोशालाओं का भौतिक सत्यापन होगा।।