सोमवार, 1 जुलाई 2019

संगीता बेनीवाल ने राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया

संगीता बेनीवाल ने राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया 
जोधपुर की देहात महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष संगीता को गहलोत सरकार में मिला ये बड़ा जिम्मा

राजस्थान की गहलोत सरकार में जोधपुर देहात महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष संगीता बेनीवाल को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. नवनियुक्त अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने सोमवार को राजधानी जयपुर में गांधीनगर स्थित आयोग कार्यालय में अपना पदभार ग्रहण किया. बेनीवाल ने पदभार ग्रहण करने के बाद मौके पर उपस्थित अधिकारियों का आहृान किया कि आयोग के महत्वपूर्ण कार्यो को आपके सहयोग से ही पूरा किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि राज्य में बाल अधिकारों से जुड़े प्रकरण बहुतायत में है, हम इन प्रकरणों का टीम गठित कर निस्तारण के प्रयास करेंगे.

बेनीवाल ने बाल श्रम की रोकथाम के लिए भी प्रभावी कदम उठाने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि समाज में दुष्कर्म जैसी घटनाएं भी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए महिलाओं और बच्चों को शिक्षित करने के साथ उन्हें सावचेत भी करने का प्रयास करेंगे ताकि वे स्वंय भी अपनी रक्षा कर सकें.

कोटा चलती कार बनी आग का गोला, बाल-बाल बचा परिवार

कोटा चलती कार बनी आग का गोला, बाल-बाल बचा परिवार
चलती कार बनी आग का गोला, बाल-बाल बचा परिवार

राजस्थान के कोटा में आज बड़ा हादसा टल गया, जब एक राह चलती कार में भीषण आग लग गई. घटना कोटा शहर की नयापुरा स्थित चंबल नदी की पुरानी पुलिया की है, जहां नयापुरा चौराहे से कार बूंदी रोड बडगांव की ओर जा रही थी. चंबल की पुलिया जैसे ही पुलिया पर कार चढ़ी और कार की स्पीड एकदम कम हो गई, तभी शॉर्ट सर्किट की कार मालिक को आवाज आई, इसके बाद कार धूं-धूं करके जलने लगी. गनीमत रही कि कार मालिक सामाजिक कार्यकर्ता भुवनेश गुप्ता, उनकी पत्नी व साथ में कार में सवार माली सकुशल कार से बाहर निकल आए.

कार में लगी भीषण आग

आग इतनी भीषण थी कि कार मालिक के सामने भीषण आग की लपटों में जलकर खाक हो गई. सूचना पर मौके पर नयापुरा थाना पुलिस, सब्जीमंडी फायर स्टेशन एक दमकल मौके पर पहुंची, जिसके बाद दमकल कर्मियों ने आग पर कड़ी मश्क्कत के बाद काबू तो पाया, लेकिन जब तक कार आग का गोला बनकर पूरी तरह से जल चुकी थी.



आग देखकर लोगों की फैली सनसनी

वहीं कार में आग को देखकर पुलिया के दोनों ओर लोगों की बड़ी भीड़ जमा हो गई. कार मालिक भुवनेश के मुताबिक वह मानसून सत्र में अपनी संस्था के जरिए शहर में 1 लाख पौधो का रोपण करने की तैयारी में लगे है और वन विभाग की बड़गांव नर्सरी से पौधे सलेक्ट करके पत्नी और माली के साथ जा रहे थे, तभी ये हादसा हो गया.

नागौर पेड़ से बांधकर बेरहमी से पिटाई का VIDEO वायरल, नाजायज संबंधों की बात आई सामने

नागौर पेड़ से बांधकर बेरहमी से पिटाई का VIDEO वायरल, नाजायज संबंधों की बात आई सामने
पेड़ से बांधकर बेरहमी से पिटाई का VIDEO वायरल, नाजायज संबंधों की बात आई सामने


राजस्थान के नागौर जिले के हरियाजून गांव में एक युवक की पेड़ से बांधकर बेरहम पिटाई का वीडियो वायरल हो गया है. एक दिन पहले युवक को पुलिस ने कुचामन कस्बे के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाकर उपचार करवाया था. डीडवाना निवासी युवक बलदेवराम सैनी ने तब पुलिस को बताया था कि वह गांव में मंदिर में दर्शन करने गया था और इसी बीच उसे कुछ लोगों ने बंधक बनाकर उसकी पिटाई की. लेकिन पुलिस जांच में सामने आया है कि युवक के गांव की किसी युवती के साथ नाजायज संबंध भी इस मारपीट के पीछे कारण हो सकता है.कुचामनसिटी के हरियाजून के इस मामले में पुलिस ने घायल युवक की शिकायत पर गांव के एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस के अनुसार युवक 27 वर्षीय बलदेवराम ने रिपोर्ट लिखवाई है कि वह हरियाजून मावलिया माताजी के दर्शन के लिए गया था. उस सममय रास्ते में कुछ लोगों ने उसकी मोटरसाइकिल रुकवा कर नाम पता पूछा और उसे पेड़ से बांधकर मारपीट की. उसका मोबाइल भी छीन लिया.

पाली में गैंगरेप, बच्चों को गिरवी, डॉक्टर ने पेट में छोड़ी रुई

 पाली में गैंगरेप, बच्चों को गिरवी, डॉक्टर ने पेट में छोड़ी रुई
सुर्खियां: स्वामी ज्ञानवत्सल नाराज, पाली में गैंगरेप, बच्चों को गिरवी, डॉक्टर ने पेट में छोड़ी रुई

पाली के जैतारण में शनिवार दोपहर को बाजार गई एक नाबालिग बच्ची का अपहरण कर गैंगरेप किया गया. आरोपियों में एक नाबालिग भी शामिल है. पुलिस ने ताबड़तोड़ दबिश देकर चार घंटे में ही दो युवकों को कुंदन उर्फ लादेन, कमलेश रेगर के साथ नाबालिग को पकड़ लिया. पीड़िता हाल ही दसवीं परीक्षा में पास हुई है.

उदयपुर के पन्नाधाय राजकीय जनाना अस्पताल में एक प्रसूता के साथ लापरवाही के मामले को प्रमुखता से उठाया है. अखबार ने मुख्य पृष्ठ पर खबर प्रकाशित करते हुए लिखा है कि चिकित्सक और स्टाफ ने प्रसव के बाद प्रसूता के शरीर में रुई का गट्‌टा छोड़कर टांके लगा दिए. प्रसूता और परिजन दो बाद घर चले गए. अलगी रात प्रसूता के यूरिन रुक गया और वह रात भर दर्द से तड़पती रही. सुबह जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने टांके खोलकर रुई निकाली.

राजस्थान में झालावाड़ जेल से फरार 3 बंदियों में से 2 ने मध्य प्रदेश में खाया जहर!

राजस्थान में जेल से फरार 3 बंदियों में से 2 ने मध्य प्रदेश में खाया जहर!

राजस्थान में झालावाड़ जेल से फरार 3 बंदियों में से 2 ने मध्य प्रदेश में खाया जहर!


झालावाड़ जिला कारागृह से करीब 10 दिन पहले फरार हुए तीन बंदियों में से 2 ने आर्थिक तंगी के चलते मध्य प्रदेश में जहर खाकर आत्महत्या करने को प्रयास किया है. मध्यप्रदेश पुलिस ने उनको भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया है. वहां उनमें से एक ही हालत गंभीर बनी हुई है. इसकी सूचना पर झालावाड़ पुलिस मध्यप्रदेश के लिए रवाना हो गई है.

पुलिस पूछताछ में खुला राज

पुलिस के मुताबिक फरार बंदी अप्पू उर्फ अकूड़ा और सोनू ने रविवार को भोपाल के खजूरी थाना इलाके में जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया. उन्हें गंभीर हालत में मध्य प्रदेश पुलिस ने भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया. वहां होश में आने के बाद जब पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो पता चला कि वे झालावाड़ जेल से फरार हुए मुजरिम हैं. इस पर मध्य प्रदेश पुलिस ने झालावाड़ पुलिस को सूचना दी. अप्पू ऊर्फ अकूड़ा झालावाड़ जिले के डग कस्बे का और सोनू पिड़ावा इलाके के डोला गांव का रहने वाला है.

22 जून को फरार हुए थे तीन बंदी

ये दोनों बंदी अपने तीसरे साथी दिनेश प्रजापति के साथ गत 22 जून को झालावाड़ जिला कारागृह से फरार हो गए थे. तीनों कंबल की रस्सी बनाकर जेल की दीवार फांदकर फरार हुए थे. इनमें से अप्पू एक नाबालिग से रेप और हत्या के मामले में जेल में बंद था. वहीं सोहन उर्फ सोनू और दिनेश प्रजापति नाबालिग से रेप केस में जेल में बंद थे.

आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे
तीनों बंदी फरार होने के बाद आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे. पुलिस से बचने के लिए इधर-उधर छिपते फिर रहे थे, लिहाजा कहीं कामकाज भी नहीं कर सकते थे. इस बीच उनका तीसरा साथी दिनेश उनसे अलग हो गया. दूसरी तरफ मुफलिसी में दिन गुजार रहे अप्पू और सोनू ने तंग आकर रविवार को जहर खाकर जान देने का प्रयास किया.

जेलर समेत पांच कार्मिकों को किया गया था निलंबित
बंदियों के फरार होने के बाद डीजी जेल ने लापरवाही बरतने के आरोप में जेलर विनीता सक्सेना और मुख्य प्रहरी शंकरलाल सहित 5 कार्मिकों को निलंबित कर दिया था. पुलिस पिछले 10 दिन से लगातार फरार बंदियों की तलाश में जुटी हुई थी, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लग पाया था.