सोमवार, 27 नवंबर 2017

बाड़मेर अतिरिक्त जिला कलक्टर बिश्नोई ने किया भारत का संविधान उद्धेशिका का पाठन



बाड़मेर अतिरिक्त जिला कलक्टर बिश्नोई ने किया

भारत का संविधान उद्धेशिका का पाठन

बाड़मेर, 27 नवंबर। अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी.बिश्नोई ने सोमवार प्रातः कलक्ट्रेट काफ्रेन्स हॉल में भारत का संविधान उद्धेशिका का पाठन किया। इस अवसर पर जिला रसद अधिकारी अशोक सांगवा, कोषाधिकारी दिनेश बारहठ, पुलिस उप अधीक्षक रतनलाल, डिस्कॉम के अधिशाषी अभियन्ता ए.के. जैन, अतिरिक्त कोषाधिकारी चूनाराम पूनड़ सहित अधिकारी एवं विभिन्न शाखाओं के कार्मिक उपस्थित थे।

बिश्नोई ने भारत के संविधान की उद्धेशिका ‘‘ हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर, 1949 ई0 (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत दो हजार छह विक्रमी) को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते है।‘‘ का व्याख्या सहित पाठन किया। इस मौके पर उन्होने संविधान के प्रति जागरूकता बढाने के लिए संविधान के मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला।

जूडो में बाड़मेर के लक्ष्मणसिंह ने दिलाया राजस्थान को राष्ट्र स्तर पर रजत पदक



जूडो में बाड़मेर के लक्ष्मणसिंह ने दिलाया राजस्थान को राष्ट्र स्तर पर रजत पदक
जूडो बालक वर्ग में बाड़मेर का सबसे बड़ा पदक
बाड़मेर 27 नवम्बर 2017

63वीं राष्ट्रीय छात्र-छात्रा जूडो प्रतियोगिता मंे बाड़मेर के लक्ष्मणसिंह ने राष्ट्र स्तर पर रजत पदक जीता। जूडो कोच भागीरथ सिंवल ने बताया कि नड़ीयाद, गुजरात में चल रही राष्ट्रीय प्रतियोगिता में रामावि गरल में अध्ययनरत लक्ष्मणसिंह ने चार राज्यों के जूडोगाओं को पछाड़ राष्ट्र स्तर को दूसरा सबसे बड़ा पदक रजत पदक अपने नाम किया। लक्ष्मण सिंह ने विद्या भारती, उतराखण्ड, बिहार, उतरप्रदेश को शिकस्त दी। लक्ष्मणसिंह ने पूर्व में भी राष्ट्रीय ओपन प्रतियोगिता में गत वर्ष भी ब्रॉज मैडल दिलाया। इस वर्ष स्कूल गेम्स में रजत पदक जीतकर अपना, राजस्थान तथा बाड़मेर का नाम रोशन किया। फाईनल मुकाबले में पंजाब से मामूली अंको से पिछड़ गये जिससे राष्ट्र स्तर के सबसे बड़े स्वर्ण पदक से एक कदम दूर रह गये। खिलाड़ीयों के साथ कोच व टीम मैनेजर के रूप में भागीरथ सिंवल, भगराज मायला, खियाराम कुकणा, उम्मेदसिंह साथ रहे। राजस्थान के अन्य खिलाडि़यों ने भी उत्कृष्ट प्रदर्षन किया। जिसमें हनुमानगढ के अजयराज ने गोल्ड मैडल जीता वही राकेश कुमार ने ब्रॉज मैडल जीता।

¬¬ लक्ष्मण सिंह व राजस्थान टीम के अन्य साथी खिलाड़ीयो को राजस्थान जूडो संघ के महिपाल सिंह ग्रेवाल, डॉ.शेरसिंह अन्तर्राष्ट्रीय रेफरी, सह सचिव रेखाराम सियोल, बाड़मेर जूडो संघ जिलाध्यक्ष अचलाराम बेनिवाल, कोच भागीरथ सिंवल, जूडो कोच खेमाराम चौधरी, विरधीचंद वैष्णव, राजस्थान चीफ श्रीमती गायत्री शर्मा, देवेन्द्र कुमार, उम्मेदसिंह, सी आर घाट, रमेश कुमार, माधव सियोल, खियाराम कुकणा, तिलोक थोरी, तेजाराम हुड्डा, उदाराम गोदारा, श्रीराम बेनिवाल, सहित समस्त जूडो के कोचेज व पूर्व खिलाडि़यों ने बधाई दी। 24-28 नवम्बर तक गुजरात में चल रही इस जूनियर जूडो प्रतियोगिता में बाड़मेर के 6 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे है। जिसमें लक्ष्मणसिंह, प्रियंका, छगनी, गंगा, दरिया, अचली शामिल है। यह जानकारी बाड़मेर जुडो संघ प्रवक्ता तेजाराम हुड्डा ने दी।

बाड़मेर जूनियर व सीनियर ओपन ट्रायल का सफल आयोजन 18 खिलाड़ीयों का राज्य स्तर के लिए चयन



बाड़मेर जूनियर व सीनियर ओपन ट्रायल का सफल आयोजन

18 खिलाड़ीयों का राज्य स्तर के लिए चयन


1 से 3 दिसम्बर तक उणियारा टोंक में करेगें बाड़मेर का प्रतिनिधित्व

27 नवम्बर 2017 बाड़मेर

जूनियर व सीनियर वर्ग की ओपन जूडो प्रतियोगिता की ट्रायल का आयोजन राउमावि सुथारों का तला, गरल में किया जाएगा। जूडो कोच खेमाराम चौधरी ने बताया कि राजस्थान जूडो संघ सचिव सियोल एवं बाड़मेर जिलाध्यक्ष अचलाराम बेनिवाल के निर्देशानुसार जूनियर व सिनियर वर्ग की ओपन जूडो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें 18 खिलाड़ीयों का राज्य स्तर के लिए चयन किया गया। जिसमें 11 जूनियर वर्ग के खिलाड़ीयो व 7 सिनियर वर्ग के खिलाड़ीयों का चयन किया गया। प्रतियोगिता की शुरूआत बीएसएफ के इस्पेक्टर मेहरसिंह, बाड़मेर जूडो संघ जिलाध्यक्ष अचलाराम बेनिवाल, बाड़मेर फुटबाल संघ के सचिव राजेन्द्र सिंह, भामाशाह उदाराम गोदारा, मगाराम बुड़ीया के मुख्य आतिथ्य में की गई। प्रतियोगिता में निर्णायकों की भूमिका देवेन्द्र चौधरी, जूडो कोच इस्पेक्टर मेहरसिंह, रमेश कुमार सियोल, माधव सियोल, दुर्गाराम मायला, तारा चौधरी, तेजाराम हुड्डा, भीयाराम भादू ने निभाई। प्रतियोगिता के दौरान ये रहे उपस्थित - लेखक जोगाराम सारण, व्याख्याता सतीष कुमार, पपु कुमार सारण, सीआर घाट, मूलाराम कुकणा, विशनाराम, मूलाराम हुड्डा, लालाराम, श्रीराम बेनिवाल सहित कई उपस्थित रहे।

इनका हुआ चयन

जूनियर छात्रा वर्ग में - 44 किलो भारवर्ग में लीला, 48 किलो भारवर्ग में सारों, 52 किलो भारवर्ग नेनू, 57 किलो भारवर्ग में टूगी, 63 किलो भारवर्ग में शेरू, 70 किलो भारवर्ग में मूली वही सिनियर छात्रा वर्ग में 48 किलो भारवर्ग में इमरती, 52 किलो भारवर्ग पुरों, 57 किलो भारवर्ग में तारा चौधरी का चयन किया गया।

जूनियर छात्रवर्ग में - 55 किलो भारवर्ग में मोहनलाल, 60 किलो भारवर्ग में मिठूसिंह, 66 किलो भार चंदन कुमार, 73 किलो भारवर्ग दिनेश कुमार, 81 किलो भार वर्ग में अभिषेक सिनियर छात्रवर्ग में 60 किलो भारवर्ग में लालाराम, 66 किलो भारवर्ग में ठाकराराम, 73 किलो भारवर्ग में साजन कुमार, प्लस 100 किलो भारवर्ग में प्रतापसिंह का चयन किया गया। 1 से 3 दिसम्बर तक अग्रवाल धर्मशाला उनियारा, टोंक में चयनित खिलाड़ी बाड़मेर का प्रतिनिधित्व करेगें। यह जानकारी जूडो संघ प्रवक्ता तेजाराम हुड्डा ने दी।

केरल लव जिहाद केस: सुप्रीम कोर्ट में बोली हादिया, मुझे चाहिए आजादी, जनवरी के तीसरे हफ्ते में अगली सुनवाई

केरल लव जिहाद केस: सुप्रीम कोर्ट में बोली हादिया, मुझे चाहिए आजादी, जनवरी के तीसरे हफ्ते में अगली सुनवाई

नई दिल्ली: केरल लव जिहाद केस में सुप्रीम कोर्ट में अखिला उर्फ हादिया की पेशी हुई. हादिया के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि बालिग हादिया को जिंदगी के फैसले लेने का हक है. NIA ने कहा कि हादिया को सम्मोहित किया गया है. हादिया के पिता ने कहा कि जान को खतरा है, बंद कमरे में सुनवाई कीजिए.

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# सुप्रीम कोर्ट का आदेश : हादिया की वापस सेलम के होम्योपैथी कॉलेज भेजा. अपनी इंटर्नशिप पूरी करेगी. अगली सुनवाई जनवरी के तीसरे हफ्ते में। पति के पास जाने पर अभी कोई आदेश नहीं

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या इस तरह के कभी हालात हो सकते हैं कि जब कोई बालिग भी जो फैसला ले रहा हो वह फैसला लेते वक्त अपना दिमाग का इस्तेमाल ना कर पा रहा हो.

# हादिया केस में सुप्रीम कोर्ट के जज ने टिप्पणी करते हुए कहा हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप के मामले में भी ऐसा हुआ है लेकिन कुछ एक मामले ऐसे भी होते हैं जहां पर एक बालिग व्यक्ति भी सोच समझ कर फैसला लेने में सक्षम नहीं होता.

# हादिया के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इसको धार्मिक रंग नही दिया जाना चाहिए. ये हादिया की ज़िंदगी है उसको फैसला लेने का अधिकार है. अगर ये भी मान भी लिया जाए कि हादिया ने जिस से निकाह किया वह गलत इंसान है लेकिन फिर भी अगर वह उसके साथ रहना चाहती है कि उसकी मर्जी है.

# सुप्रीम कोर्ट ने हादिया के पिता के वकील से पूछा कि आप क्या चाहते हैं कि पहले हम इस मामले में हादिया से बात करें और फिर यह जो बातें कही गई है कि वह किसी तरह के दबाव में है या फिर किसी साजिश के तहत किसी तरीके से उसको फंसाया गया है उस बात पर गौर करें. या फिर आप चाहते हैं कि पहले हम बाकी पहलुओं पर गौर करें और हादिया से बात बाद में करें.

# कपिल सिब्बल ने कहा कि यहां पर यह मुद्दा नहीं है कि वह बालिग है और और क्या वह किसी दबाव में है या नहीं. यहां मुद्दा यह है कि क्या उसको इस तरह से हिरासत में रखा जाना चाहिए?

# केरल लव जिहाद केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ये साबित भी हो गया कि ब्रेनवॉश करके हादिया की शादी हुई तब भी सवाल ये कि क्या हम ऐसे मामले में भी हस्तक्षेप कर सकते हैं?





#कॉलेज के डीन हदिया के रहने के दौरान किसी तरह की दिक्कत होने पर कोर्ट को जानकारी देंगे. अगर सुरक्षा की ज़रूरत हो तो तमिलनाडू सरकार देखेगी. सेलम तक जाने का खर्च केरल सरकार उठाएगी. सादी वर्दी में पुलिसवाले साथ जाएंगे. 11 महीने की इंटर्नशिप कार्यक्रम पूरा करेगी.

# हादिया ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह अपने पति से मिलना चाहती है

# हादिया ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पिछले 11 महीने काफी शोषण वाले रहे, फिलहाल मैं कैलीकट में अपने दोस्त के घर जाना चाहती हूं जहां मैं जाकर थोड़ा आराम कर सकूं




# सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपके भविष्य के प्लान क्या है, हादिया ने कहा कि मुझे आजादी चाहिए

पिता के आरोप क्या हैं?
हदिया के पिता के एम अशोकन का कहना है कि उसका ब्रेन वाश कर दिया गया है. वो कट्टर ताकतों के इतने असर में है कि उसका अपने दिमाग पर काबू नहीं. कट्टर ताकतों का पूरा तंत्र केरल में काम कर रहा है, जो ISIS के लिए नियुक्ति करने के मकसद से धर्म परिवर्तन कराता है.

क्या है पूरा मामला?
केरल के वाइकोम की रहने वाली अखिला तमिलनाडू के सलेम में होम्योपैथी की पढ़ाई कर रही थी. इसके पिता के एम अशोकन का आरोप है कि हॉस्टल में उसके साथ रहने वाली 2 मुस्लिम लड़कियों ने उसे धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया. अखिला ने इस्लाम कबूल कर अपना नाम हादिया रख लिया. जनवरी 2016 में वो अपने परिवार से अलग हो गई.

हादिया के पिता ने दिसंबर 2016 में केरल हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की. उन्होंने दावा किया कि उनकी बेटी गलत हाथों में पड़ गई है. उसे IS का सदस्य बना कर सीरिया भेजा जा सकता है. उन्होंने बेटी को अपने पास वापस भेजने की मांग की.

हाई कोर्ट ने हादिया को कोर्ट में पेश होने को कहा. 19 दिसंबर को वो शफीन जहां के साथ कोर्ट में पेश हुई और बताया कि दोनों ने कुछ दिन पहले निकाह किया है. दोनों पक्ष के वकीलों की दलील के बाद कोर्ट ने शादी के हालात को शक भरा माना. हादिया को उसके पिता के पास भेज दिया गया.

हाई कोर्ट ने शादी की परिस्थितियों को भी देखा. कोर्ट ने पाया कि अशोकन की नयी याचिका के बाद जल्दबाज़ी में शादी करवाई गई. ये साफ हुआ कि हादिया को अपने पति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. पति और हादिया का धर्म परिवर्तन कराने वाली महिला की संदिग्ध और आपराधिक गतिविधियों की बात भी कोर्ट के सामने आई.

इसके अलावा कोर्ट ने हादिया की मानसिक स्थिति जानने की भी कोशिश की. सुनवाई कर रहे दोनों जज उससे व्यक्तिगत रूप से मिले. जजों का निष्कर्ष था कि उसका दिमाग अपने काबू में नहीं है. उस पर कट्टरपंथ का इतना असर है कि वो सही-ग़लत सोचने की स्थिति में नहीं है.

यूपी: चर्चा में है रायबरेली के डीएम खत्री साहेब की ‘आशिकी’

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यूपी में एक अफसर चर्चे में हैं और इसकी पीछे की वजह उनकी शादी है. रायबरेली के डीएम संजय खत्री ने गाजीपुर की विजयलक्ष्मी वर्मा से विवाह कर लिया है. रायबरेली से पहले संजय खत्री गाजीपुर के डीएम थे. 2009 बैच के आईएएस अफसर खत्री मार्च 2016 में वाराणसी से सटे इस ज़िले के कलेक्टर बने. यहीं इनकी मुलाक़ात राजलक्ष्मी से हुई. देखते ही देखते छोटी सी मुलाक़ात प्यार में बदल गयी और दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे.संजय खत्री की यह दूसरी शादी है. पहली पत्नी को वे तलाक दे चुके हैं.ऐसे वक्त और हालात में उन्हें राजलक्ष्मी का प्यार मिला. 
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फिर दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया.दो महीने पहले संजय खत्री का तबादला गाजीपुर से रायबरेली हो गया. 19 नवंबर को संजय और राजलक्ष्मी ने सात फेरे लिए और एक दूसरे के साथ जीवन भर रहने का वादा किया.इस शादी में सिर्फ परिवार के लोग और कुछ करीबी दोस्त ही शामिल हुए.राजलक्ष्मी के परिवार का ग़ाज़ीपुर में ज्वेलरी का कारोबार है.
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संजय ने अपने एक मित्र आईपीएस अफसर को बताया कि वे राजलक्ष्मी को पहले से जानते थे. दिल्ली में दोनों ने एक साथ सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी की थी, संजय तो आईएएस बन गए लेकिन राजलक्ष्मी वापस ग़ाज़ीपुर लौट गयीं. राजस्थान के रहने वाले संजय खत्री की छवि एक अच्छे अफसर की रही है. वे नए प्रयोग करने के लिए भी जाने जाते रहे हैं.